सोमवार, 24 मार्च 2014

जैसलमेर पहुंचे जसवंत। ।समर्थको से मिलेंगे

जैसलमेर पहुंचे जसवंत। ।समर्थको से मिलेंगे 

जैसलमेर भाजपा से बागी होकर लोकसभा चुनाव में बाडमेर जैसलमेर से ताल ठोकने वाले पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंतंसिंह आज बाडमेंर में नामांकन भरने व जनसभा को सम्बोधित करने के बाद रात्रि करीब 11 बजे स्वर्णनगरी जैसलमेर पहुंचे हैं। जैसलमेर में सिंह अपने होटल रावलकोट में रात्रि विश्राम करेंगे और कल सुबह से अपने समर्थकों से मिलने का दौर शुरू करेंगे। जैसलमेर पहुंचे सिंह थके थके से लग रहे थे। गौरतलब है कि बाडमेर से साथ जसवंतसिंह का जैसलमेर में भी काफी बडा जनाधार है और उसी जनाधार को टटोलने के लिये सिंह जैसलमेर आये हैं। सूत्रों की मानें तो कल दिन भर सिंह जिले के विभिन्न क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ मंत्रणा कर आगामी चुनावी रणनीति विमर्श करेंगे। राजपूत बाहुल्य क्षेत्र होने से जसवंतसिंह को जैसलमेर से काफी उम्मीदें हैं लेकिन कही न कहीं जसवंत सिंह की बगावत को लेकर भी राजपूतों सहित अन्य मतदाताओं में सिंह के प्रति सहानुभूति भी हैं।

अंधविश्वास लील गया 7 जिंदगी, 3 बच्चों की हत्या कर 4 ने की आत्महत्या

भुज। गुजरात के कच्छ की अंजार तहसील के निंगाल गांव में एक ही परिवार के चार जनों ने रविवार देर रात अपने तीन बच्चों की हत्या कर बाद में आत्महत्या कर ली। यह घटना आस-पास के क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गई है। सोमवार दोपहर को जब एक साथ 7 जनों की शवयात्रा निकली, तो पूरा गांव गमगीन हो उठा।अंधविश्वास लील गया 7 जिंदगी, 3 बच्चों की हत्या कर 4 ने की आत्महत्या
बच्चों को पिलाया था जहर

पुलिस के अनुसार आत्महत्या करने वालों में राधू काना आहिर (32), उसकी पत्नी लक्ष्मी (30), लखु काना (30) एवं उसकी पत्नी कंकु बेन (26) ने पहले शाश्वत लखु (4), प्राची लखु (5) तथा श्याम राधु काना (7) को विषाक्त पिलाकर मार दिया, बाद में चारों ने गले में फंदा डालकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के समय मकान के सभी खिड़की-दरवाजे बंद कर दिए गए थे। रविवार रात ही घर के दरवाजे खुलवाए जाने पर घटना का खुलासा हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार तीनों बच्चों को विषाक्त पिलाया गया था, जबकि अन्य चारों की मौत दम घुटने से हुई।

राधे मां का भक्त था परिवार

गांव वालों ने बताया कि यह परिवार राधे मां (बरसाना) का भक्त था। हर दिन शाम को यह परिवार अपने घर के दरवाजे बंद कर लेता था और ढोल नगाडों की थाप पर राधे मां की भक्ति किया करता था। लोगों ने बताया कि गांव वालों के साथ इन लोगों का मिलना-जुलना नहीं के बराबर था।

रविवार शाम को जब इस घर से ढोल-नगाड़ों की आवाज नहीं आई तो गांव वालों को आश्चर्य हुआ और उन्होंने जांच की तो अंदर का दृश्य देख कर सभी चौंक उठे और पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने रविवार रात को ही बंद दरवाजे तोड़ कर सभी मृत देहों को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

डेढ़ करोड़ रूपए किए थे दान

पुलिस जांच के अनुसार यह परिवार पिछले 3 वर्ष से राधे मां के सम्पर्क में आया था और इसके बाद गांव वालों से भी विशेष संबंध न रखने वाला यह केवल राधे मां की भक्ति में ही लीन रहता था। डेढ़ वर्ष पहले मृतक राधु भाई तथा लखुभाई ने अपनी पुश्तैनी जमीन भी डेढ़ करोड़ में बेच दी थी और रूपया बरसाना स्थित राधे मां के आश्रम को दान कर दिया था।

यह परिवार गांव का मकान भी बेच कर बरसाना आश्रम में रहने जाना चाहता था, लेकिन परिजनों के विरोध के चलते ऎसा नहीं हो सका। मृतक राधू भाई की अन्य दो पुत्री पायल (15) तथा सोनल (7) आदिपुर में पढ़ती हैं। इस परिवार ने उन्हें भी घर पर बुलवाया था, लेकिन स्कूल प्रशासन ने उन्हें छुट्टी देने से इनकार कर दिया था, इसलिए वे बच गई।

बाड़मेर दिन दहाड़े शहर में चैन स्नेचिंग

बाड़मेर दिन दहाड़े शहर में चैन स्नेचिंग
छगन सिंह चौहान 

बाड़मेर बाड़मेर में नही थम रही है लुट की घटनाये बाड़मेर शहर के करमुजी की गली में अज्ञात लुटेरो ने दिया लुट का अंजाम एक महिला के गले में पहना मंगलसूत्र ले भागे लुटेरे मोटर साइकल पर सवार थे नकाब पॉस लुटेरे कोतावली पुलिस पहुंची मोके पर दो माह में तीसरी घटना। बाड़मेर शहर का व्यस्ततम मार्ग हें करमु जी कि गली। अज्ञात लुटेरो ने विवाहिता का मंगलसूत्र लूट फरार हो गए। पुलिस ने घटनास्थल पहुँच जायजा लिया

दौसा में आमने-सामने होंगे सगे भाई, नमो की हरीश से टक्कर

जयपुर। कांग्रेस ने सोमवार को 16 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। इस सूची में राजस्थान की शेष बची हुई दो सीटों के लिए उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। इसके तहत दौसा से केन्द्रीय मंत्री नमानोरायण को टिकट दिया गया है। वहीं भरतपुर सीट से डॉ.संजय यादव को मैदान में उतारा जाएगा। दौसा में आमने-सामने होंगे सगे भाई, नमो की हरीश से टक्कर
दौसा सीट पर मुकाबला रोमांचक हो गया है। यहां पर भाई-भाई ही आमने सामने हैं। भाजपा ने इस सीट से पूर्व आईपीएस हरीश मीणा को अपना प्रत्याशी बनाया है। हरीश मीणा कांग्रेस प्रत्याशी नमो नारायण के सगे भाई है।

अब ये देखना रोचक होगा कि जनता दोनों भाइयों में से किसे अपना प्रतिनिधि बनाकर संसद भेजती है। गौरतलब है कि नमो नारायण मीणा 2009 के आम चुनावों में टोंक-सवाईमाधोपुर संसदीय क्षेत्र से चुने गए थे। इसके साथ ही प्रदेश की सभी 25 सीटों से दोनों प्रमुख पार्टियों कांग्रेस और भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है।

ब्लास्टिंग खबर बाड़मेर कांग्रेस प्रत्यासी हरीश चौधरी का नामांकन रोका पार्टी ने?जसवंत सिंह को समर्थन पर विचार


ब्लास्टिंग खबर बाड़मेर कांग्रेस प्रत्यासी हरीश चौधरी का नामांकन रोका पार्टी ने?जसवंत सिंह को समर्थन पर विचार

बाड़मेर राष्ट्रिय नेता जसवंत सिंह के निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने के बाद कांग्रेस के बाड़मेर जैसलमेर सीट पर बिगड़े समीकरणों के बीच खबर आ रही हें कि पार्टी ने कांग्रेस प्रत्यासी हरीश चौधरी को नामांकन से रोक दिया हें। पार्टी दिग्गज नेता जसवंत सिंह को समर्थन पर विचार कर रही हें ,निजी चेनल इंडिया टीवी के हवाले से आई पुख्ता खबर में बताया गया हें कि जसवंत सिंह के निर्दलीय नामांकन और उसके बाद जसवंत सिंह कि आम सभा में उमड़े जन सैलाब ने कांग्रेस और भाजपा के सरे गणित बिगाड़ दिए ,कांग्रेस के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष राहुल गांधी के जसवंत सिंह से बात होने कि चर्चा कि खबर हें। सूत्रानुसार राहुल गांधी जसवंत सिंह जैसे कद्दावर राजपूत नेता कि लोक प्रियता को भुनाना चाहते हें लोकसभा चुनावो में। हरीश चौधरी छबीस मार्च को नामांकन दाखिल करने वाले हें। हरीश चौधरी वर्त्तमान राजनितिक माहौल में तीसरे नंबर पर चल रहे हें। दिग्गज नेता जसवंत सिंह के मैदान में आ जेन से मुकाबला रोचक हो गया हें ,,नरेंद्र मोदी के चुनाव स्थल बनारस के बाद देश भर कि निगाहें भाजपा के बागी जसवंत सिंह के चुनावी मैदान बाड़मेर पर नज़ारे लगी हें। इस खबर कि अधिकारिक पुष्टि दो दिनों से चर्चाए जोरो पर हें कि कांग्रेस जसवंत सिंह को समर्थन देना चाह रही हें ,इससे ओअहले कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता के माध्यम से बाड़मेर से टिकट ओफ्फर कि थी ,

रणनीति के तहत जसवंत-मानवेंद्र में दूरी!

बाड़मेर। राजस्थान में बाड़मेर जिले के शिव से भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह भी आज अपने पिता पूर्व केन्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बाड़मेर से नामांकन दाखिल करने के दौरान उनके साथ नजर नहीं आए। सिंह के साथ भाजपा का कोई विधायक नहीं था उनके पुत्र मानवेन्द्र सिंह ने भी दूरी बनाए रखी।
यह कहा जा रहा है कि रणनीतिक रूप से सिंह अपने पुत्र को साथ नहीं लाए। दोनों पिता पुत्र में काफी समय तक बातचीत हुई थी तथा यह माना जा रहा था की मानवेन्द्र भी उनके साथ रहेंगे। इससे पहले मानवेन्द्र ने अपने पिता के साथ जाने में हिचक दिखाई थी वह कहा था कि वह एक महिने की छुट्टी पर रहेंगे।

मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने रविवार को जब बाड़मेर जिले के विधायकों की बैठक बुलाई तो उसमें मानवेन्द्र नहीं आए। विधायकों का कहना था कि जनता जसवंत सिंह के साथ है अत: तब राजे ने विधायकों से कहा कि वह अपने क्षेत्र में खड़े हो जाए तो जनता भाजपा उम्मीदवार कर्नल सोनाराम के साथ आ जाएगी।

पूर्व के न्द्रीय मंत्री जसवंत सिंह ने बाड़मेर से निर्दलीय नामांकन दाखिल कर भारतीय जनता पार्टी के सामने मुश्किल खड़ी कर दी है। सिंह अपने 200 वाहनों के काफिले के साथ निर्वाचन कार्यालय पहुंचे तथा नामांकन पत्र दाखिल किया। समर्थकों ने भाजपा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।

भाजपा के उम्मीद्वार कर्नल सोनाराम के समर्थन में मंगलवार को एकजनसभा होगी जिसे मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे सम्बोधित करेगी। सिंह के समर्थन में क्षेत्र के विधायक भी साथ आ गए थे लेकिन राजे की समझाइश के बाद वह मान गए। सिंह के निर्दलीय चुनाव लड़ने से भाजपा को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। - 

जसवंत ने कहा राजनाथ और वसुंधरा राजे ने गद्दारी कि



जसवंत ने कहा राजनाथ और वसुंधरा राजे ने गद्दारी कि 

बाड़मेर। बाड़मेर से पार्टी उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज जसवंत सिंह ने भाजपा के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है। उन्होंने सोमवार को बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन पत्र दाखिल किया।

जसवंत सिंह अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बाड़मेर से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उनके सामने हैं भाजपा के कर्नल सोनाराम और कांग्रेस के हरीश चौधरी। सोनाराम को टिकट देने के कारण जसवंत सिंह नाराज थे। नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद जसवंत सिंह ने बाड़मेर में रैली की। इसमें उन्होंने भाजपा नेताओं को जमकर खरी खोटी सुनाई।

जसवंत सिंह ने भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर धोखा देने का आरोप लगाया। बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम में रैली को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा,राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए मैंने वसुंधरा राजे के नाम का सुझाव दिया। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए राजनाथ सिंह के नाम का सुझाव दिया। इन दोनों ने मुझे धोखा दिया।

"राहत महसूस कर रहा हूं"
जसवंत सिंह ने कहाकि नामाकंन दाखिल करने के बाद वह राहत महसूस कर रह हैं। साथ ही उन्होंने कहाकि पार्टी में तानाशाही आ गई है। "नामांकन दाखिल कर मैं काफी राहत महसूस कर रहा हूं। पार्टी में नए और पुरानी विचारधारा की लड़ाई है। ये केवल मेरे साथ धोखा ही नहीं है बल्कि एक तरह से तानाशाही है। जिसके तहत वरिष्ठ नेताओं और पार्टी के कार्यकर्ताओं का अपमान किया जा रहा है।"

ऎसा तो कोई चपरासी के साथ भी नहीं करता
जिन्ना को सेकुलर कहने के बाद पार्टी से निकाले जाने के मुद्दे को याद करते हुए जसवंत सिंह ने कहाकि,"शिमला कंवेंशन के बाद जिस तरह से उन्हें निकाला गया, उस तरह से किसी चपरासी को भी नहीं निकाला जाता है।" उन्होंने कहाकि उस घटना के बाद मेरे परिवार के लोगों ने भाजपा में फिर से शामिल होने से इंकार किया था। मेरे परिजनों ने कहाकि भाजपा अब कांग्रेस की तरह हो गई है और केवल वोट बैंक की राजनीति करने लगी है।

आडवाणी ने दिया था टिकट को समर्थन
जसवंत सिंह ने कहाकि मैंने पार्टी को टिकट देने के लिए तीन विकल्प दिए थे। इनमें से बाड़मेर भी एक है। इस बारे में लाल कृष्ण आडवाणी ने मुझे आश्वासन देते हुए कहा था,"क्यों नहीं?" इसके बावजूद मुझे टिकट नहीं दिया ग

आडवाणी का आशीर्वाद लेकर जसवंत ने भाजपा के खिलाफ ठोकी ताल

आडवाणी का आशीर्वाद लेकर जसवंत ने भाजपा के खिलाफ ठोकी ताल

बाड़मेर लोकसभा टिकट नहीं मिलने से आहत पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। भाजपा छोड़ने के बारे में जसवंत सिंह सोमवार शाम तक फैसला लेंगे। नामांकन दाखिल करने से पहले सूत्रों के अनुसार जसवंत ने वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी से फोन पर बात की। बातचीत के दौरान आडवाणी ने जसवंत को चुनाव के लिए शुभकामनाएं दी।
आडवाणी का आशीर्वाद लेकर जसवंत ने भाजपा के खिलाफ ठोकी ताल
इससे पहले रविवार को उन्होंने बाड़मेर से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। जसवंत सिंह ने कहा था कि ये उनका अंतिम चुनाव होगा और इसे वे अपने घर से ही लड़ना चाहेंगे। हालांकि पार्टी से इस पर ध्यान नहीं दिया और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को टिकट दे दी।

पिता के साथ आए मानवेन्द्र


वहीं शिव से भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह भी अपने पिता जसवंत सिंह के साथ आ गए हैं। इससे पहले मानवेन्द्र ने अपने पिता के साथ जाने में हिचक दिखाई थी। उन्होंने रविवार को अस्वस्थता के चलते पार्टी के कामकाज से एक महीने की छुट्टी मांगी थी। वहीं बदलते घटनाक्रम के बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बाड़मेर जिले के विधायकों की बैठक बुलाई तो उसमें मानवेन्द्र नहीं आये। विधायकों का कहना था कि जनता जसवंत सिंह के साथ है। इस पर राजे ने विधायकों से कहा कि वह अपने क्षेत्र में खड़े हो जाए तो जनता भाजपा उम्मीदवार कर्नल सोनाराम के साथ आ जाएगी।

मुख्यमंत्री जाएंगी बाड़मेर
वहीं कर्नल सोनाराम के पक्ष में भाजपाइयों को करने के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बाड़मेर जाएंगी। सोनाराम के नामांकन दाखिल करने के दौरान मुख्यमंत्री राजे मौजूद रहेंगी। साथ हीइस मौके पर पर वह रैली को भी संबोधित कर सकती हैं।

किसी ने नहीं किया सम्पर्क

जसवंत सिंह कहा कि पार्टी छोड़ने के बारे में 48 घंटे की समय सीमा तय किए जाने के बावजूद भाजपा से किसी ने भी उनसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा, "यदि मैं अपने घर और पार्टी के बारे में भावुक नहीं हूं तो मैं किस बारे में भावुक होऊंगा, यदि पार्टी ने मुझसे बात करने का निर्णय किया है तो वे मेरा नम्बर जानते हैं और यह भी कि मुझ तक कैसे पहुंचा जा सकता है। जब से मैं यहां हूं, किसी ने भी मुझसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया।

मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं :
उनकी (जसवंत सिंह की) सेवाओं का उपयुक्त ढंग से उपयोग करने की भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं हूं। "समायोजन" विशेषण अपने आप में मानसिकता को दर्शाता है। आप सिद्धांतों का समावेश नहीं कर सकते और यह अपमानजनक है।" चुनाव के बाद भरपाई करने की पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए सिंह ने कहा, "मैं इस विचार को खारिज करता हूं और मैं इसके पीछे की मानसिकता को भी खारिज करता हूं। "

रविवार, 23 मार्च 2014

पार्टी नहीं छोड़ेंगे, बाड़मेर से पर्चा दाखिल करेंगे जसवंत

लोकसभा टिकट नहीं मिलने से आहत पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह ने शनिवार को कहा है कि उन्होंने निदर्लीय उम्मीदवार के रूप में बाड़मेर से चुनाव लड़ने का फैसला किया है और वे सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उन्होंने हालांकि अभी तक पार्टी नहीं छोड़ी है और कहा है कि वे अगला कदम उठाने से पहले अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श करेंगे। पार्टी नहीं छोड़ेंगे, बाड़मेर से पर्चा दाखिल करेंगे जसवंत
दार्जिलिंग संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे 76 वर्षीय भाजपा नेता कांग्रेस से हाल में पार्टी में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को बाड़मेर सीट का प्रत्याशी बनाए जाने से काफी आहत हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वे टिकट नहीं मिलने के बावजूद चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा, "हां, मैं बाड़मेर से सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल कर रहा हूं। निर्दलीय या नहीं यह पार्टी के रूख पर निर्भर करेगा।

विचार-विमर्श करूंगा

भाजपा को 48 घंटे की समय सीमा दिए जाने और उनके इस्तीफे के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, "मैं इस बारे में बाड़मेर में अपने सहयोगियों एवं अन्य लोगों के साथ विचार-विमर्श करूंगा और उसके बाद ही कुछ निर्णय लूंगा।"

किसी ने नहीं किया सम्पर्क

जसवंत सिंह कहा कि पार्टी छोड़ने के बारे में 48 घंटे की समय सीमा तय किए जाने के बावजूद भाजपा से किसी ने भी उनसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया।

उन्होंने कहा, "यदि मैं अपने घर और पार्टी के बारे में भावुक नहीं हूं तो मैं किस बारे में भावुक होऊंगा, यदि पार्टी ने मुझसे बात करने का निर्णय किया है तो वे मेरा नम्बर जानते हैं और यह भी कि मुझ तक कैसे पहुंचा जा सकता है। जब से मैं यहां हूं, किसी ने भी मुझसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया।

मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं : उनकी (जसवंत सिंह की) सेवाओं का उपयुक्त ढंग से उपयोग करने की भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं हूं।

"समायोजन" विशेषण अपने आप में मानसिकता को दर्शाता है। आप सिद्धांतों का समावेश नहीं कर सकते और यह अपमानजनक है।" चुनाव के बाद भरपाई करने की पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए सिंह ने कहा, "मैं इस विचार को खारिज करता हूं और मैं इसके पीछे की मानसिकता को भी खारिज करता हूं। ऎसा अनुमान है कि वे सरकार बना लेंगे और मुझे कोई स्थान दे देंगे। वे इसे अपने पास रख सकते हैं।"

शब्दों के पीछे असम्मान

जसवंत सिंह ने कहा कि इन शब्दों की शृंखला के पीछे के बारे विचार अहंकार और असम्मान से परिपूर्ण हैं। राजस्थान में जसवंत सिंह समर्थकों की ओर से नरेंद्र मोदी का पोस्टर फाड़े जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर पोस्टर फाड़े गए हैं, तब मैं समझता हूं कि यह प्रदर्शित करता है कि क्या हो रहा है।

लोकेन्द्र सिंह कालवी को भाजपा से पाली से टिकट ?

लोकेन्द्र सिंह कालवी को भाजपा से पाली से टिकट ?


बाड़मेर करनी सेना प्रमुख लोकेन्द्र सिंह कालवी द्वारा लोकसभा का बसपा से झुंझनु से नामांकन दाखिल बाद वसुंधरा राजे ने कालवी को पाली से टिकट प्रस्ताव दिया हें। इस पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ हें।

राजपुताना समाज का होली मिलन समारोह संपन्न


राजपुताना समाज का होली मिलन समारोह संपन्न

केशवपुरम दिल्ली स्थित महाराणा प्रताप भवन में आज राजपुताना समाज (रजि.) का होली मिलन समारोह संपन्न हुआ जिसमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रहने वाले राजस्थान सहित कई प्रदेशों के राजपूतों ने भाग लिया|

समारोह को भारत के मौसम विभाग के महानिदेशक लक्ष्मण सिंह राठौड़, मुख्य अतिथि मेघसिंह शेखावत, ओनार सिंह, कुंवर राजेंद्र सिंह बसेठ, पत्रकार अवनीश सिंह, सामाजिक कार्यकर्त्ता मगसिंह राठौड़, कुंवरानी निशाकंवर आदि ने संबोधित किया तथा प्रेम सिंह राठौड़ ने मंच का संचालन किया|

कार्यक्रम में समाज के विभिन्न लोगों को अलग अलग कार्यक्षेत्रों में उचाईयां छूकर कर समाज का गौरब बढ़ाने हेतु पगड़ी पहना कर सम्मानित भी किया गया|

समारोह के आखिर में संस्था के अध्यक्ष देवीसिंह नरुका ने सभी आगंतुकों को अपने संबोधन में धन्यवाद ज्ञापित किया|

5 दशक बाद जसवंत लड़ेंगे बाड़मेर से निर्दलीय चुनाव

जोधपुर। लोकसभा टिकट नहीं मिलने से आहत पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह ने शनिवार को कहा है कि उन्होंने निदर्लीय उम्मीदवार के रूप में बाड़मेर से चुनाव लड़ने का फैसला किया है और वे सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उन्होंने हालांकि अभी तक पार्टी नहीं छोड़ी है और कहा है कि वे अगला कदम उठाने से पहले अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श करेंगे।

दार्जिलिंग संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे 76 वर्षीय भाजपा नेता कांग्रेस से हाल में पार्टी में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को बाड़मेर सीट का प्रत्याशी बनाए जाने से काफी आहत हुए हैं।

नहीं ली पार्टी से किसी ने खोज खबर

ऎसा बताया जा रहा है कि जसवंत द्वारा पार्टी छोड़ने के बारे में 48 घंटे की समयसीमा तय किए जाने के बावजूद किसी ने भी अभी तक उनसे संपर्क नहीं साधा है। जबकि अपनी अवहेलना से आहत हुए जसवंत सिंह की दिली इच्छा थी कि पार्टी की तरफ से उनसे इस विषय पर बातचीत की पहल की जाए।

राजनाथ की टिप्पणी का दिया कड़ा जवाब

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की उनकी सेवाओं का उपयुक्त ढंग से उपयोग करने की टिप्पणी का कड़ा जवाब देते हुए जसवंत ने इसे खारिज कर दिया। उन्होंने इस मानसिकता का पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि मैं कोई फर्नीचर का टुकड़ा नहीं कि जब चाहो तब हटा दो।

शब्दों के पीछे असम्मान

जसवंत सिंह ने कहा कि इन शब्दों की श्ृंखला के पीछे के बारे विचार अहंकार और असम्मान से परिपूर्ण हैं। राजस्थान में जसवंत सिंह समर्थकों की ओर से नरेंद्र मोदी का पोस्टर फाड़े जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर पोस्टर फाड़े गए हैं, तब मैं समझता हूं कि यह प्रदर्शित करता है कि क्या हो रहा है।

राजस्थान से गहरा नाता
1960 के दशक में जसवंत सिंह को पहली बार राजस्थान के कद्दावर नेता और उपराष्ट्रपति रहे दिवंगत भैरोसिंह शेखावत ने ही जनसंघ में शामिल किया था और उन्हें ही जसवंत का पॉलिटिकल मेंटर माना जाता है। 1980 में राज्यसभा सदस्य बनने के बाद के आने वाले सालों में जसवंत सिंह ने सफलता पूर्वक अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्रित्व काल में दो बार वित्त मंत्री और एक बार एक्स्टरनल अफेयर मिनिस्ट्री का कार्यभार भी संभाला।

राजस्थान के अजमेर में चर्चित मेया कॉलेज से पढ़ चुके जसवंत भारतीय सेना में एक अफसर के तौर पर भी काम कर चुके हैं।
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मैं टेबल या कुर्सी नहीं हूं जिसे कहीं भी एडजस्ट कर दिया जाए।

नई दिल्ली। वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह ने पार्टी से बगावत कर दी है। जसवंत सिंह बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। जसवंत सिंह की भाजपा से बगावत, बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे
जसवंत सिंह ने रविवार को कहा,मैं सोमवार दोपहर 4.30 बजे बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करूंगा। बकौल जसवंत सिंह,पहले उन्होंने कहा,मेरा अनुरोध एडजस्ट नहीं किया जा सकता। बाद में कहा,मुझे एडजस्ट कर दिया जाएगा। मैं टेबल या कुर्सी नहीं हूं जिसे कहीं भी एडजस्ट कर दिया जाए। इस तरह का बयान घमंडी और अपमानजनक है।

मैं एडजस्टमेंट की राजनीति में विश्वास नहीं करता। मैंने कभी अन्य दल में शामिल होने के बारे में विचार नहीं किया। कांग्रेस को सपना नहीं देखना चाहिए। मैं जातियों की राजनीति नहीं करता। मेरे अंदर किसी तरह का घमण्ड नहीं है। भाजपा ने सिद्धातों से समझौता किया है। आखिरी चुनाव अपने घर से लड़ना चाहता था। पार्टी ने टिकट नहीं दिया। अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ूंगा।

भाजपा ने जसवंत सिंह को बाड़मेर से उम्मीदवार नहीं बनाया। भाजपा ने हाल ही में पार्टी मेे शामिल हुए कर्नल सोनाराम को बाड़मेर से टिकट दे दिया। इससे जसवंत सिंह नाराज हो गए। इस बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जैसलमेर और बाड़मेर के आठ विधायकों को जयपुर बुलाया है। जसवंत सिंह के बेटे और शिव से विधायक मानवेन्द्र सिंह ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए पार्टी से एक माह का अवकाश मांगा है।

जिस्म फरोशी करने से मना किया, तो काट डाले महिला के ब्रेस्ट

मुंबई। एक दिल दहला देने वाले मामले में महाराष्ट्र के भिवांदी जिले में एक 23 वर्षीय युवती द्वारा जिस्म फरोशी मना करने पर उसके रिश्तेदारों ने उसका एक ब्रेस्ट काट डाला। हमलावरों में एक महिला और दो पुरूष शामिल हैं। पुलिस ने महिला को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दोनों पुरूष फरार हैं। जिस्म फरोशी करने से मना किया, तो काट डाले महिला के ब्रेस्ट
सूत्रों के मुताबिक, युवती के रिश्तेदार उसे नौकरी का झांसा देकर मुंबई लेकर आ गए थे। भिववांदी में उन्होंने उसे जिस्फ फरोशी करने वाले इलाके में बेच दिया। जब उसने इसका विरोध किया तो आरोपी महिला ने अपने पति और पीडिता के रिश्तेदार के साथ मिलकर उसके ब्रेस्ट काट डाले। यही नहीं, उन्होंने युवती की लोहे के डंडों से भी पिटाई की।

पीडिता की जानकारी मिलने के बाद सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करवाई। युवती को अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

टिकट के लिए भाजपा नेता ने अपनी बेटी को बेचा, दामाद ने की हत्या

गाजियाबाद। दिल्ली के निकट साहिबाबाद में भाजपा नेता धर्मवीर चौधरी की उन्हीं के दामाद ने गोली मारकर हत्या कर दी। गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि मृत नेता अपनी बेटी को दूसरे नेताओं के साथ सोने के लिए मजबूर करते थे। साहिबाबाद के रहने वाले धर्मवीर चौधरी पार्टी के वार्ड अध्यक्ष भी थे। टिकट के लिए भाजपा नेता ने अपनी बेटी को बेचा, दामाद ने की हत्या
उन्हें गोली मारने के बाद दामाद सुनील ने साहिबाबाद थाने में जाकर सरेंडर कर दिया। आरोपी ने बताया कि उसकी शादी 18 साल पहले मृत नेता की बेटी से हुई थी। लेकिन पिछले 8 महीने से मेरी बीवी मेरे साथ ना रहकर अपने पिता के घर में रहने लगी थी। पिता ने मेरी पत्नी को जबरदस्ती अपने घर में रखा हुआ था। वह पार्टी की ओर से टिकट पाने के लालच में नेताओं को अपनी बेटी और मेरी पत्नी को उनके घरों में गंदे काम के लिए भेजा करता था। इलाके में रसूख होने के कारण कोई इससे उलझना नहीं चाहता था। मैं अपने ससुर की इन हरकतों से बहुत परेशान हो गया था, इस कारण आज मैंने उसे गोली मार दी। पुलिस ने बताया कि सुनील की 4 लड़कियां और 2 लड़के हैं।

राजस्थान में आईएम के चार आतंकी गिरफ्तार



जोधपुर। लोकसभा चुनावों से ठीक पहले राजस्थान में बम धमाकों की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। दिल्ली से आई एटीएस की स्पेशल ब्रांच और राजस्थान पुलिस ने जयपुर और जोधपुर में अलग-अलग छापेमारी की। इस दौरान 4 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है। ये आतंकी इंडियन मुजाहदीन से जुड़े बताए जा रहे हैं। गिरफ्तारी के बाद राजस्थान में अलर्ट जारी कर दिया गया है।



जयपुर और दिल्ली से आई एटीएस के ज्वाइंट ऑपरेशन के दौरान गिरफ्तार आतंकारियों के पास से लैपटॉप और बम बनाने की सामग्री के साथ कई सामान बरामद हुए है। तीन आतंकारियों को जयपुर के प्रतापनगर और झोटवाड़ा क्षेत्र से दबोचा गया। जबकि एक को जोधपुर से गिरफ्तार किया गया है। बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के साथ कई नेता इनके निशाने पर थे।




सूत्रों के अनुसार आतंकियों के पास बड़ी मात्रा में विस्फोट सामग्री, टाइमर बम के साथ कई विस्फोट सामग्री बरामद हुआ है। सूत्रों के अनुसार गिरफ्तार आतंकियों के निशाने पर जयपुर के आठ अहम ठिकाने भी थे।




शुरूआती पूछताछ में पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक बिड़ला मंदिर, वर्ल्ड ट्रेड पार्क, महरान गड़ किला जैसी जगहें जहां देसी-विदेशी पर्यटकों का तांता लगा रहता है, वहां ये आतंकी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे।




गिरफ्तार आतकियों में एक आतंकी आईएम का बड़ा चेहरा है। इसका नाम है जिया उर रहमान उर्फ वकास। कई बम धमाकों के आरोपी वकास पर दस लाख का इनाम घोषित किया हुआ था। वकास इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासिन भटकल का खास है। इनके कब्जे से करीब 50 किलो विस्फोट भी बरामद किए गए हैं। -

जसवंत सिंह के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब डोली से पचपदरा तक उमड़ी हज़ारो कि भीड़ ,जसवंत का रोड शो


जसवंत सिंह के स्वागत में उमड़ा जनसैलाब


डोली से पचपदरा तक उमड़ी हज़ारो कि भीड़ ,जसवंत का रोड शो


बाड़मेर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह कि टिकट काटने के बाद पहली बार गृह जिले बाड़मेर कि सीमा में प्रवेश पर हज़ारो समर्थको ने पहुँच जसवंत का उत्साह के साथ स्वागत कर उनके समर्थन में नारे लगाये। जसवंत का उनके समर्थक बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे ,खुली जीप में सवार जसवंत सिंह के साथ करीं आठ किलोमीटर लम्बी वाहन रेली साथ थी ,आठ किलोमीटसर् सड़क मार्ग जसवंत समर्थको से भरा था ,


कद्दावर नेता जसवंत सिंह कि भाजपा द्वारा टिकट काटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए जसवंत सिंह रविवार सुबह साढ़े ग्यारह बजे बाड़मेर जिले कि सरहद पर पहुंचे जहा अपर जनसमूह ने जसवंत का जोरदार स्वागत कर उनकी हौसला अफजाई कि। यहाँ पहुंचे जसवंत सिंह हज़ारो कि तादाद में समर्थक देख गाड़ गाड़ हो गए ,जसवंत सिंह के काफिले में डोली से पचपदरा तक वाहनो का रेला लगा था ,


जसवंत सिंह का डोली ,सरवड़ी ,कल्याणपुरा ,धावा ,अराबा ,पटाऊ ,नागाणा में भी हज़ारो कि टाडा में समर्थक पहुंचे ,जसवंत सिंह ने कुल देवी नागनेशिया माता मंदिर में धोक लगा नागाणा माता का आशीर्वाद भी लिया ,जसवंत सिंह का पचपदरा पहुँचाने पर खारवाल समाज द्वारा स्वागत किया गया ,जसवंत सिंह के रोड शो में उमड़े जन समूह ने उनकी लोकप्रियता के संकेत विरोधियो को दे दिए ,

भगत सिंह की कुर्बानी का दिन है आज

भारतीय इतिहास में 23 मार्च 1931 एक सुनहरे दोनों ही अर्थो में लिखा गया था। आज ही के दिन इंकलाब जिंदाबाद करने वाले क्रांतिकारी भगतसिंह तथा उनके साथी सुखदेव और राजगुरू को लाहौर जेल में फांसी दी गई थी। स्वयं को नास्तिक मानने वाले भगतसिंह कहते थे कि देश की आजादी सिर्फ अपने बूतेहासिल की जा सकती है और इसके लिये ईश्वर का सहारा लेना बेमानी है। शहीदे आजम के अनुसार ईश्वर की मौजूदगी का अहसास व्यकित को कमजोर बनाता है।भगत सिंह की कुर्बानी का दिन है आज
लाहौर जेल में बंदी धार्मिक स्वाभाव के क्रांतिकारी बाबा रणधीर सिंह द्वारा नास्तिक और घंमडी कहे जाने पर शहीदे आजम ने डायरी में अपना पक्ष रखते हुये लिखा,"मैं अहंकारवश सर्वशकितमान ईश्वर पर विश्वास नही करता हूं यह मानना गलत है। क्योंकि व्यकितगत अहंकार वह है जिसमें मनुष्य खुद को ईश्वर का प्रतिद्धंदी समझने लगे अथवा स्वंय को ही ईश्वर मानने लगे। ऎसा व्यक्ति किसी न किसी रूप में ईश्वर के अस्तित्व को मानता है जिसका अर्थ वह सात्विक है।" आर्यसमाजी परिवार में 28 सितम्बर 1907 को जन्मे भगतसिंह अपने विद्यार्थी जीवन में वह दो प्रहर गायत्री मंत्र का जाप करते थे और सिख होने के नाते लंबे केश रखते थे मगर स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्हे अराजकतावादी नेता बाकु निन, साम्यवाद के पिता मार्क्स के अलावा क्रांतिकारी लेनिन और त्रात्सकी को पढ़ने का मौका मिला।

यह सभी नास्तिक थे और अपनी बदौलत एक बड़े लक्ष्य को हासिल कर सके। भगत सिंह ने लिखा, मैं एक मनुष्य हूं और इससे अधिक कुछ और नही। मेरा जन्म भारत माता को गुलामी के बेडियों से मुक्त कराने के लिये हुआ है और इसके लिये मुझे किसी ढाल अथवा सहारे की जरूरत नहीं। इसके लिये बटुकेश्वर दत्त समेत मेरा कोई मित्र मुझे नास्तिक अथवा घंमडी कहे इससे मेरा लक्ष्य अथवा सोच नही बदल सकती।

शहीदे आजम ने लिखा कि सीआईडी अधीक्षक न्यूमन ने 1927 में लाहौर में उनसे काकोरी कांड में शामिल क्रांतिकारियों का नाम बताने के बदले रिहाई का प्रस्ताव कि या जिसे नकारने पर उन्हें मौत की सजा भुगतने के लिये तैयार रहने की चेतावनी दी । जेल अधिकारियों ने सजा से बचने के लिये उन्हे न्यूमन की सलाह मानने अथवा दो समय ईश्वर का मंत्र जपने की सलाह दी। मगर नास्तिक होने के कारण उनकी यह तरकीब काम न आ सकी। भगतसिंह ने 12 वर्ष की अल्प आयु में ही जलियांवाला बाग नरसंहार से क्रोधित भगतसिंह ने जनरल डायर समेत समूची अंग्रेजी हुकूमत का सफाया करने का संकल्प ले लिया था।

वर्ष 1921 में महात्मा गांधी द्वारा अंग्रेज सरकार के खिलाफ चलाए गए असहयोग आंदोलन में शामिल होने के लिये भगत सिंह ने स्कूली शिक्षा की तिलांजलि दे दी थी । वर्ष 1922 में गोरखपुर के चौरीचौरा कांड से भगत बहुत व्यथित हुए थे और उन्होने अंहिसा का रास्ता छोड़कर देश को आजाद कराने का संकल्प लिया था। परिजनों की मर्जी के अनुसार विवाह से इंकार करने के सवाल पर क्रातिकारी का कहना था कि उच्च कोटि के प्रेम के लिये स्वतन्त्रता का वातावरण चाहिये और इसलिए वह देश को गुलामी के बंधन से आजाद किये बिना विवाह के लिये सोच भी नही सकते। लाहौर सेन्ट्रल जेल में फांसी पर झूलने से पहले उन्होने अंग्रेज मजिस्ट्रेट को कहा था कि आप बेहद भाग्यशाली है जो आपको यह देखने का अवसर प्राप्त हो रहा है कि एक भारतीय अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये किस तरह हंसते हंसते फांसी पर लटकना पसंद करता है।

'अस्तित्व खो रहा तिलवाड़ा पशु मेला'




बालोतरा सा'ब मेळा रो पूरो ही मटीयामेट हो ग्यो है, अठे बरसों सूं आवों हो पर अबे कसम खावों के अगली बार आवों तो राम दुहाई...ये पीड़ा है विश्व विख्यात श्रीमल्लीनाथ तिलवाड़ा अश्व मेले में पहुंचे पशुपालकों की। प्रशासनिक उपेक्षा के चलते साल दर साल यह मेला अपना अस्तित्व खोने लगा है। जहां पहले इस मेले में पूरे देशभर से पशुपालक पहुंचते थे और विदेशों से भी पर्यटक उम्दा नस्ल के अश्व खरीदने व देखने पहुंचते थे। अब अव्यवस्थाओं के चलते मेला एक चौथाई ही नहीं भरता। दशकों से आ रहे कई पशुपालक पहुंचते हैं, उनकी इतनी बुरी गत होती है कि वे कसम खाते हैं कि अगली बार नहीं आएंगे। मेले में अब तक करीब पांच सौ पशु व सैकड़ों पशुपालक पहुंच चुके है। रविवार से पशु पालन विभाग की ओर से यहां चौकियां स्थापित की जाएगी और 27 मार्च को झंडारोहण होगा।    शनिवार को मेले में पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया तो पशुपालकों की दयनीय स्थिति सामने आई।

पशुपालक खरीदते हैं दो रुपए लीटर पानी : 

करीब दो दशकों से हर बार मेले में आने वाले पाली जिले से यहां पहुंचे पशुपालक काजीखां कहते हैं पशुपालन विभाग की ओर से अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। हमे 50 लीटर का जरीकेन यहां एक सौ रुपए में खरीदकर खुद की व पशुओं की प्यास बुझानी पड़ रही है। ऐसे में मेला बहुत ही महंगा साबित हो रहा है। मेलों की ऐसी बुरी गत के चलते अब तो पशुपालन से ही मोहभंग होने लगा है।
तावड़े तपों हों, पाणी ने तरस ग्या
पाली के पास ही रावलसा से आए जसराज पुरोहित तो जैसे बिफर ही गए। पुरोहित यहां 22 वर्षों से आ रहे हैं। वे कहते हैं, हर साल अव्यवस्थाएं बढ़ ही रही है। सरकार एक तरफ पशुपालकों को बढ़ावा देने की बात करती है और यहां तो परेशान किया जा रहा है। पुरोहित कहते हैं न पानी की व्यवस्था है और न ही चारे की। जबकि पहले रियायती दरों पर चारा मिलता था, बकायदा बिजली-पानी की व्यवस्था रहती थी।
कब कोई लूट ले : मेड़ता से आए किशनाजी प्रजापत तो दो दिन पूर्व मेले में हुई जहरखुरानी की घटना से घबराए हुए हैं। वे कहते हैं मेले में चल एटीएम लगाने की मांग हर बार उठती है, पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। पशुपालन विभाग के अधिकारी गौर ही नहीं करते। यदि जिम्मेदार विभाग किसी बैंक से बात करे तो यहां चल एटीएम की व्यवस्था आराम से हो जाए।
वे कहते हैं यहां हर पशु व्यापारी खरीद-फरोख्त के लिए आता है तो लाजमी है लाखों रुपए पास में होते हैं। ऐसे में हर वर्ष यहां जहरखुरानी की घटनाएं बढ़ गई है। इससे गरीब पशु पालक तो लुटता ही है, किसी की जान तक जा सकती है।

पानी के कार्यादेश हो गए हैं, रियायती दर पर चारा
॥पानी सप्लाई के कार्यादेश आज ही हुए हैं। शाम को पानी के टैंकर पहुंचा दिए थे। रियायती दर पर चारे के लिए को-ऑपरेटिव सोसायटी व्यवस्था करती है, इसके लिए कल ही बात करेंगे।
बीआर जेदिया,
जिला पशुपालन अधिकारी, बाड़मेर

बीजेपी के बागी फौजी जसवंत के संपर्क में राजस्थान कांग्रेस

बीजेपी के बागी फौजी जसवंत के संपर्क में राजस्थान कांग्रेस : बाड़मेर, जैसलमेर के 8 विधायकों को वसुंधरा ने जयपुर बुलाया



मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रविवार को बाड़मेर जैसलमेर के सभी आठ विधायकों को जयपुर  बुलाया हें। सूत्रानुसार शनिवार को मुख्यमंत्री  कार्यालय से फोन आये थे। बताया जाता हें कि वसुंधरा राजे विधायको को भाजपा प्रत्यासी कर्नल सोनाराम के साथ  लगा कर कम करने को। कहेगी दबाव बनाएगी। चौबीस मार्च को जसवंत सिंह नामांकन दाखिल कर रहे हें वसुंधरा को भनक लगी हें कि विधायक जसवंत सिंह के साथ जायेंगे। इधर जसवंत सिंह के राजस्थान में आते ही वसुंधरा राजे से असंतुष्ट विधायक और अन्य भाजपाई संपर्क में आ गए।