जालोर जेल से भागा सिरोही का कैदी बाड़मेर में गिरफ्तार सिरोही जालोर कारागार से फरार सिरोही के 5 कैदियों में से एक कैदी को बाड़मेर पुलिस ने बस स्टैंड से शुक्रवार रात गिरफ्तार कर लिया।शेष कैदियों की तलाश जारी है। गौरतलब है कि सिरोही जेल भवन में मरम्मत कार्य के दौरान कैदियों को अलग-अलग कारागार में शिफ्ट किया गया था। इनमें से 20 कैदियों को जालोर कारागार में शिफ्ट किया गया था।जालोर जेल से फरार हुए 14 कैदियों में से 5 कैदी सिरोही जेल के थे। इनमें से फरार कैदी भागीरथ पुत्र सुखाराम विश्नोई को सरूपगंज पुलिस थाना अधिकारी देवाराम ने गत 7 अक्टूबर को गिरफ्तार कर उसके पास से 301 किलो डोडा पोस्त जब्त किया था। सिरोही कारागार के फरार शेष कैदी रंगलाल पुत्र वाड़त राम मेघवाल, गणेशराम पुत्र तगाराम विश्नोई और कमल सिंह पुत्र डूंगर सिंह राजपूत की तलाश अभी जारी है। पुलिस का दावा है कि भागीरथ की गिरफ्तारी से दूसरे कैदियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने की पूरी संभावना है। रीछ के हमले से महिला गंभीर जख्मी माउंट आबू उतरज गांव में शुक्रवार को रीछ के हमले में महिला कृषक गंभीर रूप से जख्मी हो गई। उसे इलाज के लिए ग्लोबल अस्पताल पहुंचाया गया। उतरज निवासी गंगा कुंवर शुक्रवार को उसके कृषि फार्म हाउस में बने मकान के पीछे फसल काट रही थी। तभी अचानक फसलों के पीछे से आए रीछ ने महिला पर हमला कर दिया। रीछ ने महिला के पैर में दो-तीन जगह पंजे व दांतों से हमला कर लहूलुहान कर दिया। उसके चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास से दौड़ कर मौके पर पहुंचे लोगों ने रीछ को भगाया तथा महिला को इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। बारूद बेचने वाला गिरफ्तार पालड़ी एम. के निकटवर्ती वाड़का गांव में दोहरा हत्याकांड का मामला, आरोपियों को न्यायिक आदेश पर जेल भेजा सिरोही पालड़ी एम थाना क्षेत्र के वाड़का गांव में पांच दिन पूर्व दो भाइयों की हत्या के मामले में पुलिस ने हत्या के उपयोग में ली गई बंदूक में प्रयुक्त बारूद बेचने वाले युवक को गिरफ्तार कर लिया।उसके पास पुलिस को फ्यूज वायर भी मिले। पुलिस ने हत्या के मुख्य आरोपी उगम सिंह से पूछताछ के बाद उस शुक्रवार को न्यायालय में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस के अनुसार वाड़का गांव में हुए दोहरा हत्याकांड के मामले की जांच कर रहे पुलिस उपअधीक्षक सीताराम मीणा को उगम सिंह से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य मिले। उगम सिंह ने पुलिस के सामने स्वीकारा कि उसने पांच-छह माह पूर्व ही टोपीदार बंदूक अरठवाड़ा निवासी जुझार सिंह से 3 हजार रुपए में खरीदी थी। तस्दीक के दौरान पता चला कि उसके पास बंदूक नहीं है। पुलिस को उसके पास एक चाकू मिला। इस पर पुलिस ने उसे आम्र्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया। उसने पुलिस को ये भी बताया कि छावनी शिवगंज निवासी अकरम खां पुत्र चांद खां से बारूद खरीदा था। पुलिस ने अकरम के घर दबिश दी तो पता चला कि मुख्य बाजार में सिटीजन वॉच के नाम से दुकान है तथा वहां पर घड़ी मरम्मत करने का कार्य करता है। पुलिस को तलाशी के दौरान उसके पास 240 ग्राम बारूद तथा दो फ्यूज वायर मिले। एक वायर 13 फीट 4 इंच तो दूसरा 4 फीट 2 इंच लंबा था। पुलिस ने उसके खिलाफ भी आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। बाद में उसे जमानत पर छोड़ दिया। पुलिस ने उगम सिंह की रिमांड अवधि पूरी होने पर उसे न्यायालय में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने दलपतसिंह और केसरसिंह की हत्या में प्रयुक्त लाठी व अन्य हथियार पुलिस पहले ही जब्त कर चुकी है। लाखों रुपए के चोरी के तार बरामद तीनों आरोपियों को किया गिरफ्तार, करीब ९ लाख रुपए के तार जब्त सांचौर पुलिस ने पीडब्ल्यूडी रोड स्थित एक कबाड़ी की दुकान से करीब 9 लाख रुपए की लागत के चोरी के तार जब्त कर आरोपी को गिरफ्तार किया है। थानाधिकारी गोपसिंह देवड़ा ने बताया कि मुखबीर से पीडब्लूडी रोड पर स्थित एक निजी अस्पताल के पास कबाड़ी की दुकान पर चोरी के तार गाड़ी में भरने की इत्तला मिली। जिस पर पुलिस जाब्ते ने मौके पर पहुंचकर कबाड़ी मालिक सुभाष पुत्र घासीराम खटीक, विनोद घासीराम खटीक, किशन पुत्र जामताराम खटीक निवासी सांचौर से पूछताछ की। चोरी किए तारों के संबंध में उनके पास कोई कागजात नहीं होने व पुलिस को देखकर वे घबरा गए। जिस पर पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि जब्त किए गए ‘एएएसीएचआर’ स्टील वायर नर्मदा नहर की 33 केवी बिजली लाइन में प्रयुक्त होने वाले हैं। पुलिस ने 870 किलो 11 केवी लाइन के तार, 745 किलो 33 केवी टॉवर वी क्रॉस, 35 क्विंटल 38 किलो वजनी 60 फीट पीवीसी केबल बरामद की है। जिसकी अनुमानित लागत 9 लाख रुपए बताई जा रही है। कबाड़ी से भारी मात्रा में जब्त तार कहां से आया व इसके पीछे किस गिरोह का हाथ है। इस बारे में फिलहाल कोई पता नहीं लग पाया है। पुलिस फिलहाल आरोपियों से पूछताछ कर रही है। |
शनिवार, 10 दिसंबर 2011
सिरोही जालोर.....न्यूज़ इनबॉक्स .....क्राइम डायरी
संस्कृति को सहेजने के लिए युवा आगे आएं: कर्नल शर्मा
संस्कृति को सहेजने के लिए युवा आगे आएं: कर्नल शर्मा
एनसीसी के राष्ट्रीय एकता शिविर में देशभर से आए 300 कैडेट्स ले रहे है हिस्सा , उप महानिदेशक एसएम सेठी आज करेंगे शिविर का निरीक्षण
जैसलमेर एनसीसी के राष्ट्रीय एकता शिविर का उद्घाटन शुक्रवार को किया गया। शिविर में देश के 14 एनसीसी निदेशालयों से आए 300 कैडेट्स एवं 14 एनसीसी अधिकारी भाग ले रहे हैं। 12 दिवसीय विशेष शिविर का समापन 19 दिसंबर को होगा। शिविर के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए शिविर कमांडेंट कर्नल आरएल शर्मा सेना मेडल ने कहा कि शिविर का मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं में राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत करना है। कैडेट्स को चाहिए कि वह स्वयं पर अनुशासन कायम करते हुए टीम भावना के साथ सभी जाति-धर्म एवं संप्रदायों का सम्मान करते हुए देश के विकास, एकता एवं अखण्डता में सहभागी बनें। विभिन्न राज्यों से आए कैडेट्स अपने राज्य की कला, संस्कृ़ति एवं परंपराओं से सभी को अगवत करवाएं साथ ही उन्हें सहेजने के लिए भी आगे आए। उन्होंने कहा कि शिविर के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति को सशक्त बनाए तथा पारस्परिक सद्भावना को विकसित करें। कैडेट्स को संबोधित करते हुए डिप्टी केम्प कमांडेंट कर्नल आरएल मिठा ने केम्प के दौरान रखी जाने वाली सावधानियों से अवगत करवाया। साथ ही शिविर के दौरान होने वाली विभिन्न गतिविधियों में बढ़चढ़ कर भाग लेने का भी आह्वान किया। ट्रेनिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल एसपीएस पंवार ने कैडेट्स को राष्ट्रीय एकता शिविर में दिए जाने वाले प्रशिक्षण के बारे में जानकारी दी। मेजर आलोक ने केडेट्स को जैसलमेर के भ्रमण स्थलों की जानकारी दी।
लपकों पर लगी लगाम, सैलानियों को आराम
लपकों पर लगी लगाम, सैलानियों को आराम जैसलमेर पुलिस की ओर से चलाए जा रहे अतिथि देवो अभियान ने सैलानियों को राहत पहुंचाई है। जहां पहले लपकों की सक्रियता के चलते सैलानी खुलेआम शहर भ्रमण नहीं कर पाते थे वहीं अब लपकों पर लगाम लग चुकी है और सैलानी शहर भ्रमण के दौरान किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं झेल रहे हैं। पुलिस अधीक्षक ममता विश्रोई ने पर्यटन को ध्यान में रखते हुए अतिथि देवो भव अभियान की शुरूआत की। यह अभियान सैलानियों और शहर के पर्यटन व्यवसायियों के लिए इतना कारगर सिद्ध हुआ कि वर्तमान में सभी राहत की सांस ले रहे हैं। इस अभियान के तहत पुलिस ने शहर के प्रवेश मार्ग पर बूथ भी स्थापित किया, जहां सैलानियों को रोककर उन्हें लपकों से आगाह करने के साथ साथ पेम्पलेट भी दिए जाते हैं। पुलिस की ओर से बांटे जा रहे पेम्पलेट से सैलानियों को काफी सुविधा हो रही है। लपकों की वजह से स्वर्णनगरी की छवि सैलानियों के मन में खराब हो रही थी। इसलिए लपकों पर लगाम कसने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। यदि इससे सैलानियों को राहत मिल रही है तो यह अभियान कारगर साबित हो रहा है। आगामी समय में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कई और इंतजाम किए जाएंगे। पुलिस अपने स्तर पर सैलानियों को हर संभव सुरक्षा मुहैया करवाएगी।ञ्जञ्ज ममता विश्रोई, पुलिस अधीक्षक, जैसलमेर |
..तो फिर पति-पत्नी बनकर रहने लगेंगी दो महिलाएं!
अम्बाला. चंडीगढ़.अम्बाला में दो महिलाओं की आपस में शादी के बाद सुरक्षा दिए जाने के सवाल पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने समलैंगिक विवाह की वैधता पर एमिक्स क्यूरी (अदालत के सहयोगी) को नियुक्त किया है। देश में पहली बार ऐसा हो रहा है जब अदालत समलैंगिक विवाह को हिंदू मैरिज एक्ट के परिप्रेक्ष्य में सुन रही है।
शुक्रवार को इस मामले पर वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने अदालत के सहयोगी होने के नाते अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि दो महिलाओं की आपस में शादी को कानूनी मान्यता नहीं है। ऐसे में इसे अवैध माना जाए और शादी को किसी तरह से स्वीकार नहीं किया जाए।
अम्बाला पुलिस की तरफ से कहा गया कि यदि इस तरह की शादियों को मान्यता मिलेगी तो समाज में अनैतिकता फैल जाएगी। दोनों महिलाओं की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि उनके परिवार वाले उनकी शादी के खिलाफ हैं। इसी सिलसिले में उन्हें मारने के लिए परिवार वालों ने कांट्रेक्ट पर हत्यारों से संपर्क भी किया।
याचिका में मांग की गई कि उनके जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सुरक्षा के सवाल पर हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि याचियों को अधिकार है कि वे अपनी सुरक्षा की मांग करें लेकिन उनकी शादी को सही नहीं ठहराया जा सकता। दोनों महिलाओं की तरफ से याचिका में कहा गया कि वे अपने पति से अलग रह रही हैं। तीन साल पहले उनकी दोस्ती हुई जो प्यार में तबदील हो गई। बीते एक साल से वे दोनों पति पत्नी की तरह रह रही हैं। परिवार वालों को उनका यह रिश्ता मंजूर नहीं है और उन्हें मरवाने की कोशिशें की जा रही हैं।
शुक्रवार को इस मामले पर वरिष्ठ वकील अनुपम गुप्ता ने अदालत के सहयोगी होने के नाते अपना पक्ष रखने के लिए समय मांगा वहीं हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि दो महिलाओं की आपस में शादी को कानूनी मान्यता नहीं है। ऐसे में इसे अवैध माना जाए और शादी को किसी तरह से स्वीकार नहीं किया जाए।
अम्बाला पुलिस की तरफ से कहा गया कि यदि इस तरह की शादियों को मान्यता मिलेगी तो समाज में अनैतिकता फैल जाएगी। दोनों महिलाओं की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया कि उनके परिवार वाले उनकी शादी के खिलाफ हैं। इसी सिलसिले में उन्हें मारने के लिए परिवार वालों ने कांट्रेक्ट पर हत्यारों से संपर्क भी किया।
याचिका में मांग की गई कि उनके जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। सुरक्षा के सवाल पर हरियाणा सरकार के वकील ने कहा कि याचियों को अधिकार है कि वे अपनी सुरक्षा की मांग करें लेकिन उनकी शादी को सही नहीं ठहराया जा सकता। दोनों महिलाओं की तरफ से याचिका में कहा गया कि वे अपने पति से अलग रह रही हैं। तीन साल पहले उनकी दोस्ती हुई जो प्यार में तबदील हो गई। बीते एक साल से वे दोनों पति पत्नी की तरह रह रही हैं। परिवार वालों को उनका यह रिश्ता मंजूर नहीं है और उन्हें मरवाने की कोशिशें की जा रही हैं।
सुदर्शन शक्ति’ व ‘महागुजराज’ अभ्यास चरम पर
भारतीय सेना का रेगिस्तान में युद्धाभ्यास ‘सुदर्शन शक्ति’ अंतिम पड़ाव पर है। अभ्यास के दौरान तोप-टैंकों से लेकर अत्याधुनिक हथियारों से दुश्मन को कम समय में अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाने में सेना खरी उतरी।
उधर वायुसेना का युद्धाभ्यास ‘महा गुजराज-2011’ भी चरम पर है। जोधपुर एयरबेस से सुखोई-30 व लड़ाकू हेलिकॉप्टर रात-दिन उड़ान भरकर रेगिस्तान में दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नष्ट करने का अभ्यास कर रहे हैं।
दक्षिण कमान के नेतृत्व में भोपाल स्थित 21 स्ट्राइक कोर ने पिछले डेढ़ महीने के अभ्यास में दुश्मन से काल्पनिक जंग लड़ने का अभ्यास किया। जंग की नई रणनीति और नई अवधारणाओं के साथ सैनिकों को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही दुश्मन पर धावा बोलने के साथ उसकी हर गतिविधि के अनुरूप उसे मात देने का अभ्यास किया गया।
इस दौरान कम समय में दुश्मन को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के साथ ही रासायनिक, जैविक व परमाणु हमले से निपटने का अभ्यास किया गया। नए नेटवर्क सिस्टम को काल्पनिक जंग में परखा गया।
साथ ही अर्जुन टैंकों व बोफोर्स सहित तोपों की ताकत का आकलन किया गया। राष्ट्रपति व रक्षा मंत्री ने भी इस युद्धाभ्यास को देखा। रक्षा मंत्रालय व सेना के विशेषज्ञों की टीम ने इस अभ्यास की हर गतिविधि का आकलन किया। सूत्रों के अनुसार इस आकलन में सेना खरी उतरी है।
वायुसेना का राजस्थान व गुजरात में ‘महागुजराज 2011’ अभ्यास अभी शीर्ष पर है। जोधपुर एयरबेस से वायुसेना के जांबाज पायलट अत्याधुनिक और अपग्रेड सुखोई-30, जगुआर, मिराज 2000, मिग 27, मिग 29 व बाइसन जैसे लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर रेगिस्तान में अभ्यास कर रहे हैं।
उधर वायुसेना का युद्धाभ्यास ‘महा गुजराज-2011’ भी चरम पर है। जोधपुर एयरबेस से सुखोई-30 व लड़ाकू हेलिकॉप्टर रात-दिन उड़ान भरकर रेगिस्तान में दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नष्ट करने का अभ्यास कर रहे हैं।
दक्षिण कमान के नेतृत्व में भोपाल स्थित 21 स्ट्राइक कोर ने पिछले डेढ़ महीने के अभ्यास में दुश्मन से काल्पनिक जंग लड़ने का अभ्यास किया। जंग की नई रणनीति और नई अवधारणाओं के साथ सैनिकों को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही दुश्मन पर धावा बोलने के साथ उसकी हर गतिविधि के अनुरूप उसे मात देने का अभ्यास किया गया।
इस दौरान कम समय में दुश्मन को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के साथ ही रासायनिक, जैविक व परमाणु हमले से निपटने का अभ्यास किया गया। नए नेटवर्क सिस्टम को काल्पनिक जंग में परखा गया।
साथ ही अर्जुन टैंकों व बोफोर्स सहित तोपों की ताकत का आकलन किया गया। राष्ट्रपति व रक्षा मंत्री ने भी इस युद्धाभ्यास को देखा। रक्षा मंत्रालय व सेना के विशेषज्ञों की टीम ने इस अभ्यास की हर गतिविधि का आकलन किया। सूत्रों के अनुसार इस आकलन में सेना खरी उतरी है।
वायुसेना का राजस्थान व गुजरात में ‘महागुजराज 2011’ अभ्यास अभी शीर्ष पर है। जोधपुर एयरबेस से वायुसेना के जांबाज पायलट अत्याधुनिक और अपग्रेड सुखोई-30, जगुआर, मिराज 2000, मिग 27, मिग 29 व बाइसन जैसे लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर रेगिस्तान में अभ्यास कर रहे हैं।
महाशक्ति समूह: संक्षिप्त हनुमान कथा
हनुमान जी काजन्म
हनुमान जी का जन्म त्रेता युग मे अंजना(एक नारी वानर) के पुत्र के रूप मे हुआ था। अंजना असल मे पुन्जिकस्थला नाम की एक अप्सरा थीं, मगर एक शाप के कारण उन्हें नारी वानर के रूप मे धरती पे जन्म लेना पडा। उस शाप का प्रभाव शिव के अन्श को जन्म देने के बाद ही समाप्त होना था। अंजना केसरी की पत्नी थीं। केसरी एक शक्तिशाली वानर थे जिन्होने एक बार एक भयंकर हाथी को मारा था। उस हाथी ने कई बार असहाय साधु-संतों को विभिन्न प्रकार से कष्ट पँहुचाया था। तभी से उनका नाम केसरी पड गया, "केसरी" का अर्थ होता है सिंह। उन्हे "कुंजर सुदान"(हाथी को मारने वाला) के नाम से भी जाना जाता है।केसरी के संग मे अंजना ने भगवान शिव कि बहुत कठोर तपस्या की जिसके फ़लस्वरूप अंजना ने हनुमान(शिव के अन्श) को जन्म दिया।
जिस समय अंजना शिव की आराधना कर रहीं थीं उसी समय अयोध्या-नरेश दशरथ, पुत्र प्राप्ति के लिये पुत्र कामना यज्ञ करवा रहे थे। फ़लस्वरूप उन्हे एक दिव्य फल प्राप्त हुआ जिसे उनकी रानियों ने बराबर हिस्सों मे बाँटकर ग्रहण किया। इसी के फ़लस्वरूप उन्हे राम, लषन, भरत और शत्रुघन पुत्र रूप मे प्राप्त हुए।
विधि का विधान ही कहेंगे कि उस दिव्य फ़ल का छोटा सा टुकडा एक चील काट के ले गई और उसी वन के ऊपर से उडते हुए(जहाँ अंजना और केसरी तपस्या कर रहे थे) चील के मुँह से वो टुकडा नीचे गिर गया। उस टुकडे को पवन देव ने अपने प्रभाव से याचक बनी हुई अंजना के हाथों मे गिरा दिया। ईश्वर का वरदान समझकर अंजना ने उसे ग्रहण कर लिया जिसके फ़लस्वरूप उन्होंने पुत्र के रूप मे हनुमान को जन्म दिया।
अंजना के पुत्र होने के कारण ही हनुमान जी को अंजनेय नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ होता है 'अंजना द्वारा उत्पन्न'।
जिस समय अंजना शिव की आराधना कर रहीं थीं उसी समय अयोध्या-नरेश दशरथ, पुत्र प्राप्ति के लिये पुत्र कामना यज्ञ करवा रहे थे। फ़लस्वरूप उन्हे एक दिव्य फल प्राप्त हुआ जिसे उनकी रानियों ने बराबर हिस्सों मे बाँटकर ग्रहण किया। इसी के फ़लस्वरूप उन्हे राम, लषन, भरत और शत्रुघन पुत्र रूप मे प्राप्त हुए।
विधि का विधान ही कहेंगे कि उस दिव्य फ़ल का छोटा सा टुकडा एक चील काट के ले गई और उसी वन के ऊपर से उडते हुए(जहाँ अंजना और केसरी तपस्या कर रहे थे) चील के मुँह से वो टुकडा नीचे गिर गया। उस टुकडे को पवन देव ने अपने प्रभाव से याचक बनी हुई अंजना के हाथों मे गिरा दिया। ईश्वर का वरदान समझकर अंजना ने उसे ग्रहण कर लिया जिसके फ़लस्वरूप उन्होंने पुत्र के रूप मे हनुमान को जन्म दिया।
अंजना के पुत्र होने के कारण ही हनुमान जी को अंजनेय नाम से भी जाना जाता है जिसका अर्थ होता है 'अंजना द्वारा उत्पन्न'।
शुक्रवार, 9 दिसंबर 2011
पाक में रिमोट से विस्फोट, 3 रेंजर मरे, 4 घायल
पाक में रिमोट से विस्फोट, 3 रेंजर मरे, 4 घायल
कराची। पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची में शुक्रवार को रेंजरों को निशाना बनाकर सड़क के किनारे रिमोट किए गए एक बम विस्फोट में तीन रेंजरों की मौत हो गई। इस विस्फोट में चार अन्य घायल हो गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गुलिस्ताने जौहर के सफूरा चौरंगी क्षेत्र के पास विस्फोट उस समय हो गया रेंजरों का वाहन बम की चपेट में आ गया। पुलिस ने कहा कि विस्फोट में आठ से दस किलोग्राम का विस्फोटक इस्तेमाल किया गया था। दक्षिणी सिंध प्रांत के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि विस्फोट में पाकिस्तान रेंजर के सुरक्षा के तीन जवानों की मौत हो गयी तथा चार अन्य घायल हुए है।
कराची। पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची में शुक्रवार को रेंजरों को निशाना बनाकर सड़क के किनारे रिमोट किए गए एक बम विस्फोट में तीन रेंजरों की मौत हो गई। इस विस्फोट में चार अन्य घायल हो गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार गुलिस्ताने जौहर के सफूरा चौरंगी क्षेत्र के पास विस्फोट उस समय हो गया रेंजरों का वाहन बम की चपेट में आ गया। पुलिस ने कहा कि विस्फोट में आठ से दस किलोग्राम का विस्फोटक इस्तेमाल किया गया था। दक्षिणी सिंध प्रांत के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि विस्फोट में पाकिस्तान रेंजर के सुरक्षा के तीन जवानों की मौत हो गयी तथा चार अन्य घायल हुए है।
70 वर्षीय कृष्णावती दो किलोग्राम रेत प्रतिदिन खाती हैं
यूपी के वाराणसी के चोलापुर की रहने वाली 70 वर्षीय कृष्णावती लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई हैं। पिछले 40 वर्षों से यह खाना खाने की बजाय दो किलोग्राम रेत प्रतिदिन खाती हैं। हैरान करने वाली बात तो यह कि आज तक उनको किसी तरह कोई बीमारी नहीं हुई।
कृष्णावती कहती है कि, "मैं पिछले 40 वर्षों के लिए रेत खा रहा हूं। यह मेरी आदत है। इस वजह से मुझे कोई बीमारी नहीं हुई है। शुरू में मेरे परिवार के लोग मेरी इस आदत से चिंतित थे। उन्हें लगता है था कि मुझे कहीं कोई गंभीर बीमारी ना हो जाए। लेकिन अब कोई भी रेत खाने से रोकता नहीं है।''
कृष्णावती के बड़े बेटे ने कहा कि, "मेरी मां रोज दो किलोग्राम रेत खा जाती है। हम उन्हें दुकान से रेत खरीद कर देते हैं। वह इसे खाती है, लेकिन अभी तक उन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई है। हम इसे चमत्कार मानते हैं।"
डॉक्टरों के मुताबिक, ''यह एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है। इसका इलाज किया जाना चाहिए। यह पिका नामक बीमारी है। यह औरत 40 वर्षों से इस बीमारी से पीड़ित है। इसे किसी तरह का चमत्कार करके विज्ञान का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।''
कृष्णावती कहती है कि, "मैं पिछले 40 वर्षों के लिए रेत खा रहा हूं। यह मेरी आदत है। इस वजह से मुझे कोई बीमारी नहीं हुई है। शुरू में मेरे परिवार के लोग मेरी इस आदत से चिंतित थे। उन्हें लगता है था कि मुझे कहीं कोई गंभीर बीमारी ना हो जाए। लेकिन अब कोई भी रेत खाने से रोकता नहीं है।''
कृष्णावती के बड़े बेटे ने कहा कि, "मेरी मां रोज दो किलोग्राम रेत खा जाती है। हम उन्हें दुकान से रेत खरीद कर देते हैं। वह इसे खाती है, लेकिन अभी तक उन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई है। हम इसे चमत्कार मानते हैं।"
डॉक्टरों के मुताबिक, ''यह एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है। इसका इलाज किया जाना चाहिए। यह पिका नामक बीमारी है। यह औरत 40 वर्षों से इस बीमारी से पीड़ित है। इसे किसी तरह का चमत्कार करके विज्ञान का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।''
कांग्रेस की वेबसाइट पर सोनिया गांधी की अश्लील तस्वीर!
नई दिल्ली. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के जन्मदिन पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की अधिकारिक वेबसाइट को हैक कर लिया गया। हैकरों ने वेबसाइट पर पोस्ट सोनिया गांधी की तस्वीर से भी छेड़छाड़ करके उसपर अश्लील संदेश लिख दिया। शुक्रवार को ही सोनिया गांधी 65 वर्ष की हुई हैं।
गौरतलब है कि हाल ही में सरकार ने इंटरनेट पर प्रसारित सामग्री पर नजर रखने के लिए इंटरनेट कंपनियों से कहा थ। भारत सरकार के इस कदम का इंटरनेट जगत में काफी विरोध भी हुआ था। खासतौर से कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें के साथ होने वाली छेड़छाड़ के प्रति सरकार ने नाराजगी दिखाई थी। वेबसाइट हैक करने को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। अधिकारिक वेबसाइट हैक होने की भनक लगते ही कांग्रेस पार्टी ने वेबसाइट को बंद कर दिया है।
कांग्रेस की वेबसाइट को पाकिस्तान साइबर आर्मी नाम के ग्रुप ने हैक किया है। यह ग्रुप इससे पहले भी कई प्रतिष्ठित भारतीय वेबसाइटों को हैक करने का दावा कर चुका है।
..और लाल रंग में डूब जाएगा चांद
क्या है इवेंट
10 दिसंबर को पृथ्वी का चक्कर काटता चांद पृथ्वी के ठीक पीछे होगा, यानी सूरज और चांद के बीच होगी हमारी पृथ्वी। इस वजह से चांद तक सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाएगी। सारी रोशनी पृथ्वी पर पड़ने से चांद पर पृथ्वी की बड़ी छाया बनेगी। जब छाया का सेंट्रल पार्ट चांद पर पड़ेगा, उस वक्त चांद पूरा ढक जाएगा, वह भी खूबसूरत लाल रंग में। यह लाल चांद 51 मिनट तक दिखेगा। साइंस की भाषा में यही खूबसूरत इवेंट है पूर्ण चंद्र ग्रहण यानी टोटल लूनर इक्लिप्स।
लाल चांद क्यों...
साइंस पॉपुलराइजेशन असोसिएशन ऑफ कम्यूनिकेटर्स एंड एजुकेटर्स (स्पेस) की साइंटिफिक ऑफिसर मिला मित्रा बताती हैं, यह लाल इसलिए हो जाता है, क्योंकि जब पृथ्वी के वातावरण से सूरज की रोशनी गुजरती है, वह छितरकर मुड़ जाती है। नीली रोशनी सबसे ज्यादा मुड़ती है, जबकि लाल रंग सीधे गुजरती है, ठीक उसी तरह जैसे सूरज उगते वक्त या डूबते वक्त होता है। यह लाल रोशनी पृथ्वी के वातावरण से निकलकर चांद तक पहुंचती है इसलिए वह लाल नजर आता है।
इस साल दूसरी बार हम इस इवेंट का आनंद लेंगे। इससे पहले 21 जून को पूर्ण चंद्र ग्रहण हुआ था। इसके बाद 2014 में भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखेगा। 5 घंटे का यह इवेंट एशिया और ऑस्टे्रलिया में दिखेगा। भारत में शाम 5 बजे से ग्रहण की शुरुआत होगा, हालांकि 30-40 मिनट तक साफ तौर पर कुछ नजर नहीं आएगा। 6:16 मिनट पर पूरा चांद ढक जाएगा। रात 10 बजे बाद यह शैडो गुजर जाएगी और चांद अपने असली चेहरे के साथ मिलेगा। इस दौरान हमें अमावस्या का आसमान नजर आएगा, कई धुंधले तारों के साथ।
एक्सपर्ट संग जश्न
पब्लिक को इस इवेंट से जोड़ने के लिए तीन मूर्ति भवन परिसर में एमचुअर असोसिएशन ऑफ दिल्ली (एएआईडी ) और नेहरू प्लेनटैरियम की ओर से शाम 5 बजे से खास प्रोग्राम होंगे। एएआईडी ने बताया कि यहांबड़े - बड़े पावरफुल टेलिस्कोप लगाए जाएंगे , ताकि पब्लिक इस इवेंट का बारीकी से मजा ले सके।
इंडिया गेट पर स्पेस की एक्सपर्ट टीम के साथ आप , खासतौर पर स्कूली बच्चे इस इवेंट को देख - जान सकते हैं।मिला बताती हैं , हर साल करीब 2 बार चंद्र ग्रहण होता है , लेकिन आंशिक। साल में दो - दो बार पूर्ण चंद्र ग्रहणकी घटना रेयर है। वह बताती हैं , हम पूर्ण चंद्र ग्रहण की हर एंगल की फोटोग्राफी करके और एक्सपेरिमेंट करकेआपको इस इवेंट की तह तक ले जाएंगे।
कई जगह चंद्र ग्रहण को लेकर मान्यता है कि इस दौरान कुछ खाना नहीं चाहिए। यह साइंटिफिक सोच नहीं , चंद्रग्रहण का फैक्ट साइंस ने सालों पहले खोलकर रख दिया था। हम लोगों को ग्रहण का मतलब समझाकर औरमिठाई बांटकर इस मिथ को तोड़ेंगे ।
दो माह पूर्व चोरी की गई बोलेरो गाडी बरामद एवं मुलजिम पुलिस गिरफ्त में
दो माह पूर्व चोरी की गई बोलेरो गाडी बरामद एवं मुलजिम पुलिस गिरफ्त में
जैसलमेर जैसलमेर पुलिस ने दो माह पूर्व चोरी गयी एक बोलेरो जीप बरामद करने के साथ ही आरोपी को भी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की हें .पुलिस कप्तान ममता विश्नोई ने बताया की वाक्यात मुकदमा हाजा इस प्रकार है कि दिनांक 05.11.11 को प्रार्थी श्री आमदखां पुत्र श्री मोसनखां जाति मुसलमान उम्र 20 साल नि0 सुकालिया पुलिस थाना बीजराड़ जिला बाड़मेर ने हाजर थाना होकर एक लिखित रिपोर्ट वदी मजमून की पेश की कि मैंने एक बंद बॉडी बोलेरो गाड़ी नं0 त्श्र 04 ज्। 1358 बरंग सफेद 04 माह पूर्व पारसमल सेठ निवासी जैसार से खरीदी थी जिसकी किमत पेटे एक लाख ग्यारह हजार रूपय किश्त तथा बाकि की रकम के लिये प्रतिमाह तैरह हजार रूपये किश्त तय की हुई है जो मैं हर माह भर रहा हूं । गाड़ी के कागजात अभी पारसमल के नाम ही हैं मैं गाड़ी चौहटन टैक्सी स्टेण्ड पर खड़ी रखता हुं। किराया मिलने पर संवारी को छोड़ने जाता हुं । दिनांक 02.11.11 को शाम के करीब 07.00 बजे चौहटन टैक्सी स्टेण्ड पर दो व्यक्ति मेरे पास आये व गागरिया चलने का कहा जिस पर मैं किराये से उक्त दोनों व्यक्तियों को बीजराड़ होते हुए गागरिया छोड़ने गया मुझे 600/ रूपये किराया दिया उन्होने मुझे यह भी कहा कि कल जैसलमेर चलना हैं तुम्हारा नम्बर दो हम फोन कर देगें तब मैंने मेरे मोबाईल नं0 9660186798 उन्हे दिये। दिनांक 03.11.11 को उन्होने मुझे फोन कर जैसलमेर चलने का कहा मैंने मेरे घर काम होने से मना कर दिया। कल दिनांक 04.11.11 को सुबह करीब 09.00 बजे उनका फोन आया कि आज जैसलमेर चलना हैं हमारी ट्रक फाईनेंस वालों ने पकड़ी हैं जो छुड़ावानी हैं जिस पर मैं करीब 11.00 बजे मेरी गाड़ी लेकर गागरिया आया जहां पर उक्त दोनों व्यक्ति मिले तथा मुझे गाड़ी लेकर जैसलमेर चलने का कहा तब मैं उक्त दोनों व्यिक्तयों को गाड़ी में बिठाकर जैसलमेर के लिये रवाना हुआ जैसलमेर से पहले डाबला पहुंचने पर उन्होने मुझे कहा कि गाडी बासनपीर खड़ी हैं इसलिये डाबला से कच्चे रास्ते ग्रेवल सड़क चलना हैं तब उक्त रास्ते रवाना हुए। डाबला से करीब 34 किलो मीटर बासनपीर की तरफ पहुंचे कि पैशाब करने के लिये मैंने मेरी गाड़ी रोकी तथा मैं पैशाब करने के लिये सड़क से कुछ दूरी पर गया पैशाब कर रहा था। इसी दौरान उक्त दोनों व्यक्ति मेरी गाड़ी को रवाना कर चोरी कर ले गयें गाड़ी के डेस्क में रखा मेरा मोबाईल व आठ हजार रूपये नगद चोरी कर भाग गये। जिस पर मन पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त गाडी एवं गाडी के चारो को पकडने के लिए जिला स्तर पर टीमो का गठन किया तथा मुल्जिमानों बलकरनजीतसिंह उर्फ बिटु व धर्माराम की तलाश राजस्थान, गुजरात राज्य में की गई। दौराने तलाश श्री चिमना राम उनि मय जाब्ता को जरिये मुखबीर सूचना पर बलकरनजीतसिंह उर्फ बिंटु पुत्र मेधा सिंह जाति राजपूत कच्छप नि0 गड़ी कानगो पुलिस थाना बलाचोर तह0 बलाचोर जिला नवाशहर पंजाब को दिनांक 06.12.11 को दस्तयाब किया जिसके कब्जा से एक पिस्टल व कारतुस बिना लाईसेंस के मिलने पर गिर0 कर अपराध सं0 412/11 धारा 3/25 आम्र्स एक्ट पंजीबद्ध कर मुल0 को उक्त प्रकरण में जे.सी करवाया जिसने पुछताछ पर प्रकरण हाजा की वारदात धर्माराम पुत्र देवा राम जाति जाट नि0 जाखडो की ाणी गा्रम रतासर पुलिस थाना बीजराड तह0 चोहटन जिला बाडमेर के साथ मिलकर करना स्वीकार किया। जिस पर दिनांक 08.12.11 को मुल0 बलकरनजीतसिंह को जरिये प्रोडेक्शन वारंट प्राप्त कर बाद पुछताछ प्रकरण हाजा में गिरफ्तार किया एवं बलकरनजीतसिंह की सुचना पर धर्माराम को तलाश कर दस्तयाब किया एवं बाद पुछताछ धर्माराम द्वारा प्रकरण हाजा की वारदात बलकरनजीतसिंह के साथ मिलकर करना स्वीकार करने पर गिरफ्तारी अमल में लाई गई। प्रकरण हाजा के माल मसरूका बाबत बंद बॉडी बोलेरो गाड़ी रजिस्ट्रेशन नम्बर आर.जे 04 टीए 1358, कीमतन चार लाख पचास हजार रूप्ये की बरामद की गई। दोनो मुल्जिमानो द्वारा वाहन किराये पर लेकर आना एवम सरहद बासनपीर मे कच्चे रास्ते पर चालक प्रार्थी आमद खां के लधुशंका के लिये नीचे उतरने पर पिछे मुल्जिमानो द्वारा दोपहर करीब 2.00 बजे वाहन को स्टार्ट कर चोरी कर ले जाने का प्रयास करने व प्रार्थी द्वारा वाहन नही ले जाने देने हेतु चाबी निकालने का प्रयास करने पर मुल्जिम बलकरणजीत सिंह द्वारा पिस्टल निकाल कर जान से मारने की धमकी देने पर चालक के भाग जाने के बाद वाहन को चोरी कर ले जाना जुर्म धारा 382 भादस प्रमाणित है। हर दोनो मुल्जिमान न्यायिक अभिरक्षा में है।
बाड़मेर .....न्यूज़ इनबॉक्स ..... 9 दिसम्बर
योजनाओं के बेहतर कि्रयान्वयन के निर्देश
बाडमेर, 9 दिसम्बर। संभागीय आयुक्त रमेश कुमार जैन ने भाुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक लेकर जिले में संचालित विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की। उन्होने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के बेहतर कि्रयान्वयन से इनका लाभ आखरी व्यक्ति तक मिलना चाहिए। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने उन्हें योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया।
इस अवसर पर संभागीय आयुक्त ने सर्व प्रथम लोक सेवाओं के प्रदाय की गारन्टी अधिनियम के तहत विभागवार दी जाने वाली सेवाओं की विस्तार के साथ समीक्षा की तथा अधिनियम के तहत आने वाले समस्त कार्यो की प्रभावी मोनिटरिंग के निर्दो दिए। उन्होने जन अभाव अभियोग समिति में प्राप्त अभ्यावेदनों पर तत्काल कार्यवाही करने के निर्दो दिए।
संभागीय आयुक्त ने जिला स्तरीय अधिकारियों से कहा कि विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर एक आदार स्वरूप कार्य संचालित किया जाए, ताकि निरीक्षण किये जाने पर उसकी पालना प्रत्यक्ष नजर आवें। उन्होने अधिकारियों को संचालित योजनाओं के बेहतर कि्रयान्यन हेतु विोश कार्य योजना तैयार कर अधिनस्थ कर्मचारियों को लक्ष्य प्राप्ति हेतु प्रोत्साहित करने के निर्दो दिए। उन्होने जीएलआर की समय समय पर सफाई करवाने तथा उन पर सफाई की दिनांक अंकित करने के निर्दो दिए। साथ ही खराब हैण्ड पम्प के संबंध में दूरभाश पर सूचना मिलने पर उन्हे दर्ज कर भाीध्र दुरस्त करने को कहा।
इस अवसर पर जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने िक्षकों की समय पर तथा पूर्ण समय तक विद्यालय में उपस्थिति सुनिचत करने के निर्दो दिए। साथ ही उन्होने गुणवता पूर्ण िक्षण व्यवस्था के निर्दो दिए।
इस मौके पर जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने जिले में चल रही विभिन्न योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया। साथ ही उन्होने विद्यालयों का सघन निरीक्षण के निर्दो दिए। बैठक में पुलिस अधीक्षक सन्तोश चालके, अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित समेत संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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जूनामीठा खेडा में कलेक्टर की रात्रि चौपाल आज
बाडमेर, 9 दिसम्बर। गुडामालानी तहसील के जूनामीठा खेडा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान द्वारा रात्रि चौपाल का आयोजन भानिवार को किया जाएगा।
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पति को तड़पाकर मारने वाली पत्नी को उम्रकैद
इंदौर।। अवैध संबंधों के चलते 42 साल के बिल्डर की हत्या के मामले में अदालत ने उसकी बेवफा पत्नी और उसके आशिक को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोनों पर कोर्ट ने 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
स्पेशल अडिशनल सेशन जज पंकज गौर ने सनसनीखेज हत्याकांड में रैनी साजी (35) और सनी मैथ्यू (40) को दोषी करार दिया और दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के सरकारी वकील विमल मिश्रा ने बताया कि दोनों पर पलासिया क्षेत्र में बिल्डर सैम मैथ्यू (42) की हत्या का जुर्म साबित हुआ है। मैथ्यू का शव एक मार्च 2008 को अर्धनग्न हालत में उनके घर मिला था।
उन्होंने बताया कि रैनी के सनी से अवैध संबंध थे। इसके चलते उसने अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए प्रेमी के साथ हत्या की साजिश रची और इसे अमली जामा पहनाया। मिश्रा ने बताया, 'वारदात 29 फरवरी और एक मार्च 2008 की रात की है। रैनी ने सैम को पहले जुलाब की गोलियां दीं। फिर उसे धोखे से वह दही खिलाया, जिसमें पहले से सल्फास की जहरीली गोलियां मिली हुई थीं।'
उन्होंने बताया कि जब सैम ने ज्यादा दही नहीं खाया तो रैनी ने अपने आशिक सनी को फोन किया और उसे अपने घर बुला लिया। इसके बाद सैम के सिर पर एक वजनदार औजार से वार किया गया। सरकारी वकील ने बताया कि जब बिल्डर का दम नहीं निकला तो लुंगी से गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार दिया गया।
उन्होंने बताया कि हत्याकांड में रैनी के नाबालिग बेटे और बेटी ने भी उसके खिलाफ गवाही दी। मिश्रा के मुताबिक जांच के दौरान हासिल किए गए कॉल रेकॉर्ड बताते हैं कि कत्ल की रात रैनी और उसके आशिक सनी के बीच करीब 25 बार फोन पर बात हुई।
स्पेशल अडिशनल सेशन जज पंकज गौर ने सनसनीखेज हत्याकांड में रैनी साजी (35) और सनी मैथ्यू (40) को दोषी करार दिया और दोनों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष के सरकारी वकील विमल मिश्रा ने बताया कि दोनों पर पलासिया क्षेत्र में बिल्डर सैम मैथ्यू (42) की हत्या का जुर्म साबित हुआ है। मैथ्यू का शव एक मार्च 2008 को अर्धनग्न हालत में उनके घर मिला था।
उन्होंने बताया कि रैनी के सनी से अवैध संबंध थे। इसके चलते उसने अपने पति को रास्ते से हटाने के लिए प्रेमी के साथ हत्या की साजिश रची और इसे अमली जामा पहनाया। मिश्रा ने बताया, 'वारदात 29 फरवरी और एक मार्च 2008 की रात की है। रैनी ने सैम को पहले जुलाब की गोलियां दीं। फिर उसे धोखे से वह दही खिलाया, जिसमें पहले से सल्फास की जहरीली गोलियां मिली हुई थीं।'
उन्होंने बताया कि जब सैम ने ज्यादा दही नहीं खाया तो रैनी ने अपने आशिक सनी को फोन किया और उसे अपने घर बुला लिया। इसके बाद सैम के सिर पर एक वजनदार औजार से वार किया गया। सरकारी वकील ने बताया कि जब बिल्डर का दम नहीं निकला तो लुंगी से गला घोंटकर उसे मौत के घाट उतार दिया गया।
उन्होंने बताया कि हत्याकांड में रैनी के नाबालिग बेटे और बेटी ने भी उसके खिलाफ गवाही दी। मिश्रा के मुताबिक जांच के दौरान हासिल किए गए कॉल रेकॉर्ड बताते हैं कि कत्ल की रात रैनी और उसके आशिक सनी के बीच करीब 25 बार फोन पर बात हुई।
सुरों की मल्लिका ने वो किया जिसे सुनकर आप भी कहेंगे अरे बाप रे...
सुरों की मल्लिका ने वो किया जिसे सुनकर आप भी कहेंगे अरे बाप रे...
जम्मू-कश्मीर मलिका पुखराज ने अपनी ऑटोबॉयोग्राफी में लिखा है कि धुएं से भरी एक कोठरी में मेरी मां बेचारी तड़प रही थी तब मेरे नाना वहां के एक फ़क़ीर बाबा रोटी राम के पास दुआ मंगवाने ले गए। उन्होंने एक पकोड़ी मेरी मां को खाने को दी और कहा कि जो बच्ची पैदा होगी वो मलिका मुअज़मा की तरह होगी। सो यह भविष्यवाणी पूरी हुई। उनका आधा नाम बाबा का दिया हुआ है और उनकी बुआ ने उन्हें पुखराज नाम दिया। इस तरह वोमलिका पुखराज कहलाईं।
मलिका पुखराज बहुत ज़हीन बच्ची थीं, इसलिए चार बरस की उम्र से मास्टर गुलज़ार हसमेन से उर्दू की तालीम लेने लगीं। मास्टर अलीब़ श जो उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली ख़ां के वालिद थे, उन्हें संगीत सिखाने लगे। यही वजह है कि मलिका की तमाम तालीम की बुनियाद शास्त्रीय संगीत पर है। कुछ अरसे बाद उनका ख़ानदान दिल्ली आ गया और दिल्ली में उस्ताद आशिक अली और मौलाब़ख्श तलवंडी ने उन्हें संगीत की तालीम दी। उनकी ज़िंदगी का अहम मोड़ वह था जब वो नौ बरस की उम्र में अपने ख़ानदान के साथ जम्मू आईं। महाराजा कश्मीर हरि सिंह की ताजपोशी के मौक़े पर मलिका को उनके दरबार में गाना सुनाने का मौक़ा मिला और फिर नौ बरस की उम्र में यह बच्ची महाराजा के दरबार में जैसे एक गजेटेड ऑफीसर नियुक्त हो गईं। पांच सौ रुपए माहवार वज़ीफ़ा तय हुआ।
वहीं उन्हें ठुमरी, दादरा और ग़ज़ल गाने में महारात हासिल होने लगी। उन्हें महाराजा पटियाला जैसे मौसिक़ी के शैदाई को भी अपना गाना सुनाने का मौक़ा मिला। तक़रीबन 18 बरस की उम्र में उन्होंने दरबार से विदा ली। इसका कारण यही समझ में आता है कि वहां उनका फ़न सीमित होकर रह गया था और यह कोयल महज एक पिंजरे में नहीं बल्कि पूरे चमन में नग़मे गाने की ख्वाहिशमंद थी। दरबार छोड़ने के बाद वो रेडियो पर गाने लगीं। पाकिस्तान बनने से पहले ही उनके गाए गीत हिंदुस्तान में बहुत मशहूर हो गए। हफ़ीज़ जालंधरी का लिखा गीत ‘अभी तो मैं जवान हूं’ को पूरा हिंदुस्तान गुनगुनाने लगा। याद रहे कि बेगम अख्तर और सोलन बाई जैसी अज़ीम गाने वालियां इनकी समकालीन थीं। मलिका कहती हैं कि उनकी वालिदा ने उन्हें हर व़क्त मसरूफ़ रहने का हुनर सिखाया था।
वो पांच बरस की उम्र से इंतहाई मसरूफ़ बच्ची थीं। उन्होंने बाबा गुरुनानक का पोर्ट्रेट भी नीडिल वर्क से बनाया था। 1990 में कनाडा से आए कुछ सिख यात्रियों ने मलिका से दऱख्वास्त की कि वो पोट्र्रेट उन्हें अता कर दें। सो अब यह टोरंटो के गुरुद्वारे में लगा हुआ है। यह बात नाक़ाबिले-यक़ीन लगती है कि मां-बाप अपनी औलाद से जान छुड़ाने के बारे में भी सोचें। औलाद तो वह चीज़ है जिसके लिए मां-बाप अपनी जान देने के लिए भी तैयार रहते हैं। लेकिन बड़े-बूढ़ों के कहने के मुताबिक़ यह शायद वाक़ई कलियुग का दौर है। तभी तो हमें ऐसे वाक़यात मालूम होते हैं कि मां-बाप अपनी नन्ही-सी बच्ची को बाहर में छोड़ आए। इस पर यक़ीन नहीं आता, लेकिन ऐसा होता है। बेटे की ख़्वाहिश में पैदा होने वाली लड़की से निजात हासिल कर लेना अब कोई नई बात नहीं। क्योंकि साइंस ने यह आसान कर दिया है। हमारे यहां के मशहूर समाज सेवी अब्दुल स ार ईधी और उनकी बेगम बिल्क़ीस ईधी ने बहुत दिनों पहले ‘झूला स्कीम’ शुरू की थी।
आज भी रोज़ाना उनकी तरफ़ से ये इश्तिहार छपते हैं कि आप नई पैदा होने वाली लड़की या लड़के का गला घोंटकर न मारें, हमारे झूले में डाल जाएं, कोई आपसे कुछ नहीं बोलेगा। बिल्क़ीस कहती हैं कि गैरशादीशुदाओं के बच्चों की बात तो अलग है, लेकिन बहुत-से ऐसे ख़ानदान भी हैं जो ये नहीं जानते कि उनके घर पैदा होने वाली बेटियां उन पर बोझ नहीं। हाल ही में अख़बारों में यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की एक रिपोर्ट छपी है कि अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजी के इस ज़ालिमाना इस्तेमाल का सबसे बुरा असर एशिया पर पड़ा है और यहां लड़कों की तुलना में लड़कियों की तादाद कम हो गई है। यूएन का कहना है कि इस वक्त एशिया को 11.7 करोड़ लड़कियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
वियतनाम के शहर हनोई में हुई कांफ्रेंस से यह बात सामने आई कि लड़कियों की सबसे ज्यादा कमी चीन और हिंदुस्तान में है, जिसका असर इन मुल्कों में आने वाले 50 सालों तक रहेगा।हमारे यहां बेटों की चाह इतनी बढ़ चुकी है कि कराची में बाक़ायदा एक या दो दिन पहले पैदा होने वाले लड़कों को ख़रीदने और बेचने का शर्मनाक धंधा शुरू हो गया है। कुछ अरसा पहले कराची के सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाले छह बच्चों को अग़वा किया गया, जो सभी लड़के थे। दूसरों के बच्चे बेचने वाले इस गिरोह में औरतें और मर्द सब शामिल हैं। यह किस क़दर फ़ायदे का धंधा है, कुछ दिन पहले कराची की एक बस्ती लांढी के एक अस्पताल की लेडी डॉक्टर कुछ दिनों के एक बच्चे को बेचती हुई पकड़ी गई। आप ही सोचिए कि अगर ऐसे कामों में डॉ टर भी शरीक हो जाए और लेबर रूप में ही बच्चा बदल दिया जाए तो मां-बाप कहां जाएं और किससे फ़रियाद करें। बेटियों को बोझ समझकर मार डालने वाले मां-बाप ये क्यों नहीं समझते कि बेटी बड़ी होकर दुख-सुख बांट सकती है और हो सकता है कि बहुत दौलत और शोहरत कमाए। यह बात मुझे हमारे उपमहाद्वीप की प्रसिद्ध गायिका मलिका पुखराज की जिंदगी के हवाले से याद आई।
जम्मू-कश्मीर मलिका पुखराज ने अपनी ऑटोबॉयोग्राफी में लिखा है कि धुएं से भरी एक कोठरी में मेरी मां बेचारी तड़प रही थी तब मेरे नाना वहां के एक फ़क़ीर बाबा रोटी राम के पास दुआ मंगवाने ले गए। उन्होंने एक पकोड़ी मेरी मां को खाने को दी और कहा कि जो बच्ची पैदा होगी वो मलिका मुअज़मा की तरह होगी। सो यह भविष्यवाणी पूरी हुई। उनका आधा नाम बाबा का दिया हुआ है और उनकी बुआ ने उन्हें पुखराज नाम दिया। इस तरह वोमलिका पुखराज कहलाईं।
मलिका पुखराज बहुत ज़हीन बच्ची थीं, इसलिए चार बरस की उम्र से मास्टर गुलज़ार हसमेन से उर्दू की तालीम लेने लगीं। मास्टर अलीब़ श जो उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली ख़ां के वालिद थे, उन्हें संगीत सिखाने लगे। यही वजह है कि मलिका की तमाम तालीम की बुनियाद शास्त्रीय संगीत पर है। कुछ अरसे बाद उनका ख़ानदान दिल्ली आ गया और दिल्ली में उस्ताद आशिक अली और मौलाब़ख्श तलवंडी ने उन्हें संगीत की तालीम दी। उनकी ज़िंदगी का अहम मोड़ वह था जब वो नौ बरस की उम्र में अपने ख़ानदान के साथ जम्मू आईं। महाराजा कश्मीर हरि सिंह की ताजपोशी के मौक़े पर मलिका को उनके दरबार में गाना सुनाने का मौक़ा मिला और फिर नौ बरस की उम्र में यह बच्ची महाराजा के दरबार में जैसे एक गजेटेड ऑफीसर नियुक्त हो गईं। पांच सौ रुपए माहवार वज़ीफ़ा तय हुआ।
वहीं उन्हें ठुमरी, दादरा और ग़ज़ल गाने में महारात हासिल होने लगी। उन्हें महाराजा पटियाला जैसे मौसिक़ी के शैदाई को भी अपना गाना सुनाने का मौक़ा मिला। तक़रीबन 18 बरस की उम्र में उन्होंने दरबार से विदा ली। इसका कारण यही समझ में आता है कि वहां उनका फ़न सीमित होकर रह गया था और यह कोयल महज एक पिंजरे में नहीं बल्कि पूरे चमन में नग़मे गाने की ख्वाहिशमंद थी। दरबार छोड़ने के बाद वो रेडियो पर गाने लगीं। पाकिस्तान बनने से पहले ही उनके गाए गीत हिंदुस्तान में बहुत मशहूर हो गए। हफ़ीज़ जालंधरी का लिखा गीत ‘अभी तो मैं जवान हूं’ को पूरा हिंदुस्तान गुनगुनाने लगा। याद रहे कि बेगम अख्तर और सोलन बाई जैसी अज़ीम गाने वालियां इनकी समकालीन थीं। मलिका कहती हैं कि उनकी वालिदा ने उन्हें हर व़क्त मसरूफ़ रहने का हुनर सिखाया था।
वो पांच बरस की उम्र से इंतहाई मसरूफ़ बच्ची थीं। उन्होंने बाबा गुरुनानक का पोर्ट्रेट भी नीडिल वर्क से बनाया था। 1990 में कनाडा से आए कुछ सिख यात्रियों ने मलिका से दऱख्वास्त की कि वो पोट्र्रेट उन्हें अता कर दें। सो अब यह टोरंटो के गुरुद्वारे में लगा हुआ है। यह बात नाक़ाबिले-यक़ीन लगती है कि मां-बाप अपनी औलाद से जान छुड़ाने के बारे में भी सोचें। औलाद तो वह चीज़ है जिसके लिए मां-बाप अपनी जान देने के लिए भी तैयार रहते हैं। लेकिन बड़े-बूढ़ों के कहने के मुताबिक़ यह शायद वाक़ई कलियुग का दौर है। तभी तो हमें ऐसे वाक़यात मालूम होते हैं कि मां-बाप अपनी नन्ही-सी बच्ची को बाहर में छोड़ आए। इस पर यक़ीन नहीं आता, लेकिन ऐसा होता है। बेटे की ख़्वाहिश में पैदा होने वाली लड़की से निजात हासिल कर लेना अब कोई नई बात नहीं। क्योंकि साइंस ने यह आसान कर दिया है। हमारे यहां के मशहूर समाज सेवी अब्दुल स ार ईधी और उनकी बेगम बिल्क़ीस ईधी ने बहुत दिनों पहले ‘झूला स्कीम’ शुरू की थी।
आज भी रोज़ाना उनकी तरफ़ से ये इश्तिहार छपते हैं कि आप नई पैदा होने वाली लड़की या लड़के का गला घोंटकर न मारें, हमारे झूले में डाल जाएं, कोई आपसे कुछ नहीं बोलेगा। बिल्क़ीस कहती हैं कि गैरशादीशुदाओं के बच्चों की बात तो अलग है, लेकिन बहुत-से ऐसे ख़ानदान भी हैं जो ये नहीं जानते कि उनके घर पैदा होने वाली बेटियां उन पर बोझ नहीं। हाल ही में अख़बारों में यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की एक रिपोर्ट छपी है कि अल्ट्रासाउंड टेक्नोलॉजी के इस ज़ालिमाना इस्तेमाल का सबसे बुरा असर एशिया पर पड़ा है और यहां लड़कों की तुलना में लड़कियों की तादाद कम हो गई है। यूएन का कहना है कि इस वक्त एशिया को 11.7 करोड़ लड़कियों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
वियतनाम के शहर हनोई में हुई कांफ्रेंस से यह बात सामने आई कि लड़कियों की सबसे ज्यादा कमी चीन और हिंदुस्तान में है, जिसका असर इन मुल्कों में आने वाले 50 सालों तक रहेगा।हमारे यहां बेटों की चाह इतनी बढ़ चुकी है कि कराची में बाक़ायदा एक या दो दिन पहले पैदा होने वाले लड़कों को ख़रीदने और बेचने का शर्मनाक धंधा शुरू हो गया है। कुछ अरसा पहले कराची के सरकारी अस्पतालों में पैदा होने वाले छह बच्चों को अग़वा किया गया, जो सभी लड़के थे। दूसरों के बच्चे बेचने वाले इस गिरोह में औरतें और मर्द सब शामिल हैं। यह किस क़दर फ़ायदे का धंधा है, कुछ दिन पहले कराची की एक बस्ती लांढी के एक अस्पताल की लेडी डॉक्टर कुछ दिनों के एक बच्चे को बेचती हुई पकड़ी गई। आप ही सोचिए कि अगर ऐसे कामों में डॉ टर भी शरीक हो जाए और लेबर रूप में ही बच्चा बदल दिया जाए तो मां-बाप कहां जाएं और किससे फ़रियाद करें। बेटियों को बोझ समझकर मार डालने वाले मां-बाप ये क्यों नहीं समझते कि बेटी बड़ी होकर दुख-सुख बांट सकती है और हो सकता है कि बहुत दौलत और शोहरत कमाए। यह बात मुझे हमारे उपमहाद्वीप की प्रसिद्ध गायिका मलिका पुखराज की जिंदगी के हवाले से याद आई।
सबसे कम उम्र में पहुंची साउथ पोल पर
सबसे कम उम्र में पहुंची साउथ पोल पर
लंदन। ब्रिटेन की एक 16 साल की लड़की दक्षिणी धु्रव पर पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बन गई है। लदंन में पली बढ़ी एमेलिया हेपलमैन एडम्स ने अंटार्कटिका में एक अड्डे से स्की करना शुरू किया और 97 मील का सफर तय करके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंची। एमेलिया के पिता डेविड हेपलमैन एडम्स ने इस अभियान में साथ दिया।
उल्लेखनीय है कि अंटार्कटिका में शून्य से 50 डिग्री के तापमान में 17 रातें बिताने के बाद एमेलिया ने इस अभियान को पूरा किया। उन्होंने कहा कि ये अभियान मेरे लिए एक अच्छा अनुभव रहा। हालांकि इसे पूरा करने के बाद बहुत थक गई हूं, लेकिन उन्हें बेहद खुशी है कि वह यह कर सकी। वहीं एमेलिाय के पिता ने भी अपनी बेटी की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी है।
1909 में इस मिशन को अर्नस्ट शेकलटन ने पूरा किया था। गौरतलब है कि 2005 में एमेलिया की बहन अलीसिया ने 15 साल की उम्र में नार्थ पोल का सफर तय कर चुकी है।
लंदन। ब्रिटेन की एक 16 साल की लड़की दक्षिणी धु्रव पर पहुंचने वाली सबसे कम उम्र की लड़की बन गई है। लदंन में पली बढ़ी एमेलिया हेपलमैन एडम्स ने अंटार्कटिका में एक अड्डे से स्की करना शुरू किया और 97 मील का सफर तय करके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंची। एमेलिया के पिता डेविड हेपलमैन एडम्स ने इस अभियान में साथ दिया।
उल्लेखनीय है कि अंटार्कटिका में शून्य से 50 डिग्री के तापमान में 17 रातें बिताने के बाद एमेलिया ने इस अभियान को पूरा किया। उन्होंने कहा कि ये अभियान मेरे लिए एक अच्छा अनुभव रहा। हालांकि इसे पूरा करने के बाद बहुत थक गई हूं, लेकिन उन्हें बेहद खुशी है कि वह यह कर सकी। वहीं एमेलिाय के पिता ने भी अपनी बेटी की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी है।
1909 में इस मिशन को अर्नस्ट शेकलटन ने पूरा किया था। गौरतलब है कि 2005 में एमेलिया की बहन अलीसिया ने 15 साल की उम्र में नार्थ पोल का सफर तय कर चुकी है।
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