बुधवार, 2 नवंबर 2011

सशस्त्र सीमा बल की दो बटालियन जोधपुर में

सशस्त्र सीमा बल की दो बटालियन जोधपुर में

जोधपुर। नेपाल व भूटान की सीमा पर रक्षा करने वाले जवान रेत के समंदर से वाकिफ होंगे। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के जवानों को अपने घर के नजदीक तथा शान्त स्थान पर रखने के लिहाज से जोधपुर में दो बटालियन स्थापित होगी। इसके लिए राज्य सरकार ने जोधपुर विकास प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन को 85 एकड़ जमीन आवंटित करने के निर्देश दिए है। इस पर जेडीए ने पालड़ी खीचियान गांव के आसपास जमीन चिह्नित करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए है।

सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक युद्धवीरसिंह डाडवाल ने गत 6 सितम्बर को राज्य के मुख्य सचिव एस.अहमद को चिट्टी लिखकर जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अजमेर व अलवर में से किसी एक शहर में जमीन आवंटित करने का अनुरोध किया था। इसमें दो बटालियन मुख्यालय स्थापित करने के साथ ही प्रशासनिक भवन तथा आवास बनाए जा सके और जवानों के बच्चों के लिए भी बेहतर शिक्षण व्यवस्था की जा सके।

इस पर मुख्य सचिव अहमद ने गत 7 अक्टूबर को जिला कलक्टर सिद्धार्थ महाजन तथा जेडीए आयुक्त आनंदी को पत्र भेजकर 85 एकड़ जमीन चिह्नित कर आवंटित करने के निर्देश दिए थे।

इसलिए जोधपुर का चयन
जोधपुर में गत साल केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल तथा भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के बटालियन मुख्यालय खोलने के लिए जेडीए ने जमीन दी है। इसके अलावा यहां बीएसएफ, सेना तथा वायुसेना का बड़ा स्टेशन है। ऎसे में इन दोनों बटालियन के लिए भी यहां जमीन उपयुक्त मानी जा रही है।

बेहतर माहौल देने का प्रयास
हिमालय की दुर्गम स्थानों पर तैनात रहने वाले एसएसबी के जवानों के स्वभाव में बदलाव आ जाता है। उन्हें अच्छा महौल देने के लिए पहाड़ों से हटकर मैदानी व रेतीले इलाकों में ले जाया जा रहा है। आमतौर पर सीआरपीएफ व बीएसएफ के जवानों को अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया जाता रहता है।

लेफ्टिनेन्ट जनरल भूषण ने पदभार सम्भाला
लेफ्टिनेन्ट जनरल ज्ञान भूषण ने सोमवार को जयपुर स्थित सेना की दक्षिण-पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर इन चीफ (आर्मी कमाण्डर) का पदभार सम्भाल लिया। उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह के स्थान पर नियुक्त किया गया है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने भी मंगलवार को दिल्ली में सेना के उपाध्यक्ष का पद भार सम्भाला। आर्मी कमाण्डर भूषण सैनिक स्कूल, तिलैया के छात्र रह चुके हैं।

उन्होंने वर्ष 1970 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश लिया तथा 23 सितम्बर 1973 को 1 महार रेजीमेंट से उन्हें कमीशन मिला। उन्होंने विलिंगटन रक्षा अकादमी से स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने सीनियर कमान, हायर कमान तथा नेशलन डिफेन्स कोर्स किए। कॅरियर के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों पर रहकर जिम्मेदारी निभाई। वे भूटान में भारतीय सैनिक ट्रेनिंग टीम की कमान सम्भाल चुके हैं।

जनता का जनरल
उन्होंने कश्मीर तथा पूर्वोत्तर राज्यों में कई ऑपरेशनों का नेतृत्व किया। वे पर्वतीय ब्र्रिगेड, पर्वतीय डिवीजन, तथा उत्तर-पूर्व की कोर का नेतृत्व कर चुके हैं। जनरल भूषण ने गजराज कोर में रहते हुए आतंकवाद प्रभावित क्षेत्रों में एकीकृत कमान के ऑपरेशन ग्रुप मुखिया के तौर पर बेहतर रणनीति का प्रयोग कर सुरक्षा बलों को मजबूत स्थिति प्रदान की। पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक जानकारी के फलस्वरूप उन्होंने वहां कई विकास कार्य शुरू करवाए। इसके चलते उन्हें जनता का जनरल कहा जाने लगा।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें