लोकसभा टिकट नहीं मिलने से आहत पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह ने शनिवार को कहा है कि उन्होंने निदर्लीय उम्मीदवार के रूप में बाड़मेर से चुनाव लड़ने का फैसला किया है और वे सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे। उन्होंने हालांकि अभी तक पार्टी नहीं छोड़ी है और कहा है कि वे अगला कदम उठाने से पहले अपने सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श करेंगे।
दार्जिलिंग संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे 76 वर्षीय भाजपा नेता कांग्रेस से हाल में पार्टी में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को बाड़मेर सीट का प्रत्याशी बनाए जाने से काफी आहत हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वे टिकट नहीं मिलने के बावजूद चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा, "हां, मैं बाड़मेर से सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल कर रहा हूं। निर्दलीय या नहीं यह पार्टी के रूख पर निर्भर करेगा।
विचार-विमर्श करूंगा
भाजपा को 48 घंटे की समय सीमा दिए जाने और उनके इस्तीफे के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, "मैं इस बारे में बाड़मेर में अपने सहयोगियों एवं अन्य लोगों के साथ विचार-विमर्श करूंगा और उसके बाद ही कुछ निर्णय लूंगा।"
किसी ने नहीं किया सम्पर्क
जसवंत सिंह कहा कि पार्टी छोड़ने के बारे में 48 घंटे की समय सीमा तय किए जाने के बावजूद भाजपा से किसी ने भी उनसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया।
उन्होंने कहा, "यदि मैं अपने घर और पार्टी के बारे में भावुक नहीं हूं तो मैं किस बारे में भावुक होऊंगा, यदि पार्टी ने मुझसे बात करने का निर्णय किया है तो वे मेरा नम्बर जानते हैं और यह भी कि मुझ तक कैसे पहुंचा जा सकता है। जब से मैं यहां हूं, किसी ने भी मुझसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया।
मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं : उनकी (जसवंत सिंह की) सेवाओं का उपयुक्त ढंग से उपयोग करने की भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं हूं।
"समायोजन" विशेषण अपने आप में मानसिकता को दर्शाता है। आप सिद्धांतों का समावेश नहीं कर सकते और यह अपमानजनक है।" चुनाव के बाद भरपाई करने की पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए सिंह ने कहा, "मैं इस विचार को खारिज करता हूं और मैं इसके पीछे की मानसिकता को भी खारिज करता हूं। ऎसा अनुमान है कि वे सरकार बना लेंगे और मुझे कोई स्थान दे देंगे। वे इसे अपने पास रख सकते हैं।"
शब्दों के पीछे असम्मान
जसवंत सिंह ने कहा कि इन शब्दों की शृंखला के पीछे के बारे विचार अहंकार और असम्मान से परिपूर्ण हैं। राजस्थान में जसवंत सिंह समर्थकों की ओर से नरेंद्र मोदी का पोस्टर फाड़े जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर पोस्टर फाड़े गए हैं, तब मैं समझता हूं कि यह प्रदर्शित करता है कि क्या हो रहा है।
दार्जिलिंग संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे 76 वर्षीय भाजपा नेता कांग्रेस से हाल में पार्टी में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को बाड़मेर सीट का प्रत्याशी बनाए जाने से काफी आहत हुए हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वे टिकट नहीं मिलने के बावजूद चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने कहा, "हां, मैं बाड़मेर से सोमवार को नामांकन पत्र दाखिल कर रहा हूं। निर्दलीय या नहीं यह पार्टी के रूख पर निर्भर करेगा।
विचार-विमर्श करूंगा
भाजपा को 48 घंटे की समय सीमा दिए जाने और उनके इस्तीफे के बारे में पूछे गए प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा, "मैं इस बारे में बाड़मेर में अपने सहयोगियों एवं अन्य लोगों के साथ विचार-विमर्श करूंगा और उसके बाद ही कुछ निर्णय लूंगा।"
किसी ने नहीं किया सम्पर्क
जसवंत सिंह कहा कि पार्टी छोड़ने के बारे में 48 घंटे की समय सीमा तय किए जाने के बावजूद भाजपा से किसी ने भी उनसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया।
उन्होंने कहा, "यदि मैं अपने घर और पार्टी के बारे में भावुक नहीं हूं तो मैं किस बारे में भावुक होऊंगा, यदि पार्टी ने मुझसे बात करने का निर्णय किया है तो वे मेरा नम्बर जानते हैं और यह भी कि मुझ तक कैसे पहुंचा जा सकता है। जब से मैं यहां हूं, किसी ने भी मुझसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया।
मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं : उनकी (जसवंत सिंह की) सेवाओं का उपयुक्त ढंग से उपयोग करने की भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं हूं।
"समायोजन" विशेषण अपने आप में मानसिकता को दर्शाता है। आप सिद्धांतों का समावेश नहीं कर सकते और यह अपमानजनक है।" चुनाव के बाद भरपाई करने की पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए सिंह ने कहा, "मैं इस विचार को खारिज करता हूं और मैं इसके पीछे की मानसिकता को भी खारिज करता हूं। ऎसा अनुमान है कि वे सरकार बना लेंगे और मुझे कोई स्थान दे देंगे। वे इसे अपने पास रख सकते हैं।"
शब्दों के पीछे असम्मान
जसवंत सिंह ने कहा कि इन शब्दों की शृंखला के पीछे के बारे विचार अहंकार और असम्मान से परिपूर्ण हैं। राजस्थान में जसवंत सिंह समर्थकों की ओर से नरेंद्र मोदी का पोस्टर फाड़े जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर पोस्टर फाड़े गए हैं, तब मैं समझता हूं कि यह प्रदर्शित करता है कि क्या हो रहा है।
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