मंगलवार, 15 दिसंबर 2015

रांची।भूकम्प के झटकों से हिला बिहार-झाड़खंड, घरों से बाहर निकले ख़ौफ़ज़दा लोग- दीवारों में आई दरारें



रांची।भूकम्प के झटकों से हिला बिहार-झाड़खंड, घरों से बाहर निकले ख़ौफ़ज़दा लोग- दीवारों में आई दरारें


बिहार और झाड़खंड में आज भूकम्प के ज़बरदस्त झटके महसूस हुए। सुबह करीब 8 बजकर 8 मिनट पर इन दोनों राज्यों के ज़्यादातर इलाकों पर भूकम्प के झटके महसूस किये गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.2 बताई जा रही है।

जानकारी के मुताबिक़ भूकंप के झटके बिहार के भी कुछ हिस्से जमुई ,बांका ,भागलपुर आदि जिलों में महसूस किए गए। वहीं, झारखंड के देवघर, गिरिडीह और धनबाद सहित कई इलाके में भूकम्प के झटके लगे। बताया जा रहा है कि ये झटके रुक-रुक कर करीब 5 सकेंड तक महसूस किए गए।

भूकंप के झटकों से सहमे लोग अपने घरो से बाहर निकल गए। भूकंप के इस झटके से कई लोगों के घरों की दीवार पर दरारें आने की भी।

जैसलमेर। अब रेतीले धोरों से लगती पाक सीमा पर आसान होगी पेट्रोलिंग

जैसलमेर। अब रेतीले धोरों से लगती पाक सीमा पर आसान होगी पेट्रोलिंग



जैसलमेर। पश्चिमी राजस्थान से लगती पाक सीमाओें की सुरक्षा के लिए बीएसएफ को नए सैण्ड स्कूटर मिलने वाले हैं। पिछले लम्बे समय से इस रेगिस्तानी सीमा पर चौकसी के लिए जवानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था लिहाजा अब बीएसएफ ने सैण्ड स्कूटर खरीदने का मन बना लिया है।

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जानकार सूत्रों की मानें तो पूर्व में बीएसएफ इन रेतीली सीमाओं की सुरक्षा के लिये रेगिस्तान के जहाज उंट का उपयोग लेता था। लेकिन समय बदलने के साथ आधुनिक तकनीकों के विकास होने से अब उंट से भी अधिक उपयोगी सैण्ड स्कूटर जो तेज गति के साथ रेतीले धोरों पर चलते हैं को बीएसएफ अपना साथी बनाने जा रही है। बीएसएफ ने कुछ समय पहले ट्रायल के लिए कुछ सैण्ड स्कूटर खरीदे थे। इन्हें जैसलमेर से लगती सीमा पर प्रायोगिक रूप से उपयोग में लिया था, प्रयोग सफल होने के बाद अब बीएसएफ हर कंपनी हेडक्वार्टर के लिए एक स्कूटर खरीदने की योजना बना रही है। जैसलमेर में चार सीमा चौकियों को मिला कर एक कंपनी हेडक्वार्टर होता है और ऐसे कुल 30 कंपनी हेडक्वार्टर हैं, जिन पर सैण्ड स्कूटर खरीदने की योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है।



हालांकि बीएसएफ द्वारा सैण्ड स्कूटरों के उपयोग के बाद से संभावना जताई जा रही थी कि अब यहां से उंटों को रिटायर कर दिया जायेगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि उंट हमेेशा उनका भरोसेमंद साथी रहा है और वे इसे कभी रिटायर नहीं करेंगे। उंटों के साथ साथ आधुनिक तकनीकों के उपयोग को बल में बढाने के लिये सैण्ड स्कूटर खरीदे जायेंगे। सैण्ड स्कूटर खरीदे जाने के बाद जैसलमेर की दुर्गम सीमाएं जहां दूर दूर तक रेतीले धोरे फैलें हुए हैं वहां पर तत्काल पहुंच के लिए इन स्कूटरों का उपयोग किया जायेगा और साथ ही दुर्गम व विपरीत परिस्थितियों में त्वरित मूवमेंट के लिए भी ये स्कूटर उपयोगी साबित हो सकेगें।

जैसलमेर। वॉर मेमोरियल बने गौरवशाली इतिहास के गवाह

जैसलमेर। वॉर मेमोरियल बने गौरवशाली इतिहास के गवाह

जैसलमेर। जैसलमेर के पर्यटन इतिहास में भारतीय सेना द्वारा नया अध्याय पर्यटकों को खूब रास आ रहा है। 1965 व 1971 में हुए भारत—पाक युद्धों की यादों को आम जनता के बीच रखने और इन युद्धों में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए सेना द्वारा जैसलमेर—जोधपुर रोड़ पर वार म्यूजियम का निर्माण किया गया। इस म्यूजियम में 65 व 71 के युद्ध के दौरान काम में आए हथियार, टैंक, हवाई जहाज एवं युद्ध के जीवन्त चित्रों की प्रदर्शनी आमजन व जैसलमेर आने वाले देशी व विदेशी सैलानियों के लिए लगाई गई। अब ये प्रदर्शनी जैसलमेर के पर्यटन व्यवसाय में मील का पत्थर साबित होती नजर आ रही है।

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जैसलमेर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर भारतीय सेना द्वारा निर्मित वॉर म्यूजियम इन दिनों पर्यटकों के साथ आमजन के लिए भी भ्रमण के मुख्य केंद्र के रुप में स्थापित हो चुका है। भ्रमण के लिए जाने वाले लोगों के लिए बेहद शांत वातावरण में स्थित वॉर म्यूजियम में ठंडी हवा के साथ मधुर देशभक्ति गीत रोम-रोम में देश के लिए शहीद हुए लोगों की याद के साथ रोमांच भर रहा है।



वॉर म्यूजियम को देखने रोजाना सैकडों लोग पहुंच रहे हैं। वॉर म्यूजियम में भ्रमण के बाद लोगों के मन में भारतीय सेना की शानदार छवि की छाप और ज्यादा गहरी हो रही है। 24 अगस्त को शुरू हुए वॉर म्यूजियम को अब तक लगभग 70 हजार लोग निहार चुके हैं। वॉर म्यूजियम देखने वालों में लगभग 5 से 6 हजार विदेशी पर्यटक भी शामिल है। आमजन के साथ पर्यटक भी इसे अविस्मरणीय बता रहे हैं।

भरतपुर। नगर पालिका चुनावों में निर्दलियों ने दिखाया दम, 190 में से 120 सीटें जीती

भरतपुर। नगर पालिका चुनावों में निर्दलियों ने दिखाया दम, 190 में से 120 सीटें जीती


भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर जिले की आठ नगर पालिका क्षेत्रों में हुए चुनावों का नतीजा घोषित कर दिया गया है। नगर पालिका चुनाव में निर्दलियों ने बाजी मारते हुए 190 में से 120 सीटों पर कब्जा जमाया है। आज सुबह लगभग सवा दो घंटों तक चले उतार-चढ़ाव भरे परिणामों के बाद निर्दलियों ने ताल ठोकते हुए सत्ताधारी दल बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस को आइना दिखा दिया। भरतपुर में आठ नगर पालिका क्षेत्रों में कुल 190 वार्ड है जिनमें से दो वार्डों में निर्विरोध पार्षद पहले ही चुन लिए गए है जबकि 188 वार्डो में मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू हुई थी।

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निर्दलीय उम्मीदवारों ने कुल 190 सीटों में से 120 पर कब्जा जमा लिया, वहीं भारतीय जनता पार्टी ने 58 सीटों पर विजय हासिल की है। इसके साथ ही कांग्रेस महज 11 सीटों पर सिमट कर रह गई। निर्दलीय उम्मीदवार इन चुनावों में किंग मेकर बनकर उभरे हैं। भुसावर पालिका क्षेत्र के वार्ड 2 में ईवीएम मशीन खराब होने के कारण काफी देर तक परिणाम अटका रहा। काफी देर की मशक्कत के बाद इंजीनियर के आने पर मशीन को ठीक किया गया तब कहीं जाकर परिणाम जारी हो सका।



जिस तरह से चुनाव परिणाम आए हैं वे बेहद चौंकाने वाले हैं क्योंकि नगर पालिका बोर्ड बगैर निर्दलियों के नहीं बनाया जा सकता। एक दिन पहले अपने दो साल के कार्यकाल का जश्न मना चुकी भाजपा सरकार के जनादेश में कहीं ना कहीं गिरावट आई है।

चित्तौडग़ढ़ तस्कर को 20 वर्ष का कठोर कारावास



चित्तौडग़ढ़ तस्कर को 20 वर्ष का कठोर कारावास


डोडा चूरा तस्करी के मामले में विशेष न्यायालय एनडीपीएस क्रमांक-दो ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए अभियुक्त को 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं दो लाख रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई।

विशेष लोक अभियोजक अर्जुनलाल तिवारी ने बताया कि 20 अप्रेल 2005 को निम्बाहेड़ा के तत्कालीन पुलिस उप अधीक्षक शांतिलाल चौबिसा को मुखबिर से डोडा चूरा तस्करी की सूचना मिली थी।

इस पर उच्च अधिकारियों को सूचना देकर निम्बाहेड़ा पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए। निम्बाहेड़ा थाना इंचार्ज शिवराजसिंह ने नीमच मार्ग पर पुराने टोल नाके के यहां नाकाबंदी की। नाकाबंदी के दौरान एक ट्रक आया, जिसे जाप्ते ने हाथ देकर रुकवाया।

ट्रक से एक आरोपित फरार हो गया जबकि पुलिस जाप्ते ने एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया। पुलिस ने ट्रक की जांच की तो उसमें ऊपर प्याज की बोरियां व नीचे दूसरी बोरियों में पीसा हुआ डोडा चूरा भरा हुआ था।

पुलिस ने ट्रक से 37 क्विंटल 29 किलो डोडा चूरा जब्त कर हरियाणा के न्यू भगत नगर, पानीपत निवासी सुरेन्द्रसिंह उर्फ पप्पू पुत्र प्रेमसिंह जाट को गिरफ्तार कर फरार हुए माण्डी निवासी जगमेरसिंह उर्फ जसमेरसिंह पुत्र भीमसिंह जाट को नामजद किया।

बाद में पुलिस ने जगमेरसिंह को भी गिरफ्तार कर लिया। जांच के बाद दोनों आरोपित के विरुद्ध न्यायालय में चालान पेश किया।

विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस प्रकरण क्रमांक-दो विक्रांत गुप्ता ने सोमवार को फैसला सुनाते हुए अभियुक्त जगमेरसिंह उर्फ जसमेरसिंह जाट को एनडीपीएस प्रकरण 8/15 के तहत दोषी माना।

आरोपित को 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं दो लाख रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई। वहीं सुरेन्द्रसिंह उर्फ पप्पू को एक सितम्बर 2008 को मफरुर घोषित किया।

इसके विरुद्ध अनुसंधान खुला रखने के आदेश दिए हैं। न्यायालय में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से 15 गवाह एवं 22 दस्तावेज पेश किए गए।

खास रिपोर्ट पहली बार। भारत पाक युद्ध के महानायक। भारत को जीत दिलाने ख़ास योगदान था बलवंत सिंह बाखासर का।

खास रिपोर्ट पहली बार। भारत पाक युद्ध के महानायक। भारत को जीत दिलाने ख़ास योगदान था बलवंत सिंह बाखासर का। 

+91 75064 54326‬: यदुवंशी सुरेन्द्र सिंह 


बाड़मेर आज ही के दिन 1971 की लड़ाई में इस शेर बलवन्त सिंह जी बाखासर ने पाकिस्तान के छाछरो समेत 100 गाँवो पर अपना कब्जा जमाया था बाद में इंद्रा गांधी की बेवकुफी कहे या कुछ और वजह से सभी गांव पाकिस्तान को वापिस दिए थे धन्य हे धरा ऐसे सपूतो को जन्म दिया

भारत की आजादी के बाद 60-70वे दशक मे पश्चिमी राजस्थान के लिए एक जाना पहचाना नाम था बलवँत सिँह बाखासर!


गुजरात राजस्थान के सरकारी महकमे व पुलिस विभाग के लिए डकैत लेकिन बाडमेर साँचोर ओर उत्तरी गुजरात के वाव थराद सीमावर्ती गाँवो के लिए वे आधुनिक राबिन हुड समान थे

बलवंत सिंह का जन्म राजस्थान के बाड़मेर जिला के गांव बाखासर में चौहानो की नाडोला उप शाखा में हुआ आपकी शादी कच्छ गुजरात के विजेपासर गाव में जाडेजा राजपूतो के यहाँ हुयी आपका बचपन राजस्थान गुजरात और पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्रो में गुजरा ये पूरी तरह यहाँ के सीमावर्ती क्षेत्रो को लेकर वाकिफ थे वक़्त के साथ बलवंत सिंह ने हथियार उठा दिए
आजादी के बाद पाकिस्तान के सिँधी मुस्लिमो का सीमावर्ती क्षेत्रो मे आतँक था उस वक़्त बॉर्डर खुला होने की वजह से सिँधी मुस्लिम आये दिन भारतीय सीमा में आकर लूट पाठ करने लगे इधर बलवंत सिंह बाखासर सरकारी खजाना व लुटेरो को लूट कर सारा धन गरीबो में बाँट देते थे ग्रामीणों की हर सम्भव मदद करते सरकारी महकमा इनके नाम तक से डरता था पुरे क्षेत्र के लोग जी जान देने को तैयार रहते और ये पुरे 100 किमी क्षेत्र के आधुनिक रोबिंन हुड बन चुके थे और लोगो में किसके फरिश्ते से कम न थे पाकिस्तान से आने वाले लूटेरे भी इनसे नाम से थर्राने लगते थे जिस गाव में ये रात गुजरते वहा का सारा प्रबन्ध ग्रामीण करते धीरे धीरे बलवंत सिंह बाखासर का नाम बढ़ता गया




बलवँत सिँह बाखासर देश में पहली बार चर्चा मे तब आए जब मीठी पाकिस्थान के सिन्धी मुसलमाँन एक साथ 100 गायो लेकर पाकिस्तान जा रहे थे जैसे ही इसकी खबर बलवंत सिंह जी को मिली फिर क्या था उसी क्षण अपने घोड़े पर सवार होकर बलँवत सिँह डाकुओ का पीछा करने निकले अकेले मुकाबला करते हुए 8 सिँधीयो को ढेर कर दिया ओर सभी गाय छुडवा लाए




बाड़मेर के चौहटन के नेता अब्दुल हादी जो 7 बार विधायक मंत्री रहे उनके बड़े भाई मोहम्मद हुसैन पर तस्करी लूट के संगीन आरोप लगे इन्हें भी बलवंत सिंह ने मार गिराया वही मोहम्मद हयात खान नाम के लूटेरे को भी बाड़मेर में लंबी नींद सुलाया

अब्दुल हादी से इनका मन मुटाव हो गया था तब कांग्रेस सरकार आते थे अब्दुल हादी और जाट नेता नाथूराम मिर्धा दोनों ने मिलकर इनको पकड़वाने की साजिश रची

1971 भारत पाक के रिश्ते बेहद तनावपूर्ण थे 71 युद्ध मे ईनकी अहम भूमिका रही, हमारे सैनिको में ज्यादातर बाहरी और रेगिस्तान के खतरों से अनजान थे बलवंत सिंह पाक सीमा से अच्छी तरह वाकिफ थे और काफी लोकप्रिय हो गए थे उस वक़्त लेफ्टीनेंट भवानी सिंह जी ने सूझ भुझ से काम लिया आखिर में देश हित में लेफ्टिनेँट महाराजा भवानी सिँह जयपुर ने इनको सेना की एक बटालियन और 4 जोन्गा जीपे तक सौँप दी थी पूरी बटालियन की अगुवाई इन्ही बलवंत सिंह बाखासर ने की और अपने धैर्य और सूझबुझ से भारतीय सेना को पाक के भीतर तक ले गए और नतिजा रहा की सुबह के 3 बजे पाकिस्तान के सिंध सूबे के छाछरो कस्बे पर कब्जा करने मे सफलता मिली और पाकिस्थान के 100 गावो पर कब्ज़ा हुआ सारे ठाणे भारतीय सेना के कब्जे में आ गए

भारतिय सैनिको को तब बड़ा ताज्जुब हुआ जब पाकिस्तान ग्रामीण आंचल के लोग सिर्फ बलवंत सिंह बाखासर को देखने के लिए कई किलोमीटर दूर से पैदल आये


इनकी देशभक्ति ओर वीरता से प्रभावित प्रसन्न होकर भारत सरकार ने इन पर लगाए सारे डकेती के केस वापस ले लिए थे

अभी इनके पोत्र रतन सिंह जी बाखासर अहमदाबाद में रह रहे है


इसकी लोकप्रियता का अंदाजा डिंगल भाषा में इन पर गीत तक लिखे गए है
सांचोर में लगने वाले मेले को भय मुक्त बनाने के लिए ये अपने ऊठ पर बैठ खुद निगरानी भी करते थे

राजस्थान ,गुजरात,कच्छ और रण क्षेत्र इनकी वीरता के वीर रस भजन आज तक गाए जाते है


Note - आप सभी को बता देते है 1971 में पाकिस्तान से हुयी जंग में राजस्थान पाकिस्तान बॉर्डर के काफी स्थानीय लोग  सक्रिए हुए थे और हर घर में बंदूको कि सफाई शुरू कर दी गयी थी और सेना को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयता कि थी … राजस्थान का बॉर्डर राजपूत बाहुल्य है और राजपूत किसी भी संदिग्ध गतिविधि होते है जल्दी अलर्ट हो जाते है और सेना को सारी जानकारी मिल जाती है  




  

सोमवार, 14 दिसंबर 2015

शिव।झंडारोहण के साथ पीरदान पशु मेले का आगाज



शिव।झंडारोहण के साथ पीरदान पशु मेले का आगाज


उपखंड की ग्राम पंचायत नींबला की ओर से होने वाले पीरदान पशु मेले का रविवार को उपखंड अधिकारी चंद्रभानसिंह भाटी व सरपंच हरियों देवी ने झंडारोहण किया। इस दौरान मेले में आए राज्य पशु ऊंट को तिलक लगाकर उसका स्वागत किया गया। यह मेला आगामी 20 दिसंबर तक चलेगा।

कार्यक्रम में उपखंड अधिकारी भाटी ने कहा कि पशु मेले हमारी संस्कृति के पोषक हैं। मेलों से व्यापारियों को जहां पशुओं की खरीद-फ रोख्त का प्लेटफॉर्म मिलता है, वहीं पशुपालकों व किसानों को अपने माल-मवेशी का उचित दाम मिल जाता है। साथ ही मेले में सजने वाली किसानोपयोगी दुकानों का भी किसानों को लाभ मिलता है। उन्होने मेले में आए पशुओं व पशुपालकों के लिए समुचित मूलभूत प्रबंध करने के लिए ग्राम पंचायत व ठेकेदार को निर्देश दिए। सरपंच हरियों देवी ने मेले में आए पशुपालकों व व्यापारियों का स्वागत करते हुए मेले की व्यवस्थाओं को बनाए रखने में सहयोग की अपील की। मेला ठेकदार डूंगरसिंह देवराज ने आभार जताया। पूर्व सरपंच प्रागाराम, उपसरपंच कैलाश सहित कई ग्रामीण व पशुपालक उपस्थित थे।




होने लगी पशुओं की आमद

मेला ठेकेदार के अनुसार उद्घाटन के दिन मेले में गोवंश, उष्ट्रवंश व अश्व वंश के 5 दर्जन से अधिक पशुओं की आमद हुई। उन्होंने बताया कि पशुओं की आवक आगामी 3-4 दिनों तक जारी रहेगी। मेले में पशुओं की खरीद के लिए गुजरात, मध्यप्रदेश व छतीसगढ़से कई व्यापारी भी पहुंचे हैं।

सजने लगी दुकानें

मेले में रविवार को पशुपालकों की आवाजाही बढऩे के साथ ही बाहर से आए व्यापारियों ने किसानोपयोगी व आमजन की आवश्याकतानुसार विभिन्न प्रकार के सामान की दुकानें सजानी शुरू कर दी। आने वाले एक-दो दिनों में मेले के परवान चढऩे के बाद यहां लोगों की चहल-पहल बढऩे की उम्मीद है।

बाड़मेर।एन1एच1 की आहट से पहले उपचार की तैयारी

बाड़मेर।एन1एच1 की आहट से पहले उपचार की तैयारी

पारा 10 डिग्री से नीचे आते ही बाड़मेर में स्वाइन फ्लू को लेकर चिंता बढ़ गई है। पिछले वर्ष 25 जनों की जान लेने वाले एन1एच1 वायरस की रोकथाम के लिए चिकित्सा महकमा अभी से तैयारियां में लग गया है। गत वर्ष इसका असर सबसे ज्यादा रहा था। करीब 146 लोग इस वायरस से ग्रसित हुए थे। इसके चलते इस बार विशेष सावचेती जरूरी है। ऐसे में चिकित्सा महकमा अभी से तैयारियां में जुटा है।
अमूमन जनवरी में दस्तक
पिछले पांच वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो नव वर्ष के प्रारम्भ में ही स्वाइन फ्लू के रोगी सामने आते हैं। जनवरी से अप्रेल के बीच इसका खतरा सर्वाधिक रहता है। जनवरी माह में बारिश के बाद आद्र्रता बढऩे पर इसके संक्रमण की ज्यादा संभावना रहती है। नव वर्ष में अभी तीन सप्ताह का समय बाकी है।
पिछले वर्ष सर्वाधिक हुआ था नुकसान
जिले में पिछले वर्ष 5 जनवरी को बालोतरा में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दी थी। इसके बाद 21 मार्च तक जिले में 141 मरीज सामने आए, जिनमें से 23 जनों की हो गई। उस दौरान विभाग देरी चेता और टेमी फ्लू भी उपलब्ध नहीं थी। इसके अलावा तैयारियों में कमी की वजह से 25 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
इस बार समय पर चेता
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की तरफ से जिले के सभी चिकित्सालयों में स्वाइन फ्लू से बचाव की तैयारियां की जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर होने वाली बैठकों में स्वास्थ्य अधिकारियों व कार्मिकों को इसको लेकर जागरूकता, रोकथाम, बचाव व दवाइयों की उपलब्धता को लेकर दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।
विभाग के ड्रग हाउस में 30 हजार टेमी फ्लू 75 एमजी, 16 हजार 30 एमजी व 90 पीने की दवा उपलब्ध है। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसके दूरभाष नं. 02982-230462 है, जो 24 घंटे चालू रहता है। जिला स्तर पर डॉ. जोधाराम चौधरी के नेतृत्व में रेपिड रेस्पोंस टीम गठित की गई है।
जिले में स्वाइन फ्लू की स्थिति
वर्ष संक्रमित मौत पहला रोगी अन्तिम रोगी
2009 46 9 नवम्बर फरवरी
2010 23 1 सितम्बर अक्टूबर
2011 2 1 मई -
2012 5 1 फरवरी अप्रेल
2013 31 12 जनवरी मार्च
2014 1 - अप्रेल -
2015 146 25 जनवरी मार्च
(आंकड़े चिकित्सा विभाग की जानकारी पर आधारित है।)
आइसोलेशन वार्ड की सुविधा
जिले के सबसे बड़े राजकीय चिकित्सालय में 12 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। यहां पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध है। इसके अलावा सभी तरह की टेमी फ्लू उपलब्ध होने के साथ सैम्पल किट भी रखे गए हैं।
चिकित्सालय में स्वाइन फ्लू का अभी तक एक भी संदिग्ध रोगी नहीं आया है। हमने आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के साथ सभी तैयारियां कर दी है।
डॉ. देवेन्द्र भाटिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी
जिले में स्वाइन फ्लू की रोकथाम व बचाव को लेकर तैयारियां कर ली है। हमारे पास पर्याप्त टेमी फ्लू का स्टॉक है। साथ ही जिला व ब्लॉक स्तर पर टीमों का गठन किया गया है।
डॉ. सुनिलकुमारसिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी

करौली।300 किलो ब्लास्टिंग कैमीकल्स जब्त

करौली।300 किलो ब्लास्टिंग कैमीकल्स जब्त

कोबरा टीम व सपोटरा पुलिस ने सोमवार को संयुक्त रूप से कार्रवाई कर बालौती गांव से भारी मात्रा में खनन कार्य में उपयोग आने वाली विस्फोटक सामग्री जब्त की है।
पुलिस ने यह सामग्री आरोपित सुरज्ञानी मीणा के बाड़े में पशुओं के चारे के पूंज के नीचे से जब्त की है। जबकि आरोपित सुरज्ञानी मीणा पुत्र रामलाल मीणा फरार हो गया। जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल ने बताया कि मुखबीर से सूचना मिली कि बालौती गांव में अवैध रूप से विस्फोटक सामग्री रखी हुई है।
इस पर कोबरा टीम व सपोटरा के कार्यवाहक थानाधिकारी रमेश सिंह मय जाब्ते के मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बालौती गांव से लाल बत्ती फ्यूज के 12 बंडलों में 1200 मीटर फ्यूज, 5 कर्टन में 300 किलो ब्लास्टिंग केमीकल्स तथा 5 कट्टों में अमोनियम नाइट्रेट के 1035 डिब्बे जब्त किए हैं। उन्होंने बताया कि उक्त सामग्री पहाड़, खानों में विस्फोटक करने के लिए आती है।