पिटा तो लौटाई रिश्वत की राशि मुख्यालय बाड़मेर कर दिया
जयपुर। स्वास्थ्य भवन के राजपत्रित अनुभाग में कार्यरत एक बाबू को चिकित्सक के पीजी प्रवेश आवेदन पत्र की सिफारिश के बदले पांच सौ रूपए की रिश्वत लेना भारी पड़ गया। उक्त चिकित्सक के साथ आए अन्य चिकित्सकों ने मामले का पता चलने पर गुस्से में उसकी जम कर पिटाई की। जिसके बाद उसने रिश्वत के पांच सौ रूपए लौटा दिए। घटना क्रम की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने बाबू को निलंबित कर उसका मुख्यालय बाड़मेर कर दिया।
विभाग के अधिकारियों के अनुसार यूडीसी रामसिंह ने बाड़मेर के डॉ.मनोज कुमार सैनी से एक हजार रूपए मांगे थे। इस पर सैनी ने उसे पांच सौ रूपए दिए। रिश्वत की यह बात चिकित्सक के अन्य साथियोंं को पता लगी तो वे उग्र हो गए। सैनी ने कहा कि बिना पैसे लिए वह काम ही नहीं करता और उसे मजबूरन पैसे देने पड़े। इससे गुस्साए चिकित्सकों ने की पिटाई कर दी। मामले में विभाग ने अपनी ओर से कार्रवाई करते हुए बाबू को निलंबित तो कर दिया है पर मामले की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को जानकारी नहीं दी।
मुख्यालय बाड़मेर
घूस मांगने पर चिकित्सक के साथियों ने बाबू की पिटाई कर दी थी। जिसके बाद उसने रिश्वत की राशि लौटा दी। हमने उसे निलंबित कर उसका मुख्यालय बाड़मेर कर दिया है।
बी.आर.मीणा निदेशक (जनस्वास्थ्य), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
जयपुर। स्वास्थ्य भवन के राजपत्रित अनुभाग में कार्यरत एक बाबू को चिकित्सक के पीजी प्रवेश आवेदन पत्र की सिफारिश के बदले पांच सौ रूपए की रिश्वत लेना भारी पड़ गया। उक्त चिकित्सक के साथ आए अन्य चिकित्सकों ने मामले का पता चलने पर गुस्से में उसकी जम कर पिटाई की। जिसके बाद उसने रिश्वत के पांच सौ रूपए लौटा दिए। घटना क्रम की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग ने बाबू को निलंबित कर उसका मुख्यालय बाड़मेर कर दिया।
विभाग के अधिकारियों के अनुसार यूडीसी रामसिंह ने बाड़मेर के डॉ.मनोज कुमार सैनी से एक हजार रूपए मांगे थे। इस पर सैनी ने उसे पांच सौ रूपए दिए। रिश्वत की यह बात चिकित्सक के अन्य साथियोंं को पता लगी तो वे उग्र हो गए। सैनी ने कहा कि बिना पैसे लिए वह काम ही नहीं करता और उसे मजबूरन पैसे देने पड़े। इससे गुस्साए चिकित्सकों ने की पिटाई कर दी। मामले में विभाग ने अपनी ओर से कार्रवाई करते हुए बाबू को निलंबित तो कर दिया है पर मामले की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को जानकारी नहीं दी।
मुख्यालय बाड़मेर
घूस मांगने पर चिकित्सक के साथियों ने बाबू की पिटाई कर दी थी। जिसके बाद उसने रिश्वत की राशि लौटा दी। हमने उसे निलंबित कर उसका मुख्यालय बाड़मेर कर दिया है।
बी.आर.मीणा निदेशक (जनस्वास्थ्य), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें