25 नवंबर 1973 की बात है अमेरिका की सख्त पहरे वाली वालपोल स्टेट जेल में अल्बर्ट डिसेल्वो की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई थी। उसके कातिल या फिर कातिलों का कभी पता नहीं चला। यह खबर सुनकर लोगों ने कहा 11 महिलाओं की निर्ममतापूर्वक हत्या करने वाले का यही अंजाम होना था। फिर भी बहुत से लोग इस बात से पूरी तरह सहमत नहीं थे।
कहानी शुरू करने से पहले हम आपको बता दें की अल्बर्ट को पकड़ा नहीं गया था, उसे उम्र कैद की सजा उसके ही इकबालिया बयान पर दी गई थी। जून 1962 से महिलाओं के साथ ज्यादती और हत्याओं का सिलसिला शुरू हुआ था, जो जनवरी 1964 तक चला था। इस अज्ञात हत्यारे को लोगों ने बोस्टन स्टैंगलर नाम दे दिया था। मार्च 1965 में अल्बर्ट ने हत्याएं करना कबूल किया था। जांच में उसने मारी गई महिलाओं के घर और कपड़ों जैसी सही जानकारियां दी थीं। इसलिए उसे आरोपी मानते हुए सजा दी गई थी। फिर भी कहते हैं कि उसने कुछ बातें गलत भी बताई थीं।
एक अखबार ने इस मामले में तहकीकात की थी, जिसके हिसाब से अल्बर्ट ने अज्ञात हत्यारे पर घोषित इनाम लेने के लिए जुर्म कबूल किया था। अपने गरीब परिवार की मदद करने के लिए उसने यह इनाम दूसरे कैदी के मार्फत लिया था। फिर केस की कमजोर जांच में सुराख तलाशे जाने लगे। पता चला सभी हत्याओं के तरीके में फर्क था। इसलिए यह काम अलग-अलग लोगों का होना चाहिए था।
अल्बर्ट के गिरफ्तार होने के बाद भी ऐसे मामले दर्ज होते रहे। 2001 में फिर से जांच के लिए अल्बर्ट और उसकी आखिरी शिकार महिला का शव कब्र से निकाला गया था। डीएनए टेस्ट से पता चला कि अल्बर्ट ने महिला के साथ ज्यादती नहीं की थी। इसका मतलब दूसरे मामलों में भी उसका हाथ नहीं रहा होगा तो फिर बोस्टन स्टैंगलर कौन था? ये एक राज बन गया।
कहानी शुरू करने से पहले हम आपको बता दें की अल्बर्ट को पकड़ा नहीं गया था, उसे उम्र कैद की सजा उसके ही इकबालिया बयान पर दी गई थी। जून 1962 से महिलाओं के साथ ज्यादती और हत्याओं का सिलसिला शुरू हुआ था, जो जनवरी 1964 तक चला था। इस अज्ञात हत्यारे को लोगों ने बोस्टन स्टैंगलर नाम दे दिया था। मार्च 1965 में अल्बर्ट ने हत्याएं करना कबूल किया था। जांच में उसने मारी गई महिलाओं के घर और कपड़ों जैसी सही जानकारियां दी थीं। इसलिए उसे आरोपी मानते हुए सजा दी गई थी। फिर भी कहते हैं कि उसने कुछ बातें गलत भी बताई थीं।
एक अखबार ने इस मामले में तहकीकात की थी, जिसके हिसाब से अल्बर्ट ने अज्ञात हत्यारे पर घोषित इनाम लेने के लिए जुर्म कबूल किया था। अपने गरीब परिवार की मदद करने के लिए उसने यह इनाम दूसरे कैदी के मार्फत लिया था। फिर केस की कमजोर जांच में सुराख तलाशे जाने लगे। पता चला सभी हत्याओं के तरीके में फर्क था। इसलिए यह काम अलग-अलग लोगों का होना चाहिए था।
अल्बर्ट के गिरफ्तार होने के बाद भी ऐसे मामले दर्ज होते रहे। 2001 में फिर से जांच के लिए अल्बर्ट और उसकी आखिरी शिकार महिला का शव कब्र से निकाला गया था। डीएनए टेस्ट से पता चला कि अल्बर्ट ने महिला के साथ ज्यादती नहीं की थी। इसका मतलब दूसरे मामलों में भी उसका हाथ नहीं रहा होगा तो फिर बोस्टन स्टैंगलर कौन था? ये एक राज बन गया।
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