भाग्यम् खोलगा थार के "भाग्य"
बाड़मेर. दो साल पहले मंगला से तेल उत्पादन शुरू होने के बाद केयर्न इण्डिया ने इस वर्ष की पहली तिमाही से भाग्यम् क्षेत्र से तेल उत्पादन शुरू करने की तैयारियां आरम्भ कर दी हैं।
ओएनजीसी और पेट्रोलियम मंत्रालय के अधीन हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने राजस्थान के दूसरे बड़े ब्लॉक भाग्यम् से तेल उत्पादन शुरू करने की मंजूरी दे दी है। उम्मीद है मार्च तक प्रदेश के सबसे बड़े तेल क्षेत्र मंगला से सटे भाग्यम् में उत्पादन कार्य आरम्भ कर लिया जाएगा।
भाग्यम् क्षेत्र से केयर्न इण्डिया प्रतिदिन चालीस हजार बैरल तेल का उत्पादन करेगी। फिलहाल मंगला क्षेत्र से केयर्न प्रतिदिन सवा लाख बैरल तेल पाइप लाइन के जरिए गुजरात भेज रही है। केयर्न की इस साल मंगला से तेल उत्पादन क्षमता करीब पौने दो लाख बैरल प्रतिदिन करने की योजना है। साथ ही इस वर्ष के अंत तक संभवत: भाग्यम् से भी उत्पादन चालीस से बढ़ाकर साठ हजार बैरल प्रतिदिन किया जाएगा। इस तरह दोनों क्षेत्र से प्रतिदिन करीब पौने दो लाख से दो लाख बैरल तेल उत्पादन हो सकेगा। मंगला क्षेत्र से तेल उत्पादन के बदले केयर्न ने दिसम्बर में सरकार को तीन सौ करोड़ रूपए से अधिक की रॉयल्टी चुकाई है। भाग्यम् से तेल उत्पादन शुरू होने के बाद सरकार की रॉयल्टी में इजाफा होगा।
बाड़मेर. दो साल पहले मंगला से तेल उत्पादन शुरू होने के बाद केयर्न इण्डिया ने इस वर्ष की पहली तिमाही से भाग्यम् क्षेत्र से तेल उत्पादन शुरू करने की तैयारियां आरम्भ कर दी हैं।
ओएनजीसी और पेट्रोलियम मंत्रालय के अधीन हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय ने राजस्थान के दूसरे बड़े ब्लॉक भाग्यम् से तेल उत्पादन शुरू करने की मंजूरी दे दी है। उम्मीद है मार्च तक प्रदेश के सबसे बड़े तेल क्षेत्र मंगला से सटे भाग्यम् में उत्पादन कार्य आरम्भ कर लिया जाएगा।
भाग्यम् क्षेत्र से केयर्न इण्डिया प्रतिदिन चालीस हजार बैरल तेल का उत्पादन करेगी। फिलहाल मंगला क्षेत्र से केयर्न प्रतिदिन सवा लाख बैरल तेल पाइप लाइन के जरिए गुजरात भेज रही है। केयर्न की इस साल मंगला से तेल उत्पादन क्षमता करीब पौने दो लाख बैरल प्रतिदिन करने की योजना है। साथ ही इस वर्ष के अंत तक संभवत: भाग्यम् से भी उत्पादन चालीस से बढ़ाकर साठ हजार बैरल प्रतिदिन किया जाएगा। इस तरह दोनों क्षेत्र से प्रतिदिन करीब पौने दो लाख से दो लाख बैरल तेल उत्पादन हो सकेगा। मंगला क्षेत्र से तेल उत्पादन के बदले केयर्न ने दिसम्बर में सरकार को तीन सौ करोड़ रूपए से अधिक की रॉयल्टी चुकाई है। भाग्यम् से तेल उत्पादन शुरू होने के बाद सरकार की रॉयल्टी में इजाफा होगा।
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