यूपी के वाराणसी के चोलापुर की रहने वाली 70 वर्षीय कृष्णावती लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई हैं। पिछले 40 वर्षों से यह खाना खाने की बजाय दो किलोग्राम रेत प्रतिदिन खाती हैं। हैरान करने वाली बात तो यह कि आज तक उनको किसी तरह कोई बीमारी नहीं हुई।
कृष्णावती कहती है कि, "मैं पिछले 40 वर्षों के लिए रेत खा रहा हूं। यह मेरी आदत है। इस वजह से मुझे कोई बीमारी नहीं हुई है। शुरू में मेरे परिवार के लोग मेरी इस आदत से चिंतित थे। उन्हें लगता है था कि मुझे कहीं कोई गंभीर बीमारी ना हो जाए। लेकिन अब कोई भी रेत खाने से रोकता नहीं है।''
कृष्णावती के बड़े बेटे ने कहा कि, "मेरी मां रोज दो किलोग्राम रेत खा जाती है। हम उन्हें दुकान से रेत खरीद कर देते हैं। वह इसे खाती है, लेकिन अभी तक उन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई है। हम इसे चमत्कार मानते हैं।"
डॉक्टरों के मुताबिक, ''यह एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है। इसका इलाज किया जाना चाहिए। यह पिका नामक बीमारी है। यह औरत 40 वर्षों से इस बीमारी से पीड़ित है। इसे किसी तरह का चमत्कार करके विज्ञान का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।''
कृष्णावती कहती है कि, "मैं पिछले 40 वर्षों के लिए रेत खा रहा हूं। यह मेरी आदत है। इस वजह से मुझे कोई बीमारी नहीं हुई है। शुरू में मेरे परिवार के लोग मेरी इस आदत से चिंतित थे। उन्हें लगता है था कि मुझे कहीं कोई गंभीर बीमारी ना हो जाए। लेकिन अब कोई भी रेत खाने से रोकता नहीं है।''
कृष्णावती के बड़े बेटे ने कहा कि, "मेरी मां रोज दो किलोग्राम रेत खा जाती है। हम उन्हें दुकान से रेत खरीद कर देते हैं। वह इसे खाती है, लेकिन अभी तक उन्हें किसी तरह की कोई समस्या नहीं हुई है। हम इसे चमत्कार मानते हैं।"
डॉक्टरों के मुताबिक, ''यह एक मनोवैज्ञानिक बीमारी है। इसका इलाज किया जाना चाहिए। यह पिका नामक बीमारी है। यह औरत 40 वर्षों से इस बीमारी से पीड़ित है। इसे किसी तरह का चमत्कार करके विज्ञान का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।''
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