मंगलवार, 5 जून 2012

"कहो दिल से, संजय जोशी फिर से"

"कहो दिल से, संजय जोशी फिर से"

नई दिल्ली/अहमदाबाद। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से संजय जोशी के निष्कासन के लगभग 10 दिन बाद मंगलवार को दिल्ली से अहमदाबाद तक पोस्टरों का खेल चला। इन पोस्टरों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाया गया है। पोस्टरों में हालांकि मोदी का नाम नहीं लिया गया है। इस बीच संजय जोशी ने सफाई दी है कि ये पोस्टर उन्होंने नहीं लगवाए। फिलहाल यह रहस्य बना हुआ है कि आखिरकार इन पोस्टरों को लगवाया किसने।

वाजपेयी की कविता के अंश

मंगलवार को भाजपा के दिल्ली मुख्यालय, गोल डाक चौराहा, पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह और वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के आवास के बाहर संजय जोशी की तस्वीर वाले पोस्टर लगे पाए गए जिन पर लिखा था "भाजपा की यह क्या मजबूरी, नहीं चलेगी दादागीरी। एक नेता को खुश करें, दूसरे से इस्तीफा मांगें। क्या यही है भाजपा की नीति?" ऎसे ही पोस्टर गुजरात के अहमदाबाद में भी जगह-जगह लगे पाए गए। वहां के पोस्टर में अटल बिहारी की वाजपेयी की कविता का अंश लेकर लिखा गया है "छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता...टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता...कहो दिल से, संजय जोशी फिर से।"

जोशी बोले, मेरा हाथ नहीं

गौरतलब है कि पिछले महीने मुम्बई में हुई भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी तब तक नहीं पहुंचे जब तक कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने संजय जोशी से राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा नहीं ले लिया। कयास लगाया जा रहा है कि पोस्टरों का यह खेल जोशी के समर्थकों के दिमाग की उपज है, हालांकि स्वयं संजय जोशी ने कहा है कि उन्हें पता नहीं है कि ये पोस्टर किसने लगाए। एक न्यूज चैनल से बातचीत में जोशी ने कहा कि मुझे नहीं पता ऎसा काम किसके इशारे पर किया गया, इस मामले में मेरी किसी रूप में संलिप्तता नहीं है।

शरारती तत्वों को काम

उधर, भाजपा नेताओं का कहना है कि पार्टी की ओर से ऎसे पोस्टर नहीं लगाए गए। पार्टी से जुड़े कई लोगों का अनुमान है कि यह भाजपा के विरोधी किसी दल का कारनामा हो सकता है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि रंगीन पोस्टर छपवाने और उसे रातोंरात दीवारों पर लगवाने में किसने इतनी दिलचस्पी दिखाई। अब एक-एक कर ये पोस्टर हटवाए जा रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अबस नकवी ने कहा कि यह कुछ शरारती तत्वों द्वारा किया गया काम लगता है।

कांग्रेस को मिला मौका

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा कि भाजपा को देश की मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका जिम्मेदारी से निभानी चाहिए भी लेकिन उसके नेता आपस में ही लड़ रहे हैं। यह भाजपा का अंदरूनी मामला है, इस पर ज्यादा कुछ कहना ठीक नहीं होगा।

उल्लेखनीय है कि जोशी और मोदी के बीच पिछले काफी समय से प्रतिद्वंद्विता चली आ रही है। जोशी को उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाए जाने से भी मोदी नाराज थे और इसलिए वह हाल ही में सम्पन्न राज्य विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के प्रचार अभियान में शामिल नहीं हुए। मोदी और जोशी दोनों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से घनिष्ठ सम्बंध हैं।

निरूपमा के प्रेमी पत्रकार का सरेंडर, जेल भेजा

निरूपमा के प्रेमी पत्रकार का सरेंडर, जेल भेजा

कोडरमा। दिल्ली के एक अंग्रेजी अखबार की महिला पत्रकार निरूपमा पाठक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले के आरोपी तथा उसके प्रेमी पत्रकार प्रियभांशु रंजन ने मंगलवार को झारखंड के कोडरमा की एक अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया।

दिल्ली में एक समाचार एजेंसी में पत्रकार बिहार के दरभंगा निवासी प्रियभांशु ने अंतरिम जमानत और अन्य राहतों के लिए सुप्रीमकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था पर न्यायालय ने उसकी अर्जी खारिज करते हुए उसे निचली अदालत में पेश होने का आदेश दिया था। उसने सुबह साढ़े नौ बजे अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (एसीजेएम) आर के सिंह की अदालत में आत्मसमर्पण किया। सिंह ने उसकी जमानत अर्जी खारिज करते हुए 14 दिन की न्यायिक हिरासत में उसे जेल भेज दिया।

अदालत ने इस मामले में पहले भी पत्रकार के खिलाफ वारंट जारी किया था। ज्ञातव्य है कि अर्थ जगत से जुडे एक मशहूर अंग्रेजी दैनिक के दिल्ली कार्यालय में कार्यरत निरूपमा (22) का शव यहां झुमरी तिलैया के चित्रगुप्त नगर स्थित उसके पैतृक आवास में 29 अप्रेल 2010 को मिला था। परिजनों ने इसे आत्महत्या करार दिया था जबकि प्रियभांशु ने इसको सम्मान के लिए हत्या करार देते हुए मृतका के परिजनों को दोषी ठहराया था। पुलिस ने स्थानीय डाक्टरों की टीम की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज करके मृतका की मां सुधा को गिरफ्तार कर लिया था।

मार्च 2011 में कोलकाता की एक फोरेंसिक प्रयोगशाला में सुसाइड नोट पर निरूपमा के हस्ताक्षर की पुष्टि होने के बाद इस मामले को हत्या की बजाय भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) में तब्दील करके इसमें मृतका के पिता-माता और उसके इकलौते भाई तथा प्रेमी प्रियभांशु को आरोपी बनाया गया था।

मृतका के पिता धर्मेद्र पाठक, बैंक मैनेजर भाई समरेंद्र पाठक मुम्बई में आयकर विभाग में कार्यरत को इस मामले में गिरफ्तारी से सुप्रीमकोर्ट ने फिलहाल राहत दी हुई है। सुधा पाठक कई महीने जेल में रहने के बाद अब जमानत पर हैं। पोस्टमार्टम के दौरान निरूपमा के गभर्वती होने की भी पुष्टि हुई थी। दिल्ली प्रवास के दौरान निरूपमा और प्रियभांशु की दोस्ती हुई थी जो बाद में प्रेम में बदल गई।

प्रियभांशु ने आरोप लगाया था कि निरूपमा के परिजनों ने दूसरी जाति के व्यक्ति का होने के कारण विवाह के विरोध में निरूपमा की हत्या कर दी है। बाद में पुलिस ने दोनों पक्षों को निरूपमा पर मानसिक दबाव बना कर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था। उधर, मई 2010 में सुधा पाठक ने प्रियभांशु के खिलाफ उसकी बेटी से बलात्कार करने, उसे आत्महत्या के लिए उकसाने और धमकाने तथा धोखाधड़ी का एक अलग मामला दर्ज किया था। उसकी सुनवाई अलग से चल रही है।

नंगी आंखों से सूर्य देखा तो हो सकते हैं अंधे

नंगी आंखों से सूर्य देखा तो हो सकते हैं अंधे

नई दिल्ली/नैनीताल। अदभुत खगोलीय घटना "शुक्र पारगमन" के दौरान बुधवार को सूर्योदय से लेकर दस बजे तक सूर्य की ओर देखना आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। राजकीय आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान संस्थान (नैनीताल) के निदेशक डा. राम सागर ने चेतावनी देते हुए बताया कि इस नजारे को नंगी आंखों से देखना खतरनाक है।

उन्होंने बताया कि शुक्र पारगमन के दौरान शुक्र ग्रह पृथ्वी और सूर्य के मध्य से गुजरता है जिससे सूर्य पर उसकी छाया एक छोटे छब्बे के रूप में पड़ती है। इसे कैमरे में कैद करने तथा दूरबीन से देखने के लिए वैज्ञानिकों ने तैयारी कर ली है, इस नजारे को नंगी आंखों से देखना खतरनाक हो सकता है।

सूर्य के अंदर बिंदु के आकार का काला धब्बा

एक दुर्लभ खगोलीय घटना में "शुक्र पारगमन" के दौरान सूर्य पर काला धब्बा दिखाई देगा। सूर्य और पृथ्वी के बीच से शुक्र ग्रह के गुजरने के कारण यह अदभुतुत नजारा पेश होगा। छह जून को सूर्योदय होते ही सूर्य के अंदर बिंदु के आकार का काला धब्बा दिखाई देगा। सूर्योदय के समय यह लगभग गोले के ऊपर की तरफ लगभग मध्य में से गुजरता दिखाई देगा।

सुबह 5.30 से शुरू होकर सुबह 10.30 तक

यह सुबह साढे पांच से शुरू होकर सुबह साढे दस बजे तक रहेगा। इस घटना को आम आदमी सूर्योदय के करीब 15 मिनट बाद तक ही देख सकता है। शुक्र एवं बुध पृथ्वी तथा सूर्य के बीच में रहते हैं। इन्हें आंतरिक ग्रह भी कहा जाता है। जब ये ग्रह पृथ्वी तथा सूर्य के बीच एक सीध में आ जाते हैं तो यह पारगमन बनता है। बुध पारगमन एक सदी में 14 बार होता है जबकि शुक्र पारगमन इससे कम होता है। इससे पहले यह घटना आठ जून 2004 को हुई थी और अब यह 2117 में देखी जा सकेगी।

यूं देखें पर बरतें सावधानी

वैज्ञानिक ने चेतावनी दी है कि इस खगोलीय घटना को नंगी आंखों, धूप के चश्में, एक्सरे फिल्म, काले किए हुए कांच आदि से देखना पूर्णत: वर्जित है। इस दौरान नंगी आंखो से सूर्य को देखने से आंखो का रेटिना क्षतिग्रस्त होने का खतरा रहता है। इस दुर्लभ खगोलीय घटना को सोलर फिल्टर युक्त चश्में, पिन होल कैमरे, सोलर फिल्टर युक्त टेलिस्कोप एवं सूर्य की प्रच्छेपित इमेज द्वारा देखना सुरक्षित होगा।

ये तकनीक अपनाए

इस नजारे को देखने के लिए किसी ऊंची इमारत अथवा पहाड़ी पर खडे होना होगा। सूर्य की रोशनी बादलों से निकलने के बाद उसे दूरबीन की सहायता से देखा जा सकता है। सूर्योदय के समय एक छोटा शीशा लें। इसे एक खास कोण पर रखने के बाद सूर्य का प्रकाश इस शीशे पर पड़नें दें। एक कार्ड बोर्ड में छिद्र करके रख दें। रोशनी शीशे पर पड़ने के बाद इस छिद्र से निकलने वाले प्रकाश की दिशा कमरे की किसी दीवार की तरफ कर दें। इसके बाद इस नजारे की झलक देख सकते हैं।

ेकहां कितनी बजे शुक्र पारगमन

शुक्र ग्रह पारगमन छह जून को सूर्योदय के साथ बेंगलूरू में सुबह 5 बजकर 52 मिनट पर, अहमदाबाद में 5 बजकर 56 मिनट पर, उदयपुर में 5 बजकर 46 मिनट पर, दिल्ली में 5 बजकर 42 मिनट पर और उज्जैन में 5 बजकर 42 मिनट पर होगा। इसका प्रथम स्पर्श 3 बजकर दस मिनट 44 सेंकेण्ड पर, दूसरा 3 बजकर 09 मिनट 30 सेंकेण्ड पर और तीसरा स्पर्श 3 बजकर 09 मिनट 26 सेकेण्ड पर होगा।

फिर देखने को हम जिंदा ही न रहें

बुधवार को होने वाली यह खगोलीय घटना इस मायने में अनोखी है कि आज की तारीख में जीवित लोग शायद ही दोबारा सूर्य पर शुक्र का ग्रहण देखने के लिए बचे रह पाएंगे। अगली बार यह घटना 2117 में होगी। तब तक हम में से कुछ बिरले ही जीवित रहेंगे और जो बचे रहेंगे, उनकी भी आंखें शायद ही इसे देखने के योग्य रहेंगी। सूर्य पर शुक्र का ग्रहण हर बार जोड़े में यानी आठ सालों में दो बार होता है और फिर दोबारा यह 105.5 वर्ष से 121.5 वर्षो के अंतराल पर होता है।

दुल्हन को काली कहा तो दूल्हे ने दे दी जान



भागलपुर।। बिहार के भागलपुर में एक नौजवान को पड़ोसियों द्वारा अपनी पत्नी को काले रंग की कहना इतना नागवार गुजरा कि उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। युवक की शादी एक दिन पहले ही हुई थी।
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पुलिस के मुताबिक, कपिल देव मंडल के पुत्र राजेश मंडल का विवाह कटिहार जिले के बकिया दियारा गांव में हुआ था। रविवार को दोपहर के वक्त बारात दुल्हन को लेकर वापस लौटी। इसके बाद पड़ोस की महिलाएं नई नवेली दुल्हन को देखने युवक के घर पहुंचीं, तभी किसी ने उसके सामने ही कह दिया कि 'गोरे दूल्हे को काली दुल्हन मिल गई'।




यह सुनकर युवक को इतना बुरा लगा कि वह जहरीला पदार्थ खरीद लाया और उसे खा लिया। भोजन के बाद तबीयत बिगड़ते देख उसने इसकी जानकारी अपने बड़े भाई संजय को दी।




पुलिस ने बताया कि जल्दबाजी में राजेश को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) रेफर कर दिया, जहां सोमवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

दारा सिंह की पत्नी सुशीला ने जिला व सेशन कोर्ट जयपुर से केस ट्रांसफर करने की गुहार लगाई

दारा सिंह की पत्नी सुशीला ने जिला व सेशन कोर्ट जयपुर से केस ट्रांसफर करने की गुहार लगाई

जयपुर। दारा सिंह एनकाउंटर केस में दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने जिला व सेशन न्यायाधीश जयपुर जिला कोर्ट से किसी अन्य कोर्ट में केस ट्रांसफर की गुहार की है। सुशीला देवी की ओर से अदालत में पेश प्रार्थना पत्र में कहा कि कोर्ट ने राजेन्द्र राठौड़ को 31 मई के आदेश से आरोप मुक्त किया है। लेकिन यह केवल कयासों व कल्पनाओं के आधार पर ही किया है। जबकि विधि का सिद्घांत है कि आरोप तय करते समय अथवा भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 3 के तहत विश्लेषण नहीं किया जा सकता।

अनुसंधान में जो साक्ष्य आरोप पत्र के जरिए पेश किए हैं उन्हें झूठा साक्ष्य नहीं माना जा सकता बल्कि चार्ज की स्टेज पर ऐसे साक्ष्य को सत्य ही माना जा सकता है। कोर्ट ने आदेश में राजेन्द्र राठौड़ के खिलाफ धारा 161 के बयानों व चार्जशीट के साथ पेश किए गए दस्तावेजों को नजर अंदाज किया है और आदेश में जैन व राठौड़ के बीच आपराधिक षडयंत्र नहीं माना है। ऐसे में कोर्ट ने तथ्यों को छिपाकर न्याय के विपरीत आदेश दिया है और प्रार्थिया को इस कोर्ट से न्याय की उम्मीद नहीं है इसलिए केस को किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई 11 जून को होगी।

कुदरत को सहेजना आज की जरूरत : डाक्टर वीणा प्रधान

कुदरत को सहेजना आज की जरूरत : डाक्टर  वीणा प्रधान 
                           
 








विश्वपर्यावरण सप्ताह का रेली से आगाज
                                                   - सप्ताहभर होगे कई आयोजन  




पर्यावरण सुधार के प्रति हमारी अनिच्छा ने स्थितियों को विस्फोटक बना दिया है। जलवायु परिवर्तन, बढ़ता शहरीकरण व विष युक्त खेती ने इस समस्या को और भी गंभीर बना दिया है। मानव पर्यावरण में वायु, जल, भूमि, विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां एवं जीव जंतु प्रमुख घटक माने गये हैं। हमारे देश में इन सभी घटकों की हालत बिगड़ चुकी है एवं सभी में प्रदूषण का जहर फैल गया है । अध्ययनों का भी यही निष्कर्ष है कि देश में पर्यावरण की हालत काफी बिगड़ चुकी है। पर्यावरण अब स्वास्थ्यवर्धक न रहकर रोगजन्य हो गया है। वायु जीवन के लिए आवश्यक है परंतु देश के महानगरों के अलावा छोटे शहर भी वायु प्रदूषण के केन्द्र बन गये हैं। जल, पर्यावरण का दूसरा महत्वपूर्ण घटक है परंतु देश में इसकी स्थिति, मात्रा एवं गुणवत्ता दोनों स्तर पर बिगड़ी है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी विश्व जल विकास रिपोर्ट में देश को सबसे प्रदूषित पेयजल आपूर्ति वाला देश बताया गया है एवं गुणवत्ता के आधार पर यह विश्व में 120वें स्थान पर है।भूजल के उपयोग में पिछली आधी सदी में 115 गुना इजाफा हुआ है, जिसके कारण 360 जिलों में भूजल स्तर में गिरावट आई है। भूजल में प्रदूषण के कारण नाइट्रेट, फ्लोराइड एवं आर्सेनिक की मात्रा भी बढ़ी है, जिससे 2.17 लाख गांवों में पेयजल प्रदूषण से पैदा रोगों से ग्रामीण जनता प्रभावित है। " यह कहना हें बाड़मेर जिला कलेक्टर वीणा प्रधान का , जिला कलेक्टर ऩे यह बात स्थानीय बालिका उच्च माद्यमिक विधालय में सी सी डी यू , भारत स्काउट गाइड बाड़मेर इकाई और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के विश्व पर्यावरण सप्ताह के आगाज पर कही. उन्होंने कहा कि भूमि भी पर्यावरण में अहम है परंतु हमारे कृषि प्रधान देश में भूमि की हालत भी काफी बिगड़ गई है। भारतीय कृषि शोध संस्थान की एक रिपोर्ट अनुसार देश की कुल 150 करोड़ हेक्टर खेती योग्य भूमि में से लगभग 12 करोड़ की उत्पादकता काफी घट गई है एवं 84 लाख हेक्टेयर जलभराव व खारेपन की समस्या से ग्रस्त है। पिछले 20-22 वर्षों में ही देश की कुल खेती योग्य भूमि में 28 लाख हेक्टेयर की कमी आई है जिसके कई कारण हैं। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट 'स्टेट ऑफ एनवायरमेंट' में भी यही बताया गया है कि देश की 15 करोड़ हेक्टर भूमि में से लगभग 45 प्रतिशत भूमि अम्लीयता, जलभराव, खारेपन एवं प्रदूषण के कारण बेकार हो गई है। कृषि भूमि के क्षेत्र का घटना एवं उत्पादकता कम होना भविष्य में खाद्यान्न उत्पादन के लिए खतरनाक है।
सी सी डी यू के आई ई सी कंसलटेंट अशोक सिंह ऩे बताया कि स्थानीय बालिका उच्च माद्यमिक विधालय में सी सी डी यू , भारत स्काउट गाइड बाड़मेर इकाई और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग कि तरफ से विश्व पर्यावरण सप्ताह कि शुरुवात चेतना रेली से हुई . इस रेली को बाड़मेर जिला कलेक्टर ऩे हरी झंडी दिखा कर रवाना किया . रेली ऩे जहा शहर के कई इलाको में घूम कर लोगो को पर्यावरण बचाने का सन्देश दिया वही दूसरी तरफ रास्ते में चलते हुए पोलेथिन का उपयोग करने वालो को इससे दूर रहने कि सपथ दिलाई . इससे पूर्व स्थानीय बालिका उच्च माद्यमिक विधालय बच्चों को सम्बोधित करते हुई स्काउट सीओ मनमोहन सिंह ऩे कहा कि विभिन्न प्रकार की वनस्पतियां एवं जंतु जैव विविधता स्थापित करते हैं एवं हमारा देश दुनिया के उन 12 देशों में प्रमुख है, जो जैवविविधता के धनी हैं। पश्चिमी घाट एवं हिमालयीन क्षेत्र के साथ- साथ सुंदरबन एवं मन्नार खाड़ी अपनी अपनी जैव- विविधता के कारण दुनिया भर में मशहूर है। थलीय क्षेत्र में 80 प्रतिशत जैवविविधता वनों में पायी जाती है परंतु वनों का क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है। देश के 33 प्रतिशत भूभाग पर वन होना चाहिए परंतु हैं केवल 25 प्रतिशत भाग पर ही। इस 21 प्रतिशत में से केवल 02 प्रतिशत ही सघन वन हैं, 10 प्रतिशत मध्यम स्तर के एवं 09 प्रतिशत छितरे वन हैं। देश में प्रति व्यक्ति वन का क्षेत्र 0.11 हेक्टेयर है जबकि विश्व अनुपात अनुसार यह 0.80 हेक्टेयर होना चाहिये। सी सी डी यू के डाक्टर शंकर लाल नामा ऩे इस मोके पर कहा कि देश के लगभग 20 प्रतिशत जंगली पौधे व जीव विलुप्ति की ओर अग्रसर हैं। 6 लाख से यादा गांवों में लगभग 50-60 वर्ष पूर्व 20 करोड़ के लगभग गाय, बैल थे, परंतु अब इनकी संख्या भी काफी घट गई है। देश के कत्ल कारखानों में हजारों पशु एवं पक्षियों को काटकर उनका मांस निर्यात किया जा रहा है। देश में जब कानून व्यवस्था बिगड़ने लगती है एवं जनता की शांति भंग होने का खतरा पैदा हो जाता है तब आपातकाल लगाया जाता है। ठीक इसी प्रकार देश के पर्यावरण की हालत भी काफी बिगड़ गई है एवं जनता के लिए वह रोगजन्य होता जा रहा है।इस मोके पर स्काउट बाड़मेर इकाई के सचिव मुकेश व्यास ,मनमोहन लाल शर्मा , मुख्त्यार खिलजी , हनुमान राम ,वंदना गुप्ता , लक्ष्मी हरिलता जोशी ,सी पी गुप्ता ,मदन लाल , गोपाल गर्ग , मुलिस्टर और जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियो ऩे भी बच्चों को संबोधित किया .

बाड़मेर सरहद से अपराध समाचार ...आज की खबर

आबकारी अधिनियम के तहत पुलिस की कार्यवाही,


पुलिस थाना कोतवाली में शराब सहित एक गिरफ्तार गिरफ्तार  

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट, के निर्देशानुसार जिले में अवेध शराब की रोकथाम बाबत चलाये जा रहे अभियान के तहत श्री मूलाराम स.उ.नि. मय पुलिस पार्टी थाना कोतवाली द्वारा मुखबीर की ईत्तला पर ट्रक युनियन के पास मुलजिम कुन्दनमल जैन निवासी रणधा हाल शास्त्रीनगर बाड़मेर के कब्जा से अवेध व बिना लाईसेन्स के 15 पव्वे अंग्रेजी
शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली बाड़मेर पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करने में सफलता हासिल की।


उत्पात मचाकर शांन्ति भंग करने पर दो गिरफ्तार


बाड़मेर पुलिस थाना गिड़ा के हल्खा क्षेत्र सवाउ पदमसिंह में सोनाराम पुत्र हेमाराम व सुजाराम पुत्र गुमानाराम प्रजापत निवासी सवाउ पदमसिंह द्वारा उत्पात मचाकर शांन्ति भंग करने पर श्री मगाराम हैड कानि. द्वारा गेरसायलान को धारा 151सीआरपीसी के तहत गिरफ्तार किया गया।


पिछले 24 घण्टो में दर्ज प्रकरण

1. प्रार्थी श्री रमेश पुत्र आम्बाराम जाट नि. भाण्डखा ने मुलजिम अज्ञात वाहन के चालक के विरूद्व
मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा वाहन को तेजगति व लापरवाही से चलाकर दलानाडा
फांटा के पास मुस्तगीस के भाई खेराजराम के टक्कर मारना जिससे उसकी मृत्यु होना वगेरा पर
अज्ञात वाहन मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम
अनुसंधान किया जा रहा है।
2. प्रार्थीया श्रीमति समदा पत्नि जगमाल भील नि. लोहारवा ने मुलजिम खेताराम पुत्र इन्द्राराम भील
निवासी लोहारवा वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीसा का रास्ता
रोककर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना धोरीमना पर मुकदमा दर्ज
किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
3. प्रार्थी श्री लेखपाल पुत्र महीपाल भील नि. महावीर नगर बाड़मेर ने मुलजिम जानू पुत्र नेमीचन्द
मेगवाल वगेरा 810 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा एक राय होकर रात्रि
में घर में प्रवेश कर मारपीट कर तोड़फोड़ करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना
कोतवाली बाड़मेर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।


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VICE ADMIRAL DK JOSHI WILL BE THE NEXT NAVY CHIEF


VICE ADMIRAL DK JOSHI WILL BE THE NEXT NAVY CHIEF
 Jyaistha 15, 1934
Tuesday, June 05, 2012
The Government has appointed Vice Admiral DK Joshi, presently Flag Officer Commanding-in-Chief (FOC-in-C) Western Naval Command, as the next Chief of the Naval Staff with effect from afternoon of August 31, 2012. The present Chief of the Naval Staff, Admiral NK Verma retires from service on August 31, 2012.
Born on July 04, 1954 Vice Admiral Joshi was commissioned on April 01, 1974 in the Executive Branch of the Indian Navy.
During his long and distinguished Service spanning nearly 38 years, he has served in a variety of Command, Staff and Instructional appointments. Vice Admiral Joshi's Sea Command includes Guided Missile Corvette Kuthar, Guided Missile destroyer Ranvir and the Aircraft Carrier Viraat. Before taking over as FOC-in-C Western Naval Command, he has served as the Deputy Chief of Naval Staff, Commander- in-Chief of A&N Command (CINCAN) and the Chief of Integrated Defence Staff to Chairman, Chiefs of Staff Committee (CISC).
Vice Admiral Joshi is a distinguished graduate of the Naval War College, USA, an alumnus of the College of Naval Warfare, Mumbai and the prestigious National Defence College, New Delhi. He was Defence Advisor in the Indian High Commission at Singapore from 1996 to 1999.
            Vice Admiral Joshi has been decorated with Param Vishist Seva Medal (PVSM), Ati Vishist Seva Medal (AVSM), Yudh Seva Medal (YSM), Nau Sena Medal (NM) and Vishist Seva Medal (VSM). He is one of the Honorary ADCs of the Supreme Commander.
            He is married to Mrs. Chitra Joshi and the couple have two daughters.

महानिरीक्षक पुलिस, जोधपुर रेंज ने बाड़मेर जिले की क़ानून व्यवस्था की जानकारी ली


महानिरीक्षक पुलिस, जोधपुर रेंज ने बाड़मेर जिले की क़ानून व्यवस्था की जानकारी ली 

बाड़मेर डी.सी. जैन, जोधपुरने बाड़मेर जिले के क्षेत्रो का दौरा कर क़ानून और व्यवस्थाओ का जायजा लिया पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की महानिरीक्षक पुलिस, जोधपुर रेंज ने जिले का भम्रण किया गया भम्रण के दौरान सर्वप्रथम पुलिस थाना शिव में सीएलजी सदस्यों की
मीटिंग ली जाकर समस्याओ और सुझावों पर विचार विमर्श किया गया। तत्पश्चात जिला मुख्यालय पर समस्त पुलिस अधिकारियों की अपराध गोष्ठी ली गई जिसमें अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, वृताधिकारी बालोतरा, चौहटन एवं एससी/एसटी सैल के अलावा समस्त थानाधिकारीगण ने भाग लिया। मीटिंग में तीनों वृत में घटित अपराधों की जानकारी ली गई। एवं जिले की अपराध की स्थिती तथा कानून व्यवस्था की
समीक्षात्मक स्थिती की जानकारी ली गई। निर्देश प्रदान किये कि अपराध अन्वेषण की गुणवता पर जोर देते हुए निष्पक्षता के आधार प्रकरणों का निस्तारण किया जावें ताकि आम जनता को न्याय मिल सके। थाना स्तर पर पदस्थापित पुलिस मुलाजमानों को
सही मार्गदशर्न देकर जनकल्याण के कार्यों हेतु प्रोत्साहित करें ताकि जनता में पुलिस की छवि अच्छी बनी रहे। माफिया लोगों पर कड़ी निगरानी रखते हुए उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्यवाही की जावें ताकि इन पर अंकुश लगा रहे। सीमावृति थानों का निर्देश दिये गये की अन्य सुरक्षा ऐजेंसियों से समन्वय एवं संवाद बनाये रखकर अवांछित गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जावें।

मप्र. के स्वप्निल को टि्वटर में मिली नौकरी

मप्र. के स्वप्निल को टि्वटर में मिली नौकरी

विदिशा (मध्यप्रदेश)। आईआईटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस ग्रेजुएट स्वप्निल जैन के लिए यह सपना सच होने जैसा है। मध्यप्रदेश के विदिशा के रहने वाले स्वप्निल को माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट टि्वटर ने 80 लाख रूपए सालाना का पैकेज ऑफर किया है।

स्वप्निल अपनी नई जॉब के लिए अक्टूबर में कैलिफोर्निया जाएंगे। स्वप्निल के अनुसार, आईआईटी प्लेसमेंट के दौरान टि्वटर ने मुझे साफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी की पेशकश की। टि्वटर और फेसबुक जैसी कंपनियों में काम करना मेरा सपना था। मैंने बहुत मेहनत की है जो रंग लाई है। मैं अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं।

स्वप्निल ने कहा पिछले दो सालों में यह पहली बार है जब टि्वटर ने भारत से किसी को नौकरी पर रखा है। स्वप्निल अपनी इस उपलब्घि के लिए अपने परिवार के प्रति आभार प्रकट करते हैं। स्वप्निल के दादा विदिशा में वकील हैं और पिता जौहरी हैं।

बाड़मेर न्यूज़ ट्रेक न्यूज़ ब्लॉग ने एक वर्ष में तीन लाख पेज प्रिव्यू के जादुई आँकड़े को छुआ


बाड़मेर न्यूज़ ट्रेक न्यूज़ ब्लॉग ने एक वर्ष में तीन  लाख पेज प्रिव्यू के जादुई आँकड़े को छुआ



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आज अत्यंत हर्ष का विषय है कि इस ब्लॉग ने तीन लाख पेज प्रिव्यू के आँकड़े को पार किया है। हमने यह प्रयास गत वर्ष जून  माह में उस समय प्रारंभ किया था जब हमने ये पाया कि पश्चिमी  राजस्थान के बारे में इंटरनेट पर हिंदी में समाचार सामग्री का अभाव है। धीरे धीरे हम प्रयास करते गए और एक वर्ष में लगभग सात हज़ार  पोस्ट आपके लिए लिखे जिसमें राजस्थान की कला व संस्कृति के अतिरिक्त राजस्थान सामान्य ज्ञान, राजस्थान समसामयिक घटना चक्र, राजस्थान की कल्याणकारी योजनाएँ तथा क्विज पर पोस्ट प्रकाशित किए गए। तीन लाख की पेज प्रिव्यू के जादुई आँकड़े को पार करने में आप सभी पाठकों का स्नेह परिलक्षित हो रहा है। आपका हार्दिक धन्यवाद कि आपको हमारा यह प्रयास पसंद आया। इस ब्लॉग का मकसद राजस्थान तथा देश विदेशो में रह रहे राजस्थान्वासियो तथा के हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों को उत्कृष्ट सामग्री निःशुल्क उपलब्ध कराना ही रहा है। आप जैसे सुधी पाठकों के पसंद करने से ही हमारा उत्साह बढ़ा है। एक वर्ष के इस सफर में इस न्यूज़ ब्लॉग  ने इस नए मुकाम को छुआ। करने को अभी बहुत कुछ बाकी है किंतु संसाधनों और समय के अभाव में उस गति से नहीं कर पा रहें हैं जिसकी हमें आशा है। फिर भी प्रयास जारी है। आशा है आपका स्नेह और संबल निरंतर बना रहेगा। आप अपने सुझावों से हमें अवश्य अवगत कराएँ।इस ब्लॉग के पाठको की संख्या के साथ फोलोवर संख्या भी एक सौ के पर हो कर सौ के क्लब में शामिल होना एक बड़ी सफलता हें बाड़मेर जैसलमेर जैसे सरहदी जिलो के साथ साथ जोधपुर पाली जालोर तथा सिरोही के समाचारों को पाठको तक पहुँचाने का प्रयास किया .कई बार स्कैंडल से जुडी खबरे मज्बूरिवास देनी होती हें ऐसी खबरों का भी विशेष पाठक वर्ग हें ,बहरहाल बाड़मेर न्यूज़ ट्रेक को वेबसाइट  में बदलने का कम शुरू कर दिया हें एक न्यूज़ पोर्टल के रूप में बाड़मेर न्यूज़ ट्रेक जल्द आपके सामने होगा पुनः सभी पाठको का धन्यवाद 

मुख्यमंत्री ने दिए जैसलमेर कच्ची बस्तियों के गौरख धंधो की जांच के आदेश




मुख्यमंत्री ने दिए जैसलमेर कच्ची बस्तियों के गौरख धंधो की जांच के आदेश








बाड़मेर न्यूज़ ट्रेक की खबर पर मुख्यमंत्री की कार्यवाही






जैसलमेर कच्ची बस्तियों के गौरख धंधे .एक बेचा दुसरे पर कब्जा पैसा कमाने का साधन बनी कच्ची बस्तियों की जमीनों पर कब्जे


जैसलमेर सीमावर्ती जैसलमेर जिला मुख्यालय पर बसी कच्ची बस्तियों में चल रहे गौरख धंधो तथा अनियमित्ताओ की जांच के आदेश मुख्यमंत्री कार्यालय ने बाड़मेर न्यूज़ ट्रेक की खबर पर दिए .मुख्यमंत्री कार्यालय के उप सचिव विशेष शाखा ने इस पुरे प्रकरण की जांच के लिए स्वायत शासन विभाग के सचिव को आदेश दिए हें .मुख्यंत्री ने पुरे प्रकरण की नियमानुसार जांच के आदेश दिए हें जैसलमेर जिला मुख्यालय पर बसी कच्ची बस्तियों में भू माफिया जैसे लोगो ने पैसा कमाने का जरिया बना रखा हें .जैसलमेर जिला मुख्यालय पर इस वक़्त आधा दर्जन से अधिक कच्ची बस्तिया बसी हें इन बस्तियों में उन लोगो के कब्जे हें जिनके पास साड़ी सुख सुविधाए मौजूद हें कई भूमाफिया किस्म के लोगो ने कच्ची बस्तियों में कब्जे कर उन्हें अछे मुनाफे में बेचने का गौरख धंधा बना रखा हे गफ्फूर भत्ता ऐसे लोगो के हाथ में हें राजनीती दबाव और नगर पालिका की लापरवाही के चलते धना्य वर्ग के लोगो ने भी इन बस्तियों में कब्जे कर रखे हें इन बस्तियों में प्लाट आवंटन को लेकर पालिका के पास कभी ठोस निति रही नहीं जो आया उसे कब्ज़ा दे दिया ऐसे कई लोग हें जिनके पास आठ आठ दस दस प्लोटो पर कब्जे भाई भतीजो और रिश्तेदारों के नाम कर रखे हें .इन लोगो ने फर्जी कब्जे दरसा पालिका को गुमराह कर रखा हें यह लोग आगे से आगे प्लाट बेचा कर नई जगह पर कब्जे कर लेते हे आज भी सेकड़ो की तादाद में सरकारी कराम्चारियो ने भी कच्ची बस्तियों में कब्जे कर शानदार बंगले बना रखे हें जबकि इन बस्तियों में अत्यंत गरीब परिवारों को ही कब्जा या आवंटन का प्रावधान हें आखिर नगर पालिका इसे अनदेखा क्यों कर रही हें .शायद पालिका कराम्चारियो के खुद के बड़ी तादाद में इन बस्तियों में कब्जे हें जिला कलेक्टर जैसलमेर को चाहिए की भूमाफिया किस्म के लोगो के इस गौरख धंधे पर अंकुश लगाए ताकि वास्तविक गरीब को इसका लाभ मिले .






सरकार ने दिए एक लाख हज़ार बंगला बना बीस लाख का


- किस श्रेणी के हें यह गरीब जैसलमेर सीमावर्ती जैसलमेर जिला मुख्यालय पर नगर पालिका सरकारी योजनाओ का गला केसे घोंटती हें यह आसानी से देखा जा सकता हें ,जैसलमेर में कच्ची बस्तियों में आम गरीबो को आवास बनाने के लिए राजिव गांधी आवास योजना के तहत आवंटियों को एक लाख बीस हज़ार रुपये दो किस्तों में जारी कर नगर पालिका द्वारा निर्धारित नक्सनुसार आवास बनाने के आदेश दिए गए थे .जैसलमेर की कच्ची बस्तियों में सेकड़ो की तादाद में इस योजना में स्वीकृतिया जारी की गयी जिसका जम कर दुरूपयोग हो रहा हें चूँकि आवंटियों द्वारा अपना आवंटन गिर्विनामे के जरिये भूमाफियो तथा प्रभावशाली लोगो को बेचे जा चुके हें ऐसे मई सरकारी अनुदान राशि का जमकर दुरूपयोग हो रहा हें प्रभावशाली लोगो द्वारा पालिका की राशि उठाकर बीस बीस लाख के बंगले खड़े कर दिया .नगर पालिका के निर्धारित नक्से को धत्ता बता कर अपनी मन मर्जी से मकानों का निर्माण किया जा रहा हें सूत्रों ने बताया की पालिका के कर्मचारी अपनी सुविधा शुल्क लेकर किस्ते आवंटित कर देते हें कभी मौके पर जाकर निर्माण देखते ही नहीं की सरकारी नियमानुसार उसका निर्माण हो रहा हें या नहीं .राज्य सरकार ने गरीब कच्ची बस्तीवासियो के लिए बेहतरीन योजना बनाई जिसमे ऐ कमरा ,रसोई ,शुचालय के निर्माण का नक्शा हें मगर गफ्फूर भत्ते पर बन रहे सेकड़ो मकानों का निर्माण सरकारी नक्से की अनदेखी कर बनाये जा रहे हें आखीर जिला प्रशासन मौन क्यों हें ,सरकारी योजना का बुरा हस्र हो रहा हें पालिका कर्मी चंडी काट रहें हें .मुख्यमंत्रीजी को चाहिए पुरे गौरख धंधे की निष्पक्षता से जांच कराए जाए ,मजे की बात हें की कच्ची बस्तियों में आधे से ज्यादा सरकारी कारिंदे निवास कर रहे हें ,मामले की पूरी जांच आयुक्त जैसलमेर ,कलेक्टर जैसलमेर को कर पर्दाफास करना चाहिए

उद्योग मंत्री पारीक का तबादला!

उद्योग मंत्री पारीक का तबादला!

सीकर।आयुर्वेद विभाग ने उद्योग मंत्री राजेन्द्र पारीक को आयुर्वेद चिकित्सक मानते हुए उनका तबादला जिले के गांव अभयपुरा नांगल से सामी कर दिया है। विभाग की ओर से यह गलती मंत्री की ओर से अभयपुरा में पदस्थापित आयुर्वेद चिकित्सक के तबादले के लिए लिखी गई डिजायर से हुई है। सूची जारी होने के पांच दिन बाद भी इस गलती को ठीक नहीं किया है।

तबादले के लिए प्रयास करने वाला आयुर्वेद चिकित्सक अब इस गलती को ठीक कराने के लिए चक्कर लगा रहा है। तबादला सूची में राजेन्द्र पारीक का नाम 327 वें स्थान पर है। इधर, जिला आयुर्वेद अधिकारी मोहन कुमावत का कहना है कि आयुर्वेद चिकित्सक का नाम गलती से राजेन्द्र पारीक आने की जानकारी मिली है। इसे ठीक कराया जा रहा है।

कोटा में अंधड़ से दीवार ढही, छह की मौत

कोटा में अंधड़ से दीवार ढही, छह की मौत

कोटा। शहर के कैथून रोड पर थेगड़ा के निकट निर्माणाधीन एक इमारत परिसर में सोमवार मध्यरात्रि को आए तेज अंधड़ के दौरान दीवार ढह जाने से छह मजदूरों की मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे में करीब एक दर्जन श्रमिक व उनके परिवारों के लोग घायल हुए हैं, जिन्हें एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में चार महिलाएं, एक बालिका और एक पुरूष शामिल है। इनमें एक मां-बेटी भी है।

पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि थेगड़ा क्षेत्र में कैरियर प्वाइंट समूह की निर्माणाधीन बिल्डिंग की बाउंड्रीवॉल गिरने से यह हादसा हुआ। करीब आठ फीट ऊंची इसी बाउंड्रीवॉल के सहारे इन मजदूरों की अस्थायी टापरियां बनी हुई थी। रात को अचानक अंधड़ के दौरान भरभराकर यह दीवार ढही और इससे सटी टापरियों में रह रहे मजदूर दब गए।

सामने की दूसरी टापरियों में मौजूद मजदूर दौड़े और दबे हुए लोगों को बाहर निकाला। हादसे के शिकार हुए श्रमिकों में से दो की तो मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार ने रास्ते में दम तोड़ा। पुलिस ने बताया कि मृतकों में बारां जिले की कमरी बाई पत्नी चुन्नीलाल खेरवा, सालरिया निवासी आशा मेहरा, उन्हेल-नागेश्वर निवासी कैलाश बाई पत्नी ढोला मेघवाल व उसकी पांच वर्षीय बेटी विष्णु, लीला भील, रात्या डूंगरी निवासी कन्हैयालाल मेहर शामिल हैं। मृतक व घायल मजदूर मप्र के झाबुआ, रतलाम व राजस्थान के झालावाड़ व बारां जिलों के रहने वाले हैं।

"यहां रहे तो ये भी मर जाएंगे"
घटना के बाद जैसे ही घायलों को एमबीएस अस्पताल पहुंचाया गया तो वहां की व्यवस्थाएं जवाब दे गई। अस्पताल में रात 11 बजे से ही बिजली गुल थी। अंधेरे के कारण न तो रोगियों का ठीक से उपचार हो पा रहा था और न ही उनका दर्द कोई सुन पा रहा था।

मजदूर तबके के लोग चीख तो रहे थे, लेकिन उनकी आवाज को वहां मौजूद नर्सिगकर्मी सुनकर भी अनसुना कर रहे थे। देर रात ज्यादातर लोग यहां से घायलों को निजी अस्पतालों में ले जाने की तैयारी में थे। तीमारदारों का कहना था कि "इन्हें यहां रखा तो ये भी मर जाएंगे।" करीब चार घंटे बीत जाने के बावजूद अस्पताल में बिजली आपूर्ति बहाल करने को लेकर कोई प्रक्रिया नहीं चल रही थी।

पहुंचा अमला
सूचना पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी और रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंच राहत कार्य शुरू करवाया। निर्माणाधीन इमारत में करीब साढे तीन सौ मजदूर कार्यरत थे। हादसे के बाद अन्य मजदूर परिवारों को थेगड़ा के सरकारी स्कूल में शिफ्ट करने का प्रयास किय गया, लेकिन उन्होंने वहां से जाने से मना कर दिया। देर रात तक एसपी प्रफुल्ल कुमार व एसडीएम मानसिंह, पुलिस उपाधीक्षक पारस जैन आदि मौके पर मौजूद थे। उधर, अस्पताल में एएसपी ललित माहेश्वरी, वृत्ताधिकारी सीताराम माहिच पूरे जाब्ते के साथ तैनात थे। कानून व्यवस्था के मद्देनजर अस्पताल में सशस्त्र पुलिस बल तैनात कर दिया गया। कैरियर पाइंट के निदेशक ओम माहेश्वरी ने बताया कि उनकी निर्माणाधीन बिल्डिंग की दीवार गिरने से हताहत हुए मजदूर ठेकेदार फर्म के हैं।

खाना खाया ही था
अस्पताल में घायलों के साथ मौजूद दूसरे मजदूरों ने बताया कि रात 10 बजे तक तो साइट पर काम चल रहा था। इसके बाद ये सभी लोग टापरियों में गए और खाना बनाया। खाना खाए हुए कुछ ही देर हुई थी कि अंधड़ शुरू हो गया और दीवार गिर गई।

पेड़ उखड़े, कई क्षेत्र अंधेरे में
कोटा. तेज आंधी से कई होर्डिग व पेड़ विद्युत लाइनों पर गिर गए। इससे शहर के कई क्षेत्र अंधेरे में डूब गए। नयापुरा में 33 केवी लाइन में फाल्ट आने से नयापुरा, एमबीएस अस्पताल, खेड़ली फाटक, पुलिस लाइन, बजरंग नगर, बोरखेड़ा आदि क्षेत्रों की बिजली गुल हो गई। इनमें नयापुरा व एमबीएस अस्पताल की बिजली आधे घंटे बाद बहाल कर दी गई। छावनी, बजरंगनगर व डीसीएम क्षेत्र में तार टूटने से बिजली बंद रही। कंसुआ में मुक्तिधाम के पास विद्युत लाइन पर पीपल का पेड़ गिर गया।

फरार प्रेमी युगल को लेकर थाने पहुंची पुलिस




फरार प्रेमी युगल को लेकर थाने पहुंची पुलिस




दो पक्षों के लोग थाने के बाहर जुटे, पुलिस के आला अफसरों ने की समझाइश

शिवगंज

ग्राम खेजडिय़ा से करीब सवा माह पूर्व फरार हुए प्रेमी युगल की बरामदगी की सूचना मिलते ही सोमवार को दोनों पक्षों के लोग पुलिस थाने पहुंच गए। इससे माहौल गर्मा गया। थाने के बाहर नागरिकों की बढ़ती भीड़ की सूचना पर एसडीएम शिवचरण मीणा व उप अधीक्षक सीताराम मीणा भी तत्काल थाने पहुंचे एवं दोनों पक्षों से समझाइश की।

पुलिस के अनुसार खेजडिय़ा निवासी रतनलाल पुत्र भगाराम मेघवाल एवं गांव की एक युवती गत २४ अप्रैल को शादी की नीयत से फरार हो गए थे। इस युगल ने ७ मई को जोधपुर जाकर आर्य समाज में हिंदू रीति-रिवाज से विवाह कर लिया। थाने में युवती के पिता ने बेटी की गुमशुदगी की रिपोर्ट दी। पुलिस को जांच में दोनों के जोधपुर में होने की सूचना मिली। दोनों को विश्वास में लेकर पुलिस ने उन्हें सुबह करीब नौ बजे शिवगंज बुला दिया। रोडवेज बस से दोनों के बस स्टैंड पर पहुंचते ही पुलिस इन दोनों को थाने ले गई। इसकी सूचना मिलते ही लड़के व लड़की के परिजनों सहित समाज के अन्य लोग भी थाने के बाहर एकत्रित हो गए।

शाम करीब पांच बजे तक थाने के बाहर काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। माहौल को गर्माता देखकर पुलिस ने अपने आला अफसरों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी इत्तिला दी। इस पर सिरोही के उप अधीक्षक सीताराम मीणा, शिवगंज उपखंड अधिकारी शिवचरण मीणा व तहसीलदार नंदकिशोर भी थाने पहुंच गए। उन्होंने दोनों पक्षों के लोगों से संपर्क से समझाइश करने का प्रयास किया। लड़की के परिजनों का कहना था कि इसे बहला-फुसला कर ले जाया गया है, इसलिए लड़की को सुपुर्द किया जाए। उधर, लड़के के परिजनों का कहना था कि लड़की बालिग है और उसकी सहमति से आर्य समाज में रतनलाल के साथ विवाह भी किया है। इसलिए दोनों को साथ भेजा जाए। पुलिस ने परिजनों से समझाइश की। देर शाम तक परिजन थाने के बाहर जमा रहे।