गहलोत सरकार को मिली राहत
जयपुर। प्रदेश की कांग्रेस सरकार को उस समय बड़ी राहत मिली जब राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। 16 में 6 बसपा के और 10 निर्दलीय विधायक हैं। शेखावत ने कहा कि याचिकाकर्ता विधानसभा सदस्य नहीं है इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
याचिकाकर्ता वीरेन्द्र मीणा ने विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। मीणा का कहना था कि 10 संसदीय सचिव और मंत्री सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं जबिक ये निर्दलीय के रूप में जीतकर आए थे इसलिए इनकी भी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। मीणा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार के दबाव में फैसला दिया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सुप्रीम कोर्ठ में चुनौती देने की बात कही है। वीरेन्द्र मीणा पूर्व मंत्री हैं। गौरतलब है कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष बसपा अध्यक्ष बाबा भगवान सिंह और जसवंत सिंह गुर्जर की याचिका खारिज कर चुके हैं।
जयपुर। प्रदेश की कांग्रेस सरकार को उस समय बड़ी राहत मिली जब राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष दीपेन्द्र सिंह शेखावत ने 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया। 16 में 6 बसपा के और 10 निर्दलीय विधायक हैं। शेखावत ने कहा कि याचिकाकर्ता विधानसभा सदस्य नहीं है इसलिए याचिका खारिज की जाती है।
याचिकाकर्ता वीरेन्द्र मीणा ने विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। मीणा का कहना था कि 10 संसदीय सचिव और मंत्री सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं जबिक ये निर्दलीय के रूप में जीतकर आए थे इसलिए इनकी भी सदस्यता रद्द की जानी चाहिए। मीणा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार के दबाव में फैसला दिया है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को सुप्रीम कोर्ठ में चुनौती देने की बात कही है। वीरेन्द्र मीणा पूर्व मंत्री हैं। गौरतलब है कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष बसपा अध्यक्ष बाबा भगवान सिंह और जसवंत सिंह गुर्जर की याचिका खारिज कर चुके हैं।