नई दिल्ली जल्दी ही पांच और दस हजार रुपये के नए नोट मार्केट में नजर आएंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अब इन नोटों को छापने की तैयारी में है। इसके लिए सरकार और रिजर्व बैंक के बीच सहमति बन गई है और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इन नोटों की छपाई शुरू हो जाएगी। सरकार और रिजर्व बैंक ने यह फैसला दो कारणों से लिया है, एक तो इससे कागज की बचत होगी और दूसरे सरकार इस तरह के नोट लाकर जनता की दिक्कतें दूर करना चाहती है। इससे पाक को भी झटका लगेगा, जो पांच सौ और एक हजार रुपये के नकली नोट छापकर भारत के लिए दिक्कतें खड़ी कर रहा है।
रिजर्व बैंक के सूत्रों का कहना है कि अब तक अधिकतम एक हजार रुपये का नोट जारी किया जाता है। उसके बाद पांच सौ रुपये के नोट का नंबर आता है लेकिन बीते जिस तरह से रुपये की कीमत गिरी है और कर्मचारियों का वेतन बढ़ा है, उससे पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट संभालने में लोगों को दिक्कत होती है। इसी वजह से सरकार ने पांच हजार और दस हजार रुपये के नोट छापने की तैयारी की है। इससे लोगों को वोट गिनने में ज्यादा झंझट नहीं होगा। एक लाख रुपये गिनने के लिए दस हजार के दस नोट ही आएंगे। दूसरा बड़ा फायदा यह होगा कि इससे कागज की बचत होगी।
सूत्रों का कहना है कि दरअसल, नोट का साइज तो लगभग एक बराबर का ही होता है। ऐसे में अगर दस हजार रुपये का एक ही नोट होगा तो वह एक एक हजार वाले दस नोट के बराबर होगा। इस तरह से एक हजार के दस नोटों पर जितना कागज लगता है, उतना दस हजार के एक नोट पर ही लगेगा। इससे पेड़ों की कम कटाई होगी और एक तरह से ये बड़े नोट पर्यावरण के नजरिए से अच्छा कदम माना जाएगा। पर्यावरण मंत्रालय ने भी रिजर्व बैंक के इस कदम पर खुशी जताते हुए कहा है कि यह एक बेहतरीन कदम है लेकिन बैंक को आने वाले वक्त में प्लास्टिक के नोट चलाने पर भी विचार करना चाहिए।
रामदेव की राय नहीं ली
सरकार के इस कदम के साथ ही अब यह भी खतरा है कि एक बार फिर बाबा रामदेव भूख हड़ताल न कर दें। वे पहले से ही पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट बंद करने की मांग करते रहे हैं। लेकिन अब सरकार ने इससे बड़े नोट जारी करने का ऐलान किया है। ऐसे में माना जा रहा है कि रामदेव इसके खिलाफ आंदोलन कर सकते हैं।