बाड़मेर ब्लेक लिस्टेड और मुकदमे दर्ज करने के बावजूद एन जी ओ के मार्फ़त किया लाखो का भुगतान,प्रत्येक कार्मिक के काटे पंद्रह पन्द्रह हजार*
*बाड़मेर विभिन सरकारी योजनाओं में भरष्टाचार को आयाम देने और कार्मिको को नियम विरुद्ध बड़ी सुविधा शुल्क कटौतियां करने की शिकायत पर जिला कलेक्टर के आदेश पर मुख्य चिकित्सा विभग्ग बाड़मेर द्वारा एक स्वयं सेवी संस्था को न केवल ब्लैकलिस्टेड किया बल्कि उसके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज कराए। हाल ही में अनुबंध पे लगे करीब बीस से अधिक नर्सिंग कर्मियों के कई महीने का बकाया भुगतान मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर द्वारा ब्लॉक सी एम ओ को जारी किए थे।।राज्य सरकार द्वारा इन कार्मिको को संस्थाओं के बजाय सीधे भुगतान करने का आदेश था। जिला कलेक्टर द्वारा इस संस्था के खिलाफ की गई कार्यवाही के बाद संस्था ने इन सभी कार्मिको को हटा दिया था।बाद में ये कार्मिक न्यायालय के आदेश से लगे हुए थे।।चिकित्सा अधिकारी द्वारा बी सी एम ओ को इनका भुगतान जारी किया।संस्था के शातिर संचालक ने इनसे संपर्क कर सबसे पहले इन कार्मिको को हटाने के अपनी संस्था के आदेश वापस लिए। फिर सभी बी सी एम ओ से इन कार्मिको का भुगतान अपने खाते में अवैध रूप से जमा करवाया। इन कार्मिको से संस्था ने कुछ दस्तावेजो पे फर्जी तरीके से लिखवा के लिए की हमे संस्था के माध्यम से जो भुगतान मिलेगा उस पर सहमत है। एक एक कार्मिक को लगभग 1एक कख छब्बीस हज़ार का भुगतान हुआ जो सीधे कार्मिक के खाते में जाना था।मगर चिकित्सा अधिकारियों ने कमीशन के चक्कर मे भुगतान संस्था के खाते में किया।संस्था द्वारा प्रत्येक कार्मिक के खाते में पन्द्रह पन्द्रह हज़ार रुपये सुविधा शुल्क काट के भुगतान किया। कार्मिको को इस संस्था के संचालक ने सुविधा शुल्क न देने पर अनुभव प्रमाण पत्र जारी नही करने की धमकी दी थी ।मजबूरी में कार्मिको ने सुविधा शुल्क पर सहमति दी। जब राज्य सरकार ने इन्हें सीधे भुगतान करने के निर्देश दे रखे थे तो चिकित्सा अधिकारियों ने संस्था के खाते में पैसे क्यों डाले। इस ने जब इन कार्मिको को हटाने के आदेश दे दिए थे तो इन्हें भुगतान किस आधार पर किया गया। चिकित्सा विभाग में बड़ा गड़बड़ झाला सामने आया लाखो रुपयों का गबन इन संस्था को करने का मौका दिया जबकि इसी विभाग ने इस संस्था के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवा रखा है। पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि कार्मिको के साथ हुए अन्याय का खुलासा हो सके।*
*बाड़मेर विभिन सरकारी योजनाओं में भरष्टाचार को आयाम देने और कार्मिको को नियम विरुद्ध बड़ी सुविधा शुल्क कटौतियां करने की शिकायत पर जिला कलेक्टर के आदेश पर मुख्य चिकित्सा विभग्ग बाड़मेर द्वारा एक स्वयं सेवी संस्था को न केवल ब्लैकलिस्टेड किया बल्कि उसके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज कराए। हाल ही में अनुबंध पे लगे करीब बीस से अधिक नर्सिंग कर्मियों के कई महीने का बकाया भुगतान मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर द्वारा ब्लॉक सी एम ओ को जारी किए थे।।राज्य सरकार द्वारा इन कार्मिको को संस्थाओं के बजाय सीधे भुगतान करने का आदेश था। जिला कलेक्टर द्वारा इस संस्था के खिलाफ की गई कार्यवाही के बाद संस्था ने इन सभी कार्मिको को हटा दिया था।बाद में ये कार्मिक न्यायालय के आदेश से लगे हुए थे।।चिकित्सा अधिकारी द्वारा बी सी एम ओ को इनका भुगतान जारी किया।संस्था के शातिर संचालक ने इनसे संपर्क कर सबसे पहले इन कार्मिको को हटाने के अपनी संस्था के आदेश वापस लिए। फिर सभी बी सी एम ओ से इन कार्मिको का भुगतान अपने खाते में अवैध रूप से जमा करवाया। इन कार्मिको से संस्था ने कुछ दस्तावेजो पे फर्जी तरीके से लिखवा के लिए की हमे संस्था के माध्यम से जो भुगतान मिलेगा उस पर सहमत है। एक एक कार्मिक को लगभग 1एक कख छब्बीस हज़ार का भुगतान हुआ जो सीधे कार्मिक के खाते में जाना था।मगर चिकित्सा अधिकारियों ने कमीशन के चक्कर मे भुगतान संस्था के खाते में किया।संस्था द्वारा प्रत्येक कार्मिक के खाते में पन्द्रह पन्द्रह हज़ार रुपये सुविधा शुल्क काट के भुगतान किया। कार्मिको को इस संस्था के संचालक ने सुविधा शुल्क न देने पर अनुभव प्रमाण पत्र जारी नही करने की धमकी दी थी ।मजबूरी में कार्मिको ने सुविधा शुल्क पर सहमति दी। जब राज्य सरकार ने इन्हें सीधे भुगतान करने के निर्देश दे रखे थे तो चिकित्सा अधिकारियों ने संस्था के खाते में पैसे क्यों डाले। इस ने जब इन कार्मिको को हटाने के आदेश दे दिए थे तो इन्हें भुगतान किस आधार पर किया गया। चिकित्सा विभाग में बड़ा गड़बड़ झाला सामने आया लाखो रुपयों का गबन इन संस्था को करने का मौका दिया जबकि इसी विभाग ने इस संस्था के खिलाफ मुकदमे दर्ज करवा रखा है। पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए ताकि कार्मिको के साथ हुए अन्याय का खुलासा हो सके।*