रविवार, 9 सितंबर 2018

- बाड़मेर के मगरा गांव के लाल ने जीता है एशियाड ओलंपिक में घुड़सवारी में मेडल,बाड़मेर पहुंचे भव्य स्वागत

- बाड़मेर के मगरा गांव के लाल ने जीता है एशियाड ओलंपिक में घुड़सवारी में मेडल,बाड़मेर पहुंचे भव्य स्वागत

बाड़मेर. जिले के मगरा गांव ही नहीं एशियाड ओलंपिक जकार्ता में रजत पदक के साथ देश का दिल जीतकर पहली बार जितेन्द्रसिंह रविवार को बाड़मेर पहुंचा। यहां रेल्वे स्टेशन पर स्थानीय युवाओं व नेताओं ने स्वागत किया। जितेन्द्र के स्वागत को लेकर परिवार ही नहीं पूरा थार पलक पांवड़े बिछाने को तैयार है। बाड़मेर पहुंचने पर जितेन्द्र के स्वागत के लिए शहर में वाहन रैली निकाली गई। यहां शहरवासियों ने जमकर स्वागत किया।

जितेन्द्रसिंह ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे आज बहुत खुशी है। यह कामयाबी इसी मिट्टी से शुरू हुई है। परिवार में घोड़े थे और बचपन से घुड़सवारी का शौक था। मामा गुलाबसिंह ने मुझे तराशा। आठवीं में मैरठ चला गया और वहां पढ़ाई के साथ घुड़सवारी का अभ्यास जारी रहा। फिर आर्मी ज्वाइन कर ली। यहां प्रशिक्षण से खुद को बेहतर बनाता रहा। जूनियर स्तर पर कई अवार्ड जीते। सीनियर वर्ग में पिछले ओलंपिक में रिजर्व में था। इस बार मैदान में उतरने का अवसर मिला और देश के लिए मेडल जीत आए, इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है।


मजबूत है थार के लोग
जितेन्द्र का मानना है कि थार के लोग विपरित परिस्थितियों में जीते हैं। इनके जीवन में संघर्ष और मेहनत बहुत ज्यादा है। इसी कारण थार के लोगों का खेलों में भविष्य उज्ज्वल है। अनुशासन के साथ खेल प्रशिक्षण दिया जाए तो यहां की प्रतिभाएं काफी आगे बढ़ सकती है।

परिवार में खुशी का माहौल
जितेन्द्रसिंह के परिवार में खुशी का माहौल है। मां नजरकंवर और पिता पहाड़सिंह सहित पूरा परिवार उनके आने के इंतजार में है। गांव में उत्साह का माहौल है कि देश में गांव का नाम रोशनकर जितेन्द्र लौट रहा है। जितेन्द्र के पिता पहाड़सिंह बताते है कि घर में जितेन्द्र के आने की खुशी है। इस बार एक साल बाद आ रहा है और देश का नाम रोशन करके तो खुशी है। जितेन्द्र चार भाइयों में दूसरे नंबर पर है। बड़े भाई मनोहरसिंह दुबई में घुड़सवारी करते है। दो छोटे भाइयों में एक होमगार्ड और एक आर्मी में नर्सिंग सर्विस में है।

शनिवार, 8 सितंबर 2018

*बाड़मेर स्वाभिमान रैली ने भाजपा कांग्रेस दोनो में हड़कम्प मचा दिया,विरोध में आये हरीश चौधरी*


*बाड़मेर स्वाभिमान रैली ने भाजपा कांग्रेस दोनो में हड़कम्प मचा दिया,विरोध में आये हरीश चौधरी*


*मानवेन्द्र सिंह कांग्रेस में आएंगे तो स्थानीय नेताओं को पूछ के आएंगे?*


बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक*
*

बाड़मेर 22 सितम्बर को पचपदरा में होने वाली स्वाभिमान रैली ने दोनों दलों में हड़कम्प मचा दिया है एक तरफ भाजपा है जिसने पहली बार सांसद जाने का खाता मानवेन्द्र सिंह के माध्यम से खोला था।दूसरी तरफ कांग्रेस है जिसमे मानवेन्द्र सिंह के जाने की अटकलें लगाई जा रही है।।मात्र अटकलों से कांग्रेस के स्थापित नेता कांग्रेस में मानवेन्द्र सिंह की उपस्थिति में अपने वजूद खोने के डर से भी हिल गए।।
कोई ज्यादा पुरानी बात नह है जब पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने मीडिया को बयां दिया था कि कांग्रेस विशाल समुंदर है जिसमे मानवेन्द्र सिंह ,कर्नल सोनाराम आते है तो स्वागत है। चार महीने बाद ही पूर्व सांसद ने अपना बयान पचपदरा रैली में बदला मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आने पर सवाल खड़े किए।।
बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की पड़ताल में जो सामने आया वो यह कि अशोक गहलोत के पिछले पांच साल का राज याद हो किसी को तो गौर फरमाएं।।किस तरह जाट नेताओं को किनारे लगाया ।।कांग्रेस में गहलोत राष्ट्रीय स्तर पर दमदार बन के उभरे है।हरीश चौधरी को बनाने वाले अशोक गहलोत थे,उन्होंने उन्हें राजनीति में मुकाम दिलाया।।।
गहलोत काँग्रेज़ को जिंदा रखने के लिए नए फॉर्मूले और समीकरण तलाश रहे है।।
बात मानवेन्द्र सिंह की।।मानवेन्द्र सिंह ने अभी तक ऐसा कोई अधिकृत बयान नही दिया कि वो कांग्रेस में आ रहे। फिर भी वो अगर आना भी चाहेंगे तो कांग्रेस के हाई कमान के माध्यम से आएंगे और दमदार तरीके से आएंगे।।जसवंत सिंह जी का चुनाव आपको याद है न। श्रीमती सोनिया गांधी ने जसवंत सिंह के समर्थन में अपना अधिकृत उम्मीदवार हटाने का  फैसला किया था मगर जसवंत सिंह ने विनम्रता पूर्वक कांग्रेस का समर्थन लेने से मना किया था।।मानवेन्द्र सिंह अगर कांग्रेस में आते है तो वो अपनी शर्तों पर दमदार भूमिका में आएंगे इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर बात करके आएंगे।।मानवेन्द्र के आने के बाद कांग्रेस में कईयों की राजनीति चूले हिलेगी जो जातिवाद पर राजनीति करते है।।ऐसे में मानवेन्द्र सिंह का कांग्रेस में आने का विरोध समझ आता है।।मानवेन्द्र सिंह भाजपा से निकलते है तो भाजपा को बड़ा नुकसान सम्भव है।स्वाभिमान रैली को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हो गया है।।कुछ बाते यहां अभी  लिखने लायक नही है ।वक़्त पे खुलासा करेंगे।।स्वाभिमान रैली को लेकर साफ है इसमें बड़े नाम जुड़े है।कई ऐसे नाम चोंकाने वाले भी होंगे।।भाजपा को पहली बार मुस्लिम वोट बैंक मानवेन्द्र सिंह ने दिया।।वसुंधरा राजे ने गत चार सालों में मुस्लिम समाज के लिए नेता भी तैयार किये वो नेता आज कहाँ है उनका पार्टी में क्या वजूद है ये पब्लिक है सब जानती है। स्वाभिमान रैली में 36 कौम है।।कल स्वाभिमान रैली की मीटिंग में छतीस कौम के मौजिज लोगो की उपस्थिति ने इसकी सार्थकता पर मोहर लगा दी।।कांग्रेस में परंपरागत समीकरण बदलने की कवायद चल रही है।।जसवंत सिंह भले बिस्तर पर है मगर उनके एक सन्देश पर स्वाभिमान दल जाग उठा।।22  सितम्बर  का इंतज़ार भाजपा और कांग्रेस दोनो कर रहे है।।सबकी उत्सुकता भी बनी है ।इस रैली में नई राजनीतिक इबारत लिखी जाएगी।।यह भी तय है।।मानवेन्द्र सिंह उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ है उन पर टिक्का टिपणी कर स्थानीय नेता नायक बनने की नाकाम कोशिश कर रहे।मानवेन्द्र सिंह के पास जनाधार है। बाकी अपना विश्लेषण खुद ही कर ले।।खैर स्वाभिमान रैली के जरिये इस सरहदी जिलो को महिलाओ का भी नेतृत्व मिलने की संभावना है।।बाड़मेर जैसलमेर सहित पाली ,जोधपुर,सिरोही,जालोर सहित बाहरी जिलो से लोग स्वाभिमान रैली में आ रहे है।।रैली की निरन्तर तैयारियां ,संपर्क जारी है।।36 कौम की इस स्वाभिमान रैली को लेकर पूरे प्रदेश में उत्साह है ।इधर राष्ट्रीय करणी सेना ने सभी जिलो में मोर्चा सम्भाल दिया। हर घर मे पीले चावल के साथ निमन्त्रण दे रहे है ।।इस रेलिको ऐतिहासिक बनाने के तमाम प्रयास हो रहे।।

जैसलमेर'राजपरिवार का राजनीति में आने का ऐलान' : जैसलमेर की राजनीति में आया भूचाल, रोकने के हो रहे हैं तुच्छ प्रयास*

*जैसलमेर'राजपरिवार का राजनीति में आने का ऐलान' : जैसलमेर की राजनीति में आया भूचाल, रोकने के हो रहे हैं तुच्छ प्रयास*

*महलों में रहने वाले पीढ़ियों से कर रहे हैं जनसेवा, कई कार्य बिना प्रशासनिक सहयोग से नहीं होते*

*'महारानी राशेश्वरी राज्य लक्ष्मी' चुनाव लड़ जैसलमेर को विकसित जिलों में सुमार करने को दृढ़ निश्चित*

जैसलमेर । जब से राजपरिवार ने विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की जैसलमेर की राजनीति में भूचाल आ गया । पूर्व में बिछी राजनीतिक शतरंज के मोहरे हिलने लग गए तो, कईयों को राजनीति जमीन खिसकने का डर सताने लगा। सोशल मीडिया पर, पर्दे के पीछे, राजपरिवार के राजनीति में उतरने का तर्क कुतर्को से विरोध करने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है जिसका असर ये हुआ कि राजपरिवार का चुनाव लड़ने का इरादा और मजबूत हो गया ।

*आखिर क्यों आना चाहता है राजपरिवार राजनीति में ? कुछ बेबाक सवालों के जवाब के साथ 'बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक' का बिश्लेशन राजपरिवार के सदस्य के साथ ।*

*राजनीति में आने का उद्देश्य ?*

राजनीति परिवार के खून में है । जनसेवा पीढ़ी दर पीढ़ी हमारा परिवार करता आ रहा  है । राजपरिवार के दरवाजे हमेशा अपनों के लिए खुले रहे है और रहेंगे । जैसलमेर की जनता मेरा परिवार है । इसलिए मेरा फर्ज है कि जैसलमेर विकसित जिलों में सुमार हो । लेकिन मेरा सबसे बड़ा कारण राजनीति में आने का यही  होगा की जब हम जैसलमेर की बुनियादी कारकों की तुलना देश और विदेश के अन्य क्षेत्रों से करते हैं, तब हम इस सचाई से अवगत होते है कि, 'प्राचीन सिल्क रूट' का जाना माने 'योद्धाओं का गढ' जिनका योगदान सिर्फ प्राचीन और मध्यकालीन में ही नहीं बल्कि समकालीन में भी पर्याप्त से अधिक रहा है, वह गढ  आज पिछड़ा कहलाया जाता है | यह सच मेरे  हृदय में  एक ऐसा भाव उत्पन करता है जिससे मैं आज की यह स्थिति नज़रअंदाज़ नहीं कर पाती |

*बिना राजनीति में आये भी आप सेवा कर सकते है*

बिल्कुल सही कहा । अब तक हम यही समझते और करते आये । परन्तु कई कार्य जनहित मे ऐसे करने पड़ते है जिसके लिए आपको प्रशासनिक अधिकार की आवश्यकता  पड़ती  है। विकास कार्यो के लिए सार्वजनिक मानसिकता में, सकारात्मक परिवर्तन की जरूरत होती है और कोई जैसलमेर के राजपरिवार पर यह नहीं थोप सकता कि हमने लोकतंत्र में दूसरे नेताओं को मौका नहीं दिया है । परन्तु अब स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है की हमारा यह दायित्व बनता है की हम अब राजनितिक मैदान पर उतरे और अपने पूर्वजो  की तरह जैसलमेर का नाम रोशन करे |

*आपके क्या मुद्दे रहेंगे जैसलमेर के विकास के लिए ?*

सबसे बड़ा मुद्दा शिक्षा का होगा । हालात सबके सामने है । विद्यालय खुले हैं मगर अध्यापक नही है । जब विद्यालय में अध्यापक नहीं है तो विद्यालय का कोई अस्तित्व नही रह जाता । आजकल तो ऐसा देखने मे आता है कि जैसलमेर समय की नीति में उल्टा चल रहा है | पूरे विश्व में यह कहा जाता है कि जैसे—जैसे एक लोकतंत्र देश समय के साथ परिपक्व होता है, तो उसकी नीतियां भी समग्र रूप से सफल होती दिखाई पड़ती है | परन्तु जो कानून और विधियाँ हमने 15 साल पहले बनाई थी, इन विधियों को आज हम ठुकरा रहे हैं | मैं तो इस बात पर आश्चर्यचकित हूँ कि कैसे, किसी भी दल के नेता ने अभी तक, हाल ही में हुए लगभग 600 अध्यापकों के स्थानांतरण पर वोट बैंक के कारण चुपी साध रखी है | आज जैसलमेर शिक्षा, विज्ञानिक शिक्षा के क्षेत्र में बहुत पिछड़ा है । सभी विद्यालयों में शिक्षक लगे यह पहला प्रयास होगा, फिर शिक्षा के सुदृढीकरण पर काम करेंगे । जैसलमेर में कला, विज्ञान और वाणिज्य के सभी विषयों को शामिल कराएंगे । जिले में अधिक से अधिक बालिका स्कूल खुलवाने के प्रयास होंगे । जैसलमेर में कृषि विद्यालय, पशुपालन, नर्सिंग डिप्लोमा, विधि महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज और रोजगारोपयोग प्रशिक्षण केंद्र खुलवाना प्राथमिकता होगी ।

मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना प्राथमिकता

कई शासनों के बाद भी जैसलमेर आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। पानी की समस्या आज भी हर गांव और ढाणी में है । पेयजल की नई परियोजनाओं को चिन्हित कर उसे स्वीकृत करने का काम होगा । हर घर मे नियमित पानी पहुंचे । जिले के कई गांव आज भी बिजली और सड़कों से वंचित है । सड़कें और बिजली विकास का मार्ग है, इसमें सुधार करना ।

गांवों के लोग छोटी से छोटी बीमारी में इलाज के लिए शहर आते है । शहर से उन्हें बाहरी जिलों में रेफर कर दिया जाता है । यह गम्भीर स्थति है । जिला मुख्यालय के एक मात्र राजकीय चिकित्सालय, जो कि हमारे पूर्वज महाराज जवाहरसिंह के नाम पर है, के हालात हम देख रहे है । जिला मुख्यालय के अस्पताल में पूरे चिकित्सक, आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराकर इसे आदर्श अस्पताल बनाना तथा स्वास्थ्य केंद्रों के ढांचों में बदलाव कर ग्रामीणों को वही मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध हो इसका दृढ संकल्प लिय है ।

*जिले के लिए आपकी क्या योजना रहेगी ?*

जैसलमेर जिला किसान और पशुपालन आधारित है । किसानों की समस्याएं, नहरों में पानी की उपलब्धता, नहरी जमीन का आवंटन, भूमिहीन और शहरी मध्यम वर्ग को नहरी क्षेत्र में आवंटन, कई स्थानों पर आबादी विस्तार के काम बकाया है । शहरी क्षेत्र में स्टेट ग्रांट और कच्ची बस्ती आबादी भूमि के पट्टों का वितरण करवाना मेरी योजना में शामिला ।

जिले में सबसे बड़ा मुद्दा डीएनपी क्षेत्र में आये गांवो का अवरुद्ध पड़ा विकास है । इन गांवों में सतत विकास शुरू करने के साथ डीएनपी का क्षेत्रफल कम करवाना। अकाल के समय ग्रामीण काफी दिक्कत में होते है । जिस प्रकार 'गाय को फेमिन कोड' में शामिल किया उसी तर्ज पर 'भेड़ बकरियों को फेमिना कोड में' शामिल कराना प्राथमिकता रहेगी । जिले में गौशालाओं का निर्माण भी जरूरी है। स्थानीय युवाओं को यहां काम करने वाली कम्पनियां प्राथमिकता से योग्यतानुसार रोजगार उपलब्ध कराए, सामुदायिक संगठन मद बजट का सदुपयोग हो । इस वर्ष भी आकाल की स्थिति में जैसलमेर के निवासियों का हाल बेहाल होता दिख रहा है परन्तु प्रशासन की विधि में तिलमात्र फरक नहीं पड़ा है |

जैसलमेर के पर्यटन उद्योग को पुनः स्थापित करने के लिए खास योजना बनाई जाएगी ।

जेसलमेर का हस्तशल्प उच्च कोटि का है जो एक्पोर्ट होता है।मगर उसकी कीमत बनाने वालों को पूरी नही मिलती।जेसलमेर में ही हसशिल्प बिक्री केंद्र खुलवाने के प्रयास होगा ताकि हस्तशिल्पियों को पूरी कीमत मिले।।

जैसलमेर में रेल सेवाओं के विस्तार, रोडवेज डिपो विधिवत रूप से शुरू करवाना, ग्रामीण बसों का संचालन, सरकारी सेवाओं में नॉन ट्रांफेरेबल नियुक्ति हो, जैसलमेर में उद्योग स्थापित करने के प्रयास होंगे । जैसलमेर सुंदर, स्वच्छ और हरा भरा हो इसके लिए प्राथमिकता से प्रयास होंगे । जैसलमेर की शिक्षा प्रणाली के कारण अन्य क्षेत्रों के नागरिक जैसलमेर का रोज़गार छीन रहे है |

*जनता से अपनी बात*

कुछ लोग भ्रामक बातें फैला रहे हैं कि राजपरिवार और जनता के बीच दूरियां है तो मैं यह आश्वस्त करना चाहती हूूं कि राजपरिवार और जैसलमेर की जनता के बीच कभी दूरियां नहीं रही और न ही कभी रहेगी । मेरी पीड़ा है कि जैसलमेर का जिस तरह विकास होना चाहिए वैसा नहीं हुआ । मेरा उद्देश्य जनता की सेवा का है।

जैसलमेर का विकास करना है, इस ​लक्ष्य के लेकर हमें साथ चलना है । इसलिए आओ, 'नया जैसलमेर बनाएं' । इसे खुशहाल बनाएं । आप सभी का मान सम्मान और स्नेह हमेशा हमारे परिवार को मिलता रहा है आगे भी मिलता रहे ।

शुक्रवार, 7 सितंबर 2018

हार्दिक की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती, पाटीदार इलाकों में पुलिस बल तैनात

हार्दिक की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती, पाटीदार इलाकों में पुलिस बल तैनात
अहमदाबाद। उपवास के 14 वें दिन हार्दिक पटेल की तबीयत बिगड़ जाने पर उसे सोला सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। अभी उसे एमआईसीयू में रखा गया है। हार्दिक को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इलाज के दौरान किया ट्वीट…
Hardik patels indefinite fast day 14 police activity start beside his residency


इलाज के दौरान हार्दिक ने ट्वीट कर बताया कि अनिश्चितकालीन उपवास आंदोलन के चौदवें दिन आज मेरी तबीयत बिगड़ने की वजह से मुझे अहमदाबाद की सोला सरकारी अस्पताल में भर्ती किया है।सांस लेने में तकलीफ हो रही है और किडनी पर नुकसान बता रहे हैं।अभी तक सरकार किसान और समाज की माँगों को पूरी करने तैयार नहीं हैं।

पाटीदार इलाकों में पुलिस बल तैनात

हार्दिक के स्वास्थ्य को देखते हुए जिला प्रशासन ने ऐहतियातन तौर पर पाटीदार इलाकों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया है।

जयपुर। विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

जयपुर। विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित 
Uproar in Rajasthan Assembly over petrol-diesel price hike
जयपुर। विधानसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। चौदहवीं विधानसभा का अंतिम सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया। तीसरे दिन हंगामे के बीच छह विधेयक पारित हुए। तीन दिन के इस अंतिम सत्र के अंतिम दिन की शुरुआत शुक्रवार को हंगामे से हुई। प्रश्नकाल शुरू होने के साथ जब नंदकिशोर महरिया ने प्रदेश में चिकित्सा सुविधाओं से वंचित गांव से जुड़ा सवाल पूछा तो नेता प्रतिपक्ष ने महंगाई, यूथ कांग्रेस प्रदर्शन में लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया जिस पर हंगामा शुरू हो गया। नारेबाजी करते हुए कांग्रेस सदस्य वेल में आ गए और आखिरकार बढ़ते हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।


सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठाया। साथ ही यूथ कांग्रेस पर कल हुए लाठीचार्ज को लेकर कांग्रेस सदस्यों ने सरकार को घेरने की कोशिश की। इस दौरान जब चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ जवाब देने लगे तो कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने चुटकी ली कि आपने 5 वर्षों में विवेक से काम लिया है। इसी दौरान कांग्रेस सदस्य मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग करते रहे।

राठौड़ बोले, हम हर सवाल का जवाब देने को तैयार

संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि सदन नियमों से चलता है और कांग्रेस नियमों में आए तो मंत्री हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं। गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेसी चर्चा नहीं चाहते बल्कि अपनी झेंप मिटाना चाहते हैं। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि प्रश्न लगे हुए हैं और मंत्री जवाब देना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस सदस्य हो-हल्ला करके सदन का अमूल्य समय बर्बाद कर रहे हैं जिसके लिए उन्हें शर्म आनी चाहिए। हंगामा करके वे जनता का अपमान कर रहे हैं।



सदन की गरिमा गिरा रहे

उप मुख्य सचेतक मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सदस्य कल से प्रश्न स्थगित करने को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं जबकि इनके समय 1836 प्रश्न स्थगित हुए हैं और आज हो-हल्ला करके सदन की गरिमा गिरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कल से सदन की कार्यवाही बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है इसलिए इन कांग्रेस सदस्यों को बाहर निकाल देना चाहिए। इसी दौरान कांग्रेस सदस्य महंगाई कम करो की नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए और कुल 16 मिनट के बाद आखिरकार विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्गित

कार्यवाही 12 बजे शुरू हुई तो फिर हंगामा शुरू हो गया। हंगामा नहीं थमा तो




विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने सदन की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

बाड़मेर: एक साथ जान देने को फंदे पर झूला प्रेमी युगल, धोखा दे गई रस्सी, बच गई युवती की जान

बाड़मेर: एक साथ जान देने को फंदे पर झूला प्रेमी युगल, धोखा दे गई रस्सी, बच गई युवती की जानboy and girl hang themself, but rope broken, girl fall down
बाड़मेर। धोरीमन्ना क्षेत्र में एक प्रेमी युगल की एक साथ जान देने की कोशिश कामयाब नहीं हो सकी। प्रेमी युगल ने एक पेड़ से फंदा लगा आत्महत्या का प्रयास किया, लेकिन रस्सी टूट जाने के कारण युवती बच गई, जबकि युवक की मौत हो गई। गंभीर अ‌स्था में युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

टूट गई रस्सी, बच गई युवती: धोरीमन्ना क्षेत्र के लूखु गांव से एक युवती कल दोपहर से लापता थी। स्कूल में पढ़ने वाली इस युवती ने तबीयत ठीक नहीं होने का बहाना कर घर जाने के लिए छुट्‌टी ली और निकल गई। शाम तक युवती के घर नहीं पहुंचने पर परिजनों ने तलाश की, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। आज सुबह क्षेत्र में एक खेत के निकट युवती बेसुध अ‌स्था में एक पेड़ के नीचे मिली। जबकि पेड़ पर एक युवक का शव रस्सी से बंधा लटक रहा था। युवक की पहचान क्षेत्र के ही गिरधारी के रूप में हुई।

युवती के गले में रस्सी बंधी थी। उसका एक सिरा पेड़ पर बंधा हुआ था। उसी से पता चला कि दोनों ने एक साथ जान देने का प्रयास किया, लेकिन रस्सी कमजोर निकली और युवती का भार सहन नहीं कर पाई। रस्सी टूट जाने के कारण युवती नीचे गिर पड़ी। गंभीर अवस्था में युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं पुलिस ने युवक का शव पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौंप दिया।







बाड़मेर गुडा मालानी में दिनदहाड़े फायरिंग ,तीन तस्कर गिरफ्तार

बाड़मेर गुडा मालानी में दिनदहाड़े फायरिंग ,तीन तस्कर गिरफ्तार 



बाड़मेर में मादक पदार्थ तस्करों के बीच पनप रही गैंगवार पुलिस के लिए गले की फांस बनती जा रही है. जिले में गुरुवार रात को मादक पदार्थ तस्करों की दो गैंगों में हुई फायरिंग में एक डोडा तस्कर गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस इस मामले से जूझ ही रही थी कि शुक्रवार सुबह गुढ़ामालानी इलाके में मामूली कहासुनी के बाद एक युवक को गोली मार दी गई. दोनों घायलों को गुजरात रेफर किया गया है.शुक्रावर को गुडामालानी कस्बे में दिन दहाड़े तस्करों ने फायरिंग कर दहशत फेला दी,पुलिस मौके पे पहुंची टो भाग गए.पुलिस ने पीछा कर तीन जनों को गिरफ्तार किया

जानकारी के अनुसार मादक पदार्थ तस्करों के बीच फायरिंग की वारदात धोरीमन्ना इलाके में हुई. वहां तस्करों के दो गैंग आमने सामने हो गए. इस दौरान दोनों तरफ से फायरिंग हुई. फायरिंग में तस्कर स्वरूपाराम जाट ने दूसरी गैंग के तस्कर पूनमचंद जाट को गोली मार दी. गोली पूनम के पेट में लगी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया.

मामूली कहासुनी के बाद युवक को मारी गोली
यह मामला निपटा भी नहीं था कि शुक्रवार को सुबह गुढ़ामालानी थाना इलाके में रामजी की गोल पर मामूली बात पर दो युवक आपस में भिड़ पड़े. वहां मामला बढ़ने पर मोहनलाल ने गाधेरी निवासी किशनाराम को गोली मार दी. गोली किशनाराम के सीने में लगी. उसे घायलवस्था में तत्काल सांचौर ले जाया गया. वहां से उसे प्राथमिक उपचार के बाद गुजरात रेफर कर दिया गया. दोनों ही मामलों में आरोपी मौके से फरार हो गए. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है.

बुधवार, 5 सितंबर 2018

बाड़मेर ज़िद के आगे मोदी कुर्बान करेगी वसुंधरा राजे

बाड़मेर ज़िद के आगे मोदी कुर्बान करेगी वसुंधरा राजे

*बाड़मेर स्वाभिमान रैली से डरी हुई है वसुंधरा राजे,बाड़मेर दौरे के बाद छोड़े अपने विश्वशनीय धरातल रिपोर्ट के लिए*

*मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे बाड़मेर दौरे को अपनी इज्जत के साथ जोड़ अपने खास नेताओ को जिम्मा सौंपा था कि किसी भी तरह मीटिंगों में भीड़ कम नही हो।इसके लिए भाजपा संगठन की टीम नही अपनी व्यक्तिगत टीम को लगया।चाहे वो राजेन्द्र सिंह राठौड़ हो या पुष्वेन्द्र सिंह या सुमन शर्मा या अशोक परनामी ।।बाकी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जयपुर की हवा खा रहे ।महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष भी इग्नोर।।वसुंधरा राजे जानती है कि उनका सर्वाधिक विरोध बाड़मेर में होना है।।सभाओं में भीड़ को लेकर भी वो आश्वसत नही थी। इसलिए किसी भी स्थानोय नेता पर भरोसा करने की बजाय अपनी टीम को जिम्मा सौंपा। वसुंधरा राजे के नजदीकी लोगो की माने तो मेडम बहुत डरी हुई है।।हर मीटिंग में यह बयान डित की में किसी से डरती नही।।जो यह साबित करता है कि वास्तव में स्वाभिमान रैली को लेकर काफी डरी हुई है। वसुंधरा राजे ने अपने दौरे के बाद अपने खास लोग धरातल रिपोर्ट लेने के लिए बाड़मेर की सभी विधानसभाओं में छोड़ रखा था।ये खास लोग 6 सितम्बर को वसुंधरा राजे को रिपोर्ट करेंगे।।बाड़मेर में मतदाताओं का वास्तविक रुख की रिपोर्ट होगी।।सूत्रों ने बताया कि सबसे खराब हालत में पचपदरा के अमराराम की है।।ये फौरी रिपोर्ट है।।सूत्रों ने बताया कि मेडम ज़िद्दी है।ज़िद के आगे नरेंद्र मोदी को भी कुर्बान कर देगी।।मेडम जानती है जो भीड़ जुटी वो मैनेज थी।।मर्जी से आई भीड़ नही थी। उनके ख़ौफ़ का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान गौरव यात्रा की मीटिंग करने बिना रथ के आई।।सिवाय छह मिटिंगोंके बड़े कस्बो या गांवो में कोई स्वागत के कार्यक्रम नही रखे।।मेडम को उनकी टीम ने सलाह दी थी कि मानवेन्द्र सिंह को कमजोर करना है तो स्वरूप सिंह राठौड़ और गिरधर सिंह का निष्काशन रद्द करें।वसुंधरा राजे ने तुरंत निरस्त के आदेश मंगवा दिए।ये दांव भी उल्टा पड़ गया।।जिस टीम को वसुंधरा राजे छोड़ गई उनमे कुछ अभी भी बाड़मेर है।तो कुछ आज चले गए। यह स्थानीय संगठन भी नही जानता। वसुंधरा राजे के बारे में उनके ही खास लोगो ने बताया कि कानो की कच्ची है।कुछ मंत्री अपने स्वार्थ के लिए उनसे झूठ बोल नुकसान करवा रहे।।छह को ये विशेष टीम की सदस्य वसुंधरा राजे को गोपनीय रिपोर्ट देगे।।मानवेन्द्र सिंह और उनकी स्वाभिमान रैली को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार की है जो वसुंधरा राजे को चिंता में डाल देगी। इस टीम में कुछ वो लोग भी थे जो मानवेन्द्र सिंह के कभी खास थे।।वसुंधरा राजे ने राजपूत ,राणा राजपूत, राजपुरोहित,ब्राह्मणों के रुख पर खास तौर से रिपोर्ट लाने को बोला है।।

मंगलवार, 4 सितंबर 2018

जोधपुर भारतीय वायुसेना का मिग 27 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त*, *दोनो पायलट एजेक्टली सेफ*

भारतीय वायुसेना का मिग 27 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त*, दोनो पायलट एजेक्टली से

जोधपुर

जोधपुर जिले के जालेली फौजदार और देवलिया गांव के बीच स्थित रूप सिंह की ढाणी क्षेत्र में मंगलवार सुबह भारतीय वायुसेना का एक मिग 27 फाइटर प्लेन क्रैश होने से अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रहीं कि इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि आसमान में हुई तेज आवाज के साथ विमान जलता हुए नीचे खेत में आ गिरा। इससे तेज आवाज होने से हडक़ंप मच गया। ग्रामीण जब मौके पर पहुंचे तो उन्हें वहां वायुसेना का एक विमान जलता हुआ दिखा। विमान गिरने से पूर्व ही पायलट ने खुद को इजेक्ट कर के जान बचा ली थी। हादसे की जानकारी मिलने के बाद पुलिस व दमकल मौके लिए रवाना हुए। हादसे में सुरक्षित बचे दो पायलट्स को एक हेलीकॉप्टर के माध्यम से वहां से ले जाया गया है

उल्लेखनीय है कि करीब दो वर्ष पूर्व जोधपुर के कुड़ी भगतासनी क्षेत्र में भी वायुसेना का मिग-27 फाइटर प्लेन क्रैश हो गया था। रिहायशी क्षेत्र में हुए इस हादसे से एक घर की दीवार पूरी तरह से नष्ट हो गई थी

शुक्रवार, 24 अगस्त 2018

जैसलमेर स्थापना दिवस पर राजपरिवार ने भाटी को किया सम्मानित


जैसलमेर स्थापना दिवस पर राजपरिवार ने भाटी को किया सम्मानित

रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर 

बाड़मेर वरिष्ठ पत्रकार चन्दन सिंह भाटी को जैसलमेर के 863 वें स्थापना दिवस पर आयोजित राजपरिवार के भव्य कार्यक्रम हज़ारो लोगो की उपस्थिति में सम्मानित किया गया। जैसलमेर के मूल निवासी चन्दन सिंह भाटी को उनके द्वारा पत्रकारिता क्षेत्र में दिए जा रहे योगदान को ध्यान में रख विशेष रूप से राजपरिवार द्वारा जेसलमेर स्थापना दिवस पर अखेप्रोल में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में महारावल बृजराज सिंह एमहारानी सा राशेश्वरी राज लक्ष्मीएयुवराज चैतन्यराज सिंह की उपस्थिति में मुख्य अतिथि मेजर जनरल ओ पी गुलिया द्वारा सम्मान किया । भाटी को 1986 से लगातार पत्रकारिता के क्षेत्र में दे रहे योगदान के लिए जेसलमेर मूल निवासी होने पर शॉल ओढ़ाकर प्रस्सति पत्र देकर सम्मानित किया।




ये सम्मान बहुत खास है- भाटी
भाटी ने हिंदी साप्ताहिक ब्लिट्ज से पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले भाटी ब्लिट्जएदैनिक हिंदुस्तानएदैनिक नवज्योतिएसहित दर्जनों समाचार पत्रों के लिए काम किया। अभी यूनीवार्ता के संवाददाता के रूप में कार्य कर रहे है। भाटी ने बताया कि 28 साल की पत्रकारिता में कई मर्तबा सम्मानित होने का सौभाग्य मिला। मगर जो सम्मान अपने घर मे हमारी आस्था और निष्ठा के प्रतीक राजपरिवार जैसलमेर की और से मिला यह सम्मान उनके लिए उनके लिए बहुत खास है।

बाड़मेर। पत्रकार दुर्गसिंह को मिली जमानत, पत्रकारों में ख़ुशी की लहर

बाड़मेर। पत्रकार दुर्गसिंह को मिली जमानत, पत्रकारों में ख़ुशी की लहर

रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान / बाड़मेर
बाड़मेर। बाड़मेर के वरिष्ठ पत्रकार दुर्गसिंह पुरोहित को जमानत मिल गई है। शुक्रवार को पटना के एससी-एसटी कोर्ट वकीलों ने अपनी दलीलें रखीं, जिसके बाद 3 बजे कोर्ट के प्रभारी न्यायधीश मनोज कुमार सिन्हा ने पांच पांच हजार के दो मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी। ये खबर मिलते ही पत्रकारों में खुशी की लहर दौड़ गई। यही नहीं पत्रकार दुर्गसिंह राजपुरोहित की जमानत बाड़मेर के पत्रकारों ने शहर के ह्दय स्थल अहिंसा सर्किल पर खुशी में पटाखे फोड़कर ओर मिठाई खिलाकर एक दूसरे को को बधाई दी।



इस दौरान पत्रकार कन्हैयालाल डलोरा, लाखाराम जाखड़, मुकेश मथरानी, प्रह्लाद प्रजापत, सुशीला दईया, प्रवीण बोथरा, जसवंतसिंह चौहान, अक्षयदान भादरेश, आनंद आचार्य, सुरेश जाटोल, हरीश चंडक, चंदनसिंह चंदन, प्रेम परिहार भैराराम जाट जसराज दईया, बाबू शेख, शाहिद हुसैन,छगनसिंह चौहान , राजेन्द्र लहुआ, मनमोहन सेजू, रितेश लखारा, कालू माली , अशोक दईया,ठाकराराम मेघवाल सहित कई पत्रकार के साथ अन्य लोगो भी सेकड़ो की संख्या में मौजूद रहे।




गौरतलब है की दुर्गसिंह राजपुरोहित के खिलाफ पटना के एससी-एसटी कोर्ट में 31 मई को पटना कोर्ट में मामला दर्ज हुआ था। चूंकि मामला एससी-एसटी एक्ट के तहत कराया गया है, इसलिए इसमें छानबीन की कोई जरूरत महसूस नहीं की गई और पुलिस को अरेस्ट वारंट मिलते ही सीधे पत्रकार दुर्गसिह को पुलिस ने 19 अगस्त को गिरफ्तार कर पटना भेजा गया. आज पटना के एससी-एसटी कोर्ट के प्रभारी न्यायधीश मनोज कुमार सिन्हा ने पांच पांच हजार के दो मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी.




पटना जोन के आईजी करेंगे मामले की जाँच
पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित के खिलाफ पटना में एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा और गिरफ्तारी के मामले को लेकर कई तरह के सवाल उठने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. नीतीश कुमार ने पटना जोन के आईजी नैय्यर हसनैन खान को पूरे मामले की तह तक जाकर रिपोर्ट देने को कहा है.

गुरुवार, 23 अगस्त 2018

आदिशक्ति फाउंडेशन की अध्यक्षा एवं वरिष्ठ पत्रकार को किया गया सम्मानित

आदिशक्ति फाउंडेशन की अध्यक्षा एवं वरिष्ठ पत्रकार को किया गया सम्मानित


लखनऊ में संम्पन हुए लोकगीत,शास्त्रीय नृत्य एवं सम्मान समारोह में आदिशक्ति फाउंडेशन की अध्यक्षा, वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवी श्रीमती सुषमा सिंह पंवार को जीवन जाग्रति जन कल्याण समिति द्वारा स्मृति चिन्ह व पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। आदिशक्ति फाउंडेशन द्वारा महिला सशक्तिकरण व जनकल्याण जैसे कार्य किये जा रहें हैं। तकरीबन छः हज़ार महिलाओं को अपने साथ लेकर चलने वाले इस फाउंडेशन के कार्य सराहनीय हैं। सम्मान समारोह के चयनित नामों में आदिशक्ति फाउंडेशन की राष्ट्रीय महा-सचिव श्रीमती रागिनी पांडेय जी और फाउंडर श्री हरि प्रकाश पांडेय जी के नाम भी शामिल रहे जिन्हें मंच पर स्मृति चिन्ह व पुष्प गुच्छ से सम्मनित किया गया।

बुधवार, 22 अगस्त 2018

जैसलमेर स्थापना दिवस पर भाटी होंगे सम्मानित

जैसलमेर स्थापना दिवस पर भाटी होंगे सम्मानित


रिपोर्ट :- छगनसिंह चौहान /बाड़मेर 


बाड़मेर वरिष्ठ पत्रकार चन्दन सिंह भाटी को जैसलमेर स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले राजपरिवार के भव्य कार्यक्रम में राजमाता द्वारा सम्मानित किया जाएगा। जैसलमेर के मूल निवासी चन्दन सिंह भाटी को उनके द्वारा पत्रकारिता क्षेत्र में दिए जा रहे योगदान को ध्यान में रख विशेष रूप से राजपरिवार द्वारा जॉसलमेर स्थापना दिवस पर आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में महारावल बृजराज सिंह ,युवराज चैतन्यराज सिंह की उपस्थिति में सम्मान किया जाएगा। भाटी विगत 1986 से लगातार पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहे है हिंदी साप्ताहिक ब्लिट्ज से पत्रकारिता की शुरुआत करने वाले भाटी ब्लिट्ज,दैनिक हिंदुस्तान,दैनिक नवज्योति,सहित दर्जनों समाचार पत्रों के लिए काम किया। अभी यूनीवार्ता के संवाददाता के रूप में कार्य कर रहे है। भाटी ने बताया कि जेसलमेर राजपरिवार द्वारा दिया जा रहा यह सम्मान उनके लिए खास मायने रखता हैं।


विशेष आलेख बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक । । जैसलमेर के रियासत कालीन सिक्के, अखेशाही सर्वाधिके लोकप्रिय रहा

विशेष आलेख बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक । । जैसलमेर के रियासत कालीन सिक्के, अखेशाही सर्वाधिके लोकप्रिय रहा


@ चंदनसिंह भाटी 
जैसलमेर प्राचीन काल में जब मुद्राऐं प्रचलन में नहीं थी तब वस्तु विनिमय बारटर सिस्टम द्घारा व्यापार किया जाता था।इस तरह के व्यापार में कई प्रकार की समस्याऐं आती थी जैसे पाुओं का बंटवारा नही हो सकता था,जमीन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाना सम्भन नहीं था आदि।व्यापार में आने वाली इन समस्याओं से निजात पाने के लिऐ मुद्रा का प्रचलन भाुरू हुआ।ये मुद्राऐं रियासत कालीन भारत में अलग अलग राज्यों की अलग अलग होती थी।रियासतकालीन भारत में कागजी मुद्रा का चलन नहीं कें बराबर था,मुख्यत मुद्राऐं सोने चान्दी व ताम्बे की बनाई जाती थी यहां तक की एक राज में तो चमडे की मुद्रा अर्थात
चमडे के सिक्के भी चलायें गय जो कि वर्तमान में दुर्लभ हैं।जैसलमेर के गोपा चौक स्थित स्वर्ण व्यवसायी मदन लायचा के पास जैसलमेर के रियासतकालीन सिक्को का बेजोड़ संग्रह हें ,इस बेजोड़ संग्रह के चलते उन्हें छबीस जनवरी को जिला द्वारा भी किया .







इसी प्रकार रियासत काल में जैसलमेर रियासत की भी अपनी स्वतंत्र मुद्रा प्रचलन में थी जिसे महारावल सबलसिंह द्घारा सन 1659 में जारी किया गया यह मुद्रा डोडिया पैसा के नाम से जानी जाती थी।इस पर किसी भी प्रकार का राजचिन्ह या लेख नहीं होता था,यह ताम्बे की पतली चदर को छोटे छोटे असमान टुकडों में काट कर बनी होती थी तथा इस पर आडी टेडी समान्तर रेखाऐं व कहीं कहींये रेखाऐं आयात का रूप लेती हुई व उनके मध्य बिन्दु होता था।इनकी इकाई एक तथा आाधा डोडिया होती थी,एक डोडिये का वजन सवा दौ सौ ग्राम होंता था व आधे डोडीऐ का वजन सवा ग्राम होता था। उस काल में डोीऐ का प्रचलन बहुत थाक्योंकि वस्तुऐं बहुत कम ही मुल्य में उपलब्ध हो जाती थी।उस काल में कुछ वस्तुऐं डोयिें की डो सेर भी आती थी।इसिलिऐ इसका सामान्यजन में बहुतायात में प्रचलन होता था।डोडिऐ का प्रचलन जैसलमेर रियासत में के स्वतंत्र भारत में विलय तीस मार्च 1949 कें पचात भी काफी समय तक निर्बाध रूप से चलता रहा।सन 1947 में एक पैसा में दस डोडिया आते थे।डोडिऐ पैसे के बाद इससें बडी ताम्बे की मुद्रा ब्बू पैया होती थी।एक ब्बू पैसा में बीस डोऐिं पैसे होते थे। तथा इनका नाम ब्बू इनके भारी वनज के कारण पडा।इनका वजन 15 से 18 ग्राम के लगभग होता था।तथा इसें जैसलमेर टकसाल में नहीं छापा जाकर इसे जोधपुर टकसाल में छपवाया जाता था।जोधपुर के अलावा भी बीकानेर और भावलपुर रियासत में ब्बू पैसे प्रचलन में थे। आज भी कई घरों में काफी मात्रा में मिल जाऐंगें।





जैसलमेर रियासत का चान्दी का रूपया सर्वप्रथम महारावल अखैसिंह (1722..61)द्घारा सन 1756 में मुद्रित कराना आरम्भ किया था इसिलिऐ जैसलमेर की रजत मुद्रा को अखौाही नाम दिया गया।महारावल अखेसिह ने सिक्के छापने का कार्य करने वाले विोशज्ञ बाडमेर के जसोल (लोछिवाल) से नाथानी लायचा गोत्र के सोनी परिवार को जैसलमेर रियासत में ससम्मान निमन्ति्रत किया ताकि सिक्कों में निखार आ सके।महारावल नें उन्हे वांनुगत टकसाल का दरोगा भी बनाया गया तथा उन्हें रियासत की तमाम सुविधाऐं भी उपलब्ध कराई।यह परिवार आज भी जैसलमेर के परम्परागत आभूशण बनानें में जुटें हैं। 


अखौाही सिक्के उस समय की मोहम्मद शाही सिक्कों का ही प्रतिरूप थें मगर उस पर जैसलमेरी रियासत की पहचान के लिऐ चिन्ह (22)बाईस फारसी में () इस रियासत की पहचान रूप था ।क्योंकि महारावल अखैसिह ने राजगद्धी 1722 में सम्भाली थी ,ये मोहम्मद भाही सिक्के बादाशाह की बिना आज्ञा के छापे गये थे। महारावल अखैसिह की मृत्यु के पचात उनके उत्तराधिकारी महारावल मूलराज (1761..1819)द्घारा बादाह से नियमित टकसाल स्थापित करने की आज्ञा लेकर जैसलमेर रियासत की टकसाल में स्वतंत्र रूप से सिक्के छापने आरम्भ किये गयें।

चान्दी के अखौाही में एक रूपया,आठ आनी,चार आनी,दो आनी,मुल्य के सिक्के चलन में थे।इनका वनज क्रमा 10,50 से 1160 ग्राम ,5,35 से 5,80 ग्राम 2,68 से 2,90 ग्राम,1,34 से 1,45 ग्राम होता था व भाुद्धता 95 से 96 प्रतित तक होती थी। उसी दौरान सोने की मुहर भी छपी गई एक मुहर ,आधी मुहर ,चौथाई मुहर और 1/8 मुहर उस समय 1 मुहर 15 चांदी के अखेशाही आते थे तथा 1 अखेशाही में दो तोला चांदी आती थी .उस समय अखेशाही मुग़ल बादशाह के नाम से ही छपे गए उनमे विद्यमान आलेख ,राज्यारोहन सन आदी का यथावाचत ही रखा तथा लिपि फारसी ही रखी गई जो निम्न प्रकार से थी ...एक और


*----सिक्का मुबारक साहिब*


किसन सानी मोहम्मद शाह गाजी 1153




दूसरी और सनह 22 जुलुस मेम्नात मानूस जरब सियासत जैसलमेर इसी पटल पर टकसाल दरोगा का निशाँ होता था .इसके बाद विभिन समय समय जिन जिन महारावालों ने जैसलमेर रियासत के सिक्के छपवाए उन्होंने अपने समय की पहचान के लिए चिन्ह डाले जिससे पता चल सके की यह सिक्का किस महारावल के काल का हें ,जैसे मूलराज ,गज सिंह ,रणजीत सिंह ,बेरिशाल सिंह ने अपने अपने पहचान चिन्ह सिक्को में डाले .




इसके बाद सन 1860 में महारावल रणजीत सिंह के समय चंडी के सिक्को पर से मुग़ल बादशाह के नाम हटा कर महारानी विक्टोरिया का नाम छपा जाने लगा तथा इसी समय सिक्कों पर जैसलमेर के राज् चिन्ह के रूप में छत्र और चिड़िया को भी एक और अंकित किया गया .इस नई मुद्रा में भी रुपया ,आठ आना ,चार आणि ,दो आणि और सोने की मोहर जारी की गई थी ,जो की वजन व् आकर में पूर्ववर्ती सिक्कों की भांति ही थी ,स्वतंत्र भारत की मुद्रा आने तक इनका प्रचालन जारी रहा




*नज़राना सिक्कें* ------जैसलमेर रियासत के महारावालो ने समय समय पर नज़राना सिक्कें भी चलाये जो की वजन से सामान्य सिक्कों से अधिक वजन में थे व् साईज में भी बड़े थे ,नज़रानी सिक्कें गोल ,चौरस व् अष्ट पहलू में चलाये गए तथा इनका वज़न सवा रुपया ,14-15 ग्राम ,डेड रुपया पौने दो रुपया व् दो रूपया यह सोने व् चांदी दोनों धातुओ में निकाले गए थे .


*पुष्ठा मुद्रा*------द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1939 में तोपों में व् युद्ध सामग्री के लिए काफी मात्र में चंडी और ताम्बे के सिक्कों को गलाया गया था .उन्हें ब्रिटेन ले जाने की वजह से छोटी मुद्राओ का संकट आ गया .इससे निजात पाने के लिए महारावल जवाहर सिंह 1914-48 के समय पुट्ठा मुद्रा का चलन जनता में किया गया ,जिसे जनता ने भी स्वीकार .यह मुद्रा स्वतंत्र भारत की नई मुद्रा आने तक प्रचाल;अन में रही .इस प्रकार भी संग्रहकर्ताओं का आकर्षण रियासत कालीन मोहम्मद शाही ,अखेशाही की तरफ अधिक रहता हें .इस प्रकार स्थानीय शासको द्वारा समय समय पर अपनी जनता की आवश्यकताओ की पूर्ति के लिए कई प्रतिबंधो के बावजूद भी अपनी रियासत की जनता के हित को सर्वोपरि मानते हुए स्वतंत्र मुद्रा अखेशाही के प्रकार से स्थानीय प्रजा को अपने शासको को पूर्ण अधिकार एवं स्वयं भू होने का तो विश्वास प्राप्त हुआ ही प्रतिदिन लें दें एवं व्यापर में भी आसानी हो गई .जैसलमेर के निवासी ब्रिटिश चांदी के कलदार या अन्य पडौसी राज्यों की चांदी की मुद्रा की अपेक्षा स्थानीय अखेशाही में ही लेनदेन को प्राथमिकता देते थे ,स्थानीय जनता की यह भावना अपने राज्य की स्वतंत्र मुद्रा में विशवास का प्रतिक थी ,स्वतंत्र भारत में जैसलमेर रियासत के विलय दिनांक तीस मार्च 1949 के पश्चात भी लोगों की पहली पसंद रही तथा आज भी जारी हें ,धन तेरस और दीवाली को आज भी जैसलमेर के लोग अखेशाही सिक्के या मुद्रा लेना प्राथमिकता से पसंद करते हें

बालोतरा। मालाणी प्रेस क्लब ने वरिष्ठ पत्रकार दुर्गसिंह राजपुरोहित की गिरफ्तारी की निंदा, जल्द रिहा करने की मांग

बालोतरा। मालाणी प्रेस क्लब ने वरिष्ठ पत्रकार दुर्गसिंह राजपुरोहित की गिरफ्तारी की निंदा, जल्द रिहा करने की मांग

रिपोर्ट :- ओमप्रकाश सोनी / बालोतरा 

बालोतरा। मालाणी प्रेस क्लब सेवा संस्थान ने पत्रकार दुर्गसिंह राजपुरोहित की गिरफ्तारी को लेकर पेंशनर समाज कार्यालय में बैठक आयोजित कर निंदा की गई। अध्यक्ष जैसलसिंह खारवाल ने बताया की जो व्यक्ति कभी बिहार गया हीं नहीं और न परिवादी कभी बाड़मेर आया, यह सब कुछ जाहिर होते हुए भी बेवजह बिना सबूतों के लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करने की साजिश रची गई है। निर्दोश पत्रकार दुर्गसिंह राजपुरोहित पर झूठा मुकदमा कर फंसाने की साजिश एक राजनीतिक षंडयंत्र है जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। सर्व समाज की समस्याओं को उजागर करने वाले मीडिया के लोगों को फंसाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। इस मौके पर कई समाजसेवी व बुद्धिजीवी संगठनों ने भी मीडिया के लोगों पर लगातार हो रहे झूठे मुकदमों की कठोर शब्दों में घोर निंदा की है। उन्होंने राजस्थान व बिहार सरकार से हस्तक्षेप कर राजपुरोहित को जल्द रिहा करने की भी मांग की है। 




इस अवसर पर शंकरलाल सलुंदिया, गुलाराम चंदाणी, शिक्षाविद् मोहनलाल गहलोत, मोतीलाल सैनी, इश्वरसिंह इंदा, अनिल वैष्णव, जितेंद्र खारवाल, सदाशिव सलुंदिया, ओमप्रकाश सोनी, सवाई सैन, जितेंद्र दवे, कैलाशपुरी गोस्वामी, भगाराम पंवार, शंकरलाल कच्छवाह, प्रवीण माली, मोहित दवे सहित कई प्रबुद्धजनों ने ऐसी घटनाओं पर विरोध जताया।