रविवार, 26 जनवरी 2014

राज्य मंत्री ने वयोवृद्ध नेता गंगाराम चौधरी की कुषलक्षेम पूछी !


राज्य मंत्री ने वयोवृद्ध नेता गंगाराम चौधरी की कुषलक्षेम पूछी !

बाड़मेर सहकारिता राज्य मंत्री श्री अजयसिंह किलक द्धारा बाड़मेर में गणतंत्र दिवस समारोह मे झंडारोहण किया तत्पष्चात उन्होने भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता श्री गंगाराम चौधरी के स्वास्थ्य सम्बधी हालचाल जाने। इस अवसर पर प्रदेष कार्यकारणी सदस्य डा.प्रियंका चौधरी व भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष मेजर पर्बतसिंहजी व अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्ता द्धारा उनका स्वागत किया गया।

डा. प्रियंका चौधरी व उपसिथत पदाधिकारीयो अन्य कार्यकर्ताओ द्धारा डोडा-पोस्त वितरण कि व्यवस्था को व्यवसिथत करने व उच्च षिक्षा के क्षेत्र मे महाविधालय तथा इंजनीयरिग कालेज खोलने की मांग की। राज्यमंत्री द्धारा इन समस्याओ के समाधान का आष्वासन दिया गया। इस कार्यक्रम मे पाहाड़सिंह चूली, परागसिंह सोढ़ा, जिला महामंत्री हेमाराम डऊकिया ,ग्रामीण मंण्डल अध्यक्ष महावीर सिंह चूली, नगर महामंत्री हरिसिंह राठौड़ ,बलवतसिंह भाटी ,कुड़ला सरपंच रेखाराम सियोल,अचलाराम चौधरी, जालूराम बैनिवाल,देवीसिंह राठौड़, मांगीलाल महाजन ,सवार्इ सिंह ढीमा ,पदमसिंह राठौड़ ,गजेन्द्र सिंह रावणा,महेन्द्रसिंह चावड़ा,जीवाराम मेघवाल,मुनाराम भांभु,धनराज सोनी,पुखराज सोनी आदि कर्इ कार्यकर्ता उपसिथत थे।

शिक्षक का रवैया ठीक नहीं तो रिलीव कर सकेंगे प्रधानाध्यापक

शिक्षक का रवैया ठीक नहीं तो रिलीव कर सकेंगे प्रधानाध्यापक

 



सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने या दूसरे कामों में कोताही अब शिक्षकों को भारी पड़ सकती है। ऐसा मिलने पर प्रधानाध्यापक ही अध्यापक को स्कूल से रिलीव (कार्य मुक्त) कर सकेंगे। शिक्षक को शिकायती-पत्र थमाकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय (डीईओ) भेजा जाएगा, जहां कार्रवाई होगी। इसमें देहात स्थित दूरदराज के किसी कम सुविधा वाले स्कूल में ट्रांसफर भी शामिल है। प्रधानाध्यापकों को यह अधिकार देने वाला आदेश शुक्रवार को उप निदेशक कार्यालय से जारी हुआ है। जानकारी के अनुशार  60 दिवसीय कार्य योजना के तहत राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद से आदेश मिले थे। राज्य सरकार ने ऑर्डर नंबर शिविरा 19510 में इसका उल्लेख किया है। नई व्यवस्था के बाद किसी प्रधानाध्यापक को लगता है कि कोई शिक्षक अपना दायित्व ठीक से नहीं निभा रहा है, तो वह उसे अपने स्कूल से कार्य मुक्त कर डीईओ भेज सकता है।
देनी होगी उपस्थिति, दूसरा शिक्षक ले जाएगा शिकायती पत्र 
कार्यमुक्ति आदेश व शिकायती पत्र विवरण के साथ शिक्षक को तत्काल अपनी उपस्थिति जिला शिक्षा कार्यालय में देनी होगी। कार्य मुक्ति आदेश दोषी शिक्षकों को व्यक्तिगत रूप से दिए जाएंगे, जबकि अनुशासनहीनता से संबंधी आरोपों का विवरण अन्य शिक्षक के हाथों डीईओ तक भिजवाया जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में ही होगा शिकायती ट्रांसफर 
जानकारी के मुताबित  मामला डीईओ तक पहुंचने के दो दिनों में आरोपी शिक्षकों को अन्य जगह पद स्थापित किया जाएगा। इन्हें किसी भी सूरत में शहरी क्षेत्रों में नहीं लगाया जाएगा। यह भी तय किया जाएगा कि वह क्षेत्र पिछले स्कूल से ज्यादा सुविधाजनक न हो।
ऐसे होगी कार्रवाई 
प्रधानाध्यापक शिक्षकों के पढ़ाने, स्कूल आने-जाने के समय, व्यवहार आदि की मॉनिटरिंग करेंगे। वे दोषी अध्यापक को लिखित में नोटिस देंगे, जिसमें अनुशासनहीनता, अनियमितता या असंतोषजनक व्यवहार का उल्लेख होगा। नोटिस में संबंधित शिक्षक को एक महीने की मोहलत मिलेगी, जिसमें उसे सुधार करना होगा। यह अवधि खत्महोने के बाद शिक्षक में कोई सुधार नहीं दिखा तो प्रधानाध्यापक उसे उसी समय कार्य मुक्त कर देगा। 

क्या होगा असर

इस आदेश के जारी होने के बाद सबसे ज्यादा असर शिक्षक नेताओं व प्रभावशाली शिक्षकों पर पड़ेगा। जो स्कूल में किसी की सुनते नहीं है। जो शिक्षक स्कूल समय पर नहीं आते हैं। मनमर्जी करते हैं। प्रधानाध्यापक और आला अधिकारियों के निर्देशों की पालना नहीं करते हैं। ऐसे शिक्षकों को प्रधानाध्यापक स्कूल से रिलीव कर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भेज सकेंगे।


विभाग में नई व्यवस्था त्नलगातार काम नहीं करने पर डीईओ ऑफिस भेजो, एक महीने में सुधार नहीं हुआ तो देहात में होगा ट्रांसफर

वसुंधरा राजे ने किया ध्वजारोहण

वसुंधरा राजे ने किया ध्वजारोहण 

सवाई मानसिंह स्टेडियम में राज्यस्तरीय समारोह एंव शासन सचिवालय परिसर, मुख्यमंत्री निवास, 13, सिविल लाईन्स और भाजपा कार्यालय जयपुर में 65वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में ध्वज-आरोहण समारोह... हम सब साथ मिल कर प्रदेश में शांति, सौहार्द एवं भाईचारे की परम्परा को और मजबूत करें तथा शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक गतिविधियों सहित सभी क्षेत्रों में राजस्थान को देश का सिरमौर बनाने के लिए ’आओ साथ चलें’। अमर-जवान-ज्योति पर देश के अमर शहीदों को नमन कर श्रद्धांजलि भी अर्पित की...

मुख्यमंत्री राजे ने ने आम टी स्टाल पर चाय पी । जीता लोगो का दिल


-मुख्यमंत्री राजे ने ने आम टी स्टाल पर चाय पी । जीता लोगो का दिल


जयपुर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे रविवार को बड़ी चौपड़ पर ध्वजारोहण के बाद लौटते समय अचानक छोटी चौपड़ पर स्थित लक्ष्मीनारायण साहू कि चाय के ठेले पर गाड़ी रुकबवा कर आम आदमी कि तरह एक कट चाय को आर्डर दिया। अचानक अपने बीच मुख्यमंत्री को पाकर जयपुर के लोग निहाल से हो गए। वसुंधरा ने सामान्य कांच कि गिलास में ही चाय पी। आम जन से वार्तालाप भी किया। वसुंधरा ने कहा कि आम के प्रति आदर सम्मान बेहद जरुरी हें। इन लोगो करे सुख दुःख में हमारी भागीदारी रहेगी। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के नाम पर लगने वाले नमो टी स्टाल और चाय वालो से दोस्ती कि राजनीती कि तर्ज पर वसुंधरा ने अच्छा आगाज़ किया। वसुंधरा ने कहा कि चाय वालो के प्रति मेरा पूरा आदर सम्मान हें।

गणतंत्र दिवस समारोह से पहले बम विस्फोट

इम्फाल। मणिपुर की राजधानी इम्फाल में गणतंत्र दिवस समारोह के शुरू होने के साथ ही दो शक्तिशाली बम विस्फोट हुए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बम विस्फोटों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।
उन्होंने बताया कि पहला विस्फोट बाबूपारा के वीआईपी परिसर में स्थित उपायुक्त (इम्फाल पश्चिम) के कार्यालय के पास हुआ जबकि दूसरा विस्फोट इसके पड़ोस में स्थित बाजार परिसर में हुआ।

दोनों विस्फोट कांगला से 500 मीटर की दूरी पर हुए तब कांगला में मार्च पास्ट और गणतंत्र दिवस समारोह चल रहा था। अर्धसैनिक बलों और पुलिस बलों को बड़ी संख्या में इलाके के आसपास तैनात किया गया है।

यूनाईटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट, पीपुल्स रेवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक, कांगलेई यावोल कान लूप और कांगलेईपाक काम्युनिस्ट पार्टी समेत प्रमुख उग्रवादी संगठनों ने 1949 में `मणिपुर के जबरन भारतीय संघ में विलय` किए जाने की बात कहकर गणतंत्र दिवस समारोहों के बहिष्कार का आह्वान किया।

सूत्रों ने बताया कि उग्रवादियों द्वारा विस्फोटक लगाए जाने की आशंका को देखते हुए पुलिस के बम विशेषज्ञ शहर के कई हिस्सों में तलाशी अभियान में लगे हुए हैं।

गणतंत्र दिवस पर दिखी आकाश से पाताल तक की ताकत

नई दिल्ली। राजपथ पर 65वें गणतंत्र दिवस समारोह में एक ओर जहां स्वदेशी तकनीक से निर्मित चौथी पीढ़ी के अत्याधुनिक युद्धक विमान तेजस,मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन मार्क-2,परमाणु पनडुव्बी आईएनएस अरिहंंत,वायुसेना के भारी परिवहन विमान सी-130 जे तथा सी-17 ग्लोबमास्टर ने आकाश से लेकर पाताल तक देश की दुर्जेय सैन्य शक्ति का अहसास कराया वहीं दूसरी तरफ पूर्वोत्तर से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक देश की बहुरंगी सांस्कृतिक विरासत के साथ वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास की यात्रा का प्रभावी प्रदर्शन किया गया। गणतंत्र दिवस पर दिखी आकाश से पाताल तक की ताकत
देश ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अगुवाई में राजपथ पर गणतंत्रदिवस समारोह भव्यता के साथ मनाया गया जिसमें इसवर्ष मुख्य अतिथि के रूप में जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो आबे उपस्थित थे। समारोह की शुरूआत इंडियागेट स्थित अमर जवान ज्योति पर प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी द्वारा शहीद सैनिकों को श््रद्धाजंलि अर्पित करने के साथ हुई।

इसके बाद उन्होंने मुख्य समारोह स्थल पर पहुंचकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मुख्य अतिथि जापानी प्रधानमंत्री एवं उनकी पत्नी अकाई आबे की अगवानी की। राष्ट्रपति के आगमन के बाद राष्ट्रध्वज फहराया गया और राष्ट्रगान की धुन के बीच राष्ट्रीय तिरंगे को 21 तोपों की सलामी दी गई।

राष्ट्रगान के बाद राजपथ पर समारोह की शुरूआत में राष्ट्रपति ने आंध्रप्रदेश पुलिस के नक्सल विरोधी दस्ते ग्रेहाउंड्स में रिजर्व निरीक्षक के एल.वी.एस.एस.एच.एन.वी प्रसाद बाबू को शांतिकाल में वीरता का सर्वोच्च पुरस्कार अशोक चक्र (मरणोपरांत)प्रदान किया। आंध्रप्रदेश-छत्तीसगढ की सीमा पर नक्सल विरोधी अभियान में असाधारण शौर्य का परिचय देते हुए प्रसाद बाबू चार कमांडो की जान बचाने के प्रयास में शहीद हुए थे। उनके पिता के.वेंकटरमन ने पुरस्कार ग्रहण किया।

इसके बाद परेड की शरूआत हुई जिसका नेतृत्व सेना में दिल्ली क्षेत्रके कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सुव्रत मित्रा ने किया तथा उप नेतृत्वकर्ता दिल्ली क्षेत्र के चीफ आफ स्टाफ मेजर जनरल राजबीर सिंह थे। उनके बाद परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह, सूबेदार योगेन्द्र सिंह यादव, (जेएके राइफल्स) तथा अशोक चक्र विजेता मेजर जनरल साइरस पीठावाला, लेफ्टिनेंट कर्नल जसराम सिंह मेजर डी श््रीराम कुमार, नायब सूबेदार हैरिंग मुटुप तथा मध्यप्रदेश के हुकुम सिंह गोविन्द सिंह और भूरेलाल जीपों में सवार होकर गुजरे। उनके पीछे सेना की ग्वालियर लांसर की समारोहिक पोशाक में सजेधजे विश्व की एकमात्र घुडसवार टुकडी 61 कैवेलरी के दस्ते ने राष्ट्रपति को सलामी दी।

इसके बाद मैकेनाइज्ड कॉलम में सैन्य आयुद्धों का प्रदर्शन शरू हुआ। मुख्य युद्धक टैंक टी-90 भीष्म,इन्फैन्ट्री काम्बेट व्हीकल सारथ, टीके टी-72 बरूदी सुरंग निष्क्रियन वाहन, पीएमएस ब्रिजिंग सिस्टम, ओसा. एके शस्त्र प्रणाली, मल्टी लांचर राकेट सिस्टम स्मर्च, ब्रrोस प्रक्षेपास्त्र प्रणाली और सचल सैटेलाइट टर्मिनल प्रदर्शित किये गए।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की झांकी में उसके द्वारा विकसित मुख्य युद्धक टैंक अर्जुन मार्क-2, अस्त्र एवं हेलिना मिसाइलें, रिमोट चालित वाहन दक्ष और मंत्र,पानी के भीतर चलने वाला स्वचालित वाहन, पायलट रहित विमान नेत्र-निशांत के साथ सैन्य ताकत के मामले में देश की आत्मनिर्भरता की यात्रा का प्रदर्शन किया गया।

वायुसेना की झांकी में समय के साथ हवाई ताकत में आए बदलाव को दर्शाया गया। पुराने ट्रेनर टाइगर मोथ और आधुनिक ट्रेनर पिलाट्स पीसी -7 विमान, युद्धक विमानों में पुराने वापीती बाइप्लेन एवं अत्याधुनिक सुखोई -30 एमकेआई तथा परिवहन विमानों में डाकोटा डीसी -3 से लेकर सी-17 ग्लोब मास्टर तक दिखाए गए।

नौसेना की झांकी में उसकी सबसे घातक पनडुव्बियों में एक अरिहंत का माडल दर्शाया गया। परमाणु ऊर्जा से चलने वाली इस पनडुव्बी ने पानी के अंदर भारत की सेना ताकत को कई गुना बढा दिया है। हालांकि इस मॉडल का नाम किन्ही कारणों से नहीं दर्शाया गया। इसके बाद पैदल माचिट्वग दस्तों की बारी आयी। पैराशूट रेजीमेंट, पंजाब रेजीमेंट, मद्रास रेजीमेंट, राजपुताना राइफल्स, महार रेजीमेंट, जम्मू एवं कश्मीर लाइट इंफ्रेन्ट्री रेजीमेंट, 9 गोरखा राइफल्स, 103 इन्फैन्ट्री बटालियन सिख लाइट इन्फैन्ट्री की सजी धजी टुकडियां तथा उनके साथ विभिन्न बैण्डवादक दस्ते कदमताल करते हुए गुजरे। नौसेना के 144 सदस्यीय दस्ते का नेतृत्व सर्जन लेफ्टिनेंट अम्बिका नौटियाल और वायुसेना के इतने ही बडे दस्ते का नेतृत्व स्कवाड्रन लीडर मनविन्दर सिंह ने किया। अर्द्धसैन्य बलों में सीमा सुरक्षा बल, असम राइफल्स, तटरक्षक बल, भारत तिव्बत सीमा पुलिस, केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, सशस्त्र सीमा बल और रेल सुरक्षा बल के साथ ही दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना के दस्ते राजपथ पर राष्ट्रपति को सलामी देते हुए गुजरे। सीमा सुरक्षा बल के ऊंट सवार जवानों एवं बैण्ड दस्तों और भूतपूर्व सैनिकों के दस्ते ने भी सुप्रीम सैन्य कमांडर को सलामी पेश की। सैन्य परेड के बाद देश में विकास यात्रा के साथ रंग बिरंगी संस्कृति परंपरा एवं इतिहास की विरासत को दर्शाती हुई 13 राज्यों, चार केन्द्रीय मंत्रालयों एवं केन्द्रीय लोकनिर्माण विभाग की झांकियां निकलीं।

उत्तरप्रदेश की झांकी में बनारस के गंगातट की सुबह का नजारा दिखाई दिया जबकि उत्तराखंड की झांकी में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों की खेती प्रदर्शित की गई। महाराष्ट्र का नारियल पूर्णिमा पर्व, जम्मू कश्मीर में घूमंतू जनजातियां, राजस्थान की कावड कला एवं तेरह ताली नृत्य तथा छत्तीसगढ में बस्तर का स्वाधीनता संग्राम दर्शाया गया। इसके अलावा असम के लोकप्रिय संगीतकार डॉ. भूपेन हजारिका के स्वर्णिम स्वर, चंडीगढ का राक गार्डन, तमिलनाडु का पोंगल उत्सव, पश्चिम बंगाल का परूलिया छऊ, कर्नाटक का वीर योद्धा टीपू सुल्तान, अरूणाचल प्रदेश का आजी लहमू नृत्य और मेघालय की सुपारी की खेती भी झांकियों केरूप में दिखाई दिये। रेल मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर में पीर पंजाल पर्वत श््रंृखला में 1 किलोमीटर सुरंग में बिछाई गई काजीगुण्ड बानिहाल रेल लाइन दर्शाई जबकि कृषि मंत्रालय ने कृषि में सूचना एवं संचार तकनीक का उपयोग प्रदर्शित किया।

इसके अलावा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने अंटाकर्टिका में भारतीय वैज्ञानिक अभियान, जनजाति कार्य मंत्रालय ने आदिवासी जनजीवन तथा केन्द्रीय लोकनिर्माण निगम ने फूलों से बना इंडिया गेट एवं संसद भवन का प्रदर्शन करके दर्शकों का मन मोह लिया। प्रदर्शनियों के बाद राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से अलंकृत 25 में से 20बच्चे जीप में सवार होकर निकले। इसके बाद दिल्ली के चार स्कूलों तथा पूर्वोत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र अरूणाचल प्रदेश के करीब एक हजार बच्चाें ने छत्तीसगढ, नागालैण्ड और केरल, अरूणाचल प्रदेश के लोकनृत्य पेश किये। नेवी चिल्ड्रेन्स स्कूल के बच्चों ने देशभकित पूर्ण प्रस्तुति बढे चलो दी।

राजपथ पर अंतिम प्रस्तुति सीमा सुरक्षा बल का मोटर साइकिल सवार जांबाजों के हैरतअंगेज करतब थे। तीस मोटर साइकिलों पर 162 जवान अलग अलग करतब दिखाते हुए निकले तो दर्शक रोमांचित हो उठे और सीटाें से उठकर तालियों से उनकी हौसला अफजाई की। अंत में वायुसेना के विमानों का फ्लाईपास्ट हुआ। तीन एमआई 35 हेलीकाप्टर विक सरंचना में सबसे पहले निकले।

इसके बाद तीन सी-130 जे सुपर हरक्यूलिस विमान और फिर एक सी-17 ग्लोबमास्टर गुजरा जिसके इर्दगिर्द दो सुखोई-30 चल रहे थे। इसके बाद युद्धक विमानों का नंबर आएगा। पहले पांच जगुआर एयरो सरंचना में फिर पांच मिग 29 फलक्रम सरंचना में गुजरे। इसके बाद तीन सुखाई 30 एमकेआई सलामी मंच के ठीक सामने आकर आसमान में ऊपर त्रिशूल संरचना बनाते हुए गुजरे।

अंत में एक सुखोई 30 एमकेआई ने वर्टिकल चार्ली शैली में सर्वोच्च सैन्य कमांडर को सलामी दी। इसके उपरांत राष्ट्रगान की धुन के बाद मुख्य समारोह संपन्न हुआ और आसमान में तीन रंगों के गुब्बारे छोडे गए।

राजस्थान में हर्षोल्लास से मना गणतंत्र दिवस

जयपुर। राजधानी जयपुर सहित पूरे राजस्थान में 65वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। मुख्य समारोह जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में आयोजित हुआ।

यहां राज्यपाल माग्रेüट अल्वा ने झण्डारोहण किया। उन्होंने परेड का निरीक्षण किया एवं मार्च पास्ट की सलामी ली। इस मौके पर अल्वा ने 18 पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे,विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

इससे पहले मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने सुबह 7.30 बजे सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री निवास तथा 8 बजे बड़ी चौपड पर आयोजित कार्यक्रम में झण्डारोहण किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अमर जवान ज्योति पर देश के अमरशहीदों को नमन कर उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की। इसी तरह राज्य के अन्य जिलों में मंत्रियों तथा अन्य लोगों के द्वारा झण्डारोहण कर गणतंत्र दिवस मनाया गया।

स्टेडियम में कमाण्डो

गणतंत्र दिवस पर सवाई मानसिंह स्टेडियम में विशेष्ा सुरक्षा व्यवस्था की गई। स्टेडियम के उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिणी प्रवेश द्वारों पर पुलिस के साथ साथ कमाण्डो ने निगरानी रखी। स्टेडियम के अंदर और बाहर सुरक्षा की कमान डीसीपी दक्षिण संजय श्रोत्रिय और यातायात व्यवस्था डीसीपी ट्रैफिक लवली कटियार ने संभाली।

उत्कृष्ट सेवाओं के लिए अधिकारी-कर्मचारी सम्मानित

एसएमएस स्टेडियम में राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में एटीएस एवं एसओजी के एडीजी डॉ. आलोक त्रिपाठी और जयपुर कमिश्नरेट ट्रैफिक पुलिस के उप-निरीक्षक रमाकांत शर्मा (तिवारी) को उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। आईपीएस विशाल बसंल, रोहित महाजन, ललित माहेश्वरी, आरपीएस पहाड़सिंह राजपुरोहित, रामसिंह, उपनिरीक्षक हनुमान सिंह, मुन्नालाल, एएसआई देवेन्द्र सिंह राजपूत, भंवरसिंह जाट, बलवंत सिंह, हैड कांस्टेबल कानसिंह, किशोर सिंह, श्रवण सिंह, हवा सिंह, कांस्टेबल भूरीलाल, जयकिशन को पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।

राज्य सरकार की ओर से आठ अधिकारी-कर्मचारी सराहनीय सेवाओं के लिए पुरस्कृत किए गए। इनमें आपदा प्रबंधन के सयुक्त सचिव श्यामलाल गुर्जर, मनरेगा में अधिशाष्ाी अभियंता मुकेश कुमार विजय, एसएमएस अस्पताल में नर्सिग अधीक्षक सैयद अब्दुल हई, नागरिक सुरक्षा में सहायक नियंत्रक फूलचन्द, मंत्रिमण्डल सचिवालय में अनुभागाधिकारी रमेश चन्द बंसल, पुरातत्व व संग्रहालय निदेशालय में वरिष्ठ लिपिक प्रभूदयाल नील, महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता श्रीमती एस्तर पॉलसन (कुट्टी) और राजभवन में कुक ज्ञान बहादुर शामिल हैं।

राष्ट्रपति पुलिस पदक की घोषणा

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर सांगानेर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर तैनात सीआईएसएफ के सीनियर कमाडेंट जेडब्ल्यू खान को राष्ट्रपति पुलिस पदक देने की घोष्ाणा की गई।

तन सिंह जयंती पर हुए कई आयोजन

तन सिंह जयंती पर हुए कई आयोजन

 . जैसलमेर



क्षत्रिय युवक संघ के संस्थापक तन सिंह की जयंती शनिवार को जिले भर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर जिला मुख्यालय स्थित तना श्रम सहित, म्याजलार, मोहनगढ़, चांधन, रामगढ़ सहित अन्य जगहों पर भी आयोजन हुए।

यहां आयोजित कार्यक्रम में आसरी मठ के महंत शिवसुखनाथ महाराज का सान्निध्य मिला तथा प्रांत प्रमुख बाबूसिंह बेरसियाला उपस्थित थे। सरदारसिंह दव ने बताया कि समुन्द्रसिंह हरसाणी के नेतृत्व में यज्ञ का आयोजन किया गया। बाबूसिंह बेरसियाला ने ध्वजारोहण किया। सवाईसिंह देवडा ने गणेश वंदना करवाई। पूर्व विधायक किसनसिंह भाटी ने इस अवसर पर कहा कि सच्चा क्षत्रिय वहीं है जो न्याय करें। बाबूसिंह ने कहा कि माता निर्माता होती है। इसलिए बालिकाओं का संस्कारित होना आवश्यक है। महंत शिवसुखनाथ ने सभी के मंगल की कामना की। इस अवसर पर नाथू सिंह दोहट, प्रेमसिंह, अर्जुन विश्नोई, गोरधन सिंह कुण्डा, वीरसिंह तेजमालता, गिरवरसिंह साथिन, कमल सिंह, रामू दान, हडवंतसिंह पिथला, नरेन्द्रसिंह, आम्बसिंह आदि उपस्थित थे। इसी प्रकार रामगढ़ के राजपूत छात्रावास में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ स्वयंसेवक लख सिंह पूनमनगर ने संबोधित किया। हजारी सिंह, गगेन्द्रसिंह बड़ा ने भी विचार प्रकट किए। म्याजलार के स्वांगिया माता मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में मठाधीश गोरखनाथ सहित मुख्य वक्ता डॉ. वीरेंद्रसिंह बेरसियाला थे। चांधन में गंगासिंह तेजमालता, मग सिंह लाठी, नरेन्द्रसिंह सहित अन्य ने कार्यक्रम को संबोधित किया। वहीं देवीकोट में सांवलसिंह सनावडा ने तन सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। उगम सिंह लूणा ने संघ परिचय दिया।

पोकरण. सैनिक छात्रावास में शनिवार को तनसिंह जयंती समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रांत प्रमुख उम्मेदसिंह ने गणेश वंदना कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। समारोह में विधायक शैतानसिंह राठौड़, लक्ष्मणसिंह, दीपसिंह, मदनसिंह, जेठूसिंह, देवीसिंह, ईश्वरसिंह, जेठूसिंह सोढा, मूलसिंह, चनणसिंह, राणीदानसिंह, आदि उपस्थित थे।

बाड़मेर. गिरल पॉवर प्लांट थुंबली में गैस उत्सर्जन से अकाल मौत के शिकार हुए कबूतर व अन्य पक्षी।

बाड़मेर. गिरल पॉवर प्लांट थुंबली में गैस उत्सर्जन  से अकाल मौत के शिकार हुए कबूतर व अन्य पक्षी।



बाड़मेरगिरल थर्मल पॉवर प्लांट थुंबली में गैस उत्सर्जन कबूतरों और घुड़साल (चिडिय़ा) की मौत का सबब बन रही है। एक ही दिन में सैकड़ों कबूतर व घुड़साल (चिडिय़ा) अकाल मारे गए हैं। प्लांट परिसर में मृत पशुओं की चादर बिछ गई।

बॉयलर से लेकर प्लांट परिसर में पग पग पर मृत पक्षियों के शव बिखरे हुए हैं। प्लांट के अफसर व कार्मिकों ने हादसे को गंभीरता से लेने की जहमत तक नहीं जुटाई। सात घंटे बाद पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।

डॉक्टरों ने प्रथम दृष्टया गैस उत्सर्जन से पक्षियों की मौत की आशंका जताई है। रविवार को इनका पोस्टमार्टम किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्लांट में पक्षियों के मरने की घटनाएं पहले भी हो चुकी है, लेकिन प्लांट के अफसरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। गिरल पॉवर प्लांट थुंबली में शनिवार अलसुबह कबूतर आदि पक्षी प्लांट में विचरण कर रहे थे। इस दरम्यान गैस उत्सर्जन की मात्रा बढऩे पर पक्षी तड़पकर दम तोड़ते गए। पॉवर प्लांट के पूरे स्ट्रक्चर में जगह जगह पक्षी मरे पड़े हैं। दोपहर तक कर्मचारियों ने हादसे की सूचना नहीं दी।
 पशुपालन विभाग की टीम को मौके पर बुलाया गया। टीम ने दस पक्षियों के एफएसएल के लिए दस मृत पक्षियों के सैंपल लिए। ये सैंपल एफएसएल लेबोरेट्री जोधपुर भेजे जाएंगे। रिपोर्ट आने पर पक्षियों के मरने के कारण का खुलासा होगा। डॉक्टरों ने पक्षियों की मौत जहरीली गैस उत्सर्जन की आशंका जाहिर की है। प्लांट में पक्षियों के मरने का सिलसिला तो अनवरत जारी है। इस तरह की बड़ी घटना पहले भी हुई थी। उस वक्त सफाई कर्मचारियों ने मृत पक्षियों को एकत्रित कर दफना दिए थे।

गैस उत्सर्जन से पक्षी मरे

॥प्लांट में कबूतर व अन्य पक्षियों के मरने की सूचना मिलने पर मौके पर गए। जहां पर मृत पक्षियों को एकत्रित किया गया। जिनका पोस्टमार्टम रविवार को किया जाएगा। दस मृत पक्षियों के सैंपल लेकर एफएसएल के लिए जोधपुर लेबोरेट्री भेजेंगे। जहां से रिपोर्ट आने पर पुष्टि हो पाएगी। फिलहाल तो गैस उत्सर्जन से पक्षियों के मरने की आशंका है। -डॉ. राजेश पशु चिकित्सक बाड़मेर

जहरीला चुग्गा चुगने से हुई मौत

॥प्लांट में कबूतर व घुड़साल की मौत का कारण जहरीला चुग्गा हो सकता है। डॉक्टरों की टीम बुलाकर पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। यह दु:खद हादसा था। रिपोर्ट से हकीकत सामने आएगी।

-ए.पी. अग्रवाल, चीफ इंजीनियर गिरल पॉवर प्लांट थुंबली

लापरवाही से हुआ हादसा

॥प्लांट में पक्षियों के मरने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी गैस उत्सर्जन से पक्षी मरे थे। लेकिन अधिकारियों ने मामला दबा दिया। गैस लीकेज होने से कबूतर व अन्य पक्षी मरे हैं। यह हादसा प्लांट के अधिकारियों की लापरवाही से हुआ है।''

-वीरसिंह, अध्यक्ष किसान संघर्ष समिति थुंबली

शनिवार, 25 जनवरी 2014

जयपुर वरिष्ठ आईएएस के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज

जयपुर वरिष्ठ आईएएस के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज


किरण शेखावत कि रिपोर्ट 

जयपुर वरिष्ठ आईएएस के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज बीटेक छात्रा ने इस्तेगासे के जरिये पेश की रिपोर्ट 19 फरवरी 13 की बताई जा रही हैं घटना जयपुर के महेश नगर थाने में दर्ज हुआ हैं मामला जयपुर। प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी द्वारा एक छात्रा के साथ दुष्कर्म करने का मामला सामने आया हैं। इस संबंध में छात्रा ने न्यायालय से इस्तगासे के जरिये रिपोर्ट दर्ज करवाई हैं। राजधानी की महेश नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीटेक छात्रा द्वारा दर्ज करवाए गये इस्तगासे के अनुसार दुष्कर्म की घटना 19 फरवरी 2013 की हैं। फिल हाल पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरु कर दिया हैं।

3 को कीर्ति चक्र और 10 को शौर्य चक्र

नई दिल्ली। सीमा पर दुश्मन के खिलाफ अदम्य साहस एवं पराक्रम का प्रदर्शन करने वाले 368 सशस्त्र सेना कर्मियों को वीरता और उत्कृष्ट सेवा के लिए पदकों से सम्मानित करने की घोषणा की गई है जिनमें 3 कीर्ति चक्र और दस शौर्य चक्र शामिल हैं।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने शनिवार को पैंसठवें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन पदक विजेताओं के नामों का अनुमोदन किया। पदकों में एक बार सेना पदक.,48 सेना पदक, दो नौसेना पदक, 14 वायु सेना पदक, 28 परम विशिष्ट सेवा पदक, 5 उत्तम युद्ध सेवा पदक, 45 अतिविशिष्ट सेवा पदक और 19 युद्ध सेवा पदक शामिल हैं।

जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर तैनात 5/5 गोरखा राइफल्स के नायब सूबेदार भूपाल सिंह छन्तेल मागर को घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई में असाधारण वीरता के लिए कीर्ति चक्र के लिए चुना गया है। विंग कमांडर डी केस्टीलिनो को मरणोपरांत तथा 205 कोबरा बटालियन के कांस्टेबल भृगु नंदन चौधरी को भी मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है।

इनको मिलेगा शौर्य चक्र

इसके अलावा 16वीं लाइट कैवेलरी के लेफ्टिनेंट कर्नल बिक्रमजीतसिंह (मरणोपरांत)। असम राइफल्स के मेजर मनदीप सिंह गुम्मन, 24 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर गौरव ठाकुर, 17 जाट रेजिमेंट के कैप्टन संदीप भरतिया, 9 पैरा (एसएफ) के कैप्टन महाबीर सिंह, 18 राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही लल्लावम जुआला तथा 5/5 गोरखा राइफल्स के सिपाही रन बहादुर गुरूंग (मरणोपरांत) को शौर्य चक्र के लिए चुना गया है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी एक भव्य अलंकरण समारोह में उन्हें ये वरीतापदक प्रदान करेंगे। समारोह की तिथि बाद में तय की जाएगी।

766 सुरक्षा कर्मियों को पुलिस पदक

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर 766 सुरक्षा कर्मियों को पुलिस पदक प्रदान किया गया है। राष्ट्रपति पुलिस शौर्य पदक चार कर्मियों को दिया गया है जबकि44 को पुलिस शौर्य पदक दिया गया है। विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति का पुलिस पदक 94 को विशिष्ट सेवा के लिए तथा मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदक 624 लोगों को दिया गया है। राष्ट्रपति ने 41 लोगों को कोरेक्शल सर्विस पदक देने की मंजूरी दी है। राष्ट्रपति ने रेलवे पुलिस सुरक्षा बल के 16 कर्मियों को भी सम्मानित किया है। इनमें तीन लोगों को राष्ट्रपति का पुलिस पदक तथा तेरह लोगों को भारतीय पुलिस पदक दिया गया है।

पेस,गोपीचन्द पद्मभूषण, युवराज पद्मश्री

नई दिल्ली। भारतीय टेनिस के योद्धा लिएंडर पेस और राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचन्द्र को पद्मभूषण से तथा धुरंधर बल्लेबाज युवराज सिंह और महिला क्रिकेटर अंजुम चोपड़ा को पद्मश्री से नवाजा जाएगा।
गणतंत्र दिवस के अवसर पर शनिवार को पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई जिसमें दो खिलाडियों को पद्म भूषण और सात खिलाडियों को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। ये पुरस्कार मार्च या अप्रेल में प्रदान किए जाएंगे। पद्मश्री पाने वालों में महिला क्रिकेटर अंजुम चोपडा, क्रिकेटर युवराज सिंह, कबड्डी की सुनील डबास, पर्वतारोही लव राज सिंह, धर्मशक्तू, स्क्वैश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल, व्हीलचेयर टेनिस खिलाड़ी एच बोनीफेस प्रभू और महिला पर्वतारोही ममता सोढा शामिल है।

ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुके पेस वर्ष 1990 में अर्जुन पुरस्कार, वर्ष 1996-97 में राजीव गांधी खेल रत्न और 2001 में पद्मश्री से सम्मानित हो चुके हैं। छह ओलंपिक खेल चुके पेस 2016 के रियो ओलंपिक में खेलना चाहते हैं। वर्ष 2001 में आल इंग्लैंड चैंपियनशिप जीत चुके गोपीचन्द मौजूदा समय में प्रमुख राष्ट्रीय कोच हैं जिनके मार्गदर्शन में सायना नेहवाल ने 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक और पीवी सिंधू ने 2013 में विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। गोपीचन्द को 1999 में अर्जुन पुरस्कार 2001 में राजीव गांधी खेल रतन, 2005 में पद्मश्री और 2009 में द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं।

2011 में भारत की विश्व कप जीत में प्रमुख भूमिका निभाने वाले और कैंसर की जंग जीतने वाले धुरंधर बल्लेबाज युवराज इससे पहले अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैंं। महिला क्रिकेटर अंजुम चोपडा को देश की सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में एक माना जाता है। वह पूर्व भारतीय कप्तान रह चुकी है। वह भी अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी है। दीपिका पल्लीकल देश की बेहतरीन महिला स्क्वैश खिलाडियों में से एक है और डब्ल्यूएसए रैंकिंग में टाप-10 में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी है। दीपिका को 2012 में अर्जुन पुरस्कार मिला था।

शर्मनाक। । बाड़मेर गणतंत्र दिवस समारोह कि तयारी में छात्रो का शोषण प्रशासन द्वारा

शर्मनाक। । बाड़मेर गणतंत्र दिवस समारोह कि तयारी में छात्रो का शोषण प्रशासन द्वारा 


बाड़मेर देश मे गणतंत्र दिवस की तैयारियां जोरो पर है और गणतंत्र दिवस की तैयारियां बाड़मेर जिले मे भी जोरो पर है इस तैयारियां को लेकर जिला प्रशासन मुल भावना ही भूल गये। और बाड़मेर के आदर्श स्टेडियम मे चल रही तैयारी मे नन्हे बच्चो के हाथो से मजदूरी करवाई जा रही है। आप स्वंय फुटेज मे किस तरह से बच्चे लाईने खींचने का काम कर रहे है और बच्चो को गाईड करता प्रधानाध्यापक कैमरे के सामने खबर नही प्रसारित करने की मिन्नते मांग रहा है। और प्रशासन के आला अधिकारी की मौजुदगी मे किस तरह बच्चो से काम करवाया जा रहा है। जिन हाथो मे बाल मजदूरी को रोकने का जिम्मा है वही अधिकारी किस तरह अपनी कर्तव्य भूलकर गणतंत्र के दिन कार्य करवा रहे है। गौरतलब है प्रशासन के सारे अधिकारी इन बच्चो को काम करते हुए मजे से देख रहे थे। जब मिडिया टीम पहुंची और इस दृश्य को कैद किया तो प्रशासनिक अधिकारियो ने बच्चो को वहां से भगा दिया। जब इस संबध मे वहां मौजुद प्रशासनिक अधिकारियो से बात की तो किसी ने भी इस पर प्रतिक्रिया देना उचित नही समझा। अब देखने वाली बात यह होगी की क्या उच्चाधिकारी गणतंत्र दिवस पर बच्चो से काम करवाने वाले अधिकारियो के खिलाफ कार्यवाही अमल मे लायेगा या नही।

66 वां गणतंत्र दिवस समारोह

>66 वां गणतंत्र दिवस समारोह

हमारा गणतंत्र दिवस भारत की समृद्ध संस्कृति, विरासत एवं गौरवशाली इतिहास का प्रतिबिंब है। इस उत्सव को मनाने के लिए देश का हर नागरिक सहृदय प्रेरित होता है। इस दिन हम देश के वीरों को याद करते हैं तथा उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। हर नागरिक मातृभूमि की रक्षा और उसकी समृद्धि के लिए हर संभव कार्य करने का अपना प्रण दोहराता है। तो आइए, हम मिलकर देश का गणतंत्र दिवस मनाएं.

इतिहास

भारत 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र हुआ था तथा 26 जनवरी 1950 को इसके संविधान को आत्मसात किया गया, जिसके अनुसार भारत देश एक लोकतांत्रिक, संप्रभु तथा गणतंत्र देश घोषित किया गया।
26 जनवरी 1950 को देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ झंडावंदन कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया। यह ऐतिहासिक क्षणों में गिना जाने वाला समय था। इसके बाद से हर वर्ष इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है तथा इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है।
हमारा संविधान देश के नागरिकों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सरकार चुनने की शक्ति देता है संविधान लागू होने के बाद डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने वर्तमान संसद भवन के दरबार हॉल में राष्ट्रपति की शपथ ली थी और इसके बाद पांच मील लंबे परेड समारोह के बाद इरविन स्टेडियम में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया था।
वो सैनिक, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अतुल्य योगदान दिया है अथवा सर्वोच्च बलिदान दिया है, उन्हें इस वीरता के लिए पदकों से पुरस्कृत किया जाता है। उच्च श्रेणी की वीरता के लिए परम वीर चक्र, वीर चक्र एवं महावीर चक्र दिया जाता है। वीरता का परिचय देने वाले बच्चों को भी गणतंत्र दिवस पर बहादुरी पुरस्कार दिए जाते हैं।
बहादुरी के लिए दिए जाने वाले राष्ट्रीय पदकों की शुरुआत 1957 में भारतीय बाल कल्याण परिषद (आईसीसीडब्ल्यू) द्वारा की गई थी। आईसीसीडब्ल्यू हर वर्ष 16 साल से कम उम्र के बच्चों को चुनकर उन्हें वीरता पुरस्कार देता है।

* पद्म सम्मान
पदम विभूषण
पदम भूषण
पदम श्री
* सुधारात्मक सेवा मेडल
* राष्ट्रपति का विशिष्ट पुलिस सेवा पदक
* उत्कृष्ट सेवा पदक
* राष्ट्रपति का वीरता के लिए पुलिस पदक
* वीरता के लिए पुलिस पदक



समारोह

गणतंत्र दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में देश के सम्मान एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला जाता है, सैन्य शक्ति तथा हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दुनियाभर में दिखाया जाता है।

गणतंत्र दिवस को देशभर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन को जिस उत्साह के साथ मनाया जाता है उसे देखकर अनेकता में एकता का कथन चरितार्थ दिखाई देता है। प्रत्येक भारतीय मातृभूमि का वंदन करता है। इससे न केवल धर्मनिरपेक्षता तथा लोकतंत्र परिलक्षित होता है बल्कि देश की समृद्ध संस्कृति, बोलियां, भाषाएं, रीति-रिवाज, परंपराएं तथा धर्मों की झलक भी मिलती है। इस वर्ष हमारा देश 66वां गणतंत्र दिवस मना रहा है।

देश का हर राज्य गणतंत्र दिवस समारोह को मनाता है। इस अवसर पर सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों, शासकीय कार्यालयों तथा संस्थानों में झंडावंदन किया जाता है तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

इस समारोह का महा आयोजन राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में किया जाता है, जहां तीनों सेनाओं तथा रक्षा बलों द्वारा मार्च पास्ट किया जाता है। कार्यक्रम की शुरुआत इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति से होती है, जहां प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं।

भारत के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज, फहराया जाता है, जिसके बाद राष्ट्रीय गान गाया जाता है तथा 21 तोपों की सलामी दी जाती है। थल सेना, नौ सेना और वायु सेना की अलग अलग रेजिमेंट राष्ट्रपति भवन की ओर से कदम ताल मिलाते हुए राजपथ पर मार्च करती हैं और इंडिया गेट पर भारत के राष्ट्रपति को सलामी देती हैं, जो भारतीय सशस्त्र सेना के कमांडर इन चीफ भी होते हैं। इसके बाद राज्य रेजिमेंट और भारत के पैरामिलीटरी बल परेड करते हैं।

देश के विभिन्न लोक नृत्यों, त्यौहारों, ऐतिहासिक स्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले विहंगम प्रस्तुतीकरण किए जाते हैं। विभिन्न विद्यालयों के बच्चे अलग अलग राज्यों के लोक नृत्य प्रस्तुत करते हैं जो मनोहर तथा उत्साह से भरे हुए होते हैं।

सीमा सुरक्षा बल के मोटरसाइकल शो जांबाज ने परेड का सबसे रोमांचक, आकर्षक एवं हैरतअंगेज करने वाला प्रदर्शन होता है। यह प्रदर्शन लयबद्ध तथा शारीरिक और मानसिक संतुलन का अद्भुत नमूना होता है।
भारतीय वायुसेना के जेट विमान तीन रंगों का धुआं छोड़ते हुए इस महान दिवस के मनोरम कार्यक्रम के समापन की घोषणा करते हुए गुलाब की पंखुडियां बिखेरते हैं। यह परेड के मनोरम दृश्यों में प्रमुख है।
दूरदर्शन का राष्ट्रीय चैनल, दूरदर्शन समाचार तथा दूरदर्शन के अन्य चैनल झंडावंदन तथा परेड सहित पूरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करते हैं। आकाशवाणी भी रेडियो पर इसका सजीव प्रसारण करता है।

बीटिंग द रिट्रीट

26 लेकर 29 जनवरी तक हर शाम राजधानी दिल्ली के सभी प्रमुख सरकारी भवनों पर रोशनी की जाती है, तथा तीसरे दिन यानी 29 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में बीटिंग द रिट्रीट समारोह का आयोजन किया जाता है।
इस अवसर पर तीनों सेनाओं के बैंड द्वारा आकर्षक परेड की जाती है। शाम को छह बजे राष्ट्रध्वज उतारते समय बिगुल बजाया जाता है तथा इसे गणतंत्र दिवस समारोह का औपचारिक समापन माना जाता है।
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जिला स्तरीय समारोह आदर्श स्टेडियम में आज गणतन्त्र दिवस हर्षोल्लास से मनाया जाएगा



जिला स्तरीय समारोह आदर्श स्टेडियम में आज

गणतन्त्र दिवस हर्षोल्लास से मनाया जाएगा


बाडमेर, 25 जनवरी। गणतन्त्र दिवस का जिला स्तरीय समारोह रविवार को आदर्श स्टेडियम में हषोल्लास से मनाया जाएगा। समारोह के मुख्य अतिथि सहकारिता विभाग राज्यमंत्री अजयसिंह प्रात: 9.00 बजे ध्वजारोहण कर परेड का निरीक्षण करेंगे तथा उसके बाद मार्च पास्ट की सलामी लेंगे।

जिला कलक्टर भानु प्रकाष एटूरू ने बताया कि गणतन्त्र दिवस के मुख्य समारोह में इस बार परेड कमाण्डर आर.आर्इ. सुरेन्द्रसिंह के नेतृत्व में बी.एस.एफ., राजस्थान पुलिस, बोर्डर होम गार्डस, अरबन होम गार्डस, एन.सी.सी. सीनियर, एनसीसी जूनियर, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवक एवं स्वयं सेविकाओं के दल, स्टूडेन्ट पुलिस दल, स्काऊट तथा गार्इड दल परेड में हिस्सा लेगी। इसके पश्चात अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित द्वारा महामहिम राज्यपाल के सन्देश का पठन किया जाएगा। मुख्य समारोह में स्थानीय शिक्षण संस्थाओं के लगभग 2000 बालक बालिकाओं द्वारा सामूहिक व्यायाम प्रदर्शन किया जाएगा। इन्ही बालक बालिकाओं द्वारा समूह गान की प्रस्तुति दी जाएगी। इसी कडी में स्थानीय शिक्षण संस्थाओं के लगभग 200 बालचरों द्वारा आकर्षक पिरामिड का प्रदर्शन किया जाएगा।

उन्होने बताया कि इस अवसर पर बीएसएफ के डाग स्कावड द्वारा आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। मुख्य अतिथि द्वारा उपसिथत जन समुदाय को सम्बोधित करने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में उेत्कृष्ठ एवं रचनात्मक कार्यो में विशेष योगदान देने वाले व्यकितयों को प्रशसित पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। इसी कडी में ख्याति प्राप्त लोक कलाकार स्वरूप पंवार द्वारा देशभकित गीत प्रस्तुत किया जाएगा। कार्यक्रम में विभिन्न विधालयों की बालिकाओं द्वारा सामूहिक लोक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी। इसके पश्चात बीएसएफ के केमल स्कावड द्वारा केमल टेटू शौ की प्रस्तुति दी जाएगी। विभिन्न शिक्षण संस्थाओं एवं सरकारी विभागों द्वारा तैयार झांकियों का प्रदर्शन भी समारोह का मुख्य आकर्षण रहेगा।

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रविवार को ही पुलिस लार्इन प्रांगण में दोपहर 3.00 बजे जिला प्रशासन व जिला वालीबाल संघ बनाम सीमा सुरक्षा बल के मध्य वालीबाल मैच आयोजित किया जाएगा। इसी कडी में सायं 4.00 बजे राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय स्टेशन रोड प्रांगण में पुलिस प्रशासन व अन्य के मध्य बास्केट बाल का मैच आयोजित किया जाएगा तथा रात्रि 6.30 बजे से राजकीय उच्च माध्यमिक विधालय स्टेशन रोड प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा।

रविवार को समूचे जिले में गणतन्त्र दिवस समारोह का आयोजन हर्षोल्लास के साथ किया जाएगा। इस अवसर पर जिले मे विभिन्न सार्वजनिक संस्थानों तथा राजकीय कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर शहर के विभिन्न मुख्य चौराहों एवं सरकारी भवनों पर आकर्षक रोशनी की सजावट की गर्इ है।

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