सोमवार, 9 जून 2014

"महंगाई को नियंत्रित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता"



नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने खाद्य पदार्थो की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए सोमवार को कहा कि वह रोजगार सृजन तथा अर्थव्यवस्था के प्रति घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय निवेशकों का विश्वास बहाल कर ऎसा नीतिगत वातावरण तैयार करेगी जिसमें पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ ही कर व्यवस्था को युक्तिसंगत तथा सरल बनाया जाएगा। उन्होंने संसद मे नरेन्द्र मोदी सरकार का एजेंडा सामने रखा।

President Pranab Mukherjee addresses joint session of Parliamentमुखर्जी ने संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि खाद्य पदाथों की कीमतों को बढ़ने से रोकना सरकार की सर्वोच्चय प्राथमिकता होगी। विभिन्न कृषि एवं कृषि आधारित उत्पादों के आपूर्ति को सुधारने पर जोर दिया जाएगा। जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगें।

उन्होंने कहा कि राज्यों के सहयोग से सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार करेगी। मानसून के सामान्य से कम रहने की आशंका के प्रति सरकार सतर्क है और इसके लिए उपयुक्त योजनाएं तैयार की जा रही हैं। सरकार कर व्यवस्था को युक्तिसंगत तथा सरल बनाएगी जो निवेश उद्यम और विकास के विरूद्ध नहीं होगी, बल्कि उसे बढ़ाने में सहायक होगी। सरकार राज्यों की चिंताओं को दूर कर वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) को लागू करने के हर संभव प्रयास करेगी।
कारोबार करने को सरल बनाने के लिए सुुधार किए जाएंगे। निवेश को प्रोत्साहित करने की नीति अपनाई जाएगी जिसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) भी शामिल है। एफडीआई की अनुमति उन क्षेत्रों में होगी जिनमें रोजगार तथा परिसंपत्ति सृजन में सहायता मिलेगी।

राष्ट्रपति ने कहा कि देश आर्थिक मोर्चे पर अत्यधिक कठिन दौर से गुजर रहा है। लगातार दो वर्षाें से हमारी विकास दर पांच प्रतिशत से नीचे बनी हुई है। कर संग्रह में कमी आई है। मुद्रास्फीति असहज स्तर पर बनी हुई है। इसके मद्देनजर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सरकार के लिए बड़ा काम है और अर्थव्यवस्था को सतत उच्च विकास पथ पर ले जाने के लिए सरकार मिलजुलकर कार्य करेगी।

जनता से सीधे जुड़ने के लिए ई-शासन लाने और काम करने के नए तरीकों का मूलाधार "डिजीटल इंडिया" रखने का संकल्प व्यक्त करते हुए सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय र्ई-शासन योजना का विस्तार करके केंद्र से लेकर पंचायतों तक सभी कार्यालयों को इसके तहत लाया जाएगा। सहभागितापूर्ण शासन के साधन के तौर पर सोशल मीडिया जैसी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल किया जाएगा जिससे नीति निर्माण और प्रशासन में लोगों को सीधे जोड़ा जा सके।

मोदी सरकार ने भाजपा के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों को तवज्जो देते हुए देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा मजबूत करने का संकल्प लिया और साफ किया कि आतंकवाद, भ्रष्टाचार और महिलाओं के साथ अत्याचार को एकदम सहन नहीं किया जाएगा। इनके खिलाफ तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

अभिभाषण में कहा गया है कि सरकार आंतकवाद, दंगों और अपराध को बिल्कुल भी सहन नहीं करने की नीति अपनाएगी। नार्को, आतंकवाद और साइबर खतरों सहित आतंकवाद के नए तरीकों से निपटने के लिए राज्यों की पुलिस को आधुनिकीकरण के लिए सुविधाएं दी जाएंगी।

महिलाओ को 33 प्रतिशत आरक्षण

संसद और विधानसभा में महिलाओं को तैतीस प्रतिशत आरक्षण देने के प्रति वचनबद्धता जताते हुए सरकार ने "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ" की प्रतिबद्धता के साथ बालिका को बचाने और उसकी शिक्षा के लिए व्यापक जनअभियान आरंभ करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि वह महिलाओं के विरूद्ध हिंसा को बिल्कुल सहन नहीं करेगी। न्याय में विलंब को न्याय नहीं मिलने के बराबर मानते हुए सरकार ने लंबित मामलों के शीघ्र निपटारों के लिए न्यायालयों की कार्यक्षता में सुधार प्रारंभ करने का भी एलान किया।

कृषि क्षेत्र में बढ़ेगा निवेश
सरकार कृषि के बुनियादी ढांचे में सरकारी और निजी निवेश बढ़ाएगी तथा हर खेत को पानी देने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना शुरू करेगी। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा, कृषि हमारी अधिकांश जनता की आजीविका का सोत्र हैं। पिछले कुछ समय से किसान बहुत ही विषम परिस्थिति में हैं और हताश के कारण कुछ तो आत्महत्या के लिए मजबूर हो गए।

उन्होंने कहा कि सरकार इस दुर्भाग्यपूर्ण हालत को पूरी तरह से बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। वैज्ञानिक तरीके और कृषि प्रौद्योगिकी अपनाकर खेती को लाभकारी उद्यम में बदलने के उपाय किए जाएंगे।

तीर्थ आधारित पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि तीर्थस्थलों पर आधारभूत संरचना और सुख-सुविधाओं में सुधार और सौंदर्यीकरण के लिए राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने यह उम्मीद जाहिर की कि यह कदम तीर्थ से जुड़े पर्यटन को बढ़ावा देगा।

राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए कहा, भारत के पास पर्यटन के क्षेत्र में संभावनाएं प्रचुर हैं, जिसका इस्तेमाल नहीं हुआ है और यह सामाजिक-आर्थिक प्रगति में विशेष भूमिका अदा कर सकती है। सरकार विशेष विषय वाले 50 पर्यटन सर्किट बनाने के लिए अभियान आधारित परियोजना शुरू करेगी।

उन्होंने कहा, तीर्थ आधारित पर्यटन को बढ़ावा देने, सभी धर्मो के तीर्थस्थलों की आधारभूत संरचना और सुख-सुविधा में सुधार और सौंदर्यीकरण के लिए राष्ट्रीय अभियान शुरू किया जाएगा।

क्षेत्रीय लेखन के विकास हेतु प्रौद्योगिकी जल्द
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार भाषायी सामग्री विकसित करने और क्षेत्रीय लेखन को बढ़ावा देने के लिए ई-भाषा का मंच तैयार करेगी।

राष्ट्रपति ने कहा, भारतीय भाषा हमारे समृद्ध इतिहास, कला व संस्कृति का भंडार है। इसके संरक्षण के लिए सरकार ई-भाषा मंच तैयार करेगी जो भाषायी सामग्री का विकास करेगा और क्षेत्रीय सामग्री को बढ़ावा देगा। - 

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