बाड़मेर स्वास्थ्य विभाग में गड़बड़झाला एक पद दो तनख्वाह का खुला खेल
बाड़मेर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बाड़मेर में लम्बे समय से भरष्टाचार की जड़े गहराती जा रही हे। विभाग की हर शाखा में भरष्टाचार का बोलबाला हे। एक सनसनीखेज मामला सामने आया की विभाग के कुछ कार्मिक एक पद के विरुद्ध दो मानदेय का भुगतान उठा रहे हे ।मुख्य चिकित्सा अधिकारी जान कर भी अनजान बने हे।
विभागीय सूत्रानुसार तेल गेस की खोज में लगी केयर्न इंडिया कंपनी द्वारा विभाग में महत्वपूर्ण योजनाए संचालित की जा रही हे। जिसमे एक राजीव गांधी मोबाइल यूनिट और एन डी एस योजना। इन योजनाओ में क्रमश चोबिस और सत्तर कार्मिक अनुबंध पर लगे हे जिनका भुगतान केयर्न द्वारा एक स्वयं सेवी संस्था के माध्यम से किया जाता हे ।इस संस्था का खाता इंडियन ओवेर्सीज बेंक में खुला हुआ हे।इन योजनाओ में दो समन्वयक के पद पर नियुक्तिय संस्था के माध्यम से की थी ।मगर एन आर एच एम् विभाग के अनुबंधित कार्मिको ने षड्यंत्र रच दो समन्वयको को पद से हटा उनके स्थान पर दो जी एन एम् लगा दी। दो समन्वयको का मानदेय कार्मिको ने अपने नाम दर्ज करा लिया। विभाग द्वारा संस्था के माध्यम से दो समन्वयको का मानदेय भुगतान अपने नाम से उठाने लगे। इन कार्मिको का मानदेय इंडियन ओवेर्सीज बेंक राय कोलोनी में श्री सुजेश्वर सेवा संस्था के खाते में विभाग से जमा होते हे। मज़े की बात यह हे की यह भुगतान खुद चिकित्सा अधिकारी पास करते हे। लगभग पिछले एक साल से यह गोरख धंधा कार्मिको द्वारा किया जा रहा हे।
इस मामले में सनसनीखेज खुलासा यह हुआ की परियोजना संचालित करने वाली संस्था इन्ही कार्मिको की वरदहस्त वाली हे। विभागीय सूत्रानुसार इन दो परियोजनाओ में लगे अनुवंधित कार्मिको को संस्था द्वारा मानदेय का पंद्रह फीसदी कटौती कर के बेंक में जमा कराया जाता हे जबकि विभागीय कार्मिको का पूरा मानदेय बीस हज़ार और दस हज़ार जमा कराये जा रहे हें।
सूत्रों ने बताया की परियोजनाओ में कार्मिको के नाम फर्जी नियुक्तिया भी दर्शाई गयी हे जबकि इन पदों पर कभी नियुक्तिया नहीं की गयी। विभाग में एन आर एच एम् में नियुक्त अनुबंधित कार्मिक जिसके पास डी पी एम् का अतिरिक्त पदभार हे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर एन आर एच एम् और केयर्न से दोहरा मानदेय उठा सरकारी नियमो को धत्ता वता रहे हें।
एन आर एच एम् के भरष्टाचार के मामलो की जांच के लिए जयपुर से अब तक चार टीमे बाड़मेर आ चुकी हे। आश्चर्य जनक तथ्य हे की जांच दलों को विभाग द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये जा रहे ।इसका कारण की विभाग द्वारा दस्तावेज संबंधितो से लिए ही नहीं ।
लम्बे समय से चल रहे इस भरष्टाचार की आड़ में विभागीय कार्मिको की चांदी हो राखी हे ।सरकारी मानदेय के साथ कंपनियों द्वारा दिया जाने वाली राशी भी इनके द्वारा हडपी जा रही हें।
इस मामले में केयर्न इंडिया के डी जी एम् कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन अयोध्या प्रसाद गौड़ ने बताया की उन्हें इस मामले की जानकारी मिली थी इसकी तथ्यात्मक समुक्षा उच्च स्तर पर की जाएगी ।यदि ऐसा हे तो गलत हे।
बाड़मेर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग बाड़मेर में लम्बे समय से भरष्टाचार की जड़े गहराती जा रही हे। विभाग की हर शाखा में भरष्टाचार का बोलबाला हे। एक सनसनीखेज मामला सामने आया की विभाग के कुछ कार्मिक एक पद के विरुद्ध दो मानदेय का भुगतान उठा रहे हे ।मुख्य चिकित्सा अधिकारी जान कर भी अनजान बने हे।
विभागीय सूत्रानुसार तेल गेस की खोज में लगी केयर्न इंडिया कंपनी द्वारा विभाग में महत्वपूर्ण योजनाए संचालित की जा रही हे। जिसमे एक राजीव गांधी मोबाइल यूनिट और एन डी एस योजना। इन योजनाओ में क्रमश चोबिस और सत्तर कार्मिक अनुबंध पर लगे हे जिनका भुगतान केयर्न द्वारा एक स्वयं सेवी संस्था के माध्यम से किया जाता हे ।इस संस्था का खाता इंडियन ओवेर्सीज बेंक में खुला हुआ हे।इन योजनाओ में दो समन्वयक के पद पर नियुक्तिय संस्था के माध्यम से की थी ।मगर एन आर एच एम् विभाग के अनुबंधित कार्मिको ने षड्यंत्र रच दो समन्वयको को पद से हटा उनके स्थान पर दो जी एन एम् लगा दी। दो समन्वयको का मानदेय कार्मिको ने अपने नाम दर्ज करा लिया। विभाग द्वारा संस्था के माध्यम से दो समन्वयको का मानदेय भुगतान अपने नाम से उठाने लगे। इन कार्मिको का मानदेय इंडियन ओवेर्सीज बेंक राय कोलोनी में श्री सुजेश्वर सेवा संस्था के खाते में विभाग से जमा होते हे। मज़े की बात यह हे की यह भुगतान खुद चिकित्सा अधिकारी पास करते हे। लगभग पिछले एक साल से यह गोरख धंधा कार्मिको द्वारा किया जा रहा हे।
इस मामले में सनसनीखेज खुलासा यह हुआ की परियोजना संचालित करने वाली संस्था इन्ही कार्मिको की वरदहस्त वाली हे। विभागीय सूत्रानुसार इन दो परियोजनाओ में लगे अनुवंधित कार्मिको को संस्था द्वारा मानदेय का पंद्रह फीसदी कटौती कर के बेंक में जमा कराया जाता हे जबकि विभागीय कार्मिको का पूरा मानदेय बीस हज़ार और दस हज़ार जमा कराये जा रहे हें।
सूत्रों ने बताया की परियोजनाओ में कार्मिको के नाम फर्जी नियुक्तिया भी दर्शाई गयी हे जबकि इन पदों पर कभी नियुक्तिया नहीं की गयी। विभाग में एन आर एच एम् में नियुक्त अनुबंधित कार्मिक जिसके पास डी पी एम् का अतिरिक्त पदभार हे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर एन आर एच एम् और केयर्न से दोहरा मानदेय उठा सरकारी नियमो को धत्ता वता रहे हें।
एन आर एच एम् के भरष्टाचार के मामलो की जांच के लिए जयपुर से अब तक चार टीमे बाड़मेर आ चुकी हे। आश्चर्य जनक तथ्य हे की जांच दलों को विभाग द्वारा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये जा रहे ।इसका कारण की विभाग द्वारा दस्तावेज संबंधितो से लिए ही नहीं ।
लम्बे समय से चल रहे इस भरष्टाचार की आड़ में विभागीय कार्मिको की चांदी हो राखी हे ।सरकारी मानदेय के साथ कंपनियों द्वारा दिया जाने वाली राशी भी इनके द्वारा हडपी जा रही हें।
इस मामले में केयर्न इंडिया के डी जी एम् कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन अयोध्या प्रसाद गौड़ ने बताया की उन्हें इस मामले की जानकारी मिली थी इसकी तथ्यात्मक समुक्षा उच्च स्तर पर की जाएगी ।यदि ऐसा हे तो गलत हे।
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