गुरुवार, 29 दिसंबर 2011

100 दिन रोजगार उपलब्ध कराने में बाड़मेर राज्य में प्रथम


100 दिन रोजगार उपलब्ध कराने में बाड़मेर राज्य में प्रथम 

बाड़मेर जिले ने महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत श्रमसामग्री अनुपात में बजट खर्च करने के साथ प्रत्येक परिवार को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहीं जिले के करीब 14 हजार परिवारों ने वित्तीय वर्ष 201112 में 100 दिन रोजगार प्राप्त किया। 

बाड़मेर, 19 दिसंबर। महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत राजस्थान में वित्तीय वर्ष 2011 12 में श्रम सामग्री अनुपात में खर्च करने एवं 100 दिनों का रोजगार मुहैया करवाने के मापदण्डों पर प्रदेश के 33 जिलों में बाडमेर प्रथम स्थान स्थान पर रहा है। जिले में अब तक 319525 व्यक्तियों को 9935702 मानव दिवस रोजगार उपलब्ध कराया गया है। 
जिला कलक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक डा.वीना प्रधान ने बताया कि वित्तीय वर्ष 201112 के तहत दिसंबर के प्रथम पखवाडे तक की रिपोर्ट के अनुसार योजना के प्रावधानों के अनुसार आनुपातिक स्थिति को बरकरार रखते हुए बाडमेर ने सर्वाधिक राशि खर्च की है। विभागीय रिपोर्ट के अनुसार बाडमेर ने इस वित्तीय वर्ष में कुल 18869.68 लाख खर्च किए है जिसमें श्रम मद में 11992.11 लाख तथा सामग्री मद में 6526.37 लाख सम्मिलित हैं। वहीं प्रासनिक मद में 351.20 लाख रूपए खर्च किए गए। जबकि डूंगरपूर जिला श्रमसामग्री अनुपात में खर्च करने के मामले में राज्य में द्वितीय स्थान पर रहा है। डूंगरपुर जिले ने कुल 11796.11 लाख रुपये खर्च किए है जिसमें श्रम मद पर 10428 लाख तथा सामग्री मद पर 1368.10 लाख हैं। बांसवाडा जिला 11504.39 लाख रुपये खर्च करते हुए तीसरे स्थान पर है। जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रधान ने बताया कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत 100 दिनों का पूरा रोजगार दिलाने में भी बाडमेर जिला प्रदेश में प्रथम स्थान पर है। इस वित्तीय वर्ष में बाडमेर ने 13 हजार 929 परिवारों को 100 दिनों का रोजगार मुहैया करवाते हुए 99 लाख 35 हजार 702 मानव दिवस सृजित कर राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। वहीं डूंगरपुर जिले ने 12 हजार 14 परिवारों को सौ दिनों का रोजगार दिलाकर 12 लाख 24 हजार 143 मानव दिवस सृजित कर प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। 
319525 लोगों को मिला रोजगारमहात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत वर्ष 201112 में बाड़मेर जिले की चौहटन पंचायत समिति में 27500, धोरीमन्ना में 28486, बाड़मेर में 38146, बायतू में 35419, बालोतरा में 28807, िव में 21581, सिणधरी में 18390 एवं सिवाना पंचायत समिति में 19580 कुल 217909 परिवारों के 319525 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। 
14 हजार परिवारों को मिला 100 दिन का रोजगारः बाड़मेर जिले में वर्ष 201112 के दौरान चौहटन पंचायत समिति में 3483, धोरीमन्ना में 791, बाड़मेर में 2652, बायतू में 2798, बालोतरा में 1104, िव में 811, सिणधरी में 936 एवं सिवाना पंचायत समिति में 1354 कुल 13929 परिवारों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराया गया। 
33883 कार्य प्रगतिरतः अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी छगनलाल श्रीमाली के मुताबिक बाड़मेर जिले में 33883 कार्य प्रगतिरत है। श्रीमाली के अनुसार बाड़मेर जिले की चौहटन पंचायत समिति में 3784, धोरीमन्ना में 3782, बाड़मेर में 5836, बायतू में 7464, बालोतरा में 5603, िव में 1970, सिणधरी में 4678 एवं सिवाना पंचायत समिति में 766 कुल 33883 कार्य प्रगतिरत है। 
महात्मा गांधी नरेगा ने बाड़मेर जिले की तस्वीर बदल दी है। ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलने के साथ पलायन पर अंकुा लगा है। वृहद स्तर पर स्थाई परिसंपतियों का निर्माण हुआ है। महात्मा गांधी नरेगा योजना की बदौलत महिला साक्तिकरण को बावा मिला है। 
डा.वीणा प्रधान,जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर,बाड़मेर 
महात्मा गांधी नरेगा योजना के प्रभावी कि्रयान्वयन के साथ जरूरतमंद को अधिकाधिक लाभ दिलाने के प्रयास किए जा रहे है। बाड़मेर जिले की पेयजल मुख्य समस्या रही है। वृहद स्तर पर टांका निर्माण से ग्रामीणों को पेयजल संकट से राहत मिली है। गे्रवल सड़कों के निर्माण से लोगों को आवागमन की सुविधा हुई है। 
छगनलाल श्रीमाली,अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी,बाड़मेर 

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