शुक्रवार, 30 दिसंबर 2011

आधी रात को वोटिंग से भागी सरकार

नई दिल्ली. लोकपाल विधेयक की राह नाटकीय घटनाक्रमों के बीच राज्यसभा में रुक गई। सरकार ने पौने बारह बजे संशोधनों के बहाने विधेयक पर मतदान टालने की अपनी मंशा जाहिर कर दी। सरकार ने तर्क दिया कि सदन तीन दिनों के लिए था और गुरुवार रात 12 बजे के बाद इसे नहीं चलाया जा सकता। इसके साथ ही साफ हो गया कि लोकपाल एक बार फिर से ठंडे बस्ते में चला गया। सरकार के टालू रवैए पर पूरा विपक्ष बिफर गया।
 
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा, ‘अगर कोई सरकार संसद में वोट कराने से भागती है, तो उस सरकार को एक मिनट भी देश में राज करने का हक नहीं है।’ शोरगुल व हंगामे के बीच असहाय नजर आ रहे सभापति हामिद अंसारी ने कहा, ‘अप्रत्याशित स्थिति पैदा हो गई है। ऐसी स्थिति में सदन नहीं चल सकता बेहतर है हम सभी घर जाएं।’

जिस स्थिति में सभापति ने अचानक राष्ट्रगान के लिए सांसदों को खड़ा कर दिया, उससे लोगों को भरोसा नहीं हुआ। इसके साथ ही उन्होंने सदन अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। संसदीय इतिहास के स्तब्ध कर देने वाले दृश्य के बीच सदन में मौजूद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी शांत बैठे रहे। विपक्ष के सभी नेताओं ने इसे लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया। टीम अन्ना ने भी सरकार के रवैए पर घोर निराशा जाहिर की।

बाद में संसदीय कार्य राज्यमंत्री अश्वनी कुमार ने सरकार के कदम का बचाव किया और कहा कि लोकपाल बिल पर अगले सत्र में चर्चा होगी।

सुबह से अपने पक्ष में संख्या बल एकत्र करने में नाकामयाब रही सरकार की ओर से मतदान टालने और सियासी ड्रामे की रणनीतिक पटकथा शायद पहले ही लिख गई थी। जब रात साढ़े 11 बजे 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही रुकी तो साफ हो गया कि विधेयक का लटकना तय है। बस घोषणा बाकी है।

राजद सांसद ने फाड़ी बिल की कॉपी

सरकारी पक्ष और विपक्ष के हंगामे की वजह से 11 बजकर 28 मिनट पर सभापति ने 15 मिनट के लिए कार्यवाही स्थगित की। राजद के सांसद राजनीति प्रसाद ने केंद्रीय मंत्री वी. नारायण सामी के हाथ से बिल की प्रति छीनकर फाड़ दी। वामदल, बसपा, सपा और अन्य दल आरक्षण के प्रावधानों को स्पष्ट करने की मांग कर रहे थे। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर ही राजद सांसद ने लोकपाल बिल की कॉपी फाड़ी और हंगामा मचाया।

12 बजे की कहानी
मतदान टालने की रणनीति पर सस्पेंस और बढ़ा तो विपक्ष की ओर से चेयर से रूलिंग की मांग होने लगी कि 12 बजे के बाद क्या होगा। करीब साढ़े ग्यारह बजे वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह उठे तो विपक्ष की ओर से हंगामा शुरू हुआ। सभापति ने अचानक 15 मिनट के लिए सदन स्थगित करने की घोषणा कर दी तो सभी भौचक रह गए।
सदन स्थगित होने के बाद विपक्ष के सांसद गुस्से में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बाहर निकले। संसद परिसर में विपक्षी सांसदों ने धरना शुरू कर दिया और सरकार से इस्तीफे की मांग की जाने लगी।

किसने क्‍या कहा?
नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि जब से भारत की संसद बनी है जब से आज तक संसद के साथ इतना बड़ा धोखा नहीं हुआ है। अगर कोई सरकार संसद में वोट करवाने से दूर भागती है तो उस सरकार को एक मिनट भी सत्‍ता में बने रहने का अधिकार नहीं है।
संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि लोकसभा में विधेयक को तुरंत पास करा दिया था। अब इतने संशोधन पेश कर दिए गए कि सरकार को इस पर रुख तय करने में वक्त लगेगा।
सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि आप बताएं कि आपका क्या प्लान है? आप कब इस विधेयक को लाएंगे कब तक अध्ययन कर लेंगे। जरूरत पड़ी तो कल भी बैठेंगे लेकिन विधेयक पारित करके जाएंगे।

लहसुन व हींग का देसी प्रयोग, दांत के दर्द में दिखाएगा जादू सा असर

 

दांतों की सफाई न करने पर दांतों के बीच फंसे अन्न का कण बाहर नहीं निकल पाता है जिससे दांतों के बीच फंसे अन्न के कण रात को सोने पर मुंह से निकलने वाली लार के प्रभाव में आकर सडऩे लगते हैं। उन अन्न के कणों के सडऩे से दांतों की जड़े खोखली हो जाती हैं। खोखली जगहों में भोजन का अंश भरने से दांत सडऩे लगते हैं तथा दांतों में अत्यधिक तेज दर्द होने लगता है। अगर आप भी दांतों के दर्द से परेशान हैं तो नीचे लिखे देसी नुस्खों को एक बार जरूर आजमाएं।

- लहसुन की एक कली थोडे से सैंधा नमक के साथ पीसें और इसे दुखने वाले दांत पर रख कर दबाएं यह एक रामबाण उपाय है।

- रोजान एक लहसुन कली चबाकर खाने से दांत की तकलीफ से छुटकारा मिलता है।

- दांत की केविटी में थोडी सी हींग भरदें। दर्द में राहत मिलेगी।

- तंबाकू और नमक महीन पीसलें। इस टूथ पावडर से रोज दंतमंजन करने से दांत के दर्द से मुक्ति मिल जाती है।

- बर्फ का टुकडा दुखने वाले दांत के ऊपर या पास में रखें। बर्फ उस जगह को सुन्न करके लाभ पहुंचाता है।

- गरम पानी की थैली से सेक से भी राहत मिलती है।

- प्याज को कूटकर लुग्दी दांत पर रखना हितकर उपचार है।

- लौंग के तैल का फाया दर्द वाले दांत के मध्य रखने से निश्चित ही लाभ होगा।

- दांत के दर्द के रोगी को दिन में 3-4 बार एक लौंग मुंह में रखकर चूसने की सलाह दी जाती है।

- पुदिने की सूखी पत्तियां पीसकर दांतों के बीच रखें, ऐसा दिन में 10 बार करने से लाभ मिलेगा।

- दो ग्राम हींग नींबू के रस में पीसकर पेस्ट बनाकर मंजन करें।

गीता का रहस्य गीता का रहस्य दो ही शब्दों में

गीता का रहस्य  गीता का रहस्य दो ही शब्दों में

गीता में तो कृष्ण भगवान दो ही शब्द कहना चाहते हैं। ये दो शब्द, लोग समझ सकें, ऐसे नहीं है, इसलिए गीता के स्वरूप को इतना विस्तृत किया और उस स्वरूप को समझने के लिए लोगों ने फिर से विवेचन किया। कृष्ण भगवान ने खुद कहा है कि 'गीता में मैं जो कहना चाहता हूँ, उसका स्थूल अर्थ एक हजार में से एक व्यक्ति ही समझ सकता है, ऐसे एक हजार स्थूल अर्थ को समझनवालों में से एक व्यक्ति उसका सूक्ष्म अर्थ समझ सकता है, ऐसे एक हजार सूक्ष्म अर्थ को समझनेवालों में से एक व्यक्ति सूक्ष्मतर अर्थ को समझनेवालों में से एक व्यक्ति गीता का सूक्ष्मतम अर्थ अर्थात् मेरे आशय को समझ सकता है।' वह एक व्यक्ति ही कृष्ण भगवान क्या कहना चाहते थे, समझ सकता है। अब इस साढ़े तीन अबज की जनसंख्या में किस का नंबर लगेगा?

कृष्ण भगवान जो कहना चाहते थे, वह दो शब्दों में ही कहना चाहते है। वह तो जो कृष्ण बना है, वही समझ सकता है और कह सकता है। आज 'हम' खुद कृष्ण बनकर आए हैं, तुझे तेरा जो कार्य सिद्ध करना है, कर ले।

कृष्ण भगवान क्या कहना चाहते हैं कि इन्सान जब मर जाता है तो कहते हैं, 'अंदरवाला चला गया'। तो वह क्या है? वह 'माल' है और जो यहाँ पड़ा है वह 'खोखा' है। इन आँखों से जो दिखता है, वह पेकिंग है और अंदर 'माल' है, मटिरिअल है। देर आर वेराइटिज ऑफ पेकिंग्ज। कोई आम का पेकिंग है, कोई गधे का पेकिंग है, कोई पुरुष का है या स्त्री का है। लेकिन अंदर 'माल' स्वच्छ एक जैसा सबमें है। पेकिंग तो कैसा भी हो, सड़ा हुआ भी हो, लेकिन व्यापारी पेकिंग की जाँच नहीं करता। वह तो 'माल' ठीक है या नहीं, वही देखता है। वैसे ही हमें भीतर 'माल' के दर्शन करने चाहिए।

कृष्ण भगवान कहते हैं, ''भीतर जो 'माल' है, वो ही मैं खुद हूँ, वो ही कृष्ण है, उसे पहचान, तभी तुम परिणाम को प्राप्त कर सकोगे।' बाकी लाख अवतार तक गीता के श्लोक गाओगे तो भी परिणाम नहीं आएगा। 'खोखा' और 'माल' इन दो शब्दों में वह सब है, जो कृष्ण भगवान कहना चाहते थे और इसी में कृष्ण भगवान का 'अंतर आशय' समा जाता है।

भगवान ने गीता में कहा है 'अभ्यास करना', आजकल तो गीता का इतना अभ्यास हो रहा है कि अभ्यास का ही अध्यास हो गया है। भगवान ने अध्यास छोडऩे के लिए अभ्यास करने को कहा था, तो अभ्यास का ही अध्यास हो गया?

गीता में 'मैं' यानी कौन?

प्रश्नकर्ता : गीता में कहा है कि पृथ्वी पर 'मैं' जन्म लेता हूँ। तो 'मैं' कौन ?

दादाश्री : उसे ही आत्मा कहते हैं। 'मैं' का अर्थ कृष्ण नहीं, 'मैं' का अर्थ है आत्मा। नियम ऐसा है कि जब जब पृथ्वी पर पाप का मार बढ़ता है तो कोई किसी महापुरुष का जन्म होता ही है। इसलिए प्रत्येक युग में महापुरुष जन्म लेते हैं।

प्रश्नकर्ता : कहते हैं कि कृष्ण भगवान ने रासलीला की थी, उसका क्या कारण था?

दादाश्री : भगवान ने रासलीला खेली ही नहीं। आपको किस ने कहा कि भगवान ने रासलीला खेली थी? ये सब तो दंतकथाएँ हैं। कृष्ण तो महान योगेश्वर थे। उन्हें रासलीला में खींचकर लोगों ने दुरुपयोग किया है।
कृष्ण की आराधना दो तरह से की जाती है। जो आरंभिक कक्षा में है, उन्हें बालकृष्ण के दर्शन करने चाहिए और जिसे वैकुंठ में जाना है, उसे योगेश्वर कृष्ण के दर्शन करने चाहिए।

आत्म सन्मुख कर

प्रश्नकर्ता : गीता में श्री कृष्ण ने कहा है कि तेरे मन को बुद्धि से विमुख कर मेरे सन्मुख कर, तो मैं तुझे दिखाई दूँगा।

दादाश्री : ठीक कहा है। संपूर्णतया यह सत्य वाक्य है। मन यदि बुद्धि को छोड़ दे और उनके सन्मुख अर्थात् आत्मा के सन्मुख हो तो कृष्ण भगवान के दर्शन हों। यह सत्य है। कृष्ण भगवान ने ठीक ही कहा है, लेकिन लोगों ने गलत समझा है। समझने में यदि गलती हो तो(परिणाम) उलटा हो जाता है। लगानेवाली दवाई पी जाए और कहे मुझे ऐसा हो गया! बुद्धि से विमुख हो ऐसा कहते हैं।

श्री कृष्ण ने उसे व्यभिचारिणी कहा!

सत्पुरुष को, ज्ञानीपुरुष को सुनने से जो बुद्धि स्वच्छ होतीहै, वहअव्यभिचारिणी बुद्धि कहलाती है। इन सबकी विपरीत बुद्धि है। कृष्ण भगवान ने कहा है कि बुद्धि अव्यभिचारिणी चाहिए। व्यभिचारिणी अर्थात् विपरीत बुद्धि। आजकल संसार में इन सबकी विपरीत बुद्धि ही है। जो निरंतर अपना अहित कर रहा है, एक क्षण के लिए भी अपना हित नहीं कर रहा और विपरीत बुद्धि को ही सम्यक् मानता है।

चिंता और अहंकार

श्री कृष्ण कहते हैं : 'जीव तू क्यों चिंता करता है, कृष्ण को कहना हो वह करे' तोयह क्या कहते हैं, मालूम है? कृष्ण को क्या? वे तो जो कहना है, कहेंगे, लेकिन(हमें) यह संसार चलाना है, तो चिंता के कारखाने शुरू किए। लेकिन यह माल तो बिकता ही नहीं, कैसे बिकेगा? जहाँ बेचने जाता है, उसका तो अपना कारखाना होना ही है। इस संसार में एक ऐसा व्यक्ति ढूंढकर लाओ, जिसे चिंता नहीं होती।

एक ओर कहता है, 'श्री कृष्ण शरणम् मम:' और दूसरी और कहता है कि'हे कृष्ण! तू मेरी शरण में आ'। यदि कृष्ण की शरण ली है तो फिर चिंता क्यों? महावीर भगवान ने भी चिंता करने के लिए मना किया है। उन्होंने तो एक बार की गई चिंता का फल तिर्यंच गति बताया है। चिंता तो उच्चतम अहंकार है। 'मैंही सबका कत्र्ता हूँ' ऐसा तीव्र भाव रहता हो तो उसके फलस्वरूप चिंता उत्पन्न होती है।

भगवान का सच्चा भक्त तो चिंता होने पर भगवान से भी झगड़ता है। आप ना बोलते हैं तो मुझे चिंता क्यों होती है? जो भगवान से झगड़ता नहीं, वह सच्चा भक्त नहीं। यदि आपको कोई तकलीफ आती है तो आपके अंदर भगवान बैठा है, उसे हिलाईए। भगवान का सच्चा भक्त मिलना भी मुश्किल है। सब अपने अपने स्वार्थ में घूम रहे हैं।

गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

अब भगवान को भी चुकाना होगा इनकम टैक्स


जयपुर। कर चोरी की आंशका को देखते हुए आयकर विभाग ने राज्य के एक हजार ट्रस्टों को नोटिस जारी किया है। मुख्य आयकर आयुक्त राजस्थान ब्रजेश गुप्ता ने बताया कि इन ट्रस्टों में गोविंददेवजी मंदिर, गणेश मंदिर जैसे ट्रस्ट भी हैं। विभाग को यह आंशका है कि मंदिरों और शैक्षणिक ट्रस्टों की आमदनी अधिक है लेकिन वे विवरण में इसे बहुत कम दिखाते हैं।
आयकर विभाग ने ट्रस्ट से चलने वाले राजधानी समेत प्रदेश के तमाम मंदिरों को नोटिस भेजे हैं। नोटिस में मंदिरों को चढ़ावे का हिसाब देने के साथ उस राशि का हिसाब देने को कहा गया है जो गरीबों की मदद के नाम पर छूट के दायरे में आती है।
विभाग ने आयकर की धारा 143 (3) के तहत ये नोटिस जारी किए हैं। इसमें ट्रस्टों को भी आमदनी का हिसाब किताब देना होगा। जिन ट्रस्टों ने आम जन की कल्याणकारी योजनाओं के लिए तय राशि पर आयकर जमा कराने से छूट ले रखी है, उन्हें भी ये नोटिस भेजे गए हैं। उनसे उस राशि का भी हिसाब मांगा है जिस पर उन्होंने छूट के तहत आयकर नहीं जमा कराया। विभाग ने मंदिर ट्रस्टों को दिसम्बर, 2012 तक जवाब देने का वक्त दिया है। तब तक नोटिस का जवाब पेश नहीं करने या संतोषजनक जवाब ना मिलने पर कर वसूलने की कार्रवाई हो सकती है।
विभाग ने नोटिस में ट्रस्टों को छूट दी है कि वे आय-व्यय विवरण स्वयं तैयार करके जमा कराएं। अगर विभाग इस विवरण से संतुष्ट नहीं होता है तो नियमानुसार आयकर वसूली की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
जानकारी के अनुसार केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के निर्देश के बाद राज्य में ट्रस्ट संचालित प्रतिष्ठानों को एक हजार नोटिस दिए गए हैं। इनमें लगभग सभी ट्रस्ट संचालित मंदिर भी शामिल हैं।

गे थे अमेरिका के पूर्व प्रेज़िडेंट निक्सन?

वॉशिंगटन।। वॉटरगेट कांड में इस्तीफा देनेवाले अमेरिका के पूर्व प्रेज़िडेंट रिचर्ड निक्सन क्या गे थे ? एक किताब में कुछ ऐसा ही इशारा किया गया है। वाइट हाउस में रिपोर्टर रह चुके डॉन फुलसोम ने अपनी किताब 'निक्सन्स डार्केस्ट सीक्रेट्स' में इशारा किया है कि निक्सन गे थे। किताब में उन्हें बहुत बड़ा शराबी बताया गया है। nixon's-darkest-secrets-1.jpg 
उन्होंने किताब में लिखा है कि निक्सन बहुत बड़े शराबी थे और अपनी पत्नी को अक्सर पीटा करते थे। उनके संबंध अमेरिका के तत्कालीन सबसे शक्तिशाली गुंडे कार्लोस मार्केलो समेत कई माफियाओं से भी थे।

किताब का दावा है कि समलैंगिकों से चिढ़ने वाले निक्सन खुद गे हो सकते हैं। डेली मेल में छपी खबर के मुताबिक, 'फुलसोम ने कहा है कि निक्सन का अपने सबसे अच्छे मित्र चार्ल्स 'बेबे' रेबोजो के साथ अफेयर भी हो सकता है। रेबोजो निक्सन से भी ज्यादा धूर्त व्यक्ति थे।'

अगर यह सच हुआ तो यह निक्सन के व्यवहार और प्रेरणा के बारे में कई दिलचस्प राज खोलेगा। निक्सन अमेरिका के 37वें राष्ट्रपति थे और उन्हें वाटरगेट कांड के चलते इस्तीफा देना पड़ा था। वह 1969 से 1974 तक अमेरिका के प्रेज़िडेंट रहे।

पत्नी ने पति पर कराया बलात्कार का मामला दर्ज


जयपुर। एक पत्नी ने अपने ही पति पर बलात्कार और दहेज प्रताडऩा का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है। दहेज के लिए प्रताडि़त कर बलात्कार करने व तलाक लेने का दबाव बनाने के आरोप में पुलिस ने पति को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ पीडि़ता ने महेश नगर थाने में कोर्ट इस्तगासे से मुकदमा दर्ज कराया था। थानाप्रभारी संजय शर्मा के अनुसार गिरफ्तार आरोपी पंकज अग्रवाल(27) सूर्य नगर, गोपालपुरा बाईपास का रहने वाला है। पीडि़ता से उसकी शादी 7 फरवरी 10 को हुई थी।

पीडि़ता का आरोप है कि शादी के बाद से पंकज व उनके परिजनों ने उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करना शुरु कर दिया व परिजनों को धमकियां देने लगे। इसके बाद जबरन दबाव बनाकर पंकज ने पत्नी से अक्टूबर माह में तलाक की डिक्री लगा दी। तलाक से पहले छह माह की अवधि में साथ रहने के दौरान भी पंकज ने पत्नी को खुद के घर में बंद रखा और इसी दौरान उससे दुराचार किया, फिर उसे पटेल मार्ग, मानसरोवर में छोड़कर आ गया। इसके बाद पीडि़ता ने दिसंबर 11 को महेश नगर थाने में पंकज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर गुरुवार को कोर्ट में पेश किया।

ईरानी महिला सकीना को नहीं होगी फांसी

ईरानी महिला सकीना को नहीं होगी फांसी

तेहरान। ईरान के दक्षिणी प्रांत के न्याय विभाग के प्रमुख ने कहा कि पत्थरों से मारकर मृत्युदंड की निलम्बित सजा का सामना कर रही सकीना मोहम्मदी अस्तियानी को फांसी पर नहीं लटकाया जाएगा। दो बच्चों की मां अस्तियानी की सजा पिछले साल निलम्बित की गई है। इस समय वह प्रांत में 10 वर्ष के कारावास की सजा काट रही है।

मीडिया रिपोर्टों में बुधवार को पूर्वी अजरबेजान के प्रमुख मजिस्ट्रेट मलिक अजदर शरीफी के हवाले से बताया गया कि पिछले कई दिनों से मेरी टिप्पणियां की गलत व्याख्या की जा रही थी। मेरे द्वारा कहलाया जा रहा था कि सकीना मोहम्मदी अस्तियानी को मृत्युदंड किस तरह दिया जाना चाहिए?

रविवार को ईरानी मीडिया ने शरीफी के हवाले से बताया कि इस्लामी विद्वान इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या ऎसी महिला को फांसी पर लटकाया जा सकता है, जिसे पत्थरों से मारकर मौत की नींद सुलाने की सजा सुनाई गई हो।

गौरतलब है कि पूर्वी अजरबेजान प्रांत की राजधानी तबरिज में दो अदालतों ने 2006 में अस्तियानी को पत्थरों से मार कर मौत के घाट उतारने की सजा दी थी। लेकिन उसके मामले में नई जांच को देखते हुए 2010 में सजा टाल दी गई। अस्तियानी 10 वर्ष जेल की सजा काट रही है। उसे अपने पति की हत्या में प्रेमी की मदद करने दोषी ठहराया गया है।

मातृशक्ति राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लियी आगे आई

   मातृशक्ति राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लियी आगे आई

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सेकड़ो पोस्ट कार्ड लिखे मात्र शक्ति ने

राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता दिलाने के लिए



बाड़मेर  राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति तथा मोतीयार परिषद् बाड़मेर के तत्वाधान में गुरूवार को कलेक्ट्रेट परसर के बहर म्हारी जुबान रो तालो खोलो पोस्ट कार्ड अभियान का आयोजन किया गया.गुरूवार को आयोजित अभियान में पहली बार मातृ शक्ति ने बड़े पैमाने पर राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री तथा सांसद को राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता देने की मांग करते हुए पोस्ट कार्ड लिखे .समिति संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थानी भाषास को मस्न्यता दिलाने के लिए समिति द्वारा किये जा रहे प्रयासों को आम जनता का पूरा समर्थन मिल रहा हें वन्ही आम जन अभियान के प्रति काफी जागरूक हुए हें .गुरूवार को बड़ी संख्या में महिलाओ ने आयोजन स्थल पर पंहुच पोस्ट कार्ड लिख अभियान को समर्थन दिया समिति के जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ने बताया की अभियान के प्रति आम जनता में उत्साह हें हर राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए आगे आ रहा हे ,गुरूवार को कलेक्टर परिसर के बाहर सेकड़ो की तादाद में महिलाओं तथा युवतियों ने पोस्ट कार्ड लिख राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता देने का आग्रह किया .अभियान से मात्र शक्ति के जुड़ने से समिति के प्रयासों को बल मिला हें .गुरूवार को मोटियार परिषद् के पाटवी रागुविर सिंह तामलोर ,नगर अध्यकः रमेश सिंह इन्दा,राण सिंह आगोर प्रेम शंकर मीणा,समिति के विजय कुमार ,प्रकाश जोशी ,पूर सिंह राठोड ,भवेंद्र जाखड,भगवान् अहम्पा , छगन सिंह चुली ,अनिल सुखानी ,दिनेश दवे,अशरफ अली ,रहमान जायडू ने आम जन को पोस्ट कार्ड अभियान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर राजस्थानी भाषा को संवेधानिक मान्यता के प्रयासों पर प्रकाश डाला तथा समझईस की .रमेश सिंह इन्दा ने बताया की शुक्रवार को पोस्ट कार्ड अभियान सरदार पूरा में पीपाजी मंदिर के पास चलाया जाकर आम जनता को अभियान से जोड़ कर पोस्ट कार्ड लिखाये जायेंगे .गुरूवार को आम जनता ने अभियान को खुले दिल से समर्थन देकर सहयोग का विशवास दिलाया ,समिति प्रत्येक घर से चार चार पोस्ट कार्ड प्रत्येक वार्ड से लिखाएंगे ताकि राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा सके .

100 दिन रोजगार उपलब्ध कराने में बाड़मेर राज्य में प्रथम


100 दिन रोजगार उपलब्ध कराने में बाड़मेर राज्य में प्रथम 

बाड़मेर जिले ने महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत श्रमसामग्री अनुपात में बजट खर्च करने के साथ प्रत्येक परिवार को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहीं जिले के करीब 14 हजार परिवारों ने वित्तीय वर्ष 201112 में 100 दिन रोजगार प्राप्त किया। 

बाड़मेर, 19 दिसंबर। महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत राजस्थान में वित्तीय वर्ष 2011 12 में श्रम सामग्री अनुपात में खर्च करने एवं 100 दिनों का रोजगार मुहैया करवाने के मापदण्डों पर प्रदेश के 33 जिलों में बाडमेर प्रथम स्थान स्थान पर रहा है। जिले में अब तक 319525 व्यक्तियों को 9935702 मानव दिवस रोजगार उपलब्ध कराया गया है। 
जिला कलक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक डा.वीना प्रधान ने बताया कि वित्तीय वर्ष 201112 के तहत दिसंबर के प्रथम पखवाडे तक की रिपोर्ट के अनुसार योजना के प्रावधानों के अनुसार आनुपातिक स्थिति को बरकरार रखते हुए बाडमेर ने सर्वाधिक राशि खर्च की है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार बाडमेर ने इस वित्तीय वर्ष में कुल 18869.68 लाख खर्च किए है जिसमें श्रम मद में 11992.11 लाख तथा सामग्री मद में 6526.37 लाख सम्मिलित हैं। वहीं प्रासनिक मद में 351.20 लाख रूपए खर्च किए गए। जबकि डूंगरपूर जिला श्रमसामग्री अनुपात में खर्च करने के मामले में राज्य में द्वितीय स्थान पर रहा है। डूंगरपुर जिले ने कुल 11796.11 लाख रुपये खर्च किए है जिसमें श्रम मद पर 10428 लाख तथा सामग्री मद पर 1368.10 लाख हैं। बांसवाडा जिला 11504.39 लाख रुपये खर्च करते हुए तीसरे स्थान पर है। जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रधान ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत 100 दिनों का पूरा रोजगार दिलाने में भी बाडमेर जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। इस वित्तीय वर्ष में बाडमेर ने 13 हजार 929 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया करवाते हुए 99 लाख 35 हजार 702 मानव दिवस सृजित कर राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहीं डूंगरपुर जिले ने 12 हजार 14 परिवारों को सौ दिनों का रोजगार दिलाकर 12 लाख 24 हजार 143 मानव दिवस सृजित कर प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। 
319525 लोगों को मिला रोजगारमहात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वर्ष 201112 में बाड़मेर जिले की चौहटन पंचायत समिति में 27500, धोरीमन्ना में 28486, बाड़मेर में 38146, बायतू में 35419, बालोतरा में 28807, िव में 21581, सिणधरी में 18390 एवं सिवाना पंचायत समिति में 19580 कुल 217909 परिवारों के 319525 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। 
14 हजार परिवारों को मिला 100 दिन का रोजगारः बाड़मेर जिले में वर्ष 201112 के दौरान चौहटन पंचायत समिति में 3483, धोरीमन्ना में 791, बाड़मेर में 2652, बायतू में 2798, बालोतरा में 1104, िव में 811, सिणधरी में 936 एवं सिवाना पंचायत समिति में 1354 कुल 13929 परिवारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया गया। 
33883 कार्य प्रगतिरतः अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी छगनलाल श्रीमाली के मुताबिक बाड़मेर जिले में 33883 कार्य प्रगतिरत है। श्रीमाली के अनुसार बाड़मेर जिले की चौहटन पंचायत समिति में 3784, धोरीमन्ना में 3782, बाड़मेर में 5836, बायतू में 7464, बालोतरा में 5603, िव में 1970, सिणधरी में 4678 एवं सिवाना पंचायत समिति में 766 कुल 33883 कार्य प्रगतिरत है। 
महात्मा गांधी नरेगा ने बाड़मेर जिले की तस्वीर बदल दी है। ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने के साथ पलायन पर अंकुा लगा है। वृहद स्तर पर स्थाई परिसंपतियों का निर्माण हुआ है। महात्मा गांधी नरेगा योजना की बदौलत महिला साक्तिकरण को बावा मिला है। 
डा.वीणा प्रधान,जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर,बाड़मेर 
महात्मा गांधी नरेगा योजना के प्रभावी कि्रयान्वयन के साथ जरूरतमंद को अधिकाधिक लाभ दिलाने के प्रयास किए जा रहे है। बाड़मेर जिले की पेयजल मुख्य समस्या रही है। वृहद स्तर पर टांका निर्माण से ग्रामीणों को पेयजल संकट से राहत मिली है। गे्रवल सड़कों के निर्माण से लोगों को आवागमन की सुविधा हुई है। 
छगनलाल श्रीमाली,अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी,बाड़मेर 

पड़ोसी ने नहाती लड़की का बनाया वीडियो, नाबालिग ने दी जान


चेन्नई.चेन्नई से 90 किलोमीटर दूर मदुरनटकम में एक 15 वर्षीय नाबालिग छात्रा ने पड़ोसी द्वारा नहाते हुए वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने से तंग आकर आत्महत्या कर ली। लड़की के पिता ने पुलिस को बताया कि विद्यासागर नाम के प्रॉपर्टी डीलर ने दो लोगों की मदद से उनके बॉथरूम में कैमरा लगाकर नहाते हुए उनकी बेटी का वीडियो बना लिया। प्रॉपर्टी कारोबारी इस वीडियो को दिखाकर उनकी जमीन पर कब्जा करना चाह रहा था।
मामले की शिकायत पुलिस से कर दी गई है। प्रॉपर्टी डीलर विद्यासागर और उसके दोनों साथी फिलहाल फरार हैं। दसवीं कक्षा की 15 वर्षीय छात्रा मंगलवार शाम को अपने घर के पंखे से लटकते हुए मृत पाई गई थी। लड़की के पिता ने थाने में दर्ज शिकायत में कहा है कि विद्यासागर द्वारा वीडियो को सार्वजनिक करने की धमकी देने के बाद लड़की ने आत्महत्या कर ली। शिकायत में लड़की के पिता ने एस मुनुस्वामी और टी महेश नाम के अपने दो रिश्तेदार का नाम भी दिया है। इनकी मदद से ही उनके घर के बॉथरूम में कैमरा लगाया गया। पुलिस के मुताबिक दोनों परिवारों के बीच पिछले 6 महीने से जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें बनाई हैं। आरोपियों के मोबाइल भी ट्रैक किए जा रहे हैं।

लापता तीन बहनों का शव कुएं में मिला


मेरठ

थाना किठौर क्षेत्र के महलवाला गांव से 14 दिसंबर से लापता तीन बहनों के शव बुधवार ईख के खेत के बीच बने कुएं से मिले हैं। सूचना पाकर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहंुचे। आशंका जताई जा रही है कि इनकी हत्या कई दिनों पहले की गई होगी। अभी तक हत्या के मोटिव का पता नहीं लग पा रहा है। लेकिन इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही है कि हत्यारा कोई आसपास का हो सकता है।

महलवाला गांव निवासी शकील के पांच बच्चे हैं। 14 दिसंबर की शाम करीब छह बजे उसकी तीन बेटियां बुसरा (10), सना (8)और 6 साल की साजिया गांव के ही अख्तर के दुकान से मूंगफली लेने गई थी। देर रात तक उनके न लौटने पर परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की। कोई पता न चलने पर 15 दिसंबर को शकील ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। 17 दिसंबर को पुलिस ने इस मामले को अपहरण की धाराओं में तब्दील कर दिया। परिजन लगातर बच्चियों की तलाश करते रहे , लेकिन कोई सुराग नही मिल पाया।

बुधवार सुबह गांव का 50 साल का रेलू शौच के लिए जंगल में गया था। वहां गोविंदपुरी के भूले के ईख के खेत के बीच बने कुंए की मंुडेर पर उसे लाल रंग का शॉल रखा दिखाई दिया। इस पर रेलू ने कुंए के अंदर झांककर देखा तो तीन शव तैर रहे थे। उसने इस बात की जानकारी गांववालों को दी। खबर सुनते ही गांववाले वहां एकत्रित हो गए। तीनों शवों को निकलवाया गया। शव बुरी तरह फूल गए थे। पुलिस का कहना है कि उनकी हत्या कई दिनों पहले कर दी गई है। मौके पर पहंुची फिंगर एक्सपर्ट की टीम ने नमूने लिए। डॉग स्कवॉड भी वहां बुलाया गया, लेकिन कोई सफलता नही मिल पाई।

उलझन में है पुलिस

तीन बहनों की हत्या के मामले में पुलिस अभी उलझी हुई नजर आ रही है। अभी तक वह यह समझ नहीं पा रही है कि हत्या का मोटिव क्या हो सकता है। शवों को देखकर उसे नहीं लगता कि यह रेप का मामला है। हालांकि उसका कहना है कि पीएम रिपोर्ट आने पर ही इसका खुलासा हो पाएगा। जिस तरह से ईख के खेत के बीच कुआं बना है वह बाहर से दिखाई नहीं देता है। इससे यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि हत्यारा आसपास का ही है, जिसे कुएं की जानकारी रही होगी। पुलिस दुश्मनी की लाइन पर भी काम कर रही है। वहीं पुलिस को यह भी पता चला है कि जिस दिन बच्चियां गुम हुई थीं, उस दिन गांव में बारात आई हुई थी। उनके अलावा मुरादाबाद से कुछ लोग उसी दिन गांव में रजाई बेचने के लिए भी आए हुए थे। उनसे गांव के बाहर पुलिस के एक सिपाही ने पूछताछ भी की थी। पुलिस इन सभी जानकारियों को खंगाल रही है। फिलहाल तो वह अंधेरे में ही तीर चला रही है।






















11 महिलाओं की निर्मम हत्या करने का राज अभी भी बना हुआ है रहस्य

25 नवंबर 1973 की बात है अमेरिका की सख्त पहरे वाली वालपोल स्टेट जेल में अल्बर्ट डिसेल्वो की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। उसके कातिल या फिर कातिलों का कभी पता नहीं चला। यह खबर सुनकर लोगों ने कहा 11 महिलाओं की निर्ममतापूर्वक हत्या करने वाले का यही अंजाम होना था। फिर भी बहुत से लोग इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं थे। 


कहानी शुरू करने से पहले हम आपको बता दें की अल्बर्ट को पकड़ा नहीं गया था, उसे उम्र कैद की सजा उसके ही इकबालिया बयान पर दी गई थी। जून 1962 से महिलाओं के साथ ज्यादती और हत्याओं का सिलसिला शुरू हुआ था, जो जनवरी 1964 तक चला था। इस अज्ञात हत्यारे को लोगों ने बोस्टन स्टैंगलर नाम दे दिया था। मार्च 1965 में अल्बर्ट ने हत्याएं करना कबूल किया था। जांच में उसने मारी गई महिलाओं के घर और कपड़ों जैसी सही जानकारियां दी थीं। इसलिए उसे आरोपी मानते हुए सजा दी गई थी। फिर भी कहते हैं कि उसने कुछ बातें गलत भी बताई थीं।



एक अखबार ने इस मामले में तहकीकात की थी, जिसके हिसाब से अल्बर्ट ने अज्ञात हत्यारे पर घोषित इनाम लेने के लिए जुर्म कबूल किया था। अपने गरीब परिवार की मदद करने के लिए उसने यह इनाम दूसरे कैदी के मार्फत लिया था। फिर केस की कमजोर जांच में सुराख तलाशे जाने लगे। पता चला सभी हत्याओं के तरीके में फर्क था। इसलिए यह काम अलग-अलग लोगों का होना चाहिए था।



अल्बर्ट के गिरफ्तार होने के बाद भी ऐसे मामले दर्ज होते रहे। 2001 में फिर से जांच के लिए अल्बर्ट और उसकी आखिरी शिकार महिला का शव कब्र से निकाला गया था। डीएनए टेस्ट से पता चला कि अल्बर्ट ने महिला के साथ ज्यादती नहीं की थी। इसका मतलब दूसरे मामलों में भी उसका हाथ नहीं रहा होगा तो फिर बोस्टन स्टैंगलर कौन था? ये एक राज बन गया।

4 साल तक करता रहा सेक्स, जब दुल्हन बनाने की बात आई तो...

शिमला.नगरोटा बगवां .नगरोटा बगवां के चाहड़ी गांव में रहने वाली युवती ने अपने ही पड़ोसी पर पिछले चार वर्षो से शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। नगरोटा पुलिस ने बुधवार को कांगड़ा न्यायालय के आदेश पर चाहड़ी निवासी अशोक कुमार को युवती का शारीरिक शोषण करने के आरोप मंे गिरफ्तार किया है।

नगरोटा थाना प्रभारी कुलदीप शर्मा ने बताया कि चाहड़ी गांव की 21 वर्षीय युवती ने कांगड़ा न्यायालय में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उसी गांव का अशोक कुमार उसे शादी का झांसा देकर पिछले चार वर्ष से उसका शारीरिक शोषण कर रहा है। इस संबंध मंे जब भी युवती ने अपने और युवक के परिजनों से बात करने का प्रयास किया तो युवक ने उसे जान से मारने की धमकी दी, जिसके चलते उसने मुंह बंद रखा। पुलिस ने अशोक कुमार को गिरफ्तार कर आईपीसी की धारा 376, 506 के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।


दुकान में लगी आग

बरठीं. बाजार में स्कूल रोड पर मूर्ति ऑफसेट प्रिंटर्स की एक दुकान में लगी आग से लाखों का सामान राख हो गया है। आग से एक कंप्यूटर व तीन प्रिंटरों सहित स्टेशनरी, कार्ड सहित अन्य सारा सामान नष्ट हो गया। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उनकी जली हुई दुकान को उचित मुआवजा व उनका लोन माफ किया जाए ताकि उन्हें राहत मिल सके।

टक्कर में एक घायल


ऊना. मुख्यालय में कार-स्कूटर की भिड़ंत में एक व्यक्ति घायल हो गया। घायल बलराज सैणी निवासी कोटलाकलां को उपचार के लिए रीजनल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने उसकी शिकायत पर कार ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है।



नशा करते छात्र पकड़ा, निष्कासन का निर्णय

कुल्लू. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ढालपुर के 11छात्रों को स्कूल के समय में नशीली वस्तुओं के साथ पकड़ा गया। स्कूल प्रशासन के अनुसार उन्हें फोन के माध्यम से जानकारी मिली थी कि उनके स्कूल के कुछ छात्र बालाबेहड़ के पास नशा कर रहे हैं।


जिसके चलते स्कूल के अध्यापक असीम राणा की अगुवाई में घटना स्थल की ओर रवाना हुआ। जहां उन्होंने 11 छात्रों को नशीली वस्तुओं का सेवन करते हुए दबोच लिया। स्कूल के प्रधानाचार्य एनआर भारती ने बताया कि वीरवार को इस प्रकरण को लेकर बैठक बुलाई गई है। जिसमें छात्रों के निष्कासन का निर्णय लिया जाएगा।




दर्दनाक प्रथा : अपनों की मौत पर अंगुलियां काटकर मनाते हैं शोक

दुनियाभर के कई समाजों में शोक या फिर पश्चाताप के लिए शरीर के अंग काटने की प्रथा प्रचलित है। यह बात सबसे ज्यादा इंडोनेशिया के पपुआ में रहने वाले दानी आदिवासियों में पाई जाती है। ये लोग आमतौर पर संबंधियों के अंतिम संस्कार के दौरान अपना दु:ख व्यक्त करने के लिए अंगुलियां काट लेते हैं। दु:ख जाहिर करने के लिए ये लोग अपने चेहरे पर मिट्टी या फिर राख भी मल लेते हैं।
 

आश्चर्य की बात यह है कि सबसे ज्यादा महिलाओं को ये भुगतना पड़ता है। अगर मरने वाला व्यक्ति शक्तिशाली है तो उन्हें लगता है कि उसकी आत्मा को शांत करने के लिए ऐसा करना पड़ेगा। वहां और भी कई विचित्र प्रथाएं प्रचलित हैं। अंगुलियों को काटने से पहले आधे घंटे तक कसकर बांधा जाता है। कटी हुई अंगुलियों को जलाकर उनकी राख कुछ खास स्थानों पर दफन की जाती है।



वे कहते हैं कि शारीरिक दर्द महसूस करने के बाद आदमी अपने प्रियजन को खोने का दर्द जाहिर कर सकता है। परिवार का ही सदस्य जैसे माता, पिता या फिर भाई-बहन अंगुलियां काटते हैं। एक और प्रथा है जिसमें मां बच्चे की छोटी अंगुली का अग्र भाग अपने दांतों से काटती है।



एक समय था जब वहां महामारी के कारण नवजात शिशुओं की मौत बहुत होती थी। ऐसे में यह प्रथा शुरू हुई थी। उन्हें लगता था कि ऐसा करने से बच्चे की उम्र बढ़ जाएगी। पिछले कुछ सालों से ऐसी प्रथाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। फिर भी वहां बहुत-सी बुजुर्ग महिलाएं देखा जा सकता है, जिनकी पांचों अंगुलियां नहीं हैं

जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक आमने-सामने


जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक आमने-सामने

पूर्व विधायक बारूपाल ने जिला कांग्रेस अध्यक्ष को कहा शराबी

जिलाध्यक्ष रावताराम ने भी पूर्व विधायकों पर लगाए आरोप, सुनाई खरी-खरी

जैसलमेर  कांग्रेसी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और जनप्रतिनिधि एकत्र तो कांग्रेस का स्थापना दिवस मनाने के लिए हुए थे लेकिन पूरा कार्यक्रम आरोप-प्रत्यारोपों में सिमट गया। कार्यक्रम की शुरुआत तो ढंग से हुई लेकिन जैसे ही पूर्व विधायक मुल्तानाराम बारूपाल ने बोलना शुरू किया बात बिगडऩे लगी। पूर्व विधायक बारूपाल ने अपने संबोधन में जिलाध्यक्ष रावताराम पर कई आरोप लगाए। बारूपाल ने संगठन को भी कमजोर बताते हुए कहा कि जिले में चार-चार कांग्रेस संगठन चल रहे हैं। जिलाध्यक्ष ने भी पूर्व विधायक बारूपाल पर जमकर आरोप लगाए। उन्होंने उनपर संगठन के खिलाफ रहने का भी आरोप जड़ा। माहौल इतना बिगड़ गया कि स्थापना दिवस धूमिल हो गया और आपसी बहस छिड़ गई। इस दौरान कई कार्यकर्ता चल रहे झगड़े को मनोरंजन समझकर देखते रहे तो कई चलते बने। इस दौरान कुछ एक ने बीच बचाव भी किया लेकिन बात नहीं बनी।

जिलाध्यक्ष तो नशे में चूर रहता है :बात इतनी बिगड़ गई कि स्थापना दिवस का कार्यक्रम खत्म होते ही पूर्व विधायक बारूपाल व जिलाध्यक्ष आमने सामने हो गए। इस दौरान पूर्व विधायक ने जिलाध्यक्ष से कहा कि आप तो दिन भर शराब व अफीम के नशे में रहते हैं, आपको क्या पता संगठन कैसे चलता है।

जिलाध्यक्ष ने भी निकाली भड़ास : बैठक के बाद शुरू हुई बहस में जिलाध्यक्ष भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने पूर्व विधायक मुल्तानाराम बारूपाल व गोवद्र्धन कल्ला पर संगठन के खिलाफ जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बारूपाल ने जिला परिषद के चुनावों में करणसिंह को हराया और कल्ला ने एमएलए चुनावों में कांग्रेस की उम्मीदवार सुनीता भाटी को हरवाया। शेष त्नपेज १२

जिलाध्यक्ष ने कहा कि दोनों ही नेता हमेशा से संगठन के खिलाफ कार्य करते आ रहे हैं।

127वां स्थापना दिवस मनाया: जिला कांग्रेस कमेटी ने गुरुवार को 127वां स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष रावताराम की अध्यक्षता में समारोह आयोजित हुआ जिसमें स्थापना दिवस पर मिठाई बांटकर व एक दूसरे को बधाई दी गई। मीडिया प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष शंकरलाल माली ने बताया कि इस अवसर पर पूर्व विधायक मुल्तानाराम बारूपाल व गोवद्र्धन कल्ला, प्रधान मूलाराम चौधरी, नगरपालिका अध्यक्ष अशोक तंवर, जनकसिंह भाटी, गाजी खां, सुमार खां, प्रेमलता चौहान, प्राप्ति राठौड़, खटन खां, जगदीश चूरा, गोपालसिंह, मेघराज परिहार, उगमसिंह, आनंद व्यास, यासीन अली, संतोष पुरोहित, सरस्वती छंगाणी, रामकंवर देवड़ा, हाजी मोहम्मद अनवर खां, चंद्रशेखर थानवी, देवीलाल माली, रमेश बिस्सा, शेराराम, गोरधनराम, डलाराम मेगे खां, मदन सोनी, गजेन्द्र गहलोत, हेमसिंह भाटिया, प्रेम भार्गव, तगाराम, दिनेशपालसिंह, आनंदसिंह, दरमाराम, जेनाराम सत्याग्रही, गणपत दैया, जेठाराम, जितेंद्रसिंह, मगाराम, रमेश माली, मोहम्मद रसीद, गणेश माली आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।