सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाने या दूसरे कामों में कोताही अब शिक्षकों को भारी पड़ सकती है। ऐसा मिलने पर प्रधानाध्यापक ही अध्यापक को स्कूल से रिलीव (कार्य मुक्त) कर सकेंगे। शिक्षक को शिकायती-पत्र थमाकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय (डीईओ) भेजा जाएगा, जहां कार्रवाई होगी। इसमें देहात स्थित दूरदराज के किसी कम सुविधा वाले स्कूल में ट्रांसफर भी शामिल है। प्रधानाध्यापकों को यह अधिकार देने वाला आदेश शुक्रवार को उप निदेशक कार्यालय से जारी हुआ है। जानकारी के अनुशार 60 दिवसीय कार्य योजना के तहत राजस्थान प्रारंभिक शिक्षा परिषद से आदेश मिले थे। राज्य सरकार ने ऑर्डर नंबर शिविरा 19510 में इसका उल्लेख किया है। नई व्यवस्था के बाद किसी प्रधानाध्यापक को लगता है कि कोई शिक्षक अपना दायित्व ठीक से नहीं निभा रहा है, तो वह उसे अपने स्कूल से कार्य मुक्त कर डीईओ भेज सकता है। देनी होगी उपस्थिति, दूसरा शिक्षक ले जाएगा शिकायती पत्र कार्यमुक्ति आदेश व शिकायती पत्र विवरण के साथ शिक्षक को तत्काल अपनी उपस्थिति जिला शिक्षा कार्यालय में देनी होगी। कार्य मुक्ति आदेश दोषी शिक्षकों को व्यक्तिगत रूप से दिए जाएंगे, जबकि अनुशासनहीनता से संबंधी आरोपों का विवरण अन्य शिक्षक के हाथों डीईओ तक भिजवाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूल में ही होगा शिकायती ट्रांसफर जानकारी के मुताबित मामला डीईओ तक पहुंचने के दो दिनों में आरोपी शिक्षकों को अन्य जगह पद स्थापित किया जाएगा। इन्हें किसी भी सूरत में शहरी क्षेत्रों में नहीं लगाया जाएगा। यह भी तय किया जाएगा कि वह क्षेत्र पिछले स्कूल से ज्यादा सुविधाजनक न हो। ऐसे होगी कार्रवाई प्रधानाध्यापक शिक्षकों के पढ़ाने, स्कूल आने-जाने के समय, व्यवहार आदि की मॉनिटरिंग करेंगे। वे दोषी अध्यापक को लिखित में नोटिस देंगे, जिसमें अनुशासनहीनता, अनियमितता या असंतोषजनक व्यवहार का उल्लेख होगा। नोटिस में संबंधित शिक्षक को एक महीने की मोहलत मिलेगी, जिसमें उसे सुधार करना होगा। यह अवधि खत्महोने के बाद शिक्षक में कोई सुधार नहीं दिखा तो प्रधानाध्यापक उसे उसी समय कार्य मुक्त कर देगा।
क्या होगा असर
इस आदेश के जारी होने के बाद सबसे ज्यादा असर शिक्षक नेताओं व प्रभावशाली शिक्षकों पर पड़ेगा। जो स्कूल में किसी की सुनते नहीं है। जो शिक्षक स्कूल समय पर नहीं आते हैं। मनमर्जी करते हैं। प्रधानाध्यापक और आला अधिकारियों के निर्देशों की पालना नहीं करते हैं। ऐसे शिक्षकों को प्रधानाध्यापक स्कूल से रिलीव कर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भेज सकेंगे।
विभाग में नई व्यवस्था त्नलगातार काम नहीं करने पर डीईओ ऑफिस भेजो, एक महीने में सुधार नहीं हुआ तो देहात में होगा ट्रांसफर |
|
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें