आयकर विभाग ने ट्रस्ट से चलने वाले राजधानी समेत प्रदेश के तमाम मंदिरों को नोटिस भेजे हैं। नोटिस में मंदिरों को चढ़ावे का हिसाब देने के साथ उस राशि का हिसाब देने को कहा गया है जो गरीबों की मदद के नाम पर छूट के दायरे में आती है।
विभाग ने आयकर की धारा 143 (3) के तहत ये नोटिस जारी किए हैं। इसमें ट्रस्टों को भी आमदनी का हिसाब किताब देना होगा। जिन ट्रस्टों ने आम जन की कल्याणकारी योजनाओं के लिए तय राशि पर आयकर जमा कराने से छूट ले रखी है, उन्हें भी ये नोटिस भेजे गए हैं। उनसे उस राशि का भी हिसाब मांगा है जिस पर उन्होंने छूट के तहत आयकर नहीं जमा कराया। विभाग ने मंदिर ट्रस्टों को दिसम्बर, 2012 तक जवाब देने का वक्त दिया है। तब तक नोटिस का जवाब पेश नहीं करने या संतोषजनक जवाब ना मिलने पर कर वसूलने की कार्रवाई हो सकती है।
विभाग ने नोटिस में ट्रस्टों को छूट दी है कि वे आय-व्यय विवरण स्वयं तैयार करके जमा कराएं। अगर विभाग इस विवरण से संतुष्ट नहीं होता है तो नियमानुसार आयकर वसूली की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
जानकारी के अनुसार केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के निर्देश के बाद राज्य में ट्रस्ट संचालित प्रतिष्ठानों को एक हजार नोटिस दिए गए हैं। इनमें लगभग सभी ट्रस्ट संचालित मंदिर भी शामिल हैं।
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