मुख्यमंत्री ने दिए जैसलमेर कच्ची बस्तियों के गौरख धंधो की जांच के आदेश
बाड़मेर न्यूज़ ट्रेक की खबर पर मुख्यमंत्री की कार्यवाही
जैसलमेर कच्ची बस्तियों के गौरख धंधे .एक बेचा दुसरे पर कब्जा पैसा कमाने का साधन बनी कच्ची बस्तियों की जमीनों पर कब्जे
जैसलमेर सीमावर्ती जैसलमेर जिला मुख्यालय पर बसी कच्ची बस्तियों में चल रहे गौरख धंधो तथा अनियमित्ताओ की जांच के आदेश मुख्यमंत्री कार्यालय ने बाड़मेर न्यूज़ ट्रेक की खबर पर दिए .मुख्यमंत्री कार्यालय के उप सचिव विशेष शाखा ने इस पुरे प्रकरण की जांच के लिए स्वायत शासन विभाग के सचिव को आदेश दिए हें .मुख्यंत्री ने पुरे प्रकरण की नियमानुसार जांच के आदेश दिए हें जैसलमेर जिला मुख्यालय पर बसी कच्ची बस्तियों में भू माफिया जैसे लोगो ने पैसा कमाने का जरिया बना रखा हें .जैसलमेर जिला मुख्यालय पर इस वक़्त आधा दर्जन से अधिक कच्ची बस्तिया बसी हें इन बस्तियों में उन लोगो के कब्जे हें जिनके पास साड़ी सुख सुविधाए मौजूद हें कई भूमाफिया किस्म के लोगो ने कच्ची बस्तियों में कब्जे कर उन्हें अछे मुनाफे में बेचने का गौरख धंधा बना रखा हे गफ्फूर भत्ता ऐसे लोगो के हाथ में हें राजनीती दबाव और नगर पालिका की लापरवाही के चलते धना्य वर्ग के लोगो ने भी इन बस्तियों में कब्जे कर रखे हें इन बस्तियों में प्लाट आवंटन को लेकर पालिका के पास कभी ठोस निति रही नहीं जो आया उसे कब्ज़ा दे दिया ऐसे कई लोग हें जिनके पास आठ आठ दस दस प्लोटो पर कब्जे भाई भतीजो और रिश्तेदारों के नाम कर रखे हें .इन लोगो ने फर्जी कब्जे दरसा पालिका को गुमराह कर रखा हें यह लोग आगे से आगे प्लाट बेचा कर नई जगह पर कब्जे कर लेते हे आज भी सेकड़ो की तादाद में सरकारी कराम्चारियो ने भी कच्ची बस्तियों में कब्जे कर शानदार बंगले बना रखे हें जबकि इन बस्तियों में अत्यंत गरीब परिवारों को ही कब्जा या आवंटन का प्रावधान हें आखिर नगर पालिका इसे अनदेखा क्यों कर रही हें .शायद पालिका कराम्चारियो के खुद के बड़ी तादाद में इन बस्तियों में कब्जे हें जिला कलेक्टर जैसलमेर को चाहिए की भूमाफिया किस्म के लोगो के इस गौरख धंधे पर अंकुश लगाए ताकि वास्तविक गरीब को इसका लाभ मिले .
सरकार ने दिए एक लाख हज़ार बंगला बना बीस लाख का
- किस श्रेणी के हें यह गरीब जैसलमेर सीमावर्ती जैसलमेर जिला मुख्यालय पर नगर पालिका सरकारी योजनाओ का गला केसे घोंटती हें यह आसानी से देखा जा सकता हें ,जैसलमेर में कच्ची बस्तियों में आम गरीबो को आवास बनाने के लिए राजिव गांधी आवास योजना के तहत आवंटियों को एक लाख बीस हज़ार रुपये दो किस्तों में जारी कर नगर पालिका द्वारा निर्धारित नक्सनुसार आवास बनाने के आदेश दिए गए थे .जैसलमेर की कच्ची बस्तियों में सेकड़ो की तादाद में इस योजना में स्वीकृतिया जारी की गयी जिसका जम कर दुरूपयोग हो रहा हें चूँकि आवंटियों द्वारा अपना आवंटन गिर्विनामे के जरिये भूमाफियो तथा प्रभावशाली लोगो को बेचे जा चुके हें ऐसे मई सरकारी अनुदान राशि का जमकर दुरूपयोग हो रहा हें प्रभावशाली लोगो द्वारा पालिका की राशि उठाकर बीस बीस लाख के बंगले खड़े कर दिया .नगर पालिका के निर्धारित नक्से को धत्ता बता कर अपनी मन मर्जी से मकानों का निर्माण किया जा रहा हें सूत्रों ने बताया की पालिका के कर्मचारी अपनी सुविधा शुल्क लेकर किस्ते आवंटित कर देते हें कभी मौके पर जाकर निर्माण देखते ही नहीं की सरकारी नियमानुसार उसका निर्माण हो रहा हें या नहीं .राज्य सरकार ने गरीब कच्ची बस्तीवासियो के लिए बेहतरीन योजना बनाई जिसमे ऐ कमरा ,रसोई ,शुचालय के निर्माण का नक्शा हें मगर गफ्फूर भत्ते पर बन रहे सेकड़ो मकानों का निर्माण सरकारी नक्से की अनदेखी कर बनाये जा रहे हें आखीर जिला प्रशासन मौन क्यों हें ,सरकारी योजना का बुरा हस्र हो रहा हें पालिका कर्मी चंडी काट रहें हें .मुख्यमंत्रीजी को चाहिए पुरे गौरख धंधे की निष्पक्षता से जांच कराए जाए ,मजे की बात हें की कच्ची बस्तियों में आधे से ज्यादा सरकारी कारिंदे निवास कर रहे हें ,मामले की पूरी जांच आयुक्त जैसलमेर ,कलेक्टर जैसलमेर को कर पर्दाफास करना चाहिए
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