ब्राजील। दक्षिण पूर्व ब्राजील के नोयवा डी कॉरडेरियो में एक ऎसा कस्बा है जो बेहद आकर्षक होने की वजह से स्थानीय क्षेत्र में प्रसिद्ध है। इस कस्बे में 600 से अधिक सुंदर महिलाएं रहती हैं जिनकी उम्र 20 से 35 वर्ष के बीच है। आप सोच रहे होंगे जब यहां सालों से कोई मर्द नहीं रहता तो इतनी लड़कियां कहां से आई। दरअसल, 1890 में एक लड़की को जबरन ऎसे लड़के से शादी करने को मजबूर किया जिससे वह प्यार नहीं करती थी। ऎसे में उसने गुस्से में आकर अपना घर छोड़ दिया और यहां आकर बस गई। उस समय यह मैदानी इलाका था जहां कोई नहीं रहता था। जिसमें चर्च हुआ करते थे किसी के साथ ना रहने की सोच से यह महिला यहां बस गई।
चर्च के लोगों के साथ मिलकर इस महिला ने इस पूरी जगह को बसा दिया। जैसे ही कुछ अन्य औरतों को इसका पता चला, वो भी यहां आकर बसती चली गई जिनमें कई औरतें ऎसी थी जिनको मर्द जात से नफरत करती थी। या तो केवल वह अकेले रहना चाहती थी या फिर अपने बच्चों को अकेली ही बड़ा करना चाहती थी। ऎसी औरतों ने मिलकर इस पूरे इलाके को बसा दिया। ये महिलाएं अकेली कई गज जमीन में खेती करती हैं और जरूरत के बाकी सब काम भी। ये ऎसा कस्बा हैं जिसमें औरतें अपने मंशा से सप्ताहभर में अपने पुरूष मित्रों को बुला सकती है और दो दिन तक उनके साथ रह सकती हैं। इसलिए कुछ गिनती के पुरूष ही यहां आते और एक-दो दिन में लौट जाते है। लेकिन बड़े तौर यह देखा जाए, तो यहां केवल महिलाएं ही रहती हैं।
हैरानी की बात यह है कि यहां रहने वाली सभी महिलाएं और लड़कियां बेहद खूबसूरत है। यहां रहने वाली कई लड़कियां अब बड़ी हो चुकी हैं और उन्हें पुरूष मित्र की तलाश हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह इस कस्बे को नहीं छोड़ना चाहती। यहां की लड़कियों का कहना है कि वह डेटिंग करना चाहती और घर बसानी चाहती हैं, लेकिन वह ऎसे पतियों की तलाश में जो इसी शहर में रहने की इजाजत दे। यहां की 600 में से 300 औरतों ने योग्य मर्दो को शादी का बुलावा भी भेजा है। जिससे बात बनती दिखेगी, ये लड़कियां उन लड़कों से शादी रचा लेंगी। -
चर्च के लोगों के साथ मिलकर इस महिला ने इस पूरी जगह को बसा दिया। जैसे ही कुछ अन्य औरतों को इसका पता चला, वो भी यहां आकर बसती चली गई जिनमें कई औरतें ऎसी थी जिनको मर्द जात से नफरत करती थी। या तो केवल वह अकेले रहना चाहती थी या फिर अपने बच्चों को अकेली ही बड़ा करना चाहती थी। ऎसी औरतों ने मिलकर इस पूरे इलाके को बसा दिया। ये महिलाएं अकेली कई गज जमीन में खेती करती हैं और जरूरत के बाकी सब काम भी। ये ऎसा कस्बा हैं जिसमें औरतें अपने मंशा से सप्ताहभर में अपने पुरूष मित्रों को बुला सकती है और दो दिन तक उनके साथ रह सकती हैं। इसलिए कुछ गिनती के पुरूष ही यहां आते और एक-दो दिन में लौट जाते है। लेकिन बड़े तौर यह देखा जाए, तो यहां केवल महिलाएं ही रहती हैं।
हैरानी की बात यह है कि यहां रहने वाली सभी महिलाएं और लड़कियां बेहद खूबसूरत है। यहां रहने वाली कई लड़कियां अब बड़ी हो चुकी हैं और उन्हें पुरूष मित्र की तलाश हैं, लेकिन उनका कहना है कि वह इस कस्बे को नहीं छोड़ना चाहती। यहां की लड़कियों का कहना है कि वह डेटिंग करना चाहती और घर बसानी चाहती हैं, लेकिन वह ऎसे पतियों की तलाश में जो इसी शहर में रहने की इजाजत दे। यहां की 600 में से 300 औरतों ने योग्य मर्दो को शादी का बुलावा भी भेजा है। जिससे बात बनती दिखेगी, ये लड़कियां उन लड़कों से शादी रचा लेंगी। -
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