आडवाणी का आशीर्वाद लेकर जसवंत ने भाजपा के खिलाफ ठोकी ताल
बाड़मेर लोकसभा टिकट नहीं मिलने से आहत पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता जसवंत सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया है। भाजपा छोड़ने के बारे में जसवंत सिंह सोमवार शाम तक फैसला लेंगे। नामांकन दाखिल करने से पहले सूत्रों के अनुसार जसवंत ने वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी से फोन पर बात की। बातचीत के दौरान आडवाणी ने जसवंत को चुनाव के लिए शुभकामनाएं दी।
इससे पहले रविवार को उन्होंने बाड़मेर से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। जसवंत सिंह ने कहा था कि ये उनका अंतिम चुनाव होगा और इसे वे अपने घर से ही लड़ना चाहेंगे। हालांकि पार्टी से इस पर ध्यान नहीं दिया और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को टिकट दे दी।
पिता के साथ आए मानवेन्द्र
वहीं शिव से भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह भी अपने पिता जसवंत सिंह के साथ आ गए हैं। इससे पहले मानवेन्द्र ने अपने पिता के साथ जाने में हिचक दिखाई थी। उन्होंने रविवार को अस्वस्थता के चलते पार्टी के कामकाज से एक महीने की छुट्टी मांगी थी। वहीं बदलते घटनाक्रम के बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बाड़मेर जिले के विधायकों की बैठक बुलाई तो उसमें मानवेन्द्र नहीं आये। विधायकों का कहना था कि जनता जसवंत सिंह के साथ है। इस पर राजे ने विधायकों से कहा कि वह अपने क्षेत्र में खड़े हो जाए तो जनता भाजपा उम्मीदवार कर्नल सोनाराम के साथ आ जाएगी।
मुख्यमंत्री जाएंगी बाड़मेर
वहीं कर्नल सोनाराम के पक्ष में भाजपाइयों को करने के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बाड़मेर जाएंगी। सोनाराम के नामांकन दाखिल करने के दौरान मुख्यमंत्री राजे मौजूद रहेंगी। साथ हीइस मौके पर पर वह रैली को भी संबोधित कर सकती हैं।
किसी ने नहीं किया सम्पर्क
जसवंत सिंह कहा कि पार्टी छोड़ने के बारे में 48 घंटे की समय सीमा तय किए जाने के बावजूद भाजपा से किसी ने भी उनसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा, "यदि मैं अपने घर और पार्टी के बारे में भावुक नहीं हूं तो मैं किस बारे में भावुक होऊंगा, यदि पार्टी ने मुझसे बात करने का निर्णय किया है तो वे मेरा नम्बर जानते हैं और यह भी कि मुझ तक कैसे पहुंचा जा सकता है। जब से मैं यहां हूं, किसी ने भी मुझसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया।
मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं :
उनकी (जसवंत सिंह की) सेवाओं का उपयुक्त ढंग से उपयोग करने की भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं हूं। "समायोजन" विशेषण अपने आप में मानसिकता को दर्शाता है। आप सिद्धांतों का समावेश नहीं कर सकते और यह अपमानजनक है।" चुनाव के बाद भरपाई करने की पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए सिंह ने कहा, "मैं इस विचार को खारिज करता हूं और मैं इसके पीछे की मानसिकता को भी खारिज करता हूं। "
इससे पहले रविवार को उन्होंने बाड़मेर से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। जसवंत सिंह ने कहा था कि ये उनका अंतिम चुनाव होगा और इसे वे अपने घर से ही लड़ना चाहेंगे। हालांकि पार्टी से इस पर ध्यान नहीं दिया और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम को टिकट दे दी।
पिता के साथ आए मानवेन्द्र
वहीं शिव से भाजपा विधायक मानवेन्द्र सिंह भी अपने पिता जसवंत सिंह के साथ आ गए हैं। इससे पहले मानवेन्द्र ने अपने पिता के साथ जाने में हिचक दिखाई थी। उन्होंने रविवार को अस्वस्थता के चलते पार्टी के कामकाज से एक महीने की छुट्टी मांगी थी। वहीं बदलते घटनाक्रम के बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने बाड़मेर जिले के विधायकों की बैठक बुलाई तो उसमें मानवेन्द्र नहीं आये। विधायकों का कहना था कि जनता जसवंत सिंह के साथ है। इस पर राजे ने विधायकों से कहा कि वह अपने क्षेत्र में खड़े हो जाए तो जनता भाजपा उम्मीदवार कर्नल सोनाराम के साथ आ जाएगी।
मुख्यमंत्री जाएंगी बाड़मेर
वहीं कर्नल सोनाराम के पक्ष में भाजपाइयों को करने के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बाड़मेर जाएंगी। सोनाराम के नामांकन दाखिल करने के दौरान मुख्यमंत्री राजे मौजूद रहेंगी। साथ हीइस मौके पर पर वह रैली को भी संबोधित कर सकती हैं।
किसी ने नहीं किया सम्पर्क
जसवंत सिंह कहा कि पार्टी छोड़ने के बारे में 48 घंटे की समय सीमा तय किए जाने के बावजूद भाजपा से किसी ने भी उनसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा, "यदि मैं अपने घर और पार्टी के बारे में भावुक नहीं हूं तो मैं किस बारे में भावुक होऊंगा, यदि पार्टी ने मुझसे बात करने का निर्णय किया है तो वे मेरा नम्बर जानते हैं और यह भी कि मुझ तक कैसे पहुंचा जा सकता है। जब से मैं यहां हूं, किसी ने भी मुझसे सम्पर्क करने का प्रयास नहीं किया।
मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं :
उनकी (जसवंत सिंह की) सेवाओं का उपयुक्त ढंग से उपयोग करने की भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं फर्नीचर का टुकड़ा नहीं हूं। "समायोजन" विशेषण अपने आप में मानसिकता को दर्शाता है। आप सिद्धांतों का समावेश नहीं कर सकते और यह अपमानजनक है।" चुनाव के बाद भरपाई करने की पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए सिंह ने कहा, "मैं इस विचार को खारिज करता हूं और मैं इसके पीछे की मानसिकता को भी खारिज करता हूं। "
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