बेंगलुरू। आसाराम के बाद अब एक और स्वामी सेक्स स्कैंडल में फंस गए हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने सीआईडी को शिमोगा जिले के प्रसिद्ध रामचंद्रपुरा मठ के प्रमुख राघवेश्वर भारती स्वामी के खिलाफ रेप मामले की जांच करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने गुरूवार को स्वामी की जांच को रोकने वाली याचिका को खारिज कर दी है। साथ ही सीआईडी को कहा है कि वह मामले की जांच आगे बढ़ाए और आवश्यकता पडे तो स्वामी को गिरफ्तार कर ले।
मठ प्रशासन से जुडे अधिकारी की एक पत्नी ने राघवेश्वर भारती स्वामी पर रेप का आरोप लगााया है।
मठ अधिकारी की बीवी से 3 साल में कई बार रेप
कोर्ट ने गुरूवार को स्वामी की जांच को रोकने वाली याचिका को खारिज कर दी है। साथ ही सीआईडी को कहा है कि वह मामले की जांच आगे बढ़ाए और आवश्यकता पडे तो स्वामी को गिरफ्तार कर ले।
मठ प्रशासन से जुडे अधिकारी की एक पत्नी ने राघवेश्वर भारती स्वामी पर रेप का आरोप लगााया है।
मठ अधिकारी की बीवी से 3 साल में कई बार रेप
पीडित महिला और उसकी बेटी ने अगस्त 2014 में राघवेश्वर भारती स्वामी के खिलाफ रेप का मामला दर्ज कराया था। इस पर राज्य सरकार ने सीआईडी को मामले की जांच का आदेश दिया था।
पीडिता ने अपनी शिकायत में बताया है कि स्वामी ने पिछले तीन साल में कई बार उससे रेप किया। उसने जुबान खोलने पर उसकी बेटी को नुकसान पहुंचाने क ी धमकी दी थी।
जब स्वामी की करतूत बर्दाश्त से बाहर हो गई तो महिला ने शिकायत की। उसके बाद स्वामी हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि साजिश के तहत उनको फंसाने के लिए यह मामला दर्ज कराया गया है। उन्होंने कोर्ट से एफआईआर को रद्द करने की मांग की।
उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गुरूवार को कहा कि एफआईआर को रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता है।
कोर्ट ने पीडिता को ही भेज दिया था जेल
पीडित महिला ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी न्याय की गुहार लगाई है। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में महिला ने स्थानीय कोर्ट पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने लिखा है कि कोर्ट ने स्वामी के खिलाफ जांच का आदेश देने के बजाय उसे ही जेल भेज दिया।
कुछ स्थानीय संगठनों का कहना है कि स्वामी पर 2010 में भी ऎसे ही आरोप लगे थे। कुछ ताकतवर लोग स्वामी को बचाने में लगे हैं। आसाराम और नित्यानंद स्वामी के बाद राघवेश्वर भारती स्वामी इस तरह के मामले में घिसे हैं और उन पर अब शिकंजा कसता जा रहा है। -
पीडिता ने अपनी शिकायत में बताया है कि स्वामी ने पिछले तीन साल में कई बार उससे रेप किया। उसने जुबान खोलने पर उसकी बेटी को नुकसान पहुंचाने क ी धमकी दी थी।
जब स्वामी की करतूत बर्दाश्त से बाहर हो गई तो महिला ने शिकायत की। उसके बाद स्वामी हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गए। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि साजिश के तहत उनको फंसाने के लिए यह मामला दर्ज कराया गया है। उन्होंने कोर्ट से एफआईआर को रद्द करने की मांग की।
उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने गुरूवार को कहा कि एफआईआर को रद्द करने का कोई आधार नहीं बनता है।
कोर्ट ने पीडिता को ही भेज दिया था जेल
पीडित महिला ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी न्याय की गुहार लगाई है। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में महिला ने स्थानीय कोर्ट पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उसने लिखा है कि कोर्ट ने स्वामी के खिलाफ जांच का आदेश देने के बजाय उसे ही जेल भेज दिया।
कुछ स्थानीय संगठनों का कहना है कि स्वामी पर 2010 में भी ऎसे ही आरोप लगे थे। कुछ ताकतवर लोग स्वामी को बचाने में लगे हैं। आसाराम और नित्यानंद स्वामी के बाद राघवेश्वर भारती स्वामी इस तरह के मामले में घिसे हैं और उन पर अब शिकंजा कसता जा रहा है। -
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