रविवार, 26 जनवरी 2014

बाड़मेर. गिरल पॉवर प्लांट थुंबली में गैस उत्सर्जन से अकाल मौत के शिकार हुए कबूतर व अन्य पक्षी।

बाड़मेर. गिरल पॉवर प्लांट थुंबली में गैस उत्सर्जन  से अकाल मौत के शिकार हुए कबूतर व अन्य पक्षी।



बाड़मेरगिरल थर्मल पॉवर प्लांट थुंबली में गैस उत्सर्जन कबूतरों और घुड़साल (चिडिय़ा) की मौत का सबब बन रही है। एक ही दिन में सैकड़ों कबूतर व घुड़साल (चिडिय़ा) अकाल मारे गए हैं। प्लांट परिसर में मृत पशुओं की चादर बिछ गई।

बॉयलर से लेकर प्लांट परिसर में पग पग पर मृत पक्षियों के शव बिखरे हुए हैं। प्लांट के अफसर व कार्मिकों ने हादसे को गंभीरता से लेने की जहमत तक नहीं जुटाई। सात घंटे बाद पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची।

डॉक्टरों ने प्रथम दृष्टया गैस उत्सर्जन से पक्षियों की मौत की आशंका जताई है। रविवार को इनका पोस्टमार्टम किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्लांट में पक्षियों के मरने की घटनाएं पहले भी हो चुकी है, लेकिन प्लांट के अफसरों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। गिरल पॉवर प्लांट थुंबली में शनिवार अलसुबह कबूतर आदि पक्षी प्लांट में विचरण कर रहे थे। इस दरम्यान गैस उत्सर्जन की मात्रा बढऩे पर पक्षी तड़पकर दम तोड़ते गए। पॉवर प्लांट के पूरे स्ट्रक्चर में जगह जगह पक्षी मरे पड़े हैं। दोपहर तक कर्मचारियों ने हादसे की सूचना नहीं दी।
 पशुपालन विभाग की टीम को मौके पर बुलाया गया। टीम ने दस पक्षियों के एफएसएल के लिए दस मृत पक्षियों के सैंपल लिए। ये सैंपल एफएसएल लेबोरेट्री जोधपुर भेजे जाएंगे। रिपोर्ट आने पर पक्षियों के मरने के कारण का खुलासा होगा। डॉक्टरों ने पक्षियों की मौत जहरीली गैस उत्सर्जन की आशंका जाहिर की है। प्लांट में पक्षियों के मरने का सिलसिला तो अनवरत जारी है। इस तरह की बड़ी घटना पहले भी हुई थी। उस वक्त सफाई कर्मचारियों ने मृत पक्षियों को एकत्रित कर दफना दिए थे।

गैस उत्सर्जन से पक्षी मरे

॥प्लांट में कबूतर व अन्य पक्षियों के मरने की सूचना मिलने पर मौके पर गए। जहां पर मृत पक्षियों को एकत्रित किया गया। जिनका पोस्टमार्टम रविवार को किया जाएगा। दस मृत पक्षियों के सैंपल लेकर एफएसएल के लिए जोधपुर लेबोरेट्री भेजेंगे। जहां से रिपोर्ट आने पर पुष्टि हो पाएगी। फिलहाल तो गैस उत्सर्जन से पक्षियों के मरने की आशंका है। -डॉ. राजेश पशु चिकित्सक बाड़मेर

जहरीला चुग्गा चुगने से हुई मौत

॥प्लांट में कबूतर व घुड़साल की मौत का कारण जहरीला चुग्गा हो सकता है। डॉक्टरों की टीम बुलाकर पोस्टमार्टम करवाया जाएगा। यह दु:खद हादसा था। रिपोर्ट से हकीकत सामने आएगी।

-ए.पी. अग्रवाल, चीफ इंजीनियर गिरल पॉवर प्लांट थुंबली

लापरवाही से हुआ हादसा

॥प्लांट में पक्षियों के मरने की यह पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी गैस उत्सर्जन से पक्षी मरे थे। लेकिन अधिकारियों ने मामला दबा दिया। गैस लीकेज होने से कबूतर व अन्य पक्षी मरे हैं। यह हादसा प्लांट के अधिकारियों की लापरवाही से हुआ है।''

-वीरसिंह, अध्यक्ष किसान संघर्ष समिति थुंबली

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