नई दिल्ली. राहुल गांधी का जादू खत्म हो रहा है? युवा कांग्रेस में यह सवाल गंभीर हो गया है। भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के सदस्यता अभियान को भारी झटका लगा है। इसके नए सदस्यों की संख्या तेजी से गिरी है। गुजरात में तो इसमें एक-तिहाई कमी आई है। राज्य में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं। तमिलनाडु और झारखंड में भी आईवाईसी के सदस्यों की संख्या कम हुई है।
पांच साल पहले राहुल गांधी ने आईवाईसी की कमान संभाली थी। उन्होंने आंतरिक लोकतंत्र और राजनीतिक चरित्र में बदलाव की बातें कर काफी उम्मीदें जगाई थीं। पर गुजरात में हाल के सदस्यता अभियान में मात्र 2.5 लाख लोग आईवाईसी से जोड़े जा सके हैं। 2010 में यह संख्या दस लाख थी। झारखंड में आईवाईसी ने 2010 में करीब 3.5 लाख नए सदस्य बनाए थे। हाल के अभियान में मात्र 35 से 40 हजार युवाओं ने आईवाईसी से जुड़ने में दिलचस्पी दिखाई।
ये आंकड़े आईवाईसी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (31 मई) से ऐन पहले आए हैं। संभव है, बैठक में इस मसले पर चर्चा हो। पार्टी के लिए उत्तर प्रदेश बड़ी चिंता का कारण है, जहां अखिलेश यादव युवाओं के नए आईकॉन के रूप में उभर रहे हैं।
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