भारतीय सेना का रेगिस्तान में युद्धाभ्यास ‘सुदर्शन शक्ति’ अंतिम पड़ाव पर है। अभ्यास के दौरान तोप-टैंकों से लेकर अत्याधुनिक हथियारों से दुश्मन को कम समय में अधिक से अधिक नुकसान पहुंचाने में सेना खरी उतरी।
उधर वायुसेना का युद्धाभ्यास ‘महा गुजराज-2011’ भी चरम पर है। जोधपुर एयरबेस से सुखोई-30 व लड़ाकू हेलिकॉप्टर रात-दिन उड़ान भरकर रेगिस्तान में दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नष्ट करने का अभ्यास कर रहे हैं।
दक्षिण कमान के नेतृत्व में भोपाल स्थित 21 स्ट्राइक कोर ने पिछले डेढ़ महीने के अभ्यास में दुश्मन से काल्पनिक जंग लड़ने का अभ्यास किया। जंग की नई रणनीति और नई अवधारणाओं के साथ सैनिकों को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही दुश्मन पर धावा बोलने के साथ उसकी हर गतिविधि के अनुरूप उसे मात देने का अभ्यास किया गया।
इस दौरान कम समय में दुश्मन को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के साथ ही रासायनिक, जैविक व परमाणु हमले से निपटने का अभ्यास किया गया। नए नेटवर्क सिस्टम को काल्पनिक जंग में परखा गया।
साथ ही अर्जुन टैंकों व बोफोर्स सहित तोपों की ताकत का आकलन किया गया। राष्ट्रपति व रक्षा मंत्री ने भी इस युद्धाभ्यास को देखा। रक्षा मंत्रालय व सेना के विशेषज्ञों की टीम ने इस अभ्यास की हर गतिविधि का आकलन किया। सूत्रों के अनुसार इस आकलन में सेना खरी उतरी है।
वायुसेना का राजस्थान व गुजरात में ‘महागुजराज 2011’ अभ्यास अभी शीर्ष पर है। जोधपुर एयरबेस से वायुसेना के जांबाज पायलट अत्याधुनिक और अपग्रेड सुखोई-30, जगुआर, मिराज 2000, मिग 27, मिग 29 व बाइसन जैसे लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर रेगिस्तान में अभ्यास कर रहे हैं।
उधर वायुसेना का युद्धाभ्यास ‘महा गुजराज-2011’ भी चरम पर है। जोधपुर एयरबेस से सुखोई-30 व लड़ाकू हेलिकॉप्टर रात-दिन उड़ान भरकर रेगिस्तान में दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों को नष्ट करने का अभ्यास कर रहे हैं।
दक्षिण कमान के नेतृत्व में भोपाल स्थित 21 स्ट्राइक कोर ने पिछले डेढ़ महीने के अभ्यास में दुश्मन से काल्पनिक जंग लड़ने का अभ्यास किया। जंग की नई रणनीति और नई अवधारणाओं के साथ सैनिकों को प्रशिक्षित किया गया। साथ ही दुश्मन पर धावा बोलने के साथ उसकी हर गतिविधि के अनुरूप उसे मात देने का अभ्यास किया गया।
इस दौरान कम समय में दुश्मन को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के साथ ही रासायनिक, जैविक व परमाणु हमले से निपटने का अभ्यास किया गया। नए नेटवर्क सिस्टम को काल्पनिक जंग में परखा गया।
साथ ही अर्जुन टैंकों व बोफोर्स सहित तोपों की ताकत का आकलन किया गया। राष्ट्रपति व रक्षा मंत्री ने भी इस युद्धाभ्यास को देखा। रक्षा मंत्रालय व सेना के विशेषज्ञों की टीम ने इस अभ्यास की हर गतिविधि का आकलन किया। सूत्रों के अनुसार इस आकलन में सेना खरी उतरी है।
वायुसेना का राजस्थान व गुजरात में ‘महागुजराज 2011’ अभ्यास अभी शीर्ष पर है। जोधपुर एयरबेस से वायुसेना के जांबाज पायलट अत्याधुनिक और अपग्रेड सुखोई-30, जगुआर, मिराज 2000, मिग 27, मिग 29 व बाइसन जैसे लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर रेगिस्तान में अभ्यास कर रहे हैं।
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