कोटा में अंधड़ से दीवार ढही, छह की मौत
कोटा। शहर के कैथून रोड पर थेगड़ा के निकट निर्माणाधीन एक इमारत परिसर में सोमवार मध्यरात्रि को आए तेज अंधड़ के दौरान दीवार ढह जाने से छह मजदूरों की मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे में करीब एक दर्जन श्रमिक व उनके परिवारों के लोग घायल हुए हैं, जिन्हें एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में चार महिलाएं, एक बालिका और एक पुरूष शामिल है। इनमें एक मां-बेटी भी है।
पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि थेगड़ा क्षेत्र में कैरियर प्वाइंट समूह की निर्माणाधीन बिल्डिंग की बाउंड्रीवॉल गिरने से यह हादसा हुआ। करीब आठ फीट ऊंची इसी बाउंड्रीवॉल के सहारे इन मजदूरों की अस्थायी टापरियां बनी हुई थी। रात को अचानक अंधड़ के दौरान भरभराकर यह दीवार ढही और इससे सटी टापरियों में रह रहे मजदूर दब गए।
सामने की दूसरी टापरियों में मौजूद मजदूर दौड़े और दबे हुए लोगों को बाहर निकाला। हादसे के शिकार हुए श्रमिकों में से दो की तो मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार ने रास्ते में दम तोड़ा। पुलिस ने बताया कि मृतकों में बारां जिले की कमरी बाई पत्नी चुन्नीलाल खेरवा, सालरिया निवासी आशा मेहरा, उन्हेल-नागेश्वर निवासी कैलाश बाई पत्नी ढोला मेघवाल व उसकी पांच वर्षीय बेटी विष्णु, लीला भील, रात्या डूंगरी निवासी कन्हैयालाल मेहर शामिल हैं। मृतक व घायल मजदूर मप्र के झाबुआ, रतलाम व राजस्थान के झालावाड़ व बारां जिलों के रहने वाले हैं।
"यहां रहे तो ये भी मर जाएंगे"
घटना के बाद जैसे ही घायलों को एमबीएस अस्पताल पहुंचाया गया तो वहां की व्यवस्थाएं जवाब दे गई। अस्पताल में रात 11 बजे से ही बिजली गुल थी। अंधेरे के कारण न तो रोगियों का ठीक से उपचार हो पा रहा था और न ही उनका दर्द कोई सुन पा रहा था।
मजदूर तबके के लोग चीख तो रहे थे, लेकिन उनकी आवाज को वहां मौजूद नर्सिगकर्मी सुनकर भी अनसुना कर रहे थे। देर रात ज्यादातर लोग यहां से घायलों को निजी अस्पतालों में ले जाने की तैयारी में थे। तीमारदारों का कहना था कि "इन्हें यहां रखा तो ये भी मर जाएंगे।" करीब चार घंटे बीत जाने के बावजूद अस्पताल में बिजली आपूर्ति बहाल करने को लेकर कोई प्रक्रिया नहीं चल रही थी।
पहुंचा अमला
सूचना पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी और रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंच राहत कार्य शुरू करवाया। निर्माणाधीन इमारत में करीब साढे तीन सौ मजदूर कार्यरत थे। हादसे के बाद अन्य मजदूर परिवारों को थेगड़ा के सरकारी स्कूल में शिफ्ट करने का प्रयास किय गया, लेकिन उन्होंने वहां से जाने से मना कर दिया। देर रात तक एसपी प्रफुल्ल कुमार व एसडीएम मानसिंह, पुलिस उपाधीक्षक पारस जैन आदि मौके पर मौजूद थे। उधर, अस्पताल में एएसपी ललित माहेश्वरी, वृत्ताधिकारी सीताराम माहिच पूरे जाब्ते के साथ तैनात थे। कानून व्यवस्था के मद्देनजर अस्पताल में सशस्त्र पुलिस बल तैनात कर दिया गया। कैरियर पाइंट के निदेशक ओम माहेश्वरी ने बताया कि उनकी निर्माणाधीन बिल्डिंग की दीवार गिरने से हताहत हुए मजदूर ठेकेदार फर्म के हैं।
खाना खाया ही था
अस्पताल में घायलों के साथ मौजूद दूसरे मजदूरों ने बताया कि रात 10 बजे तक तो साइट पर काम चल रहा था। इसके बाद ये सभी लोग टापरियों में गए और खाना बनाया। खाना खाए हुए कुछ ही देर हुई थी कि अंधड़ शुरू हो गया और दीवार गिर गई।
पेड़ उखड़े, कई क्षेत्र अंधेरे में
कोटा. तेज आंधी से कई होर्डिग व पेड़ विद्युत लाइनों पर गिर गए। इससे शहर के कई क्षेत्र अंधेरे में डूब गए। नयापुरा में 33 केवी लाइन में फाल्ट आने से नयापुरा, एमबीएस अस्पताल, खेड़ली फाटक, पुलिस लाइन, बजरंग नगर, बोरखेड़ा आदि क्षेत्रों की बिजली गुल हो गई। इनमें नयापुरा व एमबीएस अस्पताल की बिजली आधे घंटे बाद बहाल कर दी गई। छावनी, बजरंगनगर व डीसीएम क्षेत्र में तार टूटने से बिजली बंद रही। कंसुआ में मुक्तिधाम के पास विद्युत लाइन पर पीपल का पेड़ गिर गया।
कोटा। शहर के कैथून रोड पर थेगड़ा के निकट निर्माणाधीन एक इमारत परिसर में सोमवार मध्यरात्रि को आए तेज अंधड़ के दौरान दीवार ढह जाने से छह मजदूरों की मौत हो गई। इस दर्दनाक हादसे में करीब एक दर्जन श्रमिक व उनके परिवारों के लोग घायल हुए हैं, जिन्हें एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में चार महिलाएं, एक बालिका और एक पुरूष शामिल है। इनमें एक मां-बेटी भी है।
पुलिस व प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि थेगड़ा क्षेत्र में कैरियर प्वाइंट समूह की निर्माणाधीन बिल्डिंग की बाउंड्रीवॉल गिरने से यह हादसा हुआ। करीब आठ फीट ऊंची इसी बाउंड्रीवॉल के सहारे इन मजदूरों की अस्थायी टापरियां बनी हुई थी। रात को अचानक अंधड़ के दौरान भरभराकर यह दीवार ढही और इससे सटी टापरियों में रह रहे मजदूर दब गए।
सामने की दूसरी टापरियों में मौजूद मजदूर दौड़े और दबे हुए लोगों को बाहर निकाला। हादसे के शिकार हुए श्रमिकों में से दो की तो मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार ने रास्ते में दम तोड़ा। पुलिस ने बताया कि मृतकों में बारां जिले की कमरी बाई पत्नी चुन्नीलाल खेरवा, सालरिया निवासी आशा मेहरा, उन्हेल-नागेश्वर निवासी कैलाश बाई पत्नी ढोला मेघवाल व उसकी पांच वर्षीय बेटी विष्णु, लीला भील, रात्या डूंगरी निवासी कन्हैयालाल मेहर शामिल हैं। मृतक व घायल मजदूर मप्र के झाबुआ, रतलाम व राजस्थान के झालावाड़ व बारां जिलों के रहने वाले हैं।
"यहां रहे तो ये भी मर जाएंगे"
घटना के बाद जैसे ही घायलों को एमबीएस अस्पताल पहुंचाया गया तो वहां की व्यवस्थाएं जवाब दे गई। अस्पताल में रात 11 बजे से ही बिजली गुल थी। अंधेरे के कारण न तो रोगियों का ठीक से उपचार हो पा रहा था और न ही उनका दर्द कोई सुन पा रहा था।
मजदूर तबके के लोग चीख तो रहे थे, लेकिन उनकी आवाज को वहां मौजूद नर्सिगकर्मी सुनकर भी अनसुना कर रहे थे। देर रात ज्यादातर लोग यहां से घायलों को निजी अस्पतालों में ले जाने की तैयारी में थे। तीमारदारों का कहना था कि "इन्हें यहां रखा तो ये भी मर जाएंगे।" करीब चार घंटे बीत जाने के बावजूद अस्पताल में बिजली आपूर्ति बहाल करने को लेकर कोई प्रक्रिया नहीं चल रही थी।
पहुंचा अमला
सूचना पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी और रेस्क्यू टीम ने मौके पर पहुंच राहत कार्य शुरू करवाया। निर्माणाधीन इमारत में करीब साढे तीन सौ मजदूर कार्यरत थे। हादसे के बाद अन्य मजदूर परिवारों को थेगड़ा के सरकारी स्कूल में शिफ्ट करने का प्रयास किय गया, लेकिन उन्होंने वहां से जाने से मना कर दिया। देर रात तक एसपी प्रफुल्ल कुमार व एसडीएम मानसिंह, पुलिस उपाधीक्षक पारस जैन आदि मौके पर मौजूद थे। उधर, अस्पताल में एएसपी ललित माहेश्वरी, वृत्ताधिकारी सीताराम माहिच पूरे जाब्ते के साथ तैनात थे। कानून व्यवस्था के मद्देनजर अस्पताल में सशस्त्र पुलिस बल तैनात कर दिया गया। कैरियर पाइंट के निदेशक ओम माहेश्वरी ने बताया कि उनकी निर्माणाधीन बिल्डिंग की दीवार गिरने से हताहत हुए मजदूर ठेकेदार फर्म के हैं।
खाना खाया ही था
अस्पताल में घायलों के साथ मौजूद दूसरे मजदूरों ने बताया कि रात 10 बजे तक तो साइट पर काम चल रहा था। इसके बाद ये सभी लोग टापरियों में गए और खाना बनाया। खाना खाए हुए कुछ ही देर हुई थी कि अंधड़ शुरू हो गया और दीवार गिर गई।
पेड़ उखड़े, कई क्षेत्र अंधेरे में
कोटा. तेज आंधी से कई होर्डिग व पेड़ विद्युत लाइनों पर गिर गए। इससे शहर के कई क्षेत्र अंधेरे में डूब गए। नयापुरा में 33 केवी लाइन में फाल्ट आने से नयापुरा, एमबीएस अस्पताल, खेड़ली फाटक, पुलिस लाइन, बजरंग नगर, बोरखेड़ा आदि क्षेत्रों की बिजली गुल हो गई। इनमें नयापुरा व एमबीएस अस्पताल की बिजली आधे घंटे बाद बहाल कर दी गई। छावनी, बजरंगनगर व डीसीएम क्षेत्र में तार टूटने से बिजली बंद रही। कंसुआ में मुक्तिधाम के पास विद्युत लाइन पर पीपल का पेड़ गिर गया।
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