बुधवार, 2 नवंबर 2011

ए एन एम् के साथ योंन शोषण के आरोपी ने आत्म समर्पण किया

ए एन एम् के साथ योंन शोषण के आरोपी ने आत्म समर्पण किया 

बाड़मेर बाड़मेर के बहुचर्चित ए  एन एम् योंन शोषण एवं एम् एम् एस प्रकरण के मुख्या आरोपी ने आज पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया .पुलिस सूत्रों ने बताया की बाड़मेर जिला मुख्यालय स्थित जीवन ज्योत अस्पताल के भागिदार प्रकाश दरजी द्वारा अस्पताल की ए एन एम् के साथ योंन शोषण कर उसकी असलील फिल्म बनाई गयी .उसके द्वारा नर्स के साथ बलात्कार करने तथा असलील सी डी बना कर ब्लेक मेल करने का मामला सिटी कोतवाली में दर्ज कराया था जिस पर कार्यवाही कर पुलिस ने जीवन ज्योत अस्पताल को सीज किया था पुलिस द्वारा आरोपी की सरगर्मी से तलाश की  जा रही थी इसी बीच उसने आत्म समर्पण कर दिया .  

हाथो हाथ होगा समस्याओं का निस्तारण

हाथो हाथ होगा समस्याओं का निस्तारण

आडेल में जिला कलेक्टर की रात्रि चौपाल कल
बाडमेर, 2 नवम्बर। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान द्वारा गुडामालानी तहसील के आडेल ग्राम पंचायत मुख्यालय पर रात्रि चौपाल का आयोजन भाुक्रवार 4 नवम्बर को किया जाएगा। चौपाल की समाप्ति के बाद जिला कलेक्टर द्वारा खुली जन सुनवाई भी की जाएगी।

जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने बताया कि प्रत्येक चौपाल मे संबंधिंत ग्राम पंचायत के ग्रामीणों की समस्याओं तथा अभियोगों का मौके पर ही निस्तारण करने हेतु क्षेत्र के संबंधित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सार्वजनिक निर्माण, पाु पालन, कृशि, िक्षा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, रसद विभाग के अधिकारियों के साथ साथ संबंधित उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, विकास अधिकारी एवं पटवार मण्डल के सभी पटवारी तथा ग्राम सेवक आवयक रूप से उपस्थित होंगे।

उन्होने बताया कि 16 नवम्बर को बायतु तहसील के माडपुरा बरवाला (मु0 निम्बानियों की ाणी), 18 नवम्बर को पचपदरा तहसील के नवोडा बेरा तथा 25 नवम्बर को बाडमेर तहसील के सरणू ग्राम पंचायत मुख्यालय पर रात्रि चौपाल का आयोजन किया जाएगा।

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सीमान्त क्षेत्र विकास कार्यक्रम

अडतालीस लाख के

निर्माण कार्यो की स्वीकृति

बाडमेर, 2 नवम्बर। सीमान्त क्षैत्र विकास कार्यक्रम अन्तर्गत विकास अधिकारी पंचायत समिति धोरीमना से प्राप्त सक्षम तकनीकी स्वीकृति के आधार पर आंगनवाडी केन्द्र भवन निर्माण, चार दिवारी निर्माण तथा अतिरिक्त कक्षा कक्ष निर्माण आदि के 8 कार्यो हेतु कुल सैतालीस लाख सतानवे हजार रूपये की वितीय स्वीकृति एवं प्रथम कित की राि हस्तान्तरण की स्वीकृति प्रदान की गई है।

जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि धोरीमना पंचायत समिति क्षेत्र में आंगनवाडी केन्द्र सुथारों का तला भवन निर्माण, आंगनवाडी केन्द्र मोबताणी ाकों की ाणी भवन निर्माण, आंगनवाडी केन्द्र अलाजार का कुआ भवन निर्माण, राउप्रावि गुल्ले की बेरी में स्टेज निर्माण, राउप्रावि विवकर्मा नगर में अतिरिक्त कक्षा कक्ष निर्माण, हैल्थ सब सेन्टर भाौभाला दार्न में लेबर रूम का निर्माण, रामावि कितनोरिया में अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण तथा रामावि कितनोरिया की चार दिवारी के निर्माण हेतु कुल 47 लाख 97 हजार रूपये की वितीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

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साप्ताहिक बैठक का समय बदला

बाडमेर, 2 नवम्बर। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान की अध्यक्षता में प्रत्येक सोमवार को आयोजित होने वाली पेयजल, विद्युत एवं मौसमी बीमारियों की समीक्षा बैठक अब आगामी सोमवार से दोपहर 12.30 बजे आयोजित की जाएगी।

अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित ने बताया कि प्रत्येक सोमवार को पेयजल, विद्युत एवं मौसमी बीमारियों की पूर्व में प्रातः 11.00 बजे आयोजित होने वाली समीक्षा बैठक अब आगामी सोमवार से दोपहर 12.30 बजे आयोजित की जाएगी। उन्होने बताया कि सोमवार के दिन राजकीय अवका होने की दा में उक्त बैठक आगामी कार्य दिवस को आयोजित की जाएगी।

कलेक्टर का नवाचार कागज की थैलियों से होगा महिलाओं का आर्थिक उन्नयन


कलेक्टर का नवाचार 

कागज की थैलियों से होगा महिलाओं का आर्थिक उन्नयन 

बाडमेर, 2 नवम्बर। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने महिला दस्तकारों के आर्थिक साक्तिकरण के लिए कागज की थैलियों के निर्माण तथा विपणन की पहल की है। साथ ही इनसे प्लास्टिक की थैलियों के विकल्प के रूप में विकसित होने से पर्यावरण प्रदूशण से भी निजात मिलेगी। 
जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा प्लास्टिक कैरी बैग के प्रयोग पर पूर्णतया प्रतिबन्ध के पचात इनके विकल्प के रूप में कागज की थैलियों के इस्तेमाल के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। साथ ही कागज की थैलियों का निर्माण महिला दस्तकारों से वृहद स्तर पर करवाया जाएगा ताकि उन्हें घर बैठे रोजगार मिलने से उनका आर्थिक साक्तिकरण हो सकेगा। जिला कलेक्टर ने विवकर्मा संस्थान को इस योजना के लिए विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर पॉयलट प्रोजेक्ट के रूप में कि्रयान्वयन करने के निर्दो दिए है। 
डॉ. प्रधान ने बताया कि विवकर्मा आपूर्ति एवं निर्माण संस्थान से जुडी महिला दस्तकारों ने उनसे हस्तिल्प के उत्पादों की विपरण तथा विक्रय से पर्याप्त आमदनी नहीं होने की समस्या से अवगत कराया था इसलिए इन महिलाओं को विकल्प के रूप में कागज की थैलियों के निर्माण के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होने बताया कि निर्माण के पचात कागज की थैलियों के विपणन तथा विक्रय के लिए जिला प्रासन द्वारा पूरा सहयोग किया जाएगा। उन्होने बताया कि जिले के नगरीय क्षेत्रों में कागज की थैलियों के इस्तेमाल के लिए नगर पालिका को निर्दो दिए गए है कि वे फुटकर तथा खुदरा व्यापारियों, हाथ ठेलों तथा थडी, सब्जी विक्रेताओं को पाबन्द करें कि वे कागज की थैलियों का ही इस्तेमाल करें। 
जिला कलेक्टर ने बताया कि प्लास्टिक की थैलियों की रोक के पचात प्रासन द्वारा नियमित रूप से धरपकड अभियान चलाकर इनकी बरामदगी की जा रही है, लेकिन विकल्प उपलब्ध नहीं होने तथा जागरूकता के अभाव में प्लास्टिक की थैलियों पर पूर्णतः प्रतिबन्ध नहीं लग पाया है। इसलिए प्लास्टिक की थैलियों के विकल्प के रूप में कागज की थैलियों का वृहद स्तर पर उत्पादन होने से महिला हस्तिल्पियों के आर्थिक साक्तिकरण के साथ साथ ही यह पर्यावरण के भी अनुकूल है। कागज की थैलियों के इस्तेमाल से स्वच्छता एवं साफ सफाई का भी उन्नयन होगा। 
डॉ. प्रधान ने बताया कि जिले के सभी उपखण्ड अधिकारियों तथा तहसीलदारों को निर्दो दिए गए है कि वे जिले में प्लास्टिक की थैलियों की रोकथाम के लिए नियमित अभियान चलाने के साथ साथ लोगों को इस बात के लिए प्रेरित करे कि प्लास्टिक पर्यावरण के लिए हानिकारक है तथा इनके इस्तेमाल से पृथ्वी के वातावरण के साथ साथ जानवरों को भी नुकसान पहुंच रहा है, इसलिए लोग स्वयं प्लास्टिक की थैलियों का इस्तेमाल करने में परहेज करें तथा कागज की थैलियों के लिए पहल करें। उन्होने लोगों को कागज की थैलियों का इस्तेमाल करने की अपील की है। 


राजस्थानी भासा री मानता मिलणो आपणो पेट रो सवाल है

राजस्थानी भासा री मानता मिलणो आपणो पेट रो सवाल है





राजस्थानी भासा री मानता मिलणो आपणो पेट रो सवाल है। यह बात शिक्षा विद देवी सिंह चोधरी ने बुधवार को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय रेलवे स्कूल परिसर में ‘म्हारी जबान रो खोलो ताळो’ पोस्टकार्ड अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा दो हजार साल पुरानी है, राजस्थानी भाषा का शब्दकोष विश्व का सबसे बड़ा शब्दकोष है। उन्होंने भाषा को राज्य की बाड़ बताते हुए कहा कि भाषा मरती है तो भाषा के साथ संस्कृति व संस्कार खत्म हो जाते हैं। उन्हों ने युवाओं को राजस्थानी भाषा के संघर्ष के लिए एकजुट होने का आह्वान करते हुए राजस्थानी भाषा के आंदोलन पर विस्तार से प्रकाश डाला। जिला पाटवी रिदमल सिंह दांता ने राजस्थानी भाषा की मान्यता के आंदोलन को गति देने व युवाओं को भाषा आंदोलन से जुडऩे की बात कही। हरपाल सिंह राव ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में दिए जाने का प्रावधान है इसलिए राजस्थानी भाषा को अविलंब मान्यता मिलनी चाहिए। मोटियार परिषद् के जिला पाटवी रघुवीर सिंह तामलोर ने पोस्टकार्ड अभियान को क्षेत्र में सघनता से चलाने की बात कही।चन्दन सिंह भाटी ने मायड़ भाषा राजस्थानी के आंदोलन के लिए एकजुटता पर बल दिया। इस अवसर पर भाखर सिंह गोरडिया ने आह्वान किया की हर एक घर से राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए पोस्ट कार्ड लिखे जाए .इस अवसर पर प्रधानाध्यापक मांगी लाल गोरसिया ने कहा की मायड़ भाषा को मान्यता के लिए चलाये जरे अभियान की कमान युवाओं ने अपने हाथ लेकर इस अभियान को लोगो तथा सरकार तक पंहुचने का सराहनीय कार्य किया हें .सरकार को अब मान्यता देनी पड़ेगी .इस अवसर पर प्रकाश जोशी .विजय कुमार अशोक तन्सुखानी सवाई सिंह सुलतान सिंह रेडाना ,ने भी अपनी बात कही । कार्यक्रम के तत्पश्चात राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, सांसद एवं अन्य केंद्रीय मंत्रियों के नाम पोस्टकार्ड लिखकर भेजे गये।

Thar Desert Rajasthan.....sea beautiful exciting photo













Thar Desert Rajasthan



The scorching heat of the sun shining right above the hands, vast tracts of land with just sand all around with an occasion interruption of rippling sand dunes, where the life-giver water is scarce and the only vegetation generally found are the thorny bushes marks the landscape of a desert and so it is in the desert of That. Except for few things that makes it stand apart. Add to this picture, people wearing brightly hued costumes, women in their ghagharas wearing heavy jewellery and hiding their faces in veil, magnificent and majestic forts and palaces that are splendid examples of architecture, the haunting music and songs and performers that seem to be made of rubber as they dance and perform feats of acrobatics, the hunch-backed camels, royal kings seated on richly bedecked elephants and many, many legends that are an inseparable part of a rich culture and you get the picture of the Thar desert in Rajasthan.


The legend related to the origin of Thar Desert is not less interesting. In Ramayana, it is mentioned that when Lord Rama had to cross the ocean with his army to Lanka, the kingdom of the demon-king Ravana who abducted his wife, Devi Sita, he decided to use a fire-weapon and dry up the ocean. All the living creatures of the ocean were much frightened for their lives and started pleading him not to do so. But as it was impossible to dismount the arrow-weapon, once it was withdrawn, he decided to point it to a distant sea and released it. That sea happened to be in the place, where Thar Desert now exists. Though, it is mythology, the more interesting part is that fossils have been excavated in this region that indicate the existence of marine life here once.


Recent excavations have also unearthed the remains of the Indus Valley Civilization that existed 4,500 years ago that penetrated deep into the arid desert region. With the rising of the trade and commerce, traders traveled frequently crosses this desert in caravans, in the search of new markets for their products. With time, sarais or rest houses sprang up on the route, which slowly swelled into settlements. Then, there was much plundering and looting on the way and settlers offered security services to the traders in exchange of money in the form of taxes on their goods as they pass through their territory. Most of the rulers of the region belonged to the Rajput clan who had come to the region for refuge and to settle down once more and lay the foundations of new kingdoms, after they had been dethroned from their seat of powers by their foes. They built grandiose citadels and rose to power once again and thus, Rjasthan, the land of rulers, came into being.

भंवरी देवी की सूचना दो, इनाम में ले जाओ पांच लाख रु.!

हाथ लगी सीडी, कुछ और नेताओं के नाम!

जोधपुर। सीबीआई ने अपह्वत एएनएम भंवरीदेवी मामले मे एक सीडी बरामद की है। सीडी मे बर्खास्त मंत्री के अलावा कुछ और नेता व एक आईएएस के भी शामिल होने की बात सामने आई है। सीबीआई ने पुष्टि नहीं की है। इससे पहले मंगलवार को सीबीआई ने अपहरण के मुख्य सूत्रधार माने जा रहे शहाबुद्दीन के साथ जेल में न्यायिक हिरासत में चले रहे आरोपी सोहनलाल विश्नोई और बलदेव जाट से पूछताछ की।

सोहन के घर पर भी छापा मार वहां से सीडी बरामद की। सीबीआई को शहर के एक वीडियो पार्लर के यहां छापे के दौरान बरामद की गई कंप्यूटर हार्ड डिस्क से भी सीडी के बारे में अहम सुराग हाथ लगे हैं। पार्लर संचालक राजेश फोफलिया से 20 घंटे से ज्यादा पूछताछ की गई।

कई दिनों से थी तलाश
भंवरी के अपहरण के पीछे सीडी को ही वजह मानी जा रही है। पहले जोधपुर ग्रामीण पुलिस और अब सीबीआई टीम को सीडी की लंबे समय से तलाश कर रही थी। सीडी के हाथ लगने से मामले की जांच में तेजी आने की संभावना मानी जा रही है।

सोहन का घर खंगाला
सीबीआई ने सोहनलाल के तिलवासनी स्थित घर, ढाणी, खेत व चारों के ढेर का कोना-कोना खंगाला। सीबीआई ने घर की तलाशी के दौरान बर्खास्त मंत्री से संबंधित कुछ दस्तावेज तथा सीडी भी बरामद की। टीम ने घर के चौक तथा पिछवाड़े में कुछ स्थानों की खुदाई भी की। सोहन के परिजनों से पूछताछ भी की।
सर्विस रिकॉर्ड कब्जे में सीबीआई ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय पहंुच भंवरी से जुड़ा तमाम सर्विस रिकॉर्ड कब्जे में किया और कर्मचारियों से पूछताछ की। भंवरी के कार चालक फारूख से भी पूछताछ की गई।

सुराग पर 5 लाख इनाम
इस मामले में सीबीआई ने छह लाख रूपए इनाम की घोषणा की है। जो भी व्यक्ति भंवरी के बारे में सुराग देगा, उसे पांच लाख रूपए और फरार अभियुक्त सहीराम के बारे में जानकारी देने पर एक लाख रू इनाम दिया जाएगा। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा। सूचना फोन नम्बर 09530346277, 02912513315, 01124368641 पर दी जा सकती है

सशस्त्र सीमा बल की दो बटालियन जोधपुर में

सशस्त्र सीमा बल की दो बटालियन जोधपुर में

जोधपुर। नेपाल व भूटान की सीमा पर रक्षा करने वाले जवान रेत के समंदर से वाकिफ होंगे। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों को अपने घर के नजदीक तथा शान्त स्थान पर रखने के लिहाज से जोधपुर में दो बटालियन स्थापित होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने जोधपुर विकास प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन को 85 एकड़ जमीन आवंटित करने के निर्देश दिए है। इस पर जेडीए ने पालड़ी खीचियान गांव के आसपास जमीन चिह्नित करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए है।

सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक युद्धवीरसिंह डाडवाल ने गत 6 सितम्बर को राज्य के मुख्य सचिव एस.अहमद को चिट्टी लिखकर जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर व अलवर में से किसी एक शहर में जमीन आवंटित करने का अनुरोध किया था। इसमें दो बटालियन मुख्यालय स्थापित करने के साथ ही प्रशासनिक भवन तथा आवास बनाए जा सके और जवानों के बच्चों के लिए भी बेहतर शिक्षण व्यवस्था की जा सके।

इस पर मुख्य सचिव अहमद ने गत 7 अक्टूबर को जिला कलक्टर सिद्धार्थ महाजन तथा जेडीए आयुक्त आनंदी को पत्र भेजकर 85 एकड़ जमीन चिह्नित कर आवंटित करने के निर्देश दिए थे।

इसलिए जोधपुर का चयन
जोधपुर में गत साल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के बटालियन मुख्यालय खोलने के लिए जेडीए ने जमीन दी है। इसके अलावा यहां बीएसएफ, सेना तथा वायुसेना का बड़ा स्टेशन है। ऎसे में इन दोनों बटालियन के लिए भी यहां जमीन उपयुक्त मानी जा रही है।

बेहतर माहौल देने का प्रयास
हिमालय की दुर्गम स्थानों पर तैनात रहने वाले एसएसबी के जवानों के स्वभाव में बदलाव आ जाता है। उन्हें अच्छा महौल देने के लिए पहाड़ों से हटकर मैदानी व रेतीले इलाकों में ले जाया जा रहा है। आमतौर पर सीआरपीएफ व बीएसएफ के जवानों को अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया जाता रहता है।

लेफ्टिनेन्ट जनरल भूषण ने पदभार सम्भाला
लेफ्टिनेन्ट जनरल ज्ञान भूषण ने सोमवार को जयपुर स्थित सेना की दक्षिण-पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर इन चीफ (आर्मी कमाण्डर) का पदभार सम्भाल लिया। उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह के स्थान पर नियुक्त किया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने भी मंगलवार को दिल्ली में सेना के उपाध्यक्ष का पद भार सम्भाला। आर्मी कमाण्डर भूषण सैनिक स्कूल, तिलैया के छात्र रह चुके हैं।

उन्होंने वर्ष 1970 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश लिया तथा 23 सितम्बर 1973 को 1 महार रेजीमेंट से उन्हें कमीशन मिला। उन्होंने विलिंगटन रक्षा अकादमी से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने सीनियर कमान, हायर कमान तथा नेशलन डिफेन्स कोर्स किए। कॅरियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर जिम्मेदारी निभाई। वे भूटान में भारतीय सैनिक ट्रेनिंग टीम की कमान सम्भाल चुके हैं।

जनता का जनरल
उन्होंने कश्मीर तथा पूर्वोत्तर राज्यों में कई ऑपरेशनों का नेतृत्व किया। वे पर्वतीय ब्र्रिगेड, पर्वतीय डिवीजन, तथा उत्तर-पूर्व की कोर का नेतृत्व कर चुके हैं। जनरल भूषण ने गजराज कोर में रहते हुए आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में एकीकृत कमान के ऑपरेशन ग्रुप मुखिया के तौर पर बेहतर रणनीति का प्रयोग कर सुरक्षा बलों को मजबूत स्थिति प्रदान की। पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक जानकारी के फलस्वरूप उन्होंने वहां कई विकास कार्य शुरू करवाए। इसके चलते उन्हें जनता का जनरल कहा जाने लगा।

देवूदेवी हत्याकांड का खुलासा, आरोपी गिरफ्तार

बदनियत से घर में घुसा था आरोपी, परिवार का परिचित भी था
भीनमाल पुलिस ने बहुचर्चित देवूदेवी चौधरी हत्याकंाड का एक माह बाद खुलासा कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस उपअधीक्षक जयपालसिंह यादव ने बताया कि गत २ अक्टूबर रात को कोडी निवासी देवूदेवी (६५) पत्नी हीराराम चौधरी घर के बाहर आंगन में सो रही थी। देर रात अज्ञात व्यक्ति ने देवूदेवी का गला घोंटकर हत्या करने के बाद घर के अंदर सो रही उसकी पुत्रवधु बदामी पत्नी मफाराम चौधरी को भी घायल कर दिया था। इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने कोड़ी निवासी कालू उर्फ कालिया (२५) पुत्र वरधाराम पुरोहित को गिरफ्तार किया है। जिसे बुधवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

ग्रामीणों ने किया था धरना प्रदर्शन : हत्या के बाद करीब एक सप्ताह तक मामले का खुलासा नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने ७ अक्टूबर को सरहद कोड़ी में भीनमाल-रानीवाड़ा मार्ग को करीब चार घंटे जाम कर पुलिस के प्रति आक्रोश व्यक्त किया था। इस दौरान पुलिस ने बल प्रयोग कर बड़ी मुश्किल से मार्ग बहाल करवाया था। इसके बाद २० अक्टूबर को उपखंड मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया था। जिसमें भाजपा जिलाध्यक्ष नारायणसिंह देवल, विधायक पूराराम चौधरी, सांचौर विधायक जीवाराम चौधरी और रानीवाड़ा के पूर्व विधायक रतनाराम चौधरी सहित विभिन्न दलों के पदाधिकारियों ने भाग लेकर धरने का समर्थन किया था। २४ अक्टूबर तक पुलिस द्वारा मामले का खुलसा नहीं करने और धरनार्थियों की सूध नहीं लेने से नाराज ग्रामीणों ने दीपावली नहीं मनाने और दीपावली के दिन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के पूतले जलाने की चेतावनी दी थी। जिसके बाद २५ अक्टूबर को देर शाम पुलिस उप अधीक्षक जयपालसिंह यादव ने विधायक पूराराम चौधरी से मध्यस्था करवाकर १५ दिन के भीतर मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया था।


बदनियत से घूसा था घर में : आरोपी कोड़ी निवासी कालू उर्फ कालिया के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण कालू ने पढ़ाई की बजाय बस व ट्रकों पर खलासी की नौकरी की। इस कारण उसकी लत शराब पीने की पड़ गई। शराब पीने के बाद वह अक्सर बदनियत से रात्रि के दौरान घरों में घूस जाता था। कई बार ग्रामीणों ने इसे पकड़कर मारपीट के बाद भगाना उचित समझा।

पुलिस के अनुसार दो अक्टूबर की रात्रि को कालू उर्फ कालिया ने भीनमाल में शराब पी। करीब १० बजे बाद वह एक निजी ट्रेवल्स की बस से कोड़ी पहुंचा। वहां शराब की दुकान खुलवाकर पुन: शराब पी। इसके वह बाद देवूदेवी के घर पहुंचा। देवूदेवी की पुत्रवधु बदामी देवी ने आरोपी कालिया के काकाई भाई को धर्मभाई बना रखा है। इस कारण बदामी का उसके काका के घर आना-जाना रहता था। जहां आरोपी कालिया की नजर बदामी पर रहती थी। इस कारण वह घटना की रात उसके घर पहुंचा।

राड़बर में मिला मृत तेंदुआ


शिवगंज ग्राम राड़बर की आबादी के निकट गजानंद मंदिर की ओरण भूमि पर मंगलवार को मृत तेंदुआ मिला। सुबह करीब आठ बजे ग्रामीणों ने तेंदुए का शव पड़ा देखा। पूर्व सरपंच रामसिंह राजपुरोहित ने वन विभाग के अधिकारियों व पालड़ी एम पुलिस को इसकी जानकारी दी। तेंदुए के मुंह से खून निकला हुआ था। शव करीब चौबीस घंटा पुराना होना बताया है एवं उसके शव पर कहीं भी घाव के निशान नहीं है।

इसकी जानकारी मिलते ही तहसीलदार नंदकिशोर राजौरा, रेंजर भंवरसिंह, पालड़ी एम थानाधिकारी बुद्धाराम, वनपाल वीराराम मीणा व गार्ड भैराराम एवं अन्य संबंधित अधिकारी मौके पर पहुंचे एवं तेंदुए के शव एवं घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया। बाद में वन विभाग के अधिकारियों ने पोस्टमार्टम के लिए शव को कब्जे में लिया एवं दोपहर करीब 12.30 बजे शव को सिरोही ले गए। जहां डॉक्टरों ने शव का पोस्टमार्टम किया, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही उसकी मृत्यु के कारण का सही पता लग पाएगा।

तीन तेंदुओं की मौत संदेह के घेरे में

राड़बर क्षेत्र में एक तेंदुए एवं इसके करीब दो वर्ष पूर्व ग्राम चूली के निकट दो तेंदुओं की हुई मौत संदेह के घेरे में हैं। लगातार इन गांवों में तीन तेंदुओं की मौत होने से ग्रामीण काफी भयभीत एवं अचंभित है। चूली में एक तेंदुआ तो घायल देखे जाने के बाद उसकी मौत हुई थी। आबादी क्षेत्र में उसे घायल अवस्था में देखा गया एवं बाद में उसे पहाड़ी क्षेत्र स्थित एक गुफा में वह मरा हुआ मिला था। उसके सिर पर गहरा घाव था। वह घाव कब से और कैसे आया? इस पर वन अधिकारियों ने यह जवाब दिया था कि वह बीमार होने एवं पत्थरों से टकराने के कारण घाव हुआ है, लेकिन यह सवाल उठता है कि अगर वह गंभीर बीमार था और अंतिम सांसें गिन रहा था तो वह गांव में उस दिन कैसे पहुंचा तथा गांव से दौड़ता हुआ जंगल की ओर कैसे भागा? इस घटना के तीन दिन भी नहीं हुए थे और चूली के समीप मंदिर से करीब 200 फीट की दूरी पर एक ओर तेंदूआ मरा हुआ मिला था।

उस तेंदुए को मरे हुए करीब दस दिन हो गए थे। तेज धूप से उसकी खाल भी पुरी तरह सुख गई थी एवं जानवरों ने उसे नौच कर बिखेर दिया था। मौके पर तेंदुए की खाल, पैर, नाखून, दांत, रीड की हड्डी आदि पड़े हुए पाए गए थे।

छह मकानों के ताले तोड़कर करीब चार लाख मूल्य की चांदी व सोने के जेवरात व नकदी चुरा ले गए


भीनमाल नगर सहित उपखंड क्षेत्र में बढ़ती चोरियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं, जिसको लेकर आमजन में भय व आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सोमवार रात को निकटवर्ती जुंजाणी गांव में चोर छह मकानों के ताले तोड़कर करीब चार लाख मूल्य की चांदी व सोने के जेवरात व नकदी चुरा ले गए।

सूचना पर पुलिस ने घटना स्थल का मौका मुआयना कर जांच प्रारंभ कर दी। इधर, घटना को लेकर ग्रामीणों ने आक्रोश जताया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार सोमवार रात को चोरों ने जुंजाणी निवासी छैलसिंह पुत्र माधुसिंह राजपूत के मकान के ताले तोड़कर तीन किलो चांदी व ५ तोला सोने के जेवरात, बाबूलाल पुत्र मसराराम सोनी के घर के ताले तोड़कर ५ हजार रुपए नकद, ढाई सौ ग्राम चांदी के जेवर, रमेशकुमार पुत्र मसराराम सोनी के घर के ताले तोड़कर डेढ़ किलो चांदी के जेवरात चुरा लिए। चोरों ने कांतिलाल व हकमाराम पुत्र गलबाराम सोनी के मकान के ताले तोड़कर अलमारी खंगाली, लेकिन इस घर से कोई सामान चोरी नहीं हुआ, जबकि घेवरचंद पुत्र ऊकचंद जैन के देशावर होने की वजह से चोरी हुए माल का ब्यौरा नहीं मिल पाया है। घटना की सूचना पर एएसआई दुर्गाराम मय पुलिस दल ने मौके पर पहुंचकर मौका मुआयना किया। इन छह मकान मालिकों की तरफ से बाबूलाल सोनी ने रिपोर्ट पेश कर मामला दर्ज करवाया। इधर, एक साथ छह मकानों के ताले टूटने से नाराज ग्रामीणों ने जोरदार आक्रोश जताकर आरोपियों के शीघ्र गिरफ्तार नहीं होने पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी।

ग्रामीणों ने जताया फेरी वालों पर शक : गांव में चोरी के इस मामले में ग्रामीणों ने फेरी वालों पर शक जाहिर किया है। ग्रामीण भीमसिंह और पारसमल सोनी सहित दर्जनभर ग्रामीणों ने बताया कि गांव में अक्सर घरेलू सामान, गूंद, आयुर्वेदिक दवाइयां, झाडू, बर्तन व कपड़े बेचने के लिए फेरी वाले आते हैं। जो सामान बताने के बहाने घरों में बैठ जाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि ऐसे लोगों की संबंधित पुलिस थाने में कोई जानकारी नहीं होने के कारण वे वारदात को अंजाम देकर भाग जाते हंै।

भाजपा नेता शैतानसिंह ने कहा लोगों को किया जाएगा जागरूक

महंगाई व भ्रष्टाचार से सभी परेशान

भाजपा नेता शैतानसिंह ने कहा लोगों को किया जाएगा जागरूक

पोकरणदेश में चारों ओर घोटाला फैला हुआ है। केन्द्र सरकार कमजोर है। लूट में केन्द्र सरकार के नेता पूर्ण रूप से लिप्त है। यह उद्गार भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य तथा वरिष्ठ नेता शैतानसिंह भाटी ने कही। वे लालकृष्ण आडवाणी की जनचेतना रथ यात्रा को लेकर पत्रकारों से मुखातिब थे।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकार के भी कई नेता भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। जिसके कारण आमजन का जीना मुश्किल हो गया है। सरकार भ्रष्टाचारियों का साथ दे रही है। लोगों को अब जागृत होना चाहिए तथा भ्रष्टाचार व महंगाई के खिलाफ आगे आकर विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की आवाज को एकजुट करने तथा भ्रष्टाचार व महंगाई के विरोध में लालकृष्ण आडवाणी द्वारा जनचेतना रथ यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस दौरान पूर्व जिलाध्यक्ष व वरिष्ठ नेता जुगलकिशोर व्यास ने कहा कि भाजपा के नेताओं ने कांग्रेस की नोट के बदले वोट की नीति को सबके समाने उजागर किया था। उन्हीं नेताओं को कांग्रेस सरकार द्वारा जेल में डाल दिया गया है तथा दोषियों को बाहर रखा गया।

आडवाणी की रथ यात्रा को सफल बनाने के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं का दल पोकरण से अपने अपने वाहनों के माध्यम से जोधपुर के लिए रवाना होगा। जिले के सभी गांवों तथा ढाणियों में से कार्यकर्ताओं को इस रथ यात्रा में भाग लेने के संबंध में जिम्मेदारियां सौंपी गई है। वरिष्ठ नेता शैतानसिंह राठौड़ के नेतृत्व में पोकरण विधानसभा क्षेत्र की टीम में एडवोकेट जुगलकिशोर व्यास, रणवीरसिंह गोदारा, नारायणसिंह तंवर, मनोहरसिंह छायण, संजय व्यास, मदनसिंह राजमथाई, मोहनसिंह गडी, उम्मेदसिंह शामिल है। उन्होंने बताया कि इस टीम के द्वारा प्रत्येक ग्राम पंचायत में बैठक का आयोजन किया जाएगा तथा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां सौंपी जाएगी। इसी के साथ स्थानीय समस्याओं को, जो कार्य वर्तमान में नहीं हो पाए हैं उन्हें सूचीबद्ध कर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सौंपा जाएगा।

दो युवको सहित तीन ने की आत्महत्या

दो युवको  सहित तीन ने की आत्महत्या 

। बाखासर थाना क्षेत्र में दो जनों ने फांसी के फंदे पर झूलकर आत्महत्या कर ली। बाखासर थानाधिकारी खेताराम चौधरी ने बताया कि मेवाराम पुत्र धनाराम निवासी बाखासर ने मामला दर्ज करवाया कि उसका बहनोई हकाराम (40)पुत्र भवाराम निवासी साता ने घर के पास पेड़ से रस्सी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।

पुलिस ने मामला दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपा। इसी प्रकार बाखासर थाना क्षेत्र के पांचरला निवासी देवाराम पुत्र किरतादास ने मामला दर्ज करवाया कि उसके पुत्र सबाराम (20) ने घर के झूंपे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। गौरतलब रहे कि तीन माह पहले सवाराम की पत्नी ने भी कुएं में कूदकर जान दे दी थी। संभवतया मानसिक तनाव व पत्नी के वियोग में युवक ने आत्महत्या की। पुलिस ने मौके पर जाकर शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंपा।

विवाहिता ने की आत्महत्या

गुड़ामालानी थानांतर्गत धोलानाडा में एक विवाहिता के टांके में कूदकर आत्महत्या करने का मामला दर्ज हुआ है। थाना प्रभारी ताराराम बैरवा ने बताया कि उमाराम पुत्र लिखमाराम जाट निवासी नेहरों की ढाणी ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसकी बहन पूरो उम्र 25 वर्ष को शादी के बाद से उसका पति अमराराम पुत्र मगाराम जाट, सास रुखमणो देवी, जेठानी पत्नी ख्ुामाराम निवासी धोलानाडा दहेज के लिए प्रताडि़त करते थे। इससे परेशान होकर 30 अक्टूबर की रात्रि में उसकी बहन ने घर के पास खेत में बने टांके में कूदकर आत्महत्या कर ली। घटना की सूचना मिलने पर थानाधिकारी बैरवा ने मौके पर पहुंच मृतका का शव टांके से बाहर निकलवाकर पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सुपुर्द किया। पुलिस ने दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।

ब्रह्मधाम तीर्थ पहुंचे गादीपति तुलछारामजी महाराज


ब्रह्मधाम तीर्थ पहुंचे गादीपति

बालोतरा   नेपाल में चातुर्मास पूर्ण कर, चारों धाम व कैलाश मानसरोवर की यात्रा पूरी कर ब्रह्मधाम आसोतरा गादीपति तुलछारामजी महाराज मंगलवार को आसोतरा पहुंचे। समदड़ी में रात्रि विश्राम के बाद सुबह 6 बजे वहां से रवाना हुए गादीपति सिलोर प्याऊ, जेठंतरी, पारलू, कनाना, सराणा गांव व प्याऊ, मनणावास होते हुए आसोतरा पहुंचे। इस दौरान कनाना में महाराज का शोभायात्रा निकालकर जयकारों के साथ भव्य स्वागत किया गया। करीब तीन घंटे कनाना में रुके गादीपति ने यहीं पर प्रसादी ग्रहण कर विश्राम किया। कनाना से निकलने के बाद वे अपने पैतृक गांव सराणा पहुंचे। यहां पर बनी प्याऊ पर ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान गादीपति ने प्याऊ बनाने के लिए 2 लाख 51 हजार ग्रामीणों को भेंट किए। इसके बाद महाराज ने आसोतरा स्थित महादेव मंदिर में दर्शन किए। आसोतरा गांव में श्रद्धालुओं ने बैंड बाजे के साथ धुनों पर जुलूस निकालकर गादीपति का स्वागत किया। तीर्थ परिसर में पहुंचने के बाद गादीपति ने ब्रह्मधाम बैकुंठ धाम व ब्रह्म-सावित्री सिद्धपीठ के दर्शन किए। इस दौरान गादीपति ने मंदिर परिसर की दंडवत परिक्रमा की। इसके बाद गादीपति ने विष्णु व शिव मंदिर के दर्शन कर शिव धूणा में गोलों की आहुतियां दी।

हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पुष्कर..... कार्तिक पूर्णिमा को मेला




अजमेर से ११ कि.मी. दूर हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल पुष्कर है। यहां पर कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक भी आते हैं। हजारों हिन्दु लोग इस मेले में आते हैं। व अपने को पवित्र करने के लिए पुष्कर झील में स्नान करते हैं। भक्तगण एवं पर्यटक श्री रंग जी एवं अन्य मंदिरों के दर्शन कर आत्मिक लाभ प्राप्त करते हैं।

राज्य प्रशासन भी इस मेले को विशेष महत्व देता है। स्थानीय प्रशासन इस मेले की व्यवस्था करता है एवं कला संस्कृति तथा पर्यटन विभाग इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयाजन करते हैं।

इस समय यहां पर पशु मेला भी आयोजित किया जाता है, जिसमें पशुओं से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम भी किए जाते हैं, जिसमें श्रेष्ठ नस्ल के पशुओं को पुरस्कृत किया जाता है। इस पशु मेले का मुख्य आकर्षण होता है।

भारत में किसी पौराणिक स्थल पर आम तौर पर जिस संख्या में पर्यटक आते हैं, पुष्कर में आने वाले पर्यटकों की संख्या उससे कहीं ज्यादा है। इनमें बडी संख्या विदेशी सैलानियों की है, जिन्हें पुष्कर खास तौर पर पसंद है। हर साल कार्तिक महीने में लगने वाले पुष्कर ऊंट मेले ने तो इस जगह को दुनिया भर में अलग ही पहचान दे दी है। मेले के समय पुष्कर में कई संस्कृतियों का मिलन सा देखने को मिलता है। एक तरफ तो मेला देखने के लिए विदेशी सैलानी पडी संख्या में पहुंचते हैं, तो दूसरी तरफ राजस्थान व आसपास के तमाम इलाकों से आदिवासी और ग्रामीण लोग अपने-अपने पशुओं के साथ मेले में शरीक होने आते हैं। मेला रेत के विशाल मैदान में लगाया जाता है। ढेर सारी कतार की कतार दुकानें, खाने-पीने के स्टाल, सर्कस, झूले और न जाने क्या-क्या। ऊंट मेला और रेगिस्तान की नजदीकी है इसलिए ऊंट तो हर तरफ देखने को मिलते ही हैं। लेकिन कालांतर में इसका स्वरूप विशाल पशु मेले का हो गया है।

वास्तु शास्त्र में ग‍णपति .... सर्वप्रथम गणपति का 'सुमरन'


जब भी हम कोई शुभ कार्य आरंभ करते हैं, तो कहा जाता है कि कार्य का श्री गणेश हो गया। इसी से भगवान श्री गणेश की महत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। जीवन के हर क्षेत्र में गणपति विराजमान हैं। पूजा-पाठ, विधि-विधान, हर मांगलिक-वैदिक कार्यों को प्रारंभ करते समय सर्वप्रथम गणपति का 'सुमरन' करते हैं।

हिन्दू धर्म में भगवान श्री गणेश का अद्वितीय महत्व है। यह बुद्धि के अधिदेवता विघ्ननाशक है। 'गणेश' शब्द का अर्थ है- गणों का स्वामी। हमारे शरीर में पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ, पाँच कर्मेन्द्रियाँ तथा चार अंतःकरण हैं तथा इनके पीछे जो शक्तियाँ हैं, उन्हीं को चौदह देवता कहते हैं।

देवताओं के मूल प्रेरक भगवान गणेश हैं। गणपति सब देवताओं में अग्रणी हैं। भगवान श्री गणेश के अलग-अलग नाम व अलग-अलग स्वरूप हैं, लेकिन वास्तु के हिसाब से गणपति के महत्व को रेखांकित करना आवश्यक है। वास्तु शास्त्र में गणपति की मूर्ति एक, दो, तीन, चार और पाँच सिरोंवाली पाई जाती है। इसी तरह गणपति के तीन दाँत पाए जाते हैं। सामान्यतः दो आँखें पाई जाती हैं। किन्तु तंत्र मार्ग संबंधी मूर्तियों में तीसरा नेत्र भी देखा गया है। भगवान गणेश की मूर्तियाँ दो, चार, आठ और 16 भुजाओं वाली भी पाई जाती हैं। चौदह प्रकार की महाविद्याओं के आधार पर चौदह प्रकार की गणपति प्रतिमाओं के निर्माण से वास्तु जगत में तहलका मच गया है।

यहाँ इन्हीं चौदह गणपति प्रतिमाओं के वास्तु शास्त्र के आलोक में एक नजर डालते हैं तथा उनके महत्व को दर्शाने का प्रयास कर रहे हैं।

संतान गणपतिः भगवान गणपति के 1008 नामों में से संतान गणपति की प्रतिमा उस घर में स्थापित करनी चाहिए, जिनके घर में संतान नहीं हो रही हो। वे लोग संतान गणपति की विशिष्ट मंत्र पूरित प्रतिमा (यथा संतान गणपतये नमः, गर्भ दोष घने नमः, पुत्र पौत्रायाम नमः आदि मंत्र युक्त) द्वार पर लगाएँ, जिसका प्रतिफल सकारात्मक होता है।

पति-पत्नी प्रतिमा के आगे संतान गणपति स्रोत का पाठ नियमित रूप से करें, तो शीघ्र ही उनके घर में संतान प्राप्ति होगी। साथ ही परिवार अन्य व्यवधानों से मुक्ति पाएगा। मात्र इतना कर देने से अन्य दूसरे धार्मिक अनुष्ठान पर किए जाने वाले खर्च से मुक्ति पा लेंगे।

विघ्नहर्ता गणपतिः 'निर्हन्याय नमः', अविनाय नमः जैसे मंत्रों से युक्त विघ्नहर्ता भगवान गणपति की प्रतिमा उस घर में स्थापित करनी चाहिए, जिस घर में कलह, विघ्न, अशांति, क्लेश, तनाव, मानसिक संताप आदि दुर्गुण होते हैं। पति-पत्नी में मन-मुटाव, बच्चों में अशांति का दोष पाया जाता है। ऐसे घर में प्रवेश द्वार पर मूर्ति स्थापित करनी चाहिए। शीघ्र चमत्कार होगा।