रविवार, 11 मार्च 2012

एक ऐसी मां, जो जानवरों के बच्चों को जन्म देती थी !

अठारहवीं सदी की इस घटना से पूरे ब्रिटेन को आश्चर्य में डाल दिया था। मेरी टॉफ्ट नामक महिला जानवरों के मरे हुए बच्चों को जन्म देती थी। सरे के गोडलमिंग की रहने वाली मेरी का जन्म 1701 में हुआ था। 1720 में उसकी जोशुआ टॉफ्ट से शादी हुई थी। गरीब मेरी खेतों में काम किया करती थी। 1726 की बात है वह गर्भवती थी, फिर भी काम पर जाया करती थी। ऐसे में कुछ गड़बड़ी हो गई और गर्भपात हो गया। उसने इसकी जानकारी किसी को नहीं दी।
 

सितंबर में प्रसव पीड़ा के समय बच्चे का जन्म नहीं हुआ। बच्चे की जगह मांस के टुकड़े देखने को मिले थे। उसने कहा कि ये जानवरों के अंग हैं। स्थानीय सर्जन जॉन हॉवर्ड के पास इन्हें जांच के लिए भेजा गया, लेकिन उन्होंने ऐसी राय जाहिर नहीं की। उन्होंने मेरी की भी जांच की, लेकिन कुछ पता नहीं चला।



इसके बाद भी कई बार उसने खरगोश और बिल्लियों के हाथ-पैरों को जन्म देने का दावा किया। यह खबर पूरे देश में फैल गई थी। आम आदमी ही नहीं ब्रिटेन के किंग जॉर्ज प्रथम भी सच्चई जानने के इच्छुक थे। उन्होंने राज परिवार का इलाज करने वाले सर्जन नैथानील सेंट एंड्रे को तहकीकात के लिए भेजा। एंड्रे ने कहा कि मामला सच्च है। इसके बाद भी राजा ने एक और सर्जन साएरिआकस एहलर को भेजा। मेरी को गहन अध्ययन के लिए लंदन लाया गया।



इस बार गर्भवती होने पर उसे सख्त निगरानी में रखा गया। इस बार मेरी ने किसी खरगोश के बच्चे को जन्म नहीं दिया। इतना ही नहीं उसने स्वीकार भी कर लिया कि ये सब झूठ था और उसे धोखाधड़ी के आरोप में जेल भेज दिया गया था। बाद में उसे मुकदमा चलाए बिना छोड़ दिया गया। सच्चई भले ही पता चल गई, लेकिन काफी समय तक ये राज बनी रही।

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