कराची। पाकिस्तान में है एक ऎसा मंदिर जहां भगवान राम पहंुचे। 17 लाख साल पहले बने इस पंचमुखी हनुमान मंदिर में हर मनोकामना पूर्ण होती है।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के कराची में स्थित इस मंदिर का पुर्ननिर्माण 1882 में किया गया। मंदिर में पंचमुखी हनुमान की मनमोहक प्रतिमा स्थापित है।
त्रेता युग से है संबंध
बताया जाता है कि हनुमानजी की यह मूर्ति डेढ़ हजार साल पहले प्रकट हुई थी। जहां से मूर्ति प्रकट हुई वहां से मात्र 11 मुट्ठी मिट्टी को हटाया गया और मूर्ति सामने आ गई। हालांकि इस रहस्मयी मूर्ति का संबंध त्रेता युग से है।
मंदिर पुजारी का कहना है कि यहां सिर्फ 11-12 परिक्रमा लगाने से मनोकामना पूरी हो जाती है। हनुमानजी के अलावा यहां कई हिन्दु देवी-देवताओं की मूर्तियां स्थापित हैं। गौरतलब है कि इस मंदिर के दर्शन भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी और जसवंत सिंह भ्ीा कर चुके हैं।
आईजॉल। राज्य में शराबबंदी होने के बावजूद राज्य के मुख्यमंत्री लाल थनहवला के शराब का सेवन करने पर मिजोरम पुलिस ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया। पुलिस का कहना है कि लालटनपुइया पचाउ द्वारा हस्ताक्षर की हुई एफआईआर 4 जून को आइजॉल पुलिस स्टेशन को मिली थी और पुलिस अधिकारियों को प्राथमिकी जांच के आदेश दिए गए थे। आइजॉल जिले से एसपी एलआर डिंगलियाना साइलो ने बताया कि एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि सीएम और उनकी पत्नी कथित तौर पर शराब का सेवन कर रहे थे। एफआईआर के साथ दोनों की एक फोटोग्राफ भी दी गई है। इसके आधार पर यह साबित करना असंभव है कि वे वास्तव में शराब ही पी रहे थे। इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज नहीं किया जा सकता। इस तरह की फोटो कम्पयूटर पर एडिट की जा सकती हैं और इन्हें सबूत के तौर पर इस्तेमाल करना असंभव होगा।
शिकायतकर्ता ने एफआईआर में पुलिस को सीएम और उनकी पत्नी द्वारा शराब का सेवन करने के मामले की जांच करने को कहा है। मिजोरम में फरवरी 1997 से शराब के सेवन पर रोक लगी हुई है। यहां बियर का सेवन भी ड्राई कानून के तहत गैरकानूनी है।
सीतापुर। अभी यूपी में बदायूं गैंगरेप और हत्या का मामला शांत हुआ नहीं था कि एक और चौंका देने वाली घटना सामने आई है। प्रदेश के सीतापुर जिले में पुरूषों के एक समूह ने एक महिला के गुप्तांगों में लोहे की राड़ डाल दी। जब महिला ने इसका विरोध किया तो उसके साथ मारपीट की गई और जलते हुए गोबर के उपले उसके शरीर पर रख गए। रविवार को मामला तब सामने आया जब महिला को बिस्वा टाउन में कम्युनिटी हेल्थ सेंटर ले जाया गया, जहां से उसे जिला अस्पतला रैफर कर दिया गया।
पीडित महिला के मुताबिक जब वह घर में अकेली थी तो उसके गांव के ही सात लोग घर में घुस आए और उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। जब महिला ने इसका विरोध जताया तो उस पर पेशाब करना शुरू कर दिया और मारपीट की गई। बिस्वा के डिप्टी एसपी दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि दो परिवारों में जायदाद को लेकर विवाद चल रहा था। विवाद के चलते ही एक परिवार की महिला पर हमला किया गया। पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
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जैसलमेर मालिक के 20 लाख रूपये ले जाने वाली आरोपी ड्राईवर गिरफतार
जैसलमेर पुलिस थाना संागड के हल्का में फतेहगढ तहसील में रजिस्ट्री करवाने आये सेठ के ड्राईवर द्वारा 20 लाख रूपये लेकर भाग जाने के बाद थानाधिकारी पुलिस थाना संागड के नेतृत्व में पुलिस टीम द्वारा आरोपी ड्राईवर बजरंग को कोलायत से गिरफतार किया तथा उसके कब्जा से 20 लाख रूपये बरामद किये।
ज्ञात रहे कि दिनंाक 04.06.2014 को तहसील फतेहगढ में ओमप्रकाश सेठिया निवासी बीकानेर कम्पनी की जमीन की रजिस्ट्री करवाने हेतु फतेहगढ तहसील आये हुये थे। उसके साथ उसकी गाडी का ड्राईवर बजरंग था। ओमप्रकाश सेठिया, तहसील कार्यालय में रजिस्ट्री करवा रहे थे। उसी दौरान गाडी का ड्राईवर बजरंग ने रहस्य मय तरिके से गाडी को तहसील फतेहगढ से भगाकर जैसलमेर की तरफ 05 किलोमीटर रोड पर खडी कर गाडी के अंदर रखे 20 लाख रूपये लेकर फरार हो गया। जिस पर पुलिस थाना पर मालिका के कब्जा से रूपये चोरी कर ले जाने का प्रकरण दर्ज कर उच्चाधिकारियों को सुचित किया गया। जिस पुलिस अधीक्षक द्वारा उक्त मामले को गम्भीरता से लेते हुए थानाधिकारी पुलिस थाना संागड सुमेरसिंह उप निरीक्षक को तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश दिये। जिस पर थानाधिकारी पुलिस थाना संागड के नेतृत्व में सउनि भगवानसिंह, हैड कानि0 निम्बरंिसह, कानि. प्रहलादसिंह, आसुराम एवं रतनसिंह के पुलिस टीम गठित की जाकर जिला जैसलमेर एवं बीकानेर में जोरशोर से तलाश की गई। दौराने तलाशी जरिये मुखबीर ईतला मिली की आरोपी बीकानेर में हैं। जिस पर पुलिस टीम मुखबीर ईतला अनुसार बीकानेर पहुॅची तथा आरोपी की लगातार तलाश जारी रखी। दौराने तलाशी पुलिस की मेहनत रंग लाई ओर आरोपी ड्राईवर बजरंग पुत्र रामदेव जाति माली निवासी भिनासर पुलिस थाना गंगाशहर जिला बीकानेर को कोलायत से गिरफतार कर उसके कब्जा से 20 लाख रूपये बरामद किये गये। आरोपी को पुलिस की भनक लगने के बाद उसने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस टीम द्वारा मेहनत एवं लगन से काम करते हुए आरोपी का पीछाकर धरदबोचा तथा उसको गिरफतार कर पुलिस थाने ले आये। मुकदमा में अनुसंधान जारी है।
बाड़मेर स्थानीय बेरोजगार युवाओ को रोजगार दिलाने के लिए कम्पनियो के खिलाफ मुहीम चलेगी
बाड़मेर पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर जिले में तेल गैस और बिजली उत्पादन में जुटी कम्पनियो द्वारा स्थानीय बेरोजगार युवको को रोजगार देने में बरती जा रही कोताही के विरोध में बाड़मेर के बेरोजगार युवा एकजुट होकर आंदोलन की रह पकड़ेंगे। इस आशय के महत्वपूर्ण बैठक स्थानीय डाक बंगलो में सोमवार को आयोजित की गयी ,बैठक में कम्पनियो पर आरोप लगाया की कंपनिया प्रशासनिक अधिकारियो और नेताओ की सिफारिशों पर उनके चहेतो को रोजगार देकर स्थानीय योग्य बेरोजगार युवको के साथ अन्याय किया ,बैठक को सम्बोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता चन्दन सिंह भाटी ने कहा की कंपनिया अपना उल्लू सीधा करने के लिए महज नेताओ और अधिकारियो के रिश्तेदारो को ही जगह दे रही हैं जबकि योग्य युवा रोजगार के लिए दर दर भटक रहे हैं। उन्होंने कहा की अब अपने अधिकारों की लड़ाई बेरोजगार युवक खुद लड़ेंगे ,नरेश देव सारण ने कहा की बेरोजगार युवको का नया संघठन बनाया जाकर मांग पात्र कम्पनियो के अधिकारियो को सौंपा जायेगा ,जिसके आधार पर स्थानीय बेरोजगारो को बिना किसी भेदभाव और योग्यता के आधार पर रोजगार उपलब्ध करने का निवेदन किया जाएगा। महेंद्र सिंह तारातरा ने कहा की इसके लिए तकनिकी शिक्षा प्राप्त युवाओ का पंिजय कर संघठन बेटरोजगारो की सूचि कम्पनियो को सौंपेगी। ताकि उन्हें अवसर प्रदान किये जा सके। उन्होंने कहा की जल्द ही ही तकनिकी महाविद्यालयों से संपर्क साधा जायेगा ,उन्होंने बताया की बेरोजगार युवक अपने अधिकारों के लिए आगे आये ,मिली भगत और सिफारिशों के खेल को ख़त्म करे। इस अवसर पर विशाल चौधरी ने कहा की कम्पनीय स्थानीय लोगो को बरगला कर उन्हें जान बुझ कर रोजगार से वनष्चित रखती हैं ,जबकि बाहरी प्रांतो से लोगो को रोजगार के लिए आयत करती हैं ,जिला प्रशासन के अधिकारी और नेता अपने स्वार्थो के कारन स्थानीय बेरोजगारो के साथ अन्याय कर रहे हैं। इस अवसर पर शहर के सेकड़ो बेरोजगार युवको ने अपनी सहमति कम्पनियो के खिलाफ हल्ला बोल अभियान की सहमति दी।
बाड़मेर निर्जला एकादशी पर शहर मे हुआ दान -पुण्य
छगन सिंह चौहान द्वारा
बाड़मेर . निर्जला एकादशी पर सोमवार को बाड़मेर शहर में अनेक आयोजन हुये। लोग दिनभर भगवान की आराधना और दान पुण्य के कार्यों में लगे रहें। बादमेर शहर के मुख्य मार्गो पर समाज सेवी संस्थाओं द्वारा जल और ज्यूस आदि पिलाया गया । लोगो ने निर्जला एकादशी पर आम, शक्कर के ओले,मटकी, पंखी, ठंडा जल और अन्य पेय पदार्थो का दान किया । निर्जला एकादशी आज, दिन भर चला दान पुण्य और बाड़मेर के कई मंदिरो में दिनभर भजन कीर्तन चला ।
निर्जला एकादशी व्रत की महिमा
आज निर्जला एकादशी व्रत है। हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत को महत्वपूर्ण माना गया है। वैसे तो प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियां होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती हैं। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहते हैं। निर्जला एकादशी को सबसे पुण्यदायिनी माना गया है। इस दिन बिना अन्न-जल ग्रहण किए व्रत करने का विधान हैइस एकादशी पर बिना जल के रहकर उपवास करना होता है, इसी वजह से इस एकादशी का नाम निर्जला एकादशी पड़ा है। कहते हैं यह व्रत काफी कठिन और सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाला माना गया है।कहते हैं इस दिन सुबह उठकर दांतों को साफ करने के लिए ब्रश-पेस्ट की जगह दातून का इस्तेमाल करना चाहिए। नित्य कर्मों से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की मन से पूजा-अर्चना करें। भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करें। चूंकि, इस दिन तुलसी तोड़ना सही नहीं माना जाता, इसलिए आप एक दिन पहले ही सूर्य डूबने से पहले 108 दल तोड़कर रख लें और एकादशी के दिन यह भगवान पर चढ़ाएं।मन में किसी के लिए भी क्लेश न आने दें और अपने मन को पवित्र रखने की भरसक कोशिश करें। रात्रि में भगवान की पूजा-अर्चना के बाद ही सोएं। सुबह उठकर सर्वप्रथम नित्य क्रिया से निवृत्त होकर भगवान की पूजा-अर्चना करें। इसके बाद शर्बत से भरे बर्तन, मिश्री और खरबूजा, आम, पंखा, मिष्ठान्न आदि चीजों का दान करना चाहिए।दान के बाद मुंह में सर्वप्रथम तुलसी का दल लेकर फिर पानी पीएं और इसके बाद भोजन करना चाहिए। कहते हैं विधि-विधान के अनुसार जो यह व्रत करता है उसे साल भर के एकादशी जितना पुण्य मिल जाता है। यह व्रत अक्षय पुण्य देने वाला और सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है यह।मांसाहार वालों के लिए इस दिन से एक दिन पहले और एक दिन बाद ऐसे भोजन का सेवन साफ वर्जित है। यहां तक कि मान्यता के अनुसाल लोग एक दिन पहले चावल तक खाना छोड़ देते हैं, ताकि शरीर में इस आनाज के दाने को कोई अंश न रह जाए।नर्जला एकादशी के पीछे महाभारत से जुड़ी एक कहानी प्रचलित है। बात उन दिनों की है, जब ऋषि वेदव्यास अपने आश्रम में पांडवों को शिक्षा-दीक्षा दे रहे थे। एक दिन मुनिवर एकादशी व्रत का संकल्प करा रहे थे। पांडव उनकी बातों को ध्यान से सुन रहे थे, लेकिन...इन बातों में भीम का मन नहीं लग रहा था। आखिरकार, इन बातों पर अपनी उदासी जताते हुए उन्होंने ऋषि से कहा कि एक माह में दो एकादशी आती है औऱ मैं दो दिन तो क्या एक समय भी बिना भोजन ग्रहण किए रह ही नहीं सकता। तो बताएं मुनिवर कि क्या एकादशी के पुण्य से वंचित रह जाऊंगा।
चित्तौड़गढ़। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में एक दरिदें ने दलित महिला को अपना हवस का शिकार बना डाला। पीडिता जैसे-तैसे उसके चगुंल से छुटकर घर पहुंची। पीडिता ने परिजनों को आपबीती बताई और थाने पहुंच कर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
घटना चित्तौड़गढ़ के सदर थाना क्षेत्र की है जहां सोमवार को गेहुं पिसवाने गई एक दलित विवाहिता के साथ दुष्कर्म करने के मामला सामने आया है।
थानाधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि क्षेत्र के ओछड़ी ग्राम निवासी दलित विवाहिता ने सुबह थाने पर उपस्थित होकर रिपोर्ट दर्ज करवाई। पीडिता ने बताया कि वह सुबह गांव के ही निवासी मुकेश कलाल की आटा चक्की पर गेंहू पिसवाने के लिए गई थी।
जहां मुकेश ने उसके साथ चक्की के भीतर ही जबदस्ती की एवं मुंह खोलने पर मारने की धमकी दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर विवाहित का मेडिकल करवाया तथा जांच अनुसूचित जाति मामलों की सेल के उप अधीक्षक को सौंप दी गई हैं। उन्होंने बताया कि आरोपी मौके से फरार हो गया है जिसकी तलाश की जा रही है।
नई दिल्ली। फिल्म "नायक" के पात्र के महाराष्ट्र के सीएम बनने की कहानी और उसकी कार्यप्रणाली आपने फिल्म में देखी होगी। पीएम नरेंद्र मोदी अब देश के "नायक" बनकर उभरे हैं। उन्होंने जनता के लिए अपने कार्यालय के द्वार हर समय के लिए खोल दिए हंै।
अगर आपको किसी बात से परेशानी है या फिर किसी मसले पर उनको सुझाव देना चाहते हैं तो आप उनसे सीधे बात कर सकेंगे। आप अपना संदेश सीधे पीएम मोदी को भेज सकते हैं।
इसके लिए आपको पीएमओ की बेवसाइट पर जाने की आवश्यकता है। पीएम इंडिया डॉट निक डॉट इन पर आप विजिट करते हैं तो पीएमओ की वेबसाइट खुल जाती है।
वेबसाइट में सबसे दाहिनी तरफ ऊपर की ओर देखेंगे तो "प्रधानमंत्री के साथ बातचीत करें" का कॉलम दिया गया है। उसे आप क्लिक करेंगे तो नीचे एक फॉर्म खुलकर आ जाता है।
उसमें सबसे पहले विषय का कॉलम आता है, जिसमें अर्थव्यवस्था, कृषि समेत 16 मसले हैं जिसमें से किसी एक का चयन करें फिर अपना नाम, पता और ई-मेल लिख दें और फिर नीचे बॉक्स में अपनी समस्या या सुझाव लिख दें। फिर नीचे दिए गए सत्यापन कोड को भरकर फॉर्म को जमा कर दें।
आपकी यह बात सीधे प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंच जाएगी। बाद में उनकी तरफ से आपके पास संदेश आएगा।
इस पहल के साथ मोदी यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी सरकार हर समय आम जनता की सेवा के लिए तत्पर है। आम जनता देश के "चौकीदार" से हर समय बात कर सकती है और आदेश दे सकती है। उनकी इस पहल का अर्थ ये है कि वे सीधे तौर पर जनता से जुडे रहना चाहते हैं और अपने निर्णयों के साथ-साथ जनता के सुझावों को भी जानना चाहते हैं।
अगर उनके निर्णयों या योजनाओं में कहीं कोई समस्या है तो वह जनता की भी सुनना चाहते हैं। -
नई दिल्ली। जमात उद दावा के चीफ और 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने पाकिस्तान में कराची शहर के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुए हमले के लिए नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराया है। भारत के खिलाफ एक बार फिर जहर उगलते हुए हाफिज सईद ने कहा कि इस हमले के पीछे हमारे दुश्मन भारत और उसके पीएम नरेंद्र मोदी का हाथ है।आतंकी सईद ने अपने टि्वटर प्रोफाइल पर लिखा कि यह पाकिस्तान पर हमला है। भारत द्वारा छेड़े गए इस युद्ध के पीछे नरेंद्र मोदी की नई सिक्योरिटी टीम हैण् मुल्क जानता है कि असली दुश्मन कौन है। हाफिज सईद ने पाकिस्तानी सरकार को नसीहत भी दी। उसने आगे लिखा कि भारत के साथ दोस्ताना रिश्ते की कोशिश बंद होनी चाहिए, यह जवाब देने का वक्त है। -
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने खाद्य पदार्थो की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए सोमवार को कहा कि वह रोजगार सृजन तथा अर्थव्यवस्था के प्रति घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास बहाल कर ऎसा नीतिगत वातावरण तैयार करेगी जिसमें पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ ही कर व्यवस्था को युक्तिसंगत तथा सरल बनाया जाएगा। उन्होंने संसद मे नरेन्द्र मोदी सरकार का एजेंडा सामने रखा।मुखर्जी ने संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि खाद्य पदाथों की कीमतों को बढ़ने से रोकना सरकार की सर्वोच्चय प्राथमिकता होगी। विभिन्न कृषि एवं कृषि आधारित उत्पादों के आपूर्ति को सुधारने पर जोर दिया जाएगा। जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगें।
उन्होंने कहा कि राज्यों के सहयोग से सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार करेगी। मानसून के सामान्य से कम रहने की आशंका के प्रति सरकार सतर्क है और इसके लिए उपयुक्त योजनाएं तैयार की जा रही हैं। सरकार कर व्यवस्था को युक्तिसंगत तथा सरल बनाएगी जो निवेश उद्यम और विकास के विरूद्ध नहीं होगी, बल्कि उसे बढ़ाने में सहायक होगी। सरकार राज्यों की चिंताओं को दूर कर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू करने के हर संभव प्रयास करेगी।
कारोबार करने को सरल बनाने के लिए सुुधार किए जाएंगे। निवेश को प्रोत्साहित करने की नीति अपनाई जाएगी जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) भी शामिल है। एफडीआई की अनुमति उन क्षेत्रों में होगी जिनमें रोजगार तथा परिसंपत्ति सृजन में सहायता मिलेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश आर्थिक मोर्चे पर अत्यधिक कठिन दौर से गुजर रहा है। लगातार दो वर्षाें से हमारी विकास दर पांच प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। कर संग्रह में कमी आई है। मुद्रास्फीति असहज स्तर पर बनी हुई है। इसके मद्देनजर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सरकार के लिए बड़ा काम है और अर्थव्यवस्था को सतत उच्च विकास पथ पर ले जाने के लिए सरकार मिलजुलकर कार्य करेगी।
जनता से सीधे जुड़ने के लिए ई-शासन लाने और काम करने के नए तरीकों का मूलाधार "डिजीटल इंडिया" रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय र्ई-शासन योजना का विस्तार करके केंद्र से लेकर पंचायतों तक सभी कार्यालयों को इसके तहत लाया जाएगा। सहभागितापूर्ण शासन के साधन के तौर पर सोशल मीडिया जैसी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे नीति निर्माण और प्रशासन में लोगों को सीधे जोड़ा जा सके।
मोदी सरकार ने भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को तवज्जो देते हुए देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा मजबूत करने का संकल्प लिया और साफ किया कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार और महिलाओं के साथ अत्याचार को एकदम सहन नहीं किया जाएगा। इनके खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
अभिभाषण में कहा गया है कि सरकार आंतकवाद, दंगों और अपराध को बिल्कुल भी सहन नहीं करने की नीति अपनाएगी। नार्को, आतंकवाद और साइबर खतरों सहित आतंकवाद के नए तरीकों से निपटने के लिए राज्यों की पुलिस को आधुनिकीकरण के लिए सुविधाएं दी जाएंगी।
महिलाओ को 33 प्रतिशत आरक्षण
संसद और विधानसभा में महिलाओं को तैतीस प्रतिशत आरक्षण देने के प्रति वचनबद्धता जताते हुए सरकार ने "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" की प्रतिबद्धता के साथ बालिका को बचाने और उसकी शिक्षा के लिए व्यापक जनअभियान आरंभ करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि वह महिलाओं के विरूद्ध हिंसा को बिल्कुल सहन नहीं करेगी। न्याय में विलंब को न्याय नहीं मिलने के बराबर मानते हुए सरकार ने लंबित मामलों के शीघ्र निपटारों के लिए न्यायालयों की कार्यक्षता में सुधार प्रारंभ करने का भी एलान किया।
कृषि क्षेत्र में बढ़ेगा निवेश
सरकार कृषि के बुनियादी ढांचे में सरकारी और निजी निवेश बढ़ाएगी तथा हर खेत को पानी देने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू करेगी। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा, कृषि हमारी अधिकांश जनता की आजीविका का सोत्र हैं। पिछले कुछ समय से किसान बहुत ही विषम परिस्थिति में हैं और हताश के कारण कुछ तो आत्महत्या के लिए मजबूर हो गए।
उन्होंने कहा कि सरकार इस दुर्भाग्यपूर्ण हालत को पूरी तरह से बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। वैज्ञानिक तरीके और कृषि प्रौद्योगिकी अपनाकर खेती को लाभकारी उद्यम में बदलने के उपाय किए जाएंगे।
तीर्थ आधारित पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि तीर्थस्थलों पर आधारभूत संरचना और सुख-सुविधाओं में सुधार और सौंदर्यीकरण के लिए राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह उम्मीद जाहिर की कि यह कदम तीर्थ से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा देगा।
राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, भारत के पास पर्यटन के क्षेत्र में संभावनाएं प्रचुर हैं, जिसका इस्तेमाल नहीं हुआ है और यह सामाजिक-आर्थिक प्रगति में विशेष भूमिका अदा कर सकती है। सरकार विशेष विषय वाले 50 पर्यटन सर्किट बनाने के लिए अभियान आधारित परियोजना शुरू करेगी।
उन्होंने कहा, तीर्थ आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने, सभी धर्मो के तीर्थस्थलों की आधारभूत संरचना और सुख-सुविधा में सुधार और सौंदर्यीकरण के लिए राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाएगा।
क्षेत्रीय लेखन के विकास हेतु प्रौद्योगिकी जल्द
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार भाषायी सामग्री विकसित करने और क्षेत्रीय लेखन को बढ़ावा देने के लिए ई-भाषा का मंच तैयार करेगी।
राष्ट्रपति ने कहा, भारतीय भाषा हमारे समृद्ध इतिहास, कला व संस्कृति का भंडार है। इसके संरक्षण के लिए सरकार ई-भाषा मंच तैयार करेगी जो भाषायी सामग्री का विकास करेगा और क्षेत्रीय सामग्री को बढ़ावा देगा। -
इस वीकेंड अगर आपके पास समय कम है। ज्यादा दूर घूमने का प्लान नहीं कर रहे हैं तो शिमला का रुख कीजिए। यहां मन को सुकून देने और रोमांच से झकझोर देने वाली हर चीज मौजूद है।
एक ओर खूबसूरत वादियों के साथ ऐतिहासिक इमारतों का जबर्दस्त कॉम्बिनेशन है। दूसरी ओर सुरंगों और हरी-भरी पहाड़ियों से गुजरते हुए टॉय ट्रेन कालका से शिमला का सफर बेहद रोमांचक होता है। यूं तो शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है। लेकिन इसकी खूबसूरती पर फिदा होकर अंग्रेजों ने इसे समर कैपिटल बनाया था।
यहां की आसान पहुंच, विकसित सुविधाएं, बेहतर जलवायु और अपनी ओर खींचती वादियां इसे सबसे अनोखा हिल स्टेशन बनाती हैं। यहां की माल रोड सबसे मशहूर है। जनवरी से मार्च तक बर्फ पर स्कीइंग करने का भी अपना मजा है।
यहां की द माल, लक्कड़ बाजार, लोअर बाजार और तिब्बतर बाजार शॉपिंग के स्वर्ग माने जाते हैं। लक्कड़ बाजार वुडन आर्टिकल्स और क्राफ्ट के लिए मशहूर है। माल स्थित एम्पोरियम और शोरुम से हिमाचली शॉल, हिमाचली टोपी, पुलोवर सूट और हैंडीक्राफ्ट खरीदे बिना किसी सैलानी को वापस नहीं लौटना चाहिए।
शिमला, दिल्ली से 370 किमी दूर है। नई दिल्ली से हिमाचल टूरिजम की डीलक्स और एसी बस, टैक्सी आदि भी चलती हैं। ट्रेन से जाने वाले कालका से शिमला तक का सफर रोमांचकारी टॉय ट्रेन से करते हैं। इसके 103 सुरंगों और हरी-भरी पहाड़ियों वाले सफर का अलग ही मजा है।
शिमला और आस-पास के टूरिस्ट स्पॉट्स पर फाइव स्टार, थ्री स्टार से लेकर सरकारी और प्राइवेट गेस्ट हाउस तक तमाम होटेल मौजूद हैं। अपने बजट के मुताबिक आप किसी भी होटेल में रुक सकते हैं। ट्रैवल कंपनियां यहां घुमाने के लिए कई तरह के पैकेज ऑफर समय-समय पर करती रही हैं।
यूं तो शिमला और इसके आस-पास हजारों की संख्या में ऐसे स्थल हैं जो किसी के भी मन को लुभा सकते हैं। लेकिन कुछ ऐसे स्थल हैं, जो यहां आने वाले सैलानियों मिस नहीं करना चाहिए-
माल और द रिज
वैसे तो, अंग्रेजों ने मसूरी और नैनीताल में भी माल रोड बनाए थे, लेकिन यहां के माल रोड की बात कुछ अलग है। सैलानियों की रौनक, आकर्षक बाजार और ठंडी मीठी हवा मिलकर यहां के माहौल को खुशनुमा बना देते हैं। रिज शहर के मध्य में एक बड़ा और खुला स्थान, जहां से पर्वत श्रंखलाओं का सुंदर दृश्य देखा जा सकता है।
जाखू टेम्पल
सैलानियों की शिमला यात्रा इस मंदिर तक आए बगैर पूरी नहीं मानी जाती। शिमला की सबसे ऊंची पहाड़ी जाखू हिल पर स्थित है हनुमानजी का मंदिर। मान्यता है कि संजीवनी बूटी लेने जाते वक्त हनुमानजी इस पहाड़ पर रुके थे। यहां बनी हनुमान जी की 108 फुट ऊंची विशाल मूर्ति पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचती है।
गेटे थिएटर
माल रोड पर ही 1887 में यूरोपियन शैली में बना गेटे थिएटर कला प्रेमियों के आकर्षण का केंद्र है। एक समय में यहां खुद ब्रिटिश वायसराय नाटक देखने आया करते थे। यह थिएटर आज भी सांस्कृतिक गतिविधियों का बहुत बड़ा केंद्र है। अनुपम खेर, अमरीश पुरी, प्रेम चोपड़ा, बलराज साहनी, राजिन्दर किशन और प्रीति जिंटा जैसे कलाकारों का जुड़ाव इस थिएटर की सफलता की कहानी कहता है।
समर हिल
शिमला-कालका रेलमार्ग पर एक सुंदर स्थान है। शिमला से इसकी दूरी करीब सात किलोमीटर है। यहां के शांत वातावरण में पेड़ों से घिरे रास्ते हैं। अपनी शिमला यात्रा के दौरान महात्मा गांधी राजकुमारी अमृत कौर के शानदार जार्जियन हाउस में रुके थे। यहीं पर हिमाचल प्रदेश विश्वद्यालय है।
क्राइस्ट चर्च
यह उत्तर भारत में बना दूसरा सबसे पुराना चर्च है। रिज पर नव गॉथिक शैली में बने इस दर्शनीय चर्च काफी महत्वपूर्ण है। मॉल से 5 मिनट की वॉक पर आप ऐतिहासिक टाउन हॉल और जीपीओ होते हुए आप कालीबाड़ी मंदिर जा सकते हैं। इसमें स्थित श्यामला माता के नाम पर ही इस स्थान का नाम शिमला पड़ा।
वॉर मैमोरियल
शिमला के कई मशहूर ठिकानों में से एक वॉर मैमोरियल भी मशहूर है। यहां के गांधी चौक से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित पंच पुला के पास नेताजी सुभाषचंद्र बोस के सहयोगी अजीत सिंह की याद में वॉर मैमोरियल बनाया गया है।
स्टेट म्यूजियम
इसमें प्राचीन ऐतिहासिक मूर्तिकला, चित्रकला, सिक्कों, तस्वीरों, जूलरी और हथियारों का बहुत अच्छा संग्रह है। यह शिमला से दूरी करीब तीन किलोमीटर है। यह सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक खुलता है तथा सोमवार बंद रहता है। इसी के पास ही स्थित हिमालयन बर्ड पार्क भी दर्शनीय है।
वायसराय रीगल लॉज या राष्ट्रपति निवास
यह शानदार पांच मंजिला इमारत अंग्रेजों के समय में वायसराय का निवास हुआ करती थी। इसे राष्ट्रपति निवास के नाम से जानते हैं। अब इसे इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ अडवांस्ड स्टडीज के नाम से जानते हैं। यह शिमला से करीब चार किलोमीटर दूर है।
प्रोस्पेक्ट हिल
लगभग पांच किलोमीटर दूर कामना देवी मंदिर को समर्पित यह हिल, शिमला-बिलासपुर मार्ग पर बालुगंज से 15 मिनट की पैदल दूरी पर है। इसे देखना वाकई एक शानदार अनुभव करना होता है।
चैडविक जलप्रपात
घने जंगलों से घिरा यह स्थान समर हिल चौक से लगभग 45 मिनट की पैदल दूरी पर है। शिमला से इसकी दूरी लगभग सात किलोमीटर है।
तारादेवी
शिमला-कालका सड़क मार्ग पर स्थित इस पवित्र स्थान पर पहुंचने के लिए रेल, बस और कार सेवा उपलब्ध है। इसकी शिमला से दूरी करीब 11 किलोमीटर है।
कुफरी
अगर शिमला के आस-पास घूमना चाहें, तो 16 किमी दूर स्थित कुफरी से घोड़े की सवारी करके आप महासू पीक तक जाते हैं। साथ ही, हिमालयन नेचर पर्यटक याक, बार्किंग डियर, सांबर, गोरल, तिब्बती भेड़िया, काला भालू, स्नो लियोपार्ड जैसे जंगली जानवरों के बीच हिमाचल की वाइल्ड लाइफ का व्यू ले सकते हैं।
नालदेहरा
शिमला से 23 किमी दूर नालदेहरा में अंग्रेजों के जमाने का गोल्फकोर्स है। कहा जाता है कि इसकी स्थापना किसी अंग्रेज अधिकारी ने अपनी बेटी के नाम पर की थी। यहां हॉर्स राइडिंग का मजा भी लिया जा सकता है। रास्ते में एपल गार्डन जाना न भूलें। पेड़ों पर लगे लाल-लाल सेब तोड़कर खाने का अपना ही मजा है।
तत्तापानी
नालदेहरा वाली रोड पर करीब 30 किलोमीटर आगे तत्तापानी में औषधीय गुणों से भरपूर गर्म पानी का सोता है। तत्तपानी के निकट ही सतलुज नदी बहती है, जिसमें आप रिवर रॉफ्टिंग और फिशिंग का मजा ले सकते हैं।
चायल
शिमला से करीब 45 किमी दूर स्थित पटियाला स्टेट की समर कैपिटल रहे चायल में महाराजा पटियाला का भव्य महल है , जिसे अब हिमाचल टूरिज्म द्वारा भव्य होटल का रुप दे दिया गया है। एशिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट ग्राउंड और पहाड़ पर सफेद संगमरमर से बना खूबसूरत काली टेंपल चायल की खास पहचान हैं।
भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली श्रीवृंदावनधाम स्थित प्रेम मंदिर अत्यंत भव्य धार्मिक एवं आध्यात्मिक परिसर है। इसका उद्घाटन 15-17 फरवरी, 2012 को गोलोकवासी जगद्गुरु कृपालु जी महाराज के कर-कमलों द्वारा संपन्न हुआ था। लगभग 30,000 टन इटैलियन संगमरमरों और विशेष कूका रोबोटिक मशीनों द्वारा नक्काशीकृत इस भव्य मंदिर के अधिष्ठात्र भगवान श्रीकृष्ण एवं अधिष्ठात्री देवी राधारानी हैं। लगभग 50 एकड़ भूमि में बना यह अद्वितीय मंदिर मनोरम बगीचों एवं फव्वारों से घिरा है, जहां शाम के वक्त लाइटिंग देखने का अहसास अत्यंत अद्भुत है। 1008 ब्रजलीलाओं के साथ ही भारतवर्ष की प्राचीन समृद्ध इतिहास को अत्यंत खूबसूरती के साथ उकेरा गया है। मंदिर के सामने लगभग 73,000 वर्ग फीट, मीनार-रहित तथा गुंबदनुमा बने यहां के सत्संग हॉल में लगभग 25,000 लोग एक साथ जमा हो सकते हैं।
श्रीवृंदावनधाम में आज से लगभग 5 हजार वर्ष पूर्व भगवान श्रीकृष्ण और राधारानीजी ने अधिकारी जीवों को महारास का रस प्रदान किया था। उसी दिव्य रस को विश्व के पंचम मूल जगद्गुरुकृपालु जी महाराज ने प्रेम मंदिर के रूप में प्रकट कर दिया है। महाराज के अनुसार,श्रीमद्भागवत ग्रंथ ही वेदांत का भाष्य है। उसी श्रीमद्भागवत को प्रेम मंदिर के स्वरूप में संसार के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। प्रेम मंदिर में प्रवेश करते ही हृदय आनंद से आह्लादित हो उठता है। प्रेम मंदिर की बाहरी दीवारों पर श्रीमद्भागवत के दशम स्कंध में वर्णित श्रीकृष्ण लीलाओं का जीवंत चित्रण मन को मोह लेता है। मंदिर के भूमितल की बाहरी दीवारों पर श्रीकृष्ण की मनमोहक ब्रजलीलाओं के दर्शन होते हैं। प्रथम तल की बाहरी दीवारों पर मथुरा एवं द्वारका की लीलाएं क्रमबद्ध रूप से चित्रित हैं। कुब्जा-उद्धार, कंस-वध, देवकी-वसुदेव की कारागृह से मुक्ति, सान्दीपनी मुनि के गुरुकुल में जाकर कृष्ण-बलराम का विद्याध्ययन, रुक्मिणी-हरण, सोलह हजार एक सौ आठ रानियों का वरण, नारद जी द्वारा श्रीकृष्ण की गृहस्थावस्था के दर्शन, श्रीकृष्ण का अपने अश्रुओं द्वारा सुदामा के चरण पखारना, सुदामा एवं उनके परिवार का एक रात्रि में काया-पलट, कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण का गोपियों से पुनर्मिलन, रुक्मिणी आदि द्वारिका की रानियों का श्रीराधा एवं गोपियों के साथ मिलन, श्रीकृष्ण द्वारा उद्धव को अंतिम उपदेश एवं दर्शन तत्पश्चात स्वधाम-गमन आदि लीलाएं भी चित्रित की गई हैं। विशेष कर श्रीकृष्ण का राधाजी के चरणों में अपना मुकुट रखना एवं उनकी चरण सेवा करना आदि दृश्य प्रेम तत्व की प्रधानता का निरुपण कर प्रेम मंदिर के नाम को चरितार्थ करता है। वास्तव में वास्तुकला का बेजोड़ नमूना प्रेम मंदिर भक्ति एवं आस्था का वह अनोखा संगम है, जिसमें भक्ति और ईश्वरीय प्रेम की अलौकिक धारा प्रवाहित होती है। वहीं सुंदर हरे-भरे बगीचों से युक्त सायं के समय लाल, नीली, पीली और दूधिया रोशनी में चमचमाता प्रेम मंदिर अपनी खूबसूरती की एक अलग ही छटा बिखेरता है। यही कारण है कि महज 2 वर्षो में ही प्रेम मंदिर न केवल वृंदावन, बल्कि पूरे ब्रज क्षेत्र में नव-पर्यटन आकर्षण के रूप में स्थापित हो चुका है।
-चंद्रेश विमला त्रिपाठी
कराची। पाकिस्तान के कराची में जिन्ना एयरपोर्ट पर रविवार देर रात आंतकी हमला हुआ है। एयरपोर्ट परिसर में सीरियल ब्लास्ट किए गए। हज और वीवीआईपी यात्रियों को निशाना बनाते हुए फायरिंग की गई। रनवे के पास भी फायरिंग की आवाज सुनी गई। आतंकियों की संख्या करीब 10 बताई जा रही है। हालात पर काबू पाने के लिए सेना को बुला लिया गया।
मीडिया रिपार्टों के अनुसार हमले में 5 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई है तथा कई हो गए। एक आतंकी को भी मार गिराया गया है। आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने समूचे एयरपोर्ट परिसर को घेर लिया। भीतर बड़ी संख्या में हज यात्री फंसे बताए जा रहे हैं। हमले की शुरूआत टर्मिनल एक से हुई। बाद में हमलावरों के ओल्ड टर्मिलन छह पर विमानों के पास तक पहुंचने की खबर है। 7 विमानों को इस हमले के दौरान नुकसान पहुंचा है।
सुरक्षा बलों ने एयरपोर्ट की तरफ जाने वाले रास्तों को बंद करा दिया है। हमलावर पाक सुरक्षाबलों के फर्जी पहचानपत्र दिखाकर एयरपोर्ट में दाखिल होने में सफल हुए थे। फिलहाल सेना के जवानों ने एयरपोर्ट के भीतर मोर्चा संभाल किया है। अलसुबह तक कार्रवाई जारी थी।
जयपुर। प्रदेश में सरकार बनते ही अपने-अपने लोगों को "सेट" करने के लिए ट्रांसफर की लम्बी कतारों के बीच मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंत्रियों को दो टूक नसीहत देते हुए कहा कि वे पहले काम करें, इसके बाद तबादलों की सोचना। इस समय सरकार को काम की जरूरत है। राज्य मंत्रिपरिषद की चार दिन पहले हुई बैठक में राजे के समक्ष करीब-करीब सभी मंत्रियों ने ट्रांसफर का मुद्दा उठाया।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गुलाब चंद कटारिया, शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ और चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने ट्रांसफरों के मुद्दे को उठाया। मंत्रियों का कहना था कि रोजाना स्थानान्तरण के ढेरों आवेदन आ रहे हैं। राजनीतिक दबाव भी है। कोई ना कोई नीति बनाई जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि इन तीनों ही मंत्रियों के विभागों में सर्वाधिक ट्रांसफर के मामले आते हैं।
मंत्रियों की दलील पर राजे ने कहा कि ट्रांसफर करना कोई हल नहीं है। एक को हटाओगे तो दूसरा उसी का भाई आएगा। यह तो हमेशा ही चलता रहेगा। हर साल ट्रांसफर का काम होता है। इसलिए तबादलों से ज्यादा प्रदेश को काम की जरूरत है। बीकानेर संभाग का दौरा सिर पर है। इसलिए ट्रांसफरों को छोड़ो और पहले काम पर ध्यान दो।
पहले नीति बनाने को कहा
इस बीच ट्रांसफर को लेकर मंत्रियों का ज्यादा दबाव दिखा तो मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि दो-तीन मंत्री ट्रांसफर को लेकर कोई नीति बना लें। इसके बाद तय करेंगे कि क्या करना है? बताया जा रहा है कि स्थानान्तरण को लेकर अनौपचारिक रूप से गुलाब चंद कटारिया, राजेन्द्र राठौड़ और कालीचरण सराफ को नीति बनाने का जिम्मा दिया गया है। ये तीनों अन्य मंत्रियों से चर्चा कर स्थानान्तरण को लेकर कोई नीति बना सकते हैं।
राजनीतिक तबादले ज्यादा
मंत्रियों का कहना था कि विधायक, सांसद हो या फिर संगठन के पदाधिकारी, सभी ढेरों अर्जियां लेकर आ रहे हैं और यह कह रहे हैं कि इन्होंने साथ दिया था। अब सरकार बदल गई है, इसलिए इनको मनचाही जगह पोस्टिंग दी जाए। कांग्रेस सरकार में इन लोगों को दूर पटका हुआ था।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मनाली में व्यास नदी में रविवार देर शाम अचानक पानी छोड़े जाने से हैदराबाद के कम से कम 25 छात्र बह गए। पुलिस ने बताया कि कुल्लू और मंडी जिलों की सीमा पर बने लारजी बांध से अचानक पानी छोड़े जाने से घूमने-फिरने आए हैदराबाद के वीएनआर विज्ञन ज्योति इन्स्टीटयूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नालिजी कालेज के कम से कम 25 छात्र बह गए। पुलिस ने बताया कि छात्र नदी के पास फोटो खींच रहे थे तभी प्रशासन ने बिना किसी चेतावनी के लारजी बांध से पानी छोड़ दिया। पानी के तेज बहाव में कम से कम 25 छात्र बह गए।
पुलिस ने बताया कि छात्रों को ढूंढ़ने के लिए जोर शोर से अभियान चलाया गया है। राज्य सरकार ने छात्रों को खोजने के लिए मण्डी और कुल्लू से बचाव दलों को रवाना किया है। सूत्रों के मुताबिक प्रशासन के इस कदम से नाराज थलोट और आसपास के लोग प्रदर्शन करते हुए यातायात बाधित कर दिया। इस बीच तेलंगाना के मुख्य सचिव राजीव शर्मा ने इस घटना के बारे में जानकारी लेने के लिए शिमला के प्रधान सचिव से बात की।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने भी घटना पर गहरा दुख जताया और उनके निर्देश पर तेलंगाना के गृहमंत्री नयानी नरसिम्हा के नेतृत्व में स्थिति का जायजा लेने के लिए अधिकारियों की एक टीम मण्डी के लिए रवाना हुई। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भी घटना पर गहरा शोक जताया है और हिमाचल सरकार से बचाव कार्यो में तेजी लाने का आग्रह किया है।
यह हादसा मंडी और कुल्लू के बीच शाम करीब 7 बजे हुआ। सभी छात्र ओट नाम जगह पर नदी के किनारे टहल रहे थे। इसी दौरान नदी में पानी का तेज बहाव आया और जलस्तर बढ़ गया। छात्रों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। देर रात तक छात्रों की तलाश जारी थी। लापता छात्र दल में 18 लड़के और 6 लड़कियां बताए जा रहे हैं।
ये छात्र दल मनाली से मंडी पहुंचा था। रास्ते में बस सड़क किनारे खड़ी कर छात्र फोटोग्राफी करने नदी के किनारे के भीतर तक जा पहुंचे थे। इन छात्रों के साथ फैकल्टी मैंबर्स भी थे। बस में सवार कुल 65 में से 25 छात्रों के नदी में लापता हो जाने से हर तरफ हाहाकार मच गया। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने बाद में मनाली हाईवे जाम कर दिया।
नदी हादसे पर राजे ने किया शोक व्यक्त
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हिमाचल प्रदेश में हुए ह्वदय विदारक व्यास नदी हादसे के पीडितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। अपने संवेदना संदेश में राजे ने कहा कि मंडी जिले में पर्यटकों के एक दल के व्यास नदी में बह जाने की दर्दनाक घटना के बारे में जानकर मुझे गहरा आघात लगा है। मुख्यमंत्री ने इस हादसे के शिकार पर्यटकों के शोक संतप्त परिजनों से संकट की इस घड़ी में धैर्य बनाये रखने की अपील की है तथा ईश्वर से उनको यह दु:ख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।