शनिवार, 7 जनवरी 2012

दीया मिर्जा को किया गया गिरफ्तार!


बॉलीवुड एक्ट्रेस दीया मिर्जा को मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शनिवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि बाद में उन्हें जुर्माना लगाने के बाद रिहा कर दिया गया।
सूत्रों के अनुसार दीया थाई एयरवेज की फ्लाइट से बैंकॉक से मुंबई आईं थीं। एयरपोर्ट पर मौजूद सूत्र ने बताया कि दीया जब ग्रीन चैनल से गुजर रहीं थीं तभी कस्टम अधिकारियों की टीम ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
सूत्र ने बताया कि दीया दो लाख से ज्यादा कीमत के ब्रांडेड बैग्स व कॉस्मेटिक आइटम्स लेकर आईं थीं। इन सामानों को बिना बताए ही वे ग्रीन चैनल से निकलने की फिराक में थीं। जब अधिकारियों ने उन्हें रोक कर 50 हजार रूपए का जुर्माना लगाया तब उन्होंने शांति के साथ इसे अदा कर दिया।
सूत्र ने बताया कि दीया पर ड्यूटी शुल्क नहीं चुकाने व चोरी का मामला दर्ज किया गया व पेनाल्टी लगाई गई।

मुखबिर देंगे बिटिया की खबर

मुखबिर देंगे बिटिया की खबर

भरतपुर  गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन प्रतिषेध अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन में जन सहयोग प्राप्त करने की दृष्टि से मुखबिर योजना प्रारंभ की गई है।

जिला कलक्टर गौरव गोयल ने जिले में मुखबिर योजना के प्रभावी उपयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए बताया कि 2001 की जनगणना में जहां लिंगानुपात 909 था वहीं वर्ष 2011 में यह 26 अंक गिरकर 833 रह गया जो चिंतनीय है। उन्होंने बताया कि प्रारंभ की गई मुखबिर योजना के तहत गैर कानूनी तौर पर लिंग परीक्षण एवं कन्या भ्रूण हत्या जैसे कार्यो में संलिप्त व्यक्ति व चिकित्सकों के संबंध में सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गुप्त रखते हुए सूचना सही पाए जाने पर उसे पुरस्कार दिया जाएगा ताकि गैर कानूनी कार्यो में संलिप्त व्यक्तियों व चिकित्सकों को दंडित कराया जा सके।

उन्होंने कहा कि गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक के दुरुपयोग को रोकने और भ्रूण का लिंग परीक्षण कर बेटियों को जन्म लेने से रोकने की दृष्टि से आमजन से सूचना प्राप्त कर दोषी व्यक्तियों को दंडित किया जा सकेगा। जिला कलक्टर गोयल ने बताया कि मुखबिर के रूप में लिंग परीक्षण की शिकायत सत्य पाए जाने पर उस व्यक्ति को 25 हजार रुपए की राशि पुरस्कार में प्रदान की जाएगी और उस प्रकरण में अभियुक्त के विरुद्घ आरोप विरचित होने के पश्चात 25 हजार रुपए का अतिरिक्त पुरस्कार दिया जाएगा।

न्यूज़ इनबॉक्स जालोर-भीनमाल ...शनिवार. ७ जनवरी, २०१२ अपराध संवाददाता ..

बहिष्कृत करने पर ३४ पंचों के खिलाफ मामला दर्ज

करड़ा शादी के विवाद के मामले को लेकर हुक्का पानी बंद करने की धमकी देने समेत जातीय पंचों द्वारा परिवार को समाज से बहिष्कृत करने के मामले में पुलिस ने ३४ पंचों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एएसआई बद्रीदान ने बताया की मामले के अनुसार करड़ा निवासी दरगाराम पुत्र हरनाथाराम देवासी के पुत्र जूठाराम का विवाह वणधर निवासी प्रभुराम की पुत्री लीला से १५ नवंबर को हुआ था। जबकि बिजलाराम, रेवाराम, रूपाराम, सूरताराम, रोमेगाराम, हाजाराम, सवाराम, लखमाराम, सूरताराम, ओखाराम व अनाराम समेत अन्य पंच लीला का विवाह चाटवाड़ा निवासी अणदाराम के पुत्र जीवा के साथ करवाना चाहते थे।

प्रभुराम ने पुत्री की शादी दरगाराम के पुत्र के साथ कर दी, जिससे पंच नाराज हो गए। जिसके बाद सभी पंचों ने बैठक कर दरगाराम के परिवार व भाई बंधुओं से आर्थिक दंड के रूप में पांच लाख रुपए मांगे। रुपए नहीं देने पर पंचों ने उन्हें समाज से बहिष्कृत करते हुए उनका हुक्का पानी बंद कर दिया। पुलिस ने पंचों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की।


धोखाधड़ी का मामला दर्ज

 आहोर पुलिस थाना आहोर में शुक्रवार को एक जने ने दो महिलाओं सहित एक व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस के अनुसार आहोर निवासी प्रवीण कुमार पुत्र रिखबचंद सेवग ने मामला दर्ज करवाया कि उसका खेत जोधपुर मार्ग पर आया हुआ है। खेत पर आहोर निवासी प्यारी देवी पत्नी लालचंद जैन, त्रिशला देवी पत्नी भैरूमल जैन एवं महेन्द्रसिंह पुत्र भैरूसिंह राजपूत ने अनाधिकृत कब्जा कर फर्जी दस्तावेज बनवाकर धोखाधड़ी की है। थानाधिकारी कैलाशदान बाहरठ ने मामला दर्ज कर जांच एसआई पदमाराम को दी।

राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला

जालोर राजकार्य में बाधा पहुंचाने का मामला कोतवाली थाने में दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार भंवरानी निवासी हाल आंवलोज पटवारी भैराराम घांची ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि रटूजा निवासी देवीसिंह पुत्र अनोपसिंह राजपूत ने राजकार्य में बाधा पहुंचाई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।



झुलसी विवाहिता ने उपचार के दौरान दम तोड़ा

आहोर निकटवर्ती तरवाड़ा गांव में आत्महत्या के प्रयास में झुलसी एक विवाहिता ने जोधपुर के अस्पताल में दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार तरवाड़ा गांव निवासी नेकू देवी पत्नी हरीराम मीणा ने ३१ दिसबंर को अपने घर में केरोसीन उड़ेलकर आत्मदाह का प्रयास किया था। जिसका उपचार जोधपुर के मथुरादास अस्पताल में चल रहा था। उपचार के दौरान गुरूवार को नेकू देवी ने दम तोड़ दिया। थाने के एएसआई नारायणसिंह भाटी ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।

शराबी वाहन चालक गिरफ्तार

आहोर कस्बे के बस स्टैंड मार्ग पर गुरूवार देर शाम को आहोर पुलिस ने एक युवक को शराब के नशे में धुत होकर बाइक चलाते हुए गिरफ्तार कर बाइक जब्त की। पुलिस के अनुसार वेडिया निवासी हितेश उर्फ हस्तीमल पुत्र सांवला राम भील शराब के नशे में बाइक चला रहा था। जिस पर एएसआई कुंदनसिंह देवड़ा ने उसे गिरफ्तार कर लिया।


हाई वॉल्टेज से जले उपकरण

चितलवाना निकटवर्ती केरिया गांव में बिजली लाइनों में वॉल्टेज के उतार-चढ़ाव व फॉल्ट होने के कारण ग्रामीणों को परेशानी हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि बिजली लाइनों के झूलते तार और फॅल्ट के कारण ग्रामीणों को करंट के झटके लग रहे हैं। वहीं हाई वॉल्टेज के कारण कई बिजली उपकरण भी जल रहे हैं। ग्रामीण विजेश कुमार ने बताया कि शुक्रवार को भी हाई वॉल्टेज आने से कई उपकरण जल गए।

डोडा पोस्त बरामद
सांचौर पुलिस ने शहर के बिजली घर के समीप से एक ट्रक की तलाशी के दौरान उसमें से १६ किलो डोडा पोस्त बरामद किया है। पुलिस ने बताया कि मुखबीर की सूचना पर आरोपी भोलूवाड़ा रोड़ फरीदकोट पंजाब निवासी बाघसिंह पुत्र जीतसिंह ट्रक में 16 किलो डोडा पोस्त लेकर जा रहा था। सूचना पर पुलिस ने नाकाबंदी कर डोडा पोस्त बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

अपहरण का मामला दर्ज

बागोड़ा डरा धमकाकर कार में डालकर अपहरण कर ले जाने का मामला बागोड़ा थाने में दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार धुंबडिय़ा निवासी नगराज घांची ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि आरोपी भवानीसिंह कसाना उसकी शादी सुदा पुत्री व उसके 4 वर्ष के पुत्र को डरा धमका कर कार में डालकर अपहरण कर ले गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

बाड़मेर..बाड़मेर पुलिस आज की ताजा खबर. शनिवार, ७ जनवरी, 201२

 
12 को किया तड़ीपार

बाड़मेर  राजस्थान गुंडा नियंत्रण अधिनियम के तहत अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट बाड़मेर ने 12 को जिले से तड़ीपार (निष्कासित) करने के आदेश दिए।

एडीएम अरुण पुरोहित ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई पुलिस की ओर से चलाई जा रही है। इसी कार्रवाई के तहत बाड़मेर पुलिस की ओर से 12 गुंडों को जिले से तड़ीपार करने का इस्तगासा पेश किया गया था। इस पर हिंगोल सिंह पुत्र धनसिंह निवासी माहबार (सदर), मदनसिंह पुत्र शंकरसिंह निवासी चौहटन, चंदनसिंह पुत्र दीपसिंह धोनिया (चौहटन), कमल पुत्र तुलसी दास निवासी माहेश्वरी भवन के पीछे बाड़मेर (कोतवाली), मोहनपुरी पुत्र बाग पुरी निवासी शास्त्री नगर बाड़मेर (कोतवाली), हिंदूसिंह पुत्र रावतसिंह निवासी शास्त्रीनगर बाड़मेर (कोतवाली), गोविंद राम पुत्र टेकचंद निवासी नेहरू नगर बाड़मेर (कोतवाली), सुरेश कुमार पुत्र हंजारीमल निवासी सुभाष चौक बाड़मेर (कोतवाली), शंकरलाल पुत्र मोहनलाल निवासी चौहटन रोड बाड़मेर (कोतवाली), तुलसी दास पुत्र गेहीमल निवासी माहेश्वरी भवन के पीछे बाड़मेर (कोतवाली) व जितेंद्र पुत्र जवारा राम निवासी इंद्रा कॉलोनी बाड़मेर (कोतवाली) को बाड़मेर जिले से जैसलमेर जिले में निष्कासन किया गया है। वहीं रमेशकुमार पुत्र भीखाराम सांसी कॉलोनी बालोतरा को बाड़मेर से जोधपुर जिले में निष्कासित किया गया है। इन सभी को निष्कासन के दौरान संबंधित जिले की पुलिस को हाजिरी देनी होगी। उन्होंने अपील की कि बाड़मेर जिले से निष्कासित व्यक्ति कहीं घूमते पाए जाने पर संबंधित पुलिस व जिला पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित करें।


ट्रक से 79 कार्टन अंग्रेजी शराब बरामद

चालक गिरफ्तार, ट्रक गुजरात की तरफ जा रहा था
 
गुड़ामालानी (बाड़मेर) मेगा स्टेट हाइवे पर रामजी का गोल सरहद में शुक्रवार को संदेह के आधार पर पकड़े गए ट्रक में 79 कार्टन हरियाणा निर्मित अवैध शराब मिली। गुड़ामालानी थाना पुलिस ने चालक को गिरफ्तार कर ट्रक कब्जे में लिया और मामला दर्ज किया। पुलिस के अनुसार एसपी के निर्देशानुसार चलाए जा रहे अभियान के तहत मुखबिर से इत्तला मिली कि ट्रक नं. जी जे 2 यू 9294 में अवैध शराब गुजरात की ओर ले जा रहे हैं। सब इंस्पेक्टर राजू सिंह, हैड कांस्टेबल भला राम, भैराराम व कांस्टेबल पूनमचंद, मूलसिंह, भागीरथराम आदि ने रामजी का गोल पर नाकाबंदी कर ट्रक रुकवाकर तलाशी ली। ट्रक के केबिन व बॉडी के बीच बनाए गए खांचे में अंग्रेजी शराब के 79 कार्टन छिपाकर रखे मिले। पुलिस ने ट्रक चालक जोधाराम पुत्र खीमाराम विश्नोई निवासी कपासीया रणोदर (चितलवाना) को गिरफ्तार कर पूछताछ की। चालक ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि शराब गुजरात की किसी पार्टी को पहुंचानी थी।


दुष्कर्म का मामला दर्ज

सिणधरी सड़ा झुंड गांव में शुक्रवार दोपहर एक बजे मासूम के साथ दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज हुआ। पुलिस के अनुसार सडा झुंड निवासी एक नौ वर्षीय बच्ची लकडिय़ां लेने गई थी। इसी दौरान कस्बा निवासी युवक अमेदाराम ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। बच्ची के चिल्लाने पर उसकी मां मौके पर पहुंची। बच्ची का सिणधरी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

तारों की चपेट में आया चारे से भरा ट्रक

राखीमोतीसरा गांव में शुक्रवार शाम ६.३० बजे चारे से भरा एक ट्रक झूलते बिजली के तारों की चपेट में आ गया। जिससे पूरे गांव में बिजली आपूर्ति बंद हो गई। मोतीसरा निवासी तगाराम बामणिया ने बताया कि डाबली से मोतीसरा होकर मोकलसर की ओर जा रहा ट्रक आरजे १९ जीए २६२८ बिजली के तारों की चपेट में आ गया। इससे गांव में बिजली आपूर्ति बंद होने के साथ ही गांव में बल्ब, ट्यूबलाइट सहित बिजली के उपकरण जल गए। ट्रक वाले की ओर से गलती मान लेने पर उसे ग्रामीणों ने छोड़ दिया। वहीं अधिकारियों के फोन बंद होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो पाया।



चोरी का आरोपी गिरफ्तार

गहने बरामद, एक साल पहले मकान में सेंध लगाकर किया हाथ साफ






बालोतरा बालोतरा पुलिस दल की ओर से शुक्रवार को एक साल पूर्व हुई चोरी के मामले के आरोपी को गिरफ्तार कर उसके पास से गहने बरामद किए। एएसआई शेराराम ने बताया कि रमजान खां पुत्र अलादीन खां निवासी पलीना लोहावट जोधपुर ग्रामीण को 3 जनवरी को मेड़ता सिटी से गिरफ्तार कर पीसी रिमांड पर लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी की निशानदेही पर उसके घर से पुलिस ने चोरी किए गए करीब १०-१५ तोला सोना व एक से डेढ़ किलो चांदी के गहने बरामद किए। उन्होंने बताया कि आरोपी के पास से 8 जनवरी 2011 को गांधीपुरा निवासी जगदीश पंवार व खेतेश्वर कॉलोनी निवासी गौतम ओस्तवाल के घर पर चोरी की गई थी।

भंवरी की हत्या के बाद सुबूत मिटाने में पूर्व एसपी ने की थी मदद?

 

क्या एक रिटायर्ड अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ने भंवरी देवी के कथित कातिलों की सुबूत मिटाने में पूरी मदद की थी? भंवरी देवी मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राजस्थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के करीबी एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी से भंवरी के अपहरण और हत्या के सिलसिले में पूछताछ की है।



एएसपी से पूछताछ में जुटे अधिकारियों का मानना है कि सुपारी लेने वाले हत्यारे उस तरह से सुबूत मिटाने और पूरे हत्याकांड को छुपाने की कोशिश नहीं कर पाते, जैसा उन्होंने किया है। इसलिए इस बात की पूरी आशंका है कि उन्हें किसी ने सलाह दी है, जिसे पुलिस के जांच के तरीके और नियम कानून की पूरी जानकारी है। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'सुबूतों को तकरीबन पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।' करीब 50 गोताखोर और 150 पुलिसवाले आज जोधपुर से 100 किलोमीटर दूर जलोड़ा गांव के पास राजीव गांधी नहर में सुबूतों की तलाश जारी रखेंगे।



शुक्रवार को गोताखोरों ने एक बैग में बेसबॉल का बल्ला, जली हड्डियों के टुकड़े, दो देसी कट्टे, छुरा भी बरामद किया था। नहर में शुक्रवार को सारे सुबूत पचास मीटर के दायरे में ही मिल गए। सर्च अभियान पूरे दिन चला, लेकिन भंवरी की वह घड़ी नहीं मिली, जिसे आरोपियों ने पानी में फेंकना बताया था। सीएफएसएल की टीम हड्डियों को डीएनए जांच के लिए दिल्ली ले गई है। अब भंवरी के घर से लिए बाल और हड्डियों के डीएनए का मिलान किया जाएगा।



राजस्थान की वीर- नारियाँ


राजस्थान की वीर- नारियाँ
भारतीय संस्कृति में राजस्थान का नाम अपनी एक अलग पहचान रखता है। यहाँ की वीर - भावना जग प्रसिद्ध है। राजस्थान के लिए ‘वीर भोग्या वसुन्धरा’ का उच्चारण किया जाता है। देश प्रेम की उत्कृष्ट भावना यहाँ के कण कण में मौजूद है। इस मरूधरा के खेतों में फसलों के साथ साथ अजेय तलवारों की फसलें भी उपजी है। यहाँ के नर नारी सदैव ‘जल मर जावे नारियाँ, नर मर जावे कट्ट’ की कहावत को चरितार्थ करते आए हैं।
राजकुमारी रत्नावती :- जैसलमेर-नरेश महारावल रत्नसिंह अपने किले से बाहर राज्य के शत्रुओं का दमन करने गये थे। जैसलमेर-किले की रक्षा उन्होंने अपनी पुत्री रत्नावती को सौंप दी थी। इसी दौरान दिल्ली के बादशाह अलाउद्दीन की सेना ने घेर लिया, जिसका सेनापति मलिक काफूर था। किले के चारों ओर मुगल सेना ने घेरा डाल लिया किन्तु राजकुमारी रत्नावती इससे घबरायी नहीं और सैनिक वेश में घोड़े पर बैठी किले के बुर्जों व अन्य स्थानों पर घूम-घूम कर सेना का संचालन करती रही।

रत्नावती की फुर्ती, जागरूकता व कौशल के कारण मुगल सेना चाहकर भी आक्रमण न कर सकी और उसे अपने बहुत से वीर खोकर पीछे हटना पड़ा। जब मुगल सैनिकों ने देखा कि किले को तोड़ा नहीं जा सकता, तब एक दिन बहुत-से सैनिक किले की दीवारों पर चढ़ने लगे। रत्नावती ने रणनीतिक कौशल का प्रयोग करते हुए पहले तो अपने सैनिक हटा लिए और उन्हें चढ़ने दिया, वे जब दीवार पर चढ़ आये तब उसने उनके ऊपर पत्थर बरसाने व गरम तेल डालने की आज्ञा दे दी, इससे शत्रु का वह दल नष्ट हो गया।

एक दिन एक मुगल सैनिक छिपकर रात में किले पर चढ़ने लगा किन्तु राजकुमारी रत्नावती की नजरों से बचना संभव न था। उस सैनिक ने पहले तो यह कहकर धोखा देना चाहा, ``मैं तुम्हारे पिता का संदेश लाया हू¡।´ किंतु रत्नावती धोखे में आने वाली नहीं थी, उसने उस शत्रु-सैनिक को बाणों से बींध दिया।

मुगल सेनापति मलिक काफूर ने यह सोचकर कि वीरता से जैसलमेर का किला जीतना कठिन है। उसने बूढ़े द्वारपाल को सोने की ईंटें दीं और कहा कि वह रात को किले का फाटक खोल दे। द्वारपाल ने रत्नावती को यह बात बतला दी। रत्नावती ने द्वारपाल को रात में किले का फाटक खोलने के लिए कह दिया।

आधी रात को मलिक काफूर सौ सैनिकों के साथ किले के फाटक पर आया। बूढ़े द्वारपाल ने रत्नावती के निर्देशानुसार फाटक खोलकर उन्हें अन्दर घुसा लिया और फाटक बन्द करके उन्हें रास्ता दिखाता हुआ आगे ले चला। थोड़ी दूर आगे जाकर वह किसी गुप्त मार्ग से गायब हो गया। मलिक काफूर व उसके सैनिक हैरान रह गये। किले के बुर्ज पर खड़ी राजकुमारी को हंसते देखकर वे समझ गये कि उन्हें कैद कर लिया गया है।

सेनापति के पकड़े जाने पर मुगल सेना ने किले को घेर लिया। किले के भीतर का अन्न समाप्त होने लगा। राजपूत सैनिक उपवास करने लगे। रत्नावती भूख से दुर्बल होकर पीली पड़ गयी किन्तु ऐसे संकट में भी उसने राज-धर्म का पालन किया। अपने यहाँ कैद शत्रुओं को पीड़ा नहीं दी। रत्नावती अपने सैनिकों को रोज एक मुट्ठी अन्न देती थी, किंतु मुगल बंदियों को दो मुट्ठी अन्न रोज दिया जाता था।

अलाउद्दीन को जब पता लगा कि जैसलमेर किले में सेनापति कैद है और किले को जीतने की आशा नहीं है तो उसने महारावल रत्नसिंह के पास संधि-प्रस्ताव भेजा। राजकुमारी ने एक दिन देखा मुगल सेना अपने तम्बू-डेरे उखाड़ रही है और उसके पिता अपने सैनिकों के साथ चले आ रहे हैं। मलिक काफूर जब किले से छोड़ा गया तो उसने कहा-`राजकुमारी साधारण लड़की नहीं, वे वीरांगना तो हैं ही, देवी भी हैं। उन्होंने खुद भूखी रहकर हम लोगों का पालन किया है। वे तो पूजा करने योग्य हैं।´

विद्युल्लता :- विद्युल्लता चित्तौड़ के एक सरदार की कन्या थी जिसकी सगाई समरसिंह नाम के राजपूत सरदार के साथ हो गयी थी। दोनों के विवाह की तैयारी चल रहीं थी कि चित्तौड़ पर अलाउद्दीन ने आक्रमण कर दिया। समरसिंह को अपने देश की रक्षा के लिए युद्ध में जाना पड़ा। विद्युल्लता एकान्त में रहती व अपने पति का चिन्तन किया करती।

एक दिन चांदनी रात में समरसिंह विद्युल्लता के घर आया और अकेले में उससे मिलकर बोला` `मुझे लगता है कि अब थोड़े दिनों में ही चित्तौड़ मुगलों के हाथ में चला जायगा। मुसलमान सैनिक बहुत अधिक हैं, अत: राजपूतों को हारना ही पड़ेगा। अत: मेरी इच्छा है कि हम-तुम कहीं दूर भाग चलें।´

विद्युल्लता गरज उठी-`तुम सोचते हो, मैं तुम्हारे जैसे कायर से विवाह करूंगी ? कोई राजपूत-कुमारी युद्ध के भगोड़े पर थूकना भी न चाहेगी। तुम्हें मेरा हाथ पकड़ना है तो युद्ध में जाकर अपनी वीरता दिखाओ। युद्ध में मारे गये तो सती होकर स्वर्ग में, मैं तुमसे मिलूंगी ।´ विद्युल्लता समरसिंह को फटकार कर अपने घर चली गयी।

समरसिंह निराश होकर लौट पड़ा। वह अलाउद्दीन की सेना से डर गया था। वह विद्युल्लता की सुन्दरता पर मोहित था। अत: मरने से डर लगता था। उसने सोचा युद्ध समाप्त होने पर विद्युल्लता उसे मिल सकती है। वह शत्रुओं से मिल गया।

जब अलाउद्दीन ने चित्तौड़ जीत लिया समरसिंह मुगल सैनिकों के साथ विद्युल्लता से मिलने चला। विद्युल्लता ने समरसिंह को मुगल सैनिकों के साथ आते देखा तो वह समझ गयी कि यह देशद्रोही है। पास पहुंचकर समरिंसंह ने विद्युल्लता का हाथ पकड़ना चाहा, किंतु वह पीछे हट गयी और डांटकर बोली-`अधम देशद्रोही! मेरे शरीर को स्पर्श कर मुझे अपवित्र मत कर। शत्रुओं से मिलकर मेरे पास आते हुए तुझे लज्जा नहीं आयी? जा, कहीं चुल्लू भर पानी में डूब मर। विश्वासघाती कायरों के लिए यहाँ स्थान नहीं है।´

समरसिंह विजय के घमण्ड में था। वह विद्युल्लता को पकड़ने के लिए आगे बढ़ा, लेकिन विद्युल्लता ने अपनी कटार खींच ली और अपनी छाती में दे मारी और दिव्य लोक को प्रस्थान किया। समरसिंह के हाथ लगा केवल उसका प्राणहीन शरीर और देश से विश्वासघात करने का कलंक। इस प्रकार स्वाभिमानी वीरांगना ने देशद्रोही को पति स्वीकार कर ऐश्वर्य भोगने की अपेक्षा मृत्यु का वरण करना उचित समझा।

वीरांगना कृष्णा :- मेवाड़ महाराजा भीमसिंह की पुत्री कृष्णा अत्यन्त सुन्दरी थी। जयपुर और जोधपुर के नरेशों ने उससे विवाह करने की इच्छा प्रकट की थी। मेवाड़ महाराणा ने सब बातों पर विचार करके जोधपुर नरेश के यहाँ कृष्णा की सगाई भेजी। जयपुर नरेश इस बात से चिढ़ गये और चित्तौड़ पर चढ़ाई करने की तैयारी करने लगे।

जोधपुर-नरेश इस बात को कैसे सहन करते कि उनके साथ सगाई करने के कारण चित्तौड़ पर आक्रमण हो। अत: जयपुर और जोधपुर राज्यों के बीच युद्ध ठन गया। जयपुर नरेश जोधपुर को हराने में सफल रहे। अब उन्होंने मेवाड़-नरेश के पास सन्देश भेजा कि अपनी पुत्री का विवाह वे उनसे कर दें।

मेवाड़ के महाराणा ने उत्तर दिया- `मेरी पुत्री कोई भेड़-बकरी नहीं है कि लाठी चलाने वालों में जो जीते, वह घेर ले जाय। मैं उसके भले-बुरे का विचार करके ही उसका विवाह करूंगा। ´

जयपुर-नरेश ने मेवाड़ के पास पड़ाव डाल दिया और कहला भेजा-`कृष्णा अब मेवाड़ में नहीं रह सकती। या तो उसे मेरी रानी बनकर रहना होगा या मेरे सामने से उसकी लाश ही निकलेगी।´ मेवाड़ की छोटी सेना जयपुर-नरेश का युद्ध में सामना नहीं कर सकती थी, किन्तु धमकी पर पुत्री को देना तो देश के पराजय से भी बड़ा अपमान था। अन्त में महाराणा भीमसिंह ने जयपुर नरेश की बात पकड़ ली- `कृष्णा की लाश ही निकलेगी।´

राजमहल में हा-हाकार मच गया। कृष्णा ने जब यह सुना तो वह ऐसी प्रसन्न हुई, जैसे उसे कोई बहुत बड़ा उपहार मिल गया हो। उसने अपनी माँ को समझाया- `माँ! आप क्षत्राणी होकर रोती हो? अपने देश के सम्मान के लिए मर जाने से अच्छी बात क्या हो सकती है? माँ! तुम्हीं तो बार-बार कहा करती थीं कि देश के लिए मर जाने वाला धन्य है। देवता भी उसकी पूजा करते हैं।´

अपने पिता महाराणा से उस वीर बालिका ने कहा-`पिताजी! आप राजपूत हैं, पुरुष हैं और फिर भी रोते हैं? चित्तौड़ के सम्मान की रक्षा के लिए तो मैं सौ-सौ बार मरने के लिए तैयार हूँ । मुझे विष का प्याला दीजिये।´

कृष्णा को विष का प्याला दिया गया, जिसे वह गटागट पी गई। जब कृष्णा की लाश निकली उस बलिदानी बालिका के लिए जयपुर-नरेश ने भी हाथ जोड़कर सिर झुका दिया और उनकी आंखों से भी आंसू टपकने लगे।

वीर बाला चम्पा :- महाराणा प्रताप परिस्थितियों के कारण वन-वन भटक रहे थे किन्तु उन्होंने मुगलों के सामने झुकना मंजूर नहीं किया। महाराणा को बच्चों के साथ दिन रात पैदल चलना पड़ता था। बहुधा बच्चों को उपवास करना पड़ता था। तीन-तीन, चार-चार दिन जंगली बेर व घास की रोटियों पर निकल जाते। कई बार ऐसा अवसर भी आता कि घास की रोटियां भी बनाते-बनाते छोड़कर भागने को विवश होना पड़ता।

महाराणा की पुत्री चम्पा ग्यारह वर्ष की थी। चम्पा एक दिन अपने चार-वर्षीय भाई के साथ नदी किनारे खेल रही थी। कुमार को भूख लगी थी। वह रोटी मांगते हुए रोने लगा। उस चार वर्ष के बच्चे में समझ कहां थी कि उसके माता-पिता के पास अपने युवराज के लिए रोटी का टुकड़ा भी नहीं है। चम्पा ने अपने भाई को कहानी सुनाकर व फूलों की माला पहनाकर बहला दिया। राजकुमार भूखा ही सो गया।

चम्पा जब अपने छोटे भाई को गोद में लेकर माता के पास सुलाने आई तो महाराणा को चिन्ता में डूबे हुए देखकर बोली, ``पिताजी! आप चिन्तित क्यों हैं?´´ `बेटी! हमारे यहां एक अतिथि पधारे हैं। आज ऐसा भी दिन आ गया है कि चित्तौड़ के राणा के यहां से अतिथि भूखा चला जाय।´ महाराणा ने उत्तर दिया।

चम्पा बोली, `पिताजी! आप चिन्ता न करें! हमारे यहां से अतिथि भूखा नहीं जायेगा। आपने मुझे कल जो दो रोटियां दी थीं, वे मैंने भाई के लिए बचा कर रखीं थीं, वह सो गया है। मुझे भूख नहीं है। आप उन रोटियों को अतिथि को दे दीजिये।´ पत्थर के नीचे दबाकर रखी घास की रोटियां पत्थर हटाकर चम्पा ले आई। थोड़ी सी चटनी के साथ वे रोटियां अतिथि को दे दी गयीं। अतिथि रोटी खाकर चला गया।

महाराणा बेटी के त्याग को देखकर द्रवित हो उठे, उनसे अपने बच्चों का कष्ट देखा नहीं गया। उस दिन उन्होंने अकबर की अधीनता स्वीकार करने के लिए पत्र लिख दिया। ग्यारह-वर्षीय सुकुमार बालिका चम्पा दो-चार दिन में तो घास की रोटी पाती थी और उसे भी बचाकर रख लिया करती थी। अपने भाग की रोटी वह अपने भाई को थोड़ी-थोड़ी करके खिला देती थी। भूख के मारे वह स्वयं दुर्बल व कृश-काय हो गई थी। उस दिन अतिथि को रोटियां देने के बाद वह मूर्छित भी हो गयी।

महाराणा ने उसे गोद में उठाते हुए रोकर कहा- `मेरी बेटी! अब मैं तुझे और कष्ट नहीं दूंगा। मैंने अकबर को पत्र लिख दिया है।´ यह सुनकर चम्पा मूर्छा में भी चौक पड़ी, बोली, `पिताजी! आप यह क्या कहते हैं? हमें मरने से बचाने के लिए आप अकबर के दास बनेंगे? पिताजी! हम सब क्या कभी मरेंगे नहीं? पिताजी! देश को नीचा मत दिखाइये! देश और जाति की गौरव-रक्षा के लिए लाखों लोगों का मर जाना भी उत्तम है। पिताजी! आपको मेरी शपथ है, आप अकबर की अधीनता कभी स्वीकार न करें।´ बेचारी चम्पा महाराणा की गोद में ही सदा के लिए चुप हो गयी।

कहा जाता है जब अकबर के दरबार में महाराणा का पत्र पहुंचा तो पत्र देखकर पृथ्वीराजजी ने पत्र की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए महाराणा को पत्र लिखा और उसे पढ़कर महाराणा ने अकबर की अधीनता स्वीकार करने का विचार त्याग दिया। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि बालिका चम्पा ने अपने बलिदान से ही महाराणा को दृढ़ता देकर हिंदुकुल गौरव की रक्षा की।

ॐ "जय शनि देव" शनिवार व्रत कथा---


 

एक समय में स्वर्गलोक में सबसे बड़ा कौन के प्रश्न पर नौ ग्रहों में वाद-विवाद हो गया. यह विवाद इतना बढ़ा की आपस में भयंकर युद्ध की स्थिति बन गई. निर्णय के लिए सभी देवता देवराज इन्द्र के पास पहुंचे और बोले- हे देवराज, आपको निर्णय करना होगा कि हममें से सबसे बड़ा कौन है. देवताओं का प्रश्न सुन इन्द्र उलझन में पड़ गए, फिर उन्होंने सभी को पृथ्वीलोक में उज्जयिनी नगरी में राजा विक्रमादित्य के पास चलने का सुझाव दिया.

उज्जयिनी पहुंचकर जब देवताओं ने अपना प्रश्न राजा विक्रमादित्य से पूछा तो वह भी कुछ देर के लिए परेशान हो उठे क्योंकि सभी देवता अपनी-2 शक्तियों के कारण महान थे. किसी को भी छोटा या बड़ा कह देने से उनके क्रोध के प्रकोप से भयंकर हानि पहुंच सकती थी. अचानक राजा विक्रमादित्य को एक उपाय सूझा और उन्होंने विभिन्न धातुओं- सोना, चांदी, कांसा, तांबा, सीसा, रांगा, जस्ता, अभ्रक व लोहे के नौ आसन बनवाए. धातुओं के गुणों के अनुसार सभी आसनों को एक-दूसरे के पीछे रखवाकर उन्होंने सभी देवताओं को अपने-अपने सिंहासन पर बैठने को कहा.

देवताओं के बैठने के बाद राजा विक्रमादित्य ने कहा- आपका निर्णय तो स्वयं हो गया. जो सबसे पहले सिंहासन पर विराजमान है, वहीं सबसे बड़ा है. राजा विक्रमादित्य के निर्णय को सुनकर शनि देवता ने सबसे पीछे आसन पर बैठने के कारण अपने को छोटा जानकर क्रोधित होकर कहा- हे राजन, तुमने मुझे सबसे पीछे बैठाकर मेरा अपमान किया है. तुम मेरी शक्तियों से परिचित नहीं हो, मैं तुम्हारा सर्वनाश कर दूंगा. शनि देव ने कहा- सूर्य एक राशि पर एक महीने, चन्द्रमा सवा दो दिन, मंगल डेढ़ महीने, बुध और शुक्र एक महीने, वृहस्पति तेरह महीने रहते हैं, लेकिन मैं किसी भी राशि पर साढ़े सात वर्ष तक रहता हूं. बड़े-बड़े देवताओं को मैंने अपने प्रकोप से पीड़ित किया है अब तू भी मेरे प्रकोप से नहीं बचेगा. इसके बाद अन्य ग्रहों के देवता तो प्रसन्नता के साथ चले गए, परन्तु शनिदेव बड़े क्रोध के साथ वहां से विदा हुए.

विक्रमादित्य से बदला लेने के लिए एक दिन शनिदेव ने घोड़े के व्यापारी का रूप धारण किया और बहुत से घोड़ों के साथ उज्जयिनी नगरी पहुंचे. राजा विक्रमादित्य ने राज्य में किसी घोड़े के व्यापारी के आने का समाचार सुना तो अपने अश्वपाल को कुछ घोड़े खरीदने को भेजा. घोड़े बहुत कीमती थे. अश्वपाल ने जब वापस लौटकर इस बारे में राजा विक्रमादित्य को बताया तो वह खुद आकर एक सुन्दर और शक्तिशाली घोड़ा पसंद किया.

घोड़े की चाल देखने के लिए राजा जैसे ही उस घोड़े पर सवार हुए वह बिजली की गति से दौड़ पड़ा. तेजी से दौड़ता हुआ घोड़ा राजा को दूर एक जंगल में ले गया और फिर वहां राजा को गिराकर गायब हो गया. राजा अपने नगर लौटने के लिए जंगल में भटकने लगा पर उसे कोई रास्ता नहीं मिला. राजा को भूख प्यास लग आई. बहुत घूमने पर उसे एक चरवाहा मिला. राजा ने उससे पानी मांगा. पानी पीकर राजा ने उस चरवाहे को अपनी अंगूठी दे दी और उससे रास्ता पूछकर जंगल से निकलकर पास के नगर में चला गया.

नगर पहुंच कर राजा एक सेठ की दुकान पर बैठकर कुछ देर आराम किया. राजा के कुछ देर दुकान पर बैठने से सेठजी की बहुत बिक्री हुई. सेठ ने राजा को भाग्यवान समझा और उसे अपने घर भोजन पर ले गया. सेठ के घर में सोने का एक हार खूंटी पर लटका हुआ था. राजा को उस कमरे में छोड़कर सेठ कुछ देर के लिए बाहर चला गया. तभी एक आश्चर्यजनक घटना घटी. राजा के देखते-देखते सोने के उस हार को खूंटी निगल गई. सेठ ने जब हार गायब देखा तो उसने चोरी का संदेह राजा पर किया और अपने नौकरों से कहा कि इस परदेशी को रस्सियों से बांधकर नगर के राजा के पास ले चलो. राजा ने विक्रमादित्य से हार के बारे में पूछा तो उसने बताया कि खूंटी ने हार को निगल लिया. इस पर राजा क्रोधित होकर चोरी करने के अपराध में विक्रमादित्य के हाथ-पांव काटने का आदेश दे दिया. सैनिकों ने राजा विक्रमादित्य के हाथ-पांव काट कर उसे सड़क पर छोड़ दिया.

कुछ दिन बाद एक तेली उसे उठाकर अपने घर ले गया और उसे कोल्हू पर बैठा दिया. राजा आवाज देकर बैलों को हांकता रहता. इस तरह तेली का बैल चलता रहा और राजा को भोजन मिलता रहा. शनि के प्रकोप की साढ़े साती पूरी होने पर वर्षा ऋतु प्रारंभ हुई. एक रात विक्रमादित्य मेघ मल्हार गा रहा था, तभी नगर की राजकुमारी मोहिनी रथ पर सवार उस घर के पास से गुजरी. उसने मल्हार सुना तो उसे अच्छा लगा और दासी को भेजकर गाने वाले को बुला लाने को कहा. दासी लौटकर राजकुमारी को अपंग राजा के बारे में सब कुछ बता दिया. राजकुमारी उसके मेघ मल्हार से बहुत मोहित हुई और सब कुछ जानते हुए भी उसने अपंग राजा से विवाह करने का निश्चय किया.

राजकुमारी ने अपने माता-पिता से जब यह बात कही तो वह हैरान रह गए. उन्होंने उसे बहुत समझाया पर राजकुमारी ने अपनी जिद नहीं छोड़ी और प्राण त्याग देने का निश्चय कर लिया. आखिरकार राजा-रानी को विवश होकर अपंग विक्रमादित्य से राजकुमारी का विवाह करना पड़ा. विवाह के बाद राजा विक्रमादित्य और राजकुमारी तेली के घर में रहने लगे. उसी रात स्वप्न में शनिदेव ने राजा से कहा- राजा तुमने मेरा प्रकोप देख लिया. मैंने तुम्हें अपने अपमान का दंड दिया है. राजा ने शनिदेव से क्षमा करने को कहा और प्रार्थना की- हे शनिदेव, आपने जितना दुःख मुझे दिया है, अन्य किसी को न देना.

शनिदेव ने कहा- राजन, मैं तुम्हारी प्रार्थना स्वीकार करता हूं. जो कोई स्त्री-पुरुष मेरी पूजा करेगा, शनिवार को व्रत करके मेरी व्रतकथा सुनेगा, उसपर मेरी अनुकम्पा बनी रहेगी. प्रातःकाल राजा विक्रमादित्य की नींद खुली तो अपने हाथ-पांव देखकर राजा को बहुत ख़ुशी हुई. उसने मन ही मन शनिदेव को प्रणाम किया. राजकुमारी भी राजा के हाथ-पांव सलामत देखकर आश्चर्य में डूब गई. तब राजा विक्रमादित्य ने अपना परिचय देते हुए शनिदेव के प्रकोप की सारी कहानी सुनाई.

इधर सेठ को जब इस बात का पता चला तो दौड़ता हुआ तेली के घर पहुंचा और राजा के चरणों में गिरकर क्षमा मांगने लगा. राजा ने उसे क्षमा कर दिया क्योंकि यह सब तो शनिदेव के प्रकोप के कारण हुआ था. सेठ राजा को अपने घर ले गया और उसे भोजन कराया. भोजन करते समय वहां एक आश्चर्य घटना घटी. सबके देखते-देखते उस खूंटी ने हार उगल दिया. सेठजी ने अपनी बेटी का विवाह भी राजा के साथ कर दिया और बहुत से स्वर्ण-आभूषण, धन आदि देकर राजा को विदा किया.

राजा विक्रमादित्य राजकुमारी मोहिनी और सेठ की बेटी के साथ उज्जयिनी पहुंचे तो नगरवासियों ने हर्ष के साथ उनका स्वागत किया. अगले दिन राजा विक्रमादित्य ने पूरे राज्य में घोषणा कराई कि शनिदेव सब देवों में सर्वश्रेष्ठ हैं. प्रत्येक स्त्री-पुरुष शनिवार को उनका व्रत करें और व्रतकथा अवश्य सुनें. राजा विक्रमादित्य कि घोषणा से शनिदेव बहुत प्रसन्न हुए. शनिवार का व्रत करने और व्रत कथा सुनने के कारण सभी लोगों की मनोकामनाएं शनिदेव की अनुकम्पा से पूरी होने लगी. सभी लोग आनंदपूर्वक रहने लगे.

शुक्रवार, 6 जनवरी 2012

सेक्स का तहखाना: ड्रॉर में कुछ इस तरह रखी गई थीं कॉलगर्ल!

मुंबई। अंधेरी में स्थित रत्ना पार्क बार में छापा मारकर महाराष्ट्र पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का भांडाभोड़ किया है। यहां से आठ लड़कियों सहित कई दलालों को गिरफ्तार किया गया है। सभी को पीटा एक्ट के तहत मामला दर्ज़ कर गिरफ्तार कर लिया गया है।
 
जानकारी के मुताबिक, इस बार में लड़कियों को बिल्कुल सकरी जगह पर छुपाया गया था। बार के अंदर किचन से जुड़े एक छोटे से केबिन में लडकियो को छिपाकर रखा गया था। पुलिस रेड के दौरान इन्हें यहीं छुपा दिया जाता था।

पुलिस के मुताबिक, सेक्स रैकेट में लिप्त लडकियों को चालाकी से छुपाकर रखा जाता था। इन्हे सिंगर का कार्ड भी बनाकर दिया गया था। जबकि लडकियां सिंगर नहीं, बल्कि सेक्स रैकेट में शामिल थी। देह व्यापार का सारा कारोबार मैनेजर चलता था। मैनेजर सहित 5 लोगो को गिरफ़्तार किया गया है।

रास्ता भटक कर गांव पहुंचे दो ड्राइवरों की पत्थरों से पीटकर हत्या

ठाणे. मुंबई में पिकनिक मनाने जा रहे एक बिजनेसमैन के दो ड्राइवरों को ग्रामिणों ने चोर समझ कर पत्थरों से पीट-पीटकर मार डाला। ये ड्राइवर रास्ता भटक कर एक गांव में पहुंच गए थे।


रिपोर्टों के मुताबिक घटना थाणे के नजदीक एक गांव की है। मुंबई के एक व्यापारी परिवार के पांच बच्चे तीन कारों में ड्राइवरों के साथ सवार होकर पिकनिक मनाने जा रहे थे। मुंबई से निकलते वक्त ये बच्चे अलग-अलग कारों में थे लेकिन रास्ते में पांचों बच्चे एक कार में सवार हो गए जबकि बाकी दो कारें ड्राइवर लेकर पीछे आने लगे।


ये लोग अपने फार्म हाउस पर पिकनिक मनाने जा रहे थे लेकिन ड्राइवर रास्ता भटक कर एक गांव में पहुंच गए। गांववालों ने ड्राइवरों को चोर समझकर पत्थर से पीट-पीटकर उनकी हत्या कर दी। होंडा सिटी और वेगन आर कार में रखा सामान भी ग्रामिणों ने लूट लिया।


इनोवा कार में सवार बच्चे किसी तरह वहां से बच कर निकले और परिजनों को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दस ग्रामिणों को गिरफ्तार किया है।

.जैसलमेर पुलिस ..आज की ताजा खबर.


अवैध रूप से डोडा पोस्त रखने वाला गिरफतार 


जैसलमे र  जैसलमेर पुलिस ने अवेध रूप से डोडा पोस्ट रखने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने बताया की  थाना जैसलमेर में गुरूवार को जरिये मुखबिर इतिला मिली कि गुलाबसिंह पुत्र बीरमसिंह राजपुरोहित निवासी बालासर पुलिस थाना शिव हाल चांदन अपनी चांधन बस स्टेण्ड पर स्थित किराये की दूकान में अवैध रूप से डोडापोस्त बैचने का धंधा करता है तथा अभी भी उसके पास डोडापोस्त भारी मात्रा में मिल सकती हैं। उक्त इतिला पर श्री विरेन्द्रसिंह निपु थानाधिकारी पुलिस थाना जैसलमेर मय सउनि शोभसिंह, हैड कानि0 श्यामसिंह तथा कानि0 गंगासिंह, बालेन्द्रसिंह व उगमाराम तथा ड्राईवर जगरूपराम द्वारा चांधन बस स्टेण्ड पहॅूच गुलाबसिंह की दूकान पर दबिश देकर दूकान की तलाशी ली जिस पर गुलाबसिंह की दूकान में रखे अवैध डोडापोस्त 30 किलोग्राम बरामद किया जाकर मुलजिम गुलाबसिंह को धारा 8/15 एनडी एण्ड पीएस एक्ट के तहत गिरफतार कर न्यायालय में पेश किया गया। अग्रिम अनुसंधान श्री बंशीलाल वृताधिकारी जैसलमेर कर रहे है। 


मोटरसाईकिल चोर बारह घण्टे से पहले पुलिस की गिरफ्त में 


जैसलमेर जैसलमेर पुलिस ने मुस्तैदी तथा तत्परता दिखाते हुए एक मोटर सायकिल चोर को वारदात के बारह घंटे के भीतर गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने बताया की  थाना जैसलमेर में गुरूवार को को प्रार्थी जितेन्द्रसिंह पुत्र छगनसिंह मेहता नि0 चाचा पाडा जैसलमेर ने एक रिपोर्ट पेश की कि अज्ञात चोर द्वारा उसकी मोटर साईकिल चोरी कर ली गई है, जिस पर पुलिस थाना जैसलमेर में मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान जीतसिंह हैड कानि0 को सौंपा गया जिस पर जीतसिंह हैड कानि0 ने मुस्तेदी से अनुसंधान कर अज्ञात मुलजिम दूर्जनसिंह पुत्र बेतसिंह नि0 गिराब को गिरफतार कर उससे संघन पुछताछ कर चोरी की गई मोटरसाईकिल बराबद कर चोरी का खुलाशा किया। अनुसंधान जारी है। 




शांति भंग के आरोप तीन व्यक्ति गिरफतार 


जैसलमेर जैसलमेर जिले में अलग अलग थाना क्षेत्र में पुलिस ने तीन जानो को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किया हें पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने बताया की पुलिस थाना झिझनियाली के हल्खा क्षैत्र में कल दिनांक 05.01.2012 को लडाईझगडे पर उतारु मलियाखान पुत्र अलुखान उम्र 50 साल नि0 बम्भारा को हैड कानि0 बाबुसिंह पुलिस थाना झिझनियाली मय जाब्ता व पुलिस थाना सांकडा के हल्खा क्षैत्र में लडाईझगडे पर उतारु रेवंतसिंह पुत्र भंवरसिंह राजपुत उम्र 30 साल नि. सांकडा को श्री गंगाराम उनि थानाधिकारी पुलिस थाना सांकडा मय जाब्ता एवं पुलिस थाना जैसलमेर के हल्खा क्षैत्र में लडाईझगडे पर उतारु शंकरसिंह पुत्र भीखसिंह नि0 जैसलमेर को हैड कानि0 श्री ओमाराम पुलिस थाना जैसलमेर मय जाब्ता द्वारा शांति भंग के आरोप में धारा 151 सीआरपीसी के तहत गिरफतार किया। 


चोरी की नियम से घर में घूसने वाला गिरफतार 
पुलिस थाना जैसलमेर में कल दिनांक 0501-2012 को प्रार्थी बहादुरराम पुत्र हरखाराम भील नि0 गफूरभट्टा जैसलमेर ने पेश थाना होकर रिपोर्ट दी की रात के अंधेरे में मोहनराम भील मेरे घर में चोरी की नियम से घूसा लेकिन मेरे जाग जाने के कारण वह भाग गया जिसकी रिपोर्ट पर तत्काल कार्यवाही करते हुए श्री पीराराम उनि प्रभारी गॉधी कॉलोनी चौकी, पुलिस थाना जैसलमेर द्वारा मोहनराम भील को गिरफतार किया गया। पुछताछ जारी है। 

विकास ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता....खां


विकास ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता.......खां 

बाडमेर, 6 जनवरी। अल्पसंख्यक मामलात मंत्री अमीन खां ने कहा है कि राज्य सरकार की विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा बिना किसी भेदभाव के सर्वागीण विकास करवाया जा रहा है। वह भाुक्रवार को जिला परिशद की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक की अध्यक्षता जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने की। 
इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सदभावना के आधार पर सभी का विकास कर रही है तथा जनहित के आधार पर विकास कार्य करवाए जा रहे है। उन्होने बताया कि अल्पसंख्यकों तथा सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास सरकार प्राथमिकता के आधार पर कर रही है। 
खां ने जिले मे राश्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के तहत पर्याप्त संख्या में कार्य स्वीकृत करने के निर्दो दिए ताकि लोगो को समय पर रोजगार मिल सके। इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता को निर्दो दिए कि जिले में सभी क्षतिग्रस्त सडकों का विस्तृत सर्वे करवा लिया जाए तथा क्षतिग्रस्त सडकों में प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना में गारन्टी अवधि में निर्मित सडकों को संबंधित ठेकेदार से दुरस्त करवाया जाए तथा अन्य को पी.डब्ल्यू.डी एवं संबंधित कार्यकारी एजेन्सी द्वारा दुरस्त करवा लिया जाए। 
इस अवसर पर जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विोश योजना की बारीरियों से जन प्रतिनिधि अच्छी तरह से वाकिफ हो जाए ताकि लोगों को योजनाओं का लाभ दिलाने में अपनी सकि्रय भागीदारी निभा सकें। उन्होने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का सत्यापन जनप्रतिनिधियों से कराने को कहा। बैठक में अधिकाां सदस्यों ने क्षतिग्रस्त सडकों की मरम्मत कराने की मांग की। विधायक कर्नल सोनाराम चौधरी, मेवाराम जैन, कानसिंह कोटडी, मदन प्रजापत ने भी अपने क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सडकों को तुरन्त करवाने को कहा। बैठक मे राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल भी उपस्थित थे। 
बैठक के प्रारम्भ में मुख्य कार्यकारी अधिकारी छगनलाल श्रीमाली ने गत बैठक की कार्यवाही विवरण प्रस्तुत किया जिसका अनुमोदन कर दिया गया। इसके अलावा वशर 201112 की अतिरिक्त वाशिर्क कार्य योजना, वशर 201213 की वाशिर्क कार्य योजना, तेहरवां वित आयोग योजना तथा निर्बन्ध राि योजना वशर 201112 की वाशिर्क कार्य योजना का अनुमोदन किया गया। 
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बाड़मेर की आम जनता ने पोस्टकार्ड अभियान को हाथो हाथ लिया ,


अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर 



बाड़मेर की आम जनता ने पोस्टकार्ड अभियान को हाथो हाथ लिया ,


लिखे सेकड़ो पोस्ट कार्ड बाड़मेर राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए 


बाड़मेर में अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर तथा मोटियार परिषद् के संयुक्त तत्वाधान में चलाये जा रहे म्हारी जुबान रो खोलो तालो पोस्ट कार्ड अभियान को आज बाड़मेर की जनता बने हाथो हाथ ले सेकड़ो पोस्ट कार्ड राष्ट्रपति ,प्रधान मंत्री तथा सांसद को लिख राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता देने की हुंकार भरी .समिति संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया की शुक्रवार को समिति द्वारा अंहिंसा चौराहे पर म्हारी जबाब रो खोलो तालो पोस्ट कार्ड अभियान चलाया गया अभियान में आम जनता ने जबरदस्त उत्साह दिखात्ये हुए सेकड़ो की तादाद में पोस्ट कार्ड लिख राजस्थानी भाषा  को मान्यता देने की गुहार केंद्र सरकार से की .उन्होंने बताया की मोटियार परिषद् के नगर अध्यक्ष रमेश सिंह उइंदा के नेतृत्व में विजय कुमार ,महेंद्र कुमार ,प्रकाश सिंह पाली ,दुर्गादास राठोड ,रहमान जायादु ,ने आम जनता को राजस्थानी भाषा की मान्यता के लिए चलाये जा रहे पोस्ट कार्ड अभियान की विस्तृत जानकारी देकर राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता के बारे में बताया गया ,अंहिंसा चौराहे पर सेकड़ो नागरिक ,,युवा साथी पोस्ट कार्ड अभियान में सम्मिलित होने पहुंचे तथा जोश के साथ पोस्ट कार्ड लिखे ,शहरी क्षेत्र में आम जनता को राजस्थानी भाषा की संवेधानिक मान्यता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से पोस्ट कार्ड अभियान चलाया जा रहा हे.अंहिंसा चौराहे पर पोस्ट कार्ड लिखने आने वालो का तांता लगा रहा सभी बड़े उत्साह के साथ पोस्ट कार्ड लिख रहे थे  समिति के पाटवी रिड़मल सिंह दांता ने बताया की पोस्ट कार्ड अभियान के तहत अब तक पचीस हज़ार से अधुइक पोस्ट कार्ड लिखे गए हें पहले चरण में पचास हज़ार पोस्ट कार्ड लिखने  का लक्ष्य  रखा हे ,शहर के प्रत्येक वार्ड में पोस्ट कार्ड अभियान चलाया जाएगा. अभियान में विजय कुंमार .देवी चौधरी ,अनिल सुखानी ,इन्द्र प्रकाश पुरोहित ,सकू देवी संत ,प्रकाश जोशी आदी ने अपना योगदान दिया ,

बल्‍ले से कुचला गया था भंवरी का सिर, सीबीआई को मिले सुबूत

जोधपुर. भंवरी देवी के कथित कत्ल के मामले में सीबीआई के हाथ कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। सीबीआई 30 गोताखोरों की मदद से जोधपुर से 100 किलोमीटर दूर जलोड़ा गांव के पास राजीव गांधी नहर में सुबूतों की तलाश करवा रही है, जिसके पास भंवरी को जलाए जाने की बात कही जा रही है।
 
राजस्थान पुलिस के गोताखोरों को नहर से कट्टे, छुरा, बेस बॉल का बल्ला और जली हुई हड्डी मिली है। सीएफएसएल के वैज्ञानिकों ने सभी सुबूतों की सीलबंद कर दिया है। इन्हें जांच के लिए फॉरेंसिक लेबोरेटरी भेजा जाएगा।

गोताखोरों के हाथ लगा बल्ला कंटीले तारों से लपेटा हुआ है। जानकारों का मानना है कि ऐसा कातिलों ने यह सोचकर किया होगा कि इससे सिर कुचलने में मदद तो मिलेगी ही साथ ही इससे बल्ला नहर के तल में समा जाएगा। यह बल्ला महिपाल मदेरणा और मलखान सिंह के खिलाफ एक अहम सुबूत साबित हो सकता है। बताया जा रहा है कि इस बल्‍ले का इस्‍तेमाल भंवरी का सिर कुचलने के लिए किया गया हो सकता हे।

सूत्रों के मुताबिक भंवरी को ठिकाने लगाने वाली विशनाराम के गैंग ने 1 सितंबर की पूरी रात भंवरी के शव को कथित तौर पर मुरड़ के खड्ढे में जलाया। सुबह तक पूरी तरह शव जलाने के बाद राख नहर में फेंक दी। दूसरी रात जले हुए स्थान की मिट्टी भी खोदकर नहर में बहा दी और आरोपियों ने भंवरी को मारने वाले हथियार भी इसी नहर में फेंक दिए।

सीबीआई भंवरी की हत्या के आरोपी गैंग के दो सदस्यों को नहर के पास ले गई, जहां भंवरी देवी को कथित रूप से जलाया गया था। सूत्रों के मुताबिक उन दोनों ने सीबीआई को बताया कि भंवरी देवी के सिर पर बल्ले से वार करने के बाद उन लोगों ने बल्ले को नहर में फेंक दिया था।
बीते साल एक सितंबर को भंवरी देवी के गायब होने के करीब चार महीने बाद सीबीआई ने बीते बुधवार को उस जगह की पहचान की थी, जहां नर्स को अगवा करके कथित तौर पर जलाया गया था।

पिटा तो लौटाई रिश्वत की राशि मुख्यालय बाड़मेर कर दिया

पिटा तो लौटाई रिश्वत की राशि मुख्यालय बाड़मेर कर दिया

जयपुर। स्वास्थ्य भवन के राजपत्रित अनुभाग में कार्यरत एक बाबू को चिकित्सक के पीजी प्रवेश आवेदन पत्र की सिफारिश के बदले पांच सौ रूपए की रिश्वत लेना भारी पड़ गया। उक्त चिकित्सक के साथ आए अन्य चिकित्सकों ने मामले का पता चलने पर गुस्से में उसकी जम कर पिटाई की। जिसके बाद उसने रिश्वत के पांच सौ रूपए लौटा दिए। घटना क्रम की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने बाबू को निलंबित कर उसका मुख्यालय बाड़मेर कर दिया।

विभाग के अधिकारियों के अनुसार यूडीसी रामसिंह ने बाड़मेर के डॉ.मनोज कुमार सैनी से एक हजार रूपए मांगे थे। इस पर सैनी ने उसे पांच सौ रूपए दिए। रिश्वत की यह बात चिकित्सक के अन्य साथियोंं को पता लगी तो वे उग्र हो गए। सैनी ने कहा कि बिना पैसे लिए वह काम ही नहीं करता और उसे मजबूरन पैसे देने पड़े। इससे गुस्साए चिकित्सकों ने की पिटाई कर दी। मामले में विभाग ने अपनी ओर से कार्रवाई करते हुए बाबू को निलंबित तो कर दिया है पर मामले की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को जानकारी नहीं दी।

मुख्यालय बाड़मेर
घूस मांगने पर चिकित्सक के साथियों ने बाबू की पिटाई कर दी थी। जिसके बाद उसने रिश्वत की राशि लौटा दी। हमने उसे निलंबित कर उसका मुख्यालय बाड़मेर कर दिया है।
बी.आर.मीणा निदेशक (जनस्वास्थ्य), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग

भाग्यम् खोलगा थार के "भाग्य"

भाग्यम् खोलगा थार के "भाग्य"

बाड़मेर. दो साल पहले मंगला से तेल उत्पादन शुरू होने के बाद केयर्न इण्डिया ने इस वर्ष की पहली तिमाही से भाग्यम् क्षेत्र से तेल उत्पादन शुरू करने की तैयारियां आरम्भ कर दी हैं।

ओएनजीसी और पेट्रोलियम मंत्रालय के अधीन हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने राजस्थान के दूसरे बड़े ब्लॉक भाग्यम् से तेल उत्पादन शुरू करने की मंजूरी दे दी है। उम्मीद है मार्च तक प्रदेश के सबसे बड़े तेल क्षेत्र मंगला से सटे भाग्यम् में उत्पादन कार्य आरम्भ कर लिया जाएगा।

भाग्यम् क्षेत्र से केयर्न इण्डिया प्रतिदिन चालीस हजार बैरल तेल का उत्पादन करेगी। फिलहाल मंगला क्षेत्र से केयर्न प्रतिदिन सवा लाख बैरल तेल पाइप लाइन के जरिए गुजरात भेज रही है। केयर्न की इस साल मंगला से तेल उत्पादन क्षमता करीब पौने दो लाख बैरल प्रतिदिन करने की योजना है। साथ ही इस वर्ष के अंत तक संभवत: भाग्यम् से भी उत्पादन चालीस से बढ़ाकर साठ हजार बैरल प्रतिदिन किया जाएगा। इस तरह दोनों क्षेत्र से प्रतिदिन करीब पौने दो लाख से दो लाख बैरल तेल उत्पादन हो सकेगा। मंगला क्षेत्र से तेल उत्पादन के बदले केयर्न ने दिसम्बर में सरकार को तीन सौ करोड़ रूपए से अधिक की रॉयल्टी चुकाई है। भाग्यम् से तेल उत्पादन शुरू होने के बाद सरकार की रॉयल्टी में इजाफा होगा।