*बाड़मेर स्वाभिमान रैली ने भाजपा कांग्रेस दोनो में हड़कम्प मचा दिया,विरोध में आये हरीश चौधरी*
*मानवेन्द्र सिंह कांग्रेस में आएंगे तो स्थानीय नेताओं को पूछ के आएंगे?*
बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक*
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बाड़मेर 22 सितम्बर को पचपदरा में होने वाली स्वाभिमान रैली ने दोनों दलों में हड़कम्प मचा दिया है एक तरफ भाजपा है जिसने पहली बार सांसद जाने का खाता मानवेन्द्र सिंह के माध्यम से खोला था।दूसरी तरफ कांग्रेस है जिसमे मानवेन्द्र सिंह के जाने की अटकलें लगाई जा रही है।।मात्र अटकलों से कांग्रेस के स्थापित नेता कांग्रेस में मानवेन्द्र सिंह की उपस्थिति में अपने वजूद खोने के डर से भी हिल गए।।
कोई ज्यादा पुरानी बात नह है जब पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने मीडिया को बयां दिया था कि कांग्रेस विशाल समुंदर है जिसमे मानवेन्द्र सिंह ,कर्नल सोनाराम आते है तो स्वागत है। चार महीने बाद ही पूर्व सांसद ने अपना बयान पचपदरा रैली में बदला मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आने पर सवाल खड़े किए।।
कोई ज्यादा पुरानी बात नह है जब पूर्व सांसद हरीश चौधरी ने मीडिया को बयां दिया था कि कांग्रेस विशाल समुंदर है जिसमे मानवेन्द्र सिंह ,कर्नल सोनाराम आते है तो स्वागत है। चार महीने बाद ही पूर्व सांसद ने अपना बयान पचपदरा रैली में बदला मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में आने पर सवाल खड़े किए।।
बाड़मेर न्यूज़ ट्रैक की पड़ताल में जो सामने आया वो यह कि अशोक गहलोत के पिछले पांच साल का राज याद हो किसी को तो गौर फरमाएं।।किस तरह जाट नेताओं को किनारे लगाया ।।कांग्रेस में गहलोत राष्ट्रीय स्तर पर दमदार बन के उभरे है।हरीश चौधरी को बनाने वाले अशोक गहलोत थे,उन्होंने उन्हें राजनीति में मुकाम दिलाया।।।
गहलोत काँग्रेज़ को जिंदा रखने के लिए नए फॉर्मूले और समीकरण तलाश रहे है।।
बात मानवेन्द्र सिंह की।।मानवेन्द्र सिंह ने अभी तक ऐसा कोई अधिकृत बयान नही दिया कि वो कांग्रेस में आ रहे। फिर भी वो अगर आना भी चाहेंगे तो कांग्रेस के हाई कमान के माध्यम से आएंगे और दमदार तरीके से आएंगे।।जसवंत सिंह जी का चुनाव आपको याद है न। श्रीमती सोनिया गांधी ने जसवंत सिंह के समर्थन में अपना अधिकृत उम्मीदवार हटाने का फैसला किया था मगर जसवंत सिंह ने विनम्रता पूर्वक कांग्रेस का समर्थन लेने से मना किया था।।मानवेन्द्र सिंह अगर कांग्रेस में आते है तो वो अपनी शर्तों पर दमदार भूमिका में आएंगे इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर बात करके आएंगे।।मानवेन्द्र के आने के बाद कांग्रेस में कईयों की राजनीति चूले हिलेगी जो जातिवाद पर राजनीति करते है।।ऐसे में मानवेन्द्र सिंह का कांग्रेस में आने का विरोध समझ आता है।।मानवेन्द्र सिंह भाजपा से निकलते है तो भाजपा को बड़ा नुकसान सम्भव है।स्वाभिमान रैली को लेकर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व सक्रिय हो गया है।।कुछ बाते यहां अभी लिखने लायक नही है ।वक़्त पे खुलासा करेंगे।।स्वाभिमान रैली को लेकर साफ है इसमें बड़े नाम जुड़े है।कई ऐसे नाम चोंकाने वाले भी होंगे।।भाजपा को पहली बार मुस्लिम वोट बैंक मानवेन्द्र सिंह ने दिया।।वसुंधरा राजे ने गत चार सालों में मुस्लिम समाज के लिए नेता भी तैयार किये वो नेता आज कहाँ है उनका पार्टी में क्या वजूद है ये पब्लिक है सब जानती है। स्वाभिमान रैली में 36 कौम है।।कल स्वाभिमान रैली की मीटिंग में छतीस कौम के मौजिज लोगो की उपस्थिति ने इसकी सार्थकता पर मोहर लगा दी।।कांग्रेस में परंपरागत समीकरण बदलने की कवायद चल रही है।।जसवंत सिंह भले बिस्तर पर है मगर उनके एक सन्देश पर स्वाभिमान दल जाग उठा।।22 सितम्बर का इंतज़ार भाजपा और कांग्रेस दोनो कर रहे है।।सबकी उत्सुकता भी बनी है ।इस रैली में नई राजनीतिक इबारत लिखी जाएगी।।यह भी तय है।।मानवेन्द्र सिंह उच्च कोटि के राजनीतिज्ञ है उन पर टिक्का टिपणी कर स्थानीय नेता नायक बनने की नाकाम कोशिश कर रहे।मानवेन्द्र सिंह के पास जनाधार है। बाकी अपना विश्लेषण खुद ही कर ले।।खैर स्वाभिमान रैली के जरिये इस सरहदी जिलो को महिलाओ का भी नेतृत्व मिलने की संभावना है।।बाड़मेर जैसलमेर सहित पाली ,जोधपुर,सिरोही,जालोर सहित बाहरी जिलो से लोग स्वाभिमान रैली में आ रहे है।।रैली की निरन्तर तैयारियां ,संपर्क जारी है।।36 कौम की इस स्वाभिमान रैली को लेकर पूरे प्रदेश में उत्साह है ।इधर राष्ट्रीय करणी सेना ने सभी जिलो में मोर्चा सम्भाल दिया। हर घर मे पीले चावल के साथ निमन्त्रण दे रहे है ।।इस रेलिको ऐतिहासिक बनाने के तमाम प्रयास हो रहे।।
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