जयपुर। लोकसभा चुनाव के बाद आए नतीजों का असर दिखने लगा है। असर दिखा है बिहार में। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नतीजा आने के दूसरे दिन ही इस्तीफा दे दिया है।
इसके पीछे लोकसभा चुनाव में मिली जदयू को करारी हार कारण माना जा रहा है। अपने इस फैसले पर नीतीश कुमार ने अभी कोई बयान जारी नहीं किया है। नीतीश कुमार के इस्तीफे पुष्टि उनकी सेक्रेटरी अंजली ने की है।
अंजली ने बताया कि शाम पांच बजे प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश कुमार अपने इस्तीफे के बारे में बताएंगे। उन्होंने अपना इस्तीफा वहां के राज्यपाल को दिया है।
नीतीश कुमार को लग रहा था कि अगर मोदी सरकार केंद्र में आएगी तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी जाएंगी। उनकी कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावित कर दिया जाएगा और उनकी छवि को बिहार में खराब कर दिया जाएगा। इस कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
चुनावी नतीजे
बताते चलें कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बिहार में अपने 38 उम्मीदवार खड़े किए थे। इन 38 सीटों पर जदयू मात्र दो सीटें निकाल सकी। नीतीश कुमार को बिहार में उनकी इस हालत की जरा भी उम्मीद नहीं थी।
मोदी से पहले रिश्ता खराब कर चुके नीतीश को अब इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं सुझा। चुनाव के नतीजों से पहले ही हाल ही में बीजेपी से हाथ मिला चुके राम विलास पासवान ने कहा था कि नीतीश कुमार की पार्टी लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारेगी।
अब चर्चा जोरों पर है कि बिहार में जल्द ही भाजपा सरकार का शासन होगा। नीतीश कुमार के इस्तीफे को कुछ राजनेता सोची-समझी चाल बता रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि जनता में अपना सम्मान बरकरार रखने के लिए नीतीश कुमार ने यह कदम उठाया है।
आने वाले कुछ दिनों में बिहार में फिर चुनाव होंगे। चुनाव में जनता जिसे चुनेगी वही बिहार में सरकार बना सकेगा।
जयपुर। लोकसभा चुनाव के बाद आए नतीजों का असर दिखने लगा है। असर दिखा है बिहार में। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नतीजा आने के दूसरे दिन ही इस्तीफा दे दिया है।
इसके पीछे लोकसभा चुनाव में मिली जदयू को करारी हार कारण माना जा रहा है। अपने इस फैसले पर नीतीश कुमार ने अभी कोई बयान जारी नहीं किया है। नीतीश कुमार के इस्तीफे पुष्टि उनकी सेक्रेटरी अंजली ने की है।
अंजली ने बताया कि शाम पांच बजे प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश कुमार अपने इस्तीफे के बारे में बताएंगे। उन्होंने अपना इस्तीफा वहां के राज्यपाल को दिया है।
नीतीश कुमार को लग रहा था कि अगर मोदी सरकार केंद्र में आएगी तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी जाएंगी। उनकी कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावित कर दिया जाएगा और उनकी छवि को बिहार में खराब कर दिया जाएगा। इस कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
चुनावी नतीजे
बताते चलें कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बिहार में अपने 38 उम्मीदवार खड़े किए थे। इन 38 सीटों पर जदयू मात्र दो सीटें निकाल सकी। नीतीश कुमार को बिहार में उनकी इस हालत की जरा भी उम्मीद नहीं थी।
मोदी से पहले रिश्ता खराब कर चुके नीतीश को अब इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं सुझा। चुनाव के नतीजों से पहले ही हाल ही में बीजेपी से हाथ मिला चुके राम विलास पासवान ने कहा था कि नीतीश कुमार की पार्टी लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारेगी।
अब चर्चा जोरों पर है कि बिहार में जल्द ही भाजपा सरकार का शासन होगा। नीतीश कुमार के इस्तीफे को कुछ राजनेता सोची-समझी चाल बता रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि जनता में अपना सम्मान बरकरार रखने के लिए नीतीश कुमार ने यह कदम उठाया है।
आने वाले कुछ दिनों में बिहार में फिर चुनाव होंगे। चुनाव में जनता जिसे चुनेगी वही बिहार में सरकार बना सकेगा।
मोदी की अगुआई में भाजपा की जीत के बाद अबकी बार लोकसभा के परिणाम तो चौंकाने वाले हैं ही पर शायद इसमें कुछ अनोखा भी होने वाला है जो पहले कभी नहीं हुआ। 2014 में बनने वाली लोकसभा के इतिहास में ऎसा पहली बार देखने को मिलेगा।
यह रिकॉर्ड एक पति-पत्नी कायम करने वाले हैं। ऎसा पहली बार होगा कि कोई दंपति साथ-साथ लोकसभा में नजर आएगा, वह भी अलग-अलग पार्टियों के टिकट से जीतकर।
बिहार के बाहुबलियों में शुमार किए जाने वाले राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और उनकी पत्नी रंजीता रंजन, दोनों ही जीत हासिल कर लोकसभा की दहलीज तक पहुंचने वाले हैं। यह अपनी तरह का पहला मामला होगा।
खुशकिस्मती से दोनों के दांपत्य संबंध में कभी कोई अलगाव-विलगाव जैसी स्थित भी नहीं आई है।
पप्पू यादव बिहार के मधेपुरा से आरजेडी के टिकट पर चुनाव में खड़े हुए थे। उनकी पत्नी रंजीता ने सुपौल से कांग्रेस पार्टी की ओर से किस्मत आजमाने का फैसला किया था।
मधेपुरा सीट से राजेश रंजन जेडीयू के शरद यादव को 56602 वोटों से हरा चुके हैं। रंजीता रंजन सुपौल में जेडीयू के दिलेश्वर कामत को 59672 वोटों से हरा चुकी हैं।
नई दिल्ली। आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को शानदार जीत दिलवाने के बाद पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी पहली बार शनिवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच गए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। साथ ही हजारों लोग भी भावी पीएम का स्वागत करने पहुंचे।यहां से मोदी पार्टी मुख्यालय तक महा विजयी जुलूस निकालेंगे। जहां जहां से उनका जूलुस निकलेगा, पुलिस ने उन रास्तों बंद कर दिया है। हालांकि, उन्होंने अभी तक शपथ नहीं ली है, लेकिन उन्हें एसपीजी सुरक्षा मुहैया करवा दी गई है। एसपीजी के मुताबिक, हवाई अड्डे से पार्टी मुख्यालय के बीच कहीं नहीं रूकेगा।
वह हवाई अड्डे से पार्टी मुख्यालय तक प्रस्तावित रोड शो करेंगे। रोड शो इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पार्टी के मुख्याल तक होगा।
इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस ने आज नियमित आने जाने वालों के लिए ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के मुताबिक, सुबह दस बजे से टर्मिनल-3 से सेंट्रल स्पाइन रोड से टन्नल रोड और ऎरोसिटी की तरफ वाहनों को नहीं जाने दिया जाएगा।
ट्रैफिक को नेशनल हाइवे 8 की ओर सेंटोर होटल और महिपालपुर की ओर डाइवर्ट किया जाएगा। सुबह 11 बजे से किसी भी वाहन को एन एच 8 से धौला कुआं और सरदार पटेल मार्ग, धौला कुंआ से 11 मुर्ती की ओर नहीं जाने दिया जाएगा।
एडवाइजरी के मुताबिक, रोड शो को देखते हुए ट्रैफिक को उसी मुताबिक डाइवर्ट किया जाएगा। रोड शो जिन मार्गो से होकर गुजरेगा वे हैं - आईजीआई टर्मिनल 3, सर्विस रोड, सेंट्रल स्पाइन रोड, ऎरोसिटी, संजय टी पोइंट, एन एच 8, धौला कुंआ फ्लाइओवर, सरदार पटेल मार्ग, 11 मूर्ति, मदर टेरेसा क्रेसेंट, आर/ए तीन मूर्ति, तीन मूर्ति मार्ग, आर/ए जीकेपीओ, अकबर रोड, आर/ए मोती लाल नेहरू प्लेस, जनपथ, विंडसर प्लेस, अशोका रोड भाजपा मुख्यालय।
सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली की सड़कों पर दिल्ली पुलिस के जवानों को तैनात किया जाएगा। रोड शो के दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनकी सुरक्षा वैसी ही रहेगी जैसी प्रधानमंत्री को दी जाती है।
ट्रैफिक के संयुक्त पुलिस आयुक्त अनिल शुक्ला ने बताया कि वाहन चालको से निवेदन है कि जिन मार्गो से रोड शो गुजरेगा, वे उन मार्गो की बजाए वैकल्पिक मार्गो से जाएं। लोगो से गुजारिश है कि जितना हो सके, वे परिवहन सुविधाओं, खासकर मेट्रो का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें। -
बाड़मेर। राजस्थान की बाड़मेर सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। यहां से पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा केबागी वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह को हार का सामना करना पड़ा। जसवंत सिंह को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए कर्नल सोनाराम ने शिकस्त दी। सोनाराम ने जसवंत को 87461 वोटों से हराया। कांग्रेस उम्मीदवार हरीश चौधरी को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। हार के बाद जसवंत ने राजनीति नहीं करने की बात कही।
हार के बाद जसवंत ने सोनाराम को जीत की बधाई दी और उम्मीद जताई कि वे देश और क्षेत्र के लिए काम करेंग। साथ ही कहाकि वे हार का विश्लेषण करेंगे। सक्रिय राजनीति के भाग लेने के बारे में पूछे जाने पर जसवंत ने कहाकि वे दलगत राजनीति नहीं करेंगे। वहीं कांग्रेस के हरीश चौधरी ने कहाकि देश में मोदी की लहर थी। हार के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं।
गौरतलब है कि जसवंत सिंह भाजपा से टिकट न मिलने के बाद निर्दलीय के रूप में मैदान में उतरे थे। जसवंत सिंह एनडीए शासन में विदेश और वित्त मंत्री रह चुके हैं। दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी कर्नल सोनाराम पाला बदलकर भाजपा में आए हैं। सोनाराम बाड़मेर से कांग्रेस की टिकट पर सांसद रह चुके है।
कर्नल जीत के बाद बोले। रिफायनरी लगाने के प्रयास जारी रहेंगे कर्नल
बाड़मेर बाड़मेर लोकसभा क्षेत्र से जीत का सेहरा बांधने के बाद मतगणना स्थल पर पत्रकारों बातचीत करते हुए कर्नल सोनाराम चौधरी ने कहा की बाड़मेर की जनता स्नेह दिया उसका आभारी हूँ। उन्होंने कहा की बाड़मेर में रिफायनरी लगे इसके प्रयास उनकी तरफ से जारी ,रहेंगे उन्होंने कहा की रिफायनरी बड़ा मुद्दा हैं उस पर जनहित के अनुरूप काम कराया जाएगा ,जमीनो के मामले में कई अधिकारी निलंबित भी हुए ,रिफायनरी के रोजगार उपलब्ध करने की दिशा में कार्य किया जायेगा ,उन्होंने कहा की भाजपा के कई नेताओ ने मुझे हराने का काम किया ऐसे कार्यकर्ताओ और पदाधिकारियों के खिलाफ पार्टी को कार्यवाही करनी चाहिए ,उन्होंने कहा की जो लोग मेरे साथ कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में आये हैं उन्हें पार्टी में समानजनक पद दिलाने का प्रयास करूँगा ,कर्नल ने कहा जैसलमेर बाड़मेर का विकास मेरी प्राथमिकता रहेगी।
जयपुर। देश में 30 साल में पहली बार किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलने के आसार दिखाई दे रहे है।
अब कुछ हद से यह साफ हो गया है कि सरकार राजग की ही बनने वाले है।
ेऎसे में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पीएम पद की शपथ कब लेंगे? इस पर विचार विमर्श जारी है।
एक निजी समाचार चैनल के अनुसार, अगर पार्टी को पूर्ण बहुमत मिल गया तो वह 21 मई को शपथ लेंगे। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
भापजा के बड़े नेता विचार विमर्श कर रहे हैं। बताया जाता है कि शनिवार को पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक होगी जिसमें नरेन्द्र मोदी को औपचारिक रूप से संसदीय दल का नेता चुना जाएगा।
मोदी पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह के साथ बैठक कर चुके हैं। मोदी ने उन्हें सरकार बानाने के बारे में अपने विचार व्यक्ति किए। बताया जाता है कि उन्होंने वरिष्ठ नेताओं की भूमिका के बारे में भी चर्चा की है।
जयपुर। देश और प्रदेश में कमल खिलने से उत्साहित मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर देश और प्रदेश की जनता को धन्यवाद दिया।
राजे ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने से अब देश तरक्की करेगा। राजे ने कविता पढ़कर देश-प्रदेश की जनता से विकास पथ पर चलने का आह्वान किया।
राजे ने कहा कि देश का विकास सभी लोगों के साथ चलने से होगा और देश मोदी के नेतृत्व में तरक्की करेगा।
राजे ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि पहले की सरकार की तरह अब राजस्थान से सौतेला व्यवहार नहीं होगा।
गांधीनगर। लोकसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी देश का प्रधानमंत्री बनने की तैयारी में हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी शुक्रवार को आशीर्वाद लेने के लिए मां से मिलने पहुंचे।
मोदी मटमैला कुर्ता और सुनहरे भूरे रंग की नेहरू जैकेट पहने अपनी मां हीराबेन के घर पहुंचे और उनके पैर छुए। मां ने भी बदले में अपने लाडले "नरिया" का मुंह मीठा करवाया। मीडिया की मौजूदगी में दोनों एक-दूसरे के गले मिले। उसके बाद हीराबेन ने बेटे का कुर्ता पकड़कर उसे अपनी ओर खींचा और कुछ सलाह दी। मोदी ने मां से बात की, जिनके वह बेहद करीब हैं।
मोदी ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट टि्वटर पर ट्वीट भी किया, "भारतवर्ष जीत गया। अच्छे दिन आने वाले हैं।" मोदी वडोदरा, अहमदाबाद और गांधीनगर में धन्यवाद बैठकें आयोजित करेंगे। जीत के रूझानों के सामने आते ही एसपीजी के सुरक्षा दस्ते ने गुजरात में दस्तक दे दी और मोदी की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
उल्लेखनीय है कि रूझानों के अनुसार, फिलहाल देश में बीजेपी व सहयोगी दल 336 सीटों पर आगे चल रहे हैं। अकेले बीजेपी अपने दम पर पूर्ण बहुमत पाने जैसी स्थिति में पहुंच गई है। उसे 278 सीटों पर बढ़त मिली है।
राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी ने अपने मिशन 25 के तहत सभी सीट जीत कर इतिहास रच दिया। प्रतिष्ठा का प्रश्न बनी बाडमेर सीट पर बीजेपी के निष्कासित नेता जसवंत सिंह से कड़ी टक्कर मिली। मतगणना के दौरान कई राउंड तक वे अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी कर्नल सोनाराम से आगे भी चले। लेकिन आखिरकार बीजेपी प्रत्याशी की जीत हुई। जसवंत सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा।
पिछले आम चुनाव में राजस्थान में 20 सीटों पर कब्जा जमाने वाली कांग्रेस को इस बार राज्य में करारी हार मिली है। अजमेर सीट से केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट,, अलवर से भंवर जीतेंद्र सिंह, चित्तौड़गढ़ से गिरिजा व्यास, जोधपुर से चंद्रेश कुमारी, झुंझुनू से राज बाला ओला तथा नागौर से ज्योति मार्धा को हार का सामना करना पड़ा।
जश्न में डूबी बीजेपी, कांग्रेस खेमे में मायूसी
लोकसभा चुनाव परिणाम में हुई पराजय के बाद कांग्रेस खेमे में सन्नाटा छाया हुआ है वहीं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जीत से उत्साहित होकर नाच रहे हैं। भाजपा के सरदार पटेल मार्ग स्थित प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार सुबह से गहमागहमी शुरू हो गई थी।
भाजपा के प्रदेश की सभी 25 सीटों पर बढ़त बनाने के साथ ही कार्यकर्ता खुशी में झूमने लगे। कार्यालय में मौजूद सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने एक दूसरे को मिठाई खिला कर खुशी का इजहार किया तथा पटाखे छुड़ाए। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यालय भारतीय भवन में पहुंच कर संघ कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
नई दिल्ली। देशभर में राज्यों एवं जिला मुख्यालयों पर वोटों की गिनती चल रही है। सभी 543 सीटों के रूझान सामने आ गए हैं। इसमें बीजेपी अपने बूते पूर्ण बहुमत का लक्ष्य हासिल करती दिख रही है। उसे अपने दम पर 282 सीटों पर बढ़त मिली हुई है। सहयोगियों को मिलाकर उसकी सीटों का आंकड़ा 336 को पार कर रहा है। पूर्ण बहुमत के लिए 272 सीट चाहिए, जो एनडीए पार चुका है। यह पहला मौका है जब कांग्रेस 100 का आंकड़ा भी छूती नहीं दिख रही है, उधर बीजेपी इस बार पूरे देश में छा रही है। बीजेपी के पक्ष में 50 फीसदी वोट जाते नजर आ रहे हैं। दक्षिण में भी उसका असर देखा जा रहा है। कर्नाटक में बीजेपी के बीएस येडि्डयुरप्पा जीत चुके हैं।
फिलहाल बीजेपी अकेली 278 से ज्यादा सीटों और सहयोगियों के साथ 336 और कांग्रेस 62 अन्य 146 जगह पर आगे हैं। भाजपा शासित राज्यों में कांग्रेस को भारी झटका लगा है। सबसे अधिक सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा 68 सीटों पर आगे चल रही है जबकि कांगे्रस सिर्फ तीन सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। समाजवादी पार्टी छह और बहुजन समाज पार्टी एक सीट पर आगे है। भाजपा का सहयोगी अपना दल भी दो सीटों पर आगे है ।
कांग्रेस शासित राज्य असम में भी कांग्रेस को बुरी तरह पराजय झेलनी पड़ रही है। आलम यह है कि इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने आलाकमान के सामने इस्तीफे की पेशकश की है। असम में बीजेपी 14 सीटों में से आठ पर आगे है। कांगे्रस केवल दो सीटों पर आगे चल रही है, मुख्य विपक्षी दल एआईयूडीएफ के उम्मीदवार तीन स्थानों पर आगे चल रहे है जबकि एक सीट पर निर्दलीय को बढ़त हासिल है।
चौंकाने वाली खबर यह है कि अमेठी में राहुल गांधी को बीजेपी की स्मृति ईरानी कड़ी टक्कर दे रहीं हैं। आप के विश्वास कुमार कड़े मुकाबले में आ गए हैं। रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस की सोनिया गांधी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के अजय अग्रवाल से आगे हैं। अजमेर में कांग्रेस के युवा तुर्क एवं केन्द्रीय मंत्री सचिन पायलट बीजेपी के सांवरलाल जाट से हार चुके हैं। केन्द्रीय मंत्री अजित सिंह बागपत से चुनाव हार गए हैं। तिरूवंतपुरम सीट पर कांग्रेस के डा. शशि थरूर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के ओ राजागोपाल से पीछे। राजस्थान के नागौर से कांग्रेस की महिला नेता ज्योति मिर्धा को भी हार का मुंह देखना पड़ा है।
चुनाव परिणामों के रूझानों के भी पक्ष में आने बीजेपी कार्यर्काकर्ता खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं। देश भर में राज्यों एवं जिला मुख्यालय में मतगणना स्थलों पर पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ जुटी है। बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने ट्वीट कर कहा कि बुद्ध एक बार फिर मुस्कुराने जा रहे हैं। सुबह आठ बजे से शुरू हुई मतगणना के परिणाम दोपहर जक आने शुरू हो गए। इससे पहले रूझानों से ही देश की नई सरकार की तस्वीर लगभग सामने आ चुकी थी।
चुनाव परिणामों में बढ़त की आशा से प्रफुल्लित बीजेपी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में जश्न का माहौल है तथा खासी तैयारियां की गई है। अल सुबह से ही गहमागहमी बनी हुई है। बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी आज अहमदाबाद से दिल्ली पहुंचेंगे। कांग्रेस मुख्यालय में भी हलचल है लेकिन एग्जिट पोल जारी होने के बाद से कांग्रेस में मायूसी का माहौल है।
कांग्रेस ने परिणाम से पहले मानी हार
चुनाव के शुरूआती रूझान देखते हुए कांग्रेस को अपनी हार नजर आ गई और पार्टी ने अपनी हार नजर आ गई और पार्टी ने स्वीकार कर लिया कि अगर रूझान इसी तरह जारी रहे तो वह रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाने को तैयार है। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने टेलीविजन चैनल पर कहा कि रूझानों से स्थिति अंंधकारपूर्ण नजर आ रही है और ट्रेंड यही रहे हम एक जिम्मेदार पार्टी के रूप में रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएंगे।
आजाद भारत के इतिहास में पहली बार कांग्रेस अपनी सबसे बुरी पराजय की ओर बढ़ रही है। दोपहर का सूरज चढ़ने तक ही यह स्पष्ट हो चुका था कि कांग्रेस अपने कई दिग्गजों की सीटों भी गंवा देगी। कांग्रेस कुछ हद तक केरल, छत्तीसगढ़, पंजाब और कर्नाटक से सीट मिलती नजर आ रही है। -
जयपुर। वसुंधरा राजे का मिशन-25 कामयाब हो गया है।
प्रदेश की सभी 25 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार जीते है। कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट, वरिष्ठ नेता सीपी जोशी, गिरिजा और नमोनारायण मीणा व्यास सहित सभी नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है।
लोकसभा चुनाव में राजे की धुंआधार चुनावी जनसभाएं और रैलियों में उमड़ी भारी भीड़ ने पहले ही बता दिया था कि मोदी वाया राजस्थान के रास्ते ही दिल्ली पहुंचेंगे।
दिसंबर 2013 में हुए विस चुनाव में राजे ने कांग्रेस को करारी शिकस्त दी थी।
वहीं आज काउंटिंग के रूझान बता रहे है कि प्रदेश में वसुंधरा का मिशन 25 पूरा होता नजर आ रहा है।
राजे ने प्रदेश के कई गांवों, कस्बों और शहरों मे सैकड़ों रैलियां और जनसभाएं की।
मतगणना के रूझानों के अनुसार प्रदेश में सभी सीटों पर कमल खिल रहा है।
मोदी चक्रवात में हाथ का साथ सभी से छूटता नजर आ रहा है।
कौन जीता कौन हारा
सीट------------कांग्रेस----------भाजपा-------------------------जीते
जयपुर शहर--------महेश जोशी----------रामचरण बोहरा----------रामचरण बोहरा
जयपुर ग्रामीण-------सीपी जोशी--------राज्यवर्घन सिंह राठौड़--------राज्यवर्घन सिंह राठौड़
अलवर-----------जितेन्द्र सिंह----------महंत चांदनाथ------------महंत चांदनाथ
सीकर-----------पीएस जाट----------सुमेधानंद सरस्वतीे-------- सुमेधानंद सरस्वती
दौसा------------नमोनारायण मीणा------हरीश मीणा------------हरीश मीणा
टोंक-सवाईमाधोपुर---मोहम्मद अजहरूद्दीन-----सुखबीर सिंह जौनपुरिया----सुखबीर सिंह जौनपुरिया
भरतपुर----------सुरेश यादव-----------बहादुर सिंह कोली-------बहादुर सिंह कोली
करौली-धौलपुर-----लखी राम बैरवा--------मनोज राजोरिया---------मनोज राजोरिया
नागौर-----------ज्योति मिर्घा-----------सीआर चौधरी---------सीआर चौधरी
अजमेर----------सचिन पायलट-----------सांवरलाल जाट-------सांवरलाल जाट
कोटा-----------इज्यराज सिंह------------ओम बिड़ला---------ओम बिड़ला
झालावाड़---------प्रमोद जैन-------------दुष्यंत सिंह----------दुष्यंत सिंह
भीलवाड़ा---------अशोक चांदना-----------सुभाष बहेडिया-------सुभाष बहेडिया
चित्तौड़गढ़---------गिरिजा व्यास-----------सीपी जोशी-----------सीपी जोशी
उदयपुर----------रघुवीर सिंह मीणा----------अर्जुन मीणा----------अर्जुन मीणा
राजसमंद----------गोपाल सिंह शेखावत-------हरिओम सिंह राठौड़------हरिओम सिंह राठौड़
जोधपुर-----------चन्द्रेश कुमारी कटोच--------गजेन्द्र सिंह शेखावत-----गजेन्द्र सिंह शेखावत
बाड़मेर-जैसलमेर----जसवंत सिंह -----------कर्नल सोनाराम--------कर्नल सोनाराम
बीकानेर-----------शंकर पन्नू--------------अर्जुनराम मेघवाल-------अर्जुनराम मेघवाल
श्रीगंगानगर----------भंवरलाल मेघवाल---------निहाल चंद----------निहाल चंद
चूरू--------------प्रताप पूनियां------------राहुल कस्वां----------राहुल कस्वां
झुंझुनूं-------------राजबाला ओला-----------संतोष अहलावत-------संतोष अहलावत
बांसवाड़ा-डूंगरपुर-------रेशम मालवीया-----------मानशंकर निनाम-------मानशंकर निनाम
जालौर--------------उदयलाल आंजना---------देवजी पटेल---------देवजी पटेल
पाली---------------मुन्नी देवी गोदारा---------- पीपी चौधरी--------पीपी चौधरी - See more at:
16वीं लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान 12 मई को हो चुका है और
अब कल मतगणना होनी है। आखिर इतने लंबे समय तक चलने वाली चुनाव प्रक्रिया के
बाद कैसे होती है वोटों की गिनती? आइये जानते हैं..
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मतगणना के लिए हर निर्वाचन क्षेत्र के हर काउंटिंग हॉल में 14-14 टेबल
लगाई जाती हैं। एक टेबल पर एक बूथ की ईवीएम मशीन रखी जाती है। किस टेबल पर
किस बूथ की ईवीएम आएगी, इसके लिये चार्ट पहले से ही तैयार कर लिया जाता है।
ईवीएम लाने के बाद पहले वहां मौजूद विभिन्न पार्टियों के उम्मीदवारों के
काउंटिंग एजेंट को मशीन पर लगी सील दिखाई जाती है।
इसके बाद सबकी सहमति के बाद ईवीएम की सील तोड़ी जाती है। ईवीएम का सील
तोड़ने के बाद रिजल्ट वन बटन दबाया जाता है। इससे ईवीएम में किस कैंडिडेट के
पक्ष में कितने वोट आये हैं, उनके नाम के सामने अंकित हो जाता है। इस फिगर
को डिस्प्ले भी किया जाता है, ताकि उम्मीदवारों के एजेंट और काउंटिंग में
लगे कर्मचारी सभी के वोट को ठीक से देख सकें।
इसके बाद सभी 14 टेबल का रिजल्ट हॉल के प्रभारी और संबंधित निर्वाचन
क्षेत्र के असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर (एआरओ) को भेजा जाता है। एआरओ सभी
कैंडिडेट्स को मिले वोट को जोड़ कर एक राउंड का रिजल्ट तैयार कर उपायुक्त या
जिलाधिकारी के पास भेजते हैं। सभी निर्वाचन क्षेत्रों से सभी राउंड्स का
रिजल्ट आरओ के चेंबर में ही फाइनल होता है। फिर हर राउंड के रिजल्ट को
बताया जाता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो
रिकॉर्डिंग भी की जाती है।
वोटों की गिनती की पूरी प्रक्रियाः
सबसे पहले सील की जांचः
गिनती से पहले चुनाव अधिकारी ईवीएम को कैरी करने वाले केस
पर लगी कागज की मुहर और भीतर मौजूद ईवीएम पर लगी मुहर की जांच करता है। जब
अधिकारी यह सुनिश्चित कर लेता है कि ईवीएम से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है तब
वोटों की गिनती की प्रक्रिया शुरू होती है।
ईवीएम से पहले पोस्टल बैलट की गिनतीः
वोटों की गिनती के लिए मतगणना स्थल पहले से ही तय होता है।
यहां पर 8 बजे से मतगणना शुरू हो जाती है। सबसे पहले डाक मतपत्रों की
गिनती होती है। इसके आधे घंटे बाद ही ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू होती
है।
ईवीएम में दर्ज वोटों की गिनतीः
इसके लिए मतगणना कर्मी सबसे पहले ईवीएम को ऑन करता है।
इसके बाद वह रिजल्ट बटन को दबाता है। इससे यह पता चलता है कि किस उम्मीदवार
के पक्ष में कितने वोट पड़े।
मशीन में दिखी सूचना को करना होता है दर्जः
ईवीएम के रिजल्ट बटन को दबाने पर जो संख्या उभरती है, उसे
फॉर्म नंबर 17-सी में दर्ज करना होता है। इस फॉर्म पर फिर उम्मीदवारों के
एजेंट दस्तखत करते हैं। इसके बाद फॉर्म नंबर 17-सी को रिटर्निंग ऑफिसर को
सौंप दिया जाता है।
सभी 14 टेबल से 17-सी फॉर्म होते हैं इकट्ठाः
मतगणना क्षेत्र में लगीं सभी 14 टेबल पर मौजूद मतगणना
कर्मी हर राउंड में फॉर्म 17-सी भरकर एजेंट से दस्तखत करवा कर रिटर्निंग
अफसर के पास रखते जाते हैं। इसके बाद रिटर्निंग अफसर हर राउंड में मतों की
गिनती दर्ज करता जाता है। इस नतीजे को हर राउंड के बाद ब्लैक बोर्ड पर दर्ज
किया जाता है और लॉउडस्पीकर की मदद से उसकी घोषणा भी होती है।
राज्य के मुख्य निर्वाचन अफसर को बताई जाती है संख्याः
हर राउंड के बाद नतीजो के बारे मे राज्य के मुख्य निर्वाचन
अधिकारी को सूचना दी जाती है। यह सिलसिला मतगणना खत्म होने के बाद तक चलता
रहता है।
स्ट्रॉन्ग रूम से आती है ईवीएम
ईवीएम को मतगणना केंद्र पर लगी मेज पर स्ट्रॉन्ग रूम से
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम के बीच बेहद सुरक्षित रास्ते से लाया जाता है।
रास्ते के दोनों ओर बैरिकेड लगे होते हैं। हर टेबल पर मौजूद होता है अफसर
और पोलिंग एजेंटहर मेज पर एक सरकारी अफसर निगरानी के लिए मौजूद रहता है।
इसके अलावा हर उम्मीदवार का एक पोलिंग एजेंट भी हर मेज पर मौजूद रहता है।
एक बार में खुलती हैं 14 ईवीएमः
एक मतगणना क्षेत्र में अलग-अलग टेबल पर एक बार में 14
ईवीएम खोली जाती हैं। एक राउंड में 14 ईवीएम में मौजूद वोटों की गिनती की
जाती है।
तारों की बाड़ करती है एजेंट और ईवीएम को अलगः
वोटों की गिनती में लगे सरकारी कर्मचारियों और वहां मौजूद
उम्मीदवारों के एजेंटों के बीच तारों की बाड़ लगी होती है ताकि एजेंट ईवीएम
से छेड़छाड़ न कर सकें।
भाजपा की ओर से नए सहयोगियों का स्वागत किए जाने का ऐलान किए जाने की पृष्ठभूमि में टीआरएस ने समर्थन को लेकर अपने विकल्प रखने का फैसला किया तो द्रमुक ने कहा कि वह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार को 2002 के दंगों का दाग के कारण समर्थन नहीं करेगी।
उधर, कांग्रेस नेता राशिद अलवी ने एक नया सुझाव दिया कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी के नेतृत्व में सरकार गठित करने के लिए सभी क्षेत्रीय धर्मनिरपेक्ष दलों को साथ आना चाहिए।
बीजद और अन्नाद्रमुक की ओर से सभी विकल्प खुले होने का स्पष्ट संकेत दिए जाने के बाद टीआरएस ने भी कुछ ऐसा ही संकेत दिया।
टीआरएस के वरिष्ठ नेता और पार्टी प्रमुख के चंद्रशेखर राव के पुत्र केटी रमा राव ने फोन पर पीटीआई से कहा कि तेलंगाना के नए राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के साथ हम ऐसी सरकार चाहेंगे जो तेलंगाना का पूरी समर्थन करती हो। कल क्या होगा, हम नहीं जानते। हम काल्पनिक सवालों का जवाब नहीं दे सकते।
उनसे पूछा गया था कि कुछ खबरों में कहा गया है कि टीआरएस राजग का समर्थन कर सकती है। राव ने कहा कि पार्टी की संसदीय और विधायी समिति कल दोपहर 12 बजे के बाद फैसला करेगी।
द्रमुक ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि वह मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन नहीं करेगी। पार्टी प्रवक्ता टीकेएस एलनगोवन ने कहा कि हमारे यहां अल्पसंख्यक हैं और मोदी पर 2002 के दंगों का दाग है। ऐसे में अपने राज्य के हित को ध्यान में रखते हुए हम राजग का समर्थन नहीं कर सकते।
उन्होंने कहा कि मोदी को समर्थन देना कठिन फैसला होगा, क्योंकि पार्टी केंद्र में सिर्फ धर्मनिरपेक्ष सरकार का साथ देना चाहती है। लोकसभा सीटों की मतगणना की पूर्वसंध्या पर अलवी ने स्वीकार किया कि कांग्रेस के लिए सरकार का गठन कर पाना मुश्किल हो सकता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए क्षेत्रीय धर्मनिरपेक्ष दलों को साथ आना चाहिए और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नेता चुनना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष सरकार के गठन को लेकर कभी नहीं हिचकेगी।
अल्वी ने कहा कि चुनाव बाद आए सर्वेक्षणों को मानने से इंकार करते हुए कहा कि कल सच सामने आ जाएगा।
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नई दिल्ली। भले ही अभी मतगणना शुरू नहीं हुई हो, चुनावी नतीजों का ऐलान नहीं हुआ हो, केंद्र में बीजेपी की सरकार नहीं बनी हो, लेकिन बीजेपी में सिर फुटौव्वल जरूर शुरू हो गई है। सूत्रों की मानें तो लालकृष्ण आडवणी खेमे की सुषमा स्वराज नाराज हो गई हैं।
पार्टी अब सुषमा स्वराज को मनाने में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक सुषमा स्वराज मंत्री पद नहीं चाहती हैं। सुषमा ने पार्टी को अभी तक कोई आश्वासन नही दिया है। सुषमा आडवाणी की करीबी मानी जाती हैं। उधर, आडवाणी की भूमिका पर भी सस्पेंस बरकरार है। आज राजनाथ ने आडवाणी से मुलाकात भी की।
कल से ही मीडिया में खबरें उड़ीं थीं कि सुषमा पार्टी से नाराज हैं। खबरों की मानें तो उनकी शिकायत थी कि पार्टी के भविष्य का फैसला चार लोग नहीं ले सकते हैं। उनका इशारा नरेंद्र मोदी, नितिन गडकरी, अरुण जेटली और राजनाथ सिंह की तरफ था।
हालांकि सुषमा ने पत्रकारों से बात में कहा था कि उनकी नाराजगी की खबरें गलत हैं और पार्टी नेताओं ने उनसे औपचारिक मुलाकात की थी। इन नेताओं से मुलाकात के बाद सुषमा भोपाल रवाना हो गई थीं। जबकि बाकी नेता मोद से मीटिंग करने गांधीनगर पहुंचे थे।