सोमवार, 3 अक्तूबर 2011

न दवा पूरी, न डॉक्टर

न दवा पूरी, न डॉक्टर

रोजाना की ओपीडी एक हजार के पार, दो विशेषज्ञों के रिटायरमेंट से और बढ़ेगी परेशानी

बाड़मेर राजकीय अस्पताल में आधे-अधूरे इंतजाम के साथ मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना का शुभारंभ तो हो गया। लेकिन डॉक्टरों की कमी से मरीजों को होने वाली परेशानी से निजात नहीं मिल रही है। दो विशेषज्ञों के रिटायरमेंट से इस परेशानी में और इजाफा होगा। अस्पताल में मौसमी बीमारियों के चलते ओपीडी एक हजार के पार पहुंच रही है। डॉक्टरों की कमी के कारण मरीजों को इलाज करवाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। ओपीडी में डॉक्टरों की ड्यूटी सुबह आठ से बारह बजे तक है लेकिन मरीज इतनी तादाद में आ रहे है कि उन्हें दो बजे तक मरीजों को देखना पड़ रहा है।

दो का रिटायरमेंट होने से बढ़ी परेशानी : डॉक्टरों के रिक्त पदों की परेशानी पहले से ही थमने का नाम नहीं ले रही है और 30 सितंबर को डॉ. एस आर भंडारी और डॉ. आर के माहेश्वरी का रिटायर हो गए। जिसके कारण 58 डॉक्टरों में से 27 ही रह गए। वरिष्ठ विशेषज्ञों में 6 स्वीकृत पदों में से सिर्फ दो ही हैं। वहीं कनिष्ठ विशेषज्ञों के दस पद रिक्त हैं।

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