ईरानी महिला सकीना को नहीं होगी फांसी
तेहरान। ईरान के दक्षिणी प्रांत के न्याय विभाग के प्रमुख ने कहा कि पत्थरों से मारकर मृत्युदंड की निलम्बित सजा का सामना कर रही सकीना मोहम्मदी अस्तियानी को फांसी पर नहीं लटकाया जाएगा। दो बच्चों की मां अस्तियानी की सजा पिछले साल निलम्बित की गई है। इस समय वह प्रांत में 10 वर्ष के कारावास की सजा काट रही है।
मीडिया रिपोर्टों में बुधवार को पूर्वी अजरबेजान के प्रमुख मजिस्ट्रेट मलिक अजदर शरीफी के हवाले से बताया गया कि पिछले कई दिनों से मेरी टिप्पणियां की गलत व्याख्या की जा रही थी। मेरे द्वारा कहलाया जा रहा था कि सकीना मोहम्मदी अस्तियानी को मृत्युदंड किस तरह दिया जाना चाहिए?
रविवार को ईरानी मीडिया ने शरीफी के हवाले से बताया कि इस्लामी विद्वान इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या ऎसी महिला को फांसी पर लटकाया जा सकता है, जिसे पत्थरों से मारकर मौत की नींद सुलाने की सजा सुनाई गई हो।
गौरतलब है कि पूर्वी अजरबेजान प्रांत की राजधानी तबरिज में दो अदालतों ने 2006 में अस्तियानी को पत्थरों से मार कर मौत के घाट उतारने की सजा दी थी। लेकिन उसके मामले में नई जांच को देखते हुए 2010 में सजा टाल दी गई। अस्तियानी 10 वर्ष जेल की सजा काट रही है। उसे अपने पति की हत्या में प्रेमी की मदद करने दोषी ठहराया गया है।
तेहरान। ईरान के दक्षिणी प्रांत के न्याय विभाग के प्रमुख ने कहा कि पत्थरों से मारकर मृत्युदंड की निलम्बित सजा का सामना कर रही सकीना मोहम्मदी अस्तियानी को फांसी पर नहीं लटकाया जाएगा। दो बच्चों की मां अस्तियानी की सजा पिछले साल निलम्बित की गई है। इस समय वह प्रांत में 10 वर्ष के कारावास की सजा काट रही है।
मीडिया रिपोर्टों में बुधवार को पूर्वी अजरबेजान के प्रमुख मजिस्ट्रेट मलिक अजदर शरीफी के हवाले से बताया गया कि पिछले कई दिनों से मेरी टिप्पणियां की गलत व्याख्या की जा रही थी। मेरे द्वारा कहलाया जा रहा था कि सकीना मोहम्मदी अस्तियानी को मृत्युदंड किस तरह दिया जाना चाहिए?
रविवार को ईरानी मीडिया ने शरीफी के हवाले से बताया कि इस्लामी विद्वान इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या ऎसी महिला को फांसी पर लटकाया जा सकता है, जिसे पत्थरों से मारकर मौत की नींद सुलाने की सजा सुनाई गई हो।
गौरतलब है कि पूर्वी अजरबेजान प्रांत की राजधानी तबरिज में दो अदालतों ने 2006 में अस्तियानी को पत्थरों से मार कर मौत के घाट उतारने की सजा दी थी। लेकिन उसके मामले में नई जांच को देखते हुए 2010 में सजा टाल दी गई। अस्तियानी 10 वर्ष जेल की सजा काट रही है। उसे अपने पति की हत्या में प्रेमी की मदद करने दोषी ठहराया गया है।
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