मानवेन्द्र सिंह की मीटिंगों में उपस्तिथि भर से अफसरों को राहत।।सब योजनाओ पे बात करने लगे।।
बाड़मेर कहना अतिशयोक्ति ही होगा की बाड़मेर जिला प्रशासन की ग्रामीण विकास या जिला परिषद की अब तक हुई बैठको में कभी सार्थक चर्चा जनप्रतिनिधियो ने नही की।।जन प्रतिनिधि गाँव और गांव वालो के विकास और विकास योजनाओ के क्रियान्वयन पर बोलने की बजाय कुछ अधिकारियो को टारगेट कर उन्हें बेइज्जत करने मात्र उद्देश्य रह गया था।जिन बैठको में सांसद ,विधायक उपस्थित होने वाले होते पहले से तय होता की किस अधिकारी पर आज फोकस रहेगा।।ग्रामीण विकास योजनाओ में लूट मची हैं जल स्वावलम्बन के नाम पर अधिकारी पैसा बटोर रहे हैं। करोडो रुपयो की स्वीकृतिया जारी हैं।धरातल पर एक काम नजर नही आता।।सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम में जिस तरह प्रदेश स्तर का घोटाला हुआ उससे योजनाओ के क्रियान्वयन और जिला प्रशासन की कार्य क्षमता पर भी प्रश्न उठे।साथ ही जिला परिषद के लेखाकार देवपाल मीणा द्वारा किये टेंडर घोटाले में साफ़ साफ उसे बचाना ,साबित करता हे दाल पूरी काली थी।।
ऐसे में पिछली दो मीटिंगों में शिव विधायक मानवेन्द्र सिंह भी उपस्थित हुए।।जिला प्रशासन को भी लगा कोई मीटिंग हो रही हैं। इन मीटिंगों में योजनाओ की क्रिनवयन्ति और गुणवत्ता पे सार्थक चर्चा हुई।टांका निर्माण के रूप में एक और भरष्टाचार का जिन बाहर निकल।मानवेन्द्र सिंह के साथ सभी जन प्रतिनिधियों ने पहली बार एक स्वर में टांका निर्माण में अलग अलग योजनाओ में स्वीकृति राशि के अंतर पर प्रश्न उठाया।जो टांका 45 हजार में बन जाता हे उस पर अधिकारी तीन लाख रुपये लूटा रहे हैं।सरकारी योजनाओ का सही क्रियान्वयन और मोनिटरिंग हो जाए तो आम आदमी को इसका लाभ मिलना तय हैं।चूँकि मानवेन्द्र सिंह का राजनितिक कद और व्यक्तित्व इतना हे की कोई भी जन प्रतिनिधि जो चाहे उनका राजनितिक प्रतिद्वंदी हो उनका सम्मान जरूर करता हैं। बेवजह अधिकारियो पर दबाव बनाने की बजाय उन्हें सही और सार्थक काम करने का कहते हैं कभी तबादलो की धमकी नही देते।।अधिकारियो को पूरा सम्मान देते हैं।मगर सरकारी गाइड लाइन या गलत करने वालो को बख्शते भी नही।उनकी उपस्थिति भर से सरकारी बैठको में स्टेंडर्ड नजर आया।।अगर प्रभारी मंत्री की पिछली बैठक याद हो ।विधायक तरुण कागा रूठे थे।।तो जिन बैठको में सांसद होते उसमे तय होता CMHO आज टारगेट हैं।यही होता।।जन प्रतिनिधि चाहे तो योजनाओ की एकदम सही क्रियांवती हो सकति हैं।आवश्यक्ता हे बैठको में जनता के लिए सरकारी अधिकारियो खास कर विकास अधिकारियो पर दबाव बने।।क्योंकि विकास अधिकारी विशुद्ध राजनीती स्पोर्ट पद हैं हर विकास अधिकारी किसी न किसी मंत्री का खास हैं।ऐसे में उनके द्वारा ज्यादा परवाह नही की जाती।।इन पर लगाम कस जाए तो आम जन को राहत मिल सकती हे।।बहरहाल सरकारी योजनाओ पर पहली बार सार्थक चर्चा बाड़मेर की जनता के लिए शुभ संकेत हैं। इससे नक्कारा और भरष्ट कार्मिको पर दबाव बनेगा निसंदेह।।।मानवेन्द्र की उपस्तिथि से क्षेत्र के दूसरे विधायको को मोरल स्पोर्ट मिला।।