शनिवार, 7 जनवरी 2012

भंवरी की हत्या के बाद सुबूत मिटाने में पूर्व एसपी ने की थी मदद?

 

क्या एक रिटायर्ड अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ने भंवरी देवी के कथित कातिलों की सुबूत मिटाने में पूरी मदद की थी? भंवरी देवी मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राजस्थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा के करीबी एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी से भंवरी के अपहरण और हत्या के सिलसिले में पूछताछ की है।



एएसपी से पूछताछ में जुटे अधिकारियों का मानना है कि सुपारी लेने वाले हत्यारे उस तरह से सुबूत मिटाने और पूरे हत्याकांड को छुपाने की कोशिश नहीं कर पाते, जैसा उन्होंने किया है। इसलिए इस बात की पूरी आशंका है कि उन्हें किसी ने सलाह दी है, जिसे पुलिस के जांच के तरीके और नियम कानून की पूरी जानकारी है। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'सुबूतों को तकरीबन पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है।' करीब 50 गोताखोर और 150 पुलिसवाले आज जोधपुर से 100 किलोमीटर दूर जलोड़ा गांव के पास राजीव गांधी नहर में सुबूतों की तलाश जारी रखेंगे।



शुक्रवार को गोताखोरों ने एक बैग में बेसबॉल का बल्ला, जली हड्डियों के टुकड़े, दो देसी कट्टे, छुरा भी बरामद किया था। नहर में शुक्रवार को सारे सुबूत पचास मीटर के दायरे में ही मिल गए। सर्च अभियान पूरे दिन चला, लेकिन भंवरी की वह घड़ी नहीं मिली, जिसे आरोपियों ने पानी में फेंकना बताया था। सीएफएसएल की टीम हड्डियों को डीएनए जांच के लिए दिल्ली ले गई है। अब भंवरी के घर से लिए बाल और हड्डियों के डीएनए का मिलान किया जाएगा।



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