बुधवार, 7 सितंबर 2011

सामरिक तैयारियों की टोह ली चीनी सैनिकों ने



सामरिक तैयारियों की टोह ली चीनी सैनिकों ने

राजस्थान से सटी सीमा पर चाइना आर्मी पाक सेना के साथ संयुक्त अभ्यास के बहाने रेगिस्तान में लड़ी जाने वाली जंग के खतरों का अध्ययन कर गई। चीन की सेना ने संवेदनशील इलाकों और भारतीय सेना की सामरिक तैयारियों की टोह ली और पाक संचार व्यवस्था की खामियों का आकलन भी किया।

इस इलाके में भारतीय सेना को पाक सीमा में घुसने से रोकने के लिए पुल और तमाम अवरोधकों का खाका भी तैयार किया गया। चीन की सेना के रेगिस्तान में पाक सेना का वर्चस्व कायम करने के इस प्रयास से भारतीय सेना से लेकर तमाम खुफिया एजेंसियां चौकन्नी हो गई हैं। जैसलमेर के तनोट व किशनगढ़ के नजदीक सीमा के उस पार चाइना आर्मी पाक सेना के साथ ब्रिगेड स्तर की एक्सरसाइज कर लौटने लगी है।

चाइना आर्मी की इंजीनियरिंग रेजीमेंट ने अभ्यास के दौरान इस बारे में गहन अध्ययन किया कि रेगिस्तान में लड़ी जाने वाली जंग के दौरान भारतीय सेना पाक सेना को कहां मात दे सकती है और कौनसा इलाका सबसे संवेदनशील है। चीनी सेना ने जैसलमेर से लेकर बीकानेर सीमा तक भारतीय सेना के पाकिस्तान में घुसने की संभावना की टोह ली, ताकि उन तमाम संवेदनशील इलाकों व रास्तों पर पुल आदि अवरोधक बनाकर भारतीय सेना को आगे बढ़ने से रोका जा सके। इसके साथ ही भारतीय सेना के अत्याधुनिक बैटल टैंकों को पाकिस्तानी इलाके में कैसे धराशायी किया जा सके, इसकी विशेष ट्रेनिंग दी। इंजीनियरिंग रेजीमेंट ने पाक सैनिकों को कम समय में ब्रिज, नाले, ओवरब्रिज आदि बनाने के गुर भी सिखाए। साथ ही यह भी टोह भी ली कि भारतीय सीमा में कहां से घुसपैठ हो सकती है।

बॉर्डर पर संचार व्यवस्था का आकलन: चीनी सेना ने भारतीय सैन्य बल की संरचना से लेकर अत्याधुनिक संचार व्यवस्था का आकलन किया है। भारतीय सेना ने दो महीने पूर्व ‘विजयी भव’ नामक अभ्यास के दौरान अपनी सामरिक ताकत दिखाने के साथ मजबूत संचार व्यवस्था का प्रदर्शन किया था। चीनी सेना ने भारतीय सेना और बॉर्डर पर मजबूत संचार व्यवस्था का बारीकी से अध्ययन कर उसके अनुरूप संचार व्यवस्था मजबूत करने का खाका तैयार किया। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि भारतीय सेना के अधिकारी भी संकेत दे चुके हैं कि भारत-पाक के बीच जब कभी भी जंग होगी, रेगिस्तान के इसी इलाके मंे होगी। इस वजह से चीनी सेना का संयुक्त अभ्यास के बहाने सामरिक तैयारियांे की टोह लेना काफी गंभीर है

ऋषिराज गोशाला में 8 गायों की संदिग्ध मौत

ऋषिराज गोशाला में 8 गायों की संदिग्ध मौत

सांचौर. विरोल गांव मेंं गोधाम पथमेड़ा की शाखा ऋषिराज गौशाला में मृत गायें।


.सांचौर निकटवर्ती विरोल स्थित ऋषिराज गोशाला में सोमवार को 8 गायों की संदिग्ध मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक सोमवार रात गोशाला परिसर में कैर के पेड़ के नीचे बैठी 8 गायों की संदिग्ध मौत हो गई। गोशाला के पदाधिकारी गायों की मौत का कारण बारिश के समय आकाशीय बिजली गिरना बता रहे हैं। प्रशासन ने जानकारी के लिए मौके पर पशु चिकित्सक व हल्का पटवारी को भेजा। जिनके वहां पहुंचने से पहले ही गोशाला प्रबंधक द्वारा मृत गायों को जेसीबी की सहायता से गहरा गड्ढा खुदवाकर गाड़

जांच के बाद होगी कार्यवाही

ञ्चहमें गोशाला में 8 गायों की मौत की जानकारी मिली है तथा घटना स्थल पर पशु चिकित्सक व हल्का पटवारी के पहुंचने से पूर्व गोशाला प्रबंधक द्वारा गायों को जमीन में गाड़ दिया गया था। मामले की जांच के बाद उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी।

सिराजुद्दीन पढिय़ार, कार्यवाहक उपखंड अधिकारी, सांचौर

पोस्टमार्टम के लिए कहा था

ञ्चहमने गोशाला प्रबंधक को मृत गायों का पोस्टमार्टम करवाने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने बताया कि गायों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से ही हुई है। उन्हें इस मामले में कोई शंका नहीं है।

पदमाराम, एसआई, पुलिस थाना

,पहुंचने से पहले गाड़ दिया
हमारी टीम घटना स्थल पर पहुंची इससे पहले ही गोशाला प्रबंधक द्वारा गायों को जमीन में गाड़ दिया गया था।
डॉ. रमेश चौधरी, पशु चिकित्सक, सांचौर

मृत मिली गायें
रात को बिजली गिरने जैसी आवाज आई। सवेरे जब हम मौके पर पहुंचे तो गायें मरी हुई मिली। हमारे अनुसार इनकी मौत बिजली गिरने से हो सकती है।
चंदनसिंह, अध्यक्ष, गोशाला 

फतेहगढ़ दुर्ग का ऊपरी हिस्सा ढहा बारिश से ऐतिहासिक धरोहरों को हो रहा है नुकसान

फतेहगढ़ दुर्ग का ऊपरी हिस्सा ढहा

बारिश से ऐतिहासिक धरोहरों को हो रहा है नुकसान


जैसलमेर फतेहगढ़ कस्बे के करीब ढाई सौ वर्ष पुराने कोर्ट का ऊपरी हिस्सा सोमवार की रात्रि में ढह गया। इस गढ़ के ऊपरी हिस्से को रानी महल कहा जाता है। रानी महल बारिश की वजह से ढह गया। जिले में इस बार हो रही भारी बारिश प्राचीन विरासतों पर भारी पड़ रही है। देखरेख के अभाव के चलते जर्जर अवस्था में पहुंची ऐतिहासिक धरोहरें के गिरने के कगार पर पहुंच चुकी है। कुछ दिन पूर्व सोनार दुर्ग की भी एक दीवार ढह गई थी और अब फतेहगढ़ दुर्ग का ऊपरी हिस्सा धाराशाही हो गया।

फतेहगढ़ कोर्ट में वर्तमान में पुलिस की अस्थाई चौकी चल रही है। दुर्ग का ऊपरी हिस्सा गिरने से यहां कार्यरत पुलिस कर्मी भयभीत है। गढ़ के जिन कमरों में इनका निवास है वह भी जर्जर अवस्था में है और इन कमरों की छतें टपक रही है। इस दुर्ग की मरम्मत के लिए करीब पांच-छह वर्ष पूर्व 10 लाख रुपए बीएडीपी के तहत तथा 7 लाख रुपए अकाल राहत व बाढ़ राहत योजना के तहत लगाए गए थे। सरपंच रेशमा ने बताया कि यदि प्रशासन इसकी मरम्मत के लिए बजट आवंटित करता है तो रिपेयरिंग करवा दी जाएगी। इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा ने बताया कि प्राचीन समय में ग्रामीण क्षेत्रों में बने किलों को कोर्ट कहा जाता था। जहां राजा के हाकिम निवास किया करते थे और वे कर वसूलने का कार्य करते थे। उन्होंने बताया कि जैसलमेर के महाराजा मूलराज ने फतेहगढ़ में कोर्ट बनवाया था। उसके बाद इस क्षेत्र का विकास पालीवाल जाति के लोगों ने किया।

ऑस्कर ने भरी ऐलिजाबेथ की मांग


ऑस्कर ने भरी ऐलिजाबेथ की मांग

जैसलमेर. सात समंदर पार स्पेन से आए ऐलिजाबेथ मोटे एवं ऑस्कर मंगलवार को हिंदू रिति रिवाज के अनुसार विवाह बंधन में बंधे। मंगलवार को स्पेनिश युगल का शास्त्रोत्क विधि से पंडित सुरेन्द्र बिस्सा ने विवाह संपन्न करवाया तथा शैलेन्द्र व्यास ने कन्यादान किया।

लुभाती है भारतीय शादियां

ऐलिजाबेथ व ऑस्कर ने बताया कि उन्होंने हिंदू रीति रिवाज से होने वाली शादी के बारे में काफी सुन रखा है। भारत भ्रमण के साथ ही जैसलमेर में शादी करना उनका पूर्व निर्धारित प्लान था। उन्होंने बताया कि वह हिंदू जीवन पद्धति से काफी प्रभावित है। साथ ही यहां होने वाली शादियों के उत्साह व उमंग को महसूस करना चाहते थे। अपनी शादी को कुछ रोचक व यादगार बनाने के लिए उन्होंने जैसलमेर में हिंदू रीति से शादी करने का मानस बनाया। ऐलिजाबेथ ने बताया कि वह आज इतनी खुश है कि अपनी खुशी बयान नहीं कर सकती। उसने इसे अपनी जिंदगी का एक यादगार लम्हा बताते हुए लिए गए सात वचनों को निभाने की बात कही।

बाबा की समाधि पर लाए 108 फीट लंबी ध्वजा

बाबा की समाधि पर लाए 108 फीट लंबी ध्वजा
पोकरण लोक देवता बाबा रामदेव के ६२7 वें भादवा मेले के दौरान जोधपुर से आए सोजती गेट संघ के मंगलवार को पोकरण पहुंचने से शहर के मुख्य मार्गो पर भारी भीड़ व रेलमपेल रही। जिसके चलते पोकरण में मेले जैसा माहौल हो गया। गत एक माह से परवान पर चढ़ा बाबा रामदेव का मेला जो अब अंतिम पडा़व पर पहुंच चुका है। मंगलवार को पोकरण पहुंचा सोजती गेट ३६ कौम का संघ पिछले ५१ वर्षों से लगातार बाबा के दर्शन के लिए पदयात्रियों के जत्थे के साथ जोधपुर से मसूरिया स्थित बाबा रामदेव मंदिर से रवाना होकर दशमी को रामदेवरा पहुंचता है।

हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी साथ चलते हुए पहुंचते हैं बाबा के द्वार: सोजती गेट संघ की संस्थापक छगनी देवी भार्गव ने बताया कि जोधपुर से सबसे पहले पदयात्री संघ के रूप में पिछले ५1 वर्षों से लगातार आ रहा है। उन्होंने बताया कि समय समय पर इसी संघ में से अन्य संघ अलग होकर छोटे संघों के रूप में जोधपुर से रामदेवरा पहुंचते हैं। छगनीदेवी ने बताया कि इस वर्ष संघ में 8 हजार से ज्यादा पदयात्री चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस संघ में सभी जाति धर्म के लोग एक साथ चलते हंै तथा लंगर में एक साथ भोजन करके कौमी एकता का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान संघ में हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई के साथ किन्नर भी इस संघ के साथ बाबा के दर्शन करने आए हैं।

पोकरण में मनाते हैं बाबा का विवाह उत्सव

सोजती गेट संघ की ओर से प्रतिवर्ष पोकरण पंहुचने पर बाबा रामदेव का विवाह उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस अवसर पर बाबा रामदेव, नैतलदेव, श्रीकृष्णराधिका तथा गोपियों का स्वांग रचकर कस्बे के मुख्य चौराहों पर झांकी निकालकर ढ़ोल नगाड़ों के साथ गाते बजाते एक दूसरे पर रंग गुलाल छिड़ककर अपनी खुशी का इजहार करते हैं।

निभाई जाती है कोकंण डोरा व मेंहदी लगाने की परंपरा: मंगलवार को स्थानीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रागंण में आए सोजती गेट के सभी पदयात्रियों ने बाबा रामदेव विवाह के अवसर पर महिलाओं ने जहां हाथों में मेहंदी रचायी वहीं पुरूषों ने भी अपने हाथों में लाल रंग के धागे से बने कोकंण डोरे बांधे। इस अवसर पर अस्थायी मेला मैदान पर कोकंण डोरा व मेहंदीं बेचने वालों की दुकानों पर भारी भीड़ लगी हुई रही।

.जोधपुर सोजती गेट पैदल यात्री संघ में भगत की कोठी मित्र मंडल के यात्रियों द्वारा लाई गई दो १०८ फीट लंबी ध्वजा आकर्षण का केन्द्र बनी रही। लगभग 30 पदयात्रियों के कंधो पर उठाकर लाई जा रही इन दो ध्वजाओं को देखने के लिए पोकरण शहर के भी सैकड़ों लोग इकठ्ठे हो गए। संघ की संस्थापक छगनीदेवी ने बताया कि बुधवार को इस विशालकाय ध्वजा को बाबा रामदेव के मंदिर पर चढ़ाया जाएगा।

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जीप ट्रोले की टक्कर से युवक की मौत

बालोतरा। मेगा स्टेट हाइवे पर सिवाना फांटा सरहद में पिकअप जीप ट्रोले की टक्कर से मोटरसाइकिल सवार गंभीर घायल हो गया। उपचार के लिए जोधपुर रेफर के दौरान बीच रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
मीठा निवासी डूंगरसिंह व उसका एक साथी मंगलवार को मोटरसाइकिल लेकर बालोतरा की तरफ आ रहे थे। सिवाना फांटा सरहद में पीछे से आ रहे जीप ट्रोला चालक ने तेज गति से लापरवाही पूर्वक वाहन चलाकर आगे चल रही मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इससे मोटरसाइकिल चालक डूंगरसिंह (25) गंभीर घायल हो गया। बालोतरा के राजकीय नाहटा अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसकी नाजुक स्थिति को देखते हुए जोधपुर रेफर किया गया। हालत बिगड़ने पर रास्ते में उसे कल्याणपुर के राजकीय अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित किया।

बस ने छात्र को कुचला

बालोतरा। जोधपुर मार्ग पर सरहद पटाऊ मे मंगलवार सुबह तेज रफ्तार बस ने साइकिल सवार एक छात्र को कुचल दिया। मौके पर ही छात्र की मौत हो गई।पुलिस के अनुसार नारायणसिंह ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि मूलत: बेलवा निवासी पदमसिंह (17) पुत्र रिडमलसिंह फिलहाल कुड़ी गांव के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में कक्षा नवमी में अध्ययनरत था। मंगलवार सुबह वह साइकिल लेकर पटाऊ की तरफ जा रहा था। जोधपुर से बालोतरा की तरफ आ रही तेज रफ्तार निजी बस के चालक मुनीर खां ने वाहन को लापरवाही पूर्वक चलाकर सुरक्षित साइड में साइकिल लेकर जा रहे पदमसिंह को चपेट में ले लिया। पहिए तले कुचलने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद लोगों के आक्रोश को देखते हुए कानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए उपखंड अधिकारी ओ.पी.विश्Aोई, पुलिस उप अधीक्षक रामेश्वरलाल मेघवाल, पचपदरा थानाधिकारी उगमराज सोनी मय जाप्ता मौके पर पहुंचे। आरोपी चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर बस को जब्त किया। 

हत्या के आरोपियों को गिरफ्तार करें
बालोतरा। सुजानसिंह हत्याकांड में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर रावणा राजपूत समाज के लोगों ने जुलूस के रूप में उपखंड कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन उपखंड अधिकारी को सौंपा। जुलूस में शामिल लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश था कि वारदात के कई दिन बाद भी आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। उन्होंने आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी तथा मृतक के परिजनों को सरकारी स्तर पर आर्थिक मदद दिलवाने की मांग की। ऎसा नहीं होने पर श्री रावणा राजपूत तहसील सभा द्वारा धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है।

समाज के जिलाध्यक्ष गोरधनसिंह राठौड़, तहसील अध्यक्ष पूर्व सरपंच जसोल ईश्वरसिंह चौहान, बालोतरा नगर अध्यक्ष सोहनसिंह जैतमाल, तहसील अध्यक्ष बलवंतसिंह, जिला महामंत्री दुर्जनसिंह गुड़ीसर, बायतु अध्यक्ष पे्रमसिंह विदा, गुड़ामालानी अध्यक्ष अशोकसिंह राजावत, बाबूसिंह चौहान, युवा अध्यक्ष हरीसिंह सहित समाज के लोग बड़ी संख्या में जुलूस में सम्मिलित होकर उपखंड कार्यालय पहुंचे। उन्होंने नारेबाजी कर आक्रोश जताया। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि 24 अगस्त को धरबला की ढाणी निवासी सुजानसिंह पुत्र मिसरसिंह की बालोतरा में एक होटल संचालक व उसके पुत्रों द्वारा हत्या कर दी गई थी।


वारदात के कई दिन बाद भी मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से दूर है। उन्होंने आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार करने तथा मृतक के परिजनों को सरकारी स्तर पर आर्थिक मदद दिलाने की मांग की है।
ऎसा नहीं होने पर तहसील स्तर पर धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है। तहसील अध्यक्ष पूर्व सरपंच ईश्वरसिंह चौहान के अनुसार इससे पहले जसोल के मालाणी महादेव मंदिर में पचपदरा व सिवाना तहसील क्षेत्र के रावणा राजपूत समाज के लोगों की बैठक जिलाध्यक्ष गोरधनसिंह राठौड़ की अध्यक्षता में हुई। जिसमें मौजूद सभी लोगों ने सुजानसिंह की हत्या पर कड़ा रोष जताते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने की
मांग की।

किटनोद गांव में गोगानवमी पर मेला आयोजित


मेले में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

किटनोद गांव में गोगानवमी पर मेला आयोजित

बालोतरा उपखंड बालोतरा के किटनोद गांव में राइकाबाग बस स्टैंड पर स्थित वीर गोगाजी के मंदिर में मंगलवार को आयोजित मेले में श्रद्धा का सैलाब उमड़ा। मेले के दौरान दिन भर आस-पास के गांवों से आए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने मंदिर में पूजा-अर्चना कर घूघरी व नारियल का प्रसाद चढ़ा क्षेत्र में समृद्धि व खुशहाली की कामना की। सोमवार रात्रि में रात्रि जागरण का आयोजन किया गया जिसमें स्थानीय कलाकारों की ओर से भजनों की प्रस्तुतियां दी गई। मंगलवार को मेले के दौरान विभिन्न दुकानें भी सजाई गई जिन पर ग्रामीण क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने खरीदारी का भी लुत्फ उठाया। मेले में वीरेंद्रसिंह, पंचायत समिति बालोतरा प्रधान जमना देवी गोदारा, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेह खां, जिला परिषद सदस्य लीला देवी मेघवाल, कृषि मंडी सदस्य बाबूलाल नामा, पूर्व सरपंच किटनोद व उम्मेदाराम चौधरी अतिथि के रूप में उपस्थित थे। किटनोद सरपंच जड़ाव देवी नामा, उपसरपंच दयाराम चौधरी, ग्राम सेवक बाबूलाल बोखा, समाजसेवी विजय नामा व गणमान्य ग्रामीणों की ओर से अतिथियों का साफा पहना माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।

रात्रि जागरण में झूमे श्रद्धालु : वीर गोगाजी के मंदिर पर सोमवार रात्रि में रात्रि जागरण का आयोजन किया गया। शुभारंभ गणपति वंदना से किया गया। कलाकारों की ओर से गोगाजी का ब्याव लो, नाग देवता ओ नाग देवता, सतगुरु आया पावणा सहित कई भजनों की प्रस्तुतियां दी गईं जिन पर श्रद्धालु देर रात तक झूमते रहे।

कहां कहां से आए श्रद्धालु : मेले में कूंपावास, मेली, आसोतरा, बिठूजा, सराणा, भिंडाकुआ सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से श्रद्धालु पहुंचे। श्रद्धालुओं ने मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना कर क्षेत्र में खुशहाली की कामना की। मेले में आई महिलाओं व बच्चों ने यहां लगी दुकानों पर खरीदारी का भी लुत्फ उठाया।

हीरा की ढाणी. उप तहसील गिड़ा क्षेत्र की ग्राम पंचायत परेऊ में स्थित गोगाजी महाराज मंदिर में आयोजित मेले में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। इस दौरान गोगाजी के जयकारों से मंदिर गुंजायमान हो उठा।

रमणिया & कस्बे के पुरोहितों का वास में स्थित गोगाजी के मंदिर में मंगलवार को गोगानवमी के अवसर पर मेले का आयोजन किया गया। इस दौरान राजगुरु परिवार की ओर से नाग देवता को दूध व प्रसादी का भोग चढ़ाया गया। आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से मेले में आए श्रद्धालुओं ने मंदिर में प्रसाद चढ़ाकर सुख-समृद्धि की कामना की

4 करोड़ की जमीन 50 हजार में बेची!

4 करोड़ की जमीन 50 हजार में बेची!

चौहटन ग्राम पंचायत का मामला, उप सरपंच ने लगाया पूर्व सरपंच पर अपात्र लोगों को औनेे-पौने दामों में 44 प्लॉट आवंटित करने का आरोप, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बाड़मेर चार करोड़ रुपए की जमीन को पचास हजार रुपए में आवंटित बताकर करोड़ोंं रुपए का घोटाला करने तथा पंचायत को हानि पहुंचाने को लेकर चौहटन ग्राम पंचायत के उप सरपंच अजीतसिंह राठौड़ ने पूर्व सरपंच, पूर्व उपसरपंच और निवर्तमान ग्रामसेवक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस संबंध में उन्होंने मंगलवार को कलेक्टर गौरव गोयल को ज्ञापन सौंप मामले की जांच कराने और आवंटित प्लॉटों की खरीद-फरोख्त पर पाबंदी लगाने की मांग की है।

ज्ञापन में आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत के सुंदर नगर मोहल्ले में ब्लॉक संख्या 191, 193 व 194 के 40 में से 39 प्लॉट अपात्र व्यक्तियों, जिनके पास पूर्व में रहवासीय पक्के मकान बने हैं और बाहर के लोगों को मात्र 1250 रुपए में आवंटित कर दिए। जबकि इन भूखंडों की बाजार कीमत प्रति प्लॉट 10 लाख रुपए से कम नहीं आंकी जा सकती। इस हिसाब से करीब चार करोड़ रुपए की जमीन आरोपियों ने केवल 48 हजार 7 सौ 50 रुपए में बेच दी। उन्होंने आरोप लगाया कि आजाद नगर मोहल्ले में ग्राम पंचायत की ओर से बनाए गए सार्वजनिक शौचालय को हटाकर आरोपियों ने 174-ए, 174-बी, 211-ए, 211-बी और 183-ए प्लॉट बनाकर साधन संपन्न व्यक्तियों को प्रति भूखंड 1250 रुपए में आवंटित कर दिए। जबकि यहां प्रत्येक भूखंड की बाजार कीमत 50 लाख रुपए मानी जाती है। साथ ही इन लोगों ने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रताप नगर, महावीर नगर, फतेह नगर, आदर्श नगर मोहल्लों में अपात्र व्यक्तियों को भूखंड आवंटित कर पंचायत को करोड़ो का नुकसान पहुंचाया। उन्होंने बताया कि इस भूखंड घोटाले की शिकायत पंचायत चुनाव 2010 के तुरंत बाद नवनिर्वाचित सरपंच मोहनलाल सोनी ने कलेक्टर कार्यालय में की थी। जिस पर आज तक कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने उक्त ग्रामसेवक पर पूरा रिकार्ड हैंडओवर नहीं करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि अपात्र व्यक्तियों के नाम से आवंटित किए गए भूखंडों को बेचा जा रहा है, साथ ही इनका पंजीयन भी किया जा रहा है। उन्होंने कलेक्टर से मामले की जांच करवाने तथा प्लॉटों के पंजीयन पर रोक लगाने की मांग की। गौरतलब है कि ग्राम पंचायत की ओर से आवंटित भूखंडों के खरीफ-फरोख्त नहीं करने को लेकर विभिन्न समाचार पत्रों में आम सूचना भी प्रकाशित करवाई गई थी।




बाड़मेर जैसलमेर के 73 गांवों के लोग पिंजरे में कैद



 
बाड़मेर। राष्ट्रीय मरू उद्यान की उद्घोषित जमीन मे ंआबाद बाड़मेर जैसलमेर के 73 गांवों के लोगों की स्थिति अजीब हो गई है। उन पर नित नए प्रतिबंध लग रहे हैं, लेकिन उनके अधिकार की कोई बात नहीं कर रहा है।


सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के अनुसार बाड़मेर में करीब 3 लाख 65 हजार हैक्टेयर और जैसलमेर में करीब साढ़े तीन लाख हैक्टेयर मरू उद्यान क्षेत्र की ऎसी जमीन है जिस पर निजी खातेदारी है। इन लोगों की जमीन को 1981 में ही राष्ट्रीय मरूउद्यान के लिए उद्घोषित कर दिया गया। इसके बाद भौतिक बेदखली नहीं की गई। लिहाजा न तो इनको मुआवजा दिया गया और न ही इनके अधिकारों का अधिग्रहण किया गया। ये लोग लगातार अपने खेतों में काश्त करते रहे और राजस्व रिकार्ड में आज भी यही खातेदार है। इधर वर्ष 2002 बाद सर्वाेच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय मरू उद्यान को लेकर सख्ती बरतते हुए यहां दुर्लभ जीवों के संरक्षण को महत्वपूर्ण मानते हुए कई पाबंदियां लगा दी।


राष्ट्रीय मरूउद्यान के लिए उद्घोषित जमीन पर आबाद लोगों पर भी यह सारे प्रतिबंध लगा दिए गए है। वे अब अपनी कृषि भूमि पर बिजली का कनेक्शन नहीं ले सकते हैं। नलकूप खुदवाने की भी इजाजत नहीं है। खुद की जमीन को बेचने या उपहार स्वरूप देने का अधिकार भी नहीं है। न ही नया रास्ता भी निकाल सकते हैं।
यहां तक कि मकान बनाने के लिए भी वन विभाग से इजाजत मांगी जा रही है, जो नहीं मिलती। लिहाजा ये लोग ऎसे पिंजरे में कैद हो गए है, जिसमें नित नई सजा सुनाई जा रही है।

सीमावर्ती क्षेत्र में पकड़े 3 चाइनीज

जैसलमेर। जिला पुलिस व खुफिया एजेंसियों की संयुक्त कार्रवाई के दौरान शाहगढ़ क्षेत्र में संदिग्ध अवस्था में घूम रहे तीन चाइनीज व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया गया। जानकारी के अनुसार चीन से आए चेन वीबिन, लीयू फुगो व चेन साइलोंग को तेल गैस कंपनी ने बुलाया था। इन तीनों के पास सीमावर्ती क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं थी जिसके चलते पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया। पुलिस द्वारा इनसे पूछताछ की जा रही है।

गौरतलब है कि पिछले दिनों तेल गैस खोज में लगी एक कंपनी को शाहगढ़ क्षेत्र में गैस के अथाह भंडार मिले थे। जिसके लिए कंपनी ने चाइनीज रिग भी मंगवाई थी। कलेक्टर द्वारा चाइनीज विशेषज्ञों को अनुमति नहीं दी गई थी लेकिन कंपनी ने फर्जी तरीके से तीनों विशेषज्ञों को सीमावर्ती क्षेत्र में पहुंचा दिया गया। पुलिस व खुफिया एजेंसियों ने तीनों को हिरासत में लिया है। पुलिस अधीक्षक ममता विश्रोई के अनुसार इनके डिपोर्ट की कार्रवाई की जाएगी।

Khamma Khamma [Full Song] Jai Baba Ramdev


जय बाबा रामदेवजी ....जय बाबे री .....जय रुनीचा रे धनिया ...घनी खम्मा रजा रामदेवजी ने .....

रामदेवरा - जहाँ गूँजती हैं श्रद्धा और विश्वास की स्वर लहरियाँ

पोकरण से १३ किलोमीटर दूर रामदेवरा में हिन्दू, मुस्लिम एकता एवं पिछडे वर्ग के उत्थान के लिए पहल कर क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए प्रसिद्ध संत बाबा रामदेव की श्रद्धा में डूबे लगभग 15लाख अनुयाई भक्ति सागर में गोते लगा रहे हैं। देश में ऐसे अनूठे मंदिर कम ही हैं जो हिन्दू मुसलमान दोनों की आस्था के केन्द्र बिन्दु हैं। बाबा रामदेव का मंदिर इस दृष्टि से भी अनुपम है कि वहां बाबा रामदेव की मूर्ति भी है और मजार भी। यह मंदिर इस नजरिये से भी सैकडों श्रद्धालुओं को आकृष्ट करता है कि बाबा के पवित्रा राम सरोवर में स्नान से अनेक चर्मरोगों से मुक्ति मिलती है। इन्हीं रामसा पीर का वर्णन लोकगीतों में ’’आँध्यां ने आख्यां देवे म्हारा रामसापीर‘‘ कह कर किया जाता है। श्रद्धालु केवल आसपास के इलाकों से ही नहीं आते वरन् गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी सैंकडों की संख्या में आते हैं। आधुनिक परिवहन सुविधाओं के बावजूद बीकानेर और जोधपुर जैसे इलाकों से १००-२०० किलोमीटर पैदल चल कर आने वाले भक्तजन भी आस्था की अलग ही कहानी कहते नजर आते हैं। प्रतिवर्ष भादवा शुक्ला द्वितीया से चलने वाला यह मेला भादवा शुक्ला एकादशी को सम्पन्न होता है। इस बार मेला २३ सितम्बर तक चलेगा। इन दिनों पैदल और वाहनों से सैंकडों यात्राी प्रतिदिन मेला स्थल पर पहुंच रहे हैं। बाबा रामदेव १४०९ विक्रम संवत की शुक्ल पंचमी को तोमर वंशीय अजमल जी और मैणादे के यहां जन्मे थे। किंवदन्ती है कि ये भगवान श्री कृष्ण का अवतार थे। श्रद्धालु इनके जन्म की कथा को कुछ यूँ बयान करते हैं। दिल्ली के शासक अनंगपाल के पुत्रा नहीं था। पृथ्वीराज चौहान उनकी पुत्राी का पुत्रा था। एक बार अनंगपाल तीर्थयात्राा को निकलते समय पृथ्वीराज चौहान को राजकाज सौंप गये। तीर्थयात्राा से लौटने के बाद पृथ्वीराज चौहान ने उन्हें राज्य पुनः सौंपने से इन्कार कर दिया। अनंगपाल और उनके समर्थक दुखी हो जैसलमेर की शिव तहसील में बस गये। इन्हीं अनंगपाल के वंशजों में अजमल और मेणादे थे। निसंतान अजमल दम्पत्ति श्री कृष्ण के अनन्य उपासक थे। एक बार कुछ किसान खेत में बीज बोने जा रहे थे कि उन्हें अजमल जी रास्ते में मिल गये। किसानों ने निसंतान अजमल को शकुन खराब होने की बात कह कर ताना दिया। दुखी अजमल जी ने भगवान श्री कृष्ण के दरबार में अपनी व्यथा प्रस्तुत की। भगवान श्री कृष्ण ने इस पर उन्हें आश्वस्त किया कि वे स्वयं उनके घर अवतार लेंगे। बाबा रामदेव के रूप में जन्में श्री कृष्ण पालने में खेलते अवतरित हुए और अपने चमत्कारों से लोगों की आस्था का केन्द्र बनते गये। लोक भावनाओं के अनुसार उन्होंने पीरों को उनके बर्तन मक्का मदीना से मंगवा कर चमत्कृत किया, भैरव राक्षस के आतंक से रामदेवरा के लोग को मुक्त कराया, बोयता महाजन के डूबते जहाज को बचाया। सगुना बाई के बच्चों को जीवित करना, अंधों को दृष्टि प्रदान करना और कोढयों को रोगमुक्त करना उनके अन्य चमत्कारों में से कुछ थे इसलिए आज भी लोग उनसे मनौतियाँ मांगते हैं और मनौती पूरी होने पर भेंट चढाते हैं। यहां माघ महिने में भी मेला भरता है जिसमें आस-पास के गांवों के लोग इकट्ठे होते हैं। रामदेवरा अथवा रूंणीचा धाम असल में रामदेव जी की कार्यस्थली रही है। यहीं उन्होंने रामसर तालाब खुदवाया, यहीं समाधि ली और अपने ३३ वर्ष के छोटे से जीवन में दीनदुखियों और पिछडे लोगों के कल्याण के लिए काम करके देवत्त्व प्राप्त किया। रामदेवरा किसी समय जोधपुर राज्य का गांव था जो जागीर में मंदिर को दे दिया गया था। इस गांव के ऐतिहासिक व प्रामाणिक तथ्य केवल यही तक ज्ञात हैं कि इसकी स्थापना रामदेवजी की जन्म तिथि और समाधि दिवस के मध्य काल में हुई होगी। वर्ष १९४९ से यह फलौदी तहसील का अंग बन गया और बाद में जैसलमेर जिले की पोकरण तहसील बन जाने पर उसमें शामिल कर दिया गया। रामदेव जी के विवाह की गाथा लोकगीतों में आती है पर संतान व अन्य तथ्यों की पुष्टि नहीं होती। इनका विवाह निहाल दे नामक महिला से हुआ था। डाली बाई और हरजी भाटी इनके अनन्य भक्तों में से थे। डालीबाई का मंदिर रूंणीचे में बाबा की समाधि के पास बना है। कहते हैं कि डालीबाई बाबा रामदेव को टोकरी में मिली थी। रामदेवजी के वर्तमान मंदिर का निर्माण १९३१ में बीकानेर के महाराजा श्री गंगासिंह जी ने करवाया था। इस पर उस समय ५७ हजार रुपये की लागत आई थी। भादवा शुक्ला द्वितीया से भादवा शुक्ला एकादशी तक भरने वाले इस मेले में सुदूर प्रदेशों के व्यापारी आकर हाट व दूकानें लगाते हैं। पैदल यात्रिायों के जत्थे हफ्तों पहले से बाबा की जय-जयकार करते हुए अथक परिश्रम और प्रयास से रूंणीचे पहुंचते हैं। लोकगीतों की गुंजन और भजन कीर्तनों की झनकार के साथ ऊँट लढ्ढे, बैलगाडयां और आधुनिक वाहन यात्रिायों को लाखों की संख्या में बाबा के दरबार तक पहुंचाते हैं। यहां कोई छोटा होता है न कोई बडा, सभी लोग आस्था, भक्ति और विश्वास से भरे, रामदेव जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने पहुंचते हैं। यहां मंदिर में नारियल, पूजन सामग्री और प्रसाद की भेंट चढाई जाती है। मंदिर के बाहर और धर्मशालाओं में सैकडों यात्रियों के खाने-पीने का इंतजाम होता है। प्रशासन इस अवसर पर दूध व अन्य खाद्य सामग्री की व्यवस्था करता है। विभिन्न कार्यालय अपनी प्रदर्शनियां लगाते हैं। प्रचार साहित्य वितरित करते हैं और अनेक उपायों से मेलार्थियों को आकृष्ट करते हैं। मनोरंजन के अनेक साधन यहां उपलब्ध रहते हैं। श्रद्धासुमन अर्पित करने के साथ-साथ मेलार्थी अपना मनोरंजन भी करते हैं और आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी भी। निसंतान दम्पत्ति कामना से अनेक अनुष्ठान करते हैं तो मनौती पूरी होने वाले बच्चों का झडूला उतारते हैं और सवामणी करते हैं। रोगी रोगमुक्त होने की आशा करते हैं तो दुखी आत्माएं सुख प्राप्ति की कामना और यू एक लोक देवता में आस्था और विश्वास प्रकट करता हुआ यह मेला एकादशी को सम्पन्न हो जाता है।

लोकदेवता.तेजाजी ... गायों की डाकुओं से रक्षा करने में अपने प्राण दांव पर लगा दिये



तेजाजी राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात प्रान्तों में लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं। किसान वर्ग अपनी खेती की खुशहाली के लिये तेजाजी को पूजता है। तेजाजी के वंशज मध्यभारत के खिलचीपुर से आकर मारवाड़ मे बसे थे। नागवंश के धवलराव अर्थात धौलाराव के नाम पर धौल्या गौत्र शुरू हुआ। तेजाजी के बुजुर्ग उदयराज ने खड़नाल पर कब्जा कर अपनी राजधानी बनाया। खड़नाल परगने में 24 गांव थे।तेजाजी का जन्म धौलिया या धौल्या गौत्र के जाट परिवार में हुआ। धौल्या शासकों की वंशावली इस प्रकार है:- 1.महारावल 2.भौमसेन 3.पीलपंजर 4.सारंगदेव 5.शक्तिपाल 6.रायपाल 7.धवलपाल 8.नयनपाल 9.घर्षणपाल 10.तक्कपाल 11.मूलसेन 12.रतनसेन 13.शुण्डल 14.कुण्डल 15.पिप्पल 16.उदयराज 17.नरपाल 18.कामराज 19.बोहितराव 20.ताहड़देव 21.तेजाजी

तेजाजी ने ग्यारवीं शदी में गायों की डाकुओं से रक्षा करने में अपने प्राण दांव पर लगा दिये थे। वे खड़नाल गाँव के निवासी थे। भादो शुक्ला दशमी को तेजाजी का पूजन होता है। तेजाजी का भारत के जाटों में महत्वपूर्ण स्थान है। तेजाजी सत्यवादी और दिये हुये वचन पर अटल थे। उन्होंने अपने आत्म - बलिदान तथा सदाचारी जीवन से अमरत्व प्राप्त किया था। उन्होंने अपने धार्मिक विचारों से जनसाधारण को सद्मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया और जनसेवा के कारण निष्ठा अर्जित की। जात - पांत की बुराइयों पर रोक लगाई। शुद्रों को मंदिरों में प्रवेश दिलाया। पुरोहितों के आडंबरों का विरोध किया। तेजाजी के मंदिरों में निम्न वर्गों के लोग पुजारी का काम करते हैं। समाज सुधार का इतना पुराना कोई और उदाहरण नहीं है। उन्होंने जनसाधारण के हृदय में हिन्दू धर्म के प्रति लुप्त विश्वास को पुन: जागृत किया। इस प्रकार तेजाजी ने अपने सद्कार्यों एवं प्रवचनों से जन - साधारण में नवचेतना जागृत की, लोगों की जात - पांत में आस्था कम हो गई।

तेजाजी के बुजुर्ग उदयराज ने खड़नाल पर कब्जा कर अपनी राजधानी बनाया। खड़नाल परगने में 24 गांव थे। तेजाजी का जन्म खड़नाल के धौल्या गौत्र के जाट कुलपति ताहड़देव के घर में चौदस वार गुरु, शुक्ल माघ सत्रह सौ तीस को हुआ। तेजाजी के जन्म के बारे में मत है-जाट वीर धौलिया वंश गांव खरनाल के मांय।आज दिन सुभस भंसे बस्ती फूलां छाय।।शुभ दिन चौदस वार गुरु, शुक्ल माघ पहचान।
तेजाजी का हळसौतिया

जेठ के महिने के अंत में तेज बारिश होगई। तेजाजी की माँ कहती है जा बेटा हळसौतिया तुम्हारे हाथ से कर-गाज्यौ-गाज्यौ जेठ'र आषाढ़ कँवर तेजा रॅलगतो ही गाज्यौ रॅ सावण-भादवोसूतो-सूतो सुख भर नींद कँवर तेजा रॅथारोड़ा साथिड़ा बीजॅं बाजरो।

सूर्योदय से पहले ही तेजाजी बैल, हल, बीजणा, पिराणी लेकर खेत जाते हैं और स्यावड़ माता का नाम लेकर बाजरा बीजना शुरू किया -उठ्यो-उठ्यो पौर के तड़कॅ कुँवर तेजा रॅमाथॅ तो बांध्यो हो धौळो पोतियोहाथ लियो हळियो पिराणी कँवर तेजा रॅबॅल्यां तो समदायर घर सूं नीसर्योकाँकड़ धरती जाय निवारी कुँवर तेजा रॅस्यावड़ नॅ मनावॅ बेटो जाटको।भरी-भरी बीस हळायां कुँवर तेजा रॅधोळी रॅ दुपहरी हळियो ढाबियोधोरां-धोरां जाय निवार्यो कुँवर तेजा रॅबारह रॅ कोसां री बा'ई आवड़ी।।
तेजाजी का भाभी से संवाद

नियत समय के उपरांत तेजाजी की भाभी छाक (रोटियां) लेकरआई। तेजाजी बोले-बैल्या भूखा रात का बिना कलेवे तेज।भावज थासूं विनती कठै लगाई जेज।।

देवर तेजाजी के गुस्से को भावज झेल नहीं पाई और काम से भी पीड़ित थी, उसने चिढने के लहजे में कहा-मण पिस्यो मण पोयो कँवर तेजा रॅमण को रान्यो खाटो खीचड़ो।लीलण खातर दल्यो दाणों कँवर तेजा रॅसाथै तो ल्याई भातो निरणी।दौड़ी लारॅ की लारॅ आई कँवर तेजा रॅम्हारा गीगा न छोड़ आई झूलै रोवतो।ऐहड़ा कांई भूख भूखा कँवर तेजा रॅथारी तो परण्योड़ी बैठी बाप कॅ

भाभी का जवाब तेजाजी के कले जे में चुभ गया। तेजाजी नें रास और पुराणी फैंकदी और ससुराल जाने की कसम खा बैठे-ऐ सम्हाळो थारी रास पुराणी भाभी म्हारा ओअब म्हे तो प्रभात जास्यां सासरॅहरिया-हरिया थे घास चरल्यो बैलां म्हारा ओपाणिड़ो पीवो नॅ थे गैण तळाव रो।
तेजाजी का माँ से संवाद

खेत से तेजाजी सीधे घर आये। तेजाजी नें कहा-माँ मेरी शादी कहाँ और किसके साथ हुई। तेजाजी की माँ को खरनाल और पनेर की दुश्मनी याद आ गई पर अब बताने को मजबूर होकर माँ बोली-ब्याव होतां ही खाण्डा खड़कग्या बेटा बैर बढ़गो।थारां बाप कै हाथा सूं छोरी को मामों मरगो।थारो मामोसा परणाया पीळा-पोतड़ा।गढ़ पनेर पड़ॅ ससुराल कँवर तेजा रॅरायमल जी री पेमल थारी गौरजां।

उस समय के रिवाज के अनुसार तेजाजी का विवाह उनके ताऊ बक्सारामजी ने तय किया। मामा ने शादी की मुहर लगाई। तेजाजी का विवाह रायमल की बेटी के साथ पीले पोतड़ों में होना बताया।बहिन राजल को ससुराल से लाना
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तेजाजी की भाभी ने कहा कि ससुराल जाने से पहले बहिन राजल को लाओ-पहली थारी बैनड़ नॅ ल्यावो थे कंवर तेजा रॅ।पाछै तो सिधारो थारॅ सासरॅ।।

उधर तेजा की बहिन राजल को भाई के आने के सगुन होने लगे वह अपनी ननद से बोली-डांई-डांई आँख फरुखे नणदल बाई येडांवों तो बोल्यो है कंवलो कागलोकॅ तो जामण जायो बीरो आसी बाई वोकॅ तो बाबो सा आणॅ आवसी

बहिन के ससुराल में तेजाजी की खूब मनुहार हुई। रात्रि विश्राम के पश्चात सुबह तेजाजी बहिन के सास से बोले-बाईसा नॅ पिहरिये भेजो नी सास बाईरामायड़ तो म्हानॅ लेबानॅ भेज्योचार दिना की मिजमानी घणा दिनासूं आयाराखी री पूनम नॅ पाछा भेजस्यांसीख जल्दी घणी देवो सगी म्हारा वोम्हानॅ तो तीज्यां पर जाणों सासरॅ

भाई-बहिन रवाना होकर अपने गांव खरनाल पहुंचते हैं। सभी को चूरमा व पतासे बांटे जाते हैं।तेजल आयो गांव में ले बैनड नॅ साथहरक बधायं बँट रही बड़े प्रेम के साथतेजाजी का पनेर जाना

तेजाजी अपनी मां से पनेर जाने की अनुमती मांगते हैं। वह मना करती है। तेजाजी के दृढ़ निश्चय के आगे मां की एक न चली। भाभी कहती है कि पंडित से शुभ मूहूर्त निकलवा कर ससुराल रवाना होना। पंडित शुभ मूहूर्त के लिये पतड़ा देख कर बताता है कि श्रावण व भादवा के महिने अशुभ हैं-मूहूर्त पतड़ां मैं कोनी कुंवर तेजा रॅधोळी तो दिखॅ तेजा देवलीसावण भादवा थारॅ भार कंवर तेजा रॅपाछॅ तो जाज्यो सासरॅ

पंडित की बात तेजाजी ने नहीं मानी। तेजाजी बोले मुझे तीज से पहले पनेर जाना है। शेर को कहीं जाने के लिए मूहूर्त की जरुरत नहीं पड़ती-गाड़ा भरद्यूं धान सूं रोकड़ रूपया भेंटतीजां पहल्यां पूगणों नगर पनेरा ठेठसिंह नहीं मोहरत समझॅ जब चाहे जठै जायतेजल नॅ बठै रुकणुं जद शहर पनेर आय

लीलण पर पलाण मांड सूरज उगने से पहले तेजाजी रवाना हुये। मां ने कलेजे पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया-माता बोली हिवड़ॅ पर हाथ रखआशीष देवूं कुलदीपक म्हारारैबेगा तो ल्याज्यो पेमल गोरड़ी

बरसात का मौसम था। रास्ते में कई नाले और बनास नदी पार की। रास्ते में बालू नाग मिला जिसे तेजाजी ने आग से बचाया। तेजाजी को नाग ने कहा-"शूरा तूने मेरी जिन्दगी बेकार कर दी। मुझे आग में जलने से रोककर तुमने अनर्थ किया है। मैं तुझे डसूंगा तभी मुझे मोक्ष मिलेगा।"

कुंवर तेजाजी ने नाग से कहा-"नागराज! मैं मेरे ससुराल जा रहा हूँ। मेरी पेमल लम्बे समय से मेरा इन्तजार कर रही है। मैं उसे लेकर आऊंगा और शीघ्र ही बाम्बी पर आऊंगा, मुझे डस लेना।"

कुंवर तेजाजी पत्नी को लेकर मरणासन्न अवस्था में भी वचन पूरा करने के लिये नागराज के पास आये। नागराज ने तेजाजी से पूछा कि ऐसी जगह बताओ जो घायल न हुई हो। तेजाजी की केवल जीभ ही बिना घायल के बची थी। नागराज ने तेजाजी को जीभ पर डस लिया।

मंगलवार, 6 सितंबर 2011

मम्मी के प्रेमी का SMS क्या पढ़ा, बेटे पर आ गई शामत!




अहमदाबाद।रविवार सुबह के लगभग दस बजे एक 12 वर्षीय बच्चा दौड़ते-दौड़ते नारायणपुरा पुलिस थाने आ पहुंचा। कांपती हुई आवाज में उसने पुलिसकर्मियों की तरफ देखकर कहा... 'अंकल, मुझे बचा लीजिए... मम्मी और उनका प्रेमी मुझे मार रहे हैं...' बच्चे के मुंह से यह बात सुनकर सारे पुलिसकर्मी चौंक उठे। हेड कॉन्सटेबल लक्ष्मणभाई अभाभाई सोलंकी ने उसे अपने पास बिठाकर पानी पिलाया और उसका नाम पूछा। बच्चे ने अपना नाम आकाश (परिवर्तित नाम) बताया।


उसके कुछ रिलैक्स हो जाने पर लक्ष्मणभाई ने उससे पूरी बात पूछी। तब आकाश ने यह कहानी बताई... पापा घर पर नहीं थे और मम्मी (वंदना-परिवर्तित नाम) के मोबाइल में बैलेंस खत्म हो गया था। इसलिए मम्मी ने पापा के मोबाइल से किसी को एसएमएस किया था। इसके बाद मम्मी घर के काम में लग गईं और मैंने पापा का मोबाइल खेलने के लिए ले लिया। जब मैंने एक एसएमएस देखा तो उसमें मम्मी ने किसी को आई लव यू लिखा था।




मैंने यह बात मम्मी से पूछ ली कि उन्होंने यह मैसेज किसको किया था। तब मम्मी कुछ नहीं बोलीं। इसके कुछ देर बाद एक आदमी घर पर आया और तब मम्मी और वह आदमी मुझे पीटने लगे और बोला कि किसी को बताया तो और मारेंगे।




जब घर जाएगा, तब फिर मारूंगी...।


बच्चे की यह बात सुनकर कुछ ही देर में पुलिस ने उसकी मम्मी वंदना को यहां पर बुला लिया। लेकिन चौंकाने वाली बात यहां यह रही कि वंदना ने खुद यह बात स्वीकार कर ली कि उसका शंकर परिहार नाम के एक युवक से प्रेम प्रसंग चल रहा है। इसके अलावा वंदना ने आकाश की पिटाई और धमकी की बात भी निडरतापूर्वक स्वीकार ली। इसके साथ ही वंदना ने पुलिस से कहा कि यह जब घर जाएगा, तब फिर मारूंगी...।




यह बात सुनकर पुलिस भी चौंक उठी। पुलिस ने मासूम बच्चे को पीटने तथा उसके धमकी देने के आरोप में वंदना और शंकर दोनों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। आकाश के अलावा वंदना की दो बेटियां भी हैं जो 12वीं कक्षा में पढ़ती हैं, जबकि आकाश 9वीं कक्षा में पढ़ता है और पति दर्जी का काम करता है।

बाडमेर, आज की ताजा खबर. 6 सितम्बर।


कृषि योजनाओं का व्यापक
प्रचार प्रसार के निर्देश

बाडमेर, 6 सितम्बर। जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने जिले में कृषि को उपयोगी बनाने तथा कृषकों के हित के लिए कृषि योजनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार के निर्देश दिए है। वह मंगलवार को अपने कक्ष में राष्ट्रीय बागवानी मिशन की समीक्षा कर रहे थे।
इस मौके पर गोयल ने कहा कि जिले में कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्ठ कार्यो का प्रदर्शन कर इनका व्यापक प्रचार प्रसार कराया जाए तथा कृषकों को यात्रा करवाकर इनका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करवाया जाए। उन्होने बताया कि जैविक खेती के लिए किसानों को प्रेरित किया जाए ताकि रसायनिक तत्वों के कुप्रभावों को कम किया जा सकें। उन्होने वर्मी कम्पोस्ट अपनाने के लिए व्यापक कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। बैठक में नये बगीचों की स्थापना के लक्ष्यों, ब्लॉक वाईज लक्ष्य तथा उपलब्धि की समीक्षा की गई तथा जिला कलेक्टर ने शून्य उपलब्धि वाले मदों में कृषि उप निदेशक को व्यक्तिगत रूप से रूची लेकर कार्य करने के निर्देश दिए ताकि निर्धारित लक्ष्य हासिल किए जा सकें।
जिला कलेक्टर ने जिले में फल बगीचों के क्षेत्र में हुए उत्कृष्ठ कार्यो जैसे बेर, नीम्बू, खजूर तथा अनार उत्पादन के बेहतरीन प्रदर्शनों के बारे में कृषक यात्राएं करवाने तथा सफलता की कहानियों के जरिये इनका व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए।
बैठक में कृषि उप निदेशक राजेश चौहान तथा सहायक निदेशक बनवारी लाल चौधरी समेत संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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मेगा लोक अदालत का 
आयोजन 12 से 17 तक

बाडमेर, 6 सितम्बर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशानुसार बाडमेर स्थित सभी न्यायालयों में 12 से 17 सितम्बर तक मेगा लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा, जिसमें किसी भी दिवस पर पक्षकार अपने अधिवक्ता गण के जरिये उक्त लोक अदालत में उपस्थित होकर जरिये राजीनामा मेगा लोक अदालत में अपने प्रकरणों का निस्तारण करवा सकेंगे।
ताल्लुका विधिक सेवा समिति अध्यक्ष चन्द्रशेखर शर्मा ने बताया कि उक्त लोक अदालत में सेशन प्रकरण के अलावा जिन प्रकरणों में विधिनुकूल राजीनामा कर सकते है, उन्ही प्रकरणों में पक्षकारान के निवेदन पर उनके प्रकरणों का मेगा लोक अदालत में निस्तारण किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक इच्छुक पक्ष को इसका फायदा मिलेगा, इसके लिए बाडमेर स्थित सभी न्यायिक न्यायालयों द्वारा नोटिस/सम्मन भी संबंधित तारीख पेशी के पक्षकारान को जारी किये गये है, जिन पक्षकारान को नोटिस/सम्मन प्राप्त नहीं होते है वे भी उक्त मेगा लोक अदालत में किसी भी दिवस में उपस्थित होकर अपने प्रकरण का जरिये लोक अदालत राजीनामा करवा सकते है।
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 आपणों काम योजना के तहत होगा
 शिक्षकों की परिवेदनों का समाधान

बाडमेर, 6 सितम्बर। जिले के शिक्षकों की समस्याओं तथा बकाया प्रकरणों के निस्तारण के लिए आपणों काम योजना के अन्तर्गत अभियान चलाकर कार्य पूर्ण किया जाएगा।
 जिला शिक्षा अधिकारी प्रा0शि0 पृथ्वीराज दवे ने प्रारम्भिक शिक्षा में आपणों काम कार्य योजना के तहत बकाया कार्यो का निस्तारण 2 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिए है। उन्होने बताया कि आपणों काम कार्य योजना के अन्तर्गत बकाया अवकाश, पेंशन, चयनित वेतनमान, विकलांग वाहन भता, बकाया भुगतान, विधानसभा प्रश्न, न्यायिक प्रकरण, प्राथमिक जांच, सूचना का अधिकार, मुख्यमंत्री सचिवालय के प्रकरण, अंकेक्षण प्रथम अनुपालना, सर्विस बुक पूर्ण करने इत्यादि कार्यो का निस्तारण 2 अक्टूबर तक अनिवार्य रूप से किया जाए। उन्होने बताया कि जिले के शिक्षक अपने बकाया प्रकरणों को संबंधित ब्लॉक प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत करे ताकि योजना के तहत उसका निस्तारण करवाया जा सकें। जिले में कार्यरत विद्यार्थी मित्र जिन्होने सत्र 2011-12 में अनुबन्ध पत्र नहीं भरा है, उनसे तत्काल अनुबन्ध पत्र भरवा कर वेतन भुगतान यथा समय करने के निर्देश दिए है। सत्र 2011-12 हेतु नया अनुबन्ध पत्र समस्त विद्यार्थी मित्रों द्वारा भरा जाना अनिवार्य है। 
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प्रशासन शहरों के संग अभियान
पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक 8 को


बाडमेर, 6 सितम्बर। 14 नवम्बर से प्रारम्भ होने वाले प्रशासन शहरों के संग अभियान की पूर्व तैयारियों की समीक्षा बैठक जिला कलेक्टर गौरव गोयल की अध्यक्षता मेें गुरूवार को सायं 4.00 बजे कलेक्ट्रेट कांफ्रेन्स हॉल में आयोजित कीे जाएगी। संबंधित अधिकारियों को वांछित सूचनाओं के साथ निर्धारित समय पर बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए है।
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होम गाडर््स स्वयं सेवकों की भर्ती 19 से

बाडमेर, 6 सितम्बर। सीमा गृह रक्षा दल बाडमेर की अधीनस्थ रामसर, शोभाला, चौहटन, बाखासर, धोरीमना एवं सांचोर कम्पनियों के लिए होम गाड्स स्वयं सेवकों की भर्ती 19 सितम्बर से की जाएगी।
सीमा गृह रक्षा दल बाडमेर के गण समादेष्टा भंवरसिंह चौहान ने बताया कि 19 सितम्बर को रामसर एवं शोभाला कम्पनी के सदस्यों की भर्ती रामसर कम्पनी मुख्यालय पर की जाएगी। इसी प्रकार 21 को चौहटन एवं बाखासर कम्पनी के सदस्यों की भर्ती चौहटन कम्पनी मुख्यालय तथा 23 सितम्बर को धोरीमना एवं सांचोर कम्पनी के सदस्यों की भर्ती सांचोर कम्पनी मुख्यालय पर की जाएगी।
उन्होने बताया कि भर्ती हेतु अभ्यर्थी की आयु न्यूनतम 18 वर्ष एवं अधिकतम 45 वर्ष, न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 5वीं कक्षा उतीर्ण, ऊंचाई 168 से.मी. तथा सीना बिना फुलाये 81 से.मी. व फुलाने पर 86 से.मी. होना आवश्यक है। अनुसूचित जाति, जन जाति के अभ्यर्थी उक्त मापदण्ड के उपलब्ध नहीं होने पर उन्हें 5 से.मी. की छूट दी जा सकेगी। आवेदक संबंधित कम्पनी मुख्यालय के 30 कि.मी. परिधि का निवासी होना चाहिए एवं सांचोर कम्पनी के मामले में 25 कि.मी. परिधि का मान्य होगी। एनसीसी प्रमाण पत्र, राज्य स्तरीय खेलकूद विजेता, ड्राईविंग लाइसेन्स इत्यादि की दक्षता रखने वाले आवेदक को विशेष योग्यता के अंक किए जाएगंे। 
उन्होने बताया कि भर्ती हेतु आवेदन पत्र सीमा गृह रक्षा दल बाडमेर कार्यालय से 16 सितम्बर तक निर्धारित शुल्क से प्राप्त कर इसी कार्यालय में जमा करवाया जा सकता है। 16 सितम्बर के बाद प्राप्त आवेदन पत्रों को स्वीकार नहीं किया जाएगा एवं ना ही इन आवेदकों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। आवेदक को मूल निवास, मतदाता पहचान पत्र, आयु तथा योग्यता संबंधी सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र एवं उनकी सत्यापित फोटो प्रतियां साथ में लानी होगी। उन्होने बताया कि आवेदक को निर्धारित तिथि को भर्ती स्थल पर अपने व्यय से आना होगा एवं इन्हें किसी प्रकार का किराया/भत्ता इत्यादि देय नहीं होगा।



सर्व शिक्षा अभियान
विशेष आवश्यकता वाले बालकों को
 शिक्षा उपलब्ध को खास इंतजाम 

बाडमेर, 6 सितम्बर। सर्व शिक्षा अभियान के समावेशित शिक्षा प्रभाग द्वारा जिले के विशेष आवश्यकता वाले बालक बालिकाओं के लिए कक्षा 1 से 8 तक की शिक्षा उपलब्ध करवाने हेतु कई सहशैक्षिक एवं शैक्षिक गतिविधियां संचालित कीे जा रही है। 
सर्व शिक्षा अभियान के जिला समन्वयक पृथ्वीराज दवे ने बताया कि राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 8 तक के 40 प्रतिशत या अधिक विकलांग बच्चों को परिवहन एवं एस्कोर्ट भता उपस्थिति के आधार पर 300 रूपये प्रतिमाह दिया जा रहा है। इन्हें विभिन्न अंग उपकरण वैसाखी, ट्राई साइकिल, व्हील चेयर, केलीपर्स दिये जा रहे है। पूर्ण दृष्टि बाधित बच्चों को ब्रेल किट एवं ब्रेल पुस्तके उपलब्ध करवाई गई है।
अतिरिक्त समन्वयक प्रेम प्रकाश व्यास ने बताया कि जिले में अनामांकित/ड्राप आउट बच्चों के लिए 30 विद्यार्थियों का स्कूल रेडिनेस शिविर राप्रावि लालोणियों की ढाणी में प्रारम्भ किया गया है। यह शिविर पूर्णतः आवासीय है, इसमें दृष्टि बाधित एवं श्रवण बाधिक विद्यार्थियों को विद्यालय समय के बाद विशेष शिक्षा से प्रशिक्षित शिक्षकों द्वारा ब्रेल लिपि एवं स्पीच थैरेपी से शिक्षण करवाया जा रहा है। जिले में विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत विकलांग बच्चों की माह सितम्बर में खण्ड स्तरीय क्रीडा प्रतियोगिताओं का आयोजन प्रत्येक खण्ड मुख्यालय पर 14 से 16 सितम्बर तक किया जाएगा। शिक्षा सत्र के मध्यावधि अवकाश में 60 विद्यार्थियों के लिए अन्तर जिला भ्रमण गतिविधि का आयोजन कियेा जाएगा। जिले में गत वर्ष पोलियों ग्रस्त 21 बच्चों की पोलियो केरेक्टिव सर्जरी करवायी जाकर उनको सम्बल दिया गया तथा इन्हें केलीपर उपलब्ध करवाए गए है। अधिकांश विद्यार्थियों को सर्जरी से उत्साह जनक फायदा मिला है। जिले में अनुदानित अन्ध मूक बधिर विद्यालय के विद्यार्थियों को भी ब्रेल पुस्तके एसएसए द्वारा उपलब्ध करवाई गई है।
उन्होने बताया कि अस्थिबाधित, श्रवणबाधित एवं मानसिक विमंदित श्रेणी के विद्यार्थियों के संबलन हेतु खण्ड सन्दर्भ केन्द्र परफिजियों थैरेपिटर, स्पीच थैरेपिटर एवं क्लीनीकल साइक्लोजिस्ट की सेवाएं किराये पर लेकर विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाने की योजना है। जिला समन्वयक ने बताया कि सभी बीआरसीएफ को इसके व्यापक प्रचार प्रसार के निर्देश दिए गए है तथा ऐसे बालक बालिकाओं के अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बालक बालिकाओं को इन गतिविधियों से जोड़े तथा योजना का अधिकाधिक लाभ उठावें। 
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