बालोतरा नेपाल में चातुर्मास पूर्ण कर, चारों धाम व कैलाश मानसरोवर की यात्रा पूरी कर ब्रह्मधाम आसोतरा गादीपति तुलछारामजी महाराज मंगलवार को आसोतरा पहुंचे। समदड़ी में रात्रि विश्राम के बाद सुबह 6 बजे वहां से रवाना हुए गादीपति सिलोर प्याऊ, जेठंतरी, पारलू, कनाना, सराणा गांव व प्याऊ, मनणावास होते हुए आसोतरा पहुंचे। इस दौरान कनाना में महाराज का शोभायात्रा निकालकर जयकारों के साथ भव्य स्वागत किया गया। करीब तीन घंटे कनाना में रुके गादीपति ने यहीं पर प्रसादी ग्रहण कर विश्राम किया। कनाना से निकलने के बाद वे अपने पैतृक गांव सराणा पहुंचे। यहां पर बनी प्याऊ पर ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान गादीपति ने प्याऊ बनाने के लिए 2 लाख 51 हजार ग्रामीणों को भेंट किए। इसके बाद महाराज ने आसोतरा स्थित महादेव मंदिर में दर्शन किए। आसोतरा गांव में श्रद्धालुओं ने बैंड बाजे के साथ धुनों पर जुलूस निकालकर गादीपति का स्वागत किया। तीर्थ परिसर में पहुंचने के बाद गादीपति ने ब्रह्मधाम बैकुंठ धाम व ब्रह्म-सावित्री सिद्धपीठ के दर्शन किए। इस दौरान गादीपति ने मंदिर परिसर की दंडवत परिक्रमा की। इसके बाद गादीपति ने विष्णु व शिव मंदिर के दर्शन कर शिव धूणा में गोलों की आहुतियां दी।
बुधवार, 2 नवंबर 2011
ब्रह्मधाम तीर्थ पहुंचे गादीपति तुलछारामजी महाराज
बालोतरा नेपाल में चातुर्मास पूर्ण कर, चारों धाम व कैलाश मानसरोवर की यात्रा पूरी कर ब्रह्मधाम आसोतरा गादीपति तुलछारामजी महाराज मंगलवार को आसोतरा पहुंचे। समदड़ी में रात्रि विश्राम के बाद सुबह 6 बजे वहां से रवाना हुए गादीपति सिलोर प्याऊ, जेठंतरी, पारलू, कनाना, सराणा गांव व प्याऊ, मनणावास होते हुए आसोतरा पहुंचे। इस दौरान कनाना में महाराज का शोभायात्रा निकालकर जयकारों के साथ भव्य स्वागत किया गया। करीब तीन घंटे कनाना में रुके गादीपति ने यहीं पर प्रसादी ग्रहण कर विश्राम किया। कनाना से निकलने के बाद वे अपने पैतृक गांव सराणा पहुंचे। यहां पर बनी प्याऊ पर ग्रामीणों से मुलाकात के दौरान गादीपति ने प्याऊ बनाने के लिए 2 लाख 51 हजार ग्रामीणों को भेंट किए। इसके बाद महाराज ने आसोतरा स्थित महादेव मंदिर में दर्शन किए। आसोतरा गांव में श्रद्धालुओं ने बैंड बाजे के साथ धुनों पर जुलूस निकालकर गादीपति का स्वागत किया। तीर्थ परिसर में पहुंचने के बाद गादीपति ने ब्रह्मधाम बैकुंठ धाम व ब्रह्म-सावित्री सिद्धपीठ के दर्शन किए। इस दौरान गादीपति ने मंदिर परिसर की दंडवत परिक्रमा की। इसके बाद गादीपति ने विष्णु व शिव मंदिर के दर्शन कर शिव धूणा में गोलों की आहुतियां दी।
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