मंगलवार, 4 अक्टूबर 2011

जालोर न्यूज़ बॉक्स ...आज की खबरे ४ अक्टूबर, २०११

नाड़ी में डूबने से युवक की मौत
आहोर निकटवर्ती रोड़ला गांव में शनिवार को बकरियां चराने गए युवक की रोडला स्थित चोपा नाड़ी में डूब जाने से मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार रोडला निवासी गजा राम पुत्र चुनाराम मीणा ने रिर्पोट देकर बताया कि उसका पुत्र हरिशचंद्र उर्फ गेनिया (20) शनिवार को बकरियां चराने घर से गया हुआ था। शाम को बकरियां तो घर पर आ गई, लेकिन उसका पुत्र नहीं आया। जिस पर खोजबीन की तो रविवार को चोपा नाड़ी में उसका शव तैरता हुआ मिला। जिसकी सूचना आहोर पुलिस को मिलते ही थाना प्रभारी कैलाश दान बारहठ व एएसआई कुंदनसिंह देवड़ा मौके पर जाकर ग्रामीणों के सहयोग से शव को बाहर निकाला गया। 

नि:शुल्क दवाई योजना का शुभारंभ

सांचौर  नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क दवा अभियान का शुभारंभ प्रभारी एवं राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी के मुख्य आतिथ्य और विधायक जीवा राम चौधरी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ।

इस अवसर पर प्रभारी मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने गरीब, असहाय वर्ग के साथ सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर नि:शुल्क दवाई योजना की शुरूआत की है। विधायक जीवा राम चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाओं को योजनाबद्ध ढंग से क्रियान्वित करके आमजन को राहत पहुंचाने का कार्य होना चाहिये। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डीसी पुंसल ने कहा कि नि:शुल्क दवा वितरण अभियान व वितरण की विस्तार से जानकारी दी। कलेक्टर केके गुप्ता ने राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना को प्राथमिकता से लागू करने की बात कही। प्रधान डॉ. शमशेर अली ने कहा कि सरकारी अस्पताल में चिकित्सक प्रसुताओं के चैक राशि के बदले रिश्वत मांगते है। इस अवसर पर पूर्व प्रधान सुखराम विश्नोई, चितलवाना प्रधान मनीषा मेघवाल ने भी विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर उपखंड अधिकारी नाथूलाल मीणा, तहसीलदार सिराजुद्दीन,विकास अधिकारी किशनलाल विश्नोई, ओमप्रकाश शर्मा, राज्यवद्र्धन सिंह राठौड़, रमेश मेहता चेयरमेन नगरपालिका, गोपसिंह देवड़ा थानाधिकारी, मोतीराम चौधरी, मदरूपसिंह राव, एडवोकेट जाला राम चौधरी, प्रतापसिंह, गंगाराम माली, हरचन्द राम पुरोहित, अमरा राम माली, रामगोपाल, भाखराराम मांजू, ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. वासुदेव जोशी, डॉ. बाबूलाल विश्नोई, चुन्नीलाल पुरोहित और दिनेश पुरोहित सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।







स्वास्थ्य केंद्र पर ग्लूकोज में फंगस



स्वास्थ्य केंद्र पर ग्लूकोज में फंगस
सायला  कस्बे के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सायला में एक ग्लूकोज की बोतल में फंगस मिला है। जानकारी के अनुसार चिकित्सालय में नाबालिग झनका कंवर पुत्री मूलसिंह चौहान निवासी सायला को ग्लूकोज चढ़ाया जाना था। इस दौरान मरीज के परिजन उदयसिंह चौहान ने ग्लूकोज की बोतल में फंगस को देख लिया। जिसके बाद ड्यूटी पर तैनात कंपाउंडर को अवगत करवाया तो उसने दूसरा ग्लूकोज चढ़ाया। उदयसिंह ने भास्कर को बताया कि रविवार को झनका कंवर को मधुमक्खी ने काटा था, जिस पर चिकित्सा प्रभारी राजसिंह भंडारी को जांच करवाने के बाद अस्पताल में उपचार शुरू किया।

विशेषज्ञों के अनुसार फंगस वाला ग्लूकोज यदि खून में चढ़ जाता तो शरीर के किसी भी अंग में खराबी आ सकती है। इस प्रकार परिजन की सतर्कता से फंगस वाला ग्लूकोज से बचाव हो पाया।

॥झनका कंवर नाम की बालिका रविवार को उपचार के लिए आई थी। उसका उपचार अस्पताल में हुआ था। ग्लूकोज में फंगस की मुझे जानकारी नहीं है- डॉ. राजसिंह भंडारी, प्रभारी, राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, सायला

गला घोंटकर वृद्धा की हत्या, पुत्रवधु घायल

गला घोंटकर वृद्धा की हत्या, पुत्रवधु घायल

भीनमाल  निकटवर्ती कोड़ी गांव में सोमवार तड़के एक अज्ञात व्यक्ति ने घर में घुसकर एक वृद्धा कर हत्या कर दी। इस दौरान कमरे में सो रही महिला को मारने के लिए उस पर चाकू से वार किया, लेकिन उसके चिल्लाने पर वह भाग गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार कावतरा निवासी जूठा राम पुत्र लूंबाराम चौधरी ने मामला दर्ज करवाया कि उसका ससुराल कोड़ी में हैं। रविवार रात्रि को उसकी सास देवू देवी (60) पति हीरा राम चौधरी घर के बाहर आंगन में सो रही थी। जबकि उसकी पुत्रवधू बदामी पत्नी मफाराम कमरे में सो रही थी। सोमवार तड़के करीब तीन-चार बजे एक अज्ञात व्यक्ति ने देवू देवी की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद कमरे में सो रही बदामी को मारने के लिए अंदर प्रवेश किया तो वह जाग गई। इस दौरान आरोपी ने उस पर चाकू से वार किया। जिससे उसकी पांचों अंगुलियों पर चोटें आई। बदामी द्वारा चिल्लाने पर आरोपी वहां से भाग लिया। घटना की सूचना पर थानाधिकारी दलपतसिंह भाटी मय पुलिस दल ने मौका स्थल पहुंचकर घटना के बारे में जानकारी ली। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। घटना के समय मृतका का पुत्र घर पर नहीं था। घटना के कारणों का अभी तक पता नहीं चला है।

मुख्यमंत्री आए और गए, पर नहीं पहुंची दवाएं

मुख्यमंत्री आए और गए, पर नहीं पहुंची दवाएं

जालोर मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने भले ही खुद आकर रानीवाड़ा में निशुल्क दवा योजना का शुभारंभ कर दिया हो, लेकिन यह महत्वाकांक्षी योजना जिले भर में औपचारिकताओं से भरी साबित हो रही है। खुद मुख्यमंत्री योजना की शुरूआत कर चले गए, लेकिन अभी तक किसी भी अस्पताल में पूरी दवाइयां नहीं पहुंच पाई हैं। इनमें भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की तो पूरी तरह से अनदेखी की गई है। इन सभी केंद्रों पर मात्र 36 प्रकार की दवाइयां पहुंची हैं। इस बीच अस्पतालों में डॉक्टर्स के रिक्त पदों के कारण भी योजना का कोई विशेष लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। जिला अस्पताल समेत पूरे जिले में डॉक्टरों के पद रिक्त हैं। ऐसे में लोगों के सामने मजबूरी है कि वे या तो निजी अस्पतालों में इलाज करवाते हैं या वहां मौजूद किसी कंपाउंडर को दिखाते है। जिसकी लिखी दवाइयां अस्पताल में निशुल्क नहीं मिलेंगी।

दो दिन से काट रहा चक्कर : आहोर के समीप खारा निवासी दिलीप कुमार ने रविवार को अस्पताल में डॉक्टर को दिखाया। डाक्टर ने उसे तीन दवाइयां लिखी। दिलीप कुमार को अस्पताल में मात्र एक दवा मिली। शेषत्नपेज 15

जबकि दो अन्य दवाइयों के लिए वह दो दिन से चक्कर काटता रहा। सोमवार शाम को उसने बाजार से यह दवा खरीदी। इधर, योजना के दूसरे दिन ही अस्पताल में डॉक्टर्स की कमी रही। यहां कुल पांच डॉक्टर हैं। जिनमें से दो की सीएम के कार्यक्रम में ड्यूटी लगा दी गई और एक अवकाश पर था।

कहां कितनी पहुंची दवाएं

योजना शुरू होने के दूसरे दिन भी कहीं पर सारी दवाइयां नहीं पहुंची। जालोर में 99, भीनमाल में 81, रानीवाड़ा, सांचौर व सायला में 76, आहोर में 79 और जसवंतपुरा, हाड़ेचा व सियाणा में 75 दवाइयां पहुंची। इसी प्रकार सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मात्र 36 प्रकार की दवाइयां पहुंचाई गई हैं।



अस्पताल में चिकित्सकों का टोटा, मरीज परेशान

भीनमाल. राज्य सरकार द्वारा राजकीय अस्पतालों में नि:शुल्क दवाई वितरण के दूसरे दिन स्थानीय अस्पताल में चिकित्सकों की अनुपस्थिति और दवाइयों के अभाव में मरीजों को खासी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। मजबूरन कई मरीजों को निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ी। सवेरे करीब सवा नौ बजे राजकीय अस्पताल में डॉ. जीएस देवल, डॉ. एमएम जांगिड़, डॉ. प्रेमराज परमार, डॉ. अक्षय बोहरा के कक्ष खाली पड़े थे। एक कक्ष में बैठे डा. नेमीचंद जैन व डा. सोहन राज मेहता के कक्ष में मरीजों की भीड़ उमड़ी हुई थी। जिन्हें संभालना भी उनके लिए भारी बना हुआ था। इस दौरान चिकित्सा प्रभारी डा. एमएम जांगिड़ व डा. अक्षय बोहरा मुख्यमंत्री रानीवाड़ा आगमन के दौरान ड्यूटी पर कार्यरत थे। डा. प्रेमराज परमार अवकाश पर थे। जबकि ब्लॉक सीएमएचओ का कार्यभार देख रहे डा. गजेन्द्रसिंह देवल पोस्टमार्टम व अन्य सरकारी कार्यों में व्यस्त थे।

जल्द ही उपलब्ध होंगी सभी दवाएं

जिले के विभिन्न अस्पतालों में वितरण केंद्रों पर मांग के अनुसार दवाएं भिजवा दी गई हैं। वैसे पीएचसी लेवल पर विशेषज्ञों की कमी होने के कारण गंभीर रोगों से संबंधित दवाएं वहां नहीं भेजी गई हैं। जिला अस्पताल व ब्लॉक लेवल के अलावा बड़े स्थान पर संभावित मरीजों की संख्या के आधार पर दवाएं भेजी गई हैं। अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो आगामी 15 अक्टूबर तक अस्पतालों में सारी दवाएं पहुंच जाएंगी।

डॉ. अनिल जुनैदिया, जिला योजना प्रभारी

शक्तिपीठ भादरिया माता मंदिर

मेले में उमड़े श्रद्धालु  सप्तमी पर भरा मेला

उपखण्ड के शक्तिपीठ भादरिया माता मंदिर में नवरात्रि की सप्तमी के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा मेले का आयोजन किया गया। नवरात्रि के सप्तमी के अवसर पर भादरिया माता के दरबार में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर माता के दर्शन किए। रविवार की रात्रि में भादरिया मंदिर के प्रांगण में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। इस अवसर पर पोकरण, फलोदी, बाप, जैसलमेर सहित अनेक आस-पास गांवों के आने वाले दर्शनार्थ देर रात्रि तक माता के दरबार में पहुंच रहे थे। रविवार की रात्रि को श्रद्धालुओं द्वारा भादरिया माता के मंदिर को फूल मालाओं एवं आकर्षक रोशनी से सजाया गया।

सोमवार को पुराने मंदिर में भी आकर्षक रोशनी एवं फूल मालाओं की सजावट की गई। सोमवार को सुबह 4 बजे से ही मंदिर के आगे सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुबह 7 बजे भादरिया राय माता मंदिर में आयोजित आरती में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। मंदिर समिति द्वारा श्रद्धालुओं की भीड़ देखते हुए दर्शनों के लिए मुख्य मंदिर के दो दरवाजे खोलकर भीड़ को नियंत्रित किया गया। महिलाओं एवं पुरुषों के लिए अलग अलग लाइनों की व्यवस्था की गई तथा दानदाताओं के लिए भी अलग व्यवस्था की गई।

मंदिर में दिनभर रही दर्शनार्थियों की भीड़

नवरात्रि के सप्तमी के अवसर पर भादरियाराय माता के मंदिर में सोमवार को दिन भर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही। सप्तमी के अवसर पर मंदिर में परिसर में पैर रखने की भी जगह नहीं मिली। भादरिया में दिन भर दर्शनार्थियों ने माता के दरबार में पहुंचकर अमन चैन की खुशहाली की कामना की। दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को काफी समय तक इंतजार करना पड़ा। मंदिर समिति द्वारा प्रात:काल 4 बजे से मंदिर का मुख्य द्वार खोलकर श्रद्धालुओं के लिए दर्शन करने लिए व्यवस्था की गई।

देवर ने भाभी पर चलाई तलवार


देवर ने भाभी पर चलाई तलवार

लोगों ने बीच बचाव कर घायल महिला को अस्पताल पहुंचाया


पोकरण  स्थानीय मालियों के बास में सोमवार दोपहर देवर ने अपनी भाभी पर तलवार से हमला बोल दिया।महिला को हमले में गंभीर चोटें आईं हैं। चीख-पुकार सुनकर पहुंचे लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया।

घायल महिला अनिता पत्नी धनराज माली (22) ने पुलिस को बताया कि सोमवार सुबह जोधपुर से उनका मामा व भाई मिलने आया था। इसी बीच देवर किशोर पुत्र अलसाराम ने उन्हें अपशब्द कहे। भाई व मामा के चले जाने के बाद देवर ने उससे झगड़ा शुरू कर दिया । दोपहर लगभग 1.30 बजे वह तलवार लेकर आया और उसपर वार शुरू कर दिया।इससे उसके हाथ, सिर, कंधे पर गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

आरोपी गिरफ्तार, जांच शुरू

इस संबंध में थानाधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि दोपहर में किशोर माली पुलिस थाने में आया तथा उसने तलवार से अपनी भाभी पर वार करने की बात कही। इसी बीच चिकित्सालय में घायल महिला के पहुंचने की सूचना मिली। जिस पर उसे गिरफ्तार कर लिया।

खुद पहुंच गया थाने

अपनी भाभी पर हमला करने के बाद किशोर खुद थाने पहुंच गया।उसने पुलिस को बताया कि उसे अपनी करनी पर कोई पछतावा नहीं है। उसने कहा कि मेरी भाभी ने घर में अन्य समुदाय के लोगों को बुलाया था। घर पर जो लोग आए थे वह उसके कुछ भी नहीं लगते थे। उसने कहा कि जब झगड़ा बढ़ गया तो वह चुपचाप सादोलाई तालाब के पीछे स्थित भोमियाजी का थान पहुंचा तथा वहां पर रखी तलवार चुरा लाया। घर पर आने के बाद जब भाभी ने उससे फिर से झगड़ा शुरू कर दी तो उसने हमला कर दिया।

लपकों के खिलाफ नए पर्यटन एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

लपकों के खिलाफ नए पर्यटन एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

जैसलमेर जिले में पर्यटक सीजन एवं त्योहारों को ध्यान में रखते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जिले के समस्त वृत्ताधिकारियों, थानाधिकारियों, यातायात प्रभारियों, पर्यटक सुरक्षा दल प्रभारी के साथ ‘‘अपराध गोष्ठी‘‘ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने पर्यटक सुरक्षा दल प्रभारी व अन्य पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पर्यटकों को परेशान करने वाले लपकों के विरुद्ध पर्यटन एक्ट 2010 के तहत कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने सभी को उनके क्षेत्र में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के विशेष निर्देश दिए तथा इसके अलावा समस्त अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे विशेष रूप से अवैध खनन पर रोक लगाएं। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने विवादित भूखंडों पर 145 सीआरपीसी के तहत कार्रवाई की जाए, जिले में बाहरी लोगों की तस्दीक करवाई जाए, जिले के अपराधी जो पाक में निवास कर रहे हैं, उनके वारंटों का निस्तारण करवाना, गम्भीर अपराध जैसे लूट, रेप आदि की रोकथाम के लिए कार्रवाई करना, जनता से समन्वय बनाने के लिए सीएलजी मीटिंग लेना आदि के निर्देश दिए। इसके अलावा जिले में दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए शराब पीकर, तेजगति तथा ज्यादा सवारियां भरकर वाहन चलाने वालो के विरुद्ध एमवी एक्ट के तहत कार्रवाई के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर वृत्ताधिकारी पहाड़ सिंह का स्थानांतरण होने पर समस्त अधिकारियों द्वारा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं दी।

गहलोत की पसंद की टीम

गहलोत की पसंद की टीम

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस को करीब 6 साल बाद नई टीम मिली है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बहुप्रतीक्षित प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी का सोमवार को ऎलान कर दिया। करीब चार महीने से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ.चंद्रभान की टीम का इंतजार हो रहा था। 58 सदस्यीय कार्यकारिणी में बी.डी.कल्ला व सी.पी.जोशी की टीम के लगभग सभी चेहरे बदल गए। जानकारों के अनुसार कार्यकारिणी संतुलित है। गहलोत खेमे को तवज्जो के साथ दूसरे धड़ों और दिल्ली में राजनीति कर रहे नेताओं की पसंद का भी ध्यान रखा है।

समन्वय और अनुशासन समिति भी

प्रदेश कार्यकारिणी के साथ समन्वय समिति और अनुशासन समिति का भी गठन किया है। राजस्थान प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक की अध्यक्षता में बनाई 12 सदस्यीय समन्वय समिति में मुख्यमंत्री गहलोत व प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान के साथ 3 केन्द्रीय मंत्रियों सी.पी.जोशी, सचिन पायलट व जितेन्द्र सिंह और लोकसभा में सदन के उपनेता शीशराम ओला को शामिल किया गया है।

काम : सत्ता व संगठन में तालमेल।

पूर्व मंत्री हीरालाल इंदौरा की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय अनुशासन समिति बनाई गई है।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्णयानुसार पहली बार फ्लेगशिप प्रोग्राम मोनेटरिंग कमेटी की घोष्ाणा की गई है। पूर्व मंत्री भगराज चौधरी इसके अध्यक्ष व सांसद अश्क अली टाक संयोजक बनाए गए हैं।
काम : सरकार की प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन पर नजर।

ये प्रमुख नेता नदारद

परसराम मोरदिया, रघु शर्मा, मुमताज मसीह, वीरेन्द्र पूनिया। इनमें मसीह लम्बे अरसे से पदाधिकारी थे, जबकि मोरदिया को समन्वय समिति में जगह मिली है। असंतुष्ट माने जाने वाले रघु, कर्नल सोनाराम, संयम लोढा, प्रतापसिंह खाचरियावास आदि को कार्यकारिणी सदस्य बनाया है। समन्वय समिति में दो केन्द्रीय मंत्री नमोनारायण मीणा और महादेव सिंह खण्डेला गायब हैं।

महेश जोशी भी नहीं

जयपुर के सांसद महेश जोशी किसी भी समिति में नहीं हैं।
अब मंत्रिमंडल फेरबदल, राजनीतिक नियुक्तियां!
अब जल्द ही मंत्रिमण्डल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों की सम्भावना व्यक्त की जा रही है। माना जा रहा है कि रणनीति के तहत कुछ नेताओं को टीम से बाहर रखा गया हो, शीघ्र ही उन्हें नियुक्ति मिल जाए।

8 चेहरे पुराने, इनमें 3 पदोन्नत किए

रघुवीर मीणा महासचिव से उपाध्यक्ष, पुखराज पाराशर व जगदीश चंद्र शर्मा सचिव से महासचिव। 5 फिर सचिव- सरोज चौधरी, अजित सिंह शेखावत, गिरिराज गर्ग, मीनाक्षी चंद्रावत, बिजेन्द्र सिंह शेखावत।

दागी मत्रियों को कहीं जगह नहीं

सरकार के दागी मंत्रियों महिपाल मदेरणा, रामलाल जाट, बाबूलाल नागर, भरोसी लाल जाटव को कहीं जगह नहीं मिली है। बसपा से कांग्रेस में आकर मंत्री बने छह विधायकों को भी टीम में जगह नहीं मिली है।

टीम

58 सदस्य
09 उपाध्यक्ष
09 महामंत्री
39 सचिव
01 कोषाध्यक्ष

दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिर..... प्रेम से बोलो जय माता दी

देवी भागवत पुराण में 108, कालिकापुराण में छब्बीस, शिवचरित्र में इक्यावन, दुर्गा सप्तशती और तंत्रचूड़ामणि में शक्ति पीठों की संख्या 52 बताई गई है। साधारत: 51 शक्ति पीठ माने जाते हैं। लेकिन हम यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं वर्तमान में माँ दुर्गा के प्रसिद्ध मंदि‍रों की जानकारी।

1.दाक्षायनी (मानस)

तिब्बत स्थित कैलाश मानसरोवर के मानसा के निकट एक पाषाण शिला पर माता का दायाँ हाथ गिरा था। यहीं पर माता साक्षात विराजमान हैं। यह माता का मुख्य स्थान है।

2.माँ वैष्णोदेवी

भारतीय राज्य जम्मू और कश्मीर के जम्मू के पास कटरा से माता वैष्णोदेवी के दर्शनार्थ यात्रा शुरू होती है। कटरा जम्मू से 50 किलोमीटर दूर है। कटरा से पहाड़ी लगभग 14 किमी की पर्वतीय श्रृंखला की सबसे ऊँची चोटी पर विराजमान है माँ वैष्णोदेवी। यहाँ देशभर से लाखों भक्त दर्शन के लिए आते हैं।

3.मनसादेवी
भारतीय राज्य उत्तरप्रदेश के हरिद्वार शहर में शक्ति त्रिकोण है। इसके एक कोने पर नीलपर्वत पर स्थित भगवती देवी चंडी का प्रसिद्ध स्थान है। दूसरे पर दक्षेश्वर स्थान वाली पार्वती। कहते हैं कि यहीं पर सती योग अग्नि में भस्म हुई थीं और तीसरे पर बिल्वपर्वतवासिनी मनसादेवी विराजमान हैं।

मनसादेवी को दुर्गा माता का ही रूप माना जाता है। शिवालिक पहाड़ पर स्थित इस मंदिर पर देश-विदेश से हजारों भक्त आकर पूजा-अर्चना करते हैं। यह मंदिर बहुत जाग्रत है।

4.पावागढ़-काली माता

गुजरात की प्राचीन राजधानी चंपारण के पास वडोदरा शहर से लगभग 50 किलोमीटर दूर पावागढ़ की पहाड़ी की चोटी पर स्थित है माँ काली का मंदिर। काली माता का यह प्रसिद्ध मंदिर माँ के शक्तिपीठों में से एक है। माना जाता है कि पावागढ़ में माँ के वक्षस्थल गिरे थे।

5.नयना देवी













कुमाऊँ क्षेत्र के नैनीताल की सुरम्य घाटियों में पर्वत पर एक बड़ी-सी झील त्रिऋषिसरोवर अर्थात अत्रि, पुलस्त्य तथा पुलह की साधना स्थली के समीप मल्लीताल वाले किनारे पर नयना देवी का भव्य मंदिर है। प्राचीन मंदिर तो पहाड़ के फूटने से दब गया, लेकिन उसी के पास स्थित है यह मंदिर।

6.शारदा मैया
भारतीय राज्य मैहर (मैयर) नगर की पहाड़ी पर माता शारदा का प्राचीन मंदिर है जिसे आला और उदल की इष्टदेवी कहा जाता है। यह मंदिर बहुत जागृत एवं चमत्कारिक माना जाता है। कहते हैं कि रात को आला-उदल आकर माता की आरती करते हैं जिसकी आवाज ‍नीचे तक सुनाई देती है।

7.कालका माता
भारतीय राज्य बंगाल के कोलकाता शहर के हावड़ा स्टेशन से पाँच मील दूर भागीरथी के आदि स्रोत पर कालीघाट नामक स्थान पर कालीकाजी का मंदिर है। रामकृष्ण परमहंस यहीं पर साधना करते थे। यह बहुत ही जाग्रत शक्तिपीठ है।

8.ज्वालामुखी
भारत के हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा में जहाँ माता की जीभ गिरी थी उसे ज्वालाजी स्थान कहते हैं। इस स्थान से आदिकाल से ही पृथ्वी के भीतर से कई अग्निशिखाएँ निकल रही हैं। यह बहुत ही जाग्रत स्थान है।

9.भवानी माता
महाराष्ट्र के पूना में भगवती के दो मंदिर हैं पहला पार्वती का प्रसिद्ध मंदिर दूसरा प्रतापगढ़ नामक स्थान पर भगवती भवानी का मंदिर। भवानी माता छत्रपति शिवाजी महाराज की इष्टदेवी हैं।

10.तुलजा भवानी
महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में स्थित है तुलजापुर। एक ऐसा स्थान जहाँ छत्रपति शिवाजी की कुलदेवी माँ तुलजा भवानी स्थापित हैं, जो आज भी महाराष्ट्र व अन्य राज्यों के कई निवासियों की कुलदेवी के रूप में प्रचलित हैं। तुलजा माता का यह प्रमुख मंदिर है। इंदौर के पास देवास की टेकरी पर भी तुलजा भवानी का प्रसिद्ध मंदिर है।

11.माँ चामुंडा देवी
चामुंडा माता के मंदिर कई हैं किंतु हिमाचल के धर्मशाला से 15 किमी पर स्थित बंकर नदी के किनारे बहुत ही प्राचीन मंदिर स्थित है। इसके अलावा राजस्थान में जोधपुर के मेहरानगढ़ किले पर स्थित चामुंडा माता का मंदिर भी प्रख्यात है। इंदौर के पास देवास की पहाड़ी पर भी माँ चामुंडा का प्रसिद्ध मंदिर है।

12.अम्बाजी मंदिर
गुजरात का अम्बाजी मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है। अम्बाजी मंदिर गुजरात और राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है। माउंट आबू से 45 किलोमीटर दूरी पर स्थित है अम्बा माता का मंदिर जहाँ लाखों भक्त आते हैं।

13.अर्बुदा देवी
भारतीय राज्य राजस्थान के सिरोही जिले में स्थित नीलगिरि की पहाड़ियों की सबसे ऊँची चोटी पर बसे माउंट आबू पर्वत पर स्थित अर्बुदा देवी के मंदिर को 51 प्रधान शक्ति पीठों में गिना जाता है।

14 देवास माता टेकरी
मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के पास स्थित जिला देवास की टेकरी पर स्थित माँ भवानी का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। लोक मान्यता है कि यहाँ देवी माँ के दो स्वरूप अपनी जाग्रत अवस्था में हैं। इन दोनों स्वरूपों को छोटी माँ और बड़ी माँ के नाम से जाना जाता है। बड़ी माँ को तुलजा भवानी और छोटी माँ को चामुण्डा देवी का स्वरूप माना गया है।

15. बिजासन टेकरी
मध्यप्रदेश की व्यावसायिक नगरी इंदौर में बिजासन माता की प्रसिद्धि भी दूर दूर तक है। वैष्णोदेवी की मूर्तियों के समान यहाँ भी माँ की पाषाण पिंडियाँ हैं। यह मंदिर इंदौर एयरपोर्ट से कुछ ही दूरी पर स्थित है।

16.गढ़ कालिका-हरसिद्धि
भारत के मध्यप्रदेश राज्य के नगर उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के समीप शिप्रा नदी के तट पर हरसिद्धि माता का मंदिर है जो राजा विक्रमादित्य की कुलदेवी हैं। उज्जैन के कालीघाट स्थित कालिका माता का यहाँ बहुत ही प्राचीन मंदिर है, जिसे गढ़ कालिका के नाम से जाना जाता है। इसे कालिदास की इष्टदेवी माना जाता है।

17.मुम्बादेवी
महाराष्ट्र के प्रमुख महानगर मुंबई की मुम्बादेवी, कालबादेवी और महालक्ष्मी का मंदिर प्रसिद्ध है। महालक्ष्मी का मंदिर समुद्र तट पर, मुम्बादेवी के समीप तालाब है और कालादेवी का मंदिर अति प्राचीन माना जाता है।

18.सप्तश्रृंगी देवी
सप्तश्रृंगी देवी नासिक से करीब 65 किलोमीटर की दूरी पर 4800 फुट ऊँचे सप्तश्रृंग पर्वत पर विराजित हैं। सह्याद्री की पर्वत श्रृंखला के सात शिखर का प्रदेश यानी सप्तश्रृंग पर्वत, जहाँ एक तरफ गहरी खाई और दूसरी ओर ऊँचे पहाड़ पर हरियाली है। इसे अर्धशक्तिपीठ माना जाता है।

19.माँ मनुदेवी
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश राज्यों को अलग करने वाला सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं की ‍वादियों में बसा हुआ है। यहाँ खानदेशवासियों की श्रीक्षेत्र कुलदेवी मनुदेवी का मंदिर। भुसावल से यावल 20 किमी की दूरी पर है। यावल से कुछ ही दूर आड़गाव में मनुदेवी का स्थान है।

20.त्रिशक्ति पीठम
श्रीकाली माता अमरावती देवस्थानम। इस पवित्र स्थान को त्रिशक्ति पीठम के नाम से भी जाना जाता है। आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा के गिने-चुने मंदिरों में से एक कृष्णावेणी नदी के तट पर बसा यह पवित्र मंदिर बेहद अलौकिक है।

21.आट्टुकाल भगवती
केरल के तिरुवनंतपुरम शहर में स्थित आट्टुकाल भगवती मंदिर की प्रसिद्धि पूरे दक्षिण भारत में है। पराशक्ति जगदम्बा केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम शहर की दक्षिण-पूर्व दिशा में आट्टुकाल नामक गाँव में भक्तजनों को मंगल आशीष देते हुए विराजती हैं।

22.श्रीलयराई देवी
गोवा प्रांत के गाँव में श्रीलयराई देवी का स्थान बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध है। नवरात्र में यहाँ पूरे गाँव के लोग अंगारे पर बहुत ही सहजता से चलते हैं और उन्हें कुछ नहीं होता।

23. कामाख्या
भारतीय राज्य असम में गुवाहाटी से दो मिल दूर पश्चिम में ‍नीलगिरि पर्वत पर स्थित सिद्धि पीठ को कामाख्या या कामाक्षा पीठ कहते हैं। कालिका पुराण में इसका उल्लेख मिलता है।

24.गुह्म कालिका
नेपाल के काठमांडू स्थित पशुपतिनाथ मंदिर से कुछ ही दूर स्थित वागमती नदी के गुह्मेश्वरीघाट पर माता गुह्मेश्वरी का मंदिर है। नेपाल के राजा की कुल देवी माता के दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

25.महाकाली
काशी में शक्ति का त्रिकोण है उसके कोनों पर क्रमश: दुर्गाजी (महाकाली), महालक्ष्मी तथा वागीश्वरी (महासरस्वती) विराजमान हैं। काशीक्षेत्र स्थित इसी स्थान को शक्तिपीठ कहा जाता है।

26.कौशिकी देवी
भारत के उत्तरांचल राज्य में काषाय पर्वतपर स्थित अल्मोड़ा नगर से आठ मील दूर कौशिकी देवी का स्थान है। दुर्गा सप्तशती के पाँचवें अध्याय में इसका उल्लेख मिलता है।

27.सातमात्रा
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से तीन मील पूर्व में नर्मादा के तट पर महत्वपूर्ण 'सातमात्रा' शक्तिपीठ स्‍थित है जिसे सप्तमात्रा भी कहा जाता है। दुर्गा सप्तशती में इसकी उत्पत्ति के बारे में उल्लेख मिलता है।

28.कालका
देहली-शिमला रोड पर कालका नामक जंक्शन है। यहीं पर भगवती कालिका का प्रा‍चीन मंदिर है। दुर्गा सप्तशती में इसका उल्लेख मिलता है।

29. नगरकोट की देवी
काँगड़ा पठानकोट-योगीन्द्रनगर लाइन पर एक स्टेशन है। यहाँ भगवती विद्येश्वरी का बहुत ही प्राचीन मंदिर है। इसको नगरकोट की देवी भी कहते हैं।

30. चित्तौड़
चित्तौड़ के दुर्ग के अंदर भगवती कालिका का प्राचीन मंदिर है। दुर्ग में तुलजा भवानी तथा अन्नपूर्णा के मंदिर भी हैं।

31.भगवती पटेश्वरी
भगवती पटेश्वरी मंदिर की स्थापना महाभारत काल में राजा कर्ण द्वारा हुई थी। सम्राट विक्रमादित्य ने इसका जीर्णोद्धार किया था। यह नाथ सम्प्रदाय के साधुओं का स्थान है।

32.योगमाया-कालिका
यहाँ दो शक्तिपीठ माने गए हैं। पहला कुतुबमीनार के पास योगमाया का मंदिर और दूसरा यहाँ से लगभग सात मील पर ओखला नामक ग्राम में कालिका का मंदिर है।

33. पठानकोट
पठानकोट का प्राचीन नाम पथकोट था, क्योंकि यहाँ प्राचीनकाल से ही बड़ी-बड़ी सड़कें थीं। यहीं पर जो कोट अर्थात किला है वहीं पथकोट की देवी (पठानकोट की देवी) का स्थान है। त्रिगर्त पर्वतीय क्षेत्र में इस देवी की आराधना प्राचीनकाल से ही होती आ रही है।

34.ललिता देवी
इलाहबाद के कड़ा नामक स्थान पर कड़े की देवी विशेष रूप से प्रसिद्ध है। इसके अलावा संगम तट पर ललिता देवी का प्रसिद्ध शक्तिपीठ है।

35.पूर्णागिरि
पुण्यागिरि या पूर्णागिरि स्थान अल्मोड़ा जिले के पीलीभीत मार्ग पर टनकपुर से आठ सौ मील पर नेपाल की सरहद पर शारदानदी के किनारे है। आसपास जंगल और बीच में पर्वत पर विराजमान हैं भगवती दुर्गा। इसे शक्तिपीठों में गिना जाता है।

36.माता कुडि़या
मद्रास (चेन्नई) नगर के साहूकारपेठ में सुप्रसिद्ध माता कुडि़या का मंदिर है। यहाँ कण्डे की आँच से मीठा चावल पकाकर देवी को भोग लगाया जाता है।

37.देवी चामुंडा
मैसूर की अधिष्ठात्री देवी चामुंडा हैं। मैसूर से लगी विशाल पहाड़ियों पर माता का स्थान है। चामुंडा को यहाँ भेरुण्डा भी कहते हैं।

38.विन्ध्याचल
कंस के हाथ से छूटकर जिन्होंने भविष्यवाणी की थी वही श्रीविन्ध्यवासिनी हैं। यहीं पर भगवती ने शुंभ और निशुंभ को मारा था। इस क्षेत्र में शक्ति त्रिकोण है। क्रमश: विन्ध्यवासिनी (महालक्ष्मी), कालीखोह की काली (महाकाली) तथा पर्वत पर की अष्टभुजा (महासरस्वती) विराजमान हैं।

39.तारादेवी
यह प्रदेश भी एक प्रसिद्ध शक्ति स्थल है। तारादेवी नामक स्टेशन के पास तारा का प्राचीन स्थान है और कण्डाघाट स्टेशन के पास ही देवी का प्राचीन मंदिर है।

सोमवार, 3 अक्टूबर 2011

अशोक गहलोत का सोनिया गाँधी प्रेम .



अशोक गहलोत का सोनिया गाँधी प्रेम 
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 बाड़मेर काग्रेस की मुखिया सोनिया गाधी के नाम का राजस्थान में अजीब तरीके से प्रसार प्रचार किया राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आने से एक दिन पहले दुर्गा देवी नमक विवाहिता ने रामसर  अस्पताल में  एक लड़की ने जन्म दिया अस्पताल में भारती दुर्गा देवी को जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जननी सुरक्षा योजना की राशी का चेक देने दुर्गा देवी के पास सोमवार को अपने रामसर प्रवाद में गए तो गहलोत का सोनिया प्रेम यकायक जाग उठा उन्होंने दुर्गा देवी को बालिका के जन्म की बढ़ाई देते हुए ५०० रुपये का नेग दिया साथ ही बालिका का नामकरण सोनिया गाँधी के नाम पर सोनिया रखने का आग्रह किया जिस पर दुर्गा देवी ने बच्ची का नाम सोनिया रखने की हामी भर दी .सशोक गहलोत काफी प्रस्सन नज़र आये ,उलेखनीय हें की रामसर में ही अशोक गहलोत ने पिचले कार्यकाल में सोनिया चेनल का निर्माण कराया था जो काफी लोकप्रिय हुआ था ,गहलोत ने अपनी बेटी का नाम भी सोनिया ही रखा था .बहरहाल गोपालगढ़ ओउर भोपालगढ़ कांड को ले कर दो रोज पूर्व दिल्ली में सोनिया गाँधी से खरी खरी सुनाने के बाद गहलोत के पास सोनियाजी को खुश करने का बेहतर विकल्प नज़र आया जिसका बखूबी इस्तेमाल कर बालिका का नाम सोनिया रख दिया था

क्लासरूम में ....... करते छात्र-छात्रा की वीडियो लीक



चीन में पिछले साल हेबेई पॉलीटेक्निक यूनिवर्सिटी ऑफ लाइट इंडस्ट्री में एक खाली क्लासरूम में एक स्टूडेंट जोड़े की सेक्स करते हुए क्लोज सर्किट कैमरे द्वारा वीडियो बना ली गई। बाद में यह वीडियो कॉलेज के ही एक स्टूडेंट द्वारा लीक कर दी गई।

यह 15 मिनट की वीडियो एक खाली क्लासरूम में सेक्स करते हुए जोड़े की है, जो स्कूल यूनिफार्म में हैं। क्लोज सर्किट कैमरे के हाई डेफिनेशन होने के कारण यह 15 मिनट की वीडिये की क्वालिटी काफी साफ है।

वीडियो देखने पर मालूम चलता है कि दोपहर के ब्रेक के वक़्त यह साहसी स्टूडेंट जोड़ा किसी के क्लास में न होने के मौके का फायदा उठाता है और सेक्स करता है।

सेक्सी सिएरा की हॉटनेस से पिघला पेरिस

पेरिस। मशहूर गायिका सिएरा अपनी फिटनेस के लिए मशहूर हैं। उनके प्रशंसक उनकी फिगर की काफी तारीफ करते हैं। उनका ड्रेसिंग सेंस भी बिलकुल उनकी फिगर की तरह है। वे उसी तरह के कपड़े पहनना पसंद करती हैं, जिससे उनका फिगर ठीक ढंग से दिखे। स्टेज पर भी परफॉर्मेश करते वक्त प्रशंसक उनकी अदाओं के कायल हैं।



हाल में ही आयोजित परिस फैशन वीक में सिएरा जब हिस्सा लेने पहुंचे तो उनके प्रशंसक उन्हें देखते ही रह गए। जैसे ही वे अपनी कार से उतरीं सभी की निगाहें उनकी तरफ ही घूम गईं। और घूमे भी क्यों, न जब वे इन काले कपड़ों में ऐसी दिखें।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दूसरे नेताओं को बिजली के मुद्दे पर खरी-खरी सुनाई।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार सुबह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में उद्योग व्यापार प्रकोष्ठ से जुड़े नेताओं और दूसरे नेताओं को बिजली के मुद्दे पर खरी-खरी सुनाई।

मुख्यमंत्री गांधी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जैसे ही पीसीसी के हॉल में खड़े हुए उनके चारों ओर नेताओं-कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई।

इस पर मुख्यमंत्री ने कुछ नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा यहां पीसीसी में गांधी जयंती मनाने आते हो और बाहर जाकर सरकार की बुराई करते हो, बिजली नहीं आने के बयान देते हो। व्यापारियों पर लाठीचार्ज करने के बयान दे दिए, जबकि ऐसा कोई गंभीर मामला था ही नहीं।

मुख्यमंत्री इतने पर भी नहीं रुके। उन्होंने कहा, बाहर के प्रदेशों में जाकर देखो, बिजली की क्या स्थिति है? गुजरात जाकर देखो। जब जेनरेटर चलाओगे, तब पता लगेगा।

मुख्यमंत्री का यह रूप देखकर एकबारगी तो वहां मौजूद नेता और कार्यकर्ता अवाक रह गए। पीसीसी में दिनभर मुख्यमंत्री का नेताओं को इस अंदाज में खरी-खरी सुनाना चर्चा का विषय बना रहा।

उल्लेखनीय है कि शनिवार को ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष डॉ.चंद्रभान ने प्रदेश में बिजली आपूर्ति की स्थिति की खराब बताते हुए सरकार से तुरंत व्यवस्था सुधारने की मांग की थी। अगले ही दिन पीसीसी में बिजली के मुद्दे पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया पर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गईं।

न दवा पूरी, न डॉक्टर

न दवा पूरी, न डॉक्टर

रोजाना की ओपीडी एक हजार के पार, दो विशेषज्ञों के रिटायरमेंट से और बढ़ेगी परेशानी

बाड़मेर राजकीय अस्पताल में आधे-अधूरे इंतजाम के साथ मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना का शुभारंभ तो हो गया। लेकिन डॉक्टरों की कमी से मरीजों को होने वाली परेशानी से निजात नहीं मिल रही है। दो विशेषज्ञों के रिटायरमेंट से इस परेशानी में और इजाफा होगा। अस्पताल में मौसमी बीमारियों के चलते ओपीडी एक हजार के पार पहुंच रही है। डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को इलाज करवाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। ओपीडी में डॉक्टरों की ड्यूटी सुबह आठ से बारह बजे तक है लेकिन मरीज इतनी तादाद में आ रहे है कि उन्हें दो बजे तक मरीजों को देखना पड़ रहा है।

दो का रिटायरमेंट होने से बढ़ी परेशानी : डॉक्टरों के रिक्त पदों की परेशानी पहले से ही थमने का नाम नहीं ले रही है और 30 सितंबर को डॉ. एस आर भंडारी और डॉ. आर के माहेश्वरी का रिटायर हो गए। जिसके कारण 58 डॉक्टरों में से 27 ही रह गए। वरिष्ठ विशेषज्ञों में 6 स्वीकृत पदों में से सिर्फ दो ही हैं। वहीं कनिष्ठ विशेषज्ञों के दस पद रिक्त हैं।

सुंदर दिखने के लिए गधी के दूध से नहातीं थी मिस्र की रानी क्लिओपेट्रा !



सुंदरता को निखारने के लिए महिलाएं हमेशा से नए-नए प्रयोग करती रही हैं। आइए हम आपको बताएं इतिहास के कुछ ऐसे ही दिलचस्प किस्से। मिस्र की रानी क्लिओपेट्रा गधी के दूध से नहाती थीं।

स्कॉटलैंड की मैरी क्वीन शराब से नहाया करती थीं। इसी तरह बारहवीं सदी में फ्रांस की इसाबिऊ खच्चर के दूध से नहाने के बाद मगरमच्छ के ग्रंथियों और एक जानवर के भेजे को शरीर पर रगड़ती थीं।

इसी तरह चेहरे का मेकअप भी सदियों से किया जाता रहा है। पहले लेड का पावडर लगाया जाता था, जो बेहद हानिकारक होता था। इसके बाद मरक्यूरी वाले आइटम इस्तेमाल किए जाने लगे।