रविवार, 30 मार्च 2014

घूम-घूमकर अपनी तारीफ कर रहें हैं मोदी: सोनिया



लखीमपुर। असम के लखीमपुर में सोनिया गांधी ने एक चुनावी रैली के दौरान विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। सोनिया ने मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि विपक्षी पार्टियों ने जमुना-गंगा तहजीब को कमजोर किया है और आजकल देश में घूम-घूमकर अपनी ही तारीफों के पुल बांध रहे हैं। सोनिया ने असम में गोगोई सरकार की तारीफ करते हुए यूपीए सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। सोनिया ने कहा कि उन्होंने अपने पुराने घोषणापत्र में जो वादे किए वो पूरे भी किए।


सोनिया ने कहा 2009 के घोषणापत्र में जो भी वादे किए थे, सारे पूरे किए। हम 2014 के घोषणापत्र के मामले में भी यही करेंगे और उसके लिए हमें आपका समर्थन चाहिए। सोनिया ने कहा कि हम झूठे वादे नहीं करते। हम जो वादे करते हैं, उसे पूरा करते हैं। कांग्रेस 'हर हाथ शक्ति, हर हाथ तरक्की' में विश्वास करती है। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले असम और अन्य स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ता देश के लिए बलिदान देते रहे और आजादी के बाद कांग्रेस ही राष्ट्र निर्माण में लगी रही।

भाजपा अब चापलूसो की पार्टी।।।।शीतल कवर

भाजपा अब चापलूसो की पार्टी।।।।शीतल कवर



अब जसवंत की पत्नी ने खोला मोर्चा ,दिया सनसनी खेज बयान ,कहा जब भी मिलेगे नितिन गडकारी तो में उनसे करुँगी झगड़ा ,भाजपा अब चापलूसो की पार्टी ,अब यह इज्ज्त और अस्तित्व की लड़ाई हो गई

बाड़मेर बीजेपी ने बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ पार्टी नेता जसवंत सिंह को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। उन्होंने शनिवार को नाम वापसी के आखिरी दिन अपना नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पार्टी ने कार्रवाई की।पार्टी की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने 76 वर्षीय सिंह को छह साल के लिए निष्कासित करने का फैसला किया। उसके बाद आज जसवंत सिंह की और से कोई प्रतिकिरिया आई लेकिन अब जसवंत सिंह कि पत्नी शीतल कवर ने मोर्चा सँभालते हुए जैसलमेर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा एक सनसनी आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे जब मुझे नितिन गडगरी मिलेगे तो में उनसे लड़ाई करुँगी यह में आपके माध्यम से गडगरी बता देना चाहतु हु अगर निकलना ही था तो वापस क्यों लिया था भाजपा अब मेरी नजरो में गिर चुकी है अब यह हमांरे मान -सामान कि बात है इसलिए हम चुनाव में पूरा दम ख़म दिखाएगे हमने तो सिर्फ अपने घर से टिकट ही तो माग तो इसमें क्या गुना कर दिया हम किसी भी पार्टी में नहीं जा रहे है हमारे पास सपा प्रमुख मुलयाम सिंह से लेकर कई पार्टियो से हमें ऑफर मिला लेकिन हम निर्दलीय ही चुनाव लड़ेगे भाजपा में धर्म कि अहमियत नहीं है

बाड़मेर से होकर गुजरेगा नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनाने का रास्ता

बाड़मेर से होकर गुजरेगा नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनाने का रास्ता 

नई दिल्ली। मिशन लोकसभा 2014 के समर से सभी दल जीत के लिए हर मुमकिन कोशिश में जुटे हुए हैं। मतदाता किस दल को अपने सिर आंखों पर बैठाएंगे यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन ओपिनियन पोल के जरिए उनकी संभावित रूझान के संकेत मिल रहे हैं।

मतदाताओं के मूड का आंकलन करने के लिए एबीपी न्यूज-नील्सन ने एक सर्वे कराया है। इस ताजा सर्वे के मुताबिक यूपीए को 119, एनडीए को 233, लेफ्ट को 23 और अन्य को 168 सीटें मिलने की संभावना है। वोटों के मत प्रतिशत की बात करें तो यूपीए को 26 फीसदी, एनडीए को 32 फीसदी, लेफ्ट को पांच फीसदी और अन्य को 37 फीसदी मत मिलने की उम्मीद है।

एबीपी न्यूज-नील्सन के ताजा सर्वे के मुताबिक यूपीए को इस्ट में 32, नार्थ में 27, साउथ में 35 और वेस्ट में 25 सीटें मिल सकती हैं। एनडीए को इस्ट में 39, नार्थ में 87, साउथ में 21 और वेस्ट में 86 सीटें मिलती दिख रही हैं। लेफ्ट को इस्ट में 14, साउथ में 9 सीटें मिल सकती हैं. वेस्ट और नार्थ में तो लेफ्ट का खाता भी नहीं खुलता दिख रहा है। अन्य की बात करें तो इस्ट में 57, नार्थ में 37, साउथ में 69 तो वेस्ट में 5 सीटें मिलने की संभावना है।

दक्षिण भारत में जगन और जयललिता होंगे किंगमेकर

दक्षिण भारत में बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का जादू नहीं चल रहा है। यहां यूपीए अभी भी एनडीए पर भारी दिख रही है। दिल्ली की सत्ता की चाबी जगन-जयललिता और टीआरएस के हाथों में हो सकती है। एबीपी न्यूज-नील्सन के ताजा सर्वे के मुताबिक दक्षिण भारत की कुल 134 सीटों में यूपीए को 35 एनडीए को 21, लेफ्ट को 9 और अन्य को 69 सीटें मिल सकती हैं।

एबीपी न्यूज-नील्सन के ताजा सर्वे के मुताबिक कर्नाटक में एक बार फिर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है। कर्नाटक में बीजेपी को 15, कांग्रेस को 10, जेडीएस को 3 सीटें मिलने की संभावनाएं हैं। अब जरा तमिलनाडु पर नजर दौड़ाएं तो यहां सर्वे के मुताबिक एआईएडीएमके को 21, डीएमके को 10, कांग्रेस को 1, बीजेपी को 4 और अन्य को 3 सीटें मिल सकती हैं। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस को 9, वाईएसआर कांग्रेस को 17, टीआरएस को 7, टीडीपी को 7 और अन्य को दो सीटें मिल सकती हैं।

केरल में बीजेपी का खाता भी नहीं खुल सकता है। यहां कांग्रेस को 12 और लेफ्ट को 8 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है। अब गोवा पर ताजा सर्वे के मुताबिक बीजेपी और कांग्रेस ड्रॉ नतीजे देंगे। कांग्रेस को 1 तो बीजेपी को भी एक ही सीट मिलने की संभावनाएं हैं।

उत्तर भारत में मोदी की आंधी

एबीपी न्यूज-नील्सन के ताजा सर्वे के मुताबिक उत्तर भारत के कुल 151 सीटों में एनडीए को 87, यूपीए को 27 और अन्य को 37 सीटें मिलने की संभावनाएं हैं।

उत्तर प्रदेश में पिछले सर्वे के मुकाबले इस बार मोदी की लहर कुछ कम हो रही है। फिर भी बीजेपी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर कर सामने आ रही है। यूपी में बीजेपी को 38, बीएसपी को 17, कांग्रेस और उसके गठबंधन दल को 11, एसपी को 12 और अन्य को दो सीटें आ सकती हैं। राजस्थान में बीजेपी बढ़त बनायी हुई है। यहां बीजेपी को 20 तो कांग्रेस को महज पांच सीटों से संतोष करना पड़ सकता है।

हरियाणा में सबसे अहम बात यह है कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी खाता भी नहीं खोल पा रही है। यहां भी बीजेपी एक तरफा जंग जीत रही है। बीजेपी को 9 तो कांग्रेस को एक सीट मिलती दिख रही है। उत्तराखंड में बीजेपी ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर दिया है। यहां बीजेपी सभी पांच सीटें अपने खाते में कर सकती है।

हिमाचल में भी बीजेपी एक तरफा जीत हासिल करते हुए दिख रही है। कुल चार सीटें बीजेपी को मिलती दिख रही हैं। जम्मू कश्मीर में कांग्रेस को तीन बीजेपी को एक और अन्य को दो सीटें मिलती दिख रही हैं।

दिल्ली में लड़ाई केजरीवाल और बीजेपी के बीच मुख्य रूप से लड़ी जा रही है। यहां बीजेपी को 3, आप को 3 और कांग्रेस को एक सीट मिल सकती है। चंडीगढ़ से आप को खुशखबरी मिल रही है. यहां से एक सीट आप के खाते में जाती दिख रही है।

पश्चिम भारत में मोदी का जादू

एबीपी न्यूज-नील्सन के ताजा सर्वे के मुताबिक पश्चिम भारत की कुल 116 सीटों में बीजेपी को 86 तो यूपीए को महज 25 और अन्य को पांच सीटें मिल सकती हैं।
गुजरात में बीजेपी की 21 और कांग्रेस को महज पांच सीटें मिल सकती हैं। मध्य प्रदेश में भी नमो नमो का जादू चल रहा है। यहां बीजेपी को 23 सीटें तो कांग्रेस को 5 और अन्य को एक सीट मिलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं।

छत्तीसगढ़ में तो नमो के लहर में कांग्रेस का पत्ता ही गोल है। यहां बीजेपी को 9 तो कांग्रेस को महज 2 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है। महाराष्ट्र में बीजेपी को 31, कांग्रेस को 13 और अन्य को 4 सीटें मिल सकती हैं। दादर नागर हवेली मे बीजेपी को 1 और दमन और दीव में भी बीजेपी को ही एक सीट जाती दिख रही हैं.

पूर्वोत्तर

एबीपी न्यूज-नील्सन सर्वे के ताजा सर्वे के मुताबिक कुल 142 सीटों में एनडीए को 37, यूपीए को 22, लेफ्ट को 14 तो अन्य को 69 सीट मिल सकती है।

बिहार में नरेंद्र मोदी का जलवा बरकरार नहीं है क्योंकि पिछले सर्वे के बाद से इनकी सीटों की संख्या में कमी आई है लेकिन इसके बावजूद बिहार में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सामने आ रही है। बीजेपी और उसके सहयोगियों को 21, कांग्रेस और आरजेडी को 12, जेडीयू को 6 तो अन्य को एक सीट मिलने की संभावना है।

बंगाल में सर्वे के मुताबिक अभी भी ममता बनर्जी का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। बंगाल से मोदी को खुशखबरी आ रही है. टीएमसी को 28, लेफ्ट को 10, कांग्रेस को 3 तो बीजेपी को एक सीट मिलने की संभावना है।

ओडिशा की बात करें तो यहां नवीन पटनायक का जादू बरकरार है। बीजेडी को 17 तो बीजेपी को 2 और कांग्रेस को भी दो पर ही संतोष करना पड़ सकता है।

झारखंड में नमो नमो का बयार चल रहा है। बीजेपी को 10, कांग्रेस को एक, जेएमएम को एक और अन्य को दो सीटें मिलने की संभावनाएं हैं। असम से भी बीजेपी को खुशखबरी मिल रही है। यहां से बीजेपी को 3 तो कांग्रेस को 8 और अन्य को तीन सीटें मिल सकती हैं।

भाजपा के मिशन-25 में जसवंत, महरिया का पेच

जयपुर। प्रदेश में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में होने वाले 20 सीटों के नामांकन वापसी की प्रक्रिया भले ही शनिवार को पूरी हो गई, लेकिन भाजपा दो सीटों पर अपने बागियों को मनाने में कामयाब नहीं हो पाई है।
बाड़मेर में भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह और सीकर में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया के मैदान में डटे होने से प्रदेश भाजपा के मिशन-25 को झटका लगने की स्थिति बन गई है।

इस चरण में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सी.पी. जोशी, केन्द्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, चंद्रेश कुमारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शीशराम ओला की पुत्रवधू राजबाला की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। नामांकन वापसी के बाद अब ताकत प्रदर्शन का जोर शुरू होगा। बड़े नेताओं की रैलियां, सभाएं और रोड शो के जरिए मतदाताओं तक नेता पहुंचेंगे।

सीकर में महरिया पर नजर
सीकर में भाजपा के नेता सुभाष महरिया ने टिकट नहीं मिलने के विरोध में ताल ठोकी है। भाजपा ने यहां से सुमेधानंद को तथा कांग्रेस ने रिटायर्ड अधिकारी पी.एस. जाट को टिकट दिया है। महरिया पूरी ताकत से मैदान में हैं, लेकिन टक्कर भाजपा-कांग्रेस में ही रहने की स्थिति अभी बनी हुई है।

बाड़मेर में त्रिकोणीय मुकाबला
बाड़मेर लोकसभा सीट पर जसवंत सिंह ने मुकाबले त्रिकोणीय बना दिया है। भाजपा कर्नल सोनाराम को टिकट देकर जसवंत को बगावत का मौका दिया है। कांग्रेस ने मौजूदा सांसद हरीश चौधरी को मैदान में उतारा है। तीनों ही मैदान मारने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। वसुंधराराजे ने इस सीट को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना रखा है। जसवंत अपने राजनीतिक जीवन का अंतिम चुनाव जीतने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं। उन्हें उम्मीद है कि मुस्लिम वोटों के अब तक मिल रहे समर्थन को दोहराया जाएगा।

पायलट को टक्कर दे रहे सांवर लाल
अजमेर में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट का सीधा मुकाबला प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्री भाजपा के सांवरलाल जाट से हैं। पायलट के लिए सीट बचाना बड़ी चुनौती है। हाल ही हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान को हार का सामना करना पड़ा था। जाट ने पायलट को इस संसदीय क्षेत्र में पूरी तरह घेरने की रणनीति बना रखी है, ताकि पायलट यहीं उलझ कर रह जाएं और अन्य सीटों पर प्रचार के लिए ना जा सकें।

झुंझुनूं में चतुष्कोणीय संघर्ष
झुंझुनूं में कांग्रेस ने कद्दावर जाट नेता स्वर्गीय शीशराम ओला की बहू राजबाला को मैदान में उतारा है। भाजपा ने सूरजगढ़ से मौजूदा विधायक संतोष अहलावत को टिकट दिया है। नवलगढ़ से मौजूदा विधायक राजकुमार शर्मा भी मैदान में हैं। उनके मैदान में डटे रहने से कांग्रेस को सीधे तौर पर नुकसान की संभावनाएं आंकी जा रही हैं। हालांकि आम आदमी पार्टी के राज कादयान मुकाबले को चतुष्कोणिय बनाने में जुटे हैं।

असंतुष्टों ने हनुमान बेनीवाल को उतारा
नागौर में कांग्रेस ने मौजूदा सांसद ज्योति मिर्धा को फिर मौका दिया है। इसका स्थानीय कार्यकर्ताओं का बड़ा गुट विरोध कर रहा है। भाजपा ने रिटायर्ड अधिकारी सी.आर. चौधरी को टिकट दिया है, वे भी कार्यकर्ताओं का समर्थन पूरी तरह हासिल नहीं कर पा रहे हैं। दोनों ही दलों के असंतुष्टों ने एक होकर निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल को मैदान में उतार दिया। इससे त्रिकोणात्मक संघर्ष बन गया।

भंवरलाल पर बाहरी होने का आरोप
श्रीगंगानगर में भाजपा ने पूर्व सांसद निहालचंद मेघवाल और कांग्रेस ने पूर्व मंत्री मास्टर भंवरलाल को टिकट दिया है। भंवरलाल पर बाहरी होने के आरोप लग रहे हैं, जबकि मेघवाल को स्थानीय होने के फायदा मिलने की उम्मीद है। मैदान में जमींदारा और आम आदमी पार्टी भी है, लेकिन जोर नजर नहीं आ रहा है।

कई जगह भाजपा-कांग्रेस में सीधी टक्कर
जोधपुर में कांग्रेस के टिकट पर केन्द्रीय मंत्री चंद्रेश कुमारी का सीधा मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के नए चेहरे गजेन्द्र सिंह शेखावत से और चित्तौड़गढ़ संसदीय क्षेत्र में केन्द्रीय मंत्री गिरिजा व्यास का सीधा मुकाबला भाजपा के नए चेहरे सीपी जोशी से है। भीलवाड़ा, कोटा, उदयपुर, राजसमंद, पाली, बांसवाड़ा संसदीय सीटों पर भी भारतीय जनता पार्टी व कांग्रेस में सीधी टक्कर है।

जोशी को नहीं मिल रहा सहयोग
जयपुर सीट से महेश जोशी को कांग्रेस के लोगों का ही पूरा साथ नहीं मिल पा रहा है, वहीं भाजपा ने नए चेहरे रामचरण बोहरा पर दांव खेला है। आम आदमी पार्टी ने डॉ. वीरेन्द्र सिंह को उतारकर मुकाबला रोचक करने का प्रयास किया है, लेकिन इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस में ही सीधा मुकाबला नजर आ रहा है।

पिलानिया बना रहे मुकाबले को रोचक
जयपुर ग्रामीण सीट से भीलवाड़ा सीट छोड़कर आए कांग्रेस के दिग्गज नेता सीपी जोशी मैदान में हैं तो भाजपा ने भी अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर बाजी खेली है। नेशनल पीपुल्स पार्टी के मौजूदा विधायक नवीन पिलानिया ने ताल ठोककर संघर्ष को त्रिकोणात्मक दिशा में बढ़ाने का काम किया है।

भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने
चूरू में भाजपा ने नए चेहरे राहुल कस्वां को उतारा है, जबकि कांग्रेस ने भी नए चेहरे प्रताप पूनिया को मौका दिया है। पूनिया को प्रत्याशी घोषित करने का स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं का एक गुट विरोध कर रहा है।

बूटा सिंह भी ताकत दिखाने को तैयार
जालोर में समाजवादी पार्टी के बैनर तले दिग्गज नेता बूटा सिंह के मैदान में होने से संघर्ष त्रिकोणात्मक हो गया। भाजपा ने यहां से मौजूदा सांसद देवजी पटेल पर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस ने उदयलाल आंजना को टिकट दिया है। आंजना बाहरी उम्मीदवार हैं और हाल ही विस चुनाव हार चुके हैं। - 

सरहद पार से जसवंत के समर्थन में आएगी पीर पगारो कि चिट्ठी ?

सरहद पार से जसवंत के समर्थन में आएगी पीर पगारो कि चिट्ठी ?


जसवंत के पीर पगारो से बेहतर रिश्ते महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे चुनावो में ?

बाड़मेर चुनाव तो भारत में हो रहे हैं लेकिन बॉर्डर के निकट एक लोकसभा क्षेत्र में पाकिस्तान से भी उम्मीद हैं। धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी का जसवंत सिंह के साथ गनिष्ठ सम्बन्ध रहे हें। जसवंत सिंह पाकिस्तान के सिंध प्रान्त में सर्वाधिक लोकप्रिय एक मात्र भारतीय नेता हें ,2004 के लोक सभा चुनावो में पीर पगारो ने जसवंत सिंह के बाड़मेर से भाजपा प्रत्यासी उनके पुत्र मानवेन्द्र सिंह को खलकर समर्थन दिया था जिसके चलते सरहदी मुस्लिमो ने मानवेन्द्र के पक्ष में खुलकर वोटिंग कर बड़ी जीत दिलाई थी। जसवंत सिंह ने साथ सालो से बंद भारत पाकिस्तान पश्चिमी राजस्थान मुनाबाव खोखरापार सड़कमार्ग खुलवा कर धार्मिक जत्थे के साथ माता हिंगलाज के दर्शन करने गए थे जहा जसवंत सिंह का जोरदार स्वागत सिंध वासियो द्वारा किया गया था ,जसवंत सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान पीर जोगोठ में धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी से भी मुलाकात कि थी ,धर्मगुरु द्वारा जसवंत सिंह को दावते खास भी दी गयी थी। बाड़मेर जैसलमेर जिलो कि सरहद पर रह रह लाखों सिंधी मुस्लिम पीर पगारो के मुरीद हें ,वर्त्तमान समय में धर्मगुरु शाह सिकंदर मरदान शाह रासदी के पुत्र सैय्यद सिब्बगतुल्लाह शाह रशीद पीर पगारो हें ,इनके जसवंत के साथ बेहतर तालुकात हें।

लोक सभा चुनावो में पीर पगारो का फ़तवा या चिट्ठी आने कि आहात के साथ चुनावी सरगर्मिया तेज हो गयी हें। चूँकि बाड़मेर से इस बार जसवंत सिंह खुद चुनाव लड़ रहे हेनन ,जसवंत सिंह के प्रति सिंधी मुसलमानो में गज़ब का उत्साह हें।

यह उम्मीद वहां बैठे एक धार्मिक नेता से है। उनके मुरीद बॉर्डर के दोनों तरफ हैं। माना जाता है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर में पाकिस्तान में सिंध क्षेत्र के धार्मिक नेता पीर पागारो के प्रति कुछ लोगों में भारी आस्था है।

ऎसे में उस तरफ से एक इशारे पर ही वोट दिए जाते हैं। हालांकि प्रकट तौर कोई इसे स्वीकार नहीं करता है लेकिन इन वोटों के लिए तगड़े प्रयास किए जाते हैं। सूत्रों की माने तो भाजपा के बागी उम्मीदवार जसवंत सिंह की इन वोटों पर अच्छी पकड़ मानी जाती है।

कौन है पीर पागारो

पीर पागरो एक धार्मिक पद है। ब्रिटिश काल में इनके नेतृत्व में हुर आंदोलन चला था। विभाजन के बाद इनके हजारों अनुयायी इधर रह गए। सैय्यद सिब्बगतुल्लाह शाह रशीद मौजूदा पीर पागारो हैं। -
chandan singh bhati

महिला ने "आप" नेता का मुंह किया काला

अजमेर। आम आदमी पार्टी के अजमेर लोकसभा क्षेत्र प्रत्याशी अजय सोमानी के नामांकन वापस लेने से नाराज कार्यकर्ताओं ने वैशाली नगर एलआईसी कॉलोनी स्थित पार्टी कार्यालय पर सोमानी के विरूद्ध नारेबाजी की। एक महिला कार्यकर्ता ने आवेश में आकर सोमानी के चेहरे पर स्याही पोत दी।
आप ने पिछले दिनों सोमानी को अजमेर लोकसभा क्षेत्र से पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था। सोमानी पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। शनिवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन वह चुनाव मैदान से हट गए। इसकी भनक लगते ही पार्टी कार्यकर्ता पार्टी के एलआईसी कॉलोनी स्थित कार्यालय के बाहर एकत्र हो गए।

कार्यकर्ताओं ने सोमानी के खिलाफ नारेबाजी की। सोमानी जैसे ही कार्यकर्ताओं से बात करने बाहर आए। एक महिला कार्यकर्ता किरण शेखावत स्याही लेकर सोमानी की ओर से लपकी। सोमानी ने बचने का प्रयास किया तो किरण ने पीछे से पकड़ कर उनके चेहरे पर स्याही पोत दी। इसके बाद सोमानी एक युवक के साथ मोटरसाइकिल पर बैठकर रवाना हो गए। घटना के बाद किरण ने बताया कि सोमानी ने कार्यकर्ताओं तथा पार्टी के साथ छल किया है। नामांकन वापस लेना उनका व्यक्तिगत फैसला नहीं हो सकता है।

बैठक में हो गए हताश
सोमानी शनिवार सुबह पार्टी कार्यालय पहुंचे। वहां जिला संयोजक राजेन्द्र सिंह हीरा सहित अन्य पदाधिकारी के साथ उन्होंने चर्चा की। सोमानी ने बैठक में ही हताशा भरी बातें करना शुरू कर दिया। एकाएक सोमानी ने नामांकन वापस लेने की बात बैठक में कही। यह सुनते ही हीरा व अन्य पदाधिकारी सकते में आ गए। उन्होंने इस निर्णय के लिए सोमानी को जमकर खरी-खोटी सुनाइ्रü।

इनका कहना है
मंैने नामांकन व्यक्तिगत कारण से वापस लिया है। मेरे परिचित की तबीयत खराब है। उन्हें मेरी आवश्यकता है। इसलिए मैंने नामांकन वापस लिया है।

अजय सोमानी, आप प्रत्याशी
अजय सोमानी के इस निर्णय से कार्यकर्ताओं को आघात पहुंचा है। नामांकन वापस लेने से पहले हमसे चर्चा तक नहीं की गई। डेढ़ माह तक टिकट के लिए पार्टी पदाधिकारियों के चक्कर लगाते रहे। अब बिना पूछे इतना बड़ा निर्णय कर लिया। अब दूसरा उम्मीदवार भी खड़ा नहीं कर सकते हैं। प्रदेश संयोजक को प्रकरण से अवगत करा दिया है। वहां से फिलहाल दिशा निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।
राजेन्द्र सिंह हीरा, जिला संयोजक, आम आदमी पार्टी - 

बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र जसवंत ने रोचक बनाया चुनाव ,शह और मात का खेल शुरू


बाड़मेर जैसलमेर संसदीय क्षेत्र जसवंत ने रोचक बनाया चुनाव 

बाड़मेर। क्षेत्रफल के लिहाज से प्रदेश के सबसे बड़े और देश के दूसरे बड़े लोकसभा क्षेत्र में शनिवार को नामांकन वापसी का आखिरी दिन बीतने के साथ ही यहां चुनावी बिसात बिछ गई है। चुनाव से पहले ही चर्चाओं में आए इस क्षेत्र पर पूरे देश की नजर मतगणना तक रहेगी। भाजपा से बागी होकर निर्दलीय खड़े हुए अटल-आडवाणी टीम के सदस्य रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतसिंह, कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने के 24 घंटे के भीतर टिकट लाने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी और कांग्रेस के हरीश चौधरी के बीच मुख्य मुकाबला होगा। बाड़मेर संसदीय क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्रों में तीनों उम्मीदवारों ने एक-दूसरे को शह और मात देने के लिए "प्यादे"बिछाने आरंभ कर दिए हैं। आठ विधानसभा क्षेत्र के मतदाता चुनावी चौसर मे खड़े उम्मीदवारों के भाग्य का 17 अप्रेल को फैसला करेंगे। आठ में से तीन विधानसभा क्षेत्र भारत-पाक के बीच स्थित अन्तरराष्ट्रीय सरहद से सटे हुए हैं।

पड़ोसी पाक की भी नजरें
इस बार चुनाव में इस क्षेत्र पर पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के लोगों की भी नजरे हंै। वे यहां के हर चुनावी घटनाक्रम की बाड़मेर और जैसलमेर में स्थित रिश्तेदारों से जानकारियां ले रहे हैं। दोनों मुल्कों में सरहद पर आपस में कई रिश्तेदार हैं।

जसवंत की बगावत से बनी हॉट सीट
अपना अन्तिम चुनाव बताते हुए गृह क्षेत्र से लड़ने की दुहाई के बावजूद टिकट कटने से आहत दिग्गज भाजपा नेता जसवंत ने बगावत की घोष्ाणा करते हुए निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया। भाजपा के कई नेताओं ने नाम वापसी का आग्रह किया लेकिन वे नहीं माने। जसवंत की बगावत के बाद पार्टीअध्यक्ष राजनाथसिंह और मुख्यमंत्री वसंुधरा राजे पर धोखा देने का आरोप लगाया। जसवंत के पार्टी विरौधी रवैये के बाद पूरे देश की नजरे यहां के क्षेत्र पर हंै।

एक नजर उम्मीदवारों पर

भाजपा-कर्नल सोनाराम

कांग्रेस में तीन बार सांसद और एक बार विधायक। कांगे्रस छोड़कर भाजपा में शामिल।

कांग्रेस-हरीश चौधरी
पिछले चुनाव में मानवेन्द्रसिंह को हरा कर चुने गए। कांग्रेस संगठन में राष्ट्रीय सचिव

बागी-जसवंतसिंह
एनडीए सरकार में वित्त एवं रक्षा मंत्री पद पर रहे। पिछला चुनाव दार्जलिंग से जीते। इस बार गृह क्षेत्र से टिकट मांगा। भाजपा ने टिकट काटा।

देश के सबसे बड़े पांच क्षेत्र
लद्दाख -173286.37
बाड़मेर -71601
कच्छ -41644
अरूणाचल पश्चिम -40572
अरूणाचल पूर्व -39749
देश के सबसे छोटे पांच क्षेत्र
चांदनी चौक -10
कोलकाता नार्थ वेस्ट -13
मुम्बई साउथ -13
मुम्बई साउथ सेन्टर -18
दिल्ली सदर -28
(सभी वर्ग किलोमीटर में)

सात पर जैसलमेर भारी
इस संसदीय क्षेत्र में बाड़मेर जिले की सात विधानसभा क्षेत्रों का कुल क्षेत्रफल 28,387 वर्ग किमी है जबकि अकेले जैसलमेर विधानसभा क्षेत्र का क्षेत्रफल 28,875 वर्ग किमी है। - 

शनिवार, 29 मार्च 2014

विरोध के बाद भाजपा ने साबिर अली की सदस्यता रद्द की

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी के खुले विरोध के बाद पार्टी ने जनता दल (यू) से निकाले गए और शुक्रवार को पार्टी में शामिल साबिर अली की सदस्यता शनिवार को रद्द कर दी। विरोध के बाद भाजपा ने साबिर अली की सदस्यता रद्द की
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने पार्टी की नियमित प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अली की सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी है।

उन्होंने कहा कि सिंह ने पार्टी नेताओं को अंदरूनी मामलों को लेकर सार्वजनिक विरोध नहीं करने की हिदायत भी दी है। उल्लेखनीय है कि अली को शुक्रवार को भाजपा में शामिल किए जाने का पार्टी में कड़ा विरोध हुआ था।

नकवी ने टि्वटर पर साबिर को आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के सरगना यासीन भटकल का दोस्त बताते हुए कहा कि अब माफिया डॉन दाऊद इब्राहीम को भी भाजपा में स्वीकार किया जाएगा।

उन्होंने अंग्रेजी में लिखा "टेररिस्ट भटकल फ्रेंड हैस ज्वाइनड बीजेपी। सून एक्सपेकप्टिंग दाऊद। मृदुभाषी और मैत्री संबंधों के लिए मशहूर नकवी ने संभवत: पहली बार पार्टी के किसी फैसले पर इतनी कड़ी टिप्पणी की है।

यही नहीं, आरएसएस ने भी नकवी के विरोध का समर्थन करते हुए अली को पार्टी में शामिल किए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी।


हालांकि सूत्रों का कहना है कि अली के ऊपर कोई केस नहीं है और सिर्फ सुनी सुनाई बातों पर उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाना से लोगों के बीच गलत संदेश जाएगा।

सूत्रों ने कहा कि जिस तहर नकवी ने साबिर को पार्टी मे लिए जाने के बाद जिस तरह विरोध किया है, उन्हें ऎसा नहीं करना चाहिए था। नकवी द्वारा साबिर की तुलना दाऊद इब्राहिम से किए जाने के बाद पार्टी उनपर भी कार्रवाई करने का मन बना रही है।

गौरतलब है कि साबिर अली के पार्टी मे शामिल होने के बाद शुक्रवार को नकवी ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने अली को आतंकियों का दोस्त करार दिया। उन्होंने कहा, जिस तरह आईएम सरगना के दोस्त साबिर को पार्टी में शामिल किया गया है, उसके बाद देश के वांछित अपराधी दाऊद इब्राहिम को भी पार्टी में शामिल कर लिया जाएगा।

उधर, यह भी खबरें आ रही है कि जिस ट्वीट में मुख्तार अब्बास नकवी ने साबिर को आतंकियों का दोस्त बताया था, उस ट्वीट को हटा लिया गया है। ट्वीट में नकवी ने पार्टी का नाता दाऊद से जोड़ दिया था। इससे पार्टी नाखुशी थी।


साबिर ने खारिज किए आरोप

वहीं, साबिर ने कहा है कि आतंकी भटकल को लेकर अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया है। साबिर ने कहा कि भटकल से उनका दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है और उसके साथ संबंध साबित होने पर वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे। मीडिया से खास बातचीत में साबिर अली ने कहा, मुझ पर लगे आरोप गलत हैं। भटकल से मेरा दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। भटकल के साथ किसी तरह का रिश्ता साबित होने पर मैं राजनीतिक जीवन से संन्यास ले लूंगा। साबिर ने भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें किसी सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है।

अगर लोगों को लगता है कि मेरे आतंककारियों से संबंध हैं तो मेरी सदस्यता को होल्ड पर रखा जाए। एक समिति बनाकर आरोपों की जांच कर ली जाए और अगर आरोप सही पाए गए तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। इस मामले में उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता और महासचिव धर्मेद्र प्रधान को पत्र भी लिखा है।

साबिर ने कहा कि इस मामले में बैठकर बात करने और बेदाग साबित होने तक इंतजार करने तक तैयार हूं।


आरएसएस ने भी किया साबिर को पार्टी में लेने का विरोध

अली को पार्टी में शामिल करने के फैसले को लेकर जहां वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी टि्वटर पर अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं, वहीं आरएसएस ने नकवी के विरोध का समर्थन किया है।

संघ नेता राम माधव ने ट्वीट कर कहा कि अली को पार्टी में शामिल करने को लेकर काफी आक्रोश है। वरिष्ठ नेताओं को इस नाराजगी के बारे में अवगत करवा दिया गया है। माधव ने कहा, भाजपा ने काडर के खिलाफ जाकर यह फैसला लिया है। बढ़ते विरोध के बीच, सूत्रों ने बताया कि पार्टी साबिर की सदस्यता रद्द करने पर विचार कर रही है।

नकवी पर भी हो सकती है कार्रवाई

सूत्रों का यह भी कहना है कि सरेआम साबिर को पार्टी में शामिल करने पर नाराजगी जाहिर करने वाले नकवी पर भी पार्टी कार्रवाई करने पर विचार कर रही है।

इससे पहले, अली के पार्टी में एंट्री करने से पार्टी के कई वरिष्ठ नेता भाजपा से नाराज हैं। भाजपा वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्वीटर पर पार्टी के फैसले को लेकर नाराजगी जाहिर की है। अली का नाम लिए बिना नकवी ने ट्वीट किया है कि "आतंकी भटकल के दोस्त ने पार्टी ज्वाइन कर ली है...जल्द ही दाउद भी जुड़ेंगे।"

शुरू में मीडिया को लगा कि नकवी का टि्वटर अकाउंट हैक हो गया है। किसी ने इसे हैक कर ऎसा लिखा होगा। मगर नकवी से इस संबंध में पूछा तो उन्होंने साफ किया कि उनका अकाउंट हैक नहीं हुआ है। उन्होंने साफ किया कि वे साबिर को भाजपा में लिए जाने के सख्त खिलाफ थे और विरोध स्वरूप ही यह ट्वीट किया है। नकवी ने कहा कि साबिर अली का भाजपा में शामिल होना पार्टी के उस स्टैंड को कमजोर करना है जो कि जिसमें वह आतंकी हरकत करने वालों का विरोध करती है।

साबिर को भाजपा में लिए जाने पर जद-यू ने भी नकवी की जैसी भाष्ाा का इस्तेमाल किया। जद-यू नेता केसी त्यागी बोले-भाजपा तो दाऊद को भी शामिल कर सकती है। हमें अफसोस है कि साबिर हमारी पार्टी में थे।

पहले भी हो चुका है ऎसा विरोध

भाजपा में शामिल हो रहे नए लोगों को लेकर भाजपा में वरिष्ठों के विरोध करने की यह ताजा घटना है। पहले भी कई नेता नए लोगों के पार्टी में शामिल होने का विरोध कर चुके हैं। इनसे पहले पार्टी वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज ने बीएसआर चीफ बी श्रीरामालु के दोबारा से पार्टी में शामिल होने का विरोध किया था।

मोदी की तारीफ करने पर निकाले गए थे

साबिर अली कुछ दिन पहले तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विश्वासपात्र और जदयू के सदस्य थे। जब अली ने भाजपा प्रधानमंत्री प्रत्याशी नरेंद्र मोदी की तारिफ की तो उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया। मोदी के साथ नीतीश का काफी दिनों से विवाद चल रहा था।

मोदी की तारीफ को ही उनके पार्टी से निकाले जाने की वजह बताई जा रही है। अली उन तीन नेताओं के साथ हैं जिन्हें पार्टी ने दोबारा से राज्यसभा के लिए नामित नहीं किया। जिनका कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है। साबिर अली इससे भी खासे नाराज थे।

संस्कारमय जीवन पर वेदांताचार्य आज देंगे प्रवचन

संस्कारमय जीवन पर वेदांताचार्य आज देंगे प्रवचन


बाड़मेर। ब्रह्मधाम आसोतरा के गादीपति ब्रह्मऋषि तुलसाराम महाराज के परम शिष्य ब्रह्मचारी संत ध्यानाराम महाराज वेदान्ताचार्य रविवार प्रातः बारह बजे राजपुरोहित समाज भवन खेतेश्वर नगर में पहुंच कर युवाओ को संस्कारमय जीवन विषय पर व्याख्यान देंगे। युवा वर्ग को वेदान्ताचार्य जीवन जीने की कला के साथ युवाओ मे संस्कार , आयु, बुद्वि, बल एवं आध्यात्म आदि गुणो का विकास के लिए प्रवचन देंगे। इस कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए एडवोकेट गोपाल सिंह राजपुरोहित ने बताया कि वेदांताचार्य के द्वारा युवाओं को पाश्चात्य सभ्यता के अभिभूत होकर रहने से होने वाले सांस्कृतिक ह्वास के बारे में बताया जाएगा साथ ही संस्कारमय जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बाड़मेर शहर के अतिरिक्त आसपास के सैकड़ों ग्रामीण क्षेत्रो से युवा वर्ग इस चिंतन कार्यक्रम में मौजूद रहेगा। संत के द्वारा राजपुरोहित समाज के उत्थान में युवाओ की भूमिका के बारे में भी बताया जायेगा। इस आयोजन में बड़ी संख्या में युवाओ के शामिल होने की अपील उन्होंने करते हुए कहा कि युवा इस आध्यात्मिक चिंतन में शामिल होकर इसका लाभ उठायें। कार्यक्रम का आयोजन श्री खेतेश्वर ब्रह्मधाम युवा सेवा संघ मुख्यालय आसोतरा के निर्देशानुसार बाड़मेर शाखा द्वारा आयोजित करवाया जा रहा हैं।