सोमवार, 16 दिसंबर 2013

*राजस्थान में सरकार बदल गई लेकिन इस लड़की को अब तक नही मिला न्याय***

*राजस्थान में सरकार बदल गई लेकिन इस लड़की को अब तक नही मिला न्याय***

 अफसरों की चैखटों पर धक्के खाने के बाद भी नही मिला न्याय
 
हर कोई हंस रहा है राजस्थान की सरकार पर
 
बार-बार न्याय की गुहार लगाने पर युवती को मिलने लगी है धमकियां 

किरण शेखावत .

प्रार्थीया की बहू रजनी कंवर के द्वारा प्रार्थीया के पति किशोर सिंह द्वारा उनकी हत्या कारित करने की धमकी के संबंध में एक रिपोर्ट पुलिस कमिष्नरए जयपुर महानगर को दिनाँक 29ध्12ध्2012 को देने के उपरान्त प्रार्थीया के पति की लाश फतेहपुर बीडए सीकर में संदिग्ध अवस्था में पेड़ से लटकी मिली थी जिस पर न्यायालय में प्रस्तुत परिवाद पर पुलिस थाना फतेहपुर कोतवाली ने अनुसंधान के उपरान्त दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 54ध्2012 जो कि हत्या के अपराध अन्तर्गत धारा 302ए 323ए 341 व 506 भारतीय दंड संहिता में प्रेषित की थी को पुलिसकर्मियों द्वारा स्वयं के बचाव में क्योंकि प्रार्थीया के पति अन्तिम बार पुलिस थाना फतेहपुर सदर सीकर में थे तथा वहाँ से रहस्यमय तरीके से गायब होने के उपरान्त उनकी पेड़ से लटकी लाश मिली लेकिन पुलिस द्वारा धारा 306 भारतीय दंड संहिता में दर्ज कर अदम वक् झूठ सुसाईड मानते हुये अन्तिम परिणाम दिया गया जिसे माननीय न्यायालय ने अपने आदेश दिनांक 31ध्10ध्2012 से अग्रिम अनुसंधान हेतु पुलिस महानिरीक्षकए जयपुर रेन्ज को अपने आधीन किसी वरीष्ठ अधिकारी से कराने के आदेश के साथ निष्पक्ष अनुसंधान करने तथा रिपोर्ट समय में प्रस्तुत करने के आदेश दिये थे तथा साथ ही अनुसंधान अधिकारी जिसकी कस्टडी में प्रार्थीया के मृत पति अन्तिम बार थे उसके अनुसार मृतक के बार.बार आत्महत्या कहने लेकिन उसके बावजूद ऐसे में उसको गिरफ्तार नहीं करने के सम्बन्ध में प्रतिकूल टिप्पणी की। यह कि आदेश दिनांक 31ध्10ध्2012 के उपरान्त 10 माह से भी अधिक समय होने के उपरान्त प्रार्थीया की सूचना के अनुसार कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं कीए क्योंकि आज भी उच्च अधिकारी मात्र अनुसंधान अधिकारी समुन्दर सिंह को बचाने हेतु जानबूझकर हत्या के प्रकरण की बिना जांच के ही आत्महत्या का रंग देने में लगे है तथा प्रार्थीया तथा उसके पुत्र को लगातार रजनी कंवर व उसके पिता सवाई सिंह द्वारा जान से मरवाने तथा उस हेतु अज्ञात बदमाश किस्म के व्यक्तियों को भेजनेए प्रकरण को वापिस लेने के सम्बन्ध में आपराधिक कृत्य के सम्बन्ध में परिवाद देने पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी तथा प्रार्थीया व उसके परिवारजन के मानवाधिकारों का भी हनन किया है। 3ण् यह कि प्रार्थीया ने स्वयं दिनांक 27ध्07ध्13 को माननीय कमिष्नर महोदयए जयपुर के समक्ष उपस्थित होकर प्रार्थीया व उसके पुत्र के रजनी कंवर व सवाई सिंह से समझौता न करने पर हत्या करवाने तथा प्रताडि़त करने के सम्बन्ध में परिवाद देने पर पुलिस थाना झोटवाड़ाए जयपुर को प्रेषित किया लेकिन उस पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गयी तथा प्रार्थीया की आषंका के अनुरूप प्रार्थीया को जान से मारने की नीयत से दिनांक 30ध्07ध्2013 को रजनी कंवरए सवाई सिंह के साथ 8.10 आदमियों के साथ हथियारों से लैस होकर आये तथा तोड़फोड़ व मारपीट की व प्रार्थीया के पुत्र जितेन्द्र के आने पर उससे भी मारपीट की जिसकी रिपोर्ट प्रार्थीया ने पुलिस थाना झोटवाड़ा में रिपोर्ट संख्या 491ध्2013 दर्ज करायी जिसमें प्रार्थीया व उसके पुत्र के चोटें आयी। प्रार्थीया की रिपोर्ट व चोट प्रतिवेदन संलग्न है। यह कि जबकि रजनी कंवर व उसके पिता सवाई सिंह के विरूद्ध मेरे पति की हत्या का अनुसंधान लम्बित है ऐसे में पुलिस थाना झोटवाड़ा द्वारा बार.बार प्रतिवेदन प्राप्त होने पर कार्यवाही न करने का यह अंजाम हुआ कि दिनांक 30ध्07ध्2013 को रजनी कंवर ने हमला किया जिसकी सूचना तुरन्त 100 नम्बर पर देने पर भी स्थानीय थाने से देर से पुलिस आयी तथा प्रार्थीया की रिपोर्ट के उपरान्त प्रार्थीया के विरूद्ध उसके ही घर में रजनी कंवर के घुसने पर रजनी कंवर की स्वीकारोक्ति की रिपोर्ट पर प्रार्थीया के विरूद्ध ही 452 आईण्पीण्सीण् का मुकदमा उसके अपने घर में प्रवेश के लिये दर्ज कर दिया तथा प्रार्थीया व उसके पुत्रों को ही पुलिस द्वारा प्रताडि़त किया जा रहा है। यह कि प्रार्थीया को पुलिस व प्रषासन की लगातार उपेक्षा के कारण तथा उसके मानवीय अधिकारों की सुरक्षा न करने पर मजबूरन रजनी कंवर व सवाई सिंह के आपराधिक कृत्यों व अवैध कृत्यों से कानूनी रिलीफ हेतु एक स्थायी निशेधाज्ञा का दावा मय अस्थायी निशेधाज्ञा का दिनांक 17ध्08ध्2013 को प्रस्तुत किया जिसमें माननीय न्यायालय अपर सिविल न्यायाधीष ;कण्खण्द्ध पष्चिमए जयपुर महानगर ने दिनांक 02ध्09ध्2013 को रजनी कंवर व सवाई सिंह को पाबन्द किया है कि प्रार्थीया की सम्पत्ति पर प्रार्थीया के उपयोग.उपभोग में बाधा कारित न करे ना ही सम्पत्ति पर जबरन कब्जे का प्रयास करें। आदेष व अस्थायी निशेधाज्ञा की प्रति संलग्न हैं। यह कि प्रार्थीया की पति की हत्या के पूर्व से ही प्रार्थी या के पति द्वारा पुलिस कमिष्नरए जयपुर को दिये परिवाद पर पुलिस थाना झोटवाड़ाए जयपुर द्वारा कार्यवाही न करने के कारण ही उसमें प्रगट की गई हत्या की आषंका के कारण ही प्रार्थीया के पति की हत्या की गई तथा उसके उपरान्त प्रार्थीया व उसके परिवारजन द्वारा पुलिस के उच्च अधिकारियोंए पुलिस थाना झोटवाड़ा पुलिस थाना ;महिलाद्ध बनीपार्क को दिये परिवादध्प्रतिवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं करने का ही नतीजा है कि रजनी कंवर ने बदमाश किस्म के व्यक्तियों के साथ प्रार्थीया के स्वामित्व के मकान में हमले की तैयारी के साथ घुसकर मारपीट की तथा उसकी रिपोर्ट पर भी पुलिस थाना झोटवाड़ा जो रजनी कंवर के प्रभाव में है तथा समुन्दर सिंह थानाधिकारी के द्वारा स्वयं के बचाव हेतु प्रार्थीया के मुकदमों में बल्कि अन्यथा उसके खिलाफ लिखने व कार्यवाही सेए दबाव के लिये हर जगह अनुसंधान को प्रभावित किया जा रहा है तथा प्रार्थीया व उसके पुत्र व परिवारजन के साथ न केवल पुलिस थाना झोटवाड़ा के पुलिसकर्मियों द्वारा प्रार्थीया जो विधवा है न केवल अभद्र व्यवहार किया गया बल्कि पूर्णतया पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की जा रही है तथा हत्या के मुकदमें को आत्महत्या का रंग दिया जा रहा है। यह कि प्रार्थीया व उसके परिवारजन द्वारा लगातार दिये परिवादों पर किसी प्रकार की सुनवाई नहीं की जा रही प्रार्थीया स्वयं पीडि़त है तथा उसको न्याय की जगह और पीडि़त किया जा रहा है जो केवल धनबलए बाहुबल के कारण प्रार्थीया की बहू रजनी कंवर के प्रभाव में किया जा रहा है तथा न्यायालय के आदेश का भी मखौल उड़ाया जा रहा है तथा हत्या जैसे गंभीर अपराध में शिथिलतापूर्वक अनुसंधान किया जा रहा है तथा प्रार्थीया व उसके परिवारजन द्वारा निश्पक्ष अनुसंधान की प्रार्थना को पूर्णतया अनसुना कर दिया जाता है तथा पुलिस अधिकारियों को अपनी व्यथा सनुाना भी भारी पड़ा है बल्कि प्रार्थीया को व उसके परिवार को ही उल्टे फंसाने की धमकी दी जाती है जिससे प्रार्थीया न्याय के लिये आवाज ही नहीं उठा सके इससे तो मर माना बेहतर है। अतः प्रार्थीया की ओर से प्रतिवेदन प्रस्तुत कर निवेदन है कि प्रार्थीया के पति की हत्या के संदर्भ में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 54ध्2012 पुलिस थाना कोतवालीए फतेहपुर शेखावटी जिला सीकर में उचित व निश्पक्ष अनुसंधान हेतु उचित कार्यवाही करने की कृपा करें तथा प्रार्थीया व उसके परिवारजन के साथ लगातार उपेक्षित व अमानवीय व्यवहार तथा संवैधानिक अधिकारों के हनन के लिये दोशियों के विरूद्ध उचित कार्यवाही करने की कृपा करें। जयपुर। दिनांकरू प्रार्थीया;श्रीमती अन्तर कंवरद्धपत्नि स्वण् श्री किषोर सिंहनिवासी ए.422ए तारा नगरए झोटवाड़ाए जयपुर संलग्नरू 1ण् माननीय न्यायालय का आदेष दिनांक 31ध्10ध्2012 2ण् परिवाद दिनांक 29ध्12ध्11ए 15ध्03ध्12ए 12ध्05ध्12ए 25ध्07ध्13ए 27ध्07ध्13ए 02ध्08ध्13 3ण् प्रथम सूचना रिपोर्ट 491ध्13 पुलिस थाना झोटवाड़ाए मय चोट प्रतिवेदन 4ण् अस्थायी निशेधाज्ञा का प्रार्थना.पत्र मय आदेष दिनांक 02ध्09ध्13

प्राचीन मंदिर में चोरी, चोरों की तलाश में जुटी पुलिस

बीकानेर। जिले के जहाजपुर कस्बे के प्राचीन मंदिर में अज्ञात चोर सोने-चांदी के जेवर चोरी कर ले गए। चोर मंदिर में विराजमान राम, लक्ष्मण तथा जानकी की श्रृंगार आभूषण तथा सोने की चैन ले गए। प्राचीन मंदिर में चोरी, चोरों की तलाश में जुटी पुलिस
सूत्रों के अनुसार रात में करीब साढ़े बारह बजे कुछ चोर मंदिर की बाहरी खिड़की तोड़ कर मंदिर परिसर में घुस आए। उन्होंने परिसर में ही सो रहे महंत श्यामनारायण तथा दो अन्य सेवादारों के कमरे पर बाहर से कुंदी लगा दी। इसके बाद उन्होंने मुख्य मंदिर में प्रवेश कर वहां से चार किलो चांदी के श्रृंगार आभूषण, सोने की चैन तथा अन्य सामान ले गए। चोरों के जाने के बाद जागे महंत व सेवादारों के हंगामा मचाने पर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटना की एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

जज को नजरबंद बेटी करनी होगी प्रेमी के हवाले

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान पुलिस को आदेश दिया है कि राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश की 30 वर्षीय बेटी की कस्टडी को याचिकाकर्ता को सौंप दे। राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश राघवेन्द्र सिंह राठौड़ ने कथित रूप से अपनी बेटी को घर में नजरबंद कर रखा है। जज को नजरबंद बेटी करनी होगी प्रेमी के हवाले
न्यायाधीश राठौड़ ने इस डर से अपनी बेटी को घर में नजरबंद किया था ताकि वह अपने प्रेमी सिद्धार्थ मुखर्जी से शादी नहीं कर पाए। मुखर्जी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मामले में हस्तक्षेप का अनुरोध किया था।

याचिका में कहा गया कि न्यायाधीश राठौड़ अपनी बेटी के सिद्धार्थ मुखर्जी से शादी करने के खिलाफ थे। मुखर्जी का आरोप है कि न्यायाधीश राठौड़ अपनी बेटी की शादी अपनी ही जाति(राजपूत) के लड़के से कराना चाहते हैं। न्यायाधीश राठौड़ की बेटी के बयान दर्ज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसे उसके ब्वॉयफ्रेंड के हवाले करने को कहा।

राठौड़ की बेटी ने पिछले माह सुप्रीम कोर्ट और राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीशों को ई मेल भेजकर मदद मांगी थी लेकिन मदद पिछले सप्ताह मिली उस वक्त मिली जब सुप्रीम कोर्ट ने मुखर्जी की याचिका स्वीकार कर ली और जयपुर पुलिस को आदेश दिया कि वह लड़की को सोमवार को कोर्ट में पेश करें। कुछ साल पहले राजस्थान हाईकोर्ट ने लव मैरिज को लालच और वासना का उदाहरण बताया था। इसके चलते राजस्थान हाईकोर्ट की खूब आलोचना हुई थी।

प्रधानमंत्री से मिली वसुंधरा

नई दिल्ली। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुधरा राजे ने सोमवार को यहां प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से शिष्टाचार भेंट की। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री राजे डॉ. सिंह से संसद भवन में मिलीं। प्रधानमंत्री से मिली वसुंधरा
दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी प्रधानमंत्री के साथ यह पहली मुलाकात थी। इस दौरान उनके साथ कार्यवाहक मुख्य सचिव सी एस राजन भी थे।

बाद में उन्होंने संसद भवन में ही भाजपा के शीर्ष नेता लाल कृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली, राजस्थान के भाजपा प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी और कई अन्य वरिष्ठ सांसदों से भी मुलाकात की।

सभी नेताओं ने राजे को विधानसभा चुनाव में शानदार जीत की बधाई दी। तिरूपति बालाजी मंदिर के महंत ने भी मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें आर्शीवाद दिया।

राहुल होंगे पीएम उम्मीदवार! 17 को ऎलान

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी अपने पीएम पद के उम्मीदवार की घोषणा करने जा रही है। 17 जनवरी को होने जा रही एआईसीसी की अहम बैठक में इसपर फैसला और फिर घोषणा हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि जब से भारतीय जनता पार्टी की ओर से गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपना पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है, तब से कांग्रेस पर लगातार पीएम इन वेटिंग के नाम पर दबाव बना हुआ है। हालांकि, पार्टी ने अभी तक इस ओर कोई इशारा नहीं किया है कि उनका पीएम प्रत्याशी कौन होंगा ? राहुल गांधी, प्रियंका गांधी या कोई और?


पीएम बनेंगे को तैयार हैं राहुल गांधी ?

पीएम कंडिडेट के रूप में लगाई जा रही तमाम अटकलों के बीच हाल ही खुद राहुल गांधी ने साफ कर दिया वह इसके लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी संकेत दिए कि उनके सामने पार्टी और संगठन दोनों में ही बड़ी भूमिका निभाने के विकल्प मौजूद हैं।

सोनिया के बयान के मायने भी

बता दें कि राहुल गांधी की ओर से इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने से पहले पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयान के भी ऎसे ही मायने निकाले जा रहे थे। सोनिया ने राहुल के बयान से ठीक एक दिन पहले कहा था कि बड़ी जिम्मेदारी का फैसला खुद राहुल को करना है।

नया चेहरा लाएगी कांग्रेस

कांग्रेस में पीएम पद के उम्मीदवार को लेकर कयास लगने शुरू हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रविवार को कहा था, पार्टी चुनाव से पहले समय आने पर इसकी घोषणा करेगी। यानी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की पारी अब खत्म है। अगले चुनाव के लिए कांग्रेस नया चेहरा लाएगी। सोनिया पीएम पद लेने से मना कर चुकी हैं।

भाजपा को जवाब देना चाहती है कांग्रेस

पार्टी के वरिष्ठ नेता मानने लगे हैं कि अब समय आ गया है जब कांग्रेस अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करे क्योंकि तभी पार्टी के खिलाफ भाजपा के दुष्प्रचार का जवाब दिया जा सकता है। अब सबकी निगाहें आलाकमान पर टिकी हैं,वे ही तय करेंगीं कि कांग्रेस का पीएम इन वेटिंग कौन होगा।

कौंन-कौन है पीएम इन वेटिंग की लिस्ट में ?

राहुल गांधी

मजबूत पक्ष - पार्टी उपाध्यक्ष और गांधी नेहरू परिवार के वारिस हैं।
कमजोर पक्ष- दो तबके, एक पक्ष में एक विरोध में।

क्या कहते हैं सर्मथक - पिछले लोकसभा चुनाव में उन्हीं के चलते कांग्रेस को 206 सीटें मिली थीं।
विरोधियों का यह मानना - विधानसभा में मिल रही हार बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। बिहार, पंजाब और यूपी के बाद कांग्रेस अब चार बड़े राज्यों में हार गई। ऎसे में मोदी के मुकाबले कमजोर माना जा रहा है।

प्रियंका गांधी

मजबूत पक्ष- वह राहुल के मुकाबले हालात से आसानी से निपट सकेंगी। इंदिरा गांधी की छवि।
कमजोर पक्ष- प्रियंका के खिलाफ उनके पति रॉबर्ट वाड्रा पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लिहाजा उनके आते ही भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बन जाएगा।

मीरा कुमार : लोकसभा अध्यक्ष

मजबूत पक्ष - दलित होने के साथ महिला हैं। ब्यूरोRेट भी रही हैं, जो गांधी परिवार को रास आ सकता है।
कमजोर पक्ष- उम्मीदवारी कितनी स्वीकार्य होगी, पता नहीं। वे एक बार कांग्रेस छोड़ चुकी हैं।

पी. चिदंबरम

मजबूत पक्ष - 10 जनपथ के करीबी होने के साथ राहुल भी उन्हें काफी पसंद करते हैं। दक्षिण भारत से आते हैं, जहां कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीदें है।

कमजोर पक्ष- हिंदी न आना और मौजूदा हालात में महंगाई के लिए उन्हें जिम्मेदार माना जाता है।
एक विदेशी पत्रिका भी उनकी चर्चा कर चुकी है।


सुशील कुमार शिंदे

मजबूत पक्ष- 10 जनपथ के करीबी होने के साथ भरोसे के नेता माने जाते हैं।

कमजोर पक्ष- लोकसभा में सदन के नेता होने के दौरान विशेष प्रभाव नहीं छोड़ पाए।

राठोड तेईस हज़ार से अधिक मतो से विजयी घोषित हुए

/जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में अभूतपूर्व सफलता हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी को एक और जीत मिली है। चूरू विधानसभा सीट पर भाजपा के राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस के मकबूल मंडेलिया को 23375 वोटों से मात देते हुए विजय हासिल की है।

चूरू विधानसभा क्षेत्र के लिए सोमवार को शुरू हुई मतगणना में भाजपा के राजेन्द्र राठौड़ शुरूआती रूझानों में ही बढ़त बनाए हुए थे। सुबह 10 बजे पूरे हुए राउंड में राठौड़ अपने निकट प्रतिद्वंदी मकबूल से 13809 वोटों से आगे चल रहे थे।राठोड तेईस हज़ार से अधिक मतो से विजयी घोषित हुए 

रिकॉर्ड 80.22 फीसदी मतदान
उल्लेखनीय है कि चूरू विधानसभा क्षेत्र में 13 दिसम्बर को हुए मतदान में 80.22 फीसदी मतदाताओं ने अपने मतदाधिकार का उपयोग किया। इसी के साथ भाजपा के राजेन्द्र राठौड़ और कांग्रेस के मकबूल मंडेलिया समेत नौ प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद हो गया था।

इसलिए हुआ था देर से मतदान
गौरतलब है कि चूरू से बसपा प्रत्याशी रहे जगदीश मेघवाल के निधन के बाद यहां 1 दिसम्बर को होने वाला मतदान स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद 13 दिसम्बर को यहां मतदान करवाया गया। पूर्व यहां भाजपा विधायक दल की नेता वसुंधरा राजे ने सभा भी की थी।

फर्जी मतदान को लेकर हंगामा भी
चूरू विधानसभा क्षेत्र में मतदान के दौरान फर्जी मतदान की शिकायतें भी मिली थी। कई मतदान केन्द्रों पर इस बात को लेकर कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए थे। हालांकि मारपीट से हल्के तनाव को बीएसएफ, पुलिस और आरएससी के जवानों ने समय रहते काबू में कर लिया था।

105 वर्षीय दाखा देवी ने भी दिया वोट

घांघू ग्राम पंचायत के गांव दांदू में बने बूथ पर 105 वर्षीय दाखा देवी ने अपने पोते के साथ बूथ पर आकर मतदान किया और लोकतंत्र के इस महोत्सव में अपनी भागीदारी निभाई। घंटेल में 96 वर्षीय नोपाराम अपने पोतों राजकुमार, मनोज के कंधों का सहारा लेकर वोट के लिए मतदान केंद्र तक पहुंचे।

महिला ने जन्मे 9 बच्चे,सभी बच्चों की मौत

सतना। मध्यप्रदेश के सतना के रन्नैही गांव निवासी एक महिला ने रीवा के संजय गांधी अस्पताल में नौ बच्चों को जन्म दिया। हालांकि, प्री मेच्योर डिलीवरी होने के कारण सभी की मौत हो गई। अपने तरह का पहला मामला होने के कारण स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया।
जानकारी के मुताबिक अंजू कुशवाहा पति संतोष कुशवाहा (कृषक) निवासी रन्नैही थाना कोठी जिला सतना को रीवा के संजय गांधी अस्पताल में रविवार रात करीब 11 बजे भर्ती कराया था। देर रात करीब 12.31 बजे महिला ने नौ बच्चों को जन्म दिया। इनमें सात बच्चे और दो बच्चियां थीं।

प्री मेच्योर डिलीवरी होने के कारण सभी की मौत हो गई। बताया गया है कि पहले महिला को जिला अस्पताल सतना में भर्ती कराया गया था, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने रीवा के संजय गांधी अस्पताल रेफर कर दिया गया था।

महिला की स्थिति ठीक बताई गई है। अस्पताल के सीएमओ डॉ. एसके पाठक ने बताया कि डिलीवरी नार्मल है। समय से दो माह पूर्व प्रसव होने के कारण केस बिगड़ गया है। प्रसूता की हालत ठीक है।

दिलों ने तोड़ी सरहदें, बांधी रिश्तों की डोर!

जोधपुर।"दिल से लेकर बंट गए दर तक, गनीमत रही कि दरवाजा एक था" किसी शायर का ये शेर भारत-पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति पर भी बयां होता है। विभाजन के बाद भले ही मुल्क दो हो गए हों, लेकिन दिलों के दरवाजे अभी भी खुले हैं। दोनों मुल्कों के बीच शादी-ब्याह होना इस बात का पुख्ता सुबूत है कि सरहदें भले ही खिंच गई हों लेकिन दिल के दरवाजे से अभी आना-जाना लाजिमी है। बावस्ता इसी दरवाजे भारत की दो बेटियां पाकिस्तान की बहू बनने जा रही हैं।
बारात में ये पहुंचे

थार एक्सप्रेस में पाकिस्तान के कराची निवासी लियाकत आबाद के बेटे जुनैद अजीज (दूल्हा) और राहिल अजीज (दूल्हा), मां, बहन और दोस्तों के साथ आठ लोग रविवार को भगत की कोठी स्टेशन पहुंचे। इनका निकाह 17 दिसम्बर को रात 9 बजे बूंदी के ब्राह्मणों की हथाई निवासी जमील अहमद की पुत्री वजिया खान और शमशुद्दीन की बेटी हुमा खान के साथ निकाह होगा।



रिश्तों को कायम रखने के लिए चौथी शादी

दुल्हनों के सुर्ख चेहरे विवाह की खुशी जहां बयां कर रहे हैं, वहीं दूल्हों को भी अहसास है कि यह केवल दिलों का ही मेल नहीं, दो देशों और दो संस्कृतियों का समायोजन है। रविवार को पाकिस्तान से थार एक्सप्रेस में दूल्हा, उनके परिजन समेत आठ लोग भगत की कोठी पहुंचे। दूल्हों की मां कमर अख्तर और कोटा निवासी मामा अब्दुल हकीम जैदी ने बताया कि 66 साल पहले परिवार दो भागों में (बंूदी व कराची) बंट गया, लेकिन रिश्तों को कायम रखने के लिए यह चौथी शादी है। जैदी ने बताया कि वर्ष 2004 व 2008 में कराची से बारात बूंदी आई थी और वर्ष 2007 में कोटा से बारात कराची गई थी।

करगिल की खरोंच का जख्म

वष्ाü 1999 में कराची से बूंदी बारात आनी थी, लेकिन करगिल युद्ध की वजह से निकाह टल गया। जैदी ने बताया कि निकाह की पूरी तैयारियां हो गई थीं, कार्ड भी तैयार हो गए थे लेकिन युद्ध के कारण निकाह टालना पड़ा। आखिर वह निकाह वर्ष 2004 में संभव हो पाया।

आलमजी के मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण

धोरीमन्ना। यहां पहाड़ में स्थित प्राचीन आलमजी के मंदिर की कृषि भूमि पर एक दर्जन दुकानों के अवैध निर्माण के खिलाफ सोमवार से धरने की घोषणा की गई है। यहां के पुजारियों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे देव स्थान विभाग, जिला कलक्टर व विधायक लाधूराम विश्नोई को अलग-अलग पत्र भेज अतिक्रमण नहीं रोकने पर सोमवार से तहसील मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा की है।

पत्रानुसार एक पखवाड़े पूर्व चुनावो के दौरान यहां एक दर्जन दुकानों का निर्माण किया गया। तब शिकायतें की तो निर्माण रोका गया था अब यहां पर फिर कार्य प्रारम्भ हो गया है। मंदिर के पुजारियों ने तहसीलदार को शिकायतें की तो एक दिन कार्य रोककर फिर से दुकानों की छतें भर दी। रविवार को छुट्टी के दिन बड़ी संख्या में लोगो को लगाकर छते भरने का कार्य चला। इस पर मंदिर के पुजारियों ने धरना देने का निर्णय किया है।

बेशकीमती है भूमि
धोरीमन्ना के मुख्य चौराहे एवं राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनो और आई हुई आलमजी के मंदिर की यह भूमि बेशकीमती है।इस भूमि पर पूर्व में भी प्रशासन चार बार अतिक्रमण हटा चुका है।यहां आलमजी के मंदिर की दुकाने बनाकर किराए पर दी जाए तो सालाना लाखों की आय देव स्थान विभाग को हो सकती है।

"हवस" की "हैवानियत"?

बाड़मेर। शहर में घूम रही एक मानसिक विक्षिप्त महिला को सब हिकारत की नजर से देखते हैं। उसके मैले कुचैले कपड़ो को देख कोई नजदीक नहीं आने देता। किसी दुकान की डयोढ़ी चढ़ती है तो पशुवत दुत्कार दिया जाता है।हैवानों ने इसे भी नहीं छोड़ा। यह महिला भी "मां" बनने वाली है। इसकी जानकारी भी तब लगी जब ऎसे मामलों का जिक्र सामने आया।
दरिंदों की गिद्ध दृष्टि
मानसिक विक्षिप्तों को शहर में हिकारत के सिवाय कुछ नहीं मिल रहा। महिला-पुरूष अर्द्ध नग्न हालत में इधर उधर घूमते नजर आते हैं। दिमागी रूप से जिनमें दरिंदगी हद पार कर गईहै ऎसे "वहशी दरिंदे"इन लाचार महिलाओं पर अपनी गंदी नजर रखते हंै।इसी का नतीजा है कि एक सुध बुध खो चुकी महिला मां बन गईहै और दूसरी की कोख में बच्चा है।

सिहर जाते हैं कल्पना से
जिन दो विक्षिप्त महिलाओं के साथ यह घटना हुई वो दोनो न सुख समझती हैं न दु:ख। मां बनने की पीड़ा और गोद में आई ममता की खुशी दोनो से अनजान हैं। उनका खुद का न कोईभविष्य है और न ही उन्हें यह पता है कि उनके साथ क्या हुआ?

सुविधा भी है
राज्य सरकार ने मानसिक विक्षिप्तों के पुनर्वास के लिए जिला मुख्यालय पर केन्द्र प्रारंभ किया है। बड़ा सा बोर्ड लगा हुआ पांच-सात कमरों का आलीशान मकान लिया हुआ है। शहर से एकदम बाहर इस मकान में एक किशोर को रखा हुआ है। इसके अलावा कुछ नहीं। सड़क पर घूम रहे मानसिक विक्षिप्तों को भी यहां रखने का नियम है। विशेषकर महिलाओं को लेकर संवेदना होनी ही चाहिए ताकि समाजकंटक हैवानों से बचाया जा सके लेकिन यहां ऎसा कुछ नहीं है।

चाइल्ड लाइन पर सवाल
जिले में लावारिस और असहाय बच्चों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए 1098 की सुविधा है। इस नंबर को डायल करते ही संबंधित संस्थान बच्चों को ले जाने का प्रबंध कर देती है।

दे सकते हैं सूचना
1098 नंबर काम कर रहा है और इसका प्रचार किया जा रहा है। महेश पनपालिया, प्रभारी संबंधित संस्थान
सभी को ले जाएंगे विक्षिप्त पुनर्वास केन्द्र नवंबर माह में ही प्रारंभ किया है। यहां मनोचिकित्सक की जरूरत है। इसके अलावा खाने,रहने और उनकी देखभाल की व्यवस्था रहेगी।

सुश्री लता कच्छवाह, प्रभारी संबंधित संस्थान

हमारी देखरेख में
विक्षिप्त महिला के एक महीने में ही बच्चा होने वाला है।जानकारी मिलने के बाद उसकी देखरेख करने लगे हैं।सवाल यह है कि इन बच्चों का भविष्य क्या होगा? इनकी नियमित देखभाल कैसे संभव होगी?
पुरूषोत्तम सोलंकी, अध्यक्ष मानव सेवा धर्म ट्रस्ट

प्राणहीन व्यक्ति का कृत्य
मानसिक विक्षिप्त महिलाओं के सुधार गृह हैं। उन्हें दवा दी जाए तो ठीक हो जाती है। ऎसी महिलाएं दिखते ही सुधार गृह में भेजा जाए। यहां तो और भी संवेदनशीलता दिखाई जाए ताकि यह घटनाएं दोहराई न जा सके।
रवि गुण्ठे, मनोचिकित्सक

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों के प्रतिक



त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में है । नासिक से २८ किमी दुरी पर है। यहा के निकटवर्ती ब्रह्मगिरी नामक पर्वत से गोदावरी नदी का उद्गम है। गौतम ऋषि तथा गोदावरी के प्रार्थनानुसार भगवान शिव इस स्थान में वास करने की कृपा की और त्र्यंबकेश्वर नाम से विख्यात हुए। मंदिर के अंदर एक छोटे से गङ्ढे में तीन छोटे-छोटे लिंग है, ब्रह्मा, विष्णु और महेश इन तीनों देवों के प्रतिक माने जाते हैं। शिवपुराण के ब्रह्मगिरी पर्वत के ऊपर जाने के लिये चौडी-चौड़ी सात सौ सीढ़ियाँ बनी हुई हैं। इन सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद 'रामकुण्ड' और 'लष्मणकुण्ड' मिलते हैं और शिखर के ऊपर पहुँचने पर गोमुख से निकलती हुई भगवती गोदावरी के दर्शन होते हैं।

गोदावरी नदी के किनारे स्थित त्र्यंबकेश्‍वर मंदिर काले पत्‍थरों से बना है। मंदिर का स्‍थापत्‍य अद्भुत है। इस मंदिर में कालसर्प शांति, त्रिपिंडी विधि और नारायण नागबली की पूजा संपन्‍न होती है। जिन्‍हें भक्‍तजन अलग-अलग मुराद पूरी होने के लिए करवाते हैं। इस प्राचीन मंदिर का पुनर्निर्माण तीसरे पेशवा बालाजी अर्थात नानासाहब पेशवा ने करवाया था। इस मंदिर का जीर्णोद्धार १७५५ में शुरू हुआ था और ३१ साल के लंबे समय के बाद १७८६ में जाकर पूरा हुआ। कहा जाता है कि इस भव्य मंदिर के निर्माण में करीब १६ लाख रुपए खर्च किए गए थे, जो उस समय काफी बड़ी रकम मानी जाती थी।

गाँव के अंदर कुछ दूर पैदल चलने के बाद मंदिर का मुख्यद्वार नजर आने लगता है। त्र्यंबकेश्वर मंदिर की भव्य इमारत सिंधु-आर्य शैली का उत्कृष्ट नमूना है। मंदिर के अंदर गर्भगृह में प्रवेश करने के बाद शिवलिंग की केवल आर्घा दिखाई देती है, लिंग नहीं। गौर से देखने पर आर्घा के अंदर एक-एक इंच के तीन लिंग दिखाई देते हैं। इन लिंगों को त्रिदेव- ब्रह्मा-विष्णु और महेश का अवतार माना जाता है। भोर के समय होने वाली पूजा के बाद इस आर्घा पर चाँदी का पंचमुखी मुकुट चढ़ा दिया जाता है। प्राचीनकाल में त्र्यंबक गौतम ऋषि‍ की तपोभूमि थी। अपने ऊपर लगे गोहत्या के पाप से मुक्ति पाने के लिए गौतम ऋषि ने कठोर तप कर शिव से गंगा को यहाँ अवतरित करने का वरदान माँगा। फलस्वरूप दक्षिण की गंगा अर्थात गोदावरी नदी का उद्गम हुआ।

शिवरात्री और सावन सोमवार के दिन त्र्यंबकेश्वर मंदिर में भक्तों का ताँता लगा रहता है। भक्त भोर के समय स्नान करके अपने आराध्य के दर्शन करते हैं। यहाँ कालसर्प योग और नारायण नागबलि नामक खास पूजा-अर्चना भी होती है, जिसके कारण यहाँ सालभर लोग आते रहते हैं।

रविवार, 15 दिसंबर 2013

विजय दिवस की 44वीं बरसी, 1971 का भारत-पाक युद्ध

थार रेगिस्तान में लोंगेवाला की लड़ाई पांच और छह दिसंबर 1971 को लड़ी गयी थी। इस लड़ाई के दौरान 23 वीं पंजाब रेजीमेन्ट के 120 भारतीय सिपाहियों की एक टोली ने पाकिस्तानी सेना के दो से तीन हज़ार फौजियों के समूह को धूल चटा दी थी । भारतीय वायु सेना ने इस लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी।



1971 की भारत पाकिस्तान लड़ाई का मुख्य-फोकस था सीमा का पूर्वी हिस्सा । पश्चिमी हिस्से की निगरानी सिर्फ इसलिए की जा रही थी ताकि याहया खान के नेतृत्व में लड़ रही पाकिस्तानी सेना इस इलाक़े पर क़ब्ज़ा करके भारत-सरकार को पूर्वी सीमा पर समझौते के लिए मजबूर ना कर दे ।


पाकिस्तान के ब्रिगेडियर तारिक मीर ने अपनी योजना पर विश्वास प्रकट करते हुए कहा था--इंशाअल्लाह हम नाश्ता लोंगेवाला में करेंगे, दोपहर का खाना रामगढ़ में खाएंगे और रात का खाना जैसलमेर में होगा । यानी उनकी नजऱ में सारा खेल एक ही दिन में खत्म हो जाना था। 1971 में नवंबर महीने के आखिरी हफ्ते में भारतीय सेना ने पूर्वी पाकिस्तान के सिलहट जिले के अटग्राम में पाकिस्तानी सीमा पोस्टों और संचार-केंद्रों पर जोरदार हमला कर दिया था । मुक्ति वाहिनी ने भी इसी दौरान जेसूर पर हमला कर दिया था। पाकिस्तानी सरकार इन हमलों से घबरा गयी थी, क्योंकि ये तय हो चुका था कि पूर्वी पाकिस्तान अब सुरक्षित नहीं रहा। पाकिस्तान को बंटवारे से बचाने के लिए याहया ख़ान ने मो. अयूब ख़ान की रणनीति को आज़माया जिसके मुताबिक़ पूर्वी पाकिस्तान को बचाने की कुंजी थी पश्चिमी पाकिस्तान । उनकी कोशिश यही थी कि भारत के पश्चिमी हिस्से में ज्यादा से ज्यादा इलाक़े को हड़प लिया जाये ताकि जब समझौते की नौबत आए तो भारत से पाकिस्तान के 'नाज़ुक-पूर्वी-हिस्से' को छुड़ावाया जा सके।


पाकिस्तान ने पंजाब और राजस्थान के इलाक़ों में अपने जासूस फैला रखे थे । उनकी योजना किशनगढ़ और रामगढ़ की ओर से राजस्थान में घुसपैठ करने की थी । पाकिस्तान के ब्रिगेडियर तारिक मीर ने अपनी योजना पर विश्वास प्रकट करते हुए कहा था--इंशाअल्लाह हम नाश्ता लोंगेवाला में करेंगे, दोपहर का खाना रामगढ़ में खाएंगे और रात का खाना जैसलमेर में होगा । यानी उनकी नजऱ में सारा खेल एक ही दिन में खत्म हो जाना था ।

उन दिनों लोंगेवाल पोस्ट पर तेईसवीं पंजाब रेजीमेन्ट तैनात थे जिसके मुखिया थेमेजर के एस चांदपुरी। बाक़ी बटालियन यहां से सत्रह किलोमीटर उत्तर-पूर्व में साधेवाल में तैनात थी। जैसे ही तीन दिसंबर को पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत परहमला किया, मेजर चांदपुरी ने लेफ्टीनेन्ट धरम वीर के नेतृत्व में बीस फौजियों की टोली को बाउंड्री पिलर 638 की हिफ़ाज़त के लिए गश्त लगाने भेज दिया । ये पिलर भारत पाकिस्तान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर लगा हुआ था । इसी गश्त ने पाकिस्तानी सेना की मौजूदगी को सबसे पहले पहचाना था।
उपकरण नहीं लगे थे इसलिए दिन का उजाला होने तक वायुसेना हमला नहीं कर सकती थी। बहरहाल दोपहर तक भारतीय हवाई हमले ने पाकिस्तानी सेना के चालीस टैंकों और सौ गाडिय़ों को तबाह कर दिया और उसकी कमर तोड़ दी ।

पांच दिसंबर की सुबह लेफ्टिनेन्ट धरमवीर को गश्त के दौरान सीमा पर घरघराहट की आवाज़ें सुनाई दीं । जल्दी ही इस बात की पुष्टि हो गयी कि पाकिस्तानी सेना अपने टैंकों के साथ लोंगेवाला पोस्ट की तरफ बढ़ रही है । फौरन मेजर चांदपुरी ने बटालियन के मुख्यालय से संपर्क करके हथियार और फौजियों की टोली को भेजने का निवेदन किया । इस समय तक लोंगेवाला पोस्ट पर ज्यादा हथियार नहीं थे । मुख्यालय से निर्देश मिला कि जब तक मुमकिन हो भारतीय फौजी डटे रहें, पाकिस्तानी सेना को आगे ना बढऩे दिया जाए । मदद भेजी जा रही है ।

लोंगेवाला पोस्ट पर पहुंचने के बाद पाकिस्तानी टैंकों ने फायरिंग शुरू कर दी और सीमा सुरक्षा बल के पांच ऊंटों को मार गिराया । इस दौरान भारतीय फौजियों ने पाकिस्तान के साठ में से दो टैंकों को उड़ाने में कामयाबी हासिल कर ली । संख्या और हथियारों में पीछे होने के बावजूद भारतीय सिपाहियों ने हिम्मत नहीं हारी । सबेरा हो गया, लेकिन पाकिस्तानी सेना लोंगेवाल पोस्ट पर क़ब्ज़ा नहीं कर सकी । भारतीय वायुसेना के हॉकर हंटर एयरक्राफ्ट में उपकरण नहीं लगे थे इसलिए दिन का उजाला होने तक वायुसेना हमला नहीं कर सकती थी । बहरहाल दोपहर तक भारतीय हवाई हमले ने पाकिस्तानी सेना के चालीस टैंकों और सौ गाडिय़ों को तबाह कर दिया और उसकी कमर तोड़ दी । इस बीच थल-सेना की मदद भी आ पहुंची और पाकिस्?तान को यहां से पीछे हटना पड़ा।

तीन दिसंबर 1971 को जब पाकिस्तानी वायुसेना ने अमृतसर, अवंतीपुर, पठानकोट, उत्तरलई, अंबाला, आगरा, नल और जोधपुर पर हवाई हमले कर दिए थे । पाकिस्तानी सेना का फोकस था लोंगेवाला पोस्ट पर । वो भारतीय सरज़मीं का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा हड़प लेना चाहते थे । पांच दिसंबर की सुबह बेस कमान्डर को एक रेडियो-संदेश आया कि पाकिस्?तानी सेना टैंकों के साथ रामगढ़ की तरफ बढ़ रही है । जितनी जल्दी हो सके छानबीन की जाए । भारतीय वायुसेना के पहले दो हंटर विमानों ने जब उड़ान भरी तो लोंगेवाला पर पाकिस्तानी सेना का हमला जारी था, हालांकि वो बहुत ज्यादा कामयाबी नहीं हासिल कर पाई थी । फ्लाईट लेफ्टिनेन्ट डी.के.दास और फ्लैग ऑफीसर आर.सी.गोसाईं अपने विमान को काफी कम ऊंचाई पर लेकर आए और पाकिस्तान के टैंकों पर निशाना साधा। अब लड़ाई भारतीय वायुसेना और पाकिस्तान तोपख़ाने के बीच थी । हमारे हवाई जांबाज़ पाकिस्तानी टैंकों को ध्वस्त कर रहे थे । पर पाकिस्तानी सेना लोंगेवाल की ओर बढ़ती चली जा रही थी। एक के बाद एक भारतीय वायुसेना के विमान उड़ान भर रहे थे और हमले कर रहे थे । आखिरकार पांच और छह दिसंबर को लगातार हमले करने के बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी सेना को पीछे हटने पर मजबूर कर ही दिया ।

लोंगेवाल की लड़ाई के अनुभव भारतीय वायुसेना के विंग कमान्डर कुक्के सुरेश ने भी लिखी है। कुल मिलाकर रामगढ़ जैसलमेर की यात्रा के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हुई 1971 की लड़ाई के इस अध्याय की वो रोमांचक कहानियां सुनने मिलीं, जिनके बारे में मुझे ज्यादा नहीं पता था। आपको बता दें कि इस लड़ाई के ठीक एक साल बाद अपन इस दुनिया में आए थे । बहरहाल इन इलाक़ों में जाना और इनके सामरिक महत्व को समझना अपने आप में एक रोमांचक अनुभव रहा।

आमजन की समस्याओं के लिए सदैव तत्पर रहूंगा-कागा

आमजन की समस्याओं के लिए सदैव तत्पर रहूंगा-कागा

बाड़मेर



मेघवाल समाज शैक्षणिक एवं शोध संस्थान बाड़मेर के तत्वाधान में चौहटन के नव निर्वाचित विधायक तरूणराय कागा का अभिनंन समारोह आयोजित किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए कागा ने कहा कि आप सबके सहयोग से आमजन की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करूगा। मुझे मेघवाल समाज पर गर्व है आपके सहयोग से मैं विधायक बना हूं। उन्होने भरोसा दिलाया कि आप लोगो ने जो विश्वास जताया उस पर खरा उतरने की कोशिश करूगा और हमेशा समाज के हर कार्य के साथ खड़ा रहुंगा। समाज का कोई भी काम किसी के भरोसे न छोड़कर हम सभी को मिलकर करना होगा। अपनी भावना व्यक्त करते हुए उन्होने कहा कि चौहटन क्षैत्र की समस्या नही बल्कि पुरे बाड़मेर क्षैत्र की समस्याओं का भी समाधान करना होगा। संस्थान के अध्यक्ष डॉ. बीएल मंसूरिया ने कहा कि चौहटन की जनता के साथ साथ पुरे बाड़मेर जिले के दलितो का प्रतिनिधित्व आपको करना है। जनता ने जो आप पर विश्वास जताया है, उस पर खरा उतरने की कोशिश करे। उदाराम मेघवाल ने कहा कि आपके दलितो पर होने वाले अत्याचार के विरूद्ध हमेशा आवाज उठाई और आगे भी उठाते रहेंगे। आदुराम मेघवाल ने कहा कि हमारी सरकार में आमजन की भलाई के कार्य के लिये हमेशा तत्पर रहेंगे। समारोह को जसराज चौहान, हजारीराम, धर्माराम ने भ्ज्ञी संबोधित किया। इस अवसर पर भूरटिया पूर्व सरपंच, तिलाराम, दशरथ मेघवाल, देवजीराम, बाकाराम मेघवाल, खीमराज, रामचन्द्र, ठाकराराम मंसूरिया, सवाईराम, डॉ दिनेश परमार, रूपाराम, सालाराम परिहार, जयराम सहित कई लोग उपस्थित थे।

विजय दिवस कल

विजय दिवस कल
बाड़मेर
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिशद् बाड़मेर के अध्यक्ष केप्टन हीरसिंह भाटी ने बताया है कि स्वतंत्र भारत के सामरिक इतिहास का सबसे गौरवषाली दिन 16 दिसम्बर 1971 जिस दिन सायं 4.31बजे ढ़ाका (बांग्लादेष) के रेसकोर्स मैदान पर पाकिस्तानी सेना के लेफ्टीनेन्ट जनरल नियाजी ने तिरानवे हजार सैनिको के साथ भारतीय सेना के कमाण्ड़र जनरल अरोड़ा के सामने अपने हथियार डालते हुए आत्मसमर्पण किया था, इसी के साथ इतिहास के एक नए पृश्ठ की रचना हो गई। इस विशय में लेफ्टीनेन्ट जनरल सगतसिंह व जनरल मानेक्षा ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस विजय को प्राप्त करने में भारत के चार हजार रणबांकुरो ने षहादत दी व दस हजार सैनिक घायल हुए, इस षहादत को अक्षुण बनाये रखने के लिये हर वर्श की भांति इस वर्श भी अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिशद् बाड़मेर एवं नगरपरिशद् बाड़मेर के सयुक्त तत्वावधान में विजय दिवस समारोह दिनांक 16 दिसम्बर 2013 को षहीद चैराहा, सिणधरी रोड़ बाड़मेर पर प्रातः 11बजे मनाया जायेगा।
इस समारोह को भव्य बनाने के लिये बैण्ड़ व बिगुलर की धुन पर आर्मी, एयरफोर्स, बीएसएफ व राजस्थान पुलिस के जवानो द्वारा गार्ड आॅफ आनर दिया जायेगा। समारोह में जिला कलक्टर, अतिरिक्त जिला कलक्टर, जिला पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक, उपखण्ड़ अधिकारी बाड़मेर, वृताधिकारी बाड़मेर, आयुक्त नगरपरिशद् बाड़मेर, श्रीमति मदन कौर जिला प्रमुख, हेमाराम पूर्व राजस्व मंत्री, राज0 सरकार, सोनाराम पूर्व विधायक बायतु, उशा जैन सभापति नगरपरिशद् बाड़मेर, मेवाराम विधायक बाड़मेर, तरुणराय कागा विधायक चैहटन, डाॅ0 जालमसिंह पूर्व विधायक षिव, डाॅ0 प्रियंका चैधरी, एयर कमाण्ड़र ऐयरफोर्स उत्तरलाई, कमाणिड़ंग आफिसर जसाई, स्टेषन कमाण्ड़र जसाई, सेक्टर कमाण्ड़र बीएसएफ, कमाण्ड़िंग आफिसर 99 बीएसएफ, कमाण्ड़िंग आफिसर 107 बीएसएफ, कमाण्डिंग आफिसर जालिपा, भरतराम पूर्व चैयरमैन षिक्षा बोर्ड राजस्थान, वार्ड पार्शद एवं जिला प्रषासन के अधिकारी, कर्मचारी एवं बाड़मेर के आमजन उपस्थित रहेंगे।

देश को एकता के सूत्र मे पिरोने दौडे़ युवा

देश को एकता के सूत्र मे पिरोने दौडे़ युवा


जैसलमेर  राष्ट्र को अखण्डता की डोर में बांधने वाले लौहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि पर आयोजित दौड रन फोर युनिटी में जैसलमेर के हजारों यूवाओं ने उत्साह से भाग लिया। जिला संघ सरकार्यवाह तिलोकचन्द खत्री ने हरी झंडी दिखाकर दौड का शुभारंभ किया। इस दौड़ में जैसलमेर के सैंकड़ों धावकों ने भारत माता की जय, सरदार वल्लभ भाई पटेल जिन्दाबाद, वन्देमातरम्, नरेन्द्र मोदी जिन्दाबाद के नारे लगाते हुए दौड़ना प्रारम्भ किया। इस मैराथन में भाग लेने वाले धावकों का जगह-जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया। जिला भाजपा प्रवक्ता कंवराजसिंह चैहान ने बताया कि नरेन्द्र मोदी प्रेरित महाअभियान ‘‘दौड़ेगा भारत, जुडे़गा भारत‘‘ के तहत रविवार सुबह से ही गड़ीसर चैराहे पर युवाओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया। सैकडों़ की संख्या में रन फाॅर युनिटी के टीसर्ट व दुपट्टे लगाये युवाओं ने उत्साह से भाग लिया।


जैसलमेर विधायक छोटूसिंह भाटी एवं पोकरण विधायक शैतानसिंह राठौड़ ने भी मैराथन दौड में युवाओं का हौसला अफजाई किया। इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह हमीरा, जुगलकिषोर व्यास, गोपी किषन मेहरा, मदनसिंह, मुकेष गज्जा, अरूण पुरोहित, जुगल बोहरा, विवेक गोस्वामी समेत कई सामाजिक संगठनों के सैकडों कार्यकर्ता उपस्थित थे।