शनिवार, 17 मई 2014

"मोदी सरकार" से डरे नीतीश कुमार ने दिया इस्तीफा



जयपुर। लोकसभा चुनाव के बाद आए नतीजों का असर दिखने लगा है। असर दिखा है बिहार में। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नतीजा आने के दूसरे दिन ही इस्तीफा दे दिया है।

bihar cm nitish kumar resigns 
इसके पीछे लोकसभा चुनाव में मिली जदयू को करारी हार कारण माना जा रहा है। अपने इस फैसले पर नीतीश कुमार ने अभी कोई बयान जारी नहीं किया है। नीतीश कुमार के इस्तीफे पुष्टि उनकी सेक्रेटरी अंजली ने की है।

अंजली ने बताया कि शाम पांच बजे प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश कुमार अपने इस्तीफे के बारे में बताएंगे। उन्होंने अपना इस्तीफा वहां के राज्यपाल को दिया है।

नीतीश कुमार को लग रहा था कि अगर मोदी सरकार केंद्र में आएगी तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी जाएंगी। उनकी कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावित कर दिया जाएगा और उनकी छवि को बिहार में खराब कर दिया जाएगा। इस कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।

चुनावी नतीजे
बताते चलें कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बिहार में अपने 38 उम्मीदवार खड़े किए थे। इन 38 सीटों पर जदयू मात्र दो सीटें निकाल सकी। नीतीश कुमार को बिहार में उनकी इस हालत की जरा भी उम्मीद नहीं थी।

मोदी से पहले रिश्ता खराब कर चुके नीतीश को अब इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं सुझा। चुनाव के नतीजों से पहले ही हाल ही में बीजेपी से हाथ मिला चुके राम विलास पासवान ने कहा था कि नीतीश कुमार की पार्टी लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारेगी।

अब चर्चा जोरों पर है कि बिहार में जल्द ही भाजपा सरकार का शासन होगा। नीतीश कुमार के इस्तीफे को कुछ राजनेता सोची-समझी चाल बता रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि जनता में अपना सम्मान बरकरार रखने के लिए नीतीश कुमार ने यह कदम उठाया है।

आने वाले कुछ दिनों में बिहार में फिर चुनाव होंगे। चुनाव में जनता जिसे चुनेगी वही बिहार में सरकार बना सकेगा।

1 टिप्पणी:

  1. वेस्ट दिल्ली के हरिजन कालोनी तिलक नगर अस्सी गज के नाम से प्रसिद्ध स्थान में दिल्ली सरकार की एजेंसियों के गैर कानूनी ढंग से हरिजनों की जमीन लूटने का मामला सामने आये है।
    बचपन से लेकर बुढ़ापे तक पहुँच चुके स्थानीय नागरिकों क मानना है कि सभी राजनैतिक पार्टियों ने उन्हें इस्तेमाल किया ओर हर प्रकार से लूटा है।
    बाल्मीकि हरिजन अनुशासन सभा रजिस्टर्ड के प्रधान पूरन चन्द ओर उनके पदाधिकारियों ने बताया कि उनकी लगभग 78 एकड़ जमीन जो 1961 में हरिजन कालोनी के निवासियों को दे दी गयी थी उस पर कुछ सरकारी एजेंसियों ने कब्जा कर रखा हे।
    पूरन चन्द प्रधान ने अभी हाल ही में एमसीडी ओर आश्रय सुधार बोर्ड में 25ः05ः11 को आरटीआई एक्ट 2005 के द्वारा पता लगाया कि 29ः08ः1961 को दिल्ली नगर निगम ने तिहाड़ गांव की जमीन खसरा नम्बर 1823-4-16 एकड़, 1833-2-17 एकड़, 1834-3-15 एकड़, 1835-4-1 एकड़-एवार्ड एफ-15(111)ः59ःएल एस जी दिनांक 13-11-59, कुल 78-67 एकड़ भूमि हरिजन समाज के लिय दी गयी थी, इसमें 50 एकड़ में दिल्ली नगर निगम ने फ्लैट बना कर देने थे।
    43 वर्षों तक सरकारों के चक्कर काटने के बावजूद हरिजन समाज के लोग बचपन से बुढ़ापे तक पहुंच गये हैं परन्तु इन्हें अभी तक अपने हक के जमीन ओर फ्लैट नही मिले।
    उपलब्ध सभी कागजात संलग्न हैं।
    बाल्मीकि हरिजन अनुशासन सभा रजिस्टर्ड के प्रधान पूरन चन्द ओर उनके साथियों ने चरणजीत सिंह खालसा को मिल कर सारे कागजात दिये, कागजात देखने के बाद चरणजीत सिंह खालसा ने निर्णय लिया कि जब तक हरिजन समाज को उनके हक की जमीन नही मिल जाती वह चेन से नही बैठेंगे ओर इस काम के लिय हर जरूरी उचित कानूनी कदम उठाएंगे।

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