बाड़मेर।एन1एच1 की आहट से पहले उपचार की तैयारी
पारा 10 डिग्री से नीचे आते ही बाड़मेर में स्वाइन फ्लू को लेकर चिंता बढ़ गई है। पिछले वर्ष 25 जनों की जान लेने वाले एन1एच1 वायरस की रोकथाम के लिए चिकित्सा महकमा अभी से तैयारियां में लग गया है। गत वर्ष इसका असर सबसे ज्यादा रहा था। करीब 146 लोग इस वायरस से ग्रसित हुए थे। इसके चलते इस बार विशेष सावचेती जरूरी है। ऐसे में चिकित्सा महकमा अभी से तैयारियां में जुटा है।
अमूमन जनवरी में दस्तक
पिछले पांच वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो नव वर्ष के प्रारम्भ में ही स्वाइन फ्लू के रोगी सामने आते हैं। जनवरी से अप्रेल के बीच इसका खतरा सर्वाधिक रहता है। जनवरी माह में बारिश के बाद आद्र्रता बढऩे पर इसके संक्रमण की ज्यादा संभावना रहती है। नव वर्ष में अभी तीन सप्ताह का समय बाकी है।
पिछले वर्ष सर्वाधिक हुआ था नुकसान
जिले में पिछले वर्ष 5 जनवरी को बालोतरा में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दी थी। इसके बाद 21 मार्च तक जिले में 141 मरीज सामने आए, जिनमें से 23 जनों की हो गई। उस दौरान विभाग देरी चेता और टेमी फ्लू भी उपलब्ध नहीं थी। इसके अलावा तैयारियों में कमी की वजह से 25 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
इस बार समय पर चेता
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की तरफ से जिले के सभी चिकित्सालयों में स्वाइन फ्लू से बचाव की तैयारियां की जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर होने वाली बैठकों में स्वास्थ्य अधिकारियों व कार्मिकों को इसको लेकर जागरूकता, रोकथाम, बचाव व दवाइयों की उपलब्धता को लेकर दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।
विभाग के ड्रग हाउस में 30 हजार टेमी फ्लू 75 एमजी, 16 हजार 30 एमजी व 90 पीने की दवा उपलब्ध है। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसके दूरभाष नं. 02982-230462 है, जो 24 घंटे चालू रहता है। जिला स्तर पर डॉ. जोधाराम चौधरी के नेतृत्व में रेपिड रेस्पोंस टीम गठित की गई है।
जिले में स्वाइन फ्लू की स्थिति
वर्ष संक्रमित मौत पहला रोगी अन्तिम रोगी
2009 46 9 नवम्बर फरवरी
2010 23 1 सितम्बर अक्टूबर
2011 2 1 मई -
2012 5 1 फरवरी अप्रेल
2013 31 12 जनवरी मार्च
2014 1 - अप्रेल -
2015 146 25 जनवरी मार्च
(आंकड़े चिकित्सा विभाग की जानकारी पर आधारित है।)
आइसोलेशन वार्ड की सुविधा
जिले के सबसे बड़े राजकीय चिकित्सालय में 12 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। यहां पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध है। इसके अलावा सभी तरह की टेमी फ्लू उपलब्ध होने के साथ सैम्पल किट भी रखे गए हैं।
चिकित्सालय में स्वाइन फ्लू का अभी तक एक भी संदिग्ध रोगी नहीं आया है। हमने आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के साथ सभी तैयारियां कर दी है।
डॉ. देवेन्द्र भाटिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी
जिले में स्वाइन फ्लू की रोकथाम व बचाव को लेकर तैयारियां कर ली है। हमारे पास पर्याप्त टेमी फ्लू का स्टॉक है। साथ ही जिला व ब्लॉक स्तर पर टीमों का गठन किया गया है।
डॉ. सुनिलकुमारसिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
पारा 10 डिग्री से नीचे आते ही बाड़मेर में स्वाइन फ्लू को लेकर चिंता बढ़ गई है। पिछले वर्ष 25 जनों की जान लेने वाले एन1एच1 वायरस की रोकथाम के लिए चिकित्सा महकमा अभी से तैयारियां में लग गया है। गत वर्ष इसका असर सबसे ज्यादा रहा था। करीब 146 लोग इस वायरस से ग्रसित हुए थे। इसके चलते इस बार विशेष सावचेती जरूरी है। ऐसे में चिकित्सा महकमा अभी से तैयारियां में जुटा है।
अमूमन जनवरी में दस्तक
पिछले पांच वर्ष के आंकड़ों पर गौर करें तो नव वर्ष के प्रारम्भ में ही स्वाइन फ्लू के रोगी सामने आते हैं। जनवरी से अप्रेल के बीच इसका खतरा सर्वाधिक रहता है। जनवरी माह में बारिश के बाद आद्र्रता बढऩे पर इसके संक्रमण की ज्यादा संभावना रहती है। नव वर्ष में अभी तीन सप्ताह का समय बाकी है।
पिछले वर्ष सर्वाधिक हुआ था नुकसान
जिले में पिछले वर्ष 5 जनवरी को बालोतरा में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दी थी। इसके बाद 21 मार्च तक जिले में 141 मरीज सामने आए, जिनमें से 23 जनों की हो गई। उस दौरान विभाग देरी चेता और टेमी फ्लू भी उपलब्ध नहीं थी। इसके अलावा तैयारियों में कमी की वजह से 25 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
इस बार समय पर चेता
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की तरफ से जिले के सभी चिकित्सालयों में स्वाइन फ्लू से बचाव की तैयारियां की जा रही है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर होने वाली बैठकों में स्वास्थ्य अधिकारियों व कार्मिकों को इसको लेकर जागरूकता, रोकथाम, बचाव व दवाइयों की उपलब्धता को लेकर दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।
विभाग के ड्रग हाउस में 30 हजार टेमी फ्लू 75 एमजी, 16 हजार 30 एमजी व 90 पीने की दवा उपलब्ध है। जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसके दूरभाष नं. 02982-230462 है, जो 24 घंटे चालू रहता है। जिला स्तर पर डॉ. जोधाराम चौधरी के नेतृत्व में रेपिड रेस्पोंस टीम गठित की गई है।
जिले में स्वाइन फ्लू की स्थिति
वर्ष संक्रमित मौत पहला रोगी अन्तिम रोगी
2009 46 9 नवम्बर फरवरी
2010 23 1 सितम्बर अक्टूबर
2011 2 1 मई -
2012 5 1 फरवरी अप्रेल
2013 31 12 जनवरी मार्च
2014 1 - अप्रेल -
2015 146 25 जनवरी मार्च
(आंकड़े चिकित्सा विभाग की जानकारी पर आधारित है।)
आइसोलेशन वार्ड की सुविधा
जिले के सबसे बड़े राजकीय चिकित्सालय में 12 बेड का आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया गया है। यहां पर पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डर उपलब्ध है। इसके अलावा सभी तरह की टेमी फ्लू उपलब्ध होने के साथ सैम्पल किट भी रखे गए हैं।
चिकित्सालय में स्वाइन फ्लू का अभी तक एक भी संदिग्ध रोगी नहीं आया है। हमने आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के साथ सभी तैयारियां कर दी है।
डॉ. देवेन्द्र भाटिया, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी
जिले में स्वाइन फ्लू की रोकथाम व बचाव को लेकर तैयारियां कर ली है। हमारे पास पर्याप्त टेमी फ्लू का स्टॉक है। साथ ही जिला व ब्लॉक स्तर पर टीमों का गठन किया गया है।
डॉ. सुनिलकुमारसिंह बिष्ट, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
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