जैसलमेर। जैसलमेर मे नगरपरिषद के निर्माण कार्यो मे वित्तीय अनियमितता बरतने का मामला सामने आया है। जांच मे यह पुष्टि हुई है कि विकास के लिहाज से कराए गए कार्य मे करीब 20 लाख रूपए का नुकसान नगरपरिषद को पहुंचा है। गौरतलब है कि पंचायत समिति सम से गीता आश्रम मार्ग तक डिवाइडर, रैलिंग व पौधे लगाने का कार्य एक फर्म को दिया गया। गत 18 फरवरी 2013 को कनिष्ठ अभियंता की रिपोर्ट पर कार्य की ले आउट देखने पर कार्य प्रगति पर होना पाया गया।
इसके बाद जब 5 मार्च 2013 को 20 लाख 41 हजार 309 रूपए का बिल बनाकर सहायक अभियंता को पेश किया और 1 मई 2013 को 17 लाख 4 हजार 493 रूपए का भुगतान करने के बाद कनिष्ठ अभियंता ने रिपोर्ट की कि "फिलहाल सप्लाई कार्य का भुगतान करना उचित है।" फर्म के निवेदन पर कार्य के लिए 30 नवंबर 2013 तक समयावधि बढ़ाई गई। फर्म ने 8 नवंबर 2013 को लिखित मे रैलिंग कार्य का भुगतान करने का निवेदन आयुक्त से किया, जिसमे यह लिखा गया कि फर्म ने करीब 34 लाख का कार्य कर दिया गया है और करीब 14 लाख का भुगतान बाकी है, जो दिलाया जाए।
यहां निकला गड़बड़झाला
संबंधित कार्य की माप कनिष्ठ अभियंता से कराया गया। पूर्व मे कनिष्ठ अभियंता ने 511 नंबर फ्रेम का भुगतान 28 , 8 6 6 किग्रा बनाया गया। वर्तमान कनिष्ठ अभियंता की जांच के अनुसार मौके पर 38 3 नग विभिन्न साइज के लगाए हुए पाए गए, जिनका वजन 19, 308 .71 किग्रा पाया गया। यह पूर्व भुगतान बिल से 9557 किग्रा कम पाया गया है। जांच मे पाया गया कि 5, 8 3, 426 रूपए का अधिक भुगतान फर्म को किया गया। मौके पर लगाए गए रैलिंग, फ्रेम व कार्य के लिए टेडर मे लिया गया आईटम भिन्न है। कार्य तकनीमा के अनुसार नहीं होने से नगरपरिषद को 20 लाख 41 हजार 309 रूपए की वित्तीय हानि पहुंचाई गई।
पहले भी उजागर हो चुका है गड़बड़झाला
करीब एक साल पहले बिना काम किए ही 6 2 लाख का भुगतान उठा लेने का मामला सामने आ चुका है। कागजो मे शहरी विकास को लेकर सड़क बनाने से लेकर नाली व फर्श निर्माण का कार्य हो गया और भुगतान भी उठा लिया, वह भी करीब 6 2 लाख। हकीकत मे मौके पर कोई कार्य ही नहीं हुए। इस संबंध मे हुई जांच मे घोर अनियमितताएं व फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। यह मामला जैसलमेर नगर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती में नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य था, जहां हकीकत मे यहां कोई कार्य ही देखने को नहीं मिला, जबकि इसकी एवज मे 6 2 लाख रूपए का भुगतान भी हो गया।
इन्होने कहा
काम पूरा नहीं होने के बाद भी पेमेंट होना भ्रष्टाचार को दर्शाता है। इस संबंध मे मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा, ताकि बोर्ड मे भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जा सके।-दलपतराम मेघवाल, पार्षद, नगरपरिषद, जैसलमेर
विकास कार्य मे अनियमितता सबंधी मामला सामने आने पर मौके पर जांच कराई गई और पूरा कार्य तकनीमा के अनुसार नहीं हुआ है और पूरा कार्य गलत हुआ है। -जयसिंह परिहार, सहायक अभियंता, नगरपरिषद, जैसलमेर -
इसके बाद जब 5 मार्च 2013 को 20 लाख 41 हजार 309 रूपए का बिल बनाकर सहायक अभियंता को पेश किया और 1 मई 2013 को 17 लाख 4 हजार 493 रूपए का भुगतान करने के बाद कनिष्ठ अभियंता ने रिपोर्ट की कि "फिलहाल सप्लाई कार्य का भुगतान करना उचित है।" फर्म के निवेदन पर कार्य के लिए 30 नवंबर 2013 तक समयावधि बढ़ाई गई। फर्म ने 8 नवंबर 2013 को लिखित मे रैलिंग कार्य का भुगतान करने का निवेदन आयुक्त से किया, जिसमे यह लिखा गया कि फर्म ने करीब 34 लाख का कार्य कर दिया गया है और करीब 14 लाख का भुगतान बाकी है, जो दिलाया जाए।
यहां निकला गड़बड़झाला
संबंधित कार्य की माप कनिष्ठ अभियंता से कराया गया। पूर्व मे कनिष्ठ अभियंता ने 511 नंबर फ्रेम का भुगतान 28 , 8 6 6 किग्रा बनाया गया। वर्तमान कनिष्ठ अभियंता की जांच के अनुसार मौके पर 38 3 नग विभिन्न साइज के लगाए हुए पाए गए, जिनका वजन 19, 308 .71 किग्रा पाया गया। यह पूर्व भुगतान बिल से 9557 किग्रा कम पाया गया है। जांच मे पाया गया कि 5, 8 3, 426 रूपए का अधिक भुगतान फर्म को किया गया। मौके पर लगाए गए रैलिंग, फ्रेम व कार्य के लिए टेडर मे लिया गया आईटम भिन्न है। कार्य तकनीमा के अनुसार नहीं होने से नगरपरिषद को 20 लाख 41 हजार 309 रूपए की वित्तीय हानि पहुंचाई गई।
पहले भी उजागर हो चुका है गड़बड़झाला
करीब एक साल पहले बिना काम किए ही 6 2 लाख का भुगतान उठा लेने का मामला सामने आ चुका है। कागजो मे शहरी विकास को लेकर सड़क बनाने से लेकर नाली व फर्श निर्माण का कार्य हो गया और भुगतान भी उठा लिया, वह भी करीब 6 2 लाख। हकीकत मे मौके पर कोई कार्य ही नहीं हुए। इस संबंध मे हुई जांच मे घोर अनियमितताएं व फर्जीवाड़ा उजागर हुआ। यह मामला जैसलमेर नगर मे गीता आश्रम कच्ची बस्ती में नाली-फर्श और बाड़मेर तिराहे से एसबीबीजे चौराहा जाने वाले सड़क मार्ग पर कारपेट बिछाने के कार्य था, जहां हकीकत मे यहां कोई कार्य ही देखने को नहीं मिला, जबकि इसकी एवज मे 6 2 लाख रूपए का भुगतान भी हो गया।
इन्होने कहा
काम पूरा नहीं होने के बाद भी पेमेंट होना भ्रष्टाचार को दर्शाता है। इस संबंध मे मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा, ताकि बोर्ड मे भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जा सके।-दलपतराम मेघवाल, पार्षद, नगरपरिषद, जैसलमेर
विकास कार्य मे अनियमितता सबंधी मामला सामने आने पर मौके पर जांच कराई गई और पूरा कार्य तकनीमा के अनुसार नहीं हुआ है और पूरा कार्य गलत हुआ है। -जयसिंह परिहार, सहायक अभियंता, नगरपरिषद, जैसलमेर -
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