गुरुवार, 9 अक्टूबर 2014

बाड़मेर सूचना के अधिकार को बनाया ग्राम सचिव का अधिकार



बाड़मेर सूचना के अधिकार को बनाया ग्राम सचिव का अधिकार
रिर्पोटर - सुरजन विश्नोई

धोरीमन्ना , उपखण्ड क्षेत्र के ग्रामपंचायत बांटा के ग्रामसेवक द्वारा एक आर. टी. आई कार्यकर्ता को सुचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत अपनी मन मर्जी से ग्रामसेवक द्वारा आवेदन खारिज करने का मामला प्रकाश मे आया है सरकार ने जनता को सूचना का अधिकार तो दिया है साथ ही यदि इसके उल्लघन करने पर जुर्मान की व्यवस्था भी की गई है इसके बावजूद भी विभागो द्वारा सूचना नही दी जाती है या फिर अपने स्तर पर नियम बनाते हुए सूचना के विस्तृत होने का बहाना बनाकर सूचना देने से मना कर दिया जाता है। जिससे साफ जाहिर होता है कि इस कानून को पंगु बनाने की कोशिशे लगातार हो रही है आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी के प्रति सरकारी अमला कैसा गैर जिम्मेदाराना रूख अपनाता है इसका एक नमूना है यह भी है। पंचायती राज विभाग के ग्राम पंचायत बांटा के गोकलाराम ने ग्राम सेवक एवं पदेन सचिव से गत 5 वर्षों के विकास कार्यों एवं भूमि संबंधित पट्टो की जानकारी मांगी थी। चंूकी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्रार्थी को सूचना एक माह में उपलब्ध करवायी जानी होती है परन्तु ग्राम सेवक द्वारा एक माह मे एक पत्र लिखकर प्रार्थी को अवगत करवाया कि आप द्वारा चाही गई सुचना इतनी विस्तृत है कि सुचना उपलब्ध कराने हेतु इस कार्यालय के संसाधन अननुपाती रूप से विचलित होते है लिहाजा सुचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7(9) के तहत आपका आवेदन पत्र खारीज किया जाता है,। जबकी सुचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7(9) के तहत मांगी गई सुचना से कार्यालय का कोई संसाधन विचलित नही होता है कार्यकर्ता के अनुसार प्रथम अपील करने हेतु विकास अधिकारी के पास जाने पर उनके द्वारा भी अपील लेने से मना कर दिया। सूचना के अधिकार के तहत सूचना प्राप्त न होने एवं ग्राम सेवक द्वारा भ्रमित करने वाला बेतुका सा जवाब मिलने पर प्रार्थी को अनावश्यक समय एवं धन का खर्च करना पड़ रहा है। लेकिन प्रार्थी वर्तमान में सूचना पर आने वाले खर्च को वहन करने में तैयार है परन्तु ग्राम सेवक द्वारा सूचना देने मे होने वाली व्यय राशि न मांगकर सूचना देने से ही मना करना एक गंभीर मामला है। इसलिए प्रार्थी का अपील करने का अधिकार रखता है इसके बाद भी प्रथम अपील के बाद भी अपीलार्थी को कोई संतोषजनक न तो जवाब मिला और न ही सूचना। अंत में अपीलार्थी राज्य सूचना आयोग के पास अपील करने हेतु बाध्य हुआ। जाहिर है कि जवाब देने वाले अधिकारी ने आरटीआई की मूल भावना से खिलवाड किया और जवाब के नाम पर मात्र खानापूर्ति कर दी। ऐसे वाकये अक्सर सामने आते है जिसमें साफ दिखता है कि अधिकारी सूचना देने के नाम पर नागरिको को गुमराह करते है , मामले की लीपापोती करते है या सूचना मांगने वाले को हतोत्साहित करते है। यह भी है कि नौकरष्शह या तो कानून की जानकारी नही रखते या फिर सूचना देना अपनी नाक नीची होना समझते है। सबसे बड़ा कारण भ्रष्टाचार और नाकामियो के उजागर होने के डर से सूचना नही देते है।

सुचना के अधिकार अधिनियम, 2005 धारा - 7(9)

किसी सुचना को साधानरणतया उसी प्ररूप में उपलब्ध कराया जाएगा, जिसमें उसे मांगा गया है, जब तक कि वह लोक प्राधिकारी कें स्त्रोतो को अननुपाती रूप से विचलित न करता हो या प्रश्नगत अभिलेख की सुरक्षा या संरक्षण के प्रतिकुल न हो।

इनका यह कहना है

मेरे द्वारा ग्रामसेवक से दो बार सुचना मांगी गई पर ग्रामसेवक द्वारा आवेदन खारिज कर दिया गया

गोकलाराम सियोल आर. टी. आई कार्यकर्ता

इतनी सुचना उपलब्ध कराने के लिए हमारे कार्यलय के संसाधन विचलित होते है

खुमानाराम ग्राम सेवक बांटा




मेने ग्रामसेवक को इसके बारे मे बता दिया है कि कार्यकर्ता को चाही गई सूचना की प्रतिया ज्यादा होने कारण अपिलार्थी को आप कार्यलय समय में बुलाकर अवलोकन करावे व जो अतिआवश्यक दस्तावेज हो उसकी प्रतिया उपलब्ध करावें ।

फिरोजखाॅन विकास अधिकारी धोरीमन्ना

आसाराम के बाद एक और स्वामी फंसे सेक्स स्कैंडल में

बेंगलुरू। आसाराम के बाद अब एक और स्वामी सेक्स स्कैंडल में फंस गए हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीआईडी को शिमोगा जिले के प्रसिद्ध रामचंद्रपुरा मठ के प्रमुख राघवेश्वर भारती स्वामी के खिलाफ रेप मामले की जांच करने का आदेश दिया।
karnataka high court orders probe against raghaveshwara bharathi swamiji rape  case
कोर्ट ने गुरूवार को स्वामी की जांच को रोकने वाली याचिका को खारिज कर दी है। साथ ही सीआईडी को कहा है कि वह मामले की जांच आगे बढ़ाए और आवश्यकता पडे तो स्वामी को गिरफ्तार कर ले।


 मठ प्रशासन से जुडे अधिकारी की एक पत्नी ने राघवेश्वर भारती स्वामी पर रेप का आरोप लगााया है।


मठ अधिकारी की बीवी से 3 साल में कई बार रेप
पीडित महिला और उसकी बेटी ने अगस्त 2014 में राघवेश्वर भारती स्वामी के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था। इस पर राज्य सरकार ने सीआईडी को मामले की जांच का आदेश दिया था।


पीडिता ने अपनी शिकायत में बताया है कि स्वामी ने पिछले तीन साल में कई बार उससे रेप किया। उसने जुबान खोलने पर उसकी बेटी को नुकसान पहुंचाने क ी धमकी दी थी।


जब स्वामी की करतूत बर्दाश्त से बाहर हो गई तो महिला ने शिकायत की। उसके बाद स्वामी हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि साजिश के तहत उनको फंसाने के लिए यह मामला दर्ज कराया गया है। उन्होंने कोर्ट से एफआईआर को रद्द करने की मांग की।


उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गुरूवार को कहा कि एफआईआर को रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता है।


कोर्ट ने पीडिता को ही भेज दिया था जेल
पीडित महिला ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी न्याय की गुहार लगाई है। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में महिला ने स्थानीय कोर्ट पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने लिखा है कि कोर्ट ने स्वामी के खिलाफ जांच का आदेश देने के बजाय उसे ही जेल भेज दिया।


कुछ स्थानीय संगठनों का कहना है कि स्वामी पर 2010 में भी ऎसे ही आरोप लगे थे। कुछ ताकतवर लोग स्वामी को बचाने में लगे हैं। आसाराम और नित्यानंद स्वामी के बाद राघवेश्वर भारती स्वामी इस तरह के मामले में घिसे हैं और उन पर अब शिकंजा कसता जा रहा है। - 

जैसलमेर डूबने से दो युवको की मौत

जैसलमेर डूबने से दो युवको की मौत 


जैसलमेर जैसलमेर जिला मुख्यालय पर एक तालाब में नहाने गए दो युवको की डूबने से मौत हो गयी ,शहर के कृष्णा नगर से दोनों युवक नहाने के लिए पास किसी तालाब पर , जहा दोनों की डूबने से मौत हो गई ,मृतकों की पहचान करण सिंह और घनश्याम मेघवाल  हुई 

बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़झाला एक पद दो तनख्वाह का खुला खेल

बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़झाला एक  पद दो तनख्वाह का खुला खेल 


बाड़मेर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बाड़मेर में लम्बे समय से भरष्टाचार की जड़े गहराती जा रही हे। विभाग की हर शाखा में भरष्टाचार का बोलबाला हे। एक सनसनीखेज मामला सामने आया की विभाग के कुछ कार्मिक एक पद के विरुद्ध दो मानदेय का भुगतान उठा रहे हे ।मुख्य चिकित्सा अधिकारी जान कर भी अनजान बने हे।

विभागीय सूत्रानुसार तेल गेस की खोज में लगी केयर्न इंडिया कंपनी द्वारा विभाग में महत्वपूर्ण योजनाए संचालित की जा रही हे। जिसमे एक राजीव गांधी मोबाइल यूनिट और एन डी एस योजना। इन योजनाओ में क्रमश चोबिस और सत्तर कार्मिक अनुबंध पर लगे हे जिनका भुगतान केयर्न द्वारा एक स्वयं सेवी संस्था के माध्यम से किया जाता हे ।इस संस्था का खाता इंडियन ओवेर्सीज बेंक में खुला हुआ हे।इन योजनाओ में दो समन्वयक के पद पर नियुक्तिय संस्था के माध्यम से की थी ।मगर एन आर एच एम् विभाग के अनुबंधित कार्मिको ने षड्यंत्र रच दो समन्वयको को पद से हटा उनके स्थान पर दो जी एन एम् लगा दी। दो समन्वयको का मानदेय कार्मिको ने अपने नाम दर्ज करा लिया। विभाग द्वारा संस्था के माध्यम से दो समन्वयको का मानदेय भुगतान अपने नाम से उठाने लगे। इन कार्मिको का मानदेय इंडियन ओवेर्सीज बेंक राय कोलोनी में श्री सुजेश्वर सेवा संस्था के खाते में विभाग से जमा होते हे। मज़े की बात यह हे की यह भुगतान खुद चिकित्सा अधिकारी पास करते हे। लगभग पिछले एक साल से यह गोरख धंधा कार्मिको द्वारा किया जा रहा हे।

इस मामले में सनसनीखेज खुलासा यह हुआ की परियोजना संचालित करने वाली संस्था इन्ही कार्मिको की वरदहस्त वाली हे। विभागीय सूत्रानुसार इन दो परियोजनाओ में लगे अनुवंधित कार्मिको को संस्था द्वारा मानदेय का पंद्रह फीसदी कटौती कर के बेंक में जमा कराया जाता हे जबकि विभागीय कार्मिको का पूरा मानदेय बीस हज़ार और दस हज़ार जमा कराये जा रहे हें।

सूत्रों ने बताया की परियोजनाओ में कार्मिको के नाम फर्जी नियुक्तिया भी दर्शाई गयी हे जबकि इन पदों पर कभी नियुक्तिया नहीं की गयी। विभाग में एन आर एच एम् में नियुक्त अनुबंधित कार्मिक जिसके पास डी पी एम् का अतिरिक्त पदभार हे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर एन आर एच एम् और केयर्न से दोहरा मानदेय उठा सरकारी नियमो को धत्ता वता रहे हें।

एन आर एच एम् के भरष्टाचार के मामलो की जांच के लिए जयपुर से अब तक चार टीमे बाड़मेर आ चुकी हे। आश्चर्य जनक तथ्य हे की जांच दलों को विभाग द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये जा रहे ।इसका कारण की विभाग द्वारा दस्तावेज संबंधितो से लिए ही नहीं ।
लम्बे समय से चल रहे इस भरष्टाचार की आड़ में विभागीय कार्मिको की चांदी हो राखी हे ।सरकारी मानदेय के साथ कंपनियों द्वारा दिया जाने वाली राशी भी इनके द्वारा हडपी जा रही हें।

इस मामले में केयर्न इंडिया के डी जी एम् कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन अयोध्या प्रसाद गौड़ ने बताया की उन्हें इस मामले की जानकारी मिली थी इसकी तथ्यात्मक समुक्षा उच्च स्तर पर की जाएगी ।यदि ऐसा हे तो गलत हे।

राजस्थान सीमा पर चौकसी, पाक की हर हरकत पर नजर

श्रीगंगानगर। जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान की ओर से लगातार गोलीबारी हो रही है। पाकिस्तानी रेंजर्स ने बुधवार शाम से बीएसएफ की 60 चौकियों और 80 से अधिक गांवों पर गोलीबारी की।

वहीं, केंद्र सरकार की ओर से मुंहतोड़ जवाब देने का आदेश मिल के बाद से बीएसफ भी त्वरित और भीषण गोलीबारी कर रही है। 
pakistan violates ceasefire loc and firing after bsf alerts in rajasthan border

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को इस मसले पर ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं है क्योंकि सीमा पर बीएसफ के जवान उनको मुंहतोड़ जवाब दे रहे है।

वहीं दूसरी ओर राजस्थान से सटी अंतराष्ट्रीय बॉडर्र पर बीएसएफ ने चौकसी बढ़ा दी है। बीएसएफ की ओर से पाकिस्तान की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जा रही है।

इसकी जानकारी राजस्थान फ्रंटियर मुख्यालय को भेजी जा रही है। सूत्रों के अनुसार बीएसएफ ने श्रीगंगानगर सेक्टर और बीकानेर सेक्टर में सतर्कता बढ़ाई है।

श्रीगंगानगर सेक्टर के डीआईजी ललित कुमार के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में हुई गोलीबारी का इधर कोई असर नहीं है। फिर भी बीएसएफ पूरी तरह चौकस है। मुख्यालय से भी समय-समय पर अलर्ट आते रहते हैं। - 

श्री कृष्ण ने लिया कौन सा अवतार जिससे द्रोपदी की बची लाज

भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए अवतार धारण करते हैं। दु:शासन ने कुरु सभा में द्रोपदी को निर्वस्त्र करने का अथक प्रयास किया किन्तु श्री कृष्ण ने वस्त्रावतार लेकर  द्रोपदी के तन को ढकते हुए उसकी साड़ी को असिमित मात्रा में इतना बढ़ा दिया की हजारों हाथियों का बल रखने वाला दु:शासन भी थक कर चूर हो गया और सभासदों की वासनाभरी आंखे द्रोपदी का स्पर्श नहीं कर सकी।

महाराज द्रुपद ने गुरु द्रोणाचार्य से अपने अपमान का बदला लेने के लिए संतान प्राप्ति के उद्देश्य से यज्ञ किया। यज्ञकुंड से एक कुमारी प्रकट हुई। उसका वर्ण श्याम था तथा वह अत्यंत सुंदरी थी। महाकाली ने अंश रूप से उसमें प्रवेश किया था। उसका नाम कृष्णा रखा गया। द्रुपद की पुत्री होने से वह द्रौपदी भी कहलाई। पूर्व जन्म के प्रभाव से द्रोपदी पांच पांडवों की पत्नी बनी। श्री कृष्ण की कृपा से युधिष्ठिर दिग्विजय हुए और राजसूय यज्ञ करके वे चक्रवर्ती सम्राट बन गए।

 श्री कृष्ण ने लिया कौन सा अवतार जिससे द्रोपदी की बची लाज


दुर्योधन ने शकुनि की सलाह से महाराज युधिष्ठिर को जुआ खेलने के लिए आमंत्रित किया। सब कुछ हारने के बाद वे अपने भाइयों के साथ द्रौपदी को भी हार गए।
दुर्योधन के आदेश से दु:शासन द्रौपदी को रजस्वला अवस्था में उसके केशों को पकड़ कर घसीटता हुआ राजसभा में ले आया। पांडव मस्तक नीचे किए बैठे थे। द्रौपदी की करुण पुकार भी उनके असमर्थ हृदयों में जान नहीं डाल पाई। भीष्म, द्रोण और कृपाचार्य जैसे गुरुजन भी इस अत्याचार को देख कर मौन रहे।

‘‘दु:शासन देखते क्या हो? इसके वस्त्र उतार लो।’’ दुर्योधन ने कहा।

दस सहस्त्र हाथियों के बल वाला दु:शासन द्रौपदी की साड़ी खींचने लगा। ‘‘हे कृष्ण! द्वारकानाथ! दौड़ो! कौरवों के समुद्र में मेरी लज्जा डूब रही है। रक्षा करो। ’’

द्रौपदी ने आर्त स्वर में भगवान को पुकारा। फिर क्या था, दीनबंधु का वस्त्रावतार हो गया। अंत में दु:शासन थक कर चूर हो गया। चाहे दुर्वासा के आतिथ्य-सत्कार की समस्या रही हो, चाहे भीष्म की पांडव-वध की प्रतिज्ञा, श्रीकृष्ण प्रत्येक अवस्था में द्रौपदी की पुकार सुनकर उसका क्षणमात्र में समाधान कर देते थे। द्रौपदी श्री कृष्ण की अनन्य भक्त थीं। भगवान के प्रति दृढ़ विश्वास का ऐसा उदाहरण अन्यत्र दुर्लभ है।

पाकिस्तान में विश्व प्रशिद्ध हिन्दू मंदिर। ।देखिये

पाकिस्तान में विश्व प्रशिद्ध हिन्दू मंदिर। ।देखिये 










पंचमुखी हनुमान मंदिर, कराची- पाकिस्तान में है एक ऎसा मंदिर जहां भगवान राम पहुंचे। 17 लाख साल पहले बने इस पंचमुखी हनुमान मंदिर में हर मनोकामना पूर्ण होती है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कराची में स्थित इस मंदिर का पुर्ननिर्माण 1882 में किया गया। मंदिर में पंचमुखी हनुमान की मनमोहक प्रतिमा स्थापित है। त्रेता युग से है संबंध : - बताया जाता है कि हनुमानजी की यह मूर्ति डेढ़ हजार साल पहले प्रकट हुई थी। जहां से मूर्ति प्रकट हुई वहां से मात्र 11 मुट्ठी मिट्टी को हटाया गया और मूर्ति सामने आ गई। हालांकि इस रहस्मयी मूर्ति का संबंध त्रेता युग से है। मंदिर पुजारी का कहना है कि यहां सिर्फ 11-12 परिक्रमा लगाने से मनोकामना पूरी हो जाती है। हनुमानजी के अलावा यहां कई हिन्दु देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। गौरतलब है कि इस मंदिर के दर्शन भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह भी कर चुके हैं। ..... -






2. कटासराज मंदिर परिसर, पंजाब:- पाकिस्तान के पंजाब की राजधानी से लाहौर 270 किलोमीटर दूरी पर चकवाल जिले में स्थित है कटासराज मंदिर। कहा जाता है कि यहीं पर पांडवों ने आदिकाल से स्थित शिवलिंग की पूजा की थी। पांड़वों ने अपने अज्ञातवास के 4 साल कटासराज में ही बिताए थे। यह भी माना जाता है कि शिव और पार्वती का विवाह भी इसी जगह सम्पन्न हुआ था। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माता पार्वती के वियोग में जब शिवशंकर ने रूदन किया, तो पृथ्वी पर दो कुंड बन गए थे। इनमें से एक कुंड अजमेर के पुष्कर में ब्रह्म सरोवर के नाम से जाना जाता है और दूसरा पाकिस्तान के कटासराज में मंदिर परिसर में मौजूद है। दोनों कुंड़ों के पानी की विशेष्ाता इनका सदैव स्वच्छ रहना और रोग-दोष मिटाना है। ....






3. हिंगलाज माता मंदिर, बलोचिस्तान:- क्षत्रियों की कुलदेवी के रूप में प्रसिद्ध हिंगलाज भवानी माता का बलोचिस्तान स्थित मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। कराची से 250 किलोमीटर दूर क्वेटा-कराची रोड़ पर राष्ट्रीय राजमार्ग से करीब घंटेभर की पैदल दूरी पर स्थित है यह मंदिर। मंदिर के सालाना मेले में यहां हिंदू और मुस्लिम दोनों शामिल होते हैं। यहां के स्थानीय लोग हिंगलाज माता मंदिर को श्रद्धा से "नानी का हज", "नानी का मंदिर" कहते हैं। नानी का मतलब यहां ईरान की देवी अनाहिता से है। कहा जाता है कि माता के दर्शन के लिए गुरू नानक देव भी आए थे। ... -









4. गोरी मंदिर, थारपारकर, सिंध:- यह मंदिर मूल रूप से जैन धर्म को समर्पित है। मध्यकाल में बने इस मंदिर में जैन धर्म के 23वें तीर्थकर भगवान पाश्र्वनाथ की मुख्य मूर्ति स्थापित थी, लेकिन बाद में इसे मुंबई ले जाया गया। मुंबई में इन्हें गोदीजी पाश्र्वनाथ कहा जाता है। अब गोरी मंदिर में हिन्दु देवी-देवताओं की मूर्तियां भी स्थापित कर दी गई हैं। पाकिस्तान के सिन्ध प्रांत में थारपारकर जिले में स्थित इस गोरी मंदिर के स्थापत्य की बात की जाए तो माउंट आबू मंदिर शैली ही यहां देखी जा सकती है। पाकिस्तान स्थित हिन्दुओं का एक और महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। पाकिस्तान में सबसे अधिक हिन्दू पाकिस्तान के इसी थारपारकर जिले में ही रहते हैं जो मूल रूप से आदिवासी हैं। इन्हें पाकिस्तान में थारी हिन्दू कहा जाता है। थारपारकर में इन थारी हिन्दुओं की आबादी कुल आबादी के करीब 40 फीसदी है।

64 योगिनियों की प्राण प्रतिष्ठा से अलंकृत देश का अकेला मंदिर है चौसठ्ठी मंदिर



पुराणों में वर्णित देवी दुर्गा और देवी काली सहित 64 योगिनियों की प्राण प्रतिष्ठा से अलंकृत देश का अकेला मंदिर है काशी का चौसठ्ठी माता मंदिर। सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टि से ही नहीं ऐतिहासिक दृष्टि से भी मंदिर का आभामंडल प्रकाशमान है।

पुराणों में वर्णित देवी दुर्गा और देवी काली सहित 64 योगिनियों की प्राण प्रतिष्ठा से अलंकृत देश का अकेला मंदिर है काशी का चौसठ्ठी माता मंदिर। सिर्फ आध्यात्मिक दृष्टि से ही नहीं ऐतिहासिक दृष्टि से भी मंदिर का आभामंडल प्रकाशमान है।

शिल्पकला

गंगा किनारे ऊंची सीढि़यों के पार चौसठ्ठी घाट पर बना 500 साल से भी प्राचीन मंदिर विशुद्ध उत्तर भारतीय शिल्प कला का उत्कृष्ट नमूना है। बावजूद इस वैभव के होली-दीपावली और वार्षिक श्रृंगार महोत्सवों के रौनक की बात छोड़ दें तो देवगृह वर्ष भर प्राय: अलग-थलग ही पड़ा रहता है।

देवी रूप

मंदिर की मुख्य प्रतिमा देवी दुर्गा की है। आठ भुजाओं वाली इस भव्य प्रतिमा के हाथों में असुर शुंभ-निशुंभ के मुंड देवी के रौद्र रूप का दर्शन करते हैं। सामने स्थित देवी काली की प्राचीन प्रतिमा भी शिल्प की दृष्टि से अद्वितीय है। मंदिर की दीवारों और इन दीवारों के विशाल आलों में पुराण वर्णित चौसठ योगिनियों कीप्रतिमाएं उत्कीर्ण हैं। पत्थरों के क्षरण के चलते इन भित्ति प्रतिमाओं में से कुछ भग्न हो चली हैं। कुछ तो अब प्रतीक रूप में ही शेष हैं। उत्सवों के क्रम में काशी का होलिकोत्सव और मंदिर की परंपरा एक दूसरे के पर्याय हैं।

'मां' के चरणों में गुलाल अर्पित किये बगैर काशीवासी पर्व की पूर्णता ही नहीं मानते। दीपावली को अन्नकूट श्रृंगार और वासंतिक तथा शारदीय नवरात्र में प्रतिदिन अलग मुखौटों का दर्शन देवालय के नियमित उत्सव हैं। देवी का प्राकट्योत्सव

चैत्र पूर्णिमा को मनाया जाता है। अभी हाल ही में हुए जीर्णोद्धार के बाद परिसर और भव्य हुआ है।

कैसे पहुंचें

बंगाली टोला की गली से आगे चलकर चौसट्ठी घाट की ओर मुड़ने वाली गली से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है।

 

बुधवार, 8 अक्टूबर 2014

लखनऊ सफारी में अश्‍लील हरकतें करती पकड़ी गई नशे में धुत युवती, युवक फरार



लखनऊ. गोमतीनगर के नेहरू इंक्लेव में बीते कई दिनों से एक युवक-युवती सफारी कार में अश्लील हरकतें कर रहे थे। इससे तंग आकर स्थानीय लोगों ने रविवार की रात इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस को देखते ही युवक मौके से फरार हो गया। महिला सिपाहियों की मदद से युवती को थाने लाया गया। कुछ देर बाद युवती को उसके परिजनों को सौंप दिया गया।
सफारी में अश्‍लील हरकतें करती पकड़ी गई नशे में धुत युवती, युवक फरार



पुलिस के मुताबिक, एक सफारी गाड़ी बीते काफी वक्त से रोजाना रात में नेहरू इंक्लेव में सड़क के किनारे पर आकर खड़ी होती थी। गाड़ी में एक युवक और युवती अश्लील हरकतें करते थे। सोमवार को एक बार फिर दोनों नशे की हालत में कार के अंदर अश्लील हरकतें करते दिखे। यह देख स्थानीय निवासियों ने पुलिस को सूचना दी।




पुलिस को देख गाड़ी छोड़कर फरार हुआ युवक




मौके पर चौकी इंचार्ज के पहुंचते ही युवक गाड़ी मौके पर ही छोड़कर भाग निकला। पुलिस ने गाड़ी कब्जे में ले ली। इसके बाद महिला सिपाहियों की मदद से नशे में धुत युवती को थाने लाया गया। कुछ देर में ही युवती की पैरवी में कई रसूखदार लोग थाने पहुंच गए। पुलिस ने उसे परिजनों के हवाले कर दिया।

कच्छ में मिली 5000 साल पुरानी हड़प्पाकालीन विशाल बावड़ी

अहमदाबाद। कच्छ के धोरावीरा में करीब 5000 साल पुरानी विशाल हड़प्पाकालीन बावड़ी (सीढ़ीनुमा विशाल कुआं) खोजी गई है। यह बावड़ी मोहनजोदाड़ो के विशाल स्नानागार से करीब तीन गुना बड़ी बताई जा रही है। इसे देश में अब तक खोजे गए जलाशयों में सबसे ज्यादा विशाल और भव्य बताया जा रहा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान (ASI) और आईआईटी-गांधीनगर द्वारा मिलकर किए जा रहे उत्खनन के दौरान इस बावड़ी को खोजा गया। इतना ही नहीं, यह बावड़ी हाल ही में विश्व धरोहर में शामिल की गई रानी की वाव से भी बड़ी बताई जा रही है। 
 कच्छ में मिली 5000 साल पुरानी हड़प्पाकालीन विशाल बावड़ी
आईआईटी गांधीनगर के विजिटिंग फैकल्टी और ASI के पुरातत्वविद वी.एन. प्रभाकर ने बताया कि यह आयताकार बावड़ी 73.4 मीटर लंबी, 29.3 मीटर चौड़ी और 10 मीटर गहरी है। वहीं, मोहनजोदाड़ो का विशाल स्नानागार 12 मीटर लंबा, 7 मीटर चौड़ा और 2.4 मीटर गहरा है। रानी की वाव 64 मीटर लंबी, 20 मीटर चौड़ी तथा 27 मीटर गहरी है। 
 कच्छ में खोजी गई 5000 साल पुरानी हड़प्पाकालीन विशाल बावड़ी
रानी की वाव को मिल चुका है विश्व धरोहर का दर्जा
गुजरात के पाटण में स्थित रानी की वाव को जून 2014 में विश्व धरोहर में शामिल किया गया था। 11वीं सदी में निर्मित इस वाव को यूनेस्को की विश्व विरासत समिति ने भारत में स्थित सभी वाव (सीढ़ीनुमा कुआं) की रानी का भी खिताब दिया था। सात मंजिला यह वाव मारू-गुर्जर शैली को दर्शाती है। इसे भी भारतीय पुरातत्व सर्वे ने खोजा था। रानी की वाव को विश्व धरोहर का दर्जा दिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट करके खुशी जताई थी। गुजरात के पाटण जिले में स्थित "रानी की वाव" को 22 जून 2014 को यूनिस्को ने विश्व धरोहर में शामिल किया था। 


चांपानेर-पावागढ़ का किला
कच्छ में मिली 5000 साल पुरानी हड़प्पाकालीन विशाल बावड़ी
2004 में गुजार के पंचमहाल जिले में स्थित चांपानेर-पावागढ़ किले को यूनेस्को ने विश्व विरासत सूची में शामिल किया था।

एक कस्बा जहां रहती हैं केवल खूबसूरत महिलाएं

ब्राजील। दक्षिण पूर्व ब्राजील के नोयवा डी कॉरडेरियो में एक ऎसा कस्बा है जो बेहद आकर्षक होने की वजह से स्थानीय क्षेत्र में प्रसिद्ध है। इस कस्बे में 600 से अधिक सुंदर महिलाएं रहती हैं जिनकी उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच है। आप सोच रहे होंगे जब यहां सालों से कोई मर्द नहीं रहता तो इतनी लड़कियां कहां से आई। दरअसल, 1890 में एक लड़की को जबरन ऎसे लड़के से शादी करने को मजबूर किया जिससे वह प्यार नहीं करती थी। ऎसे में उसने गुस्से में आकर अपना घर छोड़ दिया और यहां आकर बस गई। उस समय यह मैदानी इलाका था जहां कोई नहीं रहता था। जिसमें चर्च हुआ करते थे किसी के साथ ना रहने की सोच से यह महिला यहां बस गई। Town where entire population is made up of beautiful young women

चर्च के लोगों के साथ मिलकर इस महिला ने इस पूरी जगह को बसा दिया। जैसे ही कुछ अन्य औरतों को इसका पता चला, वो भी यहां आकर बसती चली गई जिनमें कई औरतें ऎसी थी जिनको मर्द जात से नफरत करती थी। या तो केवल वह अकेले रहना चाहती थी या फिर अपने बच्चों को अकेली ही बड़ा करना चाहती थी। ऎसी औरतों ने मिलकर इस पूरे इलाके को बसा दिया। ये महिलाएं अकेली कई गज जमीन में खेती करती हैं और जरूरत के बाकी सब काम भी। ये ऎसा कस्बा हैं जिसमें औरतें अपने मंशा से सप्ताहभर में अपने पुरूष मित्रों को बुला सकती है और दो दिन तक उनके साथ रह सकती हैं। इसलिए कुछ गिनती के पुरूष ही यहां आते और एक-दो दिन में लौट जाते है। लेकिन बड़े तौर यह देखा जाए, तो यहां केवल महिलाएं ही रहती हैं।


हैरानी की बात यह है कि यहां रहने वाली सभी महिलाएं और लड़कियां बेहद खूबसूरत है। यहां रहने वाली कई लड़कियां अब बड़ी हो चुकी हैं और उन्हें पुरूष मित्र की तलाश हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह इस कस्बे को नहीं छोड़ना चाहती। यहां की लड़कियों का कहना है कि वह डेटिंग करना चाहती और घर बसानी चाहती हैं, लेकिन वह ऎसे पतियों की तलाश में जो इसी शहर में रहने की इजाजत दे। यहां की 600 में से 300 औरतों ने योग्य मर्दो को शादी का बुलावा भी भेजा है। जिससे बात बनती दिखेगी, ये लड़कियां उन लड़कों से शादी रचा लेंगी। -  

बाड़मेर रावतसर में आबकारी दल पर शराब तस्करो का हमला ,अधिकारी घायल

बाड़मेर रावतसर में आबकारी दल पर शराब तस्करो का हमला ,अधिकारी घायल 


बाड़मेर    बाड़मेर सिणधरी रोड पर रावतसर गांव मे शराब पकड़ने गई आबकारी पुलिस पर पत्थराव
आबकारी पुलिस पर शराब माफियो ने किया पथराव।जिला आबकारी अधिकारी मोहनलाल पुनिया को आई चोटपत्थर लगने से सिर मे आई चोटशराब माफिया मौके से हुए फरारअवैध शराब से भरी गाड़ी को पकड़ने की है सुचना

बालोतरा।संस्कृत विद्यालय में षिक्षको के पद रिक्त,छात्रो ने जड़ विद्यालय पर ताला किया रास्त जाम


बालोतरा।संस्कृत विद्यालय में षिक्षको के पद रिक्त,छात्रो ने जड़ विद्यालय पर ताला किया रास्त जाम
रिपोर्टर। । ओम प्रकाश सोनी 

बालोतरा। षहर के राजकिय संस्कृत प्रवेषिका विद्यालय में रिक्त पड़े पदो को भरवाने की मांग को लेकर छात्र ओर छात्राए आंदोलन पर उतर आये। छात्रो ने विद्वालय पर ताला जड़ दिया ओर स्कुल के सामने बाय पास मार्ग पर जाम लगा दिया। छात्रो में षिक्षा मंत्री ओर मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। विद्यालय दसवी कक्षा तक संचालित हो रहा है तथा विद्यालय में षिक्षको के आठ पद स्वीकृत है जिनमे में पांच पद दो वर्षो से रिक्त पड़े है। लिपीक ओर चपरासी के पद तो करीब दस वर्षों से रिक्त है। तकरीबन दो घंटो तक छात्र ओर छात्राए कड़ी धूप में अध्यापको की मांग को लेकर प्रदषर्नन करते रहे। बाद में पुलिस मोके पर पहुची ओर आंदोलन कर रहे छात्रो से समझाईस की पर छात्र नही माने जिस पर उपखंड अधिकारी मोके पर पहुचे ओर समझाईस कर जाम खुलवाया ओर स्कुल को भी खुलवाया। गोरतलब के बालोतरा उपखंड में चार संस्कृत विद्यालय है ओर चारो में ही षिक्षको के पद रिक्त है। अभिभावक ओर विद्यालय कमेटी के पदाधिकारी लंबे समय से विद्यालय मे ंरिक्त पदो को भरने की मांग कर रहे है पर पद नही भरे जा रहे है।

धोरीमन्नाःपुलिस पस्त आरोपी मस्त विषनोई समाज ने निकला मौन जुलुस


धोरीमन्नाःपुलिस पस्त आरोपी मस्त विषनोई समाज ने निकला मौन जुलुस
हत्याकाण्ड के 24 दिन बाद भी मुख्य आरोपी को नही पकड़ पाई पुलिस, आरोपी के सहयोगी बार बार कर रहे है विष्नोई समाज पर आत्मघाती हमले, मौन जुलूस निकाल जिला कलेक्टर के नाम सौपा ज्ञापन
रिपोर्टर - सुरजन विष्नोई
धोरीमन्नाः कस्बे मे गत 15 सितम्बर को हुए बाबूलाल हत्याकाण्ड पुलिस के लिए अनसुलझी पहेली बन गया है वारदात के 24 दिन बीत जाने पर भी अभी तक पुलिस मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पायी है हत्याकाण्ड को लेकर पुलिस द्वारा कि जा रही कारवाही सवालो के घेरे में है आरोपी के सहयोगी विष्नोई समाज के लागो पर आत्मघाती हमला कर रहे है पुलिस इस मामले को लेकर नाकाम नजर आ रही है जिसको लेकर विष्नोई समाज के लोग बार बार मौन जुलूस निकाल कर प्रदर्षन कर रहे है जानकारी के अनुसार 24 दिन पहले सनसनीखेज वारदात को अजाम देकर कुछ लोगो ने बाबुलाल पुत्र पुनमाराम विष्नोई कि चाकुओं से रोदकर हत्या कर षव को सड़क किनारे फेंक दी आरोपी मौके से फरार हो गये थे उस वारदात के बाद आरोपी के सहयोगीयों ने रविवार को दुसरी बार राह चलते विष्नोई समाज के लोगो पर आत्मघाती हमला कर दो युवको को घायल कर दिया जिसके विरोध में विषनोई समाज द्वारा बार बार मौन जुलूस निकालकर जिला कलेक्टर के नाम पुलिस उपाधिक्षक महेषचन्द्र मीणा को ज्ञापन देकर आरोपियों को षीघ्र गिरफ्तार करने कि मांग की।

ग्रामिणों मे भय, विष्नोई समाज में रोश

ग्रामिणों ने बाबूलाल हत्याकाण्ड में फरार मुख्य आरोपी की 24 दिन बीत जाने पर भी अभी तक गिरफ्तारी नहीं होने एवं एक नामजद आरोपी को पुलिस ने छोड़ दिया था उसके सहयोगीयों ने रविवार को फिर विष्नोई समाज के लोगो पर आत्मघाती हमला किया जिसको लेकर ग्रामिणों मे भय एंव विष्नोई समाज में रोश व्याप्त है

पुलिस बल तैनात

धोरीमन्ना कस्बे मे पुलिस बल पुरे दिन तैनात रहा हालांकी जुलूस षान्तिपुर्वक निकालते हुए गा्रमिणों ने रोश प्रकट किया कि षान्तिपुर्वक हो रहे आन्दोलन के लिए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया जबकी आरोपी को पकड़ने के लिए नाम मात्र के सिपाही भेजे गये।

पुलिस प्रषासन रहा मुस्तेद

अति. पुलिस अधिक्षक महेषचन्द्र मिणा,

पुलिस उपाधिक्षक रमेषचन्द्र मिणा,

गुड़ामालानी एस.डी.एम.,

सिणधरी थानाधिकारी राजेन्द्र चैधरी

बालोतरा थानाधिकारी सुखराम विष्नोई सहित भारी पुलिस बल तैनात रहा।

राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी अचल दीदी का निधन



चंडीगढ़। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के पश्चिमोत्तर क्षेत्र की प्रमुख राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी अचल दीदी का मंगलवार को यहां निधन हो गया। वे 85 वर्ष की थीं।




वह लगभग छह दशक से ईश्वरीय सेवा में समर्पित थीं और हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर और उत्तराखंड की प्रमुख थीं। उन्होंने अपना सारा जीवन लोगों की सेवा में लगा दिया। दीदी लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थीं।




गत शनिवार को उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया था। उन्हें पीजीआई में भर्ती कराया गया। मंगलवार को उन्होंने शरीर छोड़ दिया। उनकी अंत्येष्टि बुधवार को कर दी गई। इस मौके पर उत्तर भारत से बड़ी संख्या में ईश्वरीय परिवार से जुड़े लोग शामिल हुए।