रविवार, 11 मार्च 2012

सरहद का एक गांव, जहां खड़ी है कुंआरों की फौज

सरहद का एक गांव, जहां खड़ी है कुंआरों की फौज




बाडमेर, राजस्थान। भारत-पाकिस्तान की सरहद पर बसा बाड़मेर जिला, जिसके रेगिस्तानी गांव ऐसे दुरूह स्थानों पर बसे हैं कि इन गांवों तक पहुचना ही मुश्किल होता है। बाडमेर जिले की जैसलमेर से लगती सीमा पर बसा सरहदी नोडियाला गांव। खबडाला ग्राम पंचायत का राजस्व गॉव है नोडियाला। यह गांव राजपूत बाहुल्य है जहां सोा जाति कें राजपूत रहते हैं। लगभग साठ परिवार इस जाति के हैं वही कुछ परिवार राणा राजपूत तथा मेगवाल जाति के हैं। इस गॉव में पहुचना टेढ़ी खीर के समान हैं।

विकास से इस गॉव का कोई लेना देना नही। गॉव के लोग गॉव से बाहर नहीं जाते, गॉव में ही मस्त रहते हैं। इस गांव म कुंवारों की फौज खडी हैं। हर परिवार में कुंआरें हैं। कहीं के भी कोई भी परिवार अपनी लाडली बेटियों को इस गांव कें किसी परिवार में ब्याहना ही नही चाहते। इस संबंध में ग्रामीणों से बाततीच करने पर पता चला कि नोडियाला गांव में ऐसा कुछ भी नही है कि कोई अपनी बच्ची को इस गांव में ब्याह दे। गॉव में पानी की किल्लत सबसे बडी समस्या है।पानी के लिए ग्रामीणों को ग्राम पंचायत मुख्यालय खबडाला तक प्रतिदिन पानी भरने जाना पडता हें। गांव में पानी की एक होज बनी हैं जिसमें अंतिम बार पानी कब आया किसी को याद नही हैं। इस गांव में कुछ अच्छा है तो वो है पशुधन की बाहुल्यता। इस गांव में आने वाले मेहमान को दूध तो आसानी से मिल जाएगा मगर पानी की एक बूंद भी मिलना मुश्किल है।

गांव के खंगारसिह सोढ़ बताते हैं कि गॉव बाडमेर जिले में है मगर जैसलमेर जिला नजदीक लगता है जिसके कारण गॉव का सारा लेन-देन-व्यापार जैसलमेर से है। सबसे बड़ी बात कि इस गांव में न तो सरकारी कारिन्दे आते हैं न ही नेता लोग आते जिसके कारण गांव में विकास नहीं हो रहा । गांव अभी तक सड़क मार्ग से नहीं जुड़ा। कहने को सरकारी प्राथमिक स्कूल हैं मगर अध्यापक नही हैं। इस कारण बन्द पड़ा है। गॉव के बच्चे अनपढ़ हैं। युवा वर्ग पहले से ही अनपढ़ हैं। गॉव में किसी प्रकार का रोजगार नही हैं।

इस गॉव में कोई परिवार अपनी बालिका को ब्याहना नहीं चाहते। जिसकें कारण गॉव कें अधिकतर लोग कुंआरे हैं। सतर फीसदी घरों में बहुएं नही हैं। कुंआरे लोग अपने घर का काम खुद ही करतें हैं।सत्तर साल तक के लोग कुंवारे बैठे हैं। इस गांव के सोढ़ परिवार भारत पाकिस्तान विभाजन कें समय तथा कुछ परिवार 1971 व 1965 कें युद्ध कें दौरान पाकिस्तान से पलायन कर यहां आकर बसे हैं। गांव के गुलाबसिह नें बताया कि बहुत पहले गॉव में भोखावटी के परिवारों के साथ रिश्ते हुए थे। चार-पांच परिवारों में बहुएं भी आई थीं मगर जब गांव की स्थिति तथा वास्तविकता का पता चला गांव में रिश्तेदारिया होना बन्द हो गया। एक तरह सें शादियों पर ग्रहण सा लग गया। परिवार नही बस पा रहें हैं। मेरे पॉच भाई हैं जो आज भी कंवारें हैं उनकें रिश्ते के हर सम्भव प्रयास किए कोई फायदा नहीं हुआ।

हालाकि दूसरी जाति कें परिवारों में भी शादियां नहीं हो रही हैं। आसपास कें गांवों में लोग अपनी बेटियां देते हैं, पर इस गांव पर कोई मेहरबान होने को तैयार नहीं। जिसके कारण कुंवारों की फौज खडी हो रही है। बाडमेर जिले का अंतिम गॉव होनें कें कारण इसके विकास पर कोई सरकार ध्यान नहीं देती। इस गॉव में पहुचने के लिऐ जेसलमेर जिले कें कई गॉवो से होकर गुजरना पडता हैं।

बाड़मेर का विश्व प्रसिद्धगैर डांडिया नृत्य





बाड़मेर का विश्व प्रसिद्धगैर डांडिया नृत्य


बाड़मेर पश्चिमी राजस्थान का सीमान्त जिला बाड़मेर अपनी लोक संस्कृति, सभ्यता व परम्पराओं का लोक खजाना हैं।जिले में धार्मिक सहिष्णुता का सागर लहराता हें। इस समुद्र में भाईचारे की लहरें ही नहीं उठती अपितु निष्ठा, आनन्द, मानवता, करूणा, लोकगीतसंगीत, संस्कृति व परम्परोओं के रत्न भी मिलते हैं। बाड़मेर की जनता अपनी समृद्ध कला चेतना निभा रही हैं। यह प्रसन्नता की बात हैं। जिले को गौरव प्रदान करने में गैर नृतकों ने अहम भूमिका निभाई हैं।
मालाणी पट्टी में गैर नृत्यों की होली के दिन से धूम रहती हैं। यह धूम कनाना, लाखेटा, सिलोर, सनावड़ा सहित अने क्षेत्रों में समान रूप से रहती हैं। यही गैर नृत्य बाड़मेर की समृद्ध परम्परा व लोक संस्कृति का प्रतीक हैं। प्रतिवर्ष चैत्र मास में अनेक गैर नृत्य मेले लगते हैं। इन मेलों का धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृति महत्व समान हैं। लाखेटा में किसानों का यह रंगीला मेला प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता हैं। पिछले चार सौ वर्षो से लोगो का प्रमुख धार्मिक आस्था स्थल लाखेटा हैं। जहां बाबा संतोष भारती की समाधि हैं। गैर नर्तको के सतर से अधिक दल इस मेले में भाग लेते हैं। सूय की पहली किरण के साथ गैर नृत्यों का दौर आरम्भ होता हैं। माटी की सोंधी महक, घुंघरूओं की झनक से मदमस्त कर देती हैं। किसानों का प्रमुख गैर नृत्य मेला जिसमें बाड़मेर, जोधपुर, पाली, जालोर जिलो से भी गैर नृतक शरीक होकर इस गैर नृत्य मेले को नई ऊंचाईयां प्रदान करते हैं।
गांवो से युवाबुजुर्गो के जत्थे हर्षोल्लास के साथ रंग बिरंगी वेशभूषा और लोक वाद्य यंत्रों के साथ भाग लेते हैं। मेले में युवा ग्रामीण गोलाकरअर्द्ध गोलाकार घेरे में विभिन्न मुद्राओं में ोल की ंकार, थाल टंकार पर नृत्य करते और हाथों में रखी एक मीटर की डण्डी आजू बाजू के गैरियों की डण्डियों से टकराते हैं और घेरे में घूमते हुए नृत्य करते हैं। गैरिये चालीस मीटर के घाघरे पहन हाथों में डाण्डियें, पांवो में आठआठ किलो वजनी घुंघरू पहन जब नृत्य करते हैं तो पूरा वातावरण कानो में रस घोलने लगता हैं। ोल की ंकार और थाली की टंकार पर आंगीबांगी नांगी जत्था गैर, डाण्डिया गौरों की नृत्य शैली निहारने के लिये मजबूर कर देती हैं। शौर्य तथा लोकगीतों के साथ बारीबारी से गैर दलों द्वारा नृत्य का सिलसिला सूर्यास्त तक जारी रहता हैं। 1520 समूह गैरियों के रूप में भाग लेते हैं गैर दलों की वेशभूषा के अनुरूप ही विभिन्न नृत्य शैलियां होती हैं। सफेद आंगी जो 4040 मीटर कपडे की बनी होती हैं। उस पर लाल कपडा कलंगी लगाकर जब नृत्य करते हैं तो मेले की रंगीनियां तथा मांटी की सोंधी महक श्रद्घालुओं को झूमने पर मजबूर कर देती हैं। सम्पूर्ण मेला स्थल गीतों, फागो और लोकवाद्य-यंत्रों की झंकारों, टंकारो व ंकारो से गुंजायमान हो उठता हैं। लोक संस्कृति को संरक्षण देने वाले लाखेटा, कनाना, कोटडी, सरवडी, कम्मो का वाडा, भलरों का बाडा, मिया का बाडा, खुराणी सहित आप पास के क्षेत्रों में गैर दल चंग की थाप पर गातेनाचते हैं। वहीं इसी क्षेत्र की आंगी बांगी की रंगीन वेशभूषा वाली डाण्डिया गैर नृत्य दल समां बांधने में सफल ही नहीं रहते अपितु मेले को नई ऊंचाईयां प्रदान करते हैं। वीर दुर्गादास की कर्मस्थली कनाना का मेला जो शीतलासप्तमी को लगता हैं, अपने अपन में अनूठा गैर नृत्यमेला होता हैं जो सिर्फ देखने से ताल्लुक रखता हैं। हजारों श्रद्घालु मेले में भाग लेते हैं। सनावड़ा में भी होली के दूसरे दिन का गैरियों का गैर नृत्य वातावरण को रंगीन बना देता हैं। पूरा आयोजनस्थल दिल को शुकून प्रदान करता हैं

पाक को मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, राजस्‍थान बॉर्डर पर ब्रह्मोस तैनात

भारतीय सेना की जमीन से जमीन पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस की दूसरी रेजिमेंट ऑपरेशनल हो गई है। इसे पाकिस्तान से सटे राजस्थान बॉर्डर पर पाकिस्तान के सिंध फ्रंटियर के सामने तैनात की गई है।  

‘कोल्ड स्टार्ट’ युद्ध सिद्धांत के अनुसार सेना में बदली जा रही रणनीति के तहत पाक बॉर्डर पर पहली मिसाइल रेजिमेंट की तैनातगी की जा रही है। इसकी मारक क्षमता 290 किलोमीटर है। पाक बॉर्डर पर इंडो-यूएस आर्मी के संयुक्त अभ्यास के बीच मिसाइल रेजिमेंट की तैनातगी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारतीय सेना और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) के विशेषज्ञों ने पिछले छह महीने में ब्रह्मोस मिसाइल का पोकरण स्थित चांधन फायरिंग रेंज में दो बार परीक्षण कर उसकी मारक क्षमता को परखा था।







गत 4 मार्च को मिसाइल के परीक्षण के बाद सेना में ब्रह्मोसमिसाइल की दूसरी रेजिमेंट की तैनातगी शुरू कर दी गई है। पहली मिसाइल रेजिमेंट की तैनातगी चीन बॉर्डर पर की गई थी। राजस्थान बॉर्डर पर पहली बार यह मिसाइल रेजिमेंट बाड़मेर से बीकानेर सेक्टर के बीच तैनात की जाएगी।
जंग की नई रणनीति के तहत मिसाइल की तैनातगी :
सेना की दक्षिण कमान (पूना) व दक्षिण पश्चिमी कमान के अधिकारियों के 25 से 28 फरवरी के बीच हुए वार गेम में युद्ध की नई रणनीति पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही सेना में किए जा रहे नए बदलाव की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। साथ ही चीन के अरुणाचल में मोर्चा खोलने पर पाकिस्तान के राजस्थान बॉर्डर पर हमला बोलने की आशंका के दृष्टिगत जंग की तैयारी पर विचार विमर्श किया गया था। उस वार गेम में तय रणनीति के तहत ही ब्रह्मोस मिसाइल की दूसरी रेजिमेंट को राजस्थान बॉर्डर पर तैनात करने का फैसला लिया गया।
पाक ने भनक लगने पर किया हत्फ का परीक्षण :
ब्रह्मोस मिसाइल रेजिमेंट की राजस्थान बॉर्डर पर तैनातगी की भनक लगते ही पाकिस्तान ने 700 किमी दूरी तक मार करने वाली हत्फ मिसाइल का 5 मार्च को परीक्षण किया था। इससे पूर्व पाकिस्तान द्वारा भारत के दस शहरों को निशाने पर रख 24 परमाणु हथियार युक्त मिसाइल की तैनातगी करने की खबरें पाक मीडिया में प्रकाशित हो चुकी हैं।
ऐसे में ब्रह्मोस मिसाइल की तैनातगी को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इधर पाक बॉर्डर पर यूएस-इंडो आर्मी का संयुक्त अभ्यास चल रहा है। वहीं सेना की मथुरा स्थित 1 स्ट्राइक कोर के नेतृत्व में साठ हजार सैनिकों के थार में तीन महीने के युद्धाभ्यास ‘शूरवीर’ की तैयारी भी चल रही है।

डूब रहा रेगिस्तान का जहाज

डूब रहा रेगिस्तान का जहाज

बीकानेर। संख्यात्मक रूप में एक दशक में भारत के ऊंट विश्व के ऊंटों के मुकाबले सात पायदान नीचे चले गए हैं। यानि 2001 की विश्व पशु गणना में देश का तीसरा स्थान था, अब दसवें स्थान पर पहुंच गया है। ऊंटों की देखभाल समेत उनके पोषण पर सालाना करोड़ों रूपए खर्च करने के बावजूद इनकी घटती संख्या ने व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं। रेगिस्तान के जहाज ऊंट की संख्या में निरंतर गिरावट ने पशु वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है। विश्व पशु जनगणना के अनुसार वर्ष 2001 में ऊंटों की संख्या के लिहाज से भारत का सूडान व सोमालिया के बाद तीसरा स्थान आता था।

दस साल बाद हुई विश्व पशु गणना में ऊंटों के लिहाज से भारत का स्थान दसवें नम्बर पर आ टिका है। हजारों किलोमीटर क्षेत्र में फैले रेत के समंदर में आवागमन का सुगम साधन माना जाने वाले ऊंट की दो प्रजातियों की संख्या में काफी कमी आ गई है। देश में ऊंटों की कुल चार प्रजातियां हैं, जिनमें से तीन तो अकेले राजस्थान में विचरण करती हैं। एक दशक पूर्व राजस्थान में जहां मेवाड़ी, जैसलमेरी व बीकानेरी नस्ल के ऊंटों की संख्या दस लाख से अधिक थी, वह आंकड़ा अब पांच लाख के नीचे आ चुका है। चौथी प्रजाति गुजरात के कच्छी नस्ल के ऊंटों की है। एक सर्वे के मुताबिक वर्तमान में कच्छी व मेवाड़ी नस्ल के ऊंटों की संख्या कम होती जा रही है।

वर्तमान में ऊंटों की संख्या
प्रजाति संख्या
बीकानेरी 4.20 लाख
जैसलमेरी 80 हजार
मेवाड़ी 30 हजार
कच्छी 30 हजार

क्यों कम हो रही संख्या
पशु वैज्ञानिक डॉ. टीके गहलोत के मुताबिक ऊंटों की संख्या में निरंतर कमी आने का कारण उनका पालन कम होना, चारागाह व आवास स्थलों का घटना है। इसके साथ-साथ कृषि में यांत्रिकीकरण भी ऊंटों की संख्या कम होने का कारण है। इनमें बढ़ रही नित नई बीमारियों का बड़ा कारण भरपूर मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलना है। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, पूर्ण पाच्य पोषक तत्वों और कैल्शियम की कमी के कारण ऊंट कमजोर तो ही जाता है साथ ही पेट सम्बन्धी बीमारियां भी हो जाती हैं। शरीर में फास्फोरस की कमी के कारण ऊंट को पायरा नामक रोग हो जाता है।

चार नस्लों पर अनुसंधान
बीकानेर स्थित राष्ट्रीय ऊष्ट्र अनुसंधान केन्द्र में राजस्थान व गुजरात की चार नस्लों के ऊंटों पर अनुसंधान चल रहा है। केन्द्र में मेवाड़ी, जैसलमेरी, बीकानेरी के अलावा कच्छी ( गुजरात) नस्ल के तीन सौ से अधिक ऊंट हैं। मानव में होने वाली बीमारियों का इलाज ऊंटों के शरीर में पाए जाने वाले एंटीजन से किए जाने को लेकर भी केन्द्र में अनुसंधान शुरू किए हैं। (कार्यालय संवाददाता)

योजना बन गई हैं...
रेगिस्तान के जहाज" के संरक्षण के लिए अब इनके पालकों को सरकारी स्तर पर संगठित किया जाएगा। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र, बीकानेर ने इसकी योजना बनाई है। जिसके तहत ऊंटों की नस्ल संवर्द्धन के लिए उनके विचरण स्थल पर ही काम होगा। ऊंटों कीनस्ल संवर्धन को लेकर रेंज स्तर पर ब्रीडिंग प्लान तैयार कर लिया गया है, इसे जल्द ही क्रियान्वित किया जाएगा।
डॉ. एन. वी. पाटील, निदेशक, उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र

नीदरलैंड्स : स्कूलों और अनाथालयों में बच्चों के साथ गंदा काम

कैथोलिक संस्थानों के संबंध में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक़ 1945 से अब तक नीदरलैंड्स में हज़ारों की संख्या में बच्चों के साथ यौन शोषण हुए हैं। एक स्वतंत्र आयोग की ओर से जारी की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक़ कैथोलिक अधिकारी स्कूलों, संस्थानों और अनाथालयों में बच्चों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को रोकने में असफल रहे।
 

ये रिपोर्ट एक सर्वे पर आधारित है जिसमें 34,000 से ज़्यादा लोगों को शामिल किया गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक़ कैथोलिक संस्थानों में हर पांच में से एक बच्चा दुर्व्यवहार का शिकार हुआ।



1800 मामलों का अध्ययन



नीदरलैंड्स के पूर्वी इलाक़े में एक स्कूल में यौन शोषण के मामले के तूल पकड़ने के बाद यह रिपोर्ट सामने आई है। इस आयोग ने साल 2010 के अगस्त महीने में जांच शुरु की और अलग-अलग कैथोलिक संस्थानों में सामने आए ऐसे 1800 मामलों का अध्ययन किया। इन मामलों में 800 से ज़्यादा अपराधकर्ताओं के नाम सामने आए जिनमें से केवल 100 ही अब जीवित हैं।



बीबीसी संवाददाता एना होलिगन के मुताबिक़ इस अध्ययन का मक़सद इस नतीजे तक पहुंचना है कि यौन शोषण के शिकार लोगों के साथ किस तरह का न्याय किया जाए। नीदरलैंड्स में इस रिपोर्ट का लंबे समय से इंतज़ार किया जा रहा था क्योंकि देश की 29 फ़ीसदी जनता कैथोलिक है।

रेत माफिया: हिस्ट्रीशीटर गिरफ्तार, ठेके रद्द

छतरपुर। मुरैना में आईपीएस अधिकारी नरेंद्र कुमार की हत्या के बाद शनिवार को पन्ना में रेत माफिया की गोलीबारी के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश सरकार हरकत में आई। सरकार ने रविवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी हिस्ट्रीशीटर कुबेर को गिरफ्तार करते हुए प्रदेश में रेत खनन के सभी ठेके निरस्त कर दिए।  
उल्लेखनीय है कि मुरैना में आईपीएस की हत्या के बाद शनिवार को एक बार फिर शासन-प्रशासन को खुली चुनौती दी थी। पन्ना में रेत माफिया ने अजयगढ़ एसडीएम नाथूराम गौंड़, एसडीओपी जगन्नाथ मरकाम व थाना प्रभारी मो. असलम खान पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। हमले में तीनों बाल-बाल बचे थे।

खनन माफिया ने छतरपुर के बंशिया व पन्ना के अजयगढ़ थाना क्षेत्र के बीच से निकल रही केन नदी से रेत के अवैध कारोबार के लिए अवैध पुल बना रखा है। चांदी पाटी रेत खदान के पास बने इस पुल को ढहाने के लिए पुलिस-प्रशासन का अमला वहां पहुंचा था। इसी दौरान हमला हुआ।

डेढ़ घंटे तक गोलीबारी
जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग की। इससे हमलावर भाग खड़े हुए। दोनों ओर से करीब डेढ़ घंटे तक 25-30 राउंड फायरिंग हुई। घटना के बाद पन्ना एसपी अनिल माहेश्वरी बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।

तीन नाम सामने आए
प्रारंभिक जांच में हमले में छतरपुर के हिस्ट्रीशीटर कुबेर, रामसिंह और कल्लू द्विवेदी का नाम सामने आया है। तीनों शातिर बदमाश हैं। इनमें कुबेर पूर्व डकैत बताया जाता है। उस पर हत्या जैसे गंभीर प्रकरण दर्ज हैं। वह हाल ही में जमानत पर छूटा है।

अवैध करोबार का गढ़
पुलिस के मुताबिक केन नदी से बड़ी मात्रा में अवैध रूप से रेत का कारोबार होता है। वाहनों को नदी पार कराने के लिए यहां खनन माफिया ने अवैध रूप से पुल (रपटा) बनवा रखा है। माफिया वाहन चालकों से अवैध वसूली भी करते है।

-हम लोग पुलिया तुड़वाने पहुंचे थे, इसी दौरान हमला हुआ। लगभग एक-डेढ़ घंटे तक फायरिंग चली।
-नाथूराम गौड़, एसडीएम पन्ना

अब तक आगे नहीं बढ़ी न्यायिक जांच की गाड़ी
भोपाल. आईपीएस नरेंद्र कुमार की हत्या की न्यायिक जांच की मुख्यमंत्री की घोषणा के चौबीस घंटे के बाद भी इस दिशा में कोई कागजी कार्रवाई शुरू नहीं हो पाई। सीएम ने शुक्रवार की सुबह न्यायिक जांच कराने का एलान किया था। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद शुक्रवार को इस दिशा में कोई कागजी कार्यवाही नहीं की गई और न ही गृह विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जांच के बिंदु तय किए गए। इसके साथ ही उच्च न्यायालय को अधिकृत तौर पर न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अनुरोध भी नहीं किया गया है।

एक जिम्मेदार अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शनिवार, रविवार और सोमवार को छुट्टी की वजह से कार्यवाही मंगलवार को ही होगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार और उसके नुमाइंदे नरेंद्र कुमार की हत्या की न्यायिक जांच को लेकर कितने गंभीर हैं। शनिवार को अवकाश होने के बावजूद दो आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया गया, जबकि इतने अहम मामले में कागजी कार्यवाही नहीं किया जाना अफसोसजनक है।

छुटि्टयों बाद शुरू करेंगे

जांच के लिए हाईकोर्ट से जज की नियुक्ति होगी। यह काम छुियों के बाद किया जाएगा। मामले में गृह विभाग समन्वय कर रहा है।
-अवनि वैश्य, मुख्य सचिव

न्यायिक जांच के मामले में प्रशासकीय अनुमोदन के बाद हाईकोर्ट से जजों का पैनल मांगा जाएगा। पैनल में से ही जज की नियुक्ति होगी। इसके बाद जांच शुरू होगी।
-अशोक दास, अपर मुख्य सचिव गृह


सीएम के परिजन भी अवैध खनन में शामिल: अजय

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया है कि अवैध खनन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के भाई, परिजन और सत्ता व भाजपा से जुड़े प्रभावी लोग भी शामिल हैं। उन्होंने प्रदेशभर में अवैध उत्खनन की सीबीआई जांच की मांग दोहराई। सिंह शनिवार को बामनौर पहुंचे, जहां आईपीएस अफसर नरेंद्र की हत्या हुई थी।


सिंह ने इससे पूर्व ग्वालियर में नरेंद्र कुमार की श्रद्धांजलि सभा में भी शिरकत की। नेता प्रतिपक्ष ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश में खनिज माफिया को खुला संरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अवैध उत्खनन के प्रकरण प्रमाण सहित नामजद उठाए गए थे। इसमें मुख्यमंत्री और मंत्रियों से जुड़े मामले थे। लेकिन मुख्यमंत्री ने जवाब में अवैध उत्खनन सहित भ्रष्टाचार के सभी मुद्दों से कन्नी काटी। सिंह ने कहा कि उसी समय सरकार ने कांग्र्रेस की सीबीआई की जांच मान ली होती तो एक होनहार पुलिस अफसर को जान न गंवानी पड़ती।

हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में भीषण आग


हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में भीषण आग


जोधपुर बोरानाडा औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में शनिवार शाम भीषण आग लग गई। आग की भयावहता को देखते हुए नगर निगम की सभी दमकलों के साथ सेना की करीब आधा दर्जन दमकलें भी मौके पर पहुंचीं। तकरीबन पांच घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। निगम सूत्रों के अनुसार आग से करोड़ों रुपए का नुकसान होने की आशंका है।

सीएफओ सुरेश थानवी ने बताया कि निर्मल सेठिया की बोरानाडा क्षेत्र में सेठिया हैंडिक्राफ्ट नाम से फैक्ट्री है। शनिवार शाम करीब सवा सात बजे फैक्ट्री में आग लगने की सूचना मिली। कुछ ही देर में बोरानाडा अग्निशमन केंद्र की गाड़ी मौके पर पहुंची। शास्त्री नगर, बासनी, नागौरी गेट व मंडोर दमकल केंद्र से भी गाडिय़ां बोरानाडा भेजी गई। आग की सूचना मिलने पर पुलिस कमिश्नर भूपेंद्र कुमार दक, एडीसीपी ज्योतिस्वरूप शर्मा सहित अन्य पुलिस अधिकारी और जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ. भरत दिनेश व अन्य उद्यमी मौके पर पहुंचे। तब तक विशाल क्षेत्र में फैली फैक्ट्री के पिछले हिस्से में धधक रही आग बड़े हॉल के भूतल तक जा पहुंची। इससे यहां लकड़ी का तैयार फर्नीचर व बड़ी मात्रा में अन्य सामान धधकने लगा। फायर ऑफिसर सुरेश थानवी के नेतृत्व में आग बुझाने में जुटे दमकलकर्मी हेमराज शर्मा, भगवतीलाल, प्रशांतसिंह व मनीष सहित अन्य को काफी मशक्कत करनी पड़ी। आग लगने वाले स्थान पर पानी की बौछारें नहीं पहुंच पा रही थीं। आखिरकार, एक जेसीबी की सहायता से शटर को खोला गया।

इसके बाद आग कुछ कम हो पाई। आग से हॉल के भूतल में लगी करोड़ों रुपए कीमत की मशीनों के साथ बड़ी मात्रा में तैयार फर्नीचर खाक होने की आशंका है। दूसरी ओर, हॉल के निकट के हिस्सों में भरे सामान को फैक्ट्री स्टाफ के साथ मिलकर सुरक्षित रखवाया गया।


बाड़ में आग, दो घंटों बाद पाया काबू  

कृषि कुएं पर लगी आग को किसानों व श्रमिकों ने काफी मशक्कत के बाद बुझाया
शिवगंज नगरपालिका की फायर ब्रिगेड खराब, सुमेरपुर से पहुंची फायर ब्रिगेड

शिवगंज समीपवर्ती केसरपुरा गांव के निकट स्थित कृषि कुएं पर शनिवार को लगी आग पर दो घंटे मशक्कत के बाद लोगों ने काबू पाया। अज्ञात कारणों से लगी आग से खेत की बाड़ में भेंट चढ़ गई, जबकि खेत में खड़ी रायड़े व अरंडी की फसलों को किसानों व श्रमिकों ने सूझ-बुझ से बचा लिया है। आग की सूचना पर सुमेरपुर नगरपालिका की फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक आग पर काबू पा लिया गया।

घटना के अनुसार दोपहर 12.15 बजे बडग़ांव निवासी हमीरसिंह राजपूत के कुएं की बाड़ में अचानक आग लग गई, जिसकी सूचना शिवगंज नगरपालिका फायर स्टेशन व पुलिस को दी गई, लेकिन फायर ब्रिगेड खराब होने से वह घटना पर ही नहीं पहुंची। उधर, आग की लपटें तेजी से फैल रही थी। इस दौरान आसपास के किसानों, खेतों पर कार्य करने वाले श्रमिकों ने कुओं से पानी लाकर आग पर बुझाना शुरू किया। करीब दो घंटे के अथक प्रयास के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पाया जा सका।

यूं दिखाई सूझ-बूझ

किसानों व श्रमिकों ने अपनी सूझ-बूझ दिखाते हुए रायडा व अरंडी की ओर लगी कांटों की बाड़ को हटा दिया, जिससे फसलों की तरफ फैल रही आग उसके आगे नहीं बढ़ सकी। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो, खेतों में तैयार हो चुकी रायडा व अरंडी की फसल आग की भेंट चढ़ जाती।


एक ऐसी मां, जो जानवरों के बच्चों को जन्म देती थी !

अठारहवीं सदी की इस घटना से पूरे ब्रिटेन को आश्चर्य में डाल दिया था। मेरी टॉफ्ट नामक महिला जानवरों के मरे हुए बच्चों को जन्म देती थी। सरे के गोडलमिंग की रहने वाली मेरी का जन्म 1701 में हुआ था। 1720 में उसकी जोशुआ टॉफ्ट से शादी हुई थी। गरीब मेरी खेतों में काम किया करती थी। 1726 की बात है वह गर्भवती थी, फिर भी काम पर जाया करती थी। ऐसे में कुछ गड़बड़ी हो गई और गर्भपात हो गया। उसने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी।
 

सितंबर में प्रसव पीड़ा के समय बच्चे का जन्म नहीं हुआ। बच्चे की जगह मांस के टुकड़े देखने को मिले थे। उसने कहा कि ये जानवरों के अंग हैं। स्थानीय सर्जन जॉन हॉवर्ड के पास इन्हें जांच के लिए भेजा गया, लेकिन उन्होंने ऐसी राय जाहिर नहीं की। उन्होंने मेरी की भी जांच की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।



इसके बाद भी कई बार उसने खरगोश और बिल्लियों के हाथ-पैरों को जन्म देने का दावा किया। यह खबर पूरे देश में फैल गई थी। आम आदमी ही नहीं ब्रिटेन के किंग जॉर्ज प्रथम भी सच्चई जानने के इच्छुक थे। उन्होंने राज परिवार का इलाज करने वाले सर्जन नैथानील सेंट एंड्रे को तहकीकात के लिए भेजा। एंड्रे ने कहा कि मामला सच्च है। इसके बाद भी राजा ने एक और सर्जन साएरिआकस एहलर को भेजा। मेरी को गहन अध्ययन के लिए लंदन लाया गया।



इस बार गर्भवती होने पर उसे सख्त निगरानी में रखा गया। इस बार मेरी ने किसी खरगोश के बच्चे को जन्म नहीं दिया। इतना ही नहीं उसने स्वीकार भी कर लिया कि ये सब झूठ था और उसे धोखाधड़ी के आरोप में जेल भेज दिया गया था। बाद में उसे मुकदमा चलाए बिना छोड़ दिया गया। सच्चई भले ही पता चल गई, लेकिन काफी समय तक ये राज बनी रही।

सिरोही....न्यूज इन बॉक्स....11 मार्च 2012


फुंगणी गांव में हिंगलाज माता मंदिर लूट का पुलिस ने किया पर्दाफाश

 पुजारी ने ही चुराए थे चांदी-सोने के जेवरात, लूट का किया ड्रामा
 1996 में जैला गांव के जैन मंदिर में भी इसी पुजारी ने की थी चोरी



पुजारी ही निकला लूट का आरोपी



सिरोही कालंद्री थाना क्षेत्र के फुंगणी गांव स्थित हिंगलाज माता मंदिर में हुई जेवरात लूट की वारदात का पुलिस ने शनिवार को पर्दाफाश कर दिया। मंदिर के पुजारी ने ही डेढ़ किलो सोने-चांदी के जेवरात चुराए थे और खुद के बचाव के लिए लूट का ड्रामा किया था। पुजारी जैला गांव के जैन मंदिर में चोरी के आरोप में पहले भी जेल जा चुका है।

एसपी कैलाश चंद्र बिश्नोई के निर्देश पर रेवदर डिप्टी भंवरसिंह भाटी के नेतृत्व में गठित टीम ने लूट की वारदात के बाद फुंगणी गांव में लोगों से पूछताछ की। थानाधिकारी बहादुर सिंह ने पुजारी प्रकाश चंद पुत्र चमनाजी रावल के पिछले रिकार्ड खंगाले तथा उसकी कार्यशैली पर लगातार नजर रखी। पिछला रिकार्ड खंगालने से यह ज्ञात हुआ कि पुजारी प्रकाश चंद ने 1996 में जैला गांव के जैन मंदिर व धर्मशाला में चोरी की वारदात को अंजाम दिया था तथा इस मामले में वह जेल भी चुका है। इसी के आधार पर शक के छुई सीधे पुजारी पर गई। पुलिस ने इस मामले की गहनता से जांच की तो पता चला कि यह मामला लूट नहीं, बल्कि चोरी का था। पुलिस ने पुजारी को थाने बुलाकर सख्ती से पूछताछ की, जिसमें उसने चोरी करना कबूल किया और जेवरात तंवरी निवासी तिलोकचंद उकार मल सोनी को बेचना बताया। पुलिस ने सोनी को थाने बुलाकर दोनों को आमने-सामने किया तो उसने चोरी का माल खरीदना स्वीकार किया। पुलिस ने चोरी गया माल बरामद कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 

यह था मामला

उल्लेखनीय है कि फुंगणी गांव में गुरुवार सुबह 4.45 बजे तीन लुटेरों ने पुजारी को चाकू दिखाकर सोने व चांदी के डेढ़ किलो जेवरात लूटे थे। पुजारी प्रकाश चंद पुत्र चमनाराम रावल ने इस मामले में की थाने सूचना दी थी। पुलिस ने तत्परता से इस मामले का खुलासा कर आरोपी पुजारी व जेवरात खरीदने वाले सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश करने के बाद रिमांड पर लेकर जिले के अन्य स्थानों पर हुई चोरी व लूट की वारदातों के बारे में भी पूछताछ करेगी।



हादसे में एक की मौत, दो गंभीर घायल

सुरक्षा दीवार के अभाव में बढ़ रहे हैं हादसे, मूकदर्शक बना प्रशासन

सिरोही   जिला मुख्यालय से 9 किलोमीटर दूर राजमार्ग स्थित शनि मंदिर के पास उड़ा नाला इन दिनों हादसों का पर्याय बन गया है। शनिवार को हुए हादसे ने प्रत्यक्षदर्शियों का दिल दहला दिया। उड़ा नाला में सुबह 7.45 बजे सिरोही से पिंडवाड़ा जा रही कार ट्रक की टक्कर के बाद बेकाबू होकर उड़ा नाला में जा गिरी। हादसे में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस के अनुसार अणगौर निवासी भरत सोनी पुत्र शिवलाल सोनी उनके भाई भावेश को साथ लेकर पुत्र विशाल को बिनानी में छोडऩे जा रहे थे। उड़ा नाला के पास पिंडवाड़ा की तरफ से आ रहे ट्रक से भिड़ंत हो गई। टक्कर के बाद कार उड़ा नाला में जा गिरी। समीप के ही खेत में फसलों को पानी पिला रहे तेजा राम माली ने एम्बुलेंस 108 को सूचना दी। तीनों घायलों को इलाज के लिए सिरोही अस्पताल लाया गया। इलाज के दौरान भरत सोनी ने दम तोड़ दिया, जबकि भावेश के कंधों में गंभीर चोट आने से उन्हें रैफर कर दिया गया। हादसे की सूचना मिलते ही प्रशिक्षु डीएसपी नीरज पाठक और एएसआई रघुनाथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मामला दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया तथा दोनों वाहन जब्त कर लिए।

गेरियों ने मन मोहा



गेरियों ने मन मोहा

जालोर  भक्त प्रहलाद सेवा समिति की ओर से शुरू हुए सात दिवसीय भक्त प्रहलाद गेर महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को बाबा रामदेव गेर मंडल आंवलोंज, भारती आदर्श विद्या मंदिर संस्थान कनाना और वरदाजी पोल जी गेर मंडल जालोर के गेरियों ने ढोल-थाली की धुन पर गेर नृत्य की प्रस्तुति दी। जिसे देख कर दर्शकों ने खूब सराहा।

गेर कार्यक्रम की शुरुआत बाबा रामदेव गेर मंडल आंवलोंज के गेरियों ने निराले अंदाज में की। गेरियों ने ढोल थाली की धुन के साथ पांडाल में प्रवेश किया। इसके बाद गेरियों ने ढोल की थाप पर लय और ताल के साथ शानदार नृत्य पेश किया। इसके बाद जालोर की पोल जी वरदाजी गेर मंडल के कलाकारों ने गेर नृत्य की प्रस्तुति दी। संस्थान के संरक्षक मधुसूदन व्यास ने बताया कि वरदाजी पोल जी गेर मंडल में एक ही परिवार की चार पीढिय़ों ने नृत्य की प्रस्तुति दी। इस गेर मंडल में जहां वयोवृद्ध सदस्य वरदाजी की उम्र 80 साल है। वहीं उन्हीं के परिवार का सबसे छोटे विश्वजीत 5 साल का है। जब चार पीढिय़ों ने एक साथ गेर नृत्य की प्रस्तुति दी तो पांडाल में मौजूद सभी लोगों ने तालियां बजाकर उनका जोरदार स्वागत किया। गौरतलब है कि पूर्व में इसी मंडल के सदस्यों के गेर नृत्य से मोहित होकर जोधपुर महाराजा ने 200 बीघा जमीन इनाम में दी थी। इसके बाद इन्हें पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा गणतंत्र दिवस पर सम्मानित भी किया जा चुका है।



कार्यक्रम में मंच का संचालन समिति के अध्यक्ष बंशीलाल सोनी ने किया। इस मौके समिति के मीठालाल वैष्णव, मकसा मेवाड़ा, तुलछाराम, खसाराम माली, सार्दूलराम घांची, लाल राम घांची, मोहन व नैना राम समेत कई जने मौजूद थे।

गुड़ा बालोतान. निकटवर्ती गंगावा गांव स्थित शक्ति पीठ बायोसा मंदिर में गेर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। करीब चार घंटे तक चले गेर कार्यक्रम में गेरियों ने नृत्य की रोचक प्रस्तुति दी। इस दौरान ग्रामीणों ने माता के जयकारों और गुलाल उड़ाते हुए फागोत्सव मनाया। कस्बे समेत आस पास के गांवों में चल रहे फागोत्सव के तहत गेर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। फागोत्सव शीतला सप्तमी तक चलेगा।

खरल. ओटवाला गांव में चल रहे गेर महोत्सव के दूसरे दिन बाणमाता मंदिर प्रांगण में गेर नृत्य का आयोजन किया गया। ढोल थाली की धुन पर गेरियों ने जमकर नृत्य किया। आयोजकों ने बताया कि गेर महोत्सव के तीसरे दिन रविवार को रामदेवरा (बाड़मेर) के गेरिए नृत्य की प्रस्तुति देंगे। इस मौके खरल, उम्मेदाबाद, धोरा व केशवना समेत आस पास के गांवों के ग्रामीण मौजूद थे।

गेर महोत्सव के दूसरे दिन आंवलोंज व पोल जी वरदाजी गेर मंडल के गेरियों ने दी रोचक प्रस्तुति, कनाना गांव के नन्हे गेरियों ने जमाया रंग

ममता बढ़ाएंगी कांग्रेस की मुश्किलें ?

ममता बढ़ाएंगी कांग्रेस की मुश्किलें ?

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और केंद्र में यूपीए सरकार की सहयोगी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कहा है कि वे पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने जा रहे अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण समारोह में जाने पर विचार कर रही हैं।

तृणमूल अध्यक्ष की 14 मार्च को लखनऊ और 15 मार्च को चंडीगढ़ में उपस्थिति सहयोगी दल कांग्रेस को मुंह चिढ़ाने जैसी होगी। पंजाब में कांग्रेस के धुर विरोधी अकाली दल की सहयोगी पार्टी बीजेपी है। इसका उदाहरण शनिवार को देखने को मिला जब पंजाब के उप मुख्यमंत्री बनने जा रहे सुखबीर सिंह बादल ने विधानसभा चुनावों में विफल रहने के लिए राहुल गांधी का मजाक उड़ाया। सुखबीर ने जल्द चुनाव की मांग की तथा कहा कि दिल्ली के लिए अगली लड़ाई में एनडीए को जीत हासिल होगी।

कहा जा रहा है कि ममता ने कार्यकर्ताओं से कहा है कि उनके इन समारोह में शामिल होने को नकारात्मक नजरिए से न देखा जाए। ममता दोनों निमंत्रणों पर विचार कर रही हैं। वे बादल और अखिलेश को काफी लंबे समय से जानती हैं।

वहीं तृणमूल के वरिष्ष्ठ नेता दिनेश त्रिवेदी ने हाल ही यह कह कर सनसनी फैला दी थी कि देश में कांग्रेस विरोधी लहर है और मध्यावधि चुनाव की संभावना है। बाद में उन्होंने कहा कि यह उनका व्यक्तिगत आकलन है।

ममता के इन दोनों शपथ ग्रहण समारोह में शमिल होने को मात्र राजनीतिक शिष्टाचार के तौर पर ही नहीं देखे जाने के पीछे कई कारण हैं। ममता केंद्र द्वारा लाए गए एनसीटीसी, लोकायुक्त व रिटेल में एफडीआई विधेयकों का राज्यों द्वारा किए गए विरोध की धुरी रही हैं। इसके अलावा ममता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर मुख्यमंत्रियों के एक क्लब के गठन का भी प्रयास कर चुकी हैं।

न्यूज इन बॉक्स क्च जैसलमेर), ११ मार्च, 20१२ रामदेवरा . मोहनगढ़ . रामगढ़ . म्यांजलार . फलसूंड . नाचना



लाखों की शराब जब्त, एक गिरफ्तार

सांकड़ा। पुलिस ने शनिवार को अलसुबह नाकाबंदी के दौरान सांकड़ा-पोकरण मार्ग पर एक अवैध शराब से भरा ट्रक जब्त कर उसमें रखे 580 कार्टन में भरी 15 लाख रूपए की शराब बरामद की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गणपतलाल ने बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक ममता विश्Aोई के निर्देशा पर जिले में मादक पदार्थो की धरपकड़ को लेकर चलाए जा रहे अभियान के दौरान शुक्रवार की रात्रि में वृताधिकारी विपिनकुमार शर्मा के निर्देशन में थानाधिकारी गंगाराम चौधरी की ओर से मय जाब्ता नाकाबंदी की गई।

इस दौरान यहां से निकलने वाले सभी ट्रकों की तलाशी ली गई। शनिवार सुबह करीब छह बजे पोकरण की ओर से आ रही एक ट्रक की तलाशी ली गई। उसमें पानी की बोतलों के कार्टन के साथ शराब के कार्टन भरे हुए थे। ट्रक को थाने लाकर तलाशी ली गई, तो पानी की बोतलों के 200 कार्टनों के नीचे 580 कार्टन शराब बरामद की गई।

बरामद शराब में कान्टेसा रम बोतल के 60 व पव्वों के 75 कार्टन, बैगपाइपर बोतल के 80 व पव्वों के 114 कार्टन, रॉयल आमर्स रम बोतल के 15 व पव्वों के 66, बैलेण्डर प्राइड के 10, हेवड्र्स 5000 बीयर के 160 कार्टन बरामद किए तथा ट्रक के चालक गुरदासपुर पंजाब निवासी ओंकारसिंह पुत्र करनेलसिंह को गिरफ्तार किया। जबकि एक अन्य युवक भी था, जो पुलिस को देखकर भाग गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। ट्रक चालक ने शराब को गुरदासपुर लुधियाना से भरकर लाना व आगे बाड़मेर ले जाना स्वीकार किया।



अज्ञानता के अंधेरे को दूर करती है भागवत कथा : पुरोहित

आशापूर्णा मंदिर में कथा शुरू


पोकरण जिस प्रकार से सूर्य संपूर्ण सृष्टि में अंधकार का नाश कर प्रकाश लाता है उसी प्रकार श्रीमद्भागवत महापुराण मनुष्य के मन में व्याप्त अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश करता है। भागवत सप्ताह एक अनुष्ठान है। ईश्वर की कृपा होने पर ही सत्संग का लाभ मिलता है। यह विचार स्थानीय आशापूर्णा मंदिर परिसर में आयोजित भागवत कथा पर प्रवचन देते हुए पंडित विजयदत्त पुरोहित ने व्यक्त किए। भागवत कथा के अवसर पर पोकरण शहर के अनेक धर्म प्रेमी सहित कई श्रद्धालु कथा श्रवण के लिए उपस्थित हुए। कथा के प्रथम दिन मुख्य यजमान पुखराज बिस्सा की ओर से पंडित के सान्निध्य में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गणेश वंदना व भागवत पुराण पूजन किया गया।

उन्होंने कहा कि दूसरों क ो सुखी देखकर जो व्यक्ति सुखी होता है वह सद्पुरुष कहलाता है। कथा सुनने मात्र से जन्म-जन्म के पापों का नाश हो जाता है।

संत का किया स्वागत

भागवत कथा से पूर्व आशापूर्णा धर्मशाला से कथा स्थल तक भव्य शोभा यात्रा निकाली गई । शोभा यात्रा के दौरान कथा वाचक विजयदत्त पुरोहित का आयोजनकर्ताओं तथा भक्तों ने पुष्प वर्षा तथा फूल मालाओं का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्य यजमान द्वारा भागवत पुराण को अपने सिर पर रखकर आशापूर्णा धर्मशाला से आशापूर्णा तक पहुंचे। महिलाएं व बालिकाएं मंगल गीत गाते हुए कथा स्थल तक पहुंची। जहां पर भागवत पुराण की पूजा अर्चना के बाद विधि विधान से कथा प्रारंभ की गई। इस अवसर पर पुरुषोत्तम छंगाणी, हरिवंश बिस्सा, नव नारायण व्यास, राधाकिशन पुरोहित, नथमल पालीवाल, देवकिशन जोशी, जगदीश गांधी, शंकर गांधी, हरिश्चंद्र छंगाणी, कैलाश भूतड़ा, देवकी बिस्सा, पुष्पा पुरोहित सहित काफी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।


आज की ताजा खबर......बाड़मेर...रविवार ११ मार्च, 201२


मासूम को लेकर मां टांके में कूदी आत्महत्या का मामला दर्ज

बाड़मेरबीजराड़ थाना क्षेत्र के जाखड़ों की ढाणी निवासी एक महिला ने बच्चे के साथ टांके में कूदकर अपनी आत्महत्या कर ली। थानाधिकारी लक्ष्मीनारायण ने बताया कि हनुमानराम पुत्र धनाराम जाखड़ निवासी जाखड़ों की ढाणी ने मामला दर्ज करवाया कि उसकी पत्नी गेरो देवी (32) शनिवार को कंवराराम (5) को लेकर घर के पास बने टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को बाहर निकाला। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए।


ईलोजी प्रतिमा तोडऩे के मामले में एक और गिरफ्तार



बाड़मेर ढाणी बाजार में स्थित ईलोजी की प्रतिमा तोडऩे के मामले में एक और आरोपी को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार प्रतिमा तोडऩे के मामले में अशोक सिंह पुत्र जगदीश सिंह निवासी कल्याणपुर को गिरफ्तार किया गया है। उसे रविवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रतिमा तोडऩे के मामले में चार आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।


नींबूड़ा-नींबूड़ा' पर जमकर झूमे श्रोता

पद्मश्री अलंकृत शाकर खां व बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से सम्मानित फकीरा खां का किया सम्मान


बाड़मेर पद्म श्री अलंकृत शाकर खां और बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार प्राप्त फकीरा खां का शनिवार को भगवान महावीर टाउन हॉल में सम्मान किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कलेक्टर वीणा प्रधान ने कहा कि लोक कला को बचाने के लिए प्रशासन हमेशा तत्पर रहेगा। उन्होंने कहा लोक कला की असली खान बाड़मेर-जैसलमेर में है जिसकी पहचान जरूरी है।

कार्यक्रम की शुरुआत फकीरा खां भादरेश ग्रुप ने गुरु वंदना से की। इसके बाद उन्होंने मस्त कलंदर, नींबूड़ा-नींबूड़ा जैसे बेहतरीन लोक गीत प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। वहीं शाकर खां ने कमायचा वाद्ययंत्र के साथ खड़ताल, ढोलक और शहनाई के साथ जुगलबंदी कर मौजूद श्रोताओं को झूमने के लिए विवश कर दिया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि स्वरूप सिंह राठौड़ ने कहा कि लोक कलाकारों की कद्र करनी होगी ताकि इस कला का संरक्षण किया जा सके। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि फिल्म अभिनेता राज वर्मा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम संयोजक सबलसिंह भाटी ने बताया कि इस आयोजन को मोहनपुरी मूवीज के बैनर तले आयोजित किया गया। कार्यक्रम में थार छात्र संघ के अध्यक्ष नारायण सिंह इंद्रोई ने आभार व्यक्त किया। इस मौके पर तन सिंह चारण एवं एडवोकेट सुनीता चौधरी मौजूद थी।



गेरियों ने बिखेरी लोक नृत्य की छटा

गेरियों ने बिखेरी लोक नृत्य की छटा
समदड़ी। लय व ताल के साथ डांडियों की टकराहट व घुंघरूओं की खन-खन पर जुगलबंदी के साथ चटकदार रंग की वेशभूषा में सजे धजे गेरियों को झूमते देख हरेक की टकटकी बंध गई। लाखेटा में सिद्ध संतोष भारती के समाधि स्थल पर शनिवार को आयोजित मेले के दौरान गेर नर्तकों ने ऎसा समां बांधा कि लोग झूम उठे।

लाखेटा मेले में भाग लेने के लिए सुबह से ही पातों का बाड़ा, मजल, ढीढ़स, कम्मों का वाड़ा, रामपुरा, चिरडिया, अजीत, रातड़ी, धुंधाड़ा, भानावास, समदड़ी, सिलोर, करमावास आदि विभिन्न गांवों से ग्रामीणों के यहां पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। दोपहर में मेला परवान पर था। ग्रामीणों ने सिद्ध संतोष भारती के समाधि स्थल पर धोक लगाकर खुशहाली व समृद्धि की कामनाएं की।

नहरी पानी के लिए योजनाएं प्रगति पर
बिना विश्वास के विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। विश्वास से ही राज्य व राष्ट्र तरक्की करता है। सांसद हरीश चौधरी ने शनिवार को लाखेटा मेले में मुख्य अतिथि पद से यह बात कही।उन्होंने कहा कि 64 साल के इतिहास में बाड़मेर जिले में पानी के नाम पर एक पाइप नहीं मिला। प्रदेश सरकार के सुशासन पर जिले में तीन बड़ी प्रमुख पेयजल योजनाओं का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है, जिससे जिलेवासियों को मीठा पानी उपलब्ध होगा। सांसद नियतांश कोष से समदड़ी 108 एंबुलेंस सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी।

अध्यक्षता करते हुए अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल ने कहा कि क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं रखी जाएगी। कलक्टर डॉ.वीणा प्रधान ने कहा कि जागरूक होकर कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। पूर्व जिला प्रमुख बालाराम चौधरी, भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष हमीरसिंह भायल व भाजपा मंडल अध्यक्ष ने भी विचार व्यक्त किए। विधायक एवं मेला कमेटी के अध्यक्ष कानसिंह कोटड़ी ने मेले के इतिहास के बारे मे जानकारी दी। इस अवसर पर प्रधान मालाराम भील, तहसीलदार भागीरथराम, पूर्व प्रधान ओमाराम मेघवाल, कल्याणपुर सरपंच दौलाराम चौधरी, सिलोर सरपंच माधुसिंह राजपुरोहित, रामपुरा सरपंच हड़वंतसिंह, महिलावास सरपंच भीखी देवी, पंचायत समिति सदस्य रूपाराम मौजूद थे।

सांसद ने की विधायक की तारीफ
सांसद हरीश चौधरी ने सिवाना विधायक कानसिंह कोटड़ी की तारीफ की। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि दो सौ विधायकों में से एक मात्र कानसिंह ऎसे विधायक है, जो सरल व सज्जन है, उनसे सीख लेनी चाहिए। सांसद ने कहा कि वे विकास के पक्षधर है और विवाद को हाथ जोड़ते हैं।

बालोतरा. ब्रह्मधाम तीर्थ आसोतरा में शनिवार को गेर नृत्य दलों ने अपनी प्रस्तुतियो से ऎसी रमझट मचाई कि मौजूद हर कोई सम्मोहित हो गया। भगवान ब्रह्मा सावित्री व गुरू खेताराम महाराज के मंदिर में पूजा अर्चना तथा गादीपति तुलसाराम महाराज से आशीर्वाद लेने के बाद आंगी व डांडिया गेर नृत्य दलों ने प्रस्तुतियां प्रारंभ की। गादीपति तुलसाराम महाराज ने गेर नर्तकों पर अबीर, गुलाल की बौछार कर आशीर्वाद प्रदान किया। विभिन्न गांवों से पहुंचे गेर दलों ने पारंपरिक वेशभूषा में मनभावन गेर नृत्य की प्रस्तुति देकर माहौल में चार चांद लगा दिए। गादीपति तुलसाराम महाराज ने सभी गेर दलों को आशीर्वाद प्रदान किया।

महामंडलेश्वर निर्मलदास महाराज, हनुमान बगेची बालोतरा गादीपति नारायणदास महाराज, उमरलाई महंत रामानंद सरस्वती महाराज ने भी गेरियों की हौंसला अफजाही करते हुए आशीर्वाद दिया। भारत पर्यटन विकास निगम लिमिटेड, जयपुर विरासत फाउंडेशन व डेजर्ट ट्रेडिशनल आर्ट एण्ड यूथ सेंटर के तत्वावधान में राज्य स्तरीय लोक विरासत होली फाग महोत्सव का शहर में रंगारंग आगाज हुआ। संस्था के सचिव प्रेमकुमार चौहान के अनुसार आठ दिवसीय इस आयोजन के दौरान गेर दलों द्वारा देर रात तक प्रस्तुतियां दी जाएगी।

सिवाना. ग्राम पंचायत इंद्राणा में राजपुरोहित समाज के तत्वावधान में गेर महोत्सव का रंगारंग आयोजन हुआ। ब्रह्मधाम गादीपति तुलसाराम महाराज, सिवाना गादीपति अभयराम महाराज, असाड़ा जोड़ सरोवर महंत परशुराम महाराज, महामंडलेश्वर निर्मलदास महाराज, मनमोहन महाराज हरिद्वार के साçन्नध्य में आयोजित गेर महोत्सव के दौरान गेर दलों ने लोक कला की ऎसी छटा बिखेरी कि हर कोई कायल हो गया।

हाशिए पर हकीकत

हाशिए पर हकीकत
बाड़मेर। बाड़मेर जिले को पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लंबे प्रयासों के बाद आशातीत छोड़ मामूली सफलता भी मिलती नजर नहीं आ रही है। पर्यटक इस जिले की ओर आकर्षित नहीं हो रहे हैं और प्रशासन हर साल इसके लिए रस्म अदायगी मे लगा है।

लोक गायकी
बाड़मेर की एक बड़ी पहचान है यहां की मांगणिहार लोक गायकी। मांगणिहार परिवारों की संतानों का यह जन्मजात गुण है। मुफलिसी मे जीने वाले इन कुनबों ने सात समंदर पार तक की यात्राएं अपनी इसी खूबी के कारण की है। बखूबी बड़े उस्तादों ने उनकी गायकी का लोहा माना है। इस गायकी को उभारने के प्रयास गैर सरकारी स्तर पर हुए है, लेकिन सरकारी तवज्जों की दरकार है। साल मे एक बार होने वाले थार महोत्सव में भी दूसरे कलाकारों का ज्यादा कब्जा होता है और यहां के गायक दर्शक दीर्घा में बैठे नजर आते हंै।

काष्ठ कला : सागवान और रोहिड़े की लकड़ी पर जब थार के काष्ठ कलाकारों के औजार चलते है तो इतनी बारीक और आकर्षक खुदाई करते हैं मानो पत्थर पर मीनाकारी कर रहे हों। फिर जो काष्ठकला के नमूने सामने आते है दांतों तले अंगुली दब जाती है। यह कला भी देश विदेश पर व्यवसायियों की कोशिशों से पहुंची है, लेकिन पर्यटक केवल इस कला को निखारने और कद्र करने के लिए बाड़मेर पहुंचे ऎसे प्रयास नहीं हुए है।

धोरों की नहीं कद्र
महाबार के ऊंचे धोरों पर माटी के झरने जैसा आकर्षक दृश्य बनता है। ढलती सांझ में सोने सी चमक देने वाले इन धोरों की याद भी केवल थार महोत्सव के एक दिन आती है। इसके अलावा यहां पर न तो पर्यटक आते हैं और न उनको लाने की चेष्टा होती है। रस्म अदायगी की परंपरा के चलते महाबार के धोरों ने आज तक वो तवज्जो नहीं पाई है जो सम के धोरों की ओर पर्यटकों की है। चौहटन के मखमली धोरे और अन्य कई जगह के धोरों की नैसर्गिक संुदरता को बिना कुछ सोचे समझे पेड़ पौधे लगाकर बनावटी बना दिया।

हाशिए पर किराडू
बारहवीं शताब्दी के स्थापत्य को अपने में समेटे किराडू बाड़मेर की अनमोल थाती है। पत्थरों पर की गई उस जमाने की महीन कारीगरी और बोलती प्रतिमाओं को देखते ही हर कोई आकर्षित हो जाता है। यह खिंचाव पर्यटकों के कदम भी खींच सकता है, लेकिन किराडू भी एक दिन के लिए थार महोत्सव में ही याद किया जाता है।

शिल्पग्राम की हो गई शाम
जिले की पर्यटन कला और संस्कृति को उभारने के लिए शिल्पग्राम की कल्पना की गई। इस पर लाखों रूपए खर्च किए गए। हाट बाजार स्थापित करने की बड़ी परिकल्पना की गई। शिल्पग्राम की इमारत भी खड़ी कर दी गई, लेकिन चार साल ये यह इमारत वीराने में खण्डहर हुई जा रही है। न कोई सार संभाल लेने वाला है और न ही कोई इसको लेकर सोचने वाला।