दारा सिंह की पत्नी सुशीला ने जिला व सेशन कोर्ट जयपुर से केस ट्रांसफर करने की गुहार लगाई
जयपुर। दारा सिंह एनकाउंटर केस में दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने जिला व सेशन न्यायाधीश जयपुर जिला कोर्ट से किसी अन्य कोर्ट में केस ट्रांसफर की गुहार की है। सुशीला देवी की ओर से अदालत में पेश प्रार्थना पत्र में कहा कि कोर्ट ने राजेन्द्र राठौड़ को 31 मई के आदेश से आरोप मुक्त किया है। लेकिन यह केवल कयासों व कल्पनाओं के आधार पर ही किया है। जबकि विधि का सिद्घांत है कि आरोप तय करते समय अथवा भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 3 के तहत विश्लेषण नहीं किया जा सकता।
अनुसंधान में जो साक्ष्य आरोप पत्र के जरिए पेश किए हैं उन्हें झूठा साक्ष्य नहीं माना जा सकता बल्कि चार्ज की स्टेज पर ऐसे साक्ष्य को सत्य ही माना जा सकता है। कोर्ट ने आदेश में राजेन्द्र राठौड़ के खिलाफ धारा 161 के बयानों व चार्जशीट के साथ पेश किए गए दस्तावेजों को नजर अंदाज किया है और आदेश में जैन व राठौड़ के बीच आपराधिक षडयंत्र नहीं माना है। ऐसे में कोर्ट ने तथ्यों को छिपाकर न्याय के विपरीत आदेश दिया है और प्रार्थिया को इस कोर्ट से न्याय की उम्मीद नहीं है इसलिए केस को किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई 11 जून को होगी।
जयपुर। दारा सिंह एनकाउंटर केस में दारा सिंह की पत्नी सुशीला देवी ने जिला व सेशन न्यायाधीश जयपुर जिला कोर्ट से किसी अन्य कोर्ट में केस ट्रांसफर की गुहार की है। सुशीला देवी की ओर से अदालत में पेश प्रार्थना पत्र में कहा कि कोर्ट ने राजेन्द्र राठौड़ को 31 मई के आदेश से आरोप मुक्त किया है। लेकिन यह केवल कयासों व कल्पनाओं के आधार पर ही किया है। जबकि विधि का सिद्घांत है कि आरोप तय करते समय अथवा भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 3 के तहत विश्लेषण नहीं किया जा सकता।
अनुसंधान में जो साक्ष्य आरोप पत्र के जरिए पेश किए हैं उन्हें झूठा साक्ष्य नहीं माना जा सकता बल्कि चार्ज की स्टेज पर ऐसे साक्ष्य को सत्य ही माना जा सकता है। कोर्ट ने आदेश में राजेन्द्र राठौड़ के खिलाफ धारा 161 के बयानों व चार्जशीट के साथ पेश किए गए दस्तावेजों को नजर अंदाज किया है और आदेश में जैन व राठौड़ के बीच आपराधिक षडयंत्र नहीं माना है। ऐसे में कोर्ट ने तथ्यों को छिपाकर न्याय के विपरीत आदेश दिया है और प्रार्थिया को इस कोर्ट से न्याय की उम्मीद नहीं है इसलिए केस को किसी अन्य कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई 11 जून को होगी।
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